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आज पाकिस्तान से भिड़ेगी भारतीय फुटबॉल टीम, यहां देख सकेंगे मैच, जानिए सभी सवालों के जवाब
आज यानी 21 जून 2023 को साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन चैम्पियनशिप(SAFF) 2023 में भारतीय फुटबॉल टीम का सामना पाकिस्तान फुटबॉल टीम से होने जा रहा है।इस फुटबॉल लीग को भारत होस्ट कर रहा है। खेल के मैदान पर भी भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आते हैं तब सारी दुनिया की नजरें उस मैच पर टिकी होती हैं, भारत-पाकिस्तान के बीच खेल सिर्फ खेल नहीं बल्कि इज्जत का सवाल माना जाता है। बता दें साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन…
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भारत बनाम वियतनाम लाइव स्कोर, दोस्ताना: सुनील छेत्री ने हेडर वाइड भेजा, वियतनाम एचटी . पर 1-0 से आगे
भारत बनाम वियतनाम लाइव स्कोर, दोस्ताना: सुनील छेत्री ने हेडर वाइड भेजा, वियतनाम एचटी . पर 1-0 से आगे
आपका स्वागत है स्पोर्टस्टार का वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी में थोंग न्हाट स्टेडियम से भारत बनाम वियतनाम मैच का लाइव कवरेज। ये है Nihit Sachdeva आपको प्री-मैच बिल्ड-अप और मिनट-दर-मिनट अपडेट के माध्यम से ले जाता है। आधा समय वियतनाम वैन डक के 10वें मिनट के गोल के साथ हाफवे के निशान पर पहुंच गया। 45+2′ दो मिनट का अतिरिक्त समय लेकिन दोनों ओर से कुछ भी ठोस नहीं। 45′ मिस सुनील छेत्री के पास भारत के लिए…
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Day 1 post 1 Date 31st December
जोधपुर पोलो
मारवाड़ एक बड़ी खेल विरासत भी संजोए बैठा है, मारवाड़ में 1850 के बाद से एक खेल खेले जान��� लगा। जिसमे घोड़ो का उपयोग, एक बोल, चार खिलाडी और 4 फुटबॉल ग्राउंड जितना बड़ा मैदान हुआ करता है। मारवाड़ का पोलो इतिहास बड़ा रोचक रहा है इड्सर के महाराजा सर प्रताप जो विश्व के बड़े प्रशासक थे उन्होंने मारवाड़ में इस खेल को इंट्रोड्यूस करवाया, 1886 में मारवाड़ के पहले सबसे बड़े पोलो ग्राउंड का निर्माण करवाया आज ये चामी पोलो ग्राउंड के नाम से जाना जाता है इसमें 6 इंच की मोटी रेत की परत बनाई गई जिससे घोड़ो को नुकसान नहीं हो। ये मैदान जोधपुर एयरपोर्ट रोड़ पर आज भी है । इसके बाद 1929 में इसका प्रथम जीणोद्धार हुआ ।
19 वीं शताब्दी की शुरुआत से पहले जोधपुर की टीम भारत से बाहर जा पोलो खेलने वाली पहली टीम बनी उसका नेतृत्व जोधपुर के प्रधानमंत्री इड्सर महाराजा सर प्रताप ने किया, सर प्रताप की बदौलत जोधपुर की टीम विश्व भर में प्रसिद्ध हुई, देश के पुराने पोलो क्लब कलकत्ता , मद्रास दिल्ली सभी जगह अब जोधपुर टीम भारी थी।
1921 की सर्दियों में इस चामी पोलो ग्राउंड में लार्ड माउन्ट बैटन भी पोलो खेल इसकी भव्यता पर चकित रह गए थे।
इस मैदान पर प्रेक्टिस से ही महाराजा उम्मेद सिंह ने 1925 में अमरीकी आर्मी जैसी बड़ी टीम को हरा कर विश्व में पोलो में जोधपुर का नाम बड़ा किया
जोधपुर राजपरिवार के महाराजा ग़ज़ सिंह ने इस खेल में वर्तमान स्थिति में सबसे बड़ा योगदान दिया है उन्होंने सन 2000 में ग्रीन ग्रास वाला नया पोलो ग्राउंड स्थापित किया जहां आज देश के बड़े बड़े खिलाडी खेलने आते है । युवराज शिवराज सिंह इस खेल के बड़े खिलाडी और लीडिंग प्लेयर है, कुछ वर्ष पूर्व हुई एक दुर्घटना के बाद उन्होंने इस खेल में एक मार्गदर्शक की भूमिका को अपनाया है। आप इस नए पोलो महाराजा गजसिंह स्पोर्ट्स ग्राउंड की अहमियत इस से लगा सकते है कि जब यहां पोलो के मैच होते है तब दर्शक दीर्घा देश नहीं विदेश से, भारत की संसद से भारत की सेना से भारत के फ्रंट लाइन उद्योगपतियो से भरी होती है ।
जोधपुर शहर में ही 9 पोलो ग्राउंड होना इसकी अहमियत को दिखाता है कि यहां की खेल सम्पदा कितनी बड़ी है l
Sources books from MMPK
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AFC Women's Asian Cup 2022: India's Game Against Chinese Taipei Called Off After COVID-19 Outbreak
AFC Women’s Asian Cup 2022: India’s Game Against Chinese Taipei Called Off After COVID-19 Outbreak
चीनी ताइपे के खिलाफ भारत टीम नहीं उतार सका.© ट्विटर चीनी ताइपे के खिलाफ भारत का ग्रुप स्टेज खेल एएफसी महिला एशियाई कप भारतीय शिविर में COVID-19 के प्रकोप के बाद बंद कर दिया गया है। “द एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफस���) ने पुष्टि की है कि एएफसी महिला एशियाई कप भारत 2022 मैच चीनी ताइपे और भारत के बीच नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आज नहीं खेला जा सकता है। COVID-19 के कई सकारात्मक मामलों के बाद,…
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सहवाग की पंत और किशन को सलाह, कोहली से सीखें मैच खत्म करने की कला Divya Sandesh
#Divyasandesh
सहवाग की पंत और किशन को सलाह, कोहली से सीखें मैच खत्म करने की कला
नई दिल्ली वीरेंदर सहवाग ने युवा भारतीय बल्लेबाजों ऋषभ पंत और ईशान किशन को सलाह है कि वह भारतीय कप्तान विराट कोहली से सीख लें। सहवाग चाहते हैं कि जिस तरह एक बार सेट होने के बाद विराट कोहली मैच खत्म करते हैं वही कला इन दोनों को भी सीखनी चाहिए।
ईशान किशन ने अपने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मैच में 32 गेंद पर 56 रन की पारी खेली। सीरीज के दूसरे मैच में भारत ने ईशान की पारी की मदद से सात विकेट से जीत हासिल की। विराट कोहली भी फॉर्म में लौट आए और नाबाद 73 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई।
हमारे सहयोगी क्रिकबज के साथ खास बातचीत में वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि ऋषभ पंत और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों को कोहली से मैच को खत्म करने और अपना विकेट आसानी से नहीं देने की कली सीखनी चाहिए।
सहवाग ने कहा, ‘जब विराट कोहली का दिन होता है तो वह सुनिश्चित करते हैं कि मैच खत्म करें और टीम को जितवाकर ही लौटें। फिर चाहे कोई भी फॉर्मेट क्यों न हो। यह उनकी बल्लेबाजी की एक खास बात है। ऋषभ पंत और ईशान किशन को कोहली से यह सीखना चाहिए कि जब आपका दिन हो तो यूं ही आउट न हों।’
सहवाग ने सचिन तेंडुलकर की उन्हें दी हुई सलाह भी बताई। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा- ‘ऐसा ही सचिन तेंडुलकर किया करते थे। वह मुझे कहते थे- ‘अगर आज तुम्हारा अच्छा दिन है तो जितना लंबा हो सके खेलो। नॉट आउट रहो और रन बनाओ।’ क्योंकि कल का दिन कैसा होगा, क्या तुम रन बना पाओगे या नहीं, यह नहीं पता। लेकिन आज, तुम जानते हो कि तुम कैसा खेल रहे हो, गेंद फुटबॉल की तरह नजर आ रही है।’
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खेलों से मिलता है युवाओं को आगे बढ़ने का मौका _ जयेंद्र रमोला
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खेलों से मिलता है युवाओं को आगे बढ़ने का मौका _ जयेंद्र रमोला
ऋषिकेश दिनांक 11 जनवरी 2021 ऋषिकेश स्पोर्ट्स एकेडमी द्वारा आयोजित पॉंच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे दिन के मैच में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ��े सदस्य जयेन्द्र रमोला ने फुटबॉल को किक कर और खिलाड़ियों से परिचय कर शुभारम्भ किया । मैच के उद्घाटन के अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि आज हर जगह ऐसे टूर्नामेंट करवाने की आवश्यकता है ताकि छोटे इलाक़ों व गाँव में रहने वाले युवा खिलाड़ियों को खेलने का अवसर प्राप्त होता जिसकी पहुँच आगे तक ना हो और ऐसे आयोजनों से खेल निखरने के साथ साथ प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौक़ा मिलता है ।क्योंकि आज का अधिकतर युवा मोबाइल में उलझा हुआ है और पिछ���े कुछ वर्षों से युवा शारीरिक कसरत की बजाए मोबाइल पर गेम खेलने में या सोशल मीडिया पर अपना समय व्यतीत करते हैं जो कि सेहत के साथ साथ शरीर को भी हानि पहुँचाने का काम कर रहा है ।
आयोजक मण्डल को इस आयोजन के लिये बहुत बहुत आभार । समाजसेवी व पूर्व खिलाड़ी डी पी रतूड़ी ने कहा कि हैं बड़ी ख़ुशी की बात है कि संसाधनों की कमी होने के बावजूद भी युवाओं में खेलों के प्रति जागरूकता को देखने को मिल रही है और खेलों से शारीरिक मेहनत होने पर कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में भी मदद मिलती है इसलिये हम सभी को जहां जहां पर संसाधनो की कमी हो वहॉं पहुँचकर युवाओं को प्रोत्साहित करते हुऐ मदद करनी चाहिये । टूर्नामेंट के आयोजक उपदेश उपाध्याय व जितेन्द्र मल्ला ने कहा कि आज उद्घाटन मैच हिमालय एफसी व यूनिटी एफसी के बीच हुआ जिसे ३- २ यूनिटी क्लब ने जीता दूसरा मैच रायवाला एफसी व छिद्दरवाला एफसी के बीच हुआ जिसमें रायवाला एफसी ने १-० से मैच जीता ।तीसरा मैच आरएसए – एसएम एफसी के बीच हुआ जिसमें एसएम एफसी ने १-० से मैच जीता । युवाओं के खेल प्रति जागरूकता से हमें लगता है कि ऐसे टूर्नामेंट के माध्यम से प्रतिभाओं को आगे आने का मौक़ा मिलता है । टूर्नामेंट के शुभारंभ के अवसर पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग पयाल, छिद्दरवाला टीम कोच गोकुल रमोला, शिवम् शर्मा, रेफ़री शिवम् भारद्वाज, दिलप्रीत सिंह, सुरेन्द्र गौनियाल, वरूण कश्यप, विपिन राणा, सचिन राणा , अर्जुन, शेखर जोशी अक्षय कटारिया, मनीष रावत, भारत चौधरी आदि मौजूद थे ।
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डिएगो माराडोना - Help Hindi Me
डिएगो माराडोना की जीवनी | Biography of Diego Maradona
फुटबॉल की दुनिया के जाने माने खिलाड़ी डिएगो माराडोना को पूरे विश्व में एक महान और अच्छे खिलाड़ी के रूप मे जाना जाता है। उन्हें फुटबॉल के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में गिना जाता है। डिएगो माराडोना विश्व भर में अपने उपनाम माराडोना से प्रसिद्ध हुए।
दुर्भाग्यवश अर्जेंटीना के इस महान फुटबॉल खिलाड़ी का 25 नवंबर 2020 को निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से 60 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली।
पूरा नाम: डिएगो अर्मानडो माराडोना जन्म तिथि: 30 अक्टूबर 1960 जन्म स्थान: लानोस ब्यूनस आयर्स कद: 5 फूट 5 इंच राष्ट्रीय टीम: अर्जेंटीना मृत्यु तिथि: 25 नवंबर, 2020
डिएगो माराडोना का प्रारंभिक जीवन
डिएगो माराडोना का जन्म 30 अक्टूबर 1960 को लानुस की एक गरीब परिवार में हुआ था। उनका पालन पोषण विला फिओरिटो जो ब्यूनस आयर्स के दक्षिणी विभाग में बसी एक झोपड़ी वाले इलाका मे हुआ। माराडोना की तीन बहनें व दो भाई हैं, दोनों भाई भी पेशे से फुटबॉल खिलाड़ी थे।
बचपन में फुटबॉल खेलने के लिए यदि इनके पास न तो किट होती थी न फुटबॉल, ये टिन के डब्बे या बेकार के कपड़ों को गेंद(फुटबॉल) बनाकर उस से खेला करते थे।
माराडोना ने 7 नवंबर 1989 को ब्यूनस आयर्स(Buenos Aires) में अपनी मंगेतर (Diego Maradona wife) क्लाउडिया विलाफाने से विवाह कर लिया था। उनकी दो पुत्रियां डालमा नीरा(Dalma Nerea) और गियानिना डिनोरा (Gianinna Dinorah) है। माराडोना और क्लाउडिया ने 2004 में तलाक ले लिया था।
Diego Maradona Children/Diego Maradona son/Diego Maradona daughter
Son
Diego Sinagra
Daughter
Giannina Maradona
Daughter
Dalma Maradona
Son
Diego Fernando Maradona Ojeda (Veronica Ojeda’s son)
उनकी पुत्रियों के अनुसार तलाक के बाद में वह दोनों मित्रवत बने रहे। तलाक की कार्रवाई के दौरान माराडोना ने यह स्वीकार किया की उनका एक और पुत्र डिएग्रो भी हैं। डिएग्रो जूनियर इटली में एक फुटबॉलर खिलाड़ी है।
माराडोना कोकीन नशे के आदी हो गए थे। नशे की लत लगने के कारण उनके फुटबॉल कैरियर पर भी बुरा प्रभाव पड़ने लगा था। खेल से संन्यास लेने के बाद भी कई वर्षों तक उनका स्वास्थ्य खराब रहा। वर्ष 2000 में उरुग्वे में छुट्टियों के दौरान माराडोना को आपातकालीन स्थिति में एक अस्पताल ले जाना पड़ा। जहां उनके खून में कोकेन की मात्रा पाई गई। जिसके बाद उन्होंने अर्जेंटीना छोड़कर ड्रग्स पुनर्वास का पालन करने के लिए क्यूबा चले गए।
18 अप्रैल 2004 में कोकीन और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने के कारण डॉक्टर ने बताया कि वह Cardiac muscle का शिकार हो गए हैं, और उन्हें ब्यूनस आयर्स के एक अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। वर्ष 2005 में माराडोना ने बढ़ते वजन की समस्या के कारण अपनी गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी करवाई थी जिसके बाद वह काफी हद तक दुबले हो चुके थे। 29 मार्च 2007 को माराडोना को ब्यूनस आयर्स के एक अस्पताल में दोबारा से भर्ती करवाया गया था। हेपेटाइटिस और मद्यपान के कारण उनको यह समस्या हुई थी।
8 मई 2007 को माराडोना ने अर्जेंटीना के एक टीवी शो में बताया कि उन्होंने मद्यपान क��� सेवन करना पूरी तरह छोड़ दिया है।
डिएगो माराडोना का फुटबॉल कॅरिअर और उपलब्धियां–
माराडोना ने 1976 में अपने करियर की शुरुआत अर्जेंटीनियन जूनियर से की थी। अपने करियर की पूर्णता शुरुआत उन्होंने 1977 में हंगरी के खिलाफ खेल कर की थी ।
Diego Maradona Number: 10, वे 10 नंबर की जर्सी पहन कर अपनी टीम की तरफ से खेलते थे।
1979 मे डियागो माराडोना ने फीफा वर्ल्ड कप यूथ चैंपियनशिप को जीतने में अर्जेंटीना की ओर से बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। यह माराडोना की सबसे पहली बड़ी कामयाबी थी जिसके लिए उन्हें गोल्डन बॉल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इसके बाद माराडोना ने अपने देश के लिए 4 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बने- वर्ष 1982, 1986, 1990 और 1994।
वर्ष 1986 में अपनी टीम को विजयी बनाया था। 1994 के मैच को पूरा नहीं कर सके थे क्योंकि उन्हें एफेड्रिन ड्रग पॉजिटिव होने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था।
माराडोना ने बहुत सारे क्लब के लिए भी फुटबॉल खेला है जिनमें- अर्जेंटीनोस जूनियर, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नेवल ओल्ड बॉयज, नापोली आदि है।
1986 के क्वार्टर फाइनल, अर्जेंटीना बनाम इंग्लैंड मे पहले ही गोल मैडोना के हाथ से लग कर गोल पोस्ट में चली गई और रेफ्री को लगा कि बॉल उनके सर से टकराकर गई है। जिसके कारण उस गोल को ‘द हैंड ऑफ गॉड‘ के नाम से जाना जाता है।
नापोली में माराडोना ने प्रसिद्धि हासिल की उनके कारण ही उनकी टीम सफल हो गई थी। माराडोना के नेतृत्व में रहकर नापोली ने सीरी ए (Serie A) इटालियन चैंपियनशिप 1986-87 और 1889-1890 जीता और इसके साथ ही दो बार लीग में दूसरे स्थान पर आए थे। माराडोना के कारण नापोली को बहुत से सम्मान मिले जिनमें 1987 में कोपा इटालिया (Coppa Italia), 1989 मे UEFA कप का और 1990 इटालियन सुपर कप है।
माराडोना ने इंटरनेशनल करियर में 91 मैच खेले और 34 गोल किए, साथ ही 4 फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट खेले। इसमें शामिल 1986 वर्ल्ड कप के बाद कप्तान भी रहे थे।
डिएगो माराडोना की खास उपलब्धियां–
फीफा विश्व कप 1986 विश्व कप में गोल्डन बॉल से सम्मानित होने वाले पहले खिलाड़ी थे।
2002 में फीफा ने माराडोना को सदी का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर घोषित किया था।
1986 में मेक्सिको के विश्व कप में यह कप्तान रहे और अर्जेंटीना को इन्होंने फीफा चैंपियन बनाया था।
1979 में उन्हें दक्षिण अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया था।
माराडोना ने अपने फुटबॉल के करियर में कुल 312 गोल किए है।
2002 के फीफा पोल के द्वारा 1986 में उनके द्वारा किए गए दूसरे गोल को ‘बेस्ट गोल एवं स्कोर इन वर्ल्ड कप‘ यानी वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे बेहतरीन गोल बताया गया था।
2010 में टाइम्स ने माराडोना को वर्ल्ड कप के 10 बेहतरीन खिलाड़ियों में गिना था।
माराडोना ने 2000 में लिखी अपनी आत्मकथा यू you soy El Diego यानी ‘आई एम दी डिएगो’ लिखी जो उनके देश में सबसे अधिक बिकने वाली किताब बन गई थी। 2 वर्ष के बाद माराडोना ने इस पुस्तक को क्यूबन रॉयल्टी ‘दी क्यूबन पीपल एंड फीदेल’ को दान कर दी थी।
https://helphindime.in/diego-maradona-biography-in-hindi/
उपसंहार
डिएगो माराडोना विश्व के सबसे प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी मृत्यु पर हर कोई शोक मना रहा है। उनकी मृत्यु पर भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान व बीसीसीआई अध्यक्ष और सौरव गांगुली ने ट्वीट करके कहा ‘मेरे हीरो नहीं रहे। मैंने आपके लिए फुटबॉल देखा’।
माराडोना भले ही आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन विश्व फुटबॉल में उनके द्वारा किये गए योगदान को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
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नीचे की तस्वीर 1948 में लंदन ओलिंपिक खेल रही भारतीय फुटबॉल टीम की है। – आजाद भारत की फुटबॉल टीम के पास इतने पैसे नहीं थे कि जूते खरीद सकें। – कुछ खिलाड़ी जुराबें (socks) पहनकर खेलते थे और बाकी नंगे पांव। – यह वो समय था जब प्रधानमंत्री नेहरू के परिवार के कपड़े ड्राईक्लीन होने पेरिस जाते थे। – पहले मैच में भारत ने फ्रांस को 1-1 से बराबर रखा। आखिरी मिनट में गोल से भारत हार गया। – शानदार खेल के लिए भारतीय खिलाड़ियों को दर्शकों ने Standing Ovation दिया था। – इसके बाद टीम ने 1950 में ब्राजील में फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल के लिए क्वालीफाई किया। – लेकिन आखिरी वक्त में टीम को भेजने से मना कर दिया गया। – देश को बताया गया कि फीफा ने नंगे पांव (Barefoot) फुट���ॉल खेलने पर पाबंदी लगा दी है। – आयोजकों को बताया गया कि भारत गरीब देश हैं, वहां तक आने के पैसे हमारे पास नहीं। – फीफा ने कहा कि वो चाहते हैं कि भारत जैसी प्रतिभावान (Talented) टीम वर्ल्ड कप में आए। – उन्होंने सभी भारतीय खिलाड़ियों के आने-जाने और ठहरने का खर्चा उठाने का एलान किया। – लेकिन नेहरूजी की सरकार ने टीम नहीं भेजी। (तब एसोसिएशन सरकार के तहत था) – वर्ल्ड कप की तैयारी कर रही टीम का मनोबल बुरी तरह से टूट गया। – तब से आज तक भारत कभी भी फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका। – उसके बाद भी फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों को जूते नहीं दिए गए। – उस दौर में भारतीय टीम के कैप्टन शैलेंद्रनाथ मन्ना वर्ल्ड के टॉप-10 कप्तानों में से एक थे। – कुछ साल बाद उन्होंने भारतीय फुटबॉल टीम के साथ हुए इस धोखे की कहानी बता दी। – आज भारत में 7 मेन फुटबॉल स्टेडियमों में से 3 के नाम चाचाजी नेहरू के नाम पर हैं। – एक स्टेडियम चाचाजी की बेटी इंदिरा गांधी के नाम पर है। – भारत में जब फीफा का अंडर-17 वर्ल्ड कप हुआ तो विदेशी खिलाड़ियों ने समझा कि जवाहरलाल नेहरू शायद भारत के ग्रेटेस्ट फुटबॉलर होंगे। – आज 70 साल बाद देश के असली ग्रेटेस्ट फुटबॉलर शैलेंद्रनाथ मन्ना को कोई नहीं जानता। दुखद । https://www.instagram.com/p/CBO24LTApI4/?igshid=1rg3nuxeefmho
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कोरोना वायरस की वजह से 21 वर्षीय युवा फुटबॉल कोच फ्रांसिस्को गार्सिया की मौत
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. स्पेनिश फुटबॉल कोच फ्रैंसिस्को ग्रासिया की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई है, वह 21 साल के थे। फ्रांसिस्को गार्सिया मलागा के क्लब एथलेटिको पोर्टाडा की जूनियर टीम के कोच थे। इस मामले में क्लब ने जानकारी दी कि उन्होंने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, वह कैंसर का इलाज भी करवा रहे थे। इस दौरान कोरोना ने उनपर हमला कर दिया। पहले से ही वह एक बीमारी की चपेट में थे और ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी। अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। कोरोना के चलते मरने वाले गार्सिया सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। एटलेटिको पोर्टाडा अल्टा ने गार्सिया के निधन के बारे में इंस्टाग्राम पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया कि, 'आज हमने अपने कोच फ्रांसिस्को गार्सिया को खो दिया। हम उनके परिवार, दोस्तों और करीबी दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं।' बता दें, कोरोना के चलते बड़े-बड़े खेल के आयोजन रद्द कर दिए गए हैं उनकी तारीख आगे बढ़ दी गई है। कहीं-कहीं मैच हो भी रहे हैं तो चारों ओर से बंद क्षेत्र में और बिना दर्शकों के। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज के शेष दोनों मैच कोरोना वायरस के खतरे के चलते रद्द कर दिए गए। अब यह सीरीज फिर नए शेड्यूल के साथ आयोजित की जाएगी। ये भी पढ़े... ट्रेनों में भी कोरोना वायरस का डर, यात्रियों को कंबल नहीं देगा मध्य और पश्चिमी रेलवे कोरोना वायरस आपदा घोषित, मौत पर 4 लाख का मुआवजा देने का ऐलान, 3 घंटे में सरकार ने वापस लिया आदेश भारत में कोरोना वायरस के 75 मामले आए सामने, पीएम मोदी बोले- घबराएं नहीं, सावधानी बरतें Read the full article
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FIFA World Cup Qualifiers: 'Improved' India ready for tough Oman test today
FIFA World Cup Qualifiers: भारत का पहला मैच आज ओमान से, सुनील छेत्री से उम्मीदें
हाईलाइट
फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर के अपने पहले मैच में गुरुवार को गुवाहाटी में भारत का मुकाबला ओमान से होगा
यह मुकाबला शाम 7.30 बजे से शुरू होगा
भारतीय फुटबॉल टीम फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर के अपने पहले मैच में गुरुवार को गुवाहाटी में ओमान से भिड़ेगी। यह मुकाबला शाम 7.30 बजे शुरू होगा। वर्ल्ड रैंकिंग में 103वें नंबर पर काबिज ओमान के खिलाफ भारत का यह मुकाबला आसान नहीं होने वाला है।
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एएफसी एशियन कप की शुरूआत एएफसी एशियन कप फुटबॉल प्रतियोगिता में आज भारत, थाईलैंड के खिलाफ़ अपने अभियान की शुरूआत करेगा। 24 टीम वाले इस टूर्नामेंट में भारत के पास नॉक आउट राउंड में पहुंचने का अच्छा मौका है। एएफसी एशियन कप फुटबॉल का 17वां सीजन कल शुरू हो गया है। आज भारत का मुकाबला थाईलैंड से है भारत और थाईलैंड के बीच अब तक कुल 24 मैच हो चुके हैं। इनमें से थाईलैंड ने 12, भारत ने 5 मैच जीते। 7 मैच ड्रॉ रहे। पिछली बार दोनों के बीच 2010 में मैच हुआ था, जब थाईलैंड ने दोनों लेग 2-1 और 1-0 के अंतर से जीते थे। भारत ने पिछली बार 1986 में थाईलैंड को हराया था। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के 63 साल के इतिहास में चौथी बार क्वालिफाई किया है। पिछले 3 में से 2 मौकों पर भारतीय टीम ग्रुप राउंड से भी आगे नहीं बढ़ सकी है।
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भारत बनाम सिंगापुर लाइव, हंग थिन्ह टूर्नामेंट: छेत्री, कोलाको भारत के लिए शुरू; लाइव स्ट्रीमिंग जानकारी; कब, कहाँ देखना है; आँकड़े
भारत बनाम सिंगापुर लाइव, हंग थिन्ह टूर्नामेंट: छेत्री, कोलाको भारत के लिए शुरू; लाइव स्ट्रीमिंग जानकारी; कब, कहाँ देखना है; आँकड़े
स्पोर्टस्टार के भारत बनाम सिंगापुर मैच के लाइव ब्लॉग में वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी के थोंग न्हाट स्टेडियम से लाइव मैच में आपका स्वागत है। भारत बनाम सिंगापुर : आमने-सामने का रिकॉर्ड !! भारत और सिंगापुर ने सभी प्रतियोगिताओं और मैत्री मैचों में 26 बार खेला है। भारत ने 12 गेम जीते हैं जबकि सिंगापुर ने 11 जीते हैं। तीन गेम ड्रॉ में समाप्त हुए हैं। लाइनअप शुरू हो रहा है! भारत इलेवन: गुरप्रीत…
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भारत ने जीता अंडर 18 सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब
भारत ने जीता अंडर 18 सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब
भारत ने अंडर 18 सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप 2019 का खिताब जीता लिया। काठमांडू में हुए इस फाइनल में भारतीय टीम ने बंग्लादेश को 2-1 से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया।
भारतीय अंडर-18 फुटबाल टीम ने सैफ चैम्पियनशिप 2019 का खिताब जीत लिया है। आज खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने बंग्लादेश को 2-1 से हराकर खिताबी जीत हासिल की। भारतीय टीम ने के लिए रवि बहादुर राना ने मैच के अतिरिक्त समय में विजयी गोल…
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मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ किया तीन साल का अनुबंध विस्तार Divya Sandesh
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मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ किया तीन साल का अनुबंध विस्तार
मुंबई। इंडियन सुपर फुटबॉल लीग (आईएसएल) क्लब मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ है। प्रांजल मई 2024 तक क्लब में बने रहेंगे। असम में जन्मे, प्रांजल ने गुवाहाटी में विभिन्न क्लबों के लिए खेलते हुए अपनी फुटबॉल यात्रा शुरू की और फिर अंडर-18 से पहली टीम में आई लीग में डीएसके शिवाजीयंस में रैंक के माध्यम से आगे बढ़े। उन्होंने भूटान में 2017 अंडर-18 सैफ चैंपियनशिप में युवा स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और टूर्नामेंट में चार में से तीन मैच खेले। 18 साल की उम्र में, प्रांजल को 2017 के आईएसएल ड्राफ्ट में मुंबई द्वारा चुना गया था, जो एक विकासात्मक खिलाड़ी ���े रूप में क्लब में शामिल हुए। प्रांजल ने चार वर्षों में मुंबई के साथ अपना विकास जारी रखा है। उन्होंने मुंबई के लिए 25 मैच खेले और क्लब के लिए एक गोल किया। यह गोल उन्होंने आईएसएल में 2018 में केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ किया था और वह गोल उन्होंने 30 गज की दूरी से दागा था। प्रांजल ने हाल ही में समाप्त हुए 2020-21 सीजन में कोच सर्जियो लोबेरा के तहत चार मैच खेला और विशेष रूप से एटीके मोहन बागान के खिलाफ लीग चरण के अंतिम मैच में सीजन की पहली शुरुआत की।
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क्लब के साथ करार विस्तार पर प्रांजल ने कहा, “पिछले चार वर्षों से, मुंबई सिटी मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा रहा है। मैंने वर्षों से जिन विभिन्न कोचों के साथ काम किया है, उनसे मैं मैंने अमूल्य अनुभव प्राप्त किया है। इसके अलावा, क्लब ने मुझ पर विश्वास किया है और मैं यह व्यक्त नहीं कर सकता कि मैं उनका कितना आभारी हूं। मैं केवल 22 वर्ष का हूं, मुझे सीखने और हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। मुझे उम्मीद है कि मैं प्रबंधन, कोच सर्जियो लोबेरा, अपने साथियों और अपने प्रशंसकों के भरोसे पर खरा उतरूंगा।”
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वहीं, करार विस्तार पर मुख्य कोच सर्जियो लोबेरा ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रांजल भारत के सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिभाओं में से एक हैं। हम उसे हर दिन प्रशिक्षण में देखते हैं और वह जो गुणवत्ता और क्षमता दिखाता है वह वास्तव में हमें भविष्य के लिए उत्साहित करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह एक अद्भुत व्यक्तित्व वाला है। वह एक उत्कृष्ट पेशेवर है जो सीखने के लिए दृढ़ है। उनके रवैये से उन्हें उनके करियर में काफी मदद मिली। हमें खुशी है कि वह मुंबई सिटी के साथ बने रहेंगे और मैं उनके साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।”
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