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20.04.2024, लखनऊ | संपूर्ण विश्व को अहिंसा व आत्म शुद्धि, शांति एवं विश्व बंधुत्व का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय, गाजीपुर, बस्तौली (1-8 कंपोजिट), इन्दिरा नगर, लखनऊ में "पुष्प अर्पण एवं प्रसाद वितरण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल एवं शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर भगवान महावीर स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उन्हें सादर नमन किया गया | सभी छात्र-छात्राओं ने भी भगवान महावीर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें प्रसाद के रूप में ट्रस्ट द्वारा केले का वितरण किया गया ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “महावीर जयंती हर साल भारतीय समाज में खुशी के साथ मनाई जाती है । यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो भगवान महावीर के जन्मदिन पर मनाया जाता है । महावीर स्वामी जैन धर्म के मुख्य आदर्श और दर्शनों के प्रवर्तक हैं । भगवान महावीर का जन्म सम्राट सिद्धार्थ के घर में हुआ था तथा उन्होंने जीवन को साधना, त्याग और संयम के माध्यम से भावनात्मक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए समर्पित किया । उनके विचार और उपदेशों में सामाजिक न्याय, अहिंसा और शांति की महत्ता हमेशा से उच्च रही है । महावीर जयंती के दिन लोग धार्मिक आयोजनों, सभाओं और भजन-कीर्तन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं । इस दिन को उनकी शिक्षाओं को याद करके उनके जीवन को अनुसरण क��ने और उनके अद्भुत आदर्शों को प्रेरणा स्वरूप माना जाता है । भगवान महावीर ने अपने जीवन में आत्म-संयम और अहिंसा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है । उनके विचारों को अनुसरण करके हम समाज में शांति, सद्भावना और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रकार महावीर जयंती हमें समाज में धर्म, न्याय और सही दिशा की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करती है । इसे मनाकर हम भगवान महावीर के विचारों को जीवन में उतारने का प्रयास कर सकते हैं ।“
उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अमिता सिंह ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे तथा उनका मानना था कि इंसान को हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए तथा हर बुराई से दूर रहना चाहिए |"
अंत में श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में आयोजित होने चाहिए जिससे विद्यार्थी अपने देश के इतिहास के बारे में और अधिक जान सके |"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा, श्री कुंवर दीपक सिंह, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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*हर घर में शबरी* पति के लिए जूस बनाया और जूस पीने से पहले ही पति की आंख लग गई थी। नींद टूटी,तब तक एक घंटा हो चुका था। पत्नी को लगा कि इतनी देर से रखा जूस कहीं खराब ना हो गया हो। उसने पहले जरा सा जूस चखा और जब लगा कि स्वाद बिगड़ा नहीं है, तो पति को दे दिया पीने को। सवेरे जब बच्चों के लिए टिफिन बनाया तो सब्जी चख कर देखी। नमक, मसाला ठीक लगा तब खाना पैक कर दिया। स्कूल से वापस आने पर बेटी को संतरा छील कर दिया। एक -एक परत खोल कर चैक करने के बाद कि कहीं कीड़े तो नहीं हैं,खट्टा तो नहीं है, सब देखभाल कर जब संतुष्टि हुई तो बेटी को एक एक करके संतरे की फाँके खाने के लिए दे दीं। दही का रायता बनाते वक्त लगा कि कहीं दही खट्टा तो नहीं हुआ और चम्मच से मामूली दही ले कर चख लिया। "हां ,ठीक है ", जब यह तसल्ली हुई तब ही दही का रायता बनाया। सासु माँ ने सुबह खीर खूब मन भर खाई और रात को फिर खाने मांगी तो झट से बहु ने सूंघी और चख ली कि कहीँ गर्मी में दिन भर की बनी खीर खट्टी ना हो गयी हो। बेटे ने सेंडविच की फरमाईश की तो ककड़ी छील एक टुकड़ा खा कर देखा कि कहीं कड़वी तो नहीं है। ब्रेड को सूंघा और चखा की पुरानी तो नहीं दे दी दुकान वाले ने। संतुष्ट होने के बाद बेटे को गर्मागर्म सेंडविच बनाकर खिलाया। दूध, दही, सब्जी,फल आदि ऐसी कितनी ही चीजें होती हैं जो हम सभी को परोसने से पहले मामूली-सी चख लेते हैं। कभी कभी तो लगता है कि हर मां, हर बीवी, हरेक स्त्री अपने घर वालों के लिए शबरी की तरह ही तो है। जो जब तक खुद संतुष्ट नहीं हो जाती, किसी को खाने को नही देती। और यही कारण तो है कि हमारे घर वाले बेफिक्र होकर इस शबरी के चखे हुए खाने को खाकर स्वस्थ और सुरक्षित महसूस करते हैं। हमारे भारतीय परिवारों की हर स्त्री ��बरी की तरह अपने परिवार का ख्याल रखती है और घर के लोग भी शबरी के इन झूठे बेरों को खा कर ही सुखी, सुरक्षित,स्वस्थ और संतुष्ट रहते हैं। हर महिला को समर्पित सब अपने परिवार के लिये *"शबरी"* है। 🙏🙏
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Tiger Shroff Biography in Hindi
टाइगर श्रॉफ एक भारतीय फिल्म अभिनेता है , जो मुख्य रूप से हिन्दी फिल्मों में काम करते हैं |टाइगर श्रॉफ एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, डांसर और मार्शल आर्टिस्ट हैं | वह लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ के बेटे हैं | वह भारत में सबसे अधिक भुगतान पाने वाले अभिनेताओं में से एक हैं |टाइगर श्रॉफ भारतीय सिनेमा बॉलीवुड इंडस्ट्री के ��्रसिद्ध अभिनेता जैकी श्रॉफ बेटे हैं। जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान पिता के बदौलत नहीं, अपनी अभिनय, डांस और एक्शन से अपनी एक अलग पहचान बनाए हैं। वह एक ऐसे बॉलीवुड अभिनेता है जिन्होंने बॉलीवुड मैं एंट्री करने के बाद बॉलीवुड का एक्शन सीन को ही बदल कर रख दिए।
टाइगर श्रॉफ का जन्म
टाइगर श्रॉफ एक भारतीय अभिनेता, और मार्शल कलाकार हैं जिनका जन्म 2 मार्च 1990 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। उनका असली नाम जय हेमंत श्रॉफ है। वह प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ और निर्माता आयशा दत्त के बेटे हैं।
टाइगर श्रॉफ का परिवार
टाइगर श्रॉफ का जन्म बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता प्रसिद्ध अभिनेता जैकी श्रॉफ हैं, और उनकी माँ आयशा दत्त हैं, जो एक फिल्म निर्माता हैं। उनकी कृष्णा श्रॉफ नाम की एक छोटी बहन है, जो एक फिल्म निर्माता है और एक फिटनेस कंपनी भी चलाती है। टाइगर के दादा एक प्रसिद्ध ज्योतिषी थे, और उनकी नानी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जे ओम प्रकाश की बेटी थीं। टाइगर अपने परिवार के काफी करीब हैं और अक्सर अपने माता-पिता और बहन के बारे में तस्वीरें और पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं।
टाइगर श्रॉफ की शिक्षा
टाइगर श्रॉफ ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई जुहू में स्थित बेसेंट मोंटेसरी स्कूल से पूरी की थी , और आगे की पढ़ाई उन्होंने मुंबई में अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे से पूरी की थी | इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए टाइगर ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा उत्तर प्रदेश में अपना एडमिशन लिया।
टाइगर श्रॉफ का फिल्मी करिअर
टाइगर श्रॉफ ने 2014 में कृति ��नोन के साथ फिल्म “हीरोपंती” से अभिनय की शुरुआत की। फिल्म एक व्यावसायिक सफलता थी, और उनके प्रदर्शन को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने सराहा।
इसके बाद उन्होंने 2016 में फिल्म “बाघी” में अभिनय किया, जो एक व्यावसायिक सफलता भी थी। उन्होंने 2018 में सीक्वल “बाघी 2” के साथ अपनी सफलता की लय को जारी रखा, जो उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्मों में से एक बन गई।
2019 में, टाइगर ने ऋतिक रोशन के साथ फिल्म “वॉर” में अभिनय किया, जिसने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़े और अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्मों में से एक बन गई।
2021 में, उन्होंने “बाघी 3” फिल्म में अभिनय किया, जो एक व्यावसायिक सफलता भी थी। उन्होंने “मुन्ना माइकल,” “ए फ्लाइंग जट्ट,” और “स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2” जैसी अन्य फिल्मों में भी अभिनय किया है।
अभिनय के अलावा, टाइगर अपने असाधारण नृत्य कौशल के लिए भी जाने जाते हैं। उन्हें विभिन्न नृत्य रूपों में प्रशिक्षित किया गया है और उन्होंने कई फिल्मों और स्टेज शो में अपने कौशल का प्रदर्शन किया हैं |
टाइगर श्रॉफ की गर्लफ्रेंड
टाइगर श्रॉफ की गर्लफ्रेंड दिशा पटानी हैं | टाइगर दिशा पटानी को 6 सालों से डेट कर रहे हैं | दिशा पटानी और टाइगर को कई जगहों पर एक साथ देखा गया हैं | दोनों एक — दूसरे से प्यार करते हैं |
Tiger Shroff and Disha Patani
More Information- https://hindifilmyduniya.in/
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विशाखापट्टनम की उभरती बाल कलाकार पूर्वी रजक
विशाखापट्टनम की खूबसूरती की बात करें तो पूरे भारत में अनेक राज्य हैं पर इस राज्य की खूबसूरती अपने आप में अतुलनीय है । जहां भारत दिन प्रतिदिन विश्व स्तर पर आगे बढ़ता जा रहा है और पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है उसी भारत देश के आंध्र प्रदेश राज्य की एक छोटे से शहर विशाखापट्टनम की उभरती हुई बाल कलाकार पूर्वी रजक कक्षा 7 की छात्रा है और लिटिल एंजेल स्कूल में पढ़ती है । पूर्वी रजक ने पिछले साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 में कला एवं संस्कृति में अपना नाम नामंकृत किया ।
चित्रकला का क्षेत्र हो या वक्ता का यह छोटी सी लड़की अपने चित्रों से, अपने ��ाषा से, अपने पर्यावरण से सबका मन जीत लेती है और अनेकों सम्मान से सम्मानित की जाती रही है ।
पिछले कुछ दिनों में पूर्वी रजक कोबहुत से अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया । अनुराग्यम नई दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 पर सुपर टैलेंटेड गर्ल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया । अखिल भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति परिषद द्वारा अखिल भारतीय महिला गौरव सम्मान 2023 से सम्मानित किया । टालेंटिल्ला फाउंडेशन द्वारा प्रिज्म अंतर्राष्ट्रीय कला प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी 2023 पुरस्कार से सम्मानित किया । स्टार अकादमी तमिल नाडु द्वारा कोलॉरिंग कंटेंट्स 2023 परुस्कार से सम्मानित किया ।
पूर्वी रजक ने इन सब का श्रेय अपने माता-पिता के चरणों में अर्पित किया। साथ में अपने स्कूल का और अध्यापकों का नाम रोशन किया इसके अतिरिक्त इसी महीने अपनी लिखी हुई एक किताब लोगों के सामने रखी जिसमें उसने 75 अंग्रेजी कविताओं का संग्रह अपने भारत के आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में समस्त देशवासियों को समर्पित की ।
विशाखापट्टनम के वेलागपुड़ी रामकृष्णा बाबू, एम एल ए द्वारा उन्हीं के ऑफिस में कई बार सम्मानित की गई । विशाखापट्टनम के एमएलए जी का कहना है कि यह भारत का उभरता हुआ वह सितारा है जो एक ना एक दिन भारत का नाम रोशन जरुर करेगा और मुझे गर्व है कि यह मेरे राज्य की छोटी सी बच्ची है । मैं इस नन्ही सी बच्ची के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं ।
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Priyanka Gandhi: The Things That Make Her Unique
Introduction
Table Of Content
जन्म और परिवार
शुरुआती जीवन और शिक्षा
शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
कैसे हुई थी मुलाकात?
किसने किया पहले प्रपोज?
राजनीति में शुरू किया सफर
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
संसद के सदस्य
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
जन्म और परिवार
दावा किया जाता है कि प्रियंका गांधी की नाक उनकी दादी यानी इंदिरा गांधी से मिलती है. वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने भी कई बार इस बात का जिक्र किया है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान खुद प्रियंका गांधी भी कह चुकी हैं कि मेरी नाक दादी से मिलती है. साल 2019 के चुनाव में भी उन्होंने इसी बात का जिक्र किया था.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने साल 1984 तक देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की. इसके बाद सुरक्षा कारणों से राहुल और उन्हें दोनों को दिल्ली के डे स्कूल में भेज दिया गया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लगातार मिल रही आतंकी धमकियों की वजह से प्रियंका और राहुल की आगे की पढ़ाई घर पर ही हुई. बाद में वह दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. इसके बाद उन्होंने जीसस एंड मैरी कॉलेज, नई दिल्ली से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की और वर्ष 2010 में बौद्ध अध्ययन में मास्टर डिग्री हासिल की.
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शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
प्रियंका जब सिर्फ 13 साल की थी, तो उनकी मुलाकात रॉबर्ट वाड्रा से हुई थी. काफी लंबे समय तक दोनों दोस्त रहे और फिर शादी करने का फैसला कर लिया. हर लड़की की तरह प्रियंका को भी शादी के लिए अपने परिवार को मनाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. शुरुआत में परिवार इस शादी को लेकर राजी नहीं था, जिसके लेकर काफी विरोध भी हुआ. लेकिन, जिद्दी प्रियंका ने हार नहीं मानी और परिवार को उनकी की सुननी पड़ी. सोनिया-राहुल सब इस शादी को राजी हो गए. उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा से 8 फरवरी, 1997 को शादी की.
कैसे हुई थी मुलाकात?
यहां बता दें कि दोनों की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. दोनों दिल्ली के ब्रिटिश स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे. एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने बताया था कि मैं नहीं चाहता था कि हमारे इस रिश्ते के बारे में कोई जाने, क्योंकि लोग इसे समझ नहीं पाते और कोई अलग ही रूप दे देते थे.
किसने किया पहले प्रपोज?
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे बताया था कि स्कूल के एक कॉमन फ्रेंड थे, जो प्रियंका को जानते थे. वह सब वहां पर बैडमिंटन समेत अलग-अलग खेल खेलने जाते थे. वहीं, पर उनकी मुलाकात प्रियंका से हुई. उन्हें मेरी सादगी पसंद आई. मैं जींस-टीशर्ट और कोल्हापुरी में जाता था. मजाक ज्यादा करता था और स्पोर्ट्स अच्छा खेलता था. मुझे वह पसंद करती थीं, लेकिन बात ज्यादा नहीं करती थीं. उन्होंने आगे बताया कि प्रियंका ने ही उन्हें पहले प्रपोज ���िया था.
राजनीति में शुरू किया सफर
प्रियंका गांधी अकसर ही रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थी, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों के साथ सीधे बातचीत की. वह अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह जनता से जुड़ाव की कला को बखूबी जानती हैं. इसके अलावा उनको राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल भी बखूबी आता है. जब कांग्रेस पार्टी पर संकट के काले बादल गहराता हैं, तो प्रियंका गांधी हर मोर्चे को बड़े बारीकी से संभालती हैं. फिर चाहे वह हिमाचल में विधायकों की नाराजगी की वजह से अस्थिर हुई सरकार को सेटल करना हो या गांधी परिवार के खिलाफ बने जी-20 ग्रुप को खत्म करना हो. वह हर एक राजनीतिक मुद्दे को सुलझाना में बेहद माहिर हैं.
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
वर्ष 2004 के भारतीय आम चुनाव में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के अभियान प्रबंधक के रूप में काम किया और अपने भाई राहुल गांधी के अभियान की देखरेख में मदद भी ��ी. साल 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान जहां, राहुल गांधी ने राज्यव्यापी अभियान का प्रबंधन का काम संभाला. वहीं, प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की 10 सीटों पर ध्यान दिया और सीट आवंटन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अंदरूनी कलह को संबोधित करने में 2 सप्ताह बिताए.
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राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
साल 2019 में इच्छा न होने के बावजूद आधिकारिक तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने आम और विधानसभा दोनों चुनावों में अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से भाग लिया. वह अकसर रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थीं, जहां उन्होंने निवासियों से सीधे बातचीत की. इस भागीदारी ने उन्हें इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समर्थन के साथ एक जानी-मानी हस्ती बना दिया. इसकी वजह से अमेठी में चुनाव के दौरान ‘अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका’ के खूब नारे लगते थे. वहीं, अक्टूबर 2021 में उन्हें यूपी पुलिस ने 2 बार गिरफ्तार किया था. पहली बार हिरासत पश्चिमी यूपी के लखीमपुर खीरी की उनकी यात्रा के बाद हुई, जहां प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के काफिले के बीच झड़प के बाद 8 लोग मारे गए थे. उन्हें और कई अन्य पार्टी के नेताओं को सीतापुर में एक गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया था , जिसका इस्तेमाल उन्हें 50 घंटे से अधिक समय तक रखने के लिए अस्थायी जेल के रूप में किया जा रहा था. दूसरी बार उनकी गिरफ्तारी आगरा में की गई थी. यूपी पुलिस ने उन्हें सभाओं पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए हिरासत में लिया था, जब वह एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों से मिलने आगरा जा रही थी.
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 23 अक्टूबर, 2021 को बाराबंकी से कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. इसके बाद से वह अकसर ही चुनाव प्रचार में दिखाई देने लगी और लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई. जनवरी 2022 में उन्होंने अपने भाई राहुल के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र राज्य के विकास के साथ-साथ युवा और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 40% टिकट देने का भी वादा किया गया था.
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
महिला सशक्तिकरण और राजनीति में भागीदारी को लेकर उन्होंने अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत की. इस अभियान ने उन्हें सक्रीय मीडिया के जरिए लोगों के बीच पहचान दिलाई. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन उन्होंने राज्य की राजधानी लखनऊ में एक रैली की शुरुआत की. इस रैली से कई वादे और उम्मीदें थीं, जिसमें पूरे राज्य से महिलाओं की भागीदारी देखी गई. इन अभियानों और रैली के बावजूद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कड़ी मशक्कत के बाद भी एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था. 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 सीटें जीत हासिल की गई थी. इसके बाद से प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. राज्य चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद 5 अगस्त, 2022 को उन्होंने मूल्य-वृद्धि और मुद्रास्फीति के खिलाफ कांग्रेस के ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
संसद के सदस्य
वर्ष 2024 के भारतीय आम चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार करने और पार्टी के भीतर अधिक संगठनात्मक भूमिका निभाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एलान किया कि वह चुनावी राजनीति में शामिल होंगी और अपने भाई राहुल की जगह लेने के लिए वायनाड उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने इस चुनाव में कुल 4,10,931 मतों के अंतर से चुनाव जीता. वह अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के साथ संसद में काम करेंगी. वह और उनके भाई 18वीं लोकसभा में एक साथ काम करने वाले पहले और एकमात्र भाई-बहन हैं.
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी आज अपना 53वां जन्मदिन मना रही हैं. इस मौके पर हम आपको उनके बचपन की कुछ तस्वीरें दिखाएंगे और उससे जुड़ी कुछ बातें बताएंगे जो शायद ही आप जानते हों.
प्रियंका ने एक वीडियो साल 2023 में अपने सोशल मीडिया अकांउट पर शेयर किया था. इसमें उन्होंने अपने बचपन के बारे में कुछ बातें शेयर की थीं. इस दौरान उन्होंने बताया कि बचपन में सभी भाई बहनों की तरह उनकी भी अपने भाई राहुल गांधी के साथ जबरदस्त लड़ाई होती थी. उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी हमेशा जीत जाते थे.
अपने बचपन के बारे में बताते हुए प्रियंका कहती हैं कि भले ही राहुल और वह झगड़ते थे, लेकिन हमारी दोस्ती भी बहुत गहरी थी. हम दोनों में एक खूबी थी, जब भी कोई बाहरी आकर लड़ता था, तो दोनों एकजुट होकर एक टीम बनाकर उस पर टूट पड़ते थे.
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date – 30 December 2024 Time 7.10 AM to 7.20 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक ३० डिसेंबर २०२४ सकाळी ७.१० मि.
• संविधान हा देशाचा दीपस्तंभ-मन की बात कार्यक्रमात पंतप्रधानांचं प्रतिपादन • नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळावर पहिल्या व्यावसायिक विमानाचं आगमन • नांदेड जिल्ह्यात माळेगाव यात्रेला प्रारंभ-येत्या पाच तारखेपर्यंत विविध कार्यक्रमांचं आयोजन • बॉर्डर-गावस्कर मालिकेत मेलबर्न कसोटी जिंकण्यासाठी भारताला ३०७ धावांची गरज आणि • बुद्धिबळाच्या जागतिक रॅपिड स्पर्धेत भारताची कोनेरू हंपी अजिंक्य
देशाचं संविधान हे आपला दीपस्तंभ आणि मार्गदर्शक असल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी म्हटलं आहे. आकाशवाणीवरच्या मन की बात या कार्यक्रमाच्या ११७व्या भागात ते काल बोलत होते. येत्या २६ जानेवारीला देशात राज्यघटना लागू होऊन ७५ वर्षे पूर्ण होतील, त्यानिमित्तानं देशभरात अनेक उपक्रम सुरू असल्याचं त्यांनी सांगितलं. यानिमित्तानं सुरू केलेल्या कॉन्स्टीट्यूशन सेव्हनटी फाईव्ह डॉट कॉम या संकेतस्थळाला युवा वर्गानं भेट द्यावी, नागरिकांनी राज्यघटनेची प्रास्ताविका वाचून त्याची ध्वनीचित्रफीत या संकेतस्थळावर अपलोड करावी असं आवाहन त्यांनी ��ेलं. ‘‘देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास website भी बनाई गई है। इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना video upload कर सकते हैं। अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं,संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। ‘मन की बात’ के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस website पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें।’’
देशाच्या मनोरंजन क्षेत्राच्या योगदानाचा पंतप्रधानांनी मन की बात मध्ये उल्लेख केला. आपले ॲनिमेशनपट, चित्रपट आणि दूरचित्रवाणी मालिका जगभरात लोकप्रिय आहेत, त्यातून भारताच्या सर्जनशील उद्योगाची क्षमता दिसून येते असं ते म्हणाले. राज कपूर मोहम्मद रफी, अक्किनेनी नागेश्वर राव गारू, तपन सिन्हा यांच्या कामगिराचा त्यांनी गौरव केला. भारतीय संस्कृती, प्रयागराज इथं सुरु होणारा कुंभमेळा, बस्तर इथं सुरू झालेल्या बस्तर ऑलिम्पिक स्पर्धा, आदी विषयांवर पंतप्रधानांनी यावेळी भाष्य केलं. जागतिक आरोग्य संघटनेच्या अहवालानुसार देशात २०१५ ते २०२३ या काळात मलेरियाचे रुग्ण आणि त्यामुळे होणाऱ्या मृत्यूंमध्ये ८० टक्के इतकी घट झाली असल्याची माहिती त्यांनी दिली. देशवासियांनी एकत्रितपणे निर्धारानं या आव्हानाचा सामना केल्यानंच हे यश मिळाल्याचं ते म्हणाले. कर्करोगा विरोधातल्या लढाईत आयुष्मान भारत योजना मोठी भूमिका पार पाडत असून, त्यामुळे ९० टक्के रुग्णांना वेळेत उपचार मिळू लागले असल्याचंही त्यांनी सांगितलं. देशभरातल्या शेतकऱ्यांनी छोट्या छोट्या सामुहिक प्रयत्नांतून मिळवलेल्या यशाकडे पंतप्रधानांनी लक्ष वेधलं. छोट्या प्रारंभातूनच मोठं परिवर्तन शक्य असल्याचं सांगत, यासाठी दृढ संकल्प आणि सांघिक भावनेनं काम करण्याची गरज त्यांनी व्यक्त केली. नव्या वर्षात मन की बातच्या माध्यमातून आणखी प्रेरणादायी प्रयत्न सामायिक करण्याचं वचन देत, पंतप्रधानांनी सर्वांना नव्या वर्षाच्या शुभेच्छा दिल्या.
राज्यात ठिकठिकाणी मन की बातचं सामुहिक श्रवण करण्यात आलं. लातूर शहरातल्या रिलायन्स त्रिपुरा महाविद्यालयात हा कार्यक्रम ऐकण्यासाठी नागरिक, विद्यार्थी मोठ्या संख्येनं उपस्थित होते. आपल्या देशाच्या सांस्कृतिक विकासाची प्रेरणा आज संपूर्ण जग घेत असल्याची प्रचिती आल्याचा अनुभव उपस्थित श्रोत्यांनी यावेळी व्यक्त केला. रत्नागिरी इथं, तसंच धुळे जिल्ह्यातल्या शिरपूर शहरात श्रोत्यांनी सामूहिकपणे 'मन की बात' कार्यक्रमाचं थेट प्रसारण ऐकलं. वाशिम जिल्ह्यातल्या भाजपच्या कार्यालयातही कार्यक्रमाचं प्रसारण ऐकण्याची व्यवस्था करण्यात आली होती.
भाजप आमदार सुरेश धस यांनी केलेल्या वक्तव्याप्रकरणी अभिनेत्री प्राजक्ता माळी यांनी काल मुंबईत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची भेट घेऊन निवेदन दिलं. माळी यांच्या सन्मानाला बाधा येईल, असं कुठलंही कृत्य खपवून घेणार नाही आणि त्यावर कारवाई केली जाईल, असं आश्वासन मुख्यमंत्र्यांनी यावेळी दिलं. यूट्यूबवर काही लोक आक्षेपार्ह व्हिडिओ प्रसारित करतात, अशीही तक्रारही माळी यांनी केली.
केंद्रीय सामाजिक न्याय आणि सक्षमीकरण राज्यमंत्री रामदास आठवले आज परभणी दौऱ्यावर येणार आहेत. परभणी हिंसाचार आणि मारहाण प्रकरणात मृत्यू झालेल्या सोमनाथ सूर्यवंशी आणि विजय वाकोडे यांच्या नातेवाईकांची ते भेट घेणार आहेत. त्यानंतर समाज कल्याण विभागाच्या अधिकाऱ्यांसोबत बैठकीचं आयोजन करण्यात आल्याचं, आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
रायगड जिल्ह्यात उभारण्यात येत असलेल्या नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळाच्या धावपट्टीवर काल पहिल्या व्यावसायिक विमानाचं आगमन झालं. इंडिगो ए थ्री ट्वेंटी या विमानानं मुंबई विमानतळावरुन उड्डाण केल्यानंतर ते नवी मुंबईच्या आंतरराष्ट्रीय विमानतळावर उतरलं. पाण्याचे फवारे मारून या विमानाला सलामी देण्यात आली. दरम्यान, राज्याचा प्रत्येक भाग विमानाने जोडण्यासह अस्तित्वातील विमानतळांच्या विस्तारीकरण करण्याच्या कामाला गती देण्याची सूचना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केली आहे. मुंबईत महाराष्ट्र विमानतळ विकास कंपनीच्या संचालक मंडळाच्या बैठकीत ते बोलत होते. मोठ्या शहरांतील विमानतळांवरील भार कमी करण्यासाठी युद्धपातळीवर कार्यवाही करण्याचे निर्देश मुख्यमंत्र्यांनी यावेळी दिले.
अहिल्यानगर-पुणे या १२५ किलोमीटर अंतराच्या रेल्वेमार्गाच्या सर्वेक्षणास केंद्रीय रेल्वे मंत्रालयाने मान्यता दिली आहे. खासदार नीलेश लंके यांनी ही माहिती दिली. अहिल्यानगर-पुणे इंटरसिटी रेल्वे सुरू करण्यासंदर्भात लंके यांनी संसदेच्या हिवाळी अधिवेशनात सरकारचं लक्ष वेधलं होतं, त्याची दखल घेत या रेल्वेमार्गाचं सर्वेक्षण करण्यास मान्यता मिळाल्याचं याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे.
धाराशिव जिल्ह्यात पर्यटन, उद्योग आणि शाश्वत सिंचनाच्या माध्यमातून मोठ्या प्रमाणात रोजगार निर्मिती करण्यासाठी एक कालबद्ध कृती कार्यक्रम आखला असून, पहिल्या टप्प्यात दहा हजार रोजगार निर्मिती करण्याचा निश्चय असल्याचं आमदार राणा जगजितसिंह पाटील यांनी सांगितलं आहे. ते काल धाराशिव इथं बोलत होते. प्रत्येक विषयावर संबंधित क्षेत्रातल्या व्यक्तींचा सहभाग घेऊन १२ सुकाणू समित्या गठीत केल्या जाणार आहेत. जिल्ह्याचा चेहरा मोहरा बदलणाऱ्या या विकास प्रक्रियेत जनतेने सक्रिय सहभाग नोंदवावा असं आवाहन आमदार पाटील यांनी केलं आहे.
नांदेड जिल्ह्यातल्या माळेगाव यात्रेला कालपासून सुरुवात झाली. श्री खंडोबाच्या यात्रेला पारंपारिक पद्धतीने स���रुवात झाल्यानंतर मुख्य रस्त्याने देवस्वारी निघाली. यावेळी पालखी दर्शनाला राज्याचे सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटील यांच्यासह आमदार प्रतापराव पाटील चिखलीकर, आमदार आनंदराव पाटील बोंढारकर, यांची उपस्थिती होती. येत्या पाच तारखेपर्यंत ही यात्रा सुरु राहणार असून, शासकीय कार्यक्रम दोन जानेवारीपासून सुरु होणार आहेत.
बॉर्डर - गावस्कर चषक कसोटी क्रिकेट मालिकेत मेलबर्न कसोटी जिंकण्यासाठी भारताला ३०७ धावांची आवश्यकता आहे. आज सामनच्याच्या शेवटच्या दिवसाचा खेळ सुरु झाल्यानंतर ऑस्ट्रेलियाचा दुसरा डाव २३४ धावांवर संपुष्टात आला. या डावात भारताकडून जसप्रति बुमराहनं पाच, मोहम्मद सिराजनं तीन, तर रविंद्र जडेजाने एक गडी बाद केला. भारताचा दुसरा डाव सुरु झाला असून, उपाहारापर्यंत तीन बाद ३३ धावा झाल्या होत्या. दरम्यान, बुमराहनं काल या सामन्यात विक्रमी कामगिरी नोंदवत कसोटीत दोनशे बळींचा टप्पा पार केला.
भारताची आघाडीची बुद्धिबळपटू कोनेरू हंपी हिनं न्यूयॉर्क इथं झालेल्या जागतिक रॅपिड आणि ब्लिट्झ अजिंक्यपद स्पर्धेत महिला गटाचं विजेतेपद पटकावलं आहे. इंडोनेशियाच्या प्रतिस्पर्ध्याचा पराभव करून हंपीनं या स्पर्धेतलं दुसरं जेतेपद पटकावलं. ११ फेऱ्यांमध्ये तिनं साडेआठ गुणांची कमाई केली. ३७ वर्षांची हंपी, या स्पर्धेत दोनदा अजिंक्य ठरणारी, चीनच्या जू वेंजून हिच्यानंतरची दुसरीच बुद्धिबळपटू आहे.
छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यात कन्नड इथं आज जयभीम दिन आणि मक्रणपूर परिषदेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. ३० डिसेंबर १९३८ रोजी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी मराठवाड्याच्या हद्दीवर असलेल्या मक्रणपूर इथं महार परिषद घेतली होती, त्यानिमित्तानं हा कार्यक्रम होत आहे. पोलिस अधिक्षक डॉ. विनयकुमार राठोड यांच्या हस्ते या परिषदेचं उद्घाटन होईल.
नांदेड जिल्ह्यात सहकार चळवळीला बळकटी देण्यासाठी आणि तळागाळातल्या लोकांपर्यंत ही चळवळ पोहोचवण्यासाठी जिल्हा सहकार विकास समितीची स्थापना करण्यात आली आहे. जिल्ह्याला संगणकीकरणात राज्यात दुसरा क्रमांक मिळाला असल्याची माहिती शासनातर्फे देण्यात आली. या समितीच्या माध्यमातून जिल्ह्यात अनेक उपक्रम सुरू असून, याअंतर्गत जिल्ह्यातल्या ६४ विविध सहकारी संस्थाचं संगणकीकरण करण्यात आलं आहे.
शिवसंग्राम संघटनेच्या वतीने बीड इथं उद्या ३१ तारखेला व्यसनमुक्ती जनजागृती महारॅली काढण्यात येणार आहे. छत्रपती शिवाजी महाराज क्रिडांगणापासून डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक न्याय भवनापर्यंत ही रॅली काढण्यात येणार आहे.
नवीन वर्षाच्या पार्श्वभूमीवर ��रभणी जिल्ह्यात ड्रंक अँड ड्राईव्ह प्रतिबंधक मोहीम राबवण्यात येणार आहे. पोलीस अधीक्षक रवींद्र सिंह परदेशी यांनी पत्रकाद्वारे ही माहिती दिली असून, नवीन वर्षात अपघात मुक्त जिल्हा करण्याचा संकल्प करण्याचं आवाहन त्यांनी केलं आहे.
सोलापूर जिल्ह्यातल्या पंढरपूर तालुक्यात भटुंबरे इथं काल सकाळी भाविकांची बस आणि ट्रकच्या अपघातात दोघांचा मृत्यू झाला तर २५ जण जखमी झाले. पुणे जिल्ह्यातल्या कामशेत या गावातून विठ्ठलाच्या दर्शनासाठी येत असलेले प्रवासी या बसमध्ये होते.
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झारखंड के रामगढ़ जिले में एक नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ की वारदात सामने आई है। इस मामले में पीड़िता के परिजनों की शिकायत के आधार पर 40 वर्षीय सरकारी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
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लखनऊ, 06.04.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में विद्या मंदिर गर्ल्स हाई स्कूल, नरही, हजरतगंज, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 13 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा विद्या मंदिर गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता रावत, शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
विद्या मंदिर गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता रावत ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "आज भी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है । शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे हम समाज में फैली कुरीतियों जैसे बाल विवाह, पर्दा प्रथा, लैंगिक भेदभाव आ��ि को खत्म कर सकते हैं | भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बालिकाओं को शिक्षित करने हेतु कई योजनाएं शुरू की हैं जैसे सर्व शिक्षा अभियान, ऑपरेशन ब्लैक-बोर्ड, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ आदि । शिक्षा से ही बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है तथा शिक्षा ही उन्हें गुणवत्तापूर्ण जीवन बिताने के लिए तैयार करती है | अन्य देशों की तुलना में भारतीय बालिकाओं एवं महिलाओं की साक्षरता दर सबसे कम है । शिक्षा सभी का मौलिक अधिकार है और किसी को भी शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए । यह हम सभी का कर्तव्य है कि समाज की बालिकाओं को शिक्षित एवं आत्मनिर्भर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें तथा यह मेरा पूर्ण विश्वास है कि आज की कार्यशाला निश्चित ही आपके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगी |"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तन्ज़ीम अख्तर एवं महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में विद्या मंदिर गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता रावत एवं शिक्षिकाओं श्रीमती फूलकुमारी मौर्य, श्रीमती खुशबू रानी, श्रीमती पूनम रावत, ताज़ीम, श्रीमती अनीता राठौर, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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अपनी शब्दावली में महारत हासिल करें: रोजमर्रा की बातचीत के लिए अमेरिकी बनाम ब्रिटिश शब्द
अमेरिकी और ब्रिटिश शब्दावली भारतीय जब से याद कर सकते हैं तब से अंग्रेजी सीख रहे हैं। जबकि अधिकांश स्कूल ब्रिटिश अंग्रेजी का पालन करते हैं, अमेरिकी भाषा के कुछ शब्द हैं जिन्हें हमने किताबों, फिल्मों और बहुत कुछ से उठाया है। यहां हम 10 शब्दों और उनके ब्रिटिश और अमेरिकी विकल्पों का उल्लेख कर रहे हैं।
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विनोद कांबली इस बात से नाराज थे कि सचिन तेंदुलकर ने अपने विदाई भाषण में उनका नाम नहीं लिया और फिर...
होम खेल विनोद कांबली इस बात से नाराज थे कि सचिन तेंदुलकर ने अपने विदाई भाषण में उनका नाम नहीं लिया और फिर… विनोद कांबली ने कुछ समय पहले खुलासा किया था कि कैसे उन्होंने भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर के साथ 'गले लगाकर' विवाद खत्म किया था। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर। (स्रोत: एक्स) भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और उनके स्कूल-मित्र विनोद कांबली…
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कोठारी इंटरनेशनल स्कूल में महापरिनिर्वाण दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
Heartfelt tribute on Mahaparinirvana Day at Kothari International School जालना: भारतीय संविधान के शिल्पकार, महामानव, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 68वीं महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर शुक्रवार (दिनांक 06) को कोठारी इंटरनेशनल स्कूल में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में स्कूल के अध्यक्ष विनयकुमार कोठारी ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मानवतावादी विचारों, उनके संघर्ष और शिक्षा के महत्व…
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Shyam Benegal Kept Meaningful Cinema Alive
Introduction
Shyam Benegal: श्याम बेनेगल की फिल्में इंसानियत को अपने मूल स्वरूप में तलाशती हैं. दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के निधन के बाद श्याम बेनेगल ने उनकी विरासत को संभाला है. यह शब्द हैं भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के, जिन्होंने श्याम बेनेगल की तारीफ में कही थी. वहीं, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के एक इंटरव्यू में श्याम बेनेगल ने भी बड़ी कमाल की बात कही थी. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा महसूस किया है कि भारतीय ग्रामीण इलाकों को भारतीय स्क्रीन पर कभी भी ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया, लेकिन अगर आप वास्तव में भारतीय मानस को समझना चाहते हैं, तो आपको ग्रामीण भारत को देखना होगा. हालांकि, यह सच था और उनकी फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन शो में यह देखने को मिला भी.
‘भारत एक खोज’ और ‘संविधान’ जैसे अहम और ज्वलंत मुद्दों को समेट कर उन्होंने फिल्में, डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन शो बनाए, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में नई दिशा को जन्म दिया. श्याम बेनेगल को लेकर एक बात मशहूर है कि वह समानांतर सिनेमा के अग्रणी थे. उनकी कहानियों ने देश की सिनेमाई पहचान को एक नया आकार दिया. श्याम बेनेगल ने ही शबामा आजमी और स्मिता पाटिल जैसी शानदार एक्ट्रेसेज को बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक खास मुकाम दिलाया. श्याम बेनेगल के प्रतिभा की पहचान उनके पहली ही फिल्म से देखने को मिली. उनकी पहली फिल्म ‘अंकुर’ ने रिलीज होने के बाद ही 40 से ज्यादा अवॉर्ड अपने नाम किए. इनमें से 3 राष्ट्रीय पुरस्कार भी शामिल हैं.
Table Of Content
अंक���र (1974)
मंथन (1976)
भूमिका (1977)
कलयुग (1981)
मंडी (1983)
भारत एक खोज (1988)
सूरज का सातवां घोड़ा (1992)
सरदारी बेगम (1996)
जुबैदा (2001)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो (2005)
मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन (2023)
अंकुर (1974)
भारतीय सिनेमा में यह दौर था 1970 का दशक का. हिंदी सिनेमा में गीत-संगीत और रोमांटिक कहानियों के एक्टर्स का जमाना अब मारधाड़ और एक्शन की तरफ बढ़ रहा था. एंग्री यंग मैन के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन सिनेमा प्रेमियों के दिलों-दिमाग पर छा चुके थे. इस बीच श्याम बेनेगल ने एक सामान्य सी स्टोरी लिखी. उन्होंने शबाना आजमी और अनंत नाग के साथ ‘अंकुर’ फिल्म को पर्दे पर उतारा. दोनों की यह पहली फिल्म थी. ‘अंकुर’ फिल्म हैदराबाद की एक सच्ची घटना पर आधारित मानी जाती है.
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मंथन (1976)
‘मंथन’ फिल्म बनाने के लिए गुजरात के पांच लाख डेयरी किसानों ने 2-2 रुपये का योगदान दिया. 134 मिनट की यह फिल्म वर्गीस कुरियन के अग्रणी दूध सहकारी आंदोलन से प्रेरित थी. ‘मंथन’ देश की पहली क्राउड-फंडेड फिल्म है और रिलीज के 48 साल बाद इसी साल इसे प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल में दिखाया भी गया. इस फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन तक मिला. यह उनकी फिल्मों का जादू था, जो अभी भी लोगों के सिर पर चढ़ के बोल रहा है.
भूमिका (1977)
70 के दशक में हिंदी सिनेमा में पुरुषों का वर्चस्व अपने पीक पर था, उस समय श्याम बेनेगल महिलाओं की स्थिति पर कहानी लिख रहे थे. उन्होंने मराठी अभिनेत्री हंसा वाडकर के जीवन से प्रेरित एक फिल्म बनाई. इस फिल्म का नाम था ‘भूमिका’. इस फिल्म में मराठी अभिनेत्री के सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिगत उथल-पुथल को दिखाया है, जो अपने लिए स्वतंत्रता की खोज करती है. इस फिल्म में स्मिता पाटिल , अमोल पालेकर , अनंत नाग , नसीरुद्दीन शाह और अमरीश पुरी मुख्य किरदार में दिखाए गए हैं. इसमें दिखाया गया है कि कैसे पुरुष उसकी जिंदगी में आते हैं और इस कारण उसकी जिंदगी में किस तरह के बदलाव आते हैं. ‘भूमिका’ को फिल्म समीक्षकों ने खूब सराहा. इसी फिल्म से स्मिता पाटिल के दमदार अभिनय के लिए जाना गया. साथ ही इस फिल्म ने फिल्म और फिल्मफेयर समेत कई अंतराराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किए.
कलयुग (1981)
मंडी (1983)
भारत एक खोज (1988)
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सूरज का सातवां घोड़ा (1992)
सरदारी बेगम (1996)
जुबैदा (2001)
‘जुबैदा’ फिल्म एक आजाद ख्यालों से भरी औरत की दुखद कहानी है. इस फिल्म को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. यह फिल्म प्यार, त्याग और महत्वाकांक्षा की एक मार्मिक खोज है. इसमें करिश्मा कपूर के अलावा मनोज वाजपेयी, सुरेखा सीकरी, रजत कपूर, लिलेट दुबे, अमरीश पुरी, फरीदा जलाल और शक्ति कपूर ने भी काम किया है. इसी फिल्म के लिए ही करिश्मा कपूर को भी फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो (2005)
श्याम बेनेगल की ओर से निर्देशित इस फिल्म में सचिन खेडेकर, कुलभूषण खरबंदा, राजित कपूर, आरिफ जकारिया और दिव्या दत्ता ने अभिनय किया है. फिल्म की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से शुरुआत बोस के इस्तीफे के बाद शुरू होती है. वह इस दौरान अफगानिस्तान के बीहड़ इलाकों को पार करके यूरोप पहुंच जाते हैं. बर्लिन में एडॉल्फ हिटलर के साथ मुलाकात को बड़े ही जीवंत तरीके से दिखाया गया है.
मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन (2023)
‘वेलकम टू सज्��नपुर’, ‘वेल डन अब्बा’ के बाद श्याम बेनेगल की अंतिम फिल्म थी ‘मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन’, जो साल 2023 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की जीवनी को सटीकता से दर्शाया गया है. बता दें कि सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे गए जाने वाले श्याम बेनेगल को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री और पद्म भूषण के अलावा साल 2005 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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Conclusion
श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्मों के लेकर बेहद मुखर थे. उनका पूरा नाम श्याम सुंदर बेनेगल था. उनका जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. श्याम बेनेगल की फिल्मों से ही नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी जैसे कलाकारों को खास पहचान मिली. श्याम बेनेगल ने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 15 एड फिल्मों को निर्माण किया था. दर्जनों बेहतरीन फिल्मों को उन्होंने खुद डायरेक्ट भी किया था. श्याम बेनेगल को अब तक 8 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं, जो एक रिकॉर्ड है. वह मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर गुरुदत्त के चचेरे भाई हैं. श्याम बेनेगल के निधन पर दुख जताने वाले हस्तियों ने कहा है कि वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा जिंदा रहेंगे.
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