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#भारत के तीसरे राष्ट्रपति
slnkhabar · 2 years
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अब तक 8000 से अधिक की मौत
Turkey Syria Earthquake Updates: तुर्की सीरिया में सोमवार सुबह आए भूकंप से अब तक 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस आंकड़े के बढ़ने की पूरी आशंका है। रेक्स्यू टीमों ने लगातार तीसरे दिन बचाव अभियान चला रही है। भारत समेत अन्य देशों और संगठनों की टीम मलबों में जिंदगियां तलाशने में जुटी हैं। तुर्की के उप राष्ट्रपति फुआत ओकटे ने कहा कि भूकंप से 34,810 लोग घायल हुए हैं। बता दें कि सोमवार तड़के…
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भारत के तीसरे राष्ट्रपति, बिहार के पूर्व राज्यपाल, स्वाधीनता आंदोलन के सेनानी, स्वतंत्र भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षाविद्, 'भारत रत्न' डॉ जाकिर हुसैन जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।
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mwsnewshindi · 2 years
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चीन-भारत सीमा स्थिति 'आम तौर पर स्थिर': यांग्त्से संघर्ष पर चीन
चीन-भारत सीमा स्थिति ‘आम तौर पर स्थिर’: यांग्त्से संघर्ष पर चीन
छवि स्रोत: फ़ाइल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस में अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद सीमा पर यह पहली बड़ी घटना है। चीन ने मंगलवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेना के बीच झड़प के कुछ दिनों बाद भारत के साथ सीमा पर स्थिति “आम तौर पर स्थिर” थी,…
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vsplusonline · 5 years
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डॉ. जाकिर हुसैन: भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति जो जामिया का VC रहते लेते थे 80 रुपए सैलरी
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डॉ. जाकिर हुसैन: भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति जो जामिया का VC रहते लेते थे 80 रुपए सैलरी
डॉ. जाकिर हुसैन ने जर्मनी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की थी.
बर्लिन में इकॉनॉमिक्स में पीएच.डी कर रहे जाकिर हुसैन ने जामिया मिलिया को चलाने का दायित्व अपने कंधे पर लेना (1925) स्वीकार किया. तय हुआ कि 150 रुपए की तनख्वाह पर वे जामिया का काम संभालेंगे लेकिन 1928 यानी हकीम अजमल खां की मौत के बाद उन्होंने अपनी तनख्वाह घटाकर 80 रुपए महीना कर ली.
News18Hindi
Last Updated: February 8, 2020, 11:57 AM IST
आज भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (Dr. Zakir Husaain) की जयंती है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvpalli Radhakrishnan) के बाद डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति बने थे. वो 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक राष्ट्रपति पद पर रहे. 3 मई 1969 को उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी. हैदराबाद में जन्मे मूल रूप से अफगानी पश्तून परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. जाकिर हुसैन ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया. उनके जीवन से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं. इन्हीं किस्सों में से एक है जामिया में उनका वाइस चांसलर रहते महज 80 रुपए की सैलरी लेना.
कुछ ऐसा था माहौल वह 1920 का वक्त था और महात्मा गांधी जानते थे कि आजादी के आंदोलन को एक व्यापक आधार देना जरूरी है. देश के मुस्लिम समुदाय के भीतर अंग्रेजों के विरुद्ध दो अलग-अलग रुझानों के लोग संघर्ष कर रहे थे. कुछ की सोच थी कि अंग्रेजी राज इस्लाम विरोधी है, सो उसका हरचंद विरोध होना चाहिए जबकि कुछ पश्चिमी शिक्षा प्राप्त नवयुवक थे और बिल्कुल लोकतांत्रिक मिजाज से सोचते थे कि अंग्रेजों ने भारत को नाहक ही उपनिवेश बना रखा है, एक राजनीतिक समुदाय के रूप में भारतीयों को अपने फैसले खुद करने का अख्तियार है.
मुस्लिम समुदाय के भीतर अंग्रेजों की मुखालफत करने वाला यह दोनों तबका गांधी की तरफ मुड़ा और गांधी ने इस मौके को अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन में तब्दील कर दिया. गांधी के आह्वान था कि लोग अंग्रेजी राज के बनाये स्कूल-कॉलेज को छोड़ें, अंग्रेजियत की सीख से अपने दिमाग को धो डालें.
गांधी का असर उनके आह्वान के असर में जिन छात्रों और शिक्षकों ने नौकरी या पढ़ाई छोड़ी उनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक छात्र जाकिर हुसैन भी थे. खिलाफत आंदोलन और अंग्रेजों से असहयोग की रणनीति से उभरे जन-ज्वार को स्थायी रूप देने के लिए जाकिर हुसैन जैसे कई छात्रों और विद्वानों के एक समूह ने नए तर्ज के तालीम का एक संस्थान बनाने का फैसला लिया. वही संस्थान आज जामिया मिलिया इस्लामिया कहलाता है लेकिन आज के रूप तक आने से पहले उसे अपना वजूद बचाने की लड़ाई लड़नी पड़ी.एक तरफ सियासी संकट थे तो दूसरी तरफ आर्थिक मजबूरी. एक तो इस शिक्षा संस्थान के छात्रों और शिक्षकों ने सारे देश में चल रहे सत्याग्रह में हिस्सेदारी की और अंग्रेजों की जेल में बंद किए गए. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की इस्लामी धारा इस विश्वविद्यालय को अपने वजूद के लिए खतरे की तरह देख रही थी.
तुर्की के मुस्तफा कमाल पाशा ने 1924 में खिलाफत का खात्मा कर दिया और इससे पहले 1922 में गांधीजी भी असहयोग-आंदोलन वापस ले चुके थे. संस्थान के आगे चुनौती यह थी कि वो अपने को चलाए-बनाए रखे तो किस आधार पर. आर्थिक संकट अलग से थे. खिलाफत के जरिए मिलने वाली आर्थिक मदद खत्म हो चुकी थी. लेकिन गांधी डटे रहे, कहा कि विश्वविद्यालय चलेगा चाहे उसके लिए लोगों से भीख ही क्यों ना मांगनी पड़े.
मुस्तफा कमाल पाशा
ऐसे ही संकल्�� के साथ जामिया अलीगढ़ से दिल्ली के करोलबाग में आया, कुछ दिनों तक संस्थान को स्वदेशी शिक्षा के पैरोकार हकीम अजमल खां का सहारा रहा, वे संस्था के सह-संस्थापक और पहले वाइस चांसलर भी थे लेकिन उनकी मौत के बाद सवाल खड़ा हुआ कि आखिर ऐसा कौन है जो जामिया मिलिया को बचाने के लिए अपनी जिंदगी होम कर सके.
जामिया का संभाला जिम्मा संकट के ऐसे ही वक्त में बर्लिन में इकॉनॉमिक्स में पीएच.डी कर रहे जाकिर हुसैन ने जामिया मिलिया को चलाने का दायित्व अपने कंधे पर लेना (1925) स्वीकार किया. तय हुआ कि 150 रुपए की तनख्वाह पर वे जामिया का काम संभालेंगे लेकिन 1928 यानी हकीम अजमल खां की मौत के बाद उन्होंने अपनी तनख्वाह घटाकर 80 रुपए महीना कर ली.
जामिया का ह्यूमैनिटीज ऐंड लैंगुएज डिपार्टमेंट
जामिया को दिए इन 21 सालों ने ही जाकिर हुसैन को एक महान शिक्षाप्रेमी की शख्सियत अता की बल्कि यह कहना ठीक होगा कि जिन बातों को वे अपने बचपन से महसूस करते आ रहे थे, उन्हें जिंदगी के अमल और उसूल के रूप में साकार करना उनके लिए संघर्ष के इन सालों में संभव हो सका. ये भी पढ़ें कोरोना वायरस से मंडराया चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गद्दी पर खतरा दादा के बनाए कानून के शिकंजे में फंसे उमर अब्दुल्ला, जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट क्या है बोडो समझौता, जिसके जश्न में शामिल होने असम जा रहे हैं पीएम मोदी कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पसंद रहे हैं राम मंदिर के ट्रस्टी परासरन
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First published: February 8, 2020, 11:39 AM IST
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crickettr · 2 years
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भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच का पूर्वावलोकन, चौथा टी 20 आई, वेस्टइंडीज का भारत दौरा 2022
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trendingwatch · 2 years
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भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच भविष्यवाणी: कौन जीतेगा भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच? चौथा T20I, भारत का वेस्ट इंडीज दौरा 2022
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hariharan5901 · 2 years
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राष्ट्रपति चुनाव: गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष के उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकराया | भारत समाचार
राष्ट्रपति चुनाव: गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष के उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकराया | भारत समाचार
नई दिल्ली: शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला के बाद, गोपालकृष्ण गांधी अगले महीने के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार होने की गणना से खुद को बाहर करने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए राष्ट्रपति चुनाव. गांधी ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए, अन्य लोग होंगे जो मुझसे बेहतर करेंगे।” विपक्ष अब एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने की…
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bharat-vision · 3 years
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डा. ज़ाकिर हुसैन (भूतपूर्व राष्ट्रपति)
Dr. Zakir Husain डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 – 3 मई, 1969) स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फ़रवरी, 1897 ई. में हैदराबाद, तेलंगाना के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था। कुछ समय बाद इनके पिता उत्तर प्रदेश में रहने आ गये थे। केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे ‘जामिया मिलिया…
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gurucharndora · 3 years
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भारत के तीसरे #राष्ट्रपति #डाक्टर_जाकिरहुसैन_जी की 125वी जयंती पर शत-शत नमन!
Tribute to 3rd #President of the Nation #Dr_ZakirHusain_ji on his 124th Birth anniversary.
#डाक्टरजाकिरहुसैन #Dr_ZakirHusain #ZakirHusain #DrZakirHusain https://t.co/cS0z7uYd9L
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karanaram · 3 years
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🚩ईसाई मिशनरी संस्था को धर्मान्तरण के लिए 12 देशों से हो रही है फंडिंग...14 दिसंबर 2021
🚩पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा था कि भारत में पादरियों का धर्म प्रचार (धर्मांतरण) हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र है। भोजन, चिकित्सा और शिक्षा का प्रलोभन देकर अथवा जबरन हिन्दुओं को धर्मान्तरित किया जा रहा है।
🚩जबरन बाइबल पढ़ाई जा रही है...
मध्य प्रदेश के सागर जिले में ईसाई मिशनरियों की संस्था सेवाधाम आश्रम के बच्चों को जबरन गोमांस खिलाने और बाइबिल पढ़ने के लिए विवश करने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर जबलपुर में एक संस्था द्वारा बाल गृह में रहने वाले बच्चों का धर्मान्तरण करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।
मामला संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने एक टीम को भेजकर मामले की पुष्टि कराई। टीम द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि संस्था में रह रहे सामान्य व दिव्यांग बच्चों को जबरन बाइबल पढ़ाई जाती थी और मना करने पर मारपीट की जाती थी।
🚩वहीं इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही थीं। इसमें यूएसए , इटली, स्पेन, नीदरलैंड, यूके सहित कई देश शामिल हैं। इस फंडिंग के बारे में संस्था के संचालक किसी भी तरह के लीगल दस्तावेज टीम को प्रस्तुत नहीं कर पाए। इसके अलावा संस्था में कई तरह की अनियमितताएं सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी जबलपुर को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग के प्रियंक कानूनगो ने बताया कि जबलपुर के गौरयाघाट मंडला रोड स्थित करुणा एनजेआरसी संस्था में देखरेख संरक्षण वाले दिव्यांग औ�� सामान्य बच्चे रहते हैं। यहां पर बच्चों के धर्म की जानकारी होने के बाद भी उन्हें जबर्दस्ती बाइबल पढ़ाई जा रही थी। बाल आयोग की चार सदस्यीय निरीक्षण टीम को बच्चों ने बताया कि उन्हें बाइबल कंठस्थ कराने के लिए बाहर से फादर आते हैं। वहीं यहां के कार्यकर्ताओं ने भी स्वीकार किया कि बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा यहां पर अन्य तरह की अनियमितताएं पाई गईं। इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही हैं जिसका हिसाब संस्था के पास नहीं है। यह फंडिंग डोनेशन के नाम पर हो रही है। कानूनगो ने बताया कि संस्था द्वारा बच्चों के धर्मान्तरण का प्रयास जेजे एक्ट का उल्लंघन है। इस मामले में उन्होंने जबलपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को 10 दिन के अंदर कार्रवाई करके आयोग को पालन प्रतिवेदन भेजने के लिए कहा है।
🚩फिलॉस��र नित्शे ने कहा था कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है। वह द्वेषभाव से भरपूर वृत्ति है। इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं। ईसाईयत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है।
🚩अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थाॅमस जैफरसन ने कहा था कि मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच बाइबिल का अध्ययन किया तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है।
🚩डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा था कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है।
🚩स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था कि हिन्दू समाज में से एक मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा।
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता घोषित। इस शहर को मिला स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021।DEVBHOOMI NEWS।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी स्वच्छता मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छता मिशन के तहत हर वर्ष कराए जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के नतीजे आज घोषित कर दिए गए हैं। इस सर्वे में देश के करीब 4000 से ज्यादा शहरों को शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इंदौर शहर को किया पुरस्कृत
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता की घोषणा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आज की गई । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा स्वच्छ शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 प्रदान किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इंदौर को लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सूरत को दूसरा स्थान मिला है। मप्र का इंदौर पहले स्थान पर रहा तो राष्ट्रपति कोविन्द ने गुजरात के सूरत और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश के दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहर बनने पर सम्मानित किया। वहीं, केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में यूपी के वाराणसी को पहला स्थान मिला है।
स्वच्छता मिशन पर इस स्थान पर रहा उत्तराखंड का देहरादून
वहीं शिक्षा के हब बन चुके दून से हमेशा बेहतर स्वच्छता की उम्मीद की जाती है। हालांकि, यह और बात है कि देश के स्वच्छ शहरों की रैकिंग में दून अभी तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया है। कभी नगर निगम के स्तर पर तो कभी नागरिकों के स्तर पर कमी रह गई। इस दफा नगर निगम ने व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया। यही वजह रही कि दून ने स्वच्छता रैंकिंग में एक लंबी छलांग लगाई है और 100 स्वच्छ शहरों में शामिल हो गया है। इस बार शहर को 82वीं रैंक मिली है।
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lok-shakti · 3 years
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स्वच्छ सर्वेक्षण: इंदौर सबसे स्वच्छ शहर, सूरत और विजयवाड़ा के बाद
स्वच्छ सर्वेक्षण: इंदौर सबसे स्वच्छ शहर, सूरत और विजयवाड़ा के बाद
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी केंद्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 द्वारा मध्य प्रदेश के इंदौर को लगातार पांचवें वर्ष भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को निष्कर्ष जारी किए। 10 लाख से अधिक आबादी के साथ सूरत और विजयवाड़ा को क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में स्थान…
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crickettr · 2 years
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भारत बनाम वेस्टइंडीज मौसम पूर्वानुमान और पिच रिपोर्ट, चौथा टी20ई, भारत का वेस्टइंडीज दौरा 2022
भारत बनाम वेस्टइंडीज मौसम पूर्वानुमान और पिच रिपोर्ट, चौथा टी20ई, भारत का वेस्टइंडीज दौरा 2022
भारत बनाम वेस्टइंडीज मौसम पूर्वानुमान और पिच रिपोर्ट, चौथा टी20ई, भारत का वेस्टइंडीज दौरा 2022. भारत ने तीसरे टी20 मैच में शानदार वापसी करते हुए 6 विकेट से जीत दर्ज की और सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली। गुयाना के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप से वीजा मुद्दों का समाधान होने के बाद दोनों टीमें फ्लोरिडा में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारत बनाम वेस्टइंडीज (छवि क्रेडिट: ट्विटर) भारत के पास इस मैच में…
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realtimesmedia · 3 years
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विश्व की सबसे बड़ी स्वच्छता प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल भी उत्कृष्ट प्रदर्शन
विश्व की सबसे बड़ी स्वच्छता प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल भी उत्कृष्ट प्रदर्शन
देश के स्वच्छतम् राज्यों की श्रेणी में 20 नवंबर को भारत सरकार द्वारा किया जाएगा पुरस्कृत रायपुर(realtimes) आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 20 नवंबर 2021 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद द्व���रा छत्तीसगढ़ को भारत के स्वच्छतम् राज्यों की श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा आयोजित विश्व की सबसे बड़ी…
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प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ सार्थक बातचीत की। अपनी टिप्पणी में पीएम मोदी ने कहा, "आज का द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण है। हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच और भी मजबूत दोस्ती के बीज बोए गए हैं।"
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parichaytimes · 3 years
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भारत-अमेरिका संबंधों को बदलने के लिए राष्ट्रपति बिडेन के तहत बोए गए बीज: व्हाइट हाउस में पीएम मोदी | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
भारत-अमेरिका संबंधों को बदलने के लिए राष्ट्रपति बिडेन के तहत बोए गए बीज: व्हाइट हाउस में पीएम मोदी | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
24 सितंबर, 2021, 11:33 PM ISTस्रोत: एएनआई व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, 24 सितंबर (IST) को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के नेतृत्व में, भारत-अमेरिका संबंध पनपेंगे। “मैं देख रहा हूं कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों के विस्तार के लिए बीज बोए गए हैं। आज का द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण है। हम इस सदी के तीसरे दशक की…
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