#भगवान शंकर
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#हिंदु से धोखा दुर्गा इनकी माता है।प्रमाणः श्रीमद् देवीभागवत पुराणअध��याय 5 पृष्ठ 123 भगवान शंकर#भगवान ब्रह्मा तथा भगवान विष्णु स्वयं को म
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#क्या पुराणों के अनुसार है भगवान शंकर जी की भी जन्म-मृत्यु होती है#क्या ये अजर अमर हैं । जानने के लिए पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा
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#Tuesday thought#क्या आप लोग जानते हैं कि कबीर परमात्मा ने शंकर भगवान को कौन सा वास्तविक मंत्र जाप करने का दिया।
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#ज्ञान गंगा#SecretsOfLordShiva क्या पुराणों के अनुसार हैं भगवान शंकर जी की भी जन्म-मृत्यु होती है#क्या ये अजर अमर है ? जानने पढ़ें पुस्तक
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#क्या पुराणों के अनुसार हैं भगवान शंकर जी की भी जन्म-मृत्यु होती है#क्या ये अजर अमर है ?जानने के लिए पढ़ें SecretsOfLordShivaज्ञान गंगा
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#कबीरपरमात्मा_के_जीवित_प्रमाणKabir Prakat Diwas 4 June#आज से लगभग 505 वर्ष पूर्व मगहर शहर के समीप एक आमी नदी बहती थी। वह भगवान शंकर के श्राप की वजह से सूख ग
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#जगतगुरहिंदु सेधोखाप्रमाणः-तीसरा स्कंद#अध्याय 5 पृष्ठ 123 भगवान शंकर#भगवान ब्रह्मा तथा भगवान विष्णु स्वयं को माता दुर्गा से उत्पन्न हुआ
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#SantRampalJiMaharaj#भगवान शंकर त्रिलोकी नाथ देव हैं तो फिर संपूर्ण ब्रह्मांडों के मालिक कौन है। सत्य जानकारी के लि
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#क्या पुराणों के अनुसार है भगवान शंकर जी की भी जन्म-मृत्यु होती है#क्या ये अजर अमर हैं । जानने के लिए पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा
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एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ द्युत (जुआ) खेलने की अभिलाषा प्रकट की। खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तो के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए।
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#🌹🙏Satguru dev ki jai ho 🌹🙏#जब शंकर भगवान ही जन्म और मृत्यु में हैं तो वह साधक को किस प्रकार मोक्ष दे सकते हैं पढ़ें ज्ञान गं
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#समुन्द्र मनथन के दौरान कौन से 14 रत्न प्राप्त हुए ?#Samundramanthan#shivji#laxmiji#maani#vish#क्या आपको पता है पौराणिक काल में समुन्द्र मनथन के दौरान कौन से 14 रत्न प्राप्त हुए ?#। समुद्र मंथन में सबसे पहले हलाहल विष निकला#इसे भगवान शिव ने ग्रहण किया था।#२ दूसरा रत्न कामधेनु गाये थी। इस रत्न को ऋषि ने अपने पास रखा#३ तीसरा रत्न उच्चैश्रवा घोड़ा रत्न था#इस रत्न को राजा बलि ने अपने पास रखा था।#४ चौथा रत्न ऐरावत हाथी था जिसे भगवान इंद्र ने अपने पास रखा#५ पांचवा रत्न कौस्तुभ मणि जिसे भगवान विष्णु ने हृदय पर धारण किया#६ छठा रत्न कल्पवृक्ष इस रत्न को देवताओं ने स्वर्ग में लगाया था#७ सातवा अप्सरा रंभा निकली था। यह रत्न देवता के पास रहा था#८ आठवा देवी लक्ष्मी थी। इस रत्न को देवता#ऋषि और दानव सभी अपने पास रखना चाहते थे। किंतु लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु के पास रहना स्वीकार कि#९ नौवा वारुणी देवी निकली वारुणी का अर्थ मदिरा होता है। इसको दानवों ने ग्रहण किया था।#१० दसवा रत्न चंद्रमा था। इसे भगवान शंकर ने मस्तक पर धारण किया था।#११ ग्यारवे पर निकले पारिजात वृक्ष इसे सभी देवताओं ने ग्रहण किया#क्योंकि इसे स्पर्श करते ही थकान दूर हो जाती था।#१२ बरवे में शंख निकला भगवान विष्णु ने इसे अपने पास रखा।#१३ अंत में 13वें रत्न के रूप में भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए। उनके हाथ में 14वें रत्न के रूप में अमृत#The channel on a Bhakti karma of spirituality and Peace. Dedicate yourself to spread god love.#Quest - Bhakti हिंदी being the motivational top Bhakti Music Channel. Quest - Bhakti हिंदी is dedicated to bring an experience of Divine s#Ishta Devata-Bhakti#Guru-Bhakti#all gods#satsang and many more
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