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rohtakmedia-blog · 6 years ago
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दिल से हिंदुस्तानी थे कादर खान: काबुल में जन्म, मुंबई में काम, कनाडा में मौत
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दिल से हिंदुस्तानी थे कादर खान: काबुल में जन्म, मुंबई में काम, कनाडा में मौत : बॉलीवुड में कई शानदार सुपरस्टार हैं. लेकिन ऐसे कलाकार चुन‍िंदा हैं ज‍िनका एक सीन में होना ही पूरी फिल्म को यादगार बना दे. ऐसे ही कर‍िश्माई अदाकारी के हुनर से खुदा ने कादर खान को नवाजा था. वो जब भी पर्दे पर नजर आए, उन्होंने दर्शकों के द‍िल तक छाप छोड़ी. लेकिन उनकी ज‍िंदगी पर गौर करें तो ये सफर भी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं रहा. अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे कादर खान को मुंबई शहर ने नाम द‍िया, पहचान द‍िलाई. दिल से पक्के हिंदुस्तानी, कादर खान को मौत के बाद दफन होने के दो गज जमीन भी तीसरे देश यानी में कनाडा मिल रही है. उनके बेटे सरफराज ने बताया है, "मेरे प‍िता को कनाडा में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा." हालांकि कादर खान ज‍िंदगी के आख‍िरी पलों को हिंदुस्तान में जीना चाहते थे. वो एक बार फिर पर्दे पर अपना हुनर भी ब‍िखेरना चाहते थे. इस बात का ज‍िक्र कई फिल्मों में उनके साथी कलाकार रहे शक्त‍ि कपूर ने एक इंटरव्यू में किया. शक्त‍ि कपूर ने बताया, "जब मैंने उनसे आखिरी बार मुलाकात की थी, तो उन्होंने कहा था कि वो वापसी करेंगे. खास बात ये है कि वो दुनिया को समझाना चाहते थे कि इंसानियत होती क्या है."  ज‍िंदगी के आख‍िरी वक्त में बीमारी की वज‍ह से कादर खान की हिंदुस्तान वापसी नहीं हो सकी. इसे भी पढ़े:- अगर आपके पास भी हैं ये डेबिट और क्रेडिट कार्ड तो आज ही बदल लें, कल से हो जाएंगे बंद ये बात बेशक उनके लिए ज‍ितनी कसक भरी है, उतनी ही ये बात कादर खान के फैंस के लिए टीस भरी है. लेकिन अपनी मौत पर भी वो फैंस को हंसाते हुए चले गए, इसकी वजह ये है कि मौत पर भी स‍िर्फ उनके शानदार डॉयलाग्स और कॉमेडी सीन याद आ रहे हैं. जो उदास चेहरों पर हंसी छोड़ जाते हैं. कादर खान के काबुल से कनाडा के सफर पर... कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. बेहद कम उम्र में उनका परिवार मुंबई चला आया. यहीं उन्होंने पढ़ाई की और कॉलेज में प्रोफ़ेसर की नौकरी भी की. 36 साल की उम्र में 1973 में उन्हें 'दाग’ फिल्म से बतौर एक्टर करियर की शुरुआत करने का मौका मिला. इससे पहले वह रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म ‘जवानी-दिवानी’ के लिए संवाद लिख चुके थे. एक पटकथा लेखक के तौर पर कादर खान ने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्में लिखी. इनमें ज्यादातर अमिताभ बच्चन की फ़िल्में शामिल हैं. इनके संवाद ने अमिताभ को हर दिल अजीज बना दिया. अमिताभ के साथ इन तमाम फिल्मों में कादर खान ने अभिनय भी किया. इसे भी पढ़े:- हरियाणा और थलाइवाज ने खेला टाई, 40-40 पर छूटा मैच, टाइटंस की हार सीनियर एक्टर ने अपने करियर में छोटे-बड़े कई तरह के किरदार पर्दे पर न‍िभाए. लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग सबसे शानदार रही. आज भी उनके जैसे कॉमेड‍ियन होना नामुमकिन-सी बात है. करियर के आखिरी दौर में उन्होंने गोविंदा की फिल्मों में जमकर हास्य अभिनय किया. एक समय तो कादर खान, गोविंदा और शक्ति कपूर की तिकड़ी कॉमेडी का पर्याय बन गई थी. ह‍िंदी स‍िनेमा की तकरीबन 200 फिल्मों में कादर खान के ह‍िट संवाद छाए हुए हैं. ह‍िंदी स‍िनेमा में योगदान के लिए इस फनकार को सद‍ियां याद करेंगीं. क्योंकि कहते हैं इंसान मरते हैं कलाकार याद रह जाते हैं. दिल से हिंदुस्तानी थे कादर खान: काबुल में जन्म, मुंबई में काम, कनाडा में मौत स्त्रोत :- aajtak छायाचित्र भिन्न हो सकता है ! Read the full article
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sgtechs-in · 6 years ago
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Bigg Boss 12 Update Cricketer Yuvraj Singh Ex Gilfriend Actress Kim Sharma To Enter As A Wild Card In Salman Khans Show | Bigg Boss12 : युवराज स‍िंह की एक्स-गर्लफ्रेंड किम शर्मा की होगी शो वाइल्ड में वाइल्ड कार्ड एंट्री
Bigg Boss 12 Update Cricketer Yuvraj Singh Ex Gilfriend Actress Kim Sharma To Enter As A Wild Card In Salman Khans Show | Bigg Boss12 : युवराज स‍िंह की एक्स-गर्लफ्रेंड किम शर्मा की होगी शो वाइल्ड में वाइल्ड कार्ड एंट्री
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कलर्स के पॉपुलर रियलिटी शो ‘ब‍िग बॉस-12’ में पहली सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट नेहा पेंडसे को घर से बेघर कर दिए जाने के बाद अब शो में वाइल्ड कार्ड एंट्री की खबरें सामने आ रही हैं. पिछले कई सीजंस की तरह इस बार भी शो में वाइल्ड कार्ड एंट्री के तौर पर किसी पॉपुलर और विवादित फिल्म-टीवी स्टार को भी लाये जाने की खबर है. इंड‍ियन…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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कभी 'सनी लियोनी' बनना चाहती थीं नैना गागुंली, 27 की उम्र में अदाओं ने बनाया 'डेंजरस' Divya Sandesh
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कभी 'सनी लियोनी' बनना चाहती थीं नैना गागुंली, 27 की उम्र में अदाओं ने बनाया 'डेंजरस'
नैना गांगुली महज (Naina Ganguly) 27 साल की हैं। करीब 5 साल पहले 2016 में उन्‍होंने ऐक्‍ट‍िंग की दुनिया में डेब्‍यू किया और 2017 में ‘सनी लियोनी’ (Sunny Leone) से उनकी तुलना होने लगी। नैना गांगुली एक बार फिर सुर्ख‍ियों में है। चर्चा का कारण है कि उनकी बोल्‍ड या यह कहें कि बेहद बोल्‍ड अदाएं। नैना जल्‍द ही राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्‍म ‘डेंजरस’ (Dangerous) में नजर आने वाली हैं। फिल्‍म का ट्रेलर आ गया है और 2 मिनट 23 सेकेंड के ट्रेलर में ही नैना गांगुली ने बता दिया है कि सिनेमाई पर्दे पर उनका यह सफर बोल्‍डनेस की नई परिभाषा गढ़ने वाला है।नैना गांगुली महज (Naina Ganguly) 27 साल की हैं। वह जल्‍द ही राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्‍म ‘डेंजरस’ (Dangerous) में नजर आने वाली हैं। फिल्‍म का ट्रेलर का आ गया है और नैना गांगुली ने बता दिया है कि सिनेमाई पर्दे पर उनका यह सफर बोल्‍डनेस की नई परिभाषा गढ़ने वाला है।नैना गांगुली महज (Naina Ganguly) 27 साल की हैं। करीब 5 साल पहले 2016 में उन्‍होंने ऐक्‍ट‍िंग की दुनिया में डेब्‍यू किया और 2017 में ‘सनी लियोनी’ (Sunny Leone) से उनकी तुलना होने लगी। नैना गांगुली एक बार फिर सुर्ख‍ियों में है। चर्चा का कारण है कि उनकी बोल्‍ड या यह कहें कि बेहद बोल्‍ड अदाएं। नैना जल्‍द ही राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) की फिल्‍म ‘डेंजरस’ (Dangerous) में नजर आने वाली हैं। फिल्‍म का ट्रेलर आ गया है और 2 मिनट 23 सेकेंड के ट्रेलर में ही नैना गांगुली ने बता दिया है कि सिनेमाई पर्दे पर उनका यह सफर बोल्‍डनेस की नई परिभाषा गढ़ने वाला है।’डेंजरस’ में नैना का कातिल अवतारराम गोपाल वर्मा की फिल्‍म ‘डेंजरस’ एक लेस्‍ब‍ियन क्राइम ड्रामा (Lesbian Crime Drama) फिल्म है। फिल्म की कहानी में दो लड़किया हैं, जो एक-दूसरे से प्‍यार करती हैं। ट्रेलर देखकर इतना तो साफ हो गया है कि इसमें नैना गांगुली ने अप्‍सरा ��ानी के साथ खूब जमकर किसिंग सीन दिए हैं। फिल्‍म में बिकिनी सीन्‍स (Bikini Scenes) और बोल्‍ड सीन्‍स की भरमार है। साथ ही जमकर खून-खराबा भी है। लेकिन इसी के साथ यह चर्चा भी जोरों पर है कि आख‍िर ये नैना गांगुली है कौन?कोलकाता की रहने वाली हैं नैनानैना गांगुली मूल रूप से कोलकाता, पश्‍च‍िम बंगाल की रहने वाली हैं। 17 अप्रैल 1994 को उनका जन्‍म हुआ है। मॉडलिंग के बाद तेलुगू फिल्‍म से डेब्‍यूनैना ऐक्‍ट‍िंग की दुनिया में आने से पहले मॉडलिंग किया करती थीं। साल 2016 में उन्‍होंने तेलुगू फिल्‍म Vangaveeti से ऐक्‍ट‍िंग डेब्‍यू किया था। राम गोपाल वर्मा की खोज हैं नैना गांगुलीनैना गांगुली, राम गोपाल वर्मा की खोज हैं। दरअसल, ‘वांगावेती’ के डायरेक्‍टर भी राम गोपाल वर्मा ही थे। यह राजनेता वांगावेती मोहन रंगा की बायोपिक थी। नैना ने फिल्‍म में वांगावेती की पत्‍नी रत्‍ना का किरदार निभाया था।’मेरी बेटी सनी लियोनी बनना चाहती है’डेब्‍यू के एक साल बाद 2017 में नैना गांगुली ने राम गोपाल वर्मा की शॉर्ट फिल्‍म ‘मेरी बेटी सनी लियोनी बनना चाहती है’ (Meri Beti Sunny Leone Banna Chaahti Hai) में लीड रोल प्‍ले किया। वह उस बेटी के रोल में थीं, जो सनी लियोनी से इंस्‍पायर्ड है और उनकी तरह ही बनना चाहती है।…और नैना को मिल गई पॉप्‍युलैरिटीसनी लियोनी से इंस्‍पायर्ड किरदार ने नैना गांगुली को पॉप्‍युलैरिटी दी। उनकी हर तरफ चर्चा भी हुई। वेब शो ‘चरित्रहीन’ ने दी नई पहचानसाल 2018, 2019 और 2020 में नैना गांगुली को नई पहचान दिलाई वेब सीरीज ‘चरित्रहीन’ (Charitraheen) ने। शरत चंद्र चट्टोपाध्‍याय के उपन्‍यास पर आधारित इस सीरीज के तीन भाग आ गए हैं। इस सीरीज में नैना गांगुली के साथ बंगाली सिने जगत की मशहूर ऐक्‍ट्रेस और ‘पाताल लोक’ (Patal Lok) फेम स्‍वास्‍त‍िका मुखर्जी (Swastika Mukherjee) भी थीं।’चरित्रहीन’ के बाद ‘जोहार’ में दिखा जलवानैना गांगुली ने एमएक्‍स प्‍लेयर (Mx Player) की वेब सीरीज ‘चरित्रहीन’ में किरण का किरदार निभाया है। साल 2020 में ही नैना तेलुगू फिल्‍म ‘जोहार’ में भी सेकेंड लीड में नजर आईं। फिल्‍म में ‘बाला’ नाम की लड़की के किरदार में उनकी खूब तारीफ हुई।आगे भी RGV की ‘ब्‍यूटिफुल’ में आएंगी नजरनैना गांगुली जहां एक ओर राम गोपाल वर्मा की ‘डेंजरस’ में नजर आने वाली हैं, वहीं उनके हिस्‍से एक और फिल्‍म है ‘ब्‍यूट‍िफुल: एन ओड टू रंगीला।’ यह फिल्‍म तमिल और हिंदी दोनों भाषाओं में रिलीज होगी। इस फिल्‍म को भी राम गोपाल वर्मा ही डायरेक्‍ट कर रहे हैं। इंस्‍टाग्राम पर 6 लाख से ज्‍यादा फॉलोअरइसमें कोई दोराय नहीं है कि नैना गांगुली ने काफी कम समय में ही साउथ इंडियन फिल्‍मों से लेकर बॉलिवुड और ओटीटी पर भी ��पनी छाप छोड़ दी है। इसका असर उनकी फैन फॉलोइंग पर भी दिखता है। इंस्‍टाग्राम पर नैना को खबर लिखे जाने तक 6 लाख 13 हजार से अध‍िक यूजर्स फॉलो करते हैं। पर्दे पर कितनी लंबी चलेगी रेस?नैना ने यह बात तो साबित कर दी है कि रोल की डिमांड पर वह बोल्‍डनेस की हद पार करने में कोताही नहीं करेंगी, लेकिन उनका यह सफर कितना लंबा चलता है, या पर्दे पर वह आगे कहां तक टिकती हैं, यह तो आने वाला वक्‍त ही बताएगा।
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abhay121996-blog · 4 years ago
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रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन को 'हत्यारा' बता जो बाइडन ने बो दिया दुनिया में युद्ध का बीज? Divya Sandesh
#Divyasandesh
रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन को 'हत्यारा' बता जो बाइडन ने बो दिया दुनिया में युद्ध का बीज?
��ॉशिंगटन/मास्‍को जो बाइडेन के सत्‍ता संभालने के साथ ही अमेरिका का उसके चिर प्रतिद्वंदी रूस के साथ तनाव बहुत बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को ‘हत्‍यारे’ की संज्ञा दी है और चेतावनी दी है कि उन्‍हें इसकी ‘कीमत चुकानी पड़ेगी।’ उधर, इस चेतावनी के बाद रूस ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। व‍िशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले साल दुनिया के लिए काफी चुनौतिपूर्ण होने जा रहे हैं और जंग या शीत युद्ध का खतरा बेहद वास्‍तविक नजर आ रहा है।
विदेशी मामलों के जानकार डॉक्‍टर रहीस सिंह एनबीटी ऑनलाइन से कहते हैं कि ओबामा के समय में भी रूस को अमेरिका क्रीमिया कांड के बाद एक ध्रुव के रूप में देखने लगा था। डोनाल्‍ड ट्रंप के आने के बाद उन्‍होंने चीन को घेरना शुरू कर दिया था। अब बाइडेन फिर से ओबामा के दौर में लौट रहे हैं। डॉक्‍टर सिंह कहते हैं कि अ‍ब पुराना कोल्‍ड वार नहीं होने जा रहा है। अब 3 पोल हैं जिसमें अमेरिका को उस तरह से महाशक्ति के रूप में लोग नहीं मान रहे हैं जिस तरह से उसे सब प्राइम संकट से पहले माना जाता था। चीन और रूस दो अन्‍य पोल हैं। अब अगर कोल्‍ड वार शुरू होता है तो उसका रूप पहले से अलग होगा।
‘दुनिया में अब बहुत जल्‍द ही छोटे युद्ध तलाशे जाएंगे’ डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि यह अपने आप में एक शुरुआत है जिसमें मास्‍को-वॉशिंगटन के बीच अगर टकराव बढ़ा तो मास्‍को और पेइचिंग के बीच दोस्‍ती बढ़ेगी। यह न केवल अमेरिका बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्‍व के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। यह बाइडेन की बहुत बड़ी गलती होगी। उन्‍होंने कहा कि अगर रूस और चीन के बीच दोस्‍ती बढ़ती है तो वे पहले हमला अमेरिका पर नहीं करेंगे बल्कि जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और इजरायल जैसे देशों पर करेंगे। कोरोना काल के बीच बाइडेन को इस तरह की पहल नहीं करनी चाहिए थी। उन्‍होंने कहा कि नए कोल्‍ड वार का स्‍वरूप बदल सकता है लेकिन तनाव बढ़ेगा। इसमें कोरोना के बाद आने वाले संकट शामिल हैं। मुझे लगता है कि अब बहुत जल्‍द ही छोटे युद्ध तलाशे जाएंगे जिसमें किसी तीसरे देश को निशाना बनाया जाएगा जो इनमें से किसी एक का दोस्‍त होगा। इतिहास में पहले भी ऐसा हो चुका है।
अंतरराष्‍ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा कहते हैं, ‘अमेरिका और यूरोप का धीरे-धीरे पतन हो रहा है। अमेरिका पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था और ��सने कई ट्रिल्‍यन डॉलर कर्ज ले रखा है। दोनों की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत कमजोर है। अब कोरोना ने वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को बहुत बड़ा झटका द‍िया है और इसकी चपेट में पश्चिमी देश भी हैं। हमने देखा है कि जब आर्थिक संकट आया है तो पश्चिमी देश या बड़े देश अपने संकट को दूसरों को ट्रांसफर कर देते हैं। इसी वजह से पहला और दूसरा विश्‍वयुद्ध हो चुका है।’
‘बाइडेन पर रिपब्लिकन पार्टी का बहुत दबाव’ आगा ने कहा कि जब अमेरिका में रिपब्लिकन आते हैं तो वे चीन को घेरते हैं और जब डेमक्रेट अमेरिका में सत्‍ता में आते हैं तो वे रूस को घेरते हैं। ओबामा ने चीन को साधा था कि ताकि रूस को घेरा जा सके। अब बाइडेन भी ओबामा की राह पर हैं। बाइडेन पर रिपब्लिकन पार्टी का बहुत दबाव है। रिपब्लिकन पार्टी कहती है कि बाइडेन ट्रंप के मुकाबले कमजोर हैं और अमेरिका को संभाल नहीं सकते हैं। इसी वजह से आने वाले समय में बाइडेन और ज्‍यादा सख्‍त रुख अपना सकते हैं। वह यह दिखाने की कोशिश करेंगे, सख्‍त फैसले ले सकते हैं। इससे युद्ध का खतरा काफी बढ़ सकता है।
उन्‍होंने कहा कि पहले तकनीक के ऊपर पहले पश्चिमी देशों का बहुत नियंत्रण था लेकिन अब भारत, चीन और रूस बहुत आगे निकल चुके हैं। इसके अलावा तेल की सप्‍लाइ पहले पश्चिमी देशों को ज्‍यादा होती थी लेकिन अब भारत और चीन जैसे खरीदार आ गए हैं। इससे सऊदी जैसे देश अब भारत जैसे देश में न‍िवेश कर रहे हैं। कमर आगा ने बताया कि कोरोना काल के बाद एक नई विश्‍व व्‍यवस्‍था बनने जा रही है। पश्चिमी देश चाहते हैं कि इस नई आर्थिक या राजनीतिक व्‍यवस्‍था में भी उनकी बादशाहत बनी रहे लेकिन भारत चाहेगा कि यह बहुध्रुवीय हो। भारत आर्थिक व्‍यवस्‍था में बड़ी भागीदारी हो।
‘विश्‍व व्‍यस्‍था में चीन मजबूत तो होगा लेकिन नंबर वन नहीं’ आगा ने कहा कि जब व्‍यवस्‍था में बदलाव होता है तो तनाव बड़ी ताकतों के बीच में बढ़ जाते हैं। यह 20वीं सदी में हुआ था और आगे भी इसकी संभावना है। हालांकि बाइडेन अभी रूस को कितना रोक पाएंगे यह कहा नहीं जा सकता है। रूसी तकनीक यूरोप के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। उन्‍होंने कहा कि कोविड के बाद की विश्‍व व्‍यस्‍था में चीन मजबूत तो होगा लेकिन नंबर वन नहीं हो सकता है। इसकी वजह यह है कि उसके दोस्‍त कम हैं और वह इतना कर्ज बांट चुका है कि खुद ही संकट में है।
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