#भारतीयपासपोर्टकीताकत
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allgyan · 4 years ago
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भारतीय पासपोर्ट या पासपोर्ट का माने क्या है -
भारतीय पासपोर्ट हो या किसी भी देश का पासपोर्ट कितना शक्तिशाली आखिर इसका आकलन कैसे करेंगे |सबसे पहले हमे इसके लिए पासपोर्ट को समझना होगा |पासपोर्ट या पारपत्र किसी राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी वह दस्तावेज होता है जो अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए उसके धारक की पहचान और राष्ट्रीयता को प्रमाणित करता है।पहचान स्थापित करने के लिए नाम, जन्म तिथि, लिंग और जन्म स्थान के विवरण इसमे प्रस्तुत किये जाते हैं।आमतौर पर एक व्यक्ति की राष्ट्रीयता और नागरिकता समान होती हैं।केवल पासपोर्ट रखने भर से धारक किसी दूसरे देश में प्रवेश का या ��ब धारक किसी दूसरे देश मे हो तो वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकारी नहीं होता।
किसी विशेष स्थिति मे जिसके निपटान हेतु यदि कोई विशेष समझौता प्रभाव में ना हो तो उस स्थिति मे पासपोर्ट, धारक को किसी अन्य विशेषाधिकार का पात्र भी नहीं बनाता, हालांकि सामान्यत: यह धारक को विदेश यात्रा के पश्चात पासपोर्ट जारी करने वाले देश मे लौटने की अनुमति देता है। वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकार अंतरराष्ट्रीय समझौतों से जबकि वापस लौटने का अधिकार जारी कर्ता देश के कानून से उत्पन्न होता है। एक पासपोर्ट जारी कर्ता देश में धारक के किसी अधिकार या उसके निवास स्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।आप जान गये होंगे की पासपोर्ट का आखिर काम क्या है | इसके शक्तिशाली होने का मतलब साफतौर ये दर्शाता है की आप की एंट्री कितने देशों में सरलता से हो जाया | और विवरण को हर साल एक रैंक के आधार पर बताया जाता है |आये जानते है दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट और भारतीय पासपोर्ट की ताकत |
दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट किसका -
हेनले और पार्टनर्स  की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट जापान का है और मुझे इतना यकीं है की जब मैंने दुनिया सबसे ताकतवर पासपोर्ट की बात की होगी तो आपके जेहन में अमेरिका का नाम जरूर आया होगा |लेकिन अमेरिका की गिनती भले ही दुनिया के सबसे ताकतवर देश के तौर पर होती हो, मगर उसका पासपोर्ट इस लिस्ट में 7वें नंबर है|इस रैंकिंग में दूसरे नंबर पर सिंगापुर,तीसरी रैंक पर जर्मनी और साउथ कोरिया है और चौथी रैंक में चार देशों ने जगह पाई है और उनमें हैं फिनलैंड, इटली, स्पेन और लक्जेम्बर्ग |5वें स्थान पर ऑस्ट्रिया और डेनमार्क हैं. छठे नंबर पर 5 देश हैं. इनमें फ्रांस, नीदरलैंड्स स्वीडन और पुर्तगाल शामिल हैं|भारतीय पासपोर्ट को इस रैंकिंग में 85 रैंक मिला है और उसी तरह भारत के दोनों पड़ोसियों की स्थति भी कोई खास नहीं है चीन को इसमें 70 वा स्थान मिला है और पाकिस्तान तो नीचे से चौथे स्थान पर है |सातवीं रैंक पर 6 देशों को शामिल किया गया है |नार्वे, बेल्जियम ,स्विज़रलैंड ,और ब्रिटेन |
रैंकिंग का निर्धारण कैसे किया गया है -
दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिन्होंने कुछ देशों के पासपोर्टधारकों को अपने यहां एंट्री नहीं दी हुई हैऔर जिस पासपोर्ट को सबसे ज्यादा देशों ने अपने यहां स्वीकृति दी हुई है, उसी आधार पर पासपोर्ट की रैंक तैयार की जाती है| जैसे जापान के पासपोर्टधारकों को 191 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है पासपोर्ट की रैंकिग से पता चलता है कि उस देश के कितने नागरिक बिना वीजा के घूम सकते हैं|इसे आप वीसा ऑन अराइवल कह सकते है इसका सीधा से मतलब है की आपको इतने देशों में बिना वीसा के केवल पासपोर्ट के साथ घूम सकते है जैसी जापान के लोग 191 देश ऐसी सुविधा दे रहे है जिससे उसे इस तालिका में नंबर एक जगह मिली है |भारत के नागरिकों को करीब 58 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है और भारत के साथ तजाकिस्तान को भी 85वीं रैंकिंग मिली है| इसका सीधा सा मतलब है की भारत को 58 देशों के लिए वीसा की जरुरत नहीं है |सबसे नीचले पायदान पर अफगानिस्तान है जिसको 110 स्थान मिला है उसके पासपोर्ट धारकों को केवल 28 देश ही वीसा ऑन अराइवल की सुविधा दे रखी है |वही पाकिस्तान को 107 वी रैंक मिली है पाकिस्तानी नागरिकों को दुनिया के 32 देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है|कुछ देशों के ने आपस में समझौता कर रखा है |
वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय बहुत कुछ देखते है -
1995 में 26 यूरोपीय देशों ने एक दूसरे के यहां बिना सीमा नियंत्रण के आने-जाने संबंधी समझौता किया था।लेकिन एयरलाइंस कंपनी चाहे तो यात्रियों की पहचान के लिए पासपोर्ट की मांग कर सकती है। मिसाल के तौर पर अमरीकी नागरिक अगर कैरेबियाई देश या बरमूडा जा रहे हैं तो पासपोर्ट की जगह पर केवल पासपोर्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मिलिट्री पहचान पत्र से काम चल सकता है।ब्रिटेन और आयरलैंड के नागरिक भी एक दूसरे के यहां केवल फोटो पहचान पत्र के साथ आ जा सकते हैं। ब्रिटेन की महारानी अकेली ऐसी ब्रितानी हैं जिन्हें पासपोर्ट की कोई ज़रूरत नहीं होती है।देशों में पासपोर्ट के रंगों को लेकर कोई सख्त नियम तो नहीं हैं।लेकिन पासपोर्ट के आकार, उसके पन्नों और उसपर लिखी जाने वाली जानकारी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक हैं। रंगों को लेकर छूट दी गई है।देखिये वैसे कई मानक हो सकता हो छूट गये हो लेकिन सुरक्षा का जो मानक वो हर जगह लागु होता है |किसी भी देश को लगता है की यहाँ के देश के नागरिकों से हमे खतरा नहीं है ये भी मापदंड वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय ध्यान दिया जाता है | हमारा उद्देश्य हमेशा आपतक कुछ अलग हट के चीजें पेश करने का रहता है अगर आप हमे अपना प्यार देने के लायक समझे तो ये हमारा सौभाग्य होगा |
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allgyan · 4 years ago
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भारतीय पासपोर्ट कितना शक्तिशाली है ?
भारतीय पासपोर्ट या पासपोर्ट का माने क्या है -
भारतीय पासपोर्ट हो या किसी भी देश का पासपोर्ट कितना शक्तिशाली आखिर इसका आकलन कैसे करेंगे |सबसे पहले हमे इसके लिए पासपोर्ट को समझना होगा |पासपोर्ट या पारपत्र किसी राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी वह दस्तावेज होता है जो अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए उसके धारक की पहचान और राष्ट्रीयता को प्रमाणित करता है।पहचान स्थापित करने के लिए नाम, जन्म तिथि, लिंग और जन्म स्थान के विवरण इसमे प्रस्तुत किये जाते हैं।आमतौर पर एक व्यक्ति की राष्ट्रीयता और नागरिकता समान होती हैं।केवल पासपोर्ट रखने भर से धारक किसी दूसरे देश में प्रवेश का या जब धारक किसी दूसरे देश मे हो तो वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकारी नहीं होता।
किसी विशेष स्थिति मे जिसके निपटान हेतु यदि कोई विशेष समझौता प्रभाव में ना हो तो उस स्थिति मे पासपोर्ट, धारक को किसी अन्य विशेषाधिकार का पात्र भी नहीं बनाता, हालांकि सामान्यत: यह धारक को विदेश यात्रा के पश्चात पासपोर्ट जारी करने वाले देश मे लौटने की अनुमति देता है। वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकार अंतरराष्ट्रीय समझौतों से जबकि वापस लौटने का अधिकार जारी कर्ता देश के कानून से उत्पन्न होता है। एक पासपोर्ट जारी कर्ता देश में धारक के किसी अधिकार या उसके निवास स्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।आप जान गये होंगे की पासपोर्ट का आखिर काम क्या है | इसके शक्तिशाली होने का मतलब साफतौर ये दर्शाता है की आप की एंट्री कितने देशों में सरलता से हो जाया | और विवरण को हर साल एक रैंक के आधार पर बताया जाता है |आये जानते है दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट और भारतीय पासपोर्ट की ताकत |
दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट किसका -
हेनले और पार्टनर्स  की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट जापान का है और मुझे इतना यकीं है की जब मैंने दुनिया सबसे ताकतवर पासपोर्ट की बात की होगी तो आपके जेहन में अमेरिका का नाम जरूर आया होगा |लेकिन अमेरिका की गिनती भले ही दुनिया के सबसे ताकतवर देश के तौर पर होती हो, मगर उसका पासपोर्ट इस लिस्ट में 7वें नंबर है|इस रैंकिंग में दूसरे नंबर पर सिंगापुर,तीसरी रैंक पर जर्मनी और साउथ कोरिया है और चौथी रैंक में चार देशों ने जगह पाई है और उनमें हैं फिनलैंड, इटली, स्पेन और लक्जेम्बर्ग |5वें स्थान पर ऑस्ट्रिया और डेनमार्क हैं. छठे नंबर पर 5 देश हैं. इनमें फ्रांस, नीदरलैंड्स स्वीडन और पुर्तगाल शामिल हैं|भारतीय पासपोर्ट को इस रैंकिंग में 85 रैंक मिला है और उसी तरह भारत के दोनों पड़ोसियों की स्थति भी कोई खास नहीं है चीन को इसमें 70 वा स्थान मिला है और पाकिस्तान तो नीचे से चौथे स्थान पर है |सातवीं रैंक पर 6 देशों को शामिल किया गया है |नार्वे, बेल्जियम ,स्विज़रलैंड ,और ब्रिटेन |
रैंकिंग का निर्धारण कैसे किया गया है -
दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिन्होंने कुछ देशों के पासपोर्टधारकों को अपने यहां एंट्री नहीं दी हुई हैऔर जिस पासपोर्ट को सबसे ज्यादा देशों ने अपने यहां स्वीकृति दी हुई है, उसी आधार पर पासपोर्ट की रैंक तैयार की जाती है| जैसे जापान के पासपोर्टधारकों को 191 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है पासपोर्ट की रैंकिग से पता चलता है कि उस देश के कितने नागरिक बिना वीजा के घूम सकते हैं|इसे आप वीसा ऑन अराइवल कह सकते है इसका सीधा से मतलब है की आपको इतने देशों में बिना वीसा के केवल पासपोर्ट के साथ घूम सकते है जैसी जापान के लोग 191 देश ऐसी सुविधा दे रहे है जिससे उसे इस तालिका में नंबर एक जगह मिली है |भारत के नागरिकों को करीब 58 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है और भारत के साथ तजाकिस्तान को भी 85वीं रैंकिंग मिली है| इसका सीधा सा मतलब है की भारत को 58 देशों के लिए वीसा की जरुरत नहीं है |सबसे नीचले पायदान पर अफगानिस्तान है जिसको 110 स्थान मिला है उसके पासपोर्ट धारकों को ��ेवल 28 देश ही वीसा ऑन अराइवल की सुविधा दे रखी है |वही पाकिस्तान को 107 वी रैंक मिली है पाकिस्तानी नागरिकों को दुनिया के 32 देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है|कुछ देशों के ने आपस में समझौता कर रखा है |
वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय बहुत कुछ देखते है -
1995 में 26 यूरोपीय देशों ने एक दूसरे के यहां बिना सीमा नियंत्रण के आने-जाने संबंधी समझौता किया था।लेकिन एयरलाइंस कंपनी चाहे तो यात्रियों की पहचान के लिए पासपोर्ट की मांग कर सकती है। मिसाल के तौर पर अमरीकी नागरिक अगर कैरेबियाई देश या बरमूडा जा रहे हैं तो पासपोर्ट की जगह पर केवल पासपोर्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मिलिट्री पहचान पत्र से काम चल सकता है।ब्रिटेन और आयरलैंड के नागरिक भी एक दूसरे के यहां केवल फोटो पहचान पत्र के साथ आ जा सकते हैं। ब्रिटेन की महारानी अकेली ऐसी ब्रितानी हैं जिन्हें पासपोर्ट की कोई ज़रूरत नहीं होती है।देशों में पासपोर्ट के रंगों को लेकर कोई सख्त नियम तो नहीं हैं।लेकिन पासपोर्ट के आकार, उसके पन्नों और उसपर लिखी जाने वाली जानकारी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक हैं। रंगों को लेकर छूट दी गई है।देखिये वैसे कई मानक हो सकता हो छूट गये हो लेकिन सुरक्षा का जो मानक वो हर जगह लागु होता है |किसी भी देश को लगता है की यहाँ के देश के नागरिकों से हमे खतरा नहीं है ये भी मापदंड वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय ध्यान दिया जाता है | हमारा उद्देश्य हमेशा आपतक कुछ अलग हट के चीजें पेश करने का रहता है अगर आप हमे अपना प्यार देने के लायक समझे तो ये हमारा सौभाग्य होगा |
पूरा जानने के लिए-http://bit.ly/39Ibnrr
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allgyan · 4 years ago
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भारतीय पासपोर्ट या पासपोर्ट का माने क्या है -
भारतीय पासपोर्ट हो या किसी भी देश का पासपोर्ट कितना शक्तिशाली आखिर इसका आकलन कैसे करेंगे |सबसे पहले हमे इसके लिए पासपोर्ट को समझना होगा |पासपोर्ट या पारपत्र किसी राष्ट्रीय सरकार द्वारा जारी वह दस्तावेज होता है जो अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए उसके धारक की पहचान और राष्ट्रीयता को प्रमाणित करता है।पहचान स्थापित करने के लिए नाम, जन्म तिथि, लिंग और जन्म स्थान के विवरण इसमे प्रस्तुत किये जाते हैं।आमतौर पर एक व्यक्ति की राष्ट्रीयता और नागरिकता समान होती हैं।केवल पासपोर्ट रखने भर से धारक किसी दूसरे देश में प्रवेश का या जब धारक किसी दूसरे देश मे हो तो वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकारी नहीं होता।
किसी विशेष स्थिति मे जिसके निपटान हेतु यदि कोई विशेष समझौता प्रभाव में ना हो तो उस स्थिति मे पासपोर्ट, धारक को किसी अन्य विशेषाधिकार का पात्र भी नहीं बनाता, हालांकि सामान्यत: यह धारक को विदेश यात्रा के पश्चात पासपोर्ट जारी करने वाले देश मे लौटने की अनुमति देता है। वाणिज्यिदूतीय संरक्षण का अधिकार अंतरराष्ट्रीय समझौतों से जबकि वापस लौटने का अधिकार जारी कर्ता देश के कानून से उत्पन्न होता है। एक पासपोर्ट जारी कर्ता देश में धारक के किसी अधिकार या उसके निवास स्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।आप जान गये होंगे की पासपोर्ट का आखिर काम क्या है | इसके शक्तिशाली होने का मतलब साफतौर ये दर्शाता है की आप की एंट्री कितने देशों में सरलता से हो जाया | और विवरण को हर साल एक रैंक के आधार पर बताया जाता है |आये जानते है दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट और भारतीय पासपोर्ट की ताकत |
दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट किसका -
हेनले और पार्टनर्स  की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट जापान का है और मुझे इतना यकीं है की जब मैंने दुनिया सबसे ताकतवर पासपोर्ट की बात की होगी तो आपके जेहन में अमेरिका का नाम जरूर आया होगा |लेकिन अमेरिका की गिनती भले ही दुनिया के सबसे ताकतवर देश के तौर पर होती हो, मगर उसका पासपोर्ट इस लिस्ट में 7वें नंबर है|इस रैंकिंग में दूसरे नंबर पर सिंगापुर,तीसरी रैंक पर जर्मनी और साउथ कोरिया है और चौथी रैंक में चार देशों ने जगह पाई है और उनमें हैं फिनलैंड, इटली, स्पेन और लक्जेम्बर्ग |5वें स्थान पर ऑस्ट्रिया और डेनमार्क हैं. छठे नंबर पर 5 देश हैं. इनमें फ्रांस, नीदरलैंड्स स्वीडन और पुर्तगाल शामिल हैं|भारतीय पासपोर्ट को इस रैंकिंग में 85 रैंक मिला है और उसी तरह भारत के दोनों पड़ोसियों की स्थति भी कोई खास नहीं है चीन को इसमें 70 वा स्थान मिला है और पाकिस्तान तो नीचे से चौथे स्थान पर है |सातवीं रैंक पर 6 देशों को शामिल किया गया है |नार्वे, बेल्जियम ,स्विज़रलैंड ,और ब्रिटेन |
रैंकिंग का निर्धारण कैसे किया गया है -
दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिन्होंने कुछ देशों के पासपोर्टधारकों को अपने यहां एंट्री नहीं दी हुई हैऔर जिस पासपोर्ट को सबसे ज्यादा देशों ने अपने यहां स्वीकृति दी हुई है, उसी आधार पर पासपोर्ट की रैंक तैयार की जाती है| जैसे जापान के पासपोर्टधारकों को 191 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है पासपोर्ट की रैंकिग से पता चलता है कि उस देश के कितने नागरिक बिना वीजा के घूम सकते हैं|इसे आप वीसा ऑन अराइवल कह सकते है इसका सीधा से मतलब है की आपको इतने देशों में बिना वीसा के केवल पासपोर्ट के साथ घूम सकते है जैसी जापान के लोग 191 देश ऐसी सुविधा दे रहे है जिससे उसे इस तालिका में नंबर एक जगह मिली है |भारत के नागरिकों को करीब 58 देशों में ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है और भारत के साथ तजाकिस्तान को भी 85वीं रैंकिंग मिली है| इसका सीधा सा मतलब है की भारत को 58 देशों के लिए वीसा की जरुरत नहीं है |सबसे नीचले पायदान पर अफगानिस्तान है जिसको 110 स्थान मिला है उसके पासपोर्ट धारकों को केवल 28 देश ही वीसा ऑन अराइवल की सुविधा दे रखी है |वही पाकिस्तान को 107 वी रैंक मिली है पाकिस्तानी नागरिकों को दुनिया के 32 देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है|कुछ देशों के ने आपस में समझौता कर रखा है |
वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय बहुत कुछ देखते है -
1995 में 26 यूरोपीय देशों ने एक दूसरे के यहां बिना सीमा नियंत्रण के आने-जाने संबंधी समझौता किया था।लेकिन एयरलाइंस कंपनी चाहे तो यात्रियों की पहचान के लिए पासपोर्ट की मांग कर सकती है। मिसाल के तौर पर अमरीकी नागरिक अगर कैरेबियाई देश या बरमूडा जा रहे हैं तो पासपोर्ट की जगह पर केवल पासपोर्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मिलिट्री पहचान पत्र से काम चल सकता है।ब्रिटेन और आयरलैंड के नागरिक भी एक दूसरे के यहां केवल फोटो पहचान पत्र के साथ आ जा सकते हैं। ब्रिटेन की महारानी अकेली ऐसी ब्रितानी हैं जिन्हें पासपोर्ट की कोई ज़रूरत नहीं होती है।देशों में पासपोर्ट के रंगों को लेकर कोई सख्त नियम तो नहीं हैं।लेकिन पासपोर्ट के आकार, उसके पन्नों और उसपर लिखी जाने वाली जानकारी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक हैं। रंगों को लेकर छूट दी गई है।देखिये वैसे कई मानक हो सकता हो छूट गये हो लेकिन सुरक्षा का जो मानक वो हर जगह लागु होता है |किसी भी देश को लगता है की यहाँ के देश के नागरिकों से हमे खतरा नहीं है ये भी मापदंड वीसा ऑन अराइवल का टैग देते समय ध्यान दिया जाता है | हमारा उद्देश्य हमेशा आपतक कुछ अलग हट के चीजें पेश करने का रहता है अगर आप हमे अपना प्यार देने के लायक समझे तो ये हमारा सौभाग्य होगा |
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