#भारतीय विदेश मंत्रालय
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#जो देश सीमा पार आतंकवाद को आधिकारिक रूप से प्रश्रय देता है#जो ओसामा बिन लादेन को पनाह देता है#जिस देश की भूमिका भारतीय संसद पर हमले में थी#वह आंतकवाद पर उपदेश नहीं दे सकता है.#94#2022-12-18T11:58#भारत में एक कहावत है कि बांस के पौधे में गांठ पड़ती है। ये एक बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिला#भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी अपने देश में भले ही रोजाना विरोधियों की किलो#दो किलो गालियां खाते हों लेकिन भारत के बाहर किसी को ये हक नहीं क कोई उनके बारे में एक भी अपशब्द क#बिलावल भुट्टो ने पिछले दिनों अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर#कि“ओसामा बिन-लादेन की तो मौत हो चुकी है लेकिन 'गुजरात का कसाई' अब भी ज़िंदा है और वह भारत के प्रधा#बिलावल भुट्टो ज़रदारी की उम्र महज़ 34 साल है. वो इसी साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्#कोई 18 साल पहले 27 दिसंबर#2007 को माँ बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का उत्तराधिक#बिलावल भुट्टो भारत के राहुल गांधी तो नहीं है लेकिन उनकी विरासत एक सी है।विरासत और तरबियत में फर#मुझे याद है कि बिलावल भुट्टो नाम के इस बच्चे को 2009 में अमेरिका-पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान के एक सम#शहबाज़ शरीफ़ की सरकार में बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया गया तब कहा जा रहा था कि पाकिस्तान अंतरर#विदेश मंत्रालय की बागडोर ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंप दी गई है जिनके पास कोई अनुभव नहीं है.#भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 दिसंबर को न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के तमाम आरोपों का जवाब दे#कि#बिलावल भुट्टो की बचकानी#बेवकूफी भरी इस टिप्पणी को असभ्य बताते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दे दिया.जबकि इसकी जरू#पडौसी और दोस्त बनने की काबिलियत हासिल कर ही नहीं सका। ऐसे में बिलावल भुट्टो की बदजुबानी का क्या#जिसे लेकर बिलावल बिलबिला रहे हैं। वे होतीं तो शायद बिलावल का कान पकड़कर उससे माफी मांगने को कहत#मेरा मानना है कि बिलावल भुट्टो ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और पाकिस्तानी अवाम को खुश करने क#ये सच है. आकाश नीला है#ये सच है#नई बात यह है कि बिलावल ने अपनी हैसियत भूलकर गलत समय#��लत मंच से गलत तरीके से अपनी बात कही।#हम उस पीढी के लोग हैं जिन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर इमरान खान तक का बनाया पाकिस्तान दे
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ऑस्ट्रेलियाई चैनल पर बैन लगाने पर कनाडा पर बिफरा MEA, कहा-फ्री स्पीच की बात है पाखंड
कनाडा ने गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंटरव्यू प्रसारित करने वाले ऑस्ट्रेलियाई चैनल को देश में बैन कर दिया. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इस घटना ने कनाडा की दोगलेपन को उजागर कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा केवल दिखावे के लिए फ्री स्पीच की बातें करता है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि जब कनाडा से भारतीय काउंसलर और…
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भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव ने तालिबान के रक्षा मंत्री के साथ की मुलाकात, जानें पाकिस्तान की नींद क्यों हुई हराम
India News: भारत-अफगानिस्तान संबंधों में एक अहम बदलाव देखने को मिला है। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पहली बार बुधवार (06 नवंबर) को तालिबान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद के साथ काबुल में मुलाकात की है। याकूब तालिबान समूह के पूर्व सर्वोच्च नेता और 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान के अमीर रहे मुल्ला उमर के बेटे हैं। वहीं, जेपी सिंह विदेश मंत्रालय में…
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भारत-कनाडा के बीच बढ़ा कूटनीतिक तनाव, जानें कब-कब विवादों में आए कनाडाई पीएम
भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है। नई दिल्ली ने अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों व अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा है कि कनाडा में चरमपंथ और हिंसा के माहौल में जस्टिन ट्रूडो सरकार की ओर से उठाए गए कदमों ने वहां भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। इसलिए, भारत ने कनाडा से अपने…
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प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की सफल और सार्थक यात्रा के बाद स्वदेश रवाना
न्यूयॉर्क, 24 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अमेरिका (America) की सफल और सार्थक यात्रा के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Foreign Ministry) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की सफल और सार्थक यात्रा पूरी करने के बाद नई दिल्ली (New Delhi) के लिए रवाना…
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सितंबर के पहले सप्ताह में ब्रूनेई और सिंगापुर की यात्रा करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
नयी दिल्ली: 30 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सितंबर के पहले सप्ताह में ब्रूनेई और सिंगापुर की यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पत्रकार वार्ता में घोषणा की कि प्रधानमंत्री मोदी तीन और चार सितंबर को ब्रूनेई की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रूनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। विदेश…
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Bangladesh Violence: हिंसा से प्रभावित हुआ बांग्लादेश: 4,500 से ज्यादा भारतीय छात्रों की हुई देश वापसी
Bangladesh Violence: 4,500 से ज्यादा भारतीय छात्र बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बीच भारत लौट आये हैं. बतादें कि 100 से ज्यादा लोग इन झड़पों (Bangladesh Violence) में मारे जा चुके हैं. इसी बीच विदेश मंत्रालय की तरफ से यह कहा गया है कि भूटान के 38, नेपाल के 500 और मालदीव का 1 छात्र भारत में पहुंचा है.
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Bangladesh Protests : बांग्लादेश में हिंसा के बीच भारत वापस लौटे सैकड़ों छात्र
Bangladesh Protests : सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। हिंसा प्रभावित देश से लोग पलायन कर रहे ��ैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अबतक सैकड़ों भारतीय छात्र अलग-अलग मार्गों के जरिए वापस देश लौट आए हैं। Supreme Court : दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक इन लोगों की मदद से भारत वापस ला रहे विदेश मंत्रालय…
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jharkhand labours in south africa : दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखण्ड के कामगारों के सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार से सीएम ने किया यह आग्रह, काम करने गये थे कामगार, फंस गये है अफ्रीका में
रांची : झारखण्ड सरकार ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन विदेश जाने वाले भारतीय कामगारों के हितों की रक्षा के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण से दक्षिण अफ्रीका में फंसे झारखण्ड के 27 कामगारों की सुरक्षित वापसी हेतु आग्रह किया है. इसके लिए सचिव, श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने प्राधिकरण को पत्र लिखा है.(नीचे भी पढ़े) पत्र में प्राधिकरण को बताया गया है कि श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल…
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भारत की एडवाइजरी- नागरिक ईरान-इजराइल न जाएं:दावा- ईरान 2 दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है; अमेरिका बोला- चीन, सऊदी टकराव रुकवाएं
ईरान-इजराइल में बढ़ते तनाव के बीच भारत समेत 5 देशों ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी जारी करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस शामिल हैं। भारत ने शुक्रवार शाम को ट्रैवल एडवाइजरी में कहा है कि सभी भारतीय नागरिक अगली सूचना तक ईरान और इजराइल की यात्रा न करें। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘ईरान या इजराइल में रहने वाले भारतीय…
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Trump के आने के बाद अवैध भारतीय प्रवासियों को भेजा जाएगा वापस? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने बताया अमेरिका से क्या हो रही बात
अमेरिका में बिना दस्तावेज के रहने वालों में भारतीयों के समूह को तीसरा सबसे बड़ा समूह माना जाता है। डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वो अगर सत्ता में आते हैं तो बिना दस्तावेज के रह रहे लोगों और घुसपैठियों को बाहर करेंगे। ऐसे में भारतीयों पर कोई संकट आता है तो भारत सरकार की क्या योजना है? प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी नीति ये है कि अवैध आप्रवासन को हमें बढ़ावा नहीं देना है।…
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कनाडा के बेतुके बयानों पर भारत ने लगा डाली क्लास, कनाडाई उच्चायोग को तलब कर दिया नोटिस
India Canada Tension: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने वाले कनाडा पर भारत भड़क गया है और चेतावनी दी है कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब करते हुए कड़ा विरोध भी जताया है। पिछले साल खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में…
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भारत ने इटली में भारतीय नागरिक की मौत का मुद्दा उठाया, दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग
भारत ने बुधवार को इटली सामने भारतीय नागरिक सतनाम सिंह की मौत का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही नई दिल्ली ने उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। विदेश मंत्रालय के सच��व मुक्तेश परदेशी ने इटली के विदेश मंत्री लु��गी मारिया विगनाली के समक्ष यह मामला उठाया। परदेशी ने कहा, इटली में भारतीय दूतावास सतनाम सिंह के परिवार के साथ संपर्क में है, ताकि राजनयिक मदद और पार्थिव शरीर को…
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नवनीत ने AcSIR से हिंदी में पीएचडी करने का कीर्तिमान रचा
न्यूजवेव @नई दिल्ली राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। देश में अब शोध क्षेत्र में भी ऐसे प्रयासों की शुरूआत की गई है। विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने राजभाषा हिंदी में विज्ञान विषय में अपना पहला शोध कार्य पूरा कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। यह शोध कार्य वैज्ञानिक और नवीकृत अनुसंधान अकादमी (AcSIR) के तहत सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) नई दिल्ली से हिंदी भाषा में विज्ञान में पूरा किया है। लगभग 10 हजार से अधिक शोधार्थी में गुप्ता पहले ऐसे शोधार्थी हैं जिन्होंने हिंदी में पीएचडी कार्य पूरा करने का कीर्तिमान रचा है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर विज्ञान को जटिल मानकर इसमें अंग्रेजी में ही संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध होने से अंग्रेजी में ही शोधकार्य होते हैं। लेकिन उन्होंने हिंदी भाषा को चुनकर चुनौती को स्वीकार किया। नवनीत ने बताया कि शोध कार्य में गाईड डॉ. जी महेश, मुख्य वैज्ञानिक, AcSIR, नई दिल्ली और को-गाईड डॉ. फूलदीप कुमार, वैज्ञानिक, DRDO, दिल्ली का मार्गदर्शन मिला। गुप्ता ने अपने शोध संस्थान AcSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) के प्रति आभार जताया। पठनीयता सूचकांक रहा शोध का अहम पहलू
गुप्ता के शोध विषय ‘‘भारत में लोकप्रिय हिंदी विज्ञान पत्रिका के माध्यम से विज्ञान संचारः एक अध्ययन‘‘ था जिसके अंतर्गत उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान से प्रकाशित होने वाली हिंदी की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति‘ की विषयवस्तु का विश्लेषण करने के साथ हिंदी भाषा में विज्ञान पाठ्य के लिए पठनीयता सूचकांक का विकास किया। पठनीयता सूचकांक का विकास होने से हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन को बढावा मिलेगा। उन्होंने 1952 से प्रकाशित ‘विज्ञान प्रगति‘ पत्रिका पर शोध कर विज्ञान लेखन में पाठकों और लेखकों के विचारों का भी विश्लेषण कर विज्ञान संचार के क्षेत्र में अहम कार्य किया है। पहले भी बनाए कई कीर्तिमान डॉ. नवनीत गुप्ता विज्ञान लेखन की दुनिया में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें सबसे कम उम्र में विज्ञान की विभिन्न विषयों पर हिंदी भाषा में लिखी पुस्तकों पर भारत सरकार के मंत्रालयों गृह मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आदि द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नवनीत गुप्ता को विज्ञान लेखन के लिए राजभाषा विभाग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल में 2015 के दौरान आयोजित किए गए विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में नवनीत के प्रयासों की सराहना की थी। उनके द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में 500 से अधिक विज्ञान संबंधी लेखों को प्रकाशन किया गया है। अकादमिक क्षेत्र की बात करें तो विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मलेनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। CSIR-निस्पर अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय और आम ज���ता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है। Read the full article
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मोदी की रूस यात्रा से इतना चिढ़ा क्यों है अमेरिका? दे रहा धमकी, पुतिन की हुई बल्ले-बल्ले
मॉस्को: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के लिए रूस जा रहे हैं। यह रूस के 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से उनकी पहली यात्रा है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोदी और पुतिन दोनों ने अपने-अपने देशों में हुए चुनावों में एक बार फिर जीत हासिल की है। पुतिन के न�� कार्यकाल के शुरू होने के बाद यह किसी बड़े वैश्विक नेता की पहली रूस यत्रा भी है, जिससे रूसी राष्ट्रपति को बहिष्कृत करने के पश्चिमी प्रयासों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। पुतिन ने चुनाव जीतने के बाद पहली यात्रा के तौर पर चीन को चुना था, जिसे दोनों देशों के संबंधों में आई तेजी के तौर पर देखा गया। हालांकि को लेकर अमेरिका खुश नहीं है। भारत में अमेरिकी राजदूत ने तो भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधों की धमकी तक दे डाली है।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित शोध समूह मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की एसोसिएट फेलो स्वास्ति राव ने कहा, "रूस और चीन के बीच रणनीतिक गठबंधन का गहरा होना भारत के लिए असहज है, क्योंकि यह आपके सबसे अच्छे दोस्त और दुश्मन के बीच सोने जैसा है।" "चूंकि हमें ये चिंताएं हैं, इसलिए प्रधानमंत्री का वहां जाना और उच्चतम स्तर पर पुतिन से बात करना समझ में आता है।" तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जिसमें प्रधानमंत्री भूटान, मालदीव और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के बजाय रूस की यात्रा करके परंपरा को तोड़ रहे हैं, जहां उन्होंने पिछले चुनाव जीतने के बाद जाना चुना था। रूस के साथ रिश्तों को महत्व दे रहा भारत इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह इस बात को रेखांकित करता है कि नई दिल्ली मास्को के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता भारत रूसी तेल का एक बड़ा खरीदार बन गया है। भारत की सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति भी रूस पर निर्भर है। वहीं, 2020 में भूमि-सीमा संघर्ष के बाद से चीन और भारत के बीच संबंध निम्न स्तर पर हैं। रूस के साथ किसी बड़े सौदे की संभावना नहीं इस मामले से परिचित भारतीय अधिकारियों के अनुसार, दोनों नेताओं से कई मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है, हालांकि कोई महत्वपूर्ण समझौता होने की संभावना नहीं है। लोगों ने कहा कि एजेंडे में दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रसद आपूर्ति समझौता, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के संयुक्त विकास पर चर्चा फिर से शुरू करना और परमाणु ऊर्जा पर सहयोग शामिल है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क किए जाने पर भारत का विदेश मंत्रालय तुरंत टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं था। पीएम मोदी की रूस यात्रा का अजब संयोग पीएम मोदी की ��ॉस्को की यात्रा 8-9 जुलाई को होने की उम्मीद है। यह आंशिक रूप से वाशिंगटन में उत्तरी अमेरिकी संधि संगठन (NATO) के सदस्यों के एक अलग शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाती है। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि मोदी की रूस यात्रा लंबे समय से लंबित थी और समय का नाटो गठबंधन की बैठक से कोई संबंध नहीं है। मॉस्को के बाद मोदी के दो दिवसीय दौरे पर वियना जाने की उम्मीद है। रूस के साथ भारत के संबंधों से अमेरिका चिंतित अमेरिका ने एशिया में चीन के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की मांग की है और रूस के साथ नई दिल्ली के संबंधों के प्रति सहिष्णु रहा है। उन संबंधों के बारे में पूछे जाने पर, अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने पिछले हफ्ते कहा कि वाशिंगटन ने नई दिल्ली के साथ भारत-रूस संबंधों के बारे में चिंता जताई है, लेकिन उसे भारत पर भरोसा है और वह दक्षिण एशियाई देश के साथ संबंधों का विस्तार करना चाहता है। संकट में भी रूस के साथ खड़ा रहा भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे खराब लड़ाई को लेकर नई दिल्ली में बेचैनी के बीच मोदी पिछले दो वर्षों से पुतिन के साथ वार्षिक व्यक्तिगत शिखर सम्मेलनों में शामिल नहीं हुए हैं। फिर भी, भारत ने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए रूस की निंदा करने से परहेज किया है, इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के मतदान में भाग नहीं लिया है, और संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति की वकालत की है। अमेरिका ने भारत को दी धमकी भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि रूस के खिलाफ वैश्विक प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाली किसी भी भारतीय कंपनी को यूरोप, अमेरिका और दुनिया भर में अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ व्यापार करने की कोशिश करते समय होने वाले "परिणामों" के बारे में पता होना चाहिए। गार्सेटी ने कहा, "अमेरिका, दर्जनों सहयोगियों के साथ, इस विचार के खिलाफ खड़ा है कि एक देश को क्रूर बल द्वारा दूसरे की जमीन लेने में सक्षम होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि… http://dlvr.it/T93MNd
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संस्कृति विवि पहुंचे आस्ट्रिया के प्रतिनिधि, स्टूडेंट एक्सचेंज पर हुई चर्चा
संस्कृति विवि पहुंचे आस्ट्रिया के प्रतिनिधि, स्टूडेंट एक्सचेंज पर हुई चर्चा
संस्कृति विश्वविद्यालय सपत्नीक पहुंचे आस्ट्रियन दूतावास के सांस्कृतिक फोरम के निदेशक माइकल पाल ने यहां पहुंचकर खुशी जाहिर करते हुए क��ा कि हमारे छात्र-छात्राएं भारत की संस्कृति, शिक्षा और यहां के परिवेश के बारे में जानना चाहते हैं। हम संस्कृति विवि के साथ मिलकर स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम चलाकर विश्व बंधुत्व की भावना को बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं। माइकल पाल के विवि पहुंचने पर उनका भारतीय परंपरा के अनुसार भावभीना स्वागत किया गया। उन्होंने संस्कृति विवि के वातावरण की सराहना करते हुए कहा कि यहां पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा माहौल है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और विद्यार्थियों के साथ हुई बैठक और मुलाकात में आस्ट्रिया दूतावास के सांस्कृतिक फोरम के निदेशक माइकल ने आस्ट्रिया की शिक्षण व्यवस्था और उच्च शिक्षा व्यवस्था की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आस्ट्रिया के उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों पढ़ाए जाने प्रमुख विषयों के बारे में तो बताया ही साथ ही उन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस का भी ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय विद्यार्थी जब आस्ट्रिया पढ़ने जाएंगे तो उन्हें भी आस्ट्रिया की संस्कृति, भाषा और शिक्षा व्यवस्था का ज्ञान होगा। वे वहां निश्चित रूप से अच्छा महसूस करेंगे। संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड हास्पिटेलिटी के डीन रतिश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि माइकल पाल ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्रालय में 30 वर्षों से अधिक समय से विभिन्न अनुभागों में कांसुलर विभाग, कानूनी सेवा, विकास विभाग और कार्य परिषद के अध्यक्ष रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने ग्रीस और स्विट्जरलैंड से मान्यता प्राप्त थी, इसके बाद उत्तरी मैसेडोनिया में मिशन के उप प्रमुख, मॉस्को में महावाणिज्य दूत, डीएचओएम नाइजीरिया और कजाकिस्तान में पद पर नियुक्त किया गया था। भारत में अपना नया कार्यभार संभालने से पहले, ऑस्ट्रियाई दूतावास नई दिल्ली के सांस्कृतिक मंच के निदेशक के रूप में, वह मंत्रालय में विकास निदेशालय में यूनिट गुणवत्ता प्रबंधन और मूल्यांकन के प्रमुख के रूप में थे, बाद में कार्य परिषद के अध्यक्ष रहे। बैठक में मिस्टर माइकल के अलावा संस्कृति विवि के डाइरेक्टर जनरल डा. जेपी शर्मा, एकेडमिक डीन डा. मीनू गुप्ता, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा.डीएस तोमर, संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ अरुन त्यागी आदि अधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे।
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