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इंद्रायण के फायदे और नुकसान
इंद्रायण एक बारहमासी लता (बेल) है, जो भारत के बलुई क्षेत्रों के खेतों में उगाई जाती है। इंद्रायण के तीन प्रकार हैं। बड़ी इंद्रायण, छोटी इंद्रायण और लाल इंद्रायण। इसकी हर प्रकार की बेल पर लगभग 50-100 फल लगते हैं, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। इंद्रायन से प्राप्त लाभों में घावों को ठीक करना, मुंहासों का उपचार, कब्ज का इलाज, जोड़ों का दर्द, बवासीर, आदि शामिल हैं।
आयुर्वेद में इंद्रायण का महत्व-
आयुर्वेद के अनुसार इंद्रायण में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अनगिनत बीमारियों के उपचार में सहायता करते हैं। इंद्रायण का वानास्पतिक नाम सिटुल्स कोलोसिंथिस (Citrullus colocynthis) है। जिसे कोलोसिंथ (Colocynth) के नाम से भी जाना जाता है। इंद्रायण का फल तरबूज के परिवार से संबंध रखता है, जो बुखार से निदान दिलाने, सूजन को कम करने, रक्त को साफ करने, कफ निसारक और मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में सहायता करता है। प्रकृति से इंद्रायण तीखा और गर्म होता है, जो रेचक (पेट साफ़ करने), पित्तकफ, कामला (पीलिया), खांसी, सांस संबंधी समस्या, पेट के रोग, गांठ, व्रण (घाव), गुल्म (वायु का गोला), गलगण्ड (कंठमाला), प्रमेह (डायबिटीज), आमदोष (गठिया), अपच, अश्मरी (पथरी), श्लीपद (Filaria) और ज्वर आदि बीमारियों में लाभदायक होता है।
इंद्रायण के फायदे
इंद्रायण की जड़, पत्ते और फलों में कई पौष्टिकारक गुण होते हैं, जो स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। आइए जाने इन्द्रायन के कुछ अन्य स्वास्थ्य लाभों के बारे में-
कब्ज में लाभदायक-
इंद्रायण क�� कब्ज की समस्या के लिए फायदेमंद औषधि माना जाता है। इसका फल कब्ज और पेट की तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इंद्रायण फल रस निकालकर उसमें एक चौथाई चम्मच हींग, अजवाइन, इलायची, खड़ा नमक (rock salt) आदि मिलाएं। अब इस मिश्रण की एक चौथाई चम्मच को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से कब्ज से जल्द छुटकारा मिलता है।
मधुमेह में फायदेमंद-
इंद्रायण में एंटी-डाइबेटिक गुण होते हैं, जो मधुमेह को कम करने में मदद करते हैं। मुख्य रूप से इंद्रायण टाइप 2 मधुमेह (Type 2 diabetes) के रोगीयों के लिए अधिक फायदेमंद होता है। इसलिए टाइप 2 मधुमेह से ग्रस्त रोगीयों को इंद्रायण का सेवन करना चाहिए।
बवासीर के उपचार में कारगर-
इंद्रायण के औषधीय गुण बवासीर को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके लिए इंद्रायण की जड़ और पिप्पली को पीसकर, छोटी गोलियां बना लें। इन गोलियों को सूरज की रोशनी में सुखाकर, पानी के साथ सेवन करें। नियमित रूप से ऐसा करने से बवासीर का प्रभाव कम होता है।
मुंहासों को कम करने सहायक-
इंद्रायण का प्रयोग कील-मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी किया जाता है। इसके लिए इंद्रायण की जड़ों को पीसकर रस निकाला जाता है। इस रस को मुंहासों पर लगाने से मुंहासों में मौजूद बैक्टीरिया मरने लगता और मुंहासे ठीक होने लगते हैं।
दर्द और सूजन को कम करने में मददगार-
इंद्रायण ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों की बीमारी) के दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करता है। दरअसल इंद्रायण की जड़ के रस में इथेनॉल (ethanol) होता है। जिसके सेवन से सूजन वाली कोशिकाओं में प्रो-इंफ्लामेटरी साइटोकिन्स (pro-inflammatory cytokines) का स्तर कम हो जाता है। परिणामस्वरूप जोड़ों की सूजन और दर्द कम हो जाता है।
आंतों के कीड़ों के उपचार में फायदेमंद-
इंद्रायण जड़ी-बूटी का उपयोग पेट की समस्याओं को दूर करने बड़े पैमाने पर किया जाता है। इंद्रायण आंतों के कीड़ों को दूर करना में भी कारगर औषधि है। इसके लिए इंद्रायण की जड़ों को धोने और सुखने के बाद पीसकर पाउडर तैयार कर लें। सुबह के समय एक गिलास पानी में चुटकीभर पाउडर मिलाकर सेवन करने से आंतों के कीड़ों नष्ट होने लगते हैं।
बालों के लिए लाभदायक-
इंद्रायण को बालों के विकास के लिए टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा इंद्रायण तेल को सिर में लगाने से भी बालों का तेज विकास होता है। साथ ही बालों के झड़ने और सफेद बाल की समस्या भी कम होती है।
सिरदर्द से राहत दिलाने में मददगार-
तनाव एवं सिरदर्द होने पर इंद्रायण फल के रस को सर पर लगाने या इसकी जड़ के छाल को तिल के तेल में उबालकर, ��स्तक पर लगाकर मालिश करने से सिरदर्द में आराम मिलता है।
स्तन के सूजन के इलाज में फायदेमंद-
किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के कारण स्तन में आई सूजन पर इंद्रायण की जड़ को पीसकर लेप करने से स्तन की सूजन कम होती है।
पेट की बीमारियों के इलाज में लाभकारी-
इंद्रायण का औषधीय गुण पेट संबंधी विभिन्न बीमारियों को दूर करने में लाभप्रद होता है-
इंद्रायण का मुरब्बा पेट की समस्याओं में आराम करता है।
ताजे इंद्रायण फल के गूदे को गरम पानी के साथ और सूखे गूदे को अजवायन के साथ खाने से पेचिश (Dysentery) में आरम मिलता है।
इंद्रायण फल के गुदे को गरम करके पेट पर बांधने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं।
फोड़ा के इलाज में लाभकारी-
इंद्रायण का औषधीय गुण फोड़ों के इलाज में लाभकारी होता है। सर्दी-गर्मी से शरीर पर फोड़े हो जाते हैं। ऐसे में इंद्रायण के फल को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर लगाने से फूंसी- फोड़े ठीक होने लगते हैं। इसके अतिरिक्त लाल और बड़ी इंद्रायण की जड़ों को बराबर मात्रा में पीसकर लेप के रूप में फोड़े पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
इंद्रायण के नुकसान
अधिक मात्रा में इंद्रायण का सेवन करना आंतों के नुकसान और रक्तस्राव से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है।
इंद्रायण के अधिक सेवन कभी-कभी गंभीर दस्त की दिक्कत भी हो सकती है।
गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इंद्रायण का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
स्वास्थ्य समस्या की दवाओं के साथ इंद्रायण का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें।
कहां पाया जाता है इंद्रायण?
पूरे भारत के बलुई क्षेत्रों (रेगितानी मिटटी) में इंद्रायण की बेल पाई जाती है। कई बार यह खेतों में अपने आप भी उग जाती है तो कई जगह पर इसकी खेती भी की जाती है। इंद्रायण बेल की लंबाई 20 से 30 फुट तक होती है।
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मौसम विभाग का ने जारी किया बयान 15 सितंबर से पड़ने लगेगी ठंड, नई दिल्ली : मानसून अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और जाते-जाते मानसून इन दिनों जमकर बरस रहा है। इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्से में जमकर बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) की मानें तो 10 सितंबर तक मौसम का यही हाल बना रहेगा। इसके बाद मौसम में बदलाव आनी शुरू होगी। यानी 15 सितंबर के बाद से उत्तर भारत में गुलाबी ठंड पड़नी शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग की मानें तो 15 सितंबर से मौसम में परिवर्तन होना शुरू हो जाएगा। बादल कम होते जाएंगे और इस माह के मध्य में मानसून की विदायी पूरी तरह से हो जाएगी। इसके बाद गुलाबी ठंड पूरी तरह दस्तक दे देगी। https://www.instagram.com/p/CToQY0OplOe/?utm_medium=tumblr
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भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के दूसरे पखवाड़े में देखने को मिल सकती
भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के दूसरे पखवाड़े में देखने को मिल सकती
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अगस्त के मध्य में कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और देश में कोविड-19 (COVID-19) के मामले सितंबर में चरम पर पहुंच जाएंगे, जबकि देश अभी भी दूसरी लहर से लड़ाई लड़ रहा है। एसबीआई रिसर्च ने 5 जुलाई को ‘कोविड-19: रेस टू फिनिशिंग लाइन’ नाम से रिपोर्ट जारी की है। एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्या…
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#covid vaccine#Covid-19 cases#COVID-19 third wave#india#SBI report#SBI Research#State Bank of India#third wave of coronavirus
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बड़ी खबर: ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद अब Yellow फंगस ने भारत में दी दस्तक, यह मिला पहला मरीज
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कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में सामने आ रहे है म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) बीमार�� के केस भारत में तेजी से ब��़ते जा रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद अब यलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है। जी हां उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में यलो फंगस का पहला मामला सामने आया है। मरीज की उम्र 45 वर्ष बताई जा रही है, वो कुछ दिन पहले ही कोरोना से स्वस्थ हुआ था।…
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आमेजन ने भारत को दिया धोखा, पीएम मोदी पर की ये टिप्पणी : दस्तावेज से खुलासा
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रायटर्स की रिपोर्ट में अमेजन के कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें इस बात का उल्लेख है कि दिग्गज ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म ने भारतीय नियामकों को धोखे में रखा और गोपनीय रणनीति बनाई. आमेजन (Photo Credit: File) दिल्ली : भारतीय रिटेलर समूह ने सरकार से Amazon.com के स्थानीय व्यापर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. अमेजन के द्वारा भारत में व्यापार करने के लिए कुछ ब्रांड के लिए ज्यादा तरजीह देने के बात कही…
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चीन के खिलाफ शक्ति संतुलन बनाने का काम करेगा सशक्त भारत : US दस्तावेज
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दस्तावेज में कहा गया है, भारत सुरक्षा मामलों पर अमेरिका का पसंदीदा साझेदार है (प्रतीकात्मक फोटो) खास बातें कहा, भारत में चीन की उकसाऊ कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता सुरक्षा मामलों में भारत है अमेरिका का पसंदीदा साझेदारी हिंद प्रशांत की सुरक्षा बनाए रखरने में भारत निभा रहा भूमिका वॉशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान ट्रंप प्रशासन ने सार्वजनिक किए गए एक दस्तावेज में कहा है कि भारत में सीमा पर चीन…
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Live update: तूफान निसर्ग के कारण मुंबई में अलर्ट जारी, 120 किमी की गति से चल सकती है हवा
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
Live update: चक्रवाती तूफान अम्फन के बाद एक और तूफान भारत में दस्तक दे रहा है. चक्रवाती तूफान निसर्ग तेजी से महाराष्ट्र और गुजरात के तटों की ओर बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान के असर से अगले 12 घंटों में 100 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के अलावा भूस्खलन भी हो सकता है.मौसम विभाग के मुताबिक बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराएगा.इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया था.इस बार मामला अलग दिख रहा है.साफ़ है ये साल महाराष्ट्र के लिए बड़ी-बड़ी चुनौतियां लेकर आया है.
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भारत ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मंच से लगाईं गुहार, कहाँ से आया कोरोना वायरस
नई दिल्ली : दुनिया में फैले वायरस कोरोना को लेकर अब भारत भी वायरस के स्रोत का पता लगाने की मांग करने वाले दुनिया के उन 62 देशों की मुहिम का हिस्सा बन गया है जो इस बात से पर्दा उठाना चाहते हैं कि आखिर ये जानलेवा वायरस कैसे और कहां से आया। भारत ने भी 62 देशों के साथ मिलकर दुनिया को संकट में डालने वाले कोरोना वायरस के स्रोत की निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक जांच की मांग की है। डब्ल्यूएचओ की विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) की वार्षिक बैठक के लिए खास मसौदा तैयार किया गया है। भारत ने यूरोपीय देशों व ऑस्ट्रेलिया की मुहिम को समर्थन देते हुए जांच की मांग वाले दस्तावेज पर दस्तखत भी कर दिए हैं।
आपक�� बता दें कि इसको लेकर कई देशों की सीधी अंगुली चीन की ही तरफ उठी है। इसमें अमेरिका का नाम सबसे आगे है जो कई बार चीन को इसके लिए दोषी ठहरा चुका है। इतना ही नहीं खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वायरस को चीनी वायरस बताकर कह चुके हैं कि इसको चीन ने तैयार किया और वहां से ही ये फैला है। हालांकि अमेरिका समेत कई देशों में हुई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ये वायरस किसी भी तरह से लैब में तैयार नहीं किया या बल्कि पूरी तरह से प्राकृतिक है। ज्यादातर रिसर्च में इसका स्रोत चमगादड़ों को बताया गया है। रिसर्च में ये भी सामने आया है कि चमगादड़ों ने कोरोना के सैकड़ों वायरस मौजूद होते हैं जिनका पता पहले लगाया जा चुका है। बहरहाल, इतने देशों के एक साथ आने पर चीन के खेमे में खलबली मचना लाजिमी माना जा रहा है।
आपको बता दें कि भारत ने पहली बार किसी महामारी के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंच के समक्ष अपना रुख स्पष्ट किया है। इस वायरस से पूरी दुनिया में जहां 49 लाख से अधिक मरीज संक्रमित हैं वहीं 3.20 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत के इस रूख का संकेत पहले ही मिल भी चुका था। यहां पर आपको ये भी बता देना जरूरी होगा कि जी-20 सम्मेलन में भारत ने डब्ल्यूएचओ में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने की बात कही थी। सोमवार को जब डब्ल्यूएचओ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी जब शुरुआत हुई तो दुनियाभर के राजनेताओं ने इसको लेकर अपनी बातें सामने रखीं। सभी इस पर चीन का रुख भी जानना चाहते थे जो अब तक इस वायरस के स्रोत को लेकर खुद को पाक-साफ बताता आया है। चीन का कहना था कि उसने महामारी से जुड़े सभी आंकड़े समय पर उपलब्ध कराए और महामारी पर नियंत्रण और उपचार के अनुभव को साझा किया।
इसकी शुरुआत यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने की थी। उन्होंने कोरोना महामारी के प्रकोप को बढ़ने के लिए कहीं न कहीं देशों को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कई देशों ने डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों की अनदेखी की, जिसका खामियाजा सभी उठा रहे हैं। कोरोना की उत्पत्ति से जुड़े सवालों पर उन्होंने कहा कि वह महामारी को लेकर सामने आई संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की प्रतिक्रिया के मद्देनजर वह एक स्वतंत्र आकलन शुरू करेंगे। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की जनवरी से अप्रैल के बीच महामारी पर प्रतिक्रिया को लेकर एक स्वतंत्र निरीक्षण सलाहकार निकाय ने पहली अंतरिम रिपोर्ट प्रकाशित की। भारत की तरफ ��े इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हिस्सा लिया था।
https://kisansatta.com/india-invoked-from-international-stage-for-the-first-time-where-corona-virus-came-from36186-2/ #IndiaInvokedFromInternationalStageForTheFirstTime, #WhereCoronaVirusCameFrom India invoked from international stage for the first time, where corona virus came from Corona Virus, International, Top, Trending #CoronaVirus, #International, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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हम सब भारत माँ के लाल, भेदभाव का कहाँ सवाल- शिवराज सिंह चौहान हम सब भारत माँ के लाल, भेदभाव का कहाँ सवाल- शिवराज सिंह चौहान कोरोना के विश्वव्यापी कहर ने भारत में दस्तक दी ही थी कि हमारे युगद��ष्टा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसके संकट को पहचान कर पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया। इससे कोरोना का फैलाव रुका, लोगों में जागरूकता आई और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए समय मिल गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि समय पर लॉक डाउन न हुआ होता तो अब तक लाखों लोग संक्रमित हो गये होते और न जाने कितने हजार अपने प्राणों से हाथ धो बैठते। इसके अलावा कोई चारा ही नहीं था। जान है तो ही जहान है।
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दूर होंगे इनकम टैक्स से जुड़े कन्फ्यूजन, जान लें इन 6 सवालों के जवाब - Income tax claim tax benefit tuition fees standard deduction tut
वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले नौकरीपेशा लोगों से कंपनियां इन्वेस्टमेंट प्रूफ मांग रही हैं. वहीं लोगों में इसको लेकर कई तरह के कन्फ्यूजन हैं. अधिकतर लोगों को यह नहीं समझ में नहीं आ रहा कि वह इन्वेस्टमेंट प्रूफ में क्या-क्या दे सकता है. तो वहीं बहुत ऐसे भी लोग हैं जो स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर कन्फ्यूज हैं. आज हम इस रिपोर्ट में आपकी इस कन्फ्यूज को दूर करने वाले हैं.
1. सवाल – इन्वेस्टमेंट प्रूफ क्यों मांग रही कंपनियां ?
जवाब- दरअसल, इन्वेस्टमेंट प्रूफ के जरिए कंपनियां आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इं��ेस्टमेंट की जानकारी लेती हैं. कंपनी ऐसा आपको टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए करती हैं. ऐसे में एक निश्चित तारीख तक आपको इन्वेस्टमेंट प्रूफ की कॉपी अपनी कंपनी को देनी होगी. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपकी सैलरी कट सकती है.
2. सवाल- इन्वेस्टमेंट प्रूफ में क्या-क्या दे सकते हैं ?
जवाब – इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर अपने लाइफ या हेल्थ पॉलिसी या फिर टैक्स सेविंग निवेश की रसीद देती पड़ेगी. वहीं किराए के मकान में रहने वाले लोगों को किराए के घर की रसीद जमा करानी होती है. इसके अलावा होम लोन ले रखी है तो इससे जुड़े दस्तावेज भी कंपनी को देने होंगे.
3. सवाल- क्या ट्यूशन फीस भी दे सकते हैं ?
जवाब – इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर आप बच्चों की ट्यूशन फीस भी दे सकते हैं. लेकिन इसकी कुछ शर्तें भी हैं. पहली शर्त के मुताबिक सिर्फ भारत सरकार के साथ रजिस्टर्ड स्कूल, कॉलेज या अन्य शिक्षा संस्थान में दाखिले के समय या वित्त वर्ष में किसी भी समय भरी गई फीस टैक्स लाभ के लिए मान्य हैं. इसके अलावा यह छूट सिर्फ दो बच्चों की स्कूल फीस तक ही सीमित है. अगर माता-पिता दोनों ही जॉब में हैं, तो वे अलग-अलग तरीके से इस छूट का फायदा उठा सकते हैं. कई बार अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा भी कई प्रकार के शुल्क जमा कराने होते हैं. बता दें कि आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है.
4. सवाल – स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या होता है?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी सालाना कमाई का वो हिस्सा है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इस छूट का फायदा उठाने के लिए आपसे आयकर विभाग किसी भी तरह का डॉक्युमेंट भी नहीं मांगता है. आसान भाषा में समझें तो आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली 40 हजार रुपये तक की छूट का कोई इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी.
5. सवाल- कैसे तय होगा स्टैंडर्ड डिडक्शन ?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन वो एक एकमुश्त रकम है जिसे सैलरी से हुई आपकी कुल कमाई में से घटा दिया जाता है और उसके बाद टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन किया जाता है. उदाहरण के लिए आपकी सालाना कमाई 5 लाख रुपये है तो आप इस रकम में से 40,000 रुपये तक (5 लाख -40 हजार = 4,60,000 ) कम कर लें. यानि आपकी 4 लाख 60 हजार रुपये की सालान इनकम टैक्सेबल है. आपको कितना स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, ये इस पर निर्भर करेगा कि आप टैक्स स्लैब के किस दायरे में आते हैं.
इस कैल्कुलेशन से समझें
सालाना इनकम – 5 लाख रुपये
स्टैंडर्ड डिडक्शन – 40,000 रुपये
टैक्सेबल इनकम – 4,60,000 रुपये (5 लाख -40 हजार)
टैक्स स्लैब- 5 फीसदी
6. सवाल- स्टैंडर्ड डिडक्शन का किसको कितना फायदा ?
जवाब- आम बजट 2018 में 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया था. स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होने से पहले मेडिकल अलाउंस के तौर पर 15 हजार और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के नाते 19200 रुपये मिलते थे. ये दोनों मिलाकर 34,200 रुपये होते थे. अब इसे स्टैंडर्ड डिडक्शन की 40 हजार रुपये से कम कर दें तो आपको सिर्फ 5800 रुपये का फायदा मिलता है. आसान भाषा में समझें तो आप अगर 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में आते हैं तो आपका टैक्स सिर्फ 290 रुपये बचता है. वहीं अगर 10 फीसदी टैक्स भर रहे हैं तो आपके 1160 रुपये बचेंगे जबकि 30 फीसदी का टैक्स दे रहे हैं तो 1740 रुपये बचा सकेंगे. बता दें कि इसका फायदा नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को सबसे ज्यादा मिलता है.
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माउंटबेटन की डायरी को सार्वजनिक नहीं करेगा ब्रिटेन, भारत और एडविना के राज को खुलने का डर? Divya Sandesh
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माउंटबेटन की डायरी को सार्वजनिक नहीं करेगा ब्रिटेन, भारत और एडविना के राज को खुलने का डर?
लंदन ब्रिटिश सरकार ने एक बार फिर से भारत में अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना माउंटबेटन की डायरी तथा पत्रों को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। इन पत्रों और डायरी को सार्वजनिक करने के लिए लेखक एंड्रयू लोवनी ने चार साल का समय और ढाई करोड़ रुपये खर्च किए। ब्रिटिश कैबिनेट और साउथहैंपटन यूनिवर्सिटी ने उनके इन प्रयासों पर पानी फेर दिया है। लेखक का मानना है कि इस डायरी से भारत के बंटवारे और एडविना के रिश्ते के बारे में कई राज खुल सकते हैं। इसी वजह से ब्रिटिश सरकार इन्हें सार्वजनिक नहीं कर रही है।
गार्डियन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2010 में लॉर्ड माउंबेटन की डायरी और एडविना के कुछ पत्रों को ‘देश के लिए सुरक्षित’ कर दिया गया था। साउथहैंपटन यूनिवर्सिटी ने ब्रॉडलैंड आर्काइब कहे जाने वाले इन पत्रों और डायरी को वर्ष 2010 में 2.8 मिलियन पाउंड में खरीदा था। इसको खरीदने के नाम पर यूनिवर्सिटी ने कई लोगों से फंडिंग लिया था। यूनिवर्सिटी ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि ये दस्तावेज लोगों की पहुंच में हों।
‘भारत के बंटवारे के बारे में नई जानकारी सामने आ सकती है’ माउंटबेटन पर किताब लिखने वाले एंड्रयू लोवनी का कहना है कि वह वर्ष 2017 से डायरी और एडविना के पत्रों को सार्वजनिक करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। यूनिवर्सिटी ने कहा है कि उसे सरकार की ओर से निर्देश मिला है कि कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं किया जाए। लोवनी ने कहा कि इन दस्तावेजों ��ें जरूर कुछ खास है जिसकी वजह से यूनिवर्सिटी और सरकार उन्हें सार्वजनिक करने से बचाने के लिए लाखों पाउंड खर्च कर रहे हैं।
लोवनी का मानना है कि इन दस्तावेजों से शाही परिवार और भारत के बंटवारे के बारे में नई जानकारी सामने आ सकती है। लॉर्ड माउंबेटन राजकुमार फिलीप के चाचा थे। माउंटबेटन की पत्नी एडविना का भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से करीबी संबंध था। इससे पहले ब्रिटेन के शाही बॉयोग्राफर फिलीप जेइगलर ने दावा किया था कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना के बाहरी लोगों के साथ संबंध थे।
‘पराई महिलाओं संग रात बिताते थे लॉर्ड माउंटबेटन’ फिलीप जेइगलर ने अपनी किताब ‘माउंटबेटन: द ऑफिशल बॉयोग्राफी’ में लिखा है, ‘एक बार माउंटबेटन ने स्वीकार किया था कि एडविना और मैंने अपना पूरा वैवाहिक जीवन दूसरों के बिस्तर में गुजारते हुए बिता दिया।’ माउंटबेटन की बेटी पामेला हिक्स ने भी अपनी किताब ‘डॉटर ऑफ एंपायर: लाइफ एज ए माउंटबेटन’ में कहा था कि उनके पिता का योला लेटेलिअर के साथ कई सालों तक प्रेम संबंध चला था। योला डेउविले के मेयर हेनरी की पत्नी थीं।
ब्रिटिश अखबार एक्सप्रेस के मुताबिक एडविना एक धनी परिवार से थीं और उनके पिता ब्रिटेन के सांसद थे। एडविना का कई मर्दों के साथ प्रेम संबंध था और वह उसे माउंटबेटन से छिपाती भी नहीं थीं। हिक्स ने अपनी मां को पुरुषों को आकृष्ट करने वाली महिला करार दिया था। पामेला हिक्स ने कहा कि उनकी मां के प्रेमी पूरे बचपन में ‘अंकल’ बनकर आते रहे। एंड्रू लोनी ने अपनी वर्ष 2019 में आई किताब में कहा था कि एडविना का लॉर्ड माउंटबेटन के साथ शादी के तीन साल बाद ही वर्ष 1925 में दूसरों के साथ प्रेम संबंध शुरू हो गया था। उनका कथित रूप से हूग मोल्यनेऑक्स के साथ 10 साल तक अफेयर चला था। इसके बाद एडविना का स्टीफन लॉडी के साथ संबंध शुरू हुआ जो काफी धनी थे और पोलो खेलते थे।
‘एडविना-पंडित जवाहर लाल नेहरू में था भावनात्मक रिश्ता’ माउंटबेटन की बेटी पामेला हिक्स ने अपनी किताब ‘डॉटर ऑफ़ एम्पायर’ में लिखा है कि उनकी मां और भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बीच प्रेम संबध था। उन्होंने कहा, ‘मेरी मां और पंडित नेहरू जी एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे। पुराना मुहावरा सोलमेट उन दोनों पर पूरी तरह लागू होता था। मेरे पिता बहुर्मुखी थे, जबकि मेरी मां अपने-आप में ही रहना पसंद करती थीं। वह बहुत लंबे समय तक विवाहित रहे थे और एक-दूसरे के बहुत नज़दीक साथी भी थे लेकिन इसके बावजूद मेरी मां अकेलेपन की शिकार थीं। इसी बीच उनकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो संवेदनशील, आकर्षक, सुसंस्��ृत और बेहद मनमोहक था। शायद यही वजह थी कि वह उनके प्यार में डूब गईं।’
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एयर एशिया मामले में ईडी ने जुटाए एफडीआइ मंजूरी के दस्तावेज
एयर एशिया मामले में ईडी ने जुटाए एफडीआइ मंजूरी के दस्तावेज
[ad_1] एजेंसी द्वारा हासिल की गईं फाइलें एयरलाइन की ओर से एफडीआइ के प्रस्ताव और विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) द्वारा एयर एशिया को प्रदान की गईं मंजूरियों से जुड़ी हुई हैं। [ad_2] Source link
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Live update: तूफान निसर्ग के कारण मुंबई में अलर्ट जारी, 120 किमी की गति से चल सकती है हवा
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
Live update: चक्रवाती तूफान अम्फन के बाद एक और तूफान भारत में दस्तक दे रहा है. चक्रवाती तूफान निसर्ग तेजी से महाराष्ट्र और गुजरात के तटों की ओर बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान के असर से अगले 12 घंटों में 100 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के अलावा भूस्खलन भी हो सकता है.मौसम विभाग के मुताबिक बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराएगा.इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया था.इस बार मामला अलग दिख रहा है.साफ़ है ये साल महाराष्ट्र के लिए बड़ी-बड़ी चुनौतियां लेकर आया है.
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भारत में दो दिन देरी से दस्तक देगा मानसून, जानिए IMD की भविष्यवाणी
भारत में दो दिन देरी से दस्तक देगा मानसून, जानिए IMD की भविष्यवाणी
नई दिल्ली। केरल में मानसून के आगमन में दो दिन की देरी हो सकती है और राज्य में अब 3 जून तक मानसून पहुंचने का अनुमान है। केरल में 3 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी है। यह अलग बात है कि निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी Skymet ने मानसून के केरल पहुंच जाने की बात कही है। इसके पहले IMD ने 31 मई को मानसून के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की थी। मौसम विभाग के…
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भगोड़े कारोबारी Mehul Choksi को पकड़ने की India की कोशिशें तेज, दस्तावेज लेकर डोमिनिका पहुंचा Private Jet
भगोड़े कारोबारी Mehul Choksi को पकड़ने की India की कोशिशें तेज, दस्तावेज लेकर डोमिनिका पहुंचा Private Jet
Mehul Choksi भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण के लिए सरकार की कोशिशें तेज हो गईं हैं. एंटीगुआ के कोर्ट में पेश करने के लिए एक निजी जेट दस्तावेज लेकर डोमिनिका पहुंच चुका है. मेहुल चोकसी (फाइल फोटो) . Source link
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मुंबई: BMC ने लोगों से आज घरों में ही रहने के लिए कहा
चक्रवात निसर्ग की दस्तक से पहले बीएमसी ने मुंबई वासियों को अपने घरों में ही रहने के लिए कहा है। घर से बाहर निकलने के लिए मना किया है। मुंबई ने बयान जारी कर कहा, “बेहतर होगा कि आप भारी वर्षा के दौरान घर पर रहें, लेकिन अगर किसी जरूरी काम से आपको अपनी कार चलाने की आवश्यकता है, तो यह सुनिश्चित करें कि आप अपने साथ हथौड़ा या ऐसी वस्तुएं लेकर चलें जो आपकी कार के दरवाजों को जाम होने की स्थिति में कांच को तोड़ने में आपकी मदद करे।”
While it’s best that you stay at home during heavy rainfall; but if, for some unavoidable reason, you need to drive your car, please ensure that you carry hammer or objects that can help you break glass in case your car doors get jammed: Brihanmumbai Municipal Corporation.#Mumbai https://t.co/teioqkpya4
— ANI (@ANI) June 3, 2020
दमन में NDRF की टीमें लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही हैं
Evacuation process conducted by NDRF teams in Daman: National Disaster Response Force. #CycloneNisarga pic.twitter.com/KhTeqGhgB6
— ANI (@ANI) June 3, 2020
महाराष्ट्र: रायगढ़ में 1500 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया
Around 15,00 evacuated citizens safely staying in a shelter in Thal, Alibaug, Raigarh: NDRF (National Disaster Response Force). #Maharashtra #CycloneNisarga pic.twitter.com/GK9hWZltKN
— ANI (@ANI) June 3, 2020
गुजरात: वलसाड में एनडीआरएफ की टीमों ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया
गुजरात के वलसाड में एनडीआरएफ की टीमों ने वलसाड तूफान ‘निसर्ग’ लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया।
NDRF teams conducted evacuation of population at Valsad, Gujarat: NDRF (National Disaster Response Force). #CycloneNisarga pic.twitter.com/tO31xGJ06r
— ANI (@ANI) June 3, 2020
महाराष्ट्र: नॉर्थ रत्नागिरी के क्षेत्रों में तेज हवा के साथ बारिश हो रही है
#WATCH Maharashtra: Strong winds and rain hit North Ratnagiri area. #CycloneNisarga pic.twitter.com/AhvTeTr01P
— ANI (@ANI) June 3, 2020
मुंबई की ओर बढ़ रहा ‘निसर्ग’, 120 किमी की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं, भारी बारिश का अलर्ट
चक्रवात अम्फन के बाद एक और तूफान भारत में दस्तक देने वाला है। चक्रवाती तूफान निसर्ग तेजी से महाराष्ट्र और गुजरात के तटों की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान के असर से अगले 12 घंटों में 100 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के अलावा भूस्खलन भी हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, बीती एक सदी में यह पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराएगा। इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था, लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमजोर पड़ गया था।
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