#भगवान शंकर
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sitadasi12345 · 6 months ago
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subhashdagar123 · 8 months ago
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sapan-ray · 8 months ago
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rabigorh · 8 months ago
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satyaparkashsworld · 1 year ago
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sanjaygarg · 1 year ago
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kramsingh1959 · 1 year ago
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prajkta · 1 year ago
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ajay11sblog · 1 year ago
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sitadasi12345 · 6 months ago
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chandrakalisworld · 1 year ago
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sapan-ray · 8 months ago
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rabigorh · 8 months ago
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templeinindia · 2 years ago
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एक बार भगवान शंकर ने माता पार्वती के साथ द्युत (जुआ) खेलने की अभिलाषा प्रकट की।  खेल में भगवान शंकर अपना सब कुछ हार गए। हारने के बाद भोलेनाथ अपनी लीला को रचते हुए पत्तो के वस्त्र पहनकर गंगा के तट पर चले गए।
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satyaparkashsworld · 1 year ago
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sakshiiiisingh · 2 years ago
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#समुन्द्र मनथन के दौरान कौन से 14 रत्न प्राप्त हुए ?#Samundramanthan#shivji#laxmiji#maani#vish#क्या आपको पता है पौराणिक काल में समुन्द्र मनथन के दौरान कौन से 14 रत्न प्राप्त हुए ?#। समुद्र मंथन में सबसे पहले हलाहल विष निकला#इसे भगवान शिव ने ग्रहण किया था।#२ दूसरा रत्न कामधेनु गाये थी। इस रत्न को ऋषि ने अपने पास रखा#३ तीसरा रत्न उच्चैश्रवा घोड़ा रत्न था#इस रत्न को राजा बलि ने अपने पास रखा था।#४ चौथा रत्न ऐरावत हाथी था जिसे भगवान इंद्र ने अपने पास रखा#५ पांचवा रत्न कौस्तुभ मणि जिसे भगवान विष्णु ने हृदय पर धारण किया#६ छठा रत्न कल्पवृक्ष इस रत्न को देवताओं ने स्वर्ग में लगाया था#७ सातवा अप्सरा रंभा निकली था। यह रत्न देवता के पास रहा था#८ आठवा देवी लक्ष्मी थी। इस रत्न को देवता#ऋषि और दानव सभी अपने पास रखना चाहते थे। किंतु लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु के पास रहना स्वीकार कि#९ नौवा वारुणी देवी निकली वारुणी का अर्थ मदिरा होता है। इसको दानवों ने ग्रहण किया था।#१० दसवा रत्न चंद्रमा था। इसे भगवान शंकर ने मस्तक पर धारण किया था।#११ ग्यारवे पर निकले पारिजात वृक्ष इसे सभी देवताओं ने ग्रहण किया#क्योंकि इसे स्पर्श करते ही थकान दूर हो जाती था।#१२ बरवे में शंख निकला भगवान विष्णु ने इसे अपने पास रखा।#१३ अंत में 13वें रत्न के रूप में भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए। उनके हाथ में 14वें रत्न के रूप में अमृत#The channel on a Bhakti karma of spirituality and Peace. Dedicate yourself to spread god love.#Quest - Bhakti हिंदी being the motivational top Bhakti Music Channel. Quest - Bhakti हिंदी is dedicated to bring an experience of Divine s#Ishta Devata-Bhakti#Guru-Bhakti#all gods#satsang and many more
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