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🧿सद्गुरु रामपाल जी महाराज की अद्भुत क्रांतिकारी आध्यात्मिक जीवन की यात्रा🧿
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे।
17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम् संत रामदेवानंदजी महाराज से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन-धन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जूनियर इंजीनियर की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16-5-2000 के तहत स्वीकृत है।
संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर जाकर सत्संग किया। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई।
ज्ञान में निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दाफाश होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्��ों ने संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल जी को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए स्वयं तथा अपने अनुयायियों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। जब संत रामपाल जी को मारने में असफल रहे तो एक व्यक्ति की हत्या कर दी जिसका आरोप संत रामपाल जी महाराज पर लगा दिया। संत रामपाल जी महाराज 2006 से 2008 तक जेल में रहे।
हत्या के झूठे केस में संत रामपाल जी महाराज बाइज्जत बरी हो चुके हैं।
सन 2008 से पुनः समाज सुधार के कार्य किये और तत्वज्ञान की अलख जगाई, नकली धर्मगुरुओं की दुकानें बंद होने लगी तो षड्यंत्र करके 2013 में करौंथा कांड व 2014 में बरवाला कांड करा दिया। और संत जी को पुनः जेल में भेज दिया। क्योकि ज्ञान में तो कोई बोल न सका।
लेकिन जेल में जाने के बावजूद भी उनका ज्ञान नहीं रुका, ना ही समाज सुधार का मिशन डगमगाया।
बल्कि अब तो यह ज्ञान पूरे संसार में छा गया है।
विश्व के एकमात्र संत एवं सबसे बड़े समाज सुधारक हैं संत रामपाल जी महाराज जिनका उद्देश्य है- जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, सभी प्रकार के नशे पर प्रतिबंध लगाना, दहेज जैसी कुप्रथाएं समाप्त कर बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
वे पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं।
परमेश्वर कबीर बन्दीछोड़ जी ने अपनी अमृत वाणी में पवित्र ‘कबीर सागर‘ ग्रंथ में कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांति पूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
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Morning News Brief : ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनते ही 78 फैसले पलटे; दावा- अमेरिका से निकाले जाएंगे 18 हजार भारतीय; सैफ 5 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज
नमस्कार, कल की बड़ी खबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसलों की रही, उन्होंने पद संभालते ही जो बाइडेन के 78 फैसले प��ट दिए। वहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में रह रहे 18 हजार अवैध भारतीय प्रवासी वहां से निकाले जाएंगे। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... - महाकुंभ मेला क्षेत्र में यूपी सरकार की स्पेशल कैबिनेट मीटिंग होगी। मीटिंग के बाद CM योगी मंत्रियों के साथ संगम स्नान करेंगे। - किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। डल्लेवाल 57 दिन से आमरण अनशन पर हैं। - भारत- इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टी-20 सीरीज का पहला पहला मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमें 13 साल बाद कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में भिड़ेंगी। अब कल की बड़ी खबरें... खालिस्तानी संगठन ने महाकुंभ ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली, यूपी पुलिस ने किया खंडन
आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने प्रयागराज महाकुंभ में हुए सिलेंडर ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। संगठन ने ईमेल के जरिए कहा कि यह पीलीभीत एनकाउंटर का बदला था, जिसमें 23 दिसंबर को 3 खालिस्तानी आतंकी मारे गए थे। हालांकि, यूपी पुलिस ने इस दावे को नकार दिया और कहा कि घटना आतंकी साजिश नहीं थी। 🔹 मेला प्रशासन के मुताबिक, 19 जनवरी को गीता प्रेस की रसोई में गैस लीक होने से आग लगी, जिससे 180 कॉटेज जल गए। 🔹 2 अन्य सिलेंडर भी फट गए, जिससे आग फैल गई। 🔹 घटना के बाद सिलेंडर जांच अनिवार्य कर दी गई और 100 किलो तक LPG स्टोर करने की अनुमति होगी। ट्रम्प ने शपथ के 6 घंटे में 78 फैसले पलटे, जन्मजात नागरिकता कानून खत्म करने की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ लेने के सिर्फ 6 घंटे के भीतर जो बाइडेन के 78 फैसले पलट दिए। इनमें अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने, WHO और पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को अलग करने जैसे निर्णय शामिल हैं। ट्रम्प ने उन बच्चों को जन्मजात नागरिकता न देने का आदेश दिया, जिनके माता-पिता अवैध रूप से या अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। 🔹 14वें संवैधानिक संशोधन (1868) के तहत जन्मजात नागरिकता का अधिकार चुनौती दी गई। 🔹 30 दिन के भीतर इस नए आदेश को लागू किया जाएगा। 🔹 18 हजार अवैध भारतीय प्रवासी अमेरिका से निकाले जाएंगे। भारत सरकार इस मामले में H-1B और स्टूडेंट वीजा पर असर न पड़े, इसे सुनिश्चित करने के लिए ट्रम्प प्रशासन से बातचीत कर रही है। सैफ अली खान 5 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज, लोगों का अभिवादन किया
एक्टर सैफ अली खान लीलावती अस्पताल में 5 दिन इलाज के बा�� डिस्चार्ज होकर घर लौटे। 15 जनवरी की रात ढाई बजे उन पर चाकू से हमला हुआ था। अस्पताल से घर पहुंचने में 15 मिनट लगे, इस दौरान उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। सैफ अब फॉर्च्यून हाइट्स में रहेंगे, इससे पहले वे सतगुरु शरण अपार्टमेंट में रहते थे। 🔹 मुंबई पुलिस ने क्राइम सीन रीक्रिएट किया, आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को घटना स्थल पर ले जाया गया। 🔹 आरोपी को वही बैग पहनाया गया, जो उसने वारदात के वक्त पहना था। 🔹 फोरेंसिक टीम ने 19 फिंगरप्रिंट कलेक्ट किए, जांच में सामने आया कि आरोपी बाथरूम की खिड़की से घर में घुसा और हमले के बाद वहीं से भाग गया। छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर मुठभेड़, 27 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इनमें 1 करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी शामिल है। 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में 60 नक्सलियों को घेरा गया था। 🔹 गरियाबंद का मैनपुर इलाका बस्तर के बाद नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है। 🔹 जंगल के रास्तों से ओडिशा भागने की सुविधा के कारण वे ��हां छिपते थे। 🔹 नक्सली धमतरी, सिहावा, कांकेर और कोंडागांव के जरिए ओडिशा भागने की फिराक में थे। दिल्ली चुनाव: BJP का वादा—KG से PG तक फ्री शिक्षा, UPSC छात्रों को ₹15 हजार मदद
दिल्ली चुनाव से पहले BJP ने अपना दूसरा संकल्प पत्र जारी किया। इसमें जरूरतमंद छात्रों को KG से PG तक मुफ्त शिक्षा और UPSC व राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को ₹15,000 की आर्थिक मदद देने का वादा किया गया। 🔹 AAP का दावा— BJP सत्ता में आई तो मोहल्ला क्लीनिक, फ्री शिक्षा, फ्री बिजली-पानी और महिलाओं की फ्री बस यात्रा बंद कर देगी। 🔹 BJP ने अपने घोषणापत्र में शिक्षा और युवाओं के लिए आर्थिक सहायता को प्राथमिकता दी। विराट कोहली 13 साल बाद रणजी ट्रॉफी में खेलेंगे
विराट कोहली 13 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी कर रहे हैं। वह 30 जनवरी को दिल्ली और रेलवे के बीच होने वाले मुकाबले में खेलेंगे। आखिरी बार उन्होंने 2012 में यूपी के खिलाफ गाजियाबाद में रणजी मैच खेला था। हाल ही में BCCI ने भारतीय टीम की समीक्षा बैठक में खिलाड़ियों के लिए रणजी मैच खेलना अनिवार्य किया था। 🔹 कोहली का हालिया प्रदर्शन— न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट में 93 रन, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट में 190 रन। 🔹 कोहली की गर्दन में दर्द, BCCI मेडिकल टीम की देखरेख में हैं और 30 जनवरी के मैच से उपलब्ध रहेंगे। 🔹 दिल्ली का पहला मैच 23 जनवरी से सौराष्ट्र के खिलाफ होगा। र्किये के स्की रिसॉर्ट में भीषण आग, 66 की मौत
तुर्किये के कार्तलकाया स्की रिसॉर्ट (बोलू राज्य) में आग लगने से 66 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आग लगते ही होटल में भगदड़ मच गई, कई लोग 11वीं मंजिल से कूद पड़े, जबकि कुछ ने चादरों की रस्सी बनाकर खिड़की से बाहर निकलकर जान बचाई। होटल में 234 लोग ठहरे हुए थे। 🔹 कार्तलकाया इस्तांबुल से 300 किमी पूर्व कोरोग्लू पहाड़ों में स्थित है। 🔹 स्कूल सेमेस्टर की छुट्टियों के कारण रिसॉर्ट में भीड़ अधिक थी। 🔹 घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर आसपास के सभी होटलों को खाली करा दिया गया। Read the full article
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New Year: Full of Challenges, Less of Happiness
Introduction
वर्ष 2025 शुरू हो चुका है. हर बार की तरह लोगों ने इस साल का स्वागत भी बड़ी खुशी और उत्साह के साथ किया. नए साल का पहला हफ्ता कैसे निकल गया पता ही नहीं चला. हालांकि, नया साल हर किसी के लिए खुशियां लेकर नहीं आया. इस साल के शुरूआत में कई ऐसी घटनाएं घटीं हैं जिनका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. वायरस से लेकर भूकंप तक दुनिया ने पहले ही हफ्ते इन चीजों का अनुभव कर लिया है. हालांकि, अभी तो साल की शुरुआत हुई है और पूरा साल अभी बाकी है. क्या साल भर देश दुनिया में ��ोगों को ऐसी ही घटनाओं का सामना करना पड़ेगा या 2025 कुछ शांति और सुकून भी लाएगा. इस सवाल का जवाब तो वक्त ही देगा. लेकिन साल 2025 में अब तक देश और दुनिया में कौन-कौन सी बड़ी घटनाएं हुईं हैं उन पर एक नजर डालते हैं.
Table Of Content
Generation Beta का शुरू हुआ दौर
Generation Beta युग के पहले बच्चे ने लिया जन्म
चुनौतियों का भी सामना करेंगे Generation Beta
शिक्षा तक ही नहीं सीमित होंगे Generation Beta
इसके पहले भी पीढ़ियों के हुए हैं नामकरण
ह्यूमन मे��ान्यूमोवायरस
कहां से आया ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?
देश में कितने केस हुए ��र्ज?
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
क्या थी पद छोड़ने की मुख्य वजह?
जस्टिन ट्रूडो के कई मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
भारत के खिलाफ अगल रुख में थे जस्टिन ट्रूडो
एशिया के कई हिस्सों में आया भूकंप
बिहार और लखनऊ में भी भूकंप के जोरदार झटके
कहां- कहां आया भूकंप?
विशेषज्ञों ने दी थी चेतावनी
तिब्बत में हुई 32 लोगों की मौत
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान
इस बार दिल्ली के दिल में हैं कितने वोटर्स?
क्या है दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम?
Generation Beta का शुरू हुआ दौर
नया साल अपने साथ नया युग भी लेकर आया है. साल 2025 के साथ ही Generation Beta का दौर शुरू हो गया है. मिलेनियल्स, जेन जी और जेन अल्फा के बाद अब Gen Beta का दौर शुरू हो गया है. जानकारी के लिए बता दें कि Gen Beta उन बच्चों को कहा जाएगा जिनका जन्म 1 जनवरी, 2025 से लेकर 31 दिसंबर, 2039 के बीच होगा. Gen Beta नाम को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. लोगों का मानना है कि जिन बच्चों का जन्म 2025 से 2039 के बीच होगा वो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में माहिर होंगे, क्योंकि वे एआई के जमाने में पैदा हुए हैं.
Generation Beta युग के पहले बच्चे ने लिया जन्म
1 जनवरी, 2025 को रात 12:03 बजे मिजोरम के आइजोल में Generation Beta युग के पहले बच्चे ने जन्म लिया. इस बेबी का नाम फ्रेंकी रखा गया है. बेबी फ्रेंकी न केवल 2025 में पैदा हुआ भारत का पहला बच्चा ही नहीं, बल्कि अपनी पीढ़ी का भी पहला बीटा शिशु है. उसके पिता का नाम जेड्डी रेमरुअत्संगा और मां का नाम रामजिरमावी है. पीढ़ियों में परिवर्तन करीब 20 साल में होता आया है, लेकिन इस बार महज 11 साल के अंतराल पर ही Generation Beta आ गया है.
चुनौतियों का भी सामना करेंगे Generation Beta
साल 2025 में पैदा हुए बच्चे, उस युग में पैदा हुए जहां हर चीज बस एक क्लिक की दूरी पर है. उनके पास रोबोट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और स्मार्टफोन समेत कई नई तकनीक होंगी. इस बीच उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा. धरती के तापमान में बढ़ोतरी, शहरों की बिगड़ती हवा और जनसंख्या वृद्धि जैसी परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ेगा. इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए Generation Beta को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
शिक्षा तक ही नहीं सीमित होंगे Generation Beta
Generation Beta न केवल तकनीक के जरिए अपनी पहचान बनाएंगे बल्कि वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी के माध्यम से शिक्षा के प्रति भी गहरी रूचि रखेंगे. जहां शिक्षा सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं रहेगी. शिक्षा के अलावा उनकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी गहरी मौजूदगी रहेगी. डिजिटल जुड़ाव और वैश्विक संस्कृति के कारण Generation Beta ज्यादा ग्लोबल माइंडसेट विकसित करेंगे.
इसके पहले भी पीढ़ियों के हुए हैं नामकरण
विज्ञानियों की मानें तो आमतौर पर एक पीढ़ी 15 से 20 साल की अवधि की होती है. पीढ़ी का नामकरण उस दौर की सांस्कृतिक, आर्थिक और तकनीकी घटनाओं के आधार पर किया जाता है. जैसे साल 1901 से लेकर 1924 के दौर में पैदा हुई पीढ़ी को ‘ग्रेटेस्ट जेनरेशन’ कहा गया था. इन लोगों ने महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपना जीवनयापन किया था. साल 1925 से लेकर 1945 के दौर में पैदा हुए बच्चों को ‘साइलेंट जेनरेशन’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस सालों में जन्में बच्चे महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध में पले-बढ़े हैं. साल 1946 से लेकर 1964 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को ‘बेबी बूम’ कहा जाता है, क्योंकि इस पीढ़ी का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ है. साल 1965-1979 के बीच पैदा हुए बच्चों को ‘जनरेशन एक्स’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि ये आर्खिक मंदी और सामाजिक परिवर्तनों के दौर में बढ़े हुए हैं. साल 1980 से लेकर 1994 तक की पीढ़ी को ‘मिलेनियल जनरेशन’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस दौर में जन्में बच्चे डिजिटल दौर और शिक्षा के प्रति समझ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. साल 1995 से लेकर 2012 के दौर में जन्मे बच्चों को ‘जनरेशन Z’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस दौर में इंटरनेट, सोशल मीडिया को साथ लेकर चलने का दौर है. साल 2013 से लेकर 2024 तक जन्में बच्चों को ‘जनरेशन अल्फा’ के नाम से जाना जाता है.
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस
लोग कोविड-19 वायरस से उबर नहीं पा रहे थे कि इस बीच ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने अपनी मौजूदी दर्ज करा दी. देखते ही देखते यह वायरस कई देशों में फैलता जा रहा है. चीन से शुरू हुआ संक्रमण यूएस-मलेशिया के बाद अब भारत में भी पहुंच गया है. 6 दिसंबर को सबसे पहले कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का पहला मामला रिपोर्ट किया गया. वहीं, 24 घंटे के अंदर ही ये तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र में भी पहुंच गया. ये वायरस श्वसन तंत्र, खासकर फेफड़ों और श्वसन नलियों को प्रभावित करता है. इसके लक्षण सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे होते हैं. यह वायरस उन व्यक्तियों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, जो पहले से सांस से संबंधित बीमारियों या एलर्जी से पीड़ित हैं.
कहां से आया ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस नया नहीं है. पहली बार इसकी पहचान साल 2001 में की गई थी. हालांकि, यह पहले से ही मनुष्यों के श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहा था. यह वायरस श्वसन प्रणाली में संक्रमण उत्पन्न करता है और आमतौर पर मौसमी रूप से फैलता है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का स्रोत मुख्य रूप से अन्य संक्रमित व्यक्तियों से होता है, और यह हवा के माध्यम से या संक्रमित सतहों से संपर्क करने से फैल सकता है. यह वायरस पशुओं में भी पाया गया है, लेकिन मनुष्यों में इसका संक्रमण मुख्य रूप से मानव-से-मानव संपर्क के माध्यम से होता है.
देश में कितने केस हुए दर्ज?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुजरात के हिम्मतनगर में 8 साल के बच्चे के इस संक्रमण से पॉजिटिव होने की खबर सामने आई. यहां बता दें कि देश में वायरस से जुड़े कुल 11 मामले निकल चुके हैं. वहीं, महाराष्ट्र में 3, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में एक-एक केस सामने आया हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है. देश के अलग-अलग राज्यो में प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है. जहां एक तरफ पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है तो वहीं, दूसरी तरफ गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं. हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर अलर्ट पर है.
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
कनाडा के 23वें प्रधानमंत्री और एक दशक से ज्यादा समय तक लिबरल पार्टी के नेता रहे जस्टिन ट्रूडो 6 जनवरी, 2025 को पीएम पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है, जिससे उनका 9 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया. इस्तीफे की घोषणा के दौरान उन्होंने खुद को एक फाइटर बताया. इस्तीफे की घोषणा करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि मैं एक योद्धा हूं. मेरे शरीर के हर एक हिस्से ने हमेशा मुझे लड़ने के लिए कहा है. क्योंकि मैं कनाडाई लोगों की परवाह करता हूं, मैं इस देश की तहे दिल से परवाह करता हूं और मैं हमेशा कनाडाई लोगों के सर्वोत्तम हित में प्रेरित रहूंगा. लंबे समय से चल रहे विरोधाभास और उथल-पुथल की राजनीतिक परिस्थितियों के चलते जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का एलान किया.
क्या थी पद छोड़ने की मुख्य वजह?
रिपोर्ट्स की मानें तो जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह कनाडा की राजनीति में उनकी स्थिति का कमजोर होना है. कई महीनों से पार्टी के अंदर जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था. कई सांसद उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. बता दें कि कनाडा में इस साल अक्टूबर में चुनाव होना है. इसके अलावा ऊंची कीमतों, ब्याज दरों और आवास की कमी से जनता की नाराजगी सामने आ रही है. हाल ही में कनाडा की राजनीति में हुए सर्वे में जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में कमी और लिबरल पार्टी के प्रति मतदाताओं के बीच समर्थन में गिरावट बताई गई.
जस्टिन ट्रूडो के कई मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने नीतिगत टकराव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जो ट्रूडो सरकार के लिए एक बड़ा झटका था. यहां बता दें कि वो जस्टिन ट्रूडो के अमेरिकी टैरिफ से निपटने के तरीके और उनकी आर्थिक रणनीति पर नाराज थीं. वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद से जस्टिन ट्रूडो पर पद छोड़ने का दबाव और ज्यादा बढ़ गया .
भारत के खिलाफ अगल रुख में थे जस्टिन ट्रूडो
साल 2021 में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी ने जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न��यू डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जो खालिस्तान समर्थक रैलियों में भाषण और भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते रहे हैं. इसके बाद सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारतीय अधिकारियों पर कनाडा में खालिस्तानी हरदीप निज्जर की मौत में शामिल होने का आरोप भी लगाया था, जिसके बाद भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. वहीं, अक्टूबर 2024 में कनाडा ने खालिस्तानियों पर हमलों के मामलों में कई भारतीय राजनयिकों की जांच की बात कही. उस दौरान भारत पर आरोप लगाया गया कि भारतीय राजनयिक और खुफिया अधिकारी विदेशों में खालिस्तानियों को मारने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ काम कर रहे हैं. कनाडा ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह को भी लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने अमित शाह पर हिंसा में हिस्सा लेने का गंभीर आरोप लगाया था. इस घटना के बाद से बात बिगड़ी और भारत ने कनाडा से कई राजनयिकों को वापस बुला लिया और कई कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया.
एशिया के कई हिस्सों में आया भूकंप
साल 2025 की शुरूआत कंपकपाती धरती के साथ हुई. 7 जनवरी, 2025 को एशिया समेत कई जगहों पर धरती कांप उठी. नेपाल, बांग्लादेश, चीन समेत भारत के कई राज्यों की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने भूकंप को लेकर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया शेयर कीं. ज्यादातर लोगों ने घरों से पंखा, झालर लाइट का वीडियो शेयर करते हुए भूकंप के झटकों के बारे में बताया. भूकंप का केंद्र नेपाल बॉर्डर के पास तिब्बत बताया जा रहा है, जहां इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई थी.
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बिहार और लखनऊ में भी भूकंप के जोरदार झटके
उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत बिहार जैसे कई राज्यों में सुबह के समय भूकंप के तेज झटकों ने लोगों का दिल दहला दिया. 10 सेकेंड से अधिक समय तक धरती हिलती रही, जिससे लोगों में दहशत फैल गई. कड़ाके की ठंड में आए भूकंप के इन झटकों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी. इस दौरान इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई. बिहार में भी लोगों को सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसके बाद से लोगों के मन में डर की स्थिति पैदा हो गई. बिहार की राजधानी पटना में सुबह करीब 6:32 बजे से झटके लगने शुरू हुए. पहले हल्के झटके लगे, इसके बाद तेजी से धरती हिली. नेपाल में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.0 रही. नेपाल की सीमा के ��ास तिब्बत में भी भूकंप आया. भूकंप के झटके भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया है कि नेपाल के लोबुचे से 90 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र 10.0 किलोमीटर की गहराई पर था.
कहां- कहां आया भूकंप?
यूपी, दिल्ली और बिहार के ज्यादातर हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. पटना, सुपौल, अररिया, शिवहर सहित कई हिस्सों में सुबह 6.35 से 6.37 के बीच भूकंप के झटके महसूस हुए. वहीं नेपाल, बांगलादेश, भूटान, चीन, सहित कई देशों में भी सुबह-सुबह धरती कांप उठी.
विशेषज्ञों ने दी थी चेतावनी
जानकारी की मानें तो विशेषज्ञों ने नेपाल में बड़े भूकंप के खतरे को लेकर चेतावनी दी थी. रिकॉर्ड के अनुसार नेपाल में कुछ ही दिनों में 3 तीव्रता से अधिक का नौवां भूकंप 2 जनवरी, 2025 को आया था. बता दें कि इससे पहले नवंबर 2024 में नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान 145 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. यह भूकंप नेपाल के जजरकोट और रुकुम पश्चिम स्टूडियो में आया था. भूकंप से 140 अन्य लोग घायल भी हो गए थे.
तिब्बत में हुई 32 लोगों की मौत
चीन में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के जिगाज़े शहर में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 32 लोग मारे गए और 38 घायल हो गए. क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, चीन में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के जिगाज़े शहर में डिंगरी काउंटी में सुबह 9:05 बजे (बीजिंग समयानुसार) भूकंप आया. भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर देखा गया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान
दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. दिल्ली में एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा. वहीं, 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है. दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त होने वाला है. इसके पहले ही विधानसभा चुनाव कराने हैं. साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कुल 62 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 8 सीटों पर ही जीत मिली थी. जबकि, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं.
इस बार दिल्ली के दिल में हैं कितने वोटर्स?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस साल विधानसभा चुनाव में कुल 1,55,24,858 (1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858) मतदाता वोट डालने के योग्य हैं. इनमें 83.49 लाख पुरुष मतदाता और 71.73 लाख महिला मतदाता हैं. उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुल 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. इसके अलावा 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाता अपने घर ��े ही वोट कर सकेंगे.
क्या है दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम?
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 10 जनवरी तक जारी कर दी जाएगी. इसके बाद से नामांकन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा जिसकी आखिरी तारीख 17 जनवरी तय की गई है. वहीं, 18 जनवरी को नामांकन के पत्रों की जांच की जाएगी. नाम वापसी का अंतिम दिन 20 जनवरी को तय किया गया है. दिल्ली के लोग 5 फरवरी को मतदान करेंगे और 8 फरवरी को परिणाम की घोषणा की जाएगी.
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भारत में HMPV वायरस के सामने आये 14 केसः स्वास्थ्य मंत्रालय का बडा ऐक्शन, पूरे देश में..
14 cases of HMPV virus reported in India: Big action by the Health Ministry, across the country… दिल्ली। अस्पतालों में HMPV वायरस के अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं। कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के देश में कुल 14 मामले हो गए हैं। सबसे ज्यादा 4 मामले गुजरात में हैं। शुक्रवार को राजस्थान और गुजरात में एक-एक केस मिला। बारां में एक 6 महीने की बच्ची HMPV से संक्रमित हुई हैं। वहीं…
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HMPV virus in Assam : HMPV Virus का एक और मामला आया सामने,असम में मिला नया केस
HMPV virus in Assam : भारत में एचएमपीवी वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब असम में इसका नया मामला सामने आया है। शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि 10 महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण पाया गया है। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 : ‘फर्जी वोट’ पर संग्राम, AAP और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी डिब्रूगढ़ में चल रहा इलाज (HMPV virus in Assam) अधिकारियों ने बताया…
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HMPV Cases in India: चीनी वायरस ने मचाया हड़कंप, भारत में भी मिले 7 केस ...
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Breaking News नए वायरस की भारत में दस्तक, मिलने लगे केस
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Nagpur पहुंचा HMPV Virus, Corona की तरह तेजी से पांव पसार रहा है ये China Virus
HMPV Virus ने नागपुर में भी अपनी दस्तक दे दी है। Corona की तरह फैल रहा यह वायरस भारत में सबसे पहले कर्नाटक में आया इसके बाद राजस्थान के डूंगरपुर में इसका एक केस आया और अब ये वायरस नागपुर आ चुका है। देश में HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नागपुर में भी इस वायरस के संक्रमण के दो नए मामले सामने आए हैं। देश में अब तक इस वायरस का शिकार 7 लोग हो चुके हैं। केंद्र सरकार का…
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jharkhand alert for hmpv virus : झारखंड में एचएमपीवी वायरस को लेकर जारी हुआ अलर्ट, जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भी होगी टेस्टिंग की व्यवस्था, जमशेदपुर के सिविल सर्जन ने जारी किया अलर्ट
जमशेदपुर : चीन से चला एचएमपीवी वायरस के कई केस भारत में भी पाये गये है. इसको लेकर अब देश में भी फैलने का खतरा हो गया है. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार ने कहा है कि इसको लेरक डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन आइसीएमआर ने इसको लेकर चेतावनी दी है. इसको लेकर सबको सतर्क करते हुए कहा है कि लोगों को सचेत रहना चाहिए. आने वाले दिनों में हो सकता है कि मास्क की वापसी हो जाये. वैसे जमशेदपुर में भी जिला प्रशासन…
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भारत में HMPV वायरस के 8 केस, जानें क्या है यह वायरस #news #breakingnews...
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सैफ अली खान अटैक केस: क्राइम ब्रांच ने सीन रीक्रिएट किया, घर से मिले 19 फिंगरप्रिंट, बाथरूम की खिड़की से घुसा आरोपी?
AIN NEWS 1: मुंबई में अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को सीन रीक्रिएट किया। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद के घर में घुसने और हमले के पूरे घटनाक्रम को समझने की कोशिश की।
कैसे घुसा आरोपी और क्या हुआ उस रात? 15 जनवरी की रात करीब 2 बजे, आरोपी शरीफुल बाथरूम की खिड़की से सैफ अली खान के घर में घुसा। वह पाइप के सहारे 12वीं मंजिल तक चढ़ा। छोटे बेटे जहांगीर के बेडरूम तक पहुंचने के बाद, उसने सैफ पर चाकू से हमला किया। सैफ को गले, पीठ, सिर, और हाथ पर छह जगह चोटें आईं। उनकी रीढ़ की हड्डी में चाकू का टुकड़ा फंस गया था। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई। सीन रीक्रिएशन और फोरेंसिक जांच मंगलवार तड़के 3-4 बजे के बीच पुलिस ने आरोपी के साथ सीन रीक्रिएट किया। शरीफुल को वही बैग पहनाया गया, जो उसने घटना के समय पहना था। फोरेंसिक टीम ने सैफ के घर की जांच के दौरान 19 फिंगरप्रिंट बाथरूम की खिड़की, शाफ्ट, और सीढ़ियों से इकट्ठा किए। पुलिस ने बताया कि शरीफुल बाथरूम की खिड़की से ही घर में घुसा और हमले के बाद वहीं से भाग गया। हमलावर तक पहुंची पुलिस कैसे? हमलावर तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 6 मुख्य कदम उठाए: 1. बस स्टॉप पर सोता मिला: हमले के बाद शरीफुल बांद्रा के बस स्टॉप पर 7 बजे तक सोया और फिर दादर जाकर हेयर कट लिया। 2. CCTV से मिला सुराग: वर्ली में अंडा-पाव खाते हुए उसने ऑनलाइन पेमेंट किया, जिससे पुलिस ने लोकेशन ट्रेस की। 3. रेस्टोरेंट की जानकारी: आरोपी वर्ली के एक बार में हाउसकीपिंग का काम करता था। बार के स्टाफ और मालिक से पूछताछ के बाद उसका नंबर मिला। 4. मोबाइल नंबर मिला: ऑनलाइन पेमेंट से उसके मोबाइल नंबर का पता चला, जो लोकेशन से मैच हुआ। 5. ठाणे से गिरफ्तारी: रविवार देर रात आरोपी को ठाणे के लेबर कैंप के पास से गिरफ्तार किया गया। 6. बांग्लादेश कनेक्शन: उसके परिवार ने बांग्लादेश में उसकी शिनाख्त की। उसने भारत में नाम बदलकर विजय दास रख लिया था। पुलिस के तीन दावे 1. शाहरुख खान के घर की रेकी: पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने शाहरुख खान के घर की भी रेकी की थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। 2. छत्तीसगढ़ में संदिग्ध की गिरफ्तारी: दुर्ग से एक संदिग्ध पकड़ा गया, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। 3. चोरी की नीयत से घुसा: पुलिस ने पुष्टि की कि शरीफुल चोरी के इरादे से सैफ के घर घुसा था। सैफ अली खान की सेहत और घटना का असर
डॉक्टरों के अनुसार, सैफ की रीढ़ की हड्डी में फंसा चाकू का टुकड़ा निकाल लिया गया। अगर यह 2 मिमी और अंदर जाता, तो गंभीर नुकसान हो सकता था। 17 जनवरी को सैफ को ICU से स्पेशल रूम में शिफ्ट किया गया। वह अब खतरे से बाहर हैं और जल्द ही घर लौट सकते हैं। SEO-Friendly Paragraph (English): Bollywood actor Saif Ali Khan faced a terrifying knife attack at his Bandra residence, where the accused, Mohammad Shariful Islam Shahzad, entered through the bathroom window using a pipe. The Mumbai police conducted a scene recreation and collected 19 fingerprints to understand the crime sequence. Shariful, a former wrestler from Bangladesh, was arrested from Thane and is currently in custody. Saif, who sustained six stab wounds, is now recovering after a successful spinal surgery. This shocking incident highlights the need for stringent security measures in high-profile residential areas. Read the full article
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Priyanka Gandhi: The Things That Make Her Unique
Introduction
Table Of Content
जन्म और परिवार
शुरुआती जीवन और शिक्षा
शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
कैसे हुई थी मुलाकात?
किसने किया पहले प्रपोज?
राजनीति में शुरू किया सफर
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
संसद के सदस्य
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
जन्म और परिवार
दावा किया जाता है कि प्रियंका गांधी की नाक उनकी दादी यानी इंदिरा गांधी से मिलती है. वरिष्ठ कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने भी कई बार इस बात का जिक्र किया है. साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान खुद ��्रियंका गांधी भी कह चुकी हैं कि मेरी नाक दादी से मिलती है. साल 2019 के चुनाव में भी उन्होंने इसी बात का जिक्र किया था.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने साल 1984 तक देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की. इसके बाद सुरक्षा कारणों से राहुल और उन्हें दोनों को दिल्ली के डे स्कूल में भेज दिया गया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लगातार मिल रही आतंकी धमकियों की वजह से प्रियंका और राहुल की आगे की पढ़ाई घर पर ही हुई. बाद में वह दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. इसके बाद उन्होंने जीसस एंड मैरी कॉलेज, नई दिल्ली से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की और वर्ष 2010 में बौद्ध अध्ययन में मास्टर डिग्री हासिल की.
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शादी से पहले झेलना पड़ा विरोध
प्रियंका जब सिर्फ 13 साल की थी, तो उनकी मुलाकात रॉबर्ट वाड्रा से हुई थी. काफी लंबे समय तक दोनों दोस्त रहे और फिर शादी करने का फैसला कर लिया. हर लड़की की तरह प्रियंका को भी शादी के लिए अपने परिवार को मनाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी. शुरुआत में परिवार इस शादी को लेकर राजी नहीं था, जिसके लेकर काफी विरोध भी हुआ. लेकिन, जिद्दी प्रियंका ने हार नहीं मानी और परिवार को उनकी की सुननी पड़ी. सोनिया-राहुल सब इस शादी को राजी हो गए. उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा से 8 फरवरी, 1997 को शादी की.
कैसे हुई थी मुलाकात?
यहां बता दें कि दोनों की पहली मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी. दोनों दिल्ली के ब्रिटिश स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे. एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने बताया था कि मैं नहीं चाहता था कि हमारे इस रिश्ते के बारे में कोई जाने, क्योंकि लोग इसे समझ नहीं पाते और कोई अलग ही रूप दे देते थे.
किसने किया पहले प्रपोज?
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे बताया था कि स्कूल के एक कॉमन फ्रेंड थे, जो प्रियंका को जानते थे. वह सब वहां पर बैडमिंटन समेत अलग-अलग खेल खेलने जाते थे. वहीं, पर उनकी मुलाकात प्रियंका से हुई. उन्हें मेरी सादगी पसंद आई. मैं जींस-टीशर्ट और कोल्हापुरी में जाता था. मजाक ज्यादा करता था और स्पोर्ट्स अच्छा खेलता था. मुझे वह पसंद करती थीं, लेकिन बात ज्यादा नहीं करती थीं. उन्होंने आगे बताया कि प्रियंका ने ही उन्हें पहले प्रपोज किया था.
राजनीति में शुरू किया सफर
प्रियंका गांधी अकसर ही रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थी, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों के साथ सीधे बातचीत की. वह अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह जनता से जुड़ाव की कला को बखूबी जानती हैं. इसके अलावा उनको राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल भी बखूबी आता है. जब कांग्रेस पार्टी पर संकट के काले बादल गहराता हैं, तो प्रियंका गांधी हर मोर्चे को बड़े बारीकी से संभालती हैं. फिर चाहे वह हिमाचल में विधायकों की नाराजगी की वजह से अस्थिर हुई सरकार को सेटल करना हो या गांधी परिवार के खिलाफ बने जी-20 ग्रुप को खत्म करना हो. वह हर एक राजनीतिक मुद्दे को सुलझाना में बेहद माहिर हैं.
अभियान प्रबंधक के रूप में किया काम
वर्ष 2004 के भारतीय आम चुनाव में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के अभियान प्रबंधक के रूप में काम किया और अपने भाई राहुल गांधी के अभियान की देखरेख में मदद भी की. साल 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान जहां, राहुल गांधी ने राज्यव्यापी अभियान का प्रबंधन का काम संभाला. वहीं, प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की 10 सीटों पर ध्यान दिया और सीट आवंटन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अंदरूनी कलह को संबोधित करने में 2 सप्ताह बिताए.
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राजनीति में कैसे रहे शुरुआती साल?
साल 2019 में इच्छा न होने के बावजूद आधिकारिक तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने आम और विधानसभा दोनों चुनावों में अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से भाग लिया. वह अकसर रायबरेली और अमेठी के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करती थीं, जहां उन्होंने निवासियों से सीधे बातचीत की. इस भागीदारी ने उन्हें इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समर्थन के साथ एक जानी-मानी हस्ती बना दिया. इसकी वजह से अमेठी में चुनाव के दौरान ‘अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका’ के खूब नारे लगते थे. वहीं, अक्टूबर 2021 में उन्हें यूपी पुलिस ने 2 बार गिरफ्तार किया था. पहली बार हिरासत पश्चिमी यूपी के लखीमपु�� खीरी की उनकी यात्रा के बाद हुई, जहां प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के काफिले के बीच झड़प के बाद 8 लोग मारे गए थे. उन्हें और कई अन्य पार्टी के नेताओं को सीतापुर में एक गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया था , जिसका इस्तेमाल उन्हें 50 घंटे से अधिक समय तक रखने के लिए अस्थायी जेल के रूप में किया जा रहा था. दूसरी बार उनकी गिरफ्तारी आगरा में की गई थी. यूपी पुलिस ने उन्हें सभाओं पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए हिरासत में लिया था, जब वह एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों से मिलने आगरा जा रही थी.
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
प्रियंका गांधी वाड्रा ने 23 अक्टूबर, 2021 को बाराबंकी से कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. इसके बाद से वह अकसर ही चुनाव प्रचार में दिखाई देने लगी और लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई. जनवरी 2022 में उन्होंने अपने भाई राहुल के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया. घोषणापत्र राज्य के विकास के साथ-साथ युवा और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 40% टिकट देने का भी वादा किया गया था.
लड़की हूं, लड़ सकती हूं का अभियान चलाया
महिला सशक्तिकरण और राजनीति में भागीदारी को लेकर उन्होंने अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत की. इस अभियान ने उन्हें सक्रीय मीडिया के जरिए लोगों के बीच पहचान दिलाई. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन उन्होंने राज्य की राजधानी लखनऊ में एक रैली की शुरुआत की. इस रैली से कई वादे और उम्मीदें थीं, जिसमें पूरे राज्य से महिलाओं की भागीदारी देखी गई. इन अभियानों और रैली के बावजूद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कड़ी मशक्कत के बाद भी एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था. 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 सीटें जीत हासिल की गई थी. इसके बाद से प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. राज्य चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद 5 अगस्त, 2022 को उन्होंने मूल्य-वृद्धि और मुद्रास्फीति के खिलाफ कांग्रेस के ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
संसद के सदस्य
वर्ष 2024 के भारतीय आम चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार करने और पार्टी के भीतर अधिक संगठनात्मक भूमिका निभाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एलान किया कि वह चुनावी राजनीति में शामिल होंगी और अपने भाई राहुल की जगह लेने के लिए वायनाड उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने इस चुनाव में कुल 4,10,931 मतों के अंतर से चुनाव जीता. वह अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के साथ संसद में काम करेंगी. वह और उन���े भाई 18वीं लोकसभा में एक साथ काम करने वाले पहले और एकमात्र भाई-बहन हैं.
बचपन की यादें ताजा करती हैं ये तस्वीरें
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी आज अपना 53वां जन्मदिन मना रही हैं. इस मौके पर हम आपको उनके बचपन की कुछ तस्वीरें दिखाएंगे और उससे जुड़ी कुछ बातें बताएंगे जो शायद ही आप जानते हों.
प्रियंका ने एक वीडियो साल 2023 में अपने सोशल मीडिया अकांउट पर शेयर किया था. इसमें उन्होंने अपने बचपन के बारे में कुछ बातें शेयर की थीं. इस दौरान उन्होंने बताया कि बचपन में सभी भाई बहनों की तरह उनकी भी अपने भाई राहुल गांधी के साथ जबरदस्त लड़ाई होती थी. उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी हमेशा जीत जाते थे.
अपने बचपन के बारे में बताते हुए प्रियंका कहती हैं कि भले ही राहुल और वह झगड़ते थे, लेकिन हमारी दोस्ती भी बहुत गहरी थी. हम दोनों में एक खूबी थी, जब भी कोई बाहरी आकर लड़ता था, तो दोनों एकजुट होकर एक टीम बनाकर उस पर टूट पड़ते थे.
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भारत में एक दिन में आए HMPV के 5 मामले, ICMR ने दी यह खौफनाक चेतावनी; जानें क्या है बड़ा खतरा
HMPV Cases in India: चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी (HMPV) भारत में दस्तक दे चुका है और वायरस एक दिन के भीतर देश में 5 बच्चों को अपनी चपेट में ले चुका है. बेंगलुरू से एचएमपीवी के दो मामले सामने आए हैं, जबकि गुजरात में एचएमपीवी के संक्रमण का एक केस सामने आया है और चेन्नई में 2 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय चिकित्सा…
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एचएमपीवी केस सामने आने पर निवेशक सतर्क; सेंसेक्स 1258 अंक गिरा, निफ्टी 23650 से फिसला
Investors turn cautious after HMPV case comes to light; Sensex drops 1258 points, Nifty slips from 23650 चीन में एचएमपीवी के कारण अफरातफरी बढ़ने और भारत के कर्नाटक व गुजरात जैसे राज्यों में संक्रमितों की पुष्टि के बाद भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को खरीदारों ने सतर्कता बरती। इससे प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक नीचे फिसल गए और निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। बीएसई का 30…
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