#बेहतर भविष्य का निर्माण
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top-leaders-in-india · 3 days ago
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झोटवाड़ा में ROB निर्माण कार्य का शुभारंभ: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने झोटवाड़ा में बहुप्रतीक्षित रेलवे ओवरब्रिज (ROB) निर्माण कार्य का शुभारंभ करते हुए क्षेत्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की। यह परियोजना स्थानीय यातायात को सुगम बनाने और क्षेत्र के नागरिकों के लिए आवागमन को सुरक्षित व सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आरंभ की गई है।
ROB निर्माण के प्रमुख लाभ:
यातायात समस्या का समाधान: इस ओवरब्रिज के निर्माण से सड़क और रेलवे यातायात के बीच समन्वय स्थापित होगा और जाम की समस्या समाप्त होगी।
सुरक्षा में सुधार: रेलवे ट्रैक पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी, जिससे नागरिकों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
आर्थिक प्रगति का समर्थन: बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे झोटवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव: वाहन जाम में कमी आने से ईंधन की खपत और प्रदूषण भी कम होगा।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संदेश:
इस अवसर पर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा:
“यह ओवरब्रिज झोटवाड़ा के विकास में एक नई कड़ी जोड़ेगा। सरल यात्रा, सुगम रास्ता, और सशक्त रिश्ता — यही इस परियोजना का लक्ष्य है। मैं सभी झोटवाड़ा वासियों को आश्वस्त करता हूं कि विकास कार्यों में कोई कमी नहीं रहेगी। यह पुल हमारे क्षेत्र के उज्जवल भविष्य की ओर एक बड़ा कदम है।”
आगे की योजना:
परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की योजना बनाई गई है।
स्थानीय निवासियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
यह ओवरब्रिज झोटवाड़ा को एक नई पहचान देगा और क्षेत्र को प्रगति के पथ पर ले जाएगा। सरल यात्रा, सुगम रास्ता और सशक्त रिश्ता के इस विजन के साथ झोटवाड़ा का भविष्य और भी उज्जवल होगा।
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colonelrajyavardhanrathore · 2 months ago
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बेमिसाल एक साल: झोटवाड़ा विकास कार्य में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का योगदान
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झोटवाड़ा विकास: एक साल की झलक
कर्नल राठौड़ की प्राथमिकता झोटवाड़ा के हर वर्ग के विकास पर केंद्रित रही है। उनके नेतृत्व में, क्षेत्र में बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
1. बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
झोटवाड़ा के विकास में सबसे बड़ा योगदान बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना रहा है।
सड़क निर्माण: क्षेत्र में 200 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य।
पेयजल सुविधाएं: जल वितरण नेटवर्क का आधुनिकीक���ण और पानी की आपूर्ति में सुधार।
परिवहन सुविधाएं: नई बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन के बेहतर प्रबंधन की शुरुआत।
2. शिक्षा में सुधार और डिजिटल युग की शुरुआत
कर्नल राठौड़ के प्रयासों ने शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और समावेशी बनाने में मदद की।
डिजिटल क्लासरूम: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत।
नई लाइब्रेरी: छात्रों के लिए डिजिटल और पारंपरिक पुस्तकालयों की स्थापना।
वित्तीय सहायता: गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और मुफ्त कोचिंग सुविधाएं।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर्नल राठौड़ ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नए अस्पताल: झोटवाड़ा में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण।
स्वास्थ्य शिविर: मुफ्त चिकित्सा शिविरों और स्वास्थ्य जांच अभियान का आयोजन।
कोविड प्रबंधन: टीकाकरण अभियान को प्रभावी तरीके से चलाना और जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
4. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण
झोटवाड़ा में स्वच्छता अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कचरा प्रबंधन प्रणाली: आधुनिक कचरा निपटान और पुनर्चक्रण इकाइयों की स्थापना।
पौधारोपण अभियान: हजारों पौधे लगाकर हरित क्षेत्र में वृद्धि।
साफ-सफाई अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत झोटवाड़ा को स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास।
5. युवा और खेल विकास
कर्नल राठौड़ के खेल प्रेम ने झोटवाड़ा में खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
खेल मैदानों का विकास: नए खेल परिसर और सुविधाओं का निर्माण।
युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम: खेलों में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर।
खेल उपकरण वितरण: स्कूलों और समुदायों में खेल उपकरणों का वितरण।
झोटवाड़ा के नागरिकों की राय
कर्नल राठौड़ के प्रयासों का झोटवाड़ा के नागरिकों ने खुले दिल से स्वागत किया है।
नवीन कुमार (व्यापारी): “कर्नल राठौड़ के आने से झोटवाड़ा में विकास को नई दिशा मिली है।”
सुमन देवी (गृहिणी): “हमारे क्षेत्र की सड़कें और पानी की समस्याएं अब दूर हो गई हैं।”
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का दृष्टिकोण
कर्नल राठौड़ का मानना है कि झोटवाड़ा का विकास समग्र और समावेशी होना चाहिए। उनके शब्दों में: “मेरा सपना है कि झोटवाड़ा विकास का प्रतीक बने। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिले और क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।”
आगे की राह: झोटवाड़ा का भविष्य
कर्नल राठौड़ की योजना झोटवाड़ा को एक स्मार्ट और सतत विकासशील क्षेत्र में बदलने की है।
आने वाले प्रोजेक्ट्स:
स्मार्ट शहर सुविधाएं: डिजिटल सेवाओं और स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग।
आधुनिक कृषि पहल: किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच में सुधार।
शिक्षा और कौशल विकास केंद्र: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर।
झोटवाड़ा का बेमिसाल साल
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की मेहनत और समर्पण ने झोटवाड़ा को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ₹1112 करोड़ के निवेश और निरंतर प्रयासों ने क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। यह न केवल झोटवाड़ा के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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tarunhuman · 1 year ago
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INDIAN YOUTH
जब बात अपने भविष्य की आती है तो भारत में नाबालिगों को, हर जगह के नाबालिगों की तरह, विभिन्न चुनौतियों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने और बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने के लिए, वे यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं: शिक्षा: अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। शिक्षा को अक्सर उज्जवल भविष्य की कुंजी के रूप में देखा जाता है। नियमित रूप से स्कूल जाएँ, अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहें, और यदि आप किसी भी विषय में संघर्ष कर रहे हैं तो मदद लें। लक्ष्य निर्धारित करें: स्पष्ट लक्ष्य और आकांक्षाएँ रखें। लक्ष्य निर्धारित करने से आपको उद्देश्य और दिशा का एहसास हो सकता है। चाहे वह शैक्षणिक, करियर, या व्यक्तिगत लक्ष्य हों, किसी चीज़ की दिशा में काम करना प्रेरक हो सकता है। मार्गदर्शन लें: अपनी महत्वाकांक्षाओं और चिंताओं के बारे में अपने माता-पिता, शिक्षकों या गुरुओं से बात करें। वे मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकते हैं, जिससे आपको अपने भविष्य के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ रहें: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। सुन���श्चित करें कि आप अच्छा खाएं, नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें। माइंडफुलनेस और तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करने से आपको अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। सूचित रहें: कैरियर के अवसरों और शैक्षिक विकल्पों के बारे में स्वयं को सूचित रखें। अपनी रुचियों का पता लगाने के लिए किताबें पढ़ें, इंटरनेट ब्राउज़ करें और करियर परामर्श सत्र में भाग लें। कौशल का निर्माण करें: उन कौशलों की पहचान करें जिनकी नौकरी बाजार में मांग है और उन्हें हासिल करने पर काम करें। इसमें तकनीकी कौशल, संचार कौशल, या टीम वर्क और समस्या-समाधान जैसे सॉफ्ट कौशल शामिल हो सकते हैं। नेटवर्क: अपने चुने हुए क्षेत्र में साथियों, सलाहकारों और पेशेवरों का एक नेटवर्क बनाएं। नेटवर्किंग आपको बहुमूल्य अंतर्दृष्टि, सलाह और अवसर प्रदान कर सकती है। सकारात्मक रहें: सकारात्मक मानसिकता विकसित करें। समझें कि असफलताएँ और चुनौतियाँ जीवन का हिस्सा हैं। अपनी असफलताओं से सीखें और उन्हें सफलता की सीढ़ी के रूप में उपयोग करें। वित्तीय साक्षरता: वित्तीय प्रबंधन और बजट के बारे में जानें। पैसे का प्रबंधन कैसे करें, यह समझने से आपको अपने भविष्य की योजना बनाने और अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लें: खेल, कला या सामुदायिक सेवा जैसी पाठ्येतर गतिविधियों में संलग्न हों। ये गतिविधियाँ आपको एक सर्वांगीण व्यक्तित्व और नेतृत्व कौशल विकसित करने में मदद कर सकती हैं। समय प्रबंधन: जानें कि अपना समय प्रभावी ढंग से कैसे प्रबंधित करें। अपने शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने से तनाव कम हो सकता है और अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करना आसान हो सकता है।
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dharaviadani · 9 hours ago
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अडानी धारावी योजना का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र की अव्यवस्था और गरीबी को समाप्त करना है, और उसे एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और समृद्ध इलाके में बदलना है। अडानी ग्रुप का लक्ष्य इस परियोजना के माध्यम से धारावी के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना, शहरी विकास को बढ़ावा देना और मुंबई की विकास यात्रा को एक नया मोड़ देना है। इस योजना के तहत, धारावी में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, और रोजगार के नए अवसरों का सृजन किया जाएगा।
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sharemarket10 · 22 days ago
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यस बैंक के शेयर
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23 मार्च 2024, 15:30 IST के अनुसार, यस बैंक के शेयर की कीमत ₹23.85 है। यह शुरुआती कीमत ₹23.40 से 1.92% अधिक है।
आज का उच्चतम मूल्य: ₹24.20 आज का निम्नतम मूल्य: ₹23.20
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
पिछला बंद मूल्य: ₹23.40
52 सप्ताह का उच्चतम मूल्य: ₹32.85
52 सप्ताह का निम्नतम मूल्य: ₹14.70
बाजार पूंजीकरण: ₹68,754.61 करोड़
पी/ई अनुपात: 67.12
पी/बी अनुपात: 1.06
ईपीएस: ₹0.36
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार लगातार बदलता रहता है। इसलिए, यह संभव है कि जब आप यह जानकारी पढ़ रहे हों, तो शेयर की कीमत थोड़ी भिन्न हो।
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यस बैंक शेयर मूल्य के माध्यम से अपना रास्ता नेविगेट करें
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2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर द्वारा स्थापित यस बैंक, बैंक – निजी क्षेत्र में एक प्रमुख इकाई के रूप में कार्य करता है, जो निवेशकों के लिए यस बैंक शेयर की कीमत को समझना महत्वपूर्ण बनाता है। 2. इसके शेयरों को टिकर YESBANK (532648) के तहत दर्शाया गया है, यस बैंक का शेयर मूल्य आज उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण प्रासंगिकता रखता है जो बैंक के वित्तीय स्वास्थ्य और बाजार की स्थिति का आकलन करना चाहते हैं
यस बैंक के शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए इसके ऐतिहासिक प्रदर्शन, हालिया वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है। इस लेख का उद्देश्य यस बैंक के शेयर प्रदर्शन के व्यापक विश्लेषण के माध्यम से पाठकों का मार्गदर्शन क���ना है, आज यस बैंक के शेयर मूल्य की उभरती गतिशीलता के अनुरूप प्रभावी निवेश रणन��तियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
यस बैंक के शेयर यस बैंक के शेयरों का ऐतिहासिक प्रदर्शन
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यस बैंक के शेयरों के ऐतिहासिक प्रदर्शन की खोज से अस्थिरता और महत्वपूर्ण व्यापारिक गतिविधि द्वारा चिह्नित यात्रा का पता चलता है:
वर्तमान स्नैपशॉट: 
 कीमत: 22 मार्च, 2024 तक, यस बैंक के शेयर की कीमत ₹23.90 है, जो 2.14% की वृद्धि दर्शाती है।
 52-सप्ताह की सीमा: पिछले वर्ष के दौरान शेयरों में ₹14.40 और ₹32.85 के बीच उतार-चढ़ाव आया है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम: 261,281,861 शेयरों का दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम सक्रिय बाजार भागीदारी को उजागर करता है
उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव:
शेयर की कीमत 10 महीने के उच्चतम स्तर ₹21.15 प्रति शेयर पर पहुंच गई, जो निवेशकों के आशावाद को दर्शाता है ।
एक महीने के भीतर ₹15.94 से ₹19.83 तक 24% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जो सकारात्मक बाजार भावना को रेखांकित करता है।
एचडीएफसी बैंक को यस बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए आरबीआई की मंजूरी के बाद, शेयर 12.63% से अधिक बढ़कर ₹25.68 तक पहुंच गए।
तकनीकी और बाज़ार अंतर्दृष्टि:
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मूविंग एवरेज: यस बैंक के शेयर 5, 10, 20, 50, 100, 150 और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से अधिक पर कारोबार कर रहे हैं, जो तेजी की प्रवृत्ति का संकेत दे रहा है।
साल-दर-तारीख प्रदर्शन: स्टॉक में 18.37% की वृद्धि देखी गई है, पिछले वर्ष में उल्लेखनीय 63.41% की बढ़त हुई थी।
बाजार की धारणा: पिछले सप्ताह स्टॉक में 32% का उछाल महत्वपूर्ण निवेशक रुचि और तकनीकी चार्ट पर संभावित आधार निर्माण का संकेत देता है।
यह अवलोकन यस बैंक के शेयर प्रदर्शन की गतिशील प्रकृति की एक झलक प्रदान करता है, जो उल्लेखनीय ऊंचाई, निवेशकों की रुचि और चलती औसत में सकारात्मक प्रवृत्ति की विशेषता है।
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यस बैंक के शेयर वित्तीय स्वास्थ्य और हालिया विकास
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बाज़ार अवलोकन और लाभप्रदता 
यस बैंक का बाजार पूंजीकरण ₹68,740.16 करोड़ है, जो बैंकिंग क्षेत्र में इसकी पर्याप्त उपस्थिति का संकेत देता है।
दिसंबर 2023 तिमाही में साल-दर-साल शुद्ध लाभ में ₹231 करोड़ की महत्वपूर्ण वृद्धि एक मजबूत रिकवरी दर्शाती है, जो 440% की वृद्धि दर्शाती है।
बैंक की शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 2.4% बढ़कर ₹2,017 करोड़ हो गई, शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.4% के साथ, बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को रेखांकित करता है।
संपत्ति की गुणवत्ता और परिचालन रणनीतिय���ँ
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सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) और शुद्ध एनपीए में पिछले वर्ष की तुलना में कमी देखी गई है, जो परिसंपत्ति गुणवत्ता में वृद्धि का संकेत है।
यस बैंक ने मध्यम आकार की कंपनियों को ऋण देने को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियां शुरू की हैं और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए CASA मिश्रण में सुधार और लागत-आय अनुपात को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
बैंक ने लागत संरचना में उल्लेखनीय वृद्धि के बिना सफलतापूर्वक प्रतिभा को आकर्षित किया है, जो कुशल परिचालन प्रबंधन का संकेत देता है।
भविष्य की संभावनाएँ और रणनीतिक कदम
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भारतीय स्टेट बैंक 30% के साथ सबसे बड़ा हितधारक होने के साथ, 28 जुलाई 2020 से एसबीआई के साथ यस बैंक का जुड़ाव एक मजबूत समर्थन प्रदान करता है।
बैंक सक्रिय रूप से एक नए प्रमोटर की तलाश कर रहा है और उसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के साथ चर्चा शुरू कर दी है, जिसका लक्ष्य अपने परिचालन को और अधिक स्थिर और बढ़ाना है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के व्यापारी खातों का अधिग्रहण करने की योजना और एसएमई और मध्य-बाज़ार पोर्टफोलियो पर ध्यान केंद्रित करने से विविधीकरण और विस्तार की दिशा में यस बैंक की रणनीतिक दिशा उजागर होती है।
यस बैंक के शेयर भविष्य की संभावनाओं
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यस बैंक का वित्तीय प्रक्षेपवक्र आशाजनक प्रतीत होता है, विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इसके वित्तीय मैट्रिक्स में जोरदार उछाल आएगा:
आय और राजस्व वृद्धि:
आय वृद्धि दर: प्रति वर्ष 42.4% अनुमानित।
राजस्व वृद्धि दर: 22.3% प्रति वर्ष होने की उम्मीद है।
प्रति शेयर आय (ईपीएस): प्रति वर्ष 50.1% बढ़ने का अनुमान है।
इक्विटी पर रिटर्न: तीन वर्षों में 9.5% तक पहुंचने का अनुमान।
बाज़ार की स्थिति और विश्लेषक आउटलुक:
विश्लेषक कवरेज: यस बैंक के भविष्य पर सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देता है।
भारतीय बाजार के साथ तुलना: यस बैंक की कमाई और राजस्व वृद्धि भारतीय बाजार की कमाई के लिए 17.8% प्रति वर्ष और राजस्व के लिए 10.5% प्रति वर्ष की वृद्धि दर को पार करने का अनुमान है।
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शेयर मूल्य पूर्वानुमान और निवेश रणनीतियाँ:
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अल्पकालिक आउटलुक: मजबूत Q3FY23 आंकड़ों के आधार पर, अगले 6-9 महीनों में शेयर की कीमत ₹50 तक बढ़ सकती है।
मध्यम अवधि का आउटलुक: भविष्यवाणियों से पता चलता है कि अगले 2-3 वर्षों में शेयर की कीमत ₹40 तक पहुंच सकती है।
निवेश सलाह: विश्लेषक ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति की सलाह देते हैं, जिसमें ₹21 पर स्टॉप लॉस और ₹30 से ₹32 के स्तर का लक्ष्य रखा गया है। यस बैंक के शेयरों के लिए समर्थन ₹27 पर स्थापित किया गया है, जो नई लंबी पोजीशन शुरू करने का अवसर प्रदान करता है।
यस बैंक के शेयर निवेश रणनीतियाँ
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यस बैंक के शेयरों या किसी भी वित्तीय साधन में निवेश करने में जोखिमों और बाजार की गतिशीलता की सूक्ष्म समझ शामिल होती है। यहां इन जलों में नेविगेट करने के लिए एक संक्षिप्त मार्गदर्शिका दी गई है:
जोखिम को समझना: 
यस बैंक के शेयर, किसी भी निवेश की तरह, अपने जोखिमों के साथ आते हैं।
वित्तीय बाज़ार, जो अपनी अस्थिरता के लिए जाना जाता है, सबसे जोखिम भरे निवेश मार्गों में से एक है।
उच्च जोखिम वाले उद्यम:
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मुद्रा व्यापार में संलग्न होने या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए अंतर्निहित मूल्य अस्थिरता के कारण उच्च जोखिम सहनशीलता की आवश्यकता होती है।
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों में वित्तीय, नियामक और राजनीतिक घटनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
सूचित निर्णय लेना: 
यस बैंक के शेयरों में व्यापार करने या क्रिप्टोकरेंसी में शामिल होने से पहले, किसी के निवेश उद्देश्यों, अनुभव स्तर और जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करना महत्वपूर्ण है।
ध्यान रखें कि यस बैंक के शेयरों या क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों सहित बाजार डेटा हमेशा वास्तविक समय की सटीकता को प्रतिबिंबित नहीं कर सकता है और वास्तविक बाजार कीमतों से भिन्न हो सकता है।
निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि व्यापारिक हानि हो सकती है, और डेटा और बाजार अंतर्दृष्टि का जिम्मेदारी से उपयोग करना आवश्यक है, यह स्वीकार करते हुए कि फ़्यूज़न मीडिया संभावित व्यापारिक घाटे के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।
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यस बैंक के शेयर बाजार पूंजीकरण
“बाजार पूंजीकरण” एक अर्थपूर्ण प्रक्रिया है जो विभिन्न वित्तीय संस्थाओं और उद्योगों के लिए वित्तीय अवस्था को आंकती है। इस प्रक्रिया में शामिल होने वाले अनुमान और आँकड़े शेयर बाजार के सार्वजनिक प्रकटीकरण, आर्थिक प्रेस समाचार, और अन्य संबंधित जानकारी का अध्ययन करते हैं।
बाजार पूंजीकरण में समायोजन और विश्लेषण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिससे निवेशक और वित्तीय संस्थाएं उनके निवेशों के लिए सही निर्णय ले सकें। यह अधिकांश वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वयं या वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है और वित्तीय बाजार के प्रवृत्तियों को अधिगम करने में मदद करता है।
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parasparivaarorg · 27 days ago
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डॉ. मनमोहन सिंह: एक प्रेरणादायी नेता को श्रद्धांजलि
26 दिसंबर, 2024 को भारत ने अपने सबसे प्रिय राजनेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को पूरी दुनिया को ईश्वर के पास ले जाते हुए देखा। वे देश के राजनीतिक और आर्थिक इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक हैं। वे भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे, लेकिन उनकी सार्��जनिक नीतियों का दूरदर्शी उद्देश्य और सेवा के प्रति उनका समर्पण देश के लिए एक अमिट विरासत है। उनकी मृत्यु एक युग का अंत करती है, लेकिन लाखों लोग उनकी विरासत से प्रेरणा लेते हैं। आज हम डॉ. मनमोहन सिंह को उनके आदर्शों की तुलना महंत श्री पारस भाई जी के मार्गदर्शन में पारस परिवार के महान कार्यों से करके याद करते हैं।
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विनम्रता और सेवा का अस्तित्व
उनका जीवन वर्तमान पाकिस्तान के एक छोटे से गाँव गाह से वैश्विक नेतृत्व में विश्व मंच तक पहुँचा है: डॉ. मनमोहन सिंह। यह जीवन जीने का एक बेहद विजयी तरीका है। कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से उन्होंने अर्थशास्त्री की कला में महारत हासिल करना सीखा है और भारत में कुछ गंभीर आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से विशिष्टता की कीमिया को बदल दिया है।
1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में, सिंह ने देश को बदलने वाले आर्थिक सुधारों के लिए नेतृत्व किया। उनकी साहसिक उदारीकरण नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को उस समय दुनिया के लिए खोल दिया जब देश एक गंभीर भुगतान संतुलन संकट से पीड़ित था, इस प्रकार गहन विकास और विकास के वर्षों की शुरुआत हुई। उन्होंने एक समावेशी विकास गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता को मूर्त रूप दिया, जिसे महंत श्री पारस भाई जी के नेतृत्व वाले पारस परिवार द्वारा मान्यता प्राप्त है और सराहा जाता है, जो शिक्षा, आध्यात्मिकता और सेवा के माध्यम से समुदायों के उत्थान का प्रयास करता है।
सौम्य राजनेता
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी हर भूमिका में गरिमापूर्ण और शालीन आचरण किया। वे अदम्य शांति के साथ-साथ अपार विनम्रता के लिए जाने जाते थे। वर्ष 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहने के दौरान उन्होंने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण विरासतें दीं, जिनमें शायद सबसे महत्वपूर्ण भारत-अमेरिका परमाणु समझौता, सूचना का अधिकार अधिनियम का अधिनियमन और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) शामिल हैं। उनके नेतृत्व में शासन में आम सहमति बनाने और नैतिक पहलुओं में अंतर्निहित विश्वास झलकता है।
अर्थव्यवस्थाओं के भीतर परिवर्तन की विरासत का निर्माण
डॉ. सिंह ने आर्थिक मामलों में भारत को बेजोड़ योगदान दिया है। वित्त मंत्री के रूप में उनकी सेवा ने न केवल भारत में आर्थिक स्थिरता लाई, बल्कि भारत को अपने आप में एक शक्तिशाली वैश्विक अर्थव्यवस्था भी बनाया। एक खुली अर्थव्यवस्था, संरक्षणवाद को बढ़ावा देना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्वागत करना, ऐसे माहौल में लाया गया जिसने नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया।
इसी तरह, महंत श्री पारस भाई जी के मार्गदर्शन में पारस परिवार का उद्देश्य जागरूकता और प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर व्यक्तियों को प्रदान करना है। ये प्रयास ऐसे समुदायों को बनाने में सहायता करते हैं जो एक दिन आत्मनिर्भर होंगे और राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे। यह वास्तव में नैतिक आधारों के साथ आर्थिक प्रगति के आंतरिककरण को दर्शाता है। यह डॉ. सिंह के शासन के दर्शन को दर्शाता है।
पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन महत्वाकांक्षी नेताओं और परिवर्तन करने वालों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने नैतिकता की भावना में खड़े होकर और महान दूरदर्शी नेता को जानकर, चुनौतीपूर्ण परीक्षणों को पार करने के लिए जितना कोई भी भविष्य में रुचि रखता है, उतना सीखकर दुनिया में योगदान दिया है। उनके नाम का जश्न मनाते समय, किसी को निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए जो उन्होंने अपने श्रोताओं के बीच प्रेरित की हैं: अखंडता, समावेशिता और लचीलापन।
महंत श्री पारस भाई जी के नेतृत्व में पारस परिवार समग्र विकास के माध्यम से समाज के उत्थान के अपने मिशन में इस सिद्धांत को आगे बढ़ाता है। इसे पपीजी द्वारा भी मान्य किया गया है क्योंकि यह शैक्षिक कार्यक्रम प्रदान करता है, स्वास्थ्य सेवा पहल लाता है, और डॉ. मनमोहन सिंह के दृष्टिकोण के साथ सभी के लिए एक बेहतर दुनिया के निर्माण की दिशा में आध्यात्मिक मार्गदर्शन करता है।
जब डॉ. मनमोहन सिंह मैदान से आगे निकल जाते हैं, तो भारत अनंत काल तक सभी मानवता की सेवा में उपयोग किए गए जीवन को याद करता है और उसका जश्न मनाता है। राष्ट्र के विकास में उनके द्वारा किए गए योगदान को इस राष्ट्र के इतिहास से कभी नहीं मिटाया जा सकता। साथ ही, पारस परिवार के साथ उनके दीर्घकालिक संबंध और महंत श्री पारस भाई जी की शिक्षाओं के माध्यम से भी ऐसी हृदय विदारक विरासतें मिलती हैं।
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aicwaofficial · 1 month ago
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भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के श्रमिकों, कलाकारों और तकनीशियनों के अधिकारों की माँग!
“8 घंटे का काम, सुरक्षा, समय पर वेतन और बेहतर भविष्य की गारंटी”
- ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA)
- अध्यक्ष श्री सुरेश श्यामलाल गुप्ता
मुख्य माँगें:
✅ 8 घंटे का काम:
श्रमिकों और तकनीशियनों को 8 घंटे के काम के बाद पर्याप्त आराम मिले।
✅ सुरक्षा और बीमा:
फिल्म सेट पर काम करने वालों के लिए सुरक्षा व्यवस्था हो और सभी को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिले।
✅ समय पर वेतन और वेतन बढ़ोतरी:
श्रमिकों और कलाकारों को समय पर वेतन मिले और हर साल वेतन में बढ़ोतरी सुनिश्चित की जाए।
✅ PF और ग्रेच्युटी:
सभी श्रमिकों और तकनीशियनों के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) और ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो।
✅ भोजन और सुविधाएँ:
काम करने वाले सभी लोगों को अच्छा खाना और स्वच्छ वातावरण मिले।
✅ हॉलिडे और आराम:
साप्ताहिक अवकाश और त्योहारों पर छुट्टियाँ मिलें।
✅ कानूनी अनुबंध (Agreement):
सभी श्रमिकों, तकनीशियनों और कलाकारों के लिए अनुबंध की अनिवार्यता हो ताकि उनके अधिकार सुरक्षित रहें।
✅ पुनर्विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर:
नई फिल्म सिटी, अत्याधुनिक स्टूडियो और प्रशिक्षण संस्थानों का निर्माण किया जाए।
AICWA के अध्यक्ष श्री सुरेश श्यामलाल गुप्ता की पहल:
श्री सुरेश श्यामलाल गुप्ता ��े माननीय श्री राधाकृष्ण विखे पाटिल जी (मंत्री, महाराष्ट्र सरकार) से आग्रह किया कि वह माननीय श्रम मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के श्रमिकों, तकनीशियनों और कलाकारों के कल्याण और सुविधाओं के लिए यह माँग उठाएँ।
उन्होंने तत्काल पत्र लिखा और सभी श्रमिकों के लिए सुविधाएँ सुनिश्चित करने की माँग की।
हमारी माँग:
“भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को संगठित उद्योग का दर्जा दिया जाए ताकि हर श्रमिक, तकनीशियन और कलाकार को सम्मान, सुरक्षा और भविष्य की गारंटी मिले।”
आइए, हम सब मिलकर आवाज उठाएँ:
✅ 8 घंटे का काम
✅ सुरक्षा और बीमा
✅ समय पर वेतन और PF/ग्रेच्युटी
✅ अच्छा भोजन और अवकाश
“संगठित फिल्म इंडस्ट्री से ही होगा लाखों श्रमिकों का भला!”
AICWA के साथ खड़े हों:
“AICWA आपके अधिकारों के लिए हमेशा साथ है। इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें और बदलाव का हिस्सा बनें!”
| #IndianFilmWorkersRights | #SupportCineWorkers |#AICWA | #RecognitionForCinema | #BollywoodWorkers | #PFForWorkers | #GratuityRights | #AllIndianCineWorkersAssociation | #Bollywood | #IndianFilmIndustry | #IndianCinema |
| @bollywood | @hollywood | @sureshsgupta |
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asort-co-commerce-hub · 2 months ago
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असॉर्ट: 12 साल में कैसे बना भारत का सबसे बड़ा को-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
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असॉर्ट, भारत की अग्रणी को-कॉमर्स कंपनी, अपने 12वें स्थापना दिवस पर नवाचार, समुदाय सशक्तिकरण और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उत्सव मना रही है। 2011 में स्थापित, असॉर्ट ने फैशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष बिक्री के माध्यम से हजारों उद्यमियों को सशक्त बनाया है।
को-कॉमर्स में अग्रणी
असॉर्ट ने को-कॉमर्स मॉडल के माध्यम से ई-कॉमर्स और सामाजिक वाणिज्य का समावेश किया है, जिससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय स्थापित करने में सहायता मिली है। इस मॉडल ने व्यक्तिगत संबंधों के माध्यम से उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित किया है, जिससे ग्राहकों के ��ाथ मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं।
उद्यमियों का सशक्तिकरण
असॉर्ट का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को सशक्त बनाना है। कंपनी प्रशिक्षण, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और एक सहयोगी समुदाय प्रदान करती है, जिससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलती है। इससे वे वित्तीय स्वतंत्रता और व्यक्तिगत विकास की दिशा में अग्रसर होते हैं।
नवाचार और प्रौद्योगिकी
असॉर्ट ने नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाते हुए अपने प्लेटफॉर्म को उन्नत किया है। कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाया है। साथ ही, मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उद्यमियों को अपने व्यवसाय को आसानी से प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान की है।
Asort community
असॉर्ट ने एक मजबूत और सहयोगी समुदाय का निर्माण किया है, जहां उद्यमी एक-दूसरे से सीखते हैं और मिलकर विकास करते हैं। यह समुदाय न केवल व्यवसायिक सहयोग प्रदान करता है, बल्कि व्यक्तिगत समर्थन और प्रेरणा का स्रोत भी है।
what is the future of Asort
असॉर्ट भविष्य में अपने प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाने, उत्पाद श्रेणियों का विस्तार करने और अधिक से अधिक लोगों को उद्यमिता के अवसर प्रदान करने की योजना बना रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने समुदाय के सदस्यों को और अधिक संसाधन और समर्थन प्रदान करे, जिससे वे अपने व्यवसाय में और अधिक सफलता प्राप्त कर सकें।
12 वर्षों की इस यात्रा में, असॉर्ट ने नवाचार, सशक्तिकरण और समुदाय निर्माण के माध्यम से एक मजबूत विरासत स्थापित की है। कंपनी का भविष्य उज्ज्वल है, और वह अपने मिशन के प्रति समर्पित है कि वह और अधिक लोगों को उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाए और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए। Read More : https://businessnewsthisweek.com/business/asort-gears-up-to-commemorate-its-12th-founders-day/
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nimaayaivf · 2 months ago
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बच्चा कैसे होता है(Baccha Kaise Hota Hai): गर्भ में विकास से लेकर जन्म तक की पूरी जानकारी
प्रस्तावना
गर्भधारण और बच्चे के जन्म का सफर जीवन की सबसे अद्भुत और रोमांचक यात्रा होती है। यह यात्रा सिर्फ एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक बदलावों का भी एक हिस्सा होती है। “बच्चा कैसे होता है(Baccha Kaise Hota Hai): गर्भ में विकास से लेकर जन्म तक की पूरी जानकारी” गर्भधारण और प्रसव की प्रक्रिया एक अद्भुत और जटिल घटना है जो हर माता–पिता के लिए महत्वपूर्ण होती है। “Baccha Kaise Hota Hai” विषय के अंतर्गत हम इस ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे कि बच्चा गर्भ में कैसे विकसित होता है और जन्म की प्रक्रिया कैसे पूरी होती है। यह जानकारी न केवल शैक्षिक है बल्कि भविष्य के माता–पिता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ हम baccha kaise paida hota hai(बच्चा कैसे पैदा होता है), गर्भधारण की शुरुआत से लेकर बच्चे के जन्म तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझेंगे और इस सफर के हर चरण की बारीकी से चर्चा करेंगे। इस ब्लॉग में हम आपको गर्भधारण की शुरुआत से लेकर बच्चे के जन्म तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाएंगे। साथ ही, हम गर्भ में बच्चे के विकास के विभिन्न चरणों, प्रसव की प्रक्रिया, और इस सफर को सुगम बनाने ��े लिए सबसे अच्छे गाइनोकॉलजिस्ट जैसे Nimaaya IVF center के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे। यह जानकारी न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाएगी, बल्कि इस अद्भुत यात्रा को बेहतर तरीके से समझने और अनुभव करने में भी मदद करेगी।
गर्भ में बच्चे का विकास (Garbh me Bache ka Vikas)
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गर्भ में बच्चे का विकास एक अद्वितीय प्रक्रिया है, जो माँ और बच्चे के बीच एक अद्वितीय संबंध का परिचय कराती ���ै। गर्भावस्था की पूरी अवधि को तीन तिमाहियों में बांटा जाता है, जिसमें हर तिमाही का विशेष महत्व होता है। इन तीन तिमाहियों में, बच्चे का विकास वास्तव में चमत्कारिक होता है और इस प्रक्रिया को समझना बेहद महत्वपूर्ण है। गर्भ के पहले तिमाही में, बच्चे का अविकसित गर्भण और शुरुआती विकास होता है, जबकि दूसरे तिमाही में उसके अंग और अंगविकसित होते हैं। तीसरे तिमाही में, बच्चे का विकास गति पकड़ता है और वह जन्म के लिए तैयार होता है।
पहली तिमाही (0-12 सप्ताह):
इस अवधि में ज़ाइगोट एक भ्रूण में बदलता है और महत्वपूर्ण अंगों का विकास शुरू होता है। इस दौरान भ्रूण का दिल, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और अन्य महत्वपूर्ण अंग बनते हैं। गर्भवती महिला को इस समय विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
दूसरी तिमाही (13-26 सप्ताह):
इस दौरान भ्रूण तेजी से बढ़ता है और उसकी हड्डियाँ मजबूत होती हैं। बच्चे की गतिविधियां भी महसूस होने लगती हैं। अल्ट्रासाउंड के जरिए बच्चे के विकास का निरीक्षण किया जाता है और यह देखा जाता है कि सब कुछ सामान्य है या नहीं।
तीसरी तिमाही (27-40 सप्ताह):
इस अवधि में बच्चे का वजन और आकार तेजी से बढ़ता है। फेफड़े और अन्य महत्वपूर्ण अंग पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं। बच्चे का सिर नीचे की ओर ��ुड़ जाता है, जो कि जन्म की प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है।
यह समझना कि Baccha Kaise Hota Hai, गर्भ में उसका विकास (Garbh me Bache ka Vikas) और बच्चा कहां से पैदा होता है, हर माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया के हर चरण को जानना और अनुभव करना न केवल शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। गर्भधारण और बच्चे के विकास के इस अद्भुत सफर में, सही जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त करना बेहद जरूरी है, जिससे इस अनुभव को सुरक्षित और सुखद बनाया जा सके।
Also Read: Exploring the Top 5 IVF Centers in Surat for Successful IVF Journey
गर्भधारण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
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गर्भधारण के दौरान, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस महत्वपूर्ण अवधि में उन्हें विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि गर्भाधारण के दौरान उनका स्वास्थ्य और बच्चे का विकास सही तरीके से हो सके। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:
स्वस्थ आहार:
गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिसमें प्रोटीन, फल, सब्जियाँ, अनाज और दूध शामिल हो। इससे बच्चे का सही विकास होता है और माँ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। प्रोटीन शिशु के ऊतकों और अंगों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि फल और सब्जियाँ आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं। अनाज ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होते हैं और दूध से कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है। सही आहार का पालन करके गर्भवती महिलाएँ न केवल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकती हैं, बल्कि बच्चे के संपूर्ण विकास को भी सुनिश्��ित कर सकती हैं।
व्यायाम:
नियमित व्यायाम करना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। योगा, वॉकिंग, और सामान्य व्यायाम स्वस्थ रहने में मदद करते हैं और प्रसव के दौरान भी सहायक होते हैं। व्यायाम करने से माँ की शारीरिक क्षमता और सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे प्रसव के समय तनाव कम होता है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम से गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य समस्याएँ जैसे पीठ दर्द, सूजन, और कब्ज से राहत मिलती है। ध्यान दें कि कोई भी व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है ताकि माँ और बच्चे दोनों सुरक्षित रहें।
दवाई और परामर्श:
गर्भवती महिलाओं को किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। साथ ही, नियमित अंतेनाताल स्कैन और परीक्षण कराना भी जरूरी होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चा स्वस्थ है और गर्भावस्था सामान्य रूप से चल रही है। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन और मिनरल्स की सप्लीमेंट्स लेना भी लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, किसी भी असामान्य लक्षण या समस्या को तुरंत डॉक्टर के साथ साझा करना चाहिए।
परिपर्याप्त पानी पीना:
गर्भवती महिलाओं को परिपक्व फलों और सब्जियों से भरपूर पानी पीना चाहिए। इससे उनके शरीर का तापमान बना रहता है और खासकर प्रसव के समय सहायक होता है। यह न केवल शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि आवश्यक पोषक तत्वों को भी शरीर में बनाए रखता है। गर्भावस्था के दौरान पानी की कमी से बचने के लिए रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। साथ ही, यह एमनियोटिक फ्लूइड की मात्रा को बनाए रखने में भी मदद करता है, जो बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
ध्यान और आराम:
गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आराम और ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर आराम करना, अधिक थकान और तनाव से बचने में मदद करता है। आराम के दौरान, गर्भवती महिलाओं को अपनी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना चाहिए, जो उन्हें मानसिक शांति और खुशी प्रदान करें। गहरी सांस लेने की तकनीकें और ध्यान भी तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें अपनी नींद के पैटर्न पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि उनका शरीर और मन पूरी तरह से तरोताजा रह सके।
इन बातों का ध्यान रखने से गर्भधारण के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य और बच्चे का विकास सुरक्षित रहता है। यह जानकारी प्राप्त करना कि Baccha Kaise Hota Hai, हर माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण है। सही देखभाल और सावधानियों से, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से जन्म ले सके।
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top-leaders-in-india · 6 days ago
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भाजपा का संकल्प: विकसित दिल्ली: कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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भाजपा का संकल्प “विकसित दिल्ली” न केवल एक नारा है, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हर नागरिक के लिए एक बेहतर भविष्य का वादा है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, एक अनुभवी नेता और सांसद के रूप में, इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली को आधुनिकता, समृद्धि और विकास का प्रतीक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
“विकसित दिल्ली” का विज़न
कर्नल राठौड़ का मानना है कि दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए हमें समग्र और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह केवल आधारभूत संरचना के सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि हर नागरिक को सशक्त बनाने और उनकी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास है।
दिल्ली के विकास के लिए भाजपा के प्रमुख संकल्प
1. स्मार्ट और हरित बुनियादी ढांचा
यातायात और परिवहन सुधार:
नई मेट्रो लाइनों का विस्तार और सार्वजनिक परिवहन का आधुनिकीकरण।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशन और सुविधाओं का निर्माण।
हरित दिल्ली:
वायु प्रदूषण कम करने के लिए व्यापक योजनाएं।
हरित क्षेत्र और पार्कों का विकास।
2. सभी के लिए आवास और जल सुविधाएं
झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों का पुनर्विकास।
हर घर को स्वच्छ जल और सीवरेज की सुविधा प्रदान करना।
जल संरक्षण परियोजनाओं और यमुना की सफाई पर जोर।
3. शिक्षा और कौशल विकास
सरकारी स्कूलों को डिजिटल सुविधाओं से लैस करना।
युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्रों की स्थापना।
महिलाओं के लिए विशेष शिक्षा और रोजगार कार्यक्रम।
4. स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण
सभी के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं।
मोहल्ला क्लीनिकों को उन्नत स्वास्थ्य केंद्रों में बदलना।
कोविड जैसे स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर।
5. महिलाओं और युवाओं के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम
महिलाओं की सुरक्षा के लिए अधिक पुलिस बल और CCTV कवरेज।
युवाओं के लिए खेल, स्टार्टअप और नवाचार केंद्र।
स्व-रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा।
6. स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन
सरकारी सेवाओं में डिजिटलाइजेशन और पारदर्शिता।
भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली बनाने के लिए सख्त कानून।
हर नागरिक की समस्याओं का त्वरित समाधान।
कर्नल राठौड़ का संदेश
“दिल्ली का विकास सिर्फ इमारतें बनाने या सड़कें चौड़ी करने तक सीमित नहीं है। इसका मतलब हर नागरिक को सशक्त बनाना, उन्हें बेहतर अवसर और सुविधाएं देना है। भाजपा का संकल्प है कि दिल्ली को एक ऐसा शहर बनाया जाए जो हर भारतीय के लिए गर्व का कारण बने।”
भविष्य की दिल्ली: एक वादा, एक संकल्प
“विकसित दिल्ली” का मतलब है:
एक ऐसा शहर जो स्वच्छ, हरित और सुरक्षित हो।
जहां युवाओं को अवसर, महिलाओं को सुरक्षा, और हर नागरिक को सम्मान मिले।
एक ऐसा शहर जो भारत की शक्ति और समृद्धि का प्रतीक हो।
भाजपा और कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में, यह संकल्प निश्चित रूप से एक साकार होता सपना बनेगा।
जय हिंद! जय दिल्ली!
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dheeraj1orion · 3 months ago
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नीमराणा राजस्थान में आवासीय घर क्यों खरीदें?
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राजस्थान के नीमराणा में आवासीय रियल एस्टेट की संभावनाएं मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से उज्ज्वल दिखती हैं:
1. औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास:
नीमराना दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) का एक हिस्सा है और यहाँ जबरदस्त औद्योगिक विकास हो रहा है। जापानी और कोरियाई कंपनियों द्वारा यहाँ अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के साथ, नीमराणा धीरे-धीरे और लगातार एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। इससे उस क्षेत्र में पेशेवरों और श्रमिकों के लिए आवास की मांग पैदा होती है।
2. कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचा विकास:
दिल्ली (NH-48 के माध्यम से) तक पहुँच और जयपुर से निकटता ने नीमराणा को और अधिक सुलभ बना दिया है। सड़क मार्गों, प्रस्तावित हवाई अड्डों और मौजूदा औद्योगिक परियोजनाओं में और वृद्धि से क्षेत्र में आवासों की मांग बढ़ेगी।
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3. किफायती आवास:
गुरुग्राम और दिल्ली, संबंधित पड़ोसी शहरों की तुलना में, नीमराणा तुलनात्मक रूप से अधिक किफायती आवास विकल्प प्रदान कर रहा है। मध्यम आय वर्ग, निवेशक और युवा पेशेवर जो आवागमन के साधनों में प्रमुख शहरों से आसान दूरी के भीतर किफायती घरों की तलाश कर रहे हैं, वे इन क्षेत्रों की ओर आकर्षित हुए हैं।
4. पर्यटन और शैक्षणिक संस्थान:
नीमराना का ऐतिहासिक महत्व और नीमराना फोर्ट पैलेस जैसी जगहें इसे एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल बनाती हैं। इसके अलावा, इस स्थान पर स्थित विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों ने किराए पर आवासीय स्थान की मांग बढ़ा दी है।
 5. रियल एस्टेट में निवेश:
 बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ, नीमराना उन निवेशकों द्वारा लक्षित किया जा रहा है जो मानते हैं कि यह क्षेत्र रियल एस्टेट की सराहना के लिए एक संभावित हॉटस्पॉट है। निवेशक भविष्य के विकास को ध्यान में रखते हुए आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
 6. शहरीकरण और विस्तार:
बेहतर जीवन स्थितियों के लिए अधिक से अधिक लोग उपनगरों और छोटे शहरों की ओर जा रहे हैं, नीमराना में भी एनसीआर के बढ़ते रियल्टी बाजार की तरह ही शहरीकरण के रुझान देखने को मिल सकते हैं। संक्षेप में, नीमराना का आवासीय रियल एस्टेट बाजार निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा क्योंकि लोग औद्योगिक विकास, उचित बुनियादी ढांचे और आवास की सामर्थ्य के कारण यहाँ आते हैं। इस प्रकार, जल्द ही, यह निवेशकों के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी एक शानदार अवसर है जो इस क्षेत्र में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं।
For More Info Visit: https://www.rajasthanaffordablehousing.org/
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tufcontmt · 4 months ago
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Why TufconXT HCR 600 is the Cost-Effective Choice Compare to Other TMT Bars
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क्या आप जानते हैं कि TUFCON XT भारत में एकमात्र कंपनी है जो 600 HCR की TMT Rebars बनाती है? ये TMT Rebars बेहद मजबूत और टिकाऊ होते हैं, जो किसी भी निर्माण कार्यों के लिए PERFECT माने जाते हैं। TUFCON XT के TMT Rebars उच्च गुणवत्ता वाले स्टील से बनाए जाते हैं और एक विशेष प्रक्रिया (Tempcore Technology) का उपयोग होता है, जिससे TUFCON TMT बेहद मजबूत और लचीला हो जाता है।
ये Rebars कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हैं और आपके निर्माण परियोजनाओं के लिए एक विश्वसनीय विकल्प हैं। यदि आप अपने निर्माण प्रोजेक्ट के लिए सबसे मजबूत और टिकाऊ TMT Bar ढूंढ रहे हैं, तो TUFCON XT 600 TMT Rebars आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ये Rebars भारत में बनने वाले सबसे मजबूत और सबसे टिकाऊ TMT Bars में से एक हैं।
Tufcon XT 600HCR TMT Rebars
असाधारण ताकत: ये बार सामान्य TMT Bars की तुलना में बहुत अधिक मजबूत होते हैं, जिसका मतलब है कि ये भारी वजन को सहन कर सकते हैं और इमारत को अधिक मजबूती देते हैं।
जंग प्रतिरोध: Tufcon TMT Bars में उच्च जंग प्रतिरोध होता है, जिसका मतलब है कि ये लंबे समय तक टिकते हैं और जंग लगने का खतरा भी कम होता है।
लचीलेपन: Tufcon TMT Bars बहुत लचीले होते हैं, जिसका मतलब है कि वे भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान झटकों को सहन कर सकते हैं।
दीर्घायु: इन बारों की लंबी उम्र होती है, जिसका मतलब है कि आपको भविष्य में मरम्मत पर कम खर्च करना होगा।
लागत प्रभावी: Tufcon TMT Bars न केवल मजबूत और टिकाऊ होते हैं, बल्कि वे लागत प्रभावी भी होते हैं।
Tufcon XT 600HCR TMT Rebar की तुलना साधारण TMT Bar Se
Tufcon XT 600HCR TMT Rebar की तुलना साधारण TMT Bar से करें तो, जैसा कि आप जानते हैं, मजबूती वाले निर्माण में अनुभवी इंजीनियरों का मानना है कि बेहतर मजबूती वाले निर्माण में दो छड़ों के बीच की दूरी 4 इंच होनी चाहिए। अब अगर हम 10 फुट बाय 10 फुट का एक निर्माण करते हैं, तो हमें दोनों साइड से 31 पीस छड़ यानी कुल 62 छड़ लगेंगे। यदि हम वही निर्माण साधारण छड़ से करते हैं, तो यहां भी हम 62 छड़ ही लगाएंगे।
दोनों निर्माण के पूरे हो जाने पर कुछ दिनों बाद टेस्टिंग के लिए दोनों पर 5 टन वज़न वाले हाथी को चढ़ाते हैं। तब देखा जाता है कि साधारण छड़ से बनी छत में दरारें आ गईं, जबकि Tufcon XT 600HCR से बनी छत में कोई दरार नहीं आई। इससे यह साबित होता है कि किसी भी सामान्य और बहुमंजिला बिल्डिंग के निर्माण में Tufcon XT के TMT Rebars पूरी तरह सक्षम हैं।
अब दूसरे प्लान के अनुसार साधारण छड़ वाली छत के बीच का गैप 3 इंच कर देते हैं, तो इसमें दोनों साइड से 38 छड़ यानी कुल 76 छड़ का उपयोग करते हैं। अब निर्माण के पूरे हो जाने पर कुछ दिनों बाद जब फिर से वही हाथी दोनों छतों पर खड़ा किया जाता है, तो दोनों निर्माण में कोई परिवर्तन नहीं दिखता है। लेकिन साधारण छड़ के लिए यह परिणाम 20% ज्यादा छड़ का उपयोग करने से हासिल होता है।
इससे साबित होता है कि Tufcon XT 600HCR के छड़ साधारण छड़ की तुलना में 20% कम सामग्री का उपयोग करके समान मजबूती प्रदान करते हैं। मतलब, Tufcon XT 600HCR के छड़ का उपयोग करके हम साधारण छड़ की तुलना में 20% सामग्री, 20% समय और 20% मजदूरी का खर्च बचा सकते हैं।
Tufcon XT 600HCR TMT Rebar के फायदे:
मजबूत संरचना: Tufcon TMT Rebars आपकी इमारत को अधिक मजबूत बनाते हैं, जिससे यह भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से अधिक सुरक्षित हो जाती है।
कम रखरखाव: इन Rebars की लंबी उम्र होती है, जिसका मतलब है कि आपको भविष्य में मरम्मत पर कम खर्च करना होगा।
लागत बचत: ये Rebars आपको लंबे समय तक पैसे बचाने में मदद कर सकते हैं।
Conclusion
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अगर आपके मन में कोई और सवाल हो, तो पूछने में संकोच न करें।
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abhay1233 · 6 months ago
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🌈 संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधार के प्रयासों से एक बेहतर भविष्य का निर्माण हो रहा है!
दहेज, जातीय भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी बुराइयों को खत्म किया जा रहा है!
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र: +91 7496801823
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parasparivaarorg · 3 months ago
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पुराण क्या हैं और कितने हैं?
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
हमारे सनातन धर्म में सभी धार्मिक ग्रंथों में से पुराण का विशेष महत्व है तथा ये प्राचीनतम ग्रंथों में से एक है। पुराण का अर्थ है प्राचीन रचना और इन पुराणों में लिखी बातें या बताई बातें और ज्ञान आज भी सच साबित हो रहे हैं। हम सब इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि हमारे पुराणों में लिखी बातें, हमारी हिंदू संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं। आइये इस आर्टिकल में जानते हैं पुराण क्या हैं और कितने हैं ?
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पुराण क्या हैं?
पुराणों में देवी देवताओं से जुड़ी कई बातें हैं जिसमें पाप-पुण्य और धर्म-अधर्म के बारे में बताया गया है। पुराण में व्यक्ति के जन्म-मृत्यु और मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक तक की यात्रा के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। सांस्कृतिक अर्थ में हिन्दू संस्कृति के वे धर्मग्रन्थ जिनमें सृष्टि से लेकर प्रलय तक का इतिहास है।
यानि कुछ पुराणों में इस सृष्टि की रचना से लेकर अंत तक का विवरण है। ‘पुराण’ का शाब्दिक अर्थ है, प्राचीन या पुराना। पुराण, हिन्दुओं के धर्म-सम्बन्धी आख्यान ग्रन्थ हैं, जिनमें संसार, ऋषियों, राजाओं के वृत्तान्त आदि हैं। पुराण मनुष्य को धर्म, सदाचार और नीति के अनुसार जीवन व्यतीत करने की शिक्षा देते हैं। इसके अलावा पुराण मनुष्य के कर्मों का विश्लेषण कर उन्हें दुष्कर्म करने से रोकते हैं।
पुराण कितने हैं?
हिन्दू धर्म में कुल 18 पुराण हैं, जो निम्न हैं – ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वाराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण।
ब्रह्म पुराण Brahma Puran 18 पुराणों में ब्रह्म पुराण सबसे पहला और पुराना पुराण है। ब्रह्मपुराण के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं और इसे संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस पुराण को महापुराण भी कहते हैं। इस पुराण में ब्रह्मा जी के अलावा सृष्टि की उत्पत्ति, गंगा अवतरण आदि कथायें हैं। इस पुराण में कलयुग का भी विवरण दिया गया है। ब्रह्म देव को आदि देव भी कहा जाता है इसलिए यह पुराण आदि पुराण के नाम से भी जाना जाता है।
पद्म पुराण Padma Puran पद्म पुराण के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं। पद्म का अर्थ है कमल का फूल। पद्म पुराण में बताया गया है कि ब्रह्मदेव श्री नारायण जी के नाभि कमल से उत्पन्न हुए थे और उन्होंने सृष्टि की रचना की। इस पुराण के 5 खंडो में श्रुष्टि खंड, भूमि खंड, स्वर्ग खंड, पाताल खंड और उत्तर खंड में भगवा�� विष्णु की महिमा, तीर्थों के बारे में, श्री कृष्ण और श्री राम की लीलाओं और तुलसी महिमा का अलौकिक वर्णन किया गया है।
विष्णु पुराण Vishnu Puran विष्णु पुराण में भगवान विष्णु जी की महिमा का अद्भुत वर्णन किया गया है। विष्णु पुराण के रचयिता पराशर ऋषि हैं और यह पुराण संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस पुराण में भक्त प्रह्लाद की कथा, ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, गृह नक्षत्र, पृथ्वी, ज्योतिष, समुद्र मंथन, कृष्ण, रामकथा, विष्णु जी और लक्ष्मी माँ की महिमा, वर्णव्यवस्था, देवी देवताओं की उत्पत्ति आदि के बारे में बताया गया है।
वायु पुराण Vayu Puran वायु पुराण को के रचयिता श्री वेद व्यास जी हैं। वायु पुराण को शैव पुराण भी कहते हैं। वायु पुराण में खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, तीर्थ, शिव भक्ति, युग, श्राद्ध, पितरों, ऋषि वंश, राजवंश, संगीत शास्त्र, आदि का विस्तारपूर्वक विवरण दिया गया है। इस पुराण में शिव जी की महिमा का वर्णन है इसलिए इसे शिव पुराण भी कहा जाता है।
भागवत ( श्रीमद्भागवत ) पुराण Bhagavata Purana भागवत पुराण के रचयिता वेद व्यास जी हैं और भागवत पुराण 18 पुराणों में से पांचवा पुराण है। इसे श्रीमद्भागवतम् के नाम से भी जाना जाता है। इस पुराण को संस्कृत में लिखा गया है। भागवत पुराण आत्मा की मुक्ति का मार्ग बताता है। इस पुराण में श्री कृष्ण के बारे में बताया गया है, इसमें उनके जन्म, प्रेम और कई लीलाओं का विवरण दिया गया है। इसमें महाभारत युद्ध और कृष्ण की भूमिका के बारे में भी बताया गया है।
नारद पुराण Narad Puran नारद पुराण के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं। नारद पुराण को नारदीय पुराण भी कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास जी ने इस पुराण को संस्कृत भाषा में लिखा था। इस पुराण में ज्योतिष, शिक्षा, ईश्वर की आराधना, व्याकरण, गणित आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। साथ ही इसमें कलियुग में होने वाले परिवर्तनों के बारे में भी बताया गया है।
मार्कण्डेय पुराण Markandey Puran मार्कण्डेय पुराण 18 पुराणों में से 7 वां पुराण है। यह पुराण अन्य पुराणों से छोटा है। महर्षि मार्कण्डेय द्वारा कहे जाने के कारण इसे मार्कण्डेय पुराण कहा जाता है। इस पुराण में मानव कल्याण के लिए भौतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक आदि विषयों के बारे में बताया है। यह पुराण दुर्गा चरित्र की व्याख्या के लिए जाना जाता है।
अग्नि पुराण Agni Puran अग्नि पुराण 18 पुराणों में से 8वां पुराण है और इस पुराण के रचयिता वेद व्यास जी हैं और वेद व्यास जी ने इसे संस्कृत भाषा में लिखा है। इस पुराण का नाम अग्नि पुराण इसलिए पड़ा दरसअल इसे अग्नि देव ने गुरु वशिष्ठ को सुनाया था। इस पुराण में त्रिदेवों ब्रह्म देव, विष्णु देव और शिव जी का वर्णन है। साथ ही महाभारत और रामायण का भी विवरण है।
भविष्य पुराण Bhavishya Puran भविष्य पुराण 18 पुराणों में से 9 वां पुराण है और इसके रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं। महर्षि वेद व्यास जी ने इसे संस्कृत भाषा में लिखा था। भविष्य पुराण में नीति, सदाचार, धर्म, व्रत, दान, आयुर्वेद आदि का विवरण है। इस पुराण में सूर्य देव का भी विवरण है। इस पुराण में कई भविष्यवाणियाँ की गई जो सही साबित हुई। इसमें हर्षवर्धन महाराज, शिवाजी महाराज, पृथ्वीराज चौहान आदि कई वीर हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, बाबर, रानी विक्टोरिया, अकबर आदि के बारे में बताया गया है।
ब्रह्म वैवर्त पुराण Brahma Vaivarta Purana ��्रह्म वैवर्त पुराण 18 पुराणों में 10वां पुराण है और इसके रचयिता वेद व्यास जी हैं। इसे उन्होंने संस्कृत भाषा में लिखा है। इस पुराण में अनेक स्त्रोत हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि कृष्ण से ही शिवजी, विष्णु जी, ब्रह्म देव और इस प्रकृति का जन्म हुआ। इस पुराण में कृष्ण को ही परब्रह्म माना गया है।
लिङ्ग पुराण Ling Puran लिङ्ग पुराण 18 पुराणों में से 11वां पुराण है तथा इसके रचयिता वेद व्यास जी हैं। इस पुराण में भोलेनाथ के 28 अवतारों के बारे में बताया गया है और इसमें रुद्रावतार और लिंगोद्भव की कथा का भी विवरण है। साथ ही इसमें भोलेनाथ द्वारा ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट होने की घटना के बारे में भी बताया गया है।
वराह पुराण Varah Puran वराह पुराण 18 पुराणों में से 12 वां पुराण है और इसके रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं। वराह पुराण संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस पुराण में विष्णु जी के वराह अवतार का उल्लेख है। माना जाता है कि विष्णु जी धरती के उद्धार के लिए वराह रूप में अवतरित हुए थे। इसमें वराह कथा, माँ पार्वती और शिवजी की कथा, व्रत, तीर्थ, दान आदि का वर्णन है।
स्कन्द पुराण Skand Puran स्कन्द पुराण 18 पुराणों में से 13 वां पुराण है और इसकी रचना वेद व्यास जी ने संस्कृत भाषा में की थी। इस पुराण में शिव पुत्र कार्तिकेय जिनका दूसरा नाम स्कन्द भी है उनके बारे में बताया गया है। इसमें नर्मदा, गंगा, सरस्वती नदियों के उद्गम के बारे में कथाएँ हैं और साथ ही इसमें व्रतों का भी विवरण दिया गया है। इसमें योग, धर्म, सदाचार, भक्ति और ज्ञान के बारे में सुन्दर वर्णन किया गया है।
वामन पुराण Vaman Puran वामन पुराण 18 पुराणों में से 14 वां पुराण है और इसके रचयिता है वेद व्यास और इसे उन्होंने संस्कृत भाषा में लिखा। इस पुराण में भगवान विष्णु के वामन अवतार के बारे में लिखा गया है। इसमें शिव लिंग की पूजा विधि, शिव पार्वती विवाह, गणेश पूजन, भगवती दुर्गा, भक्त प्रह्लाद आदि का विवरण दिया गया है।
कूर्म पुराण Kurma Puran कूर्म पुराण 18 पुराणों में 15 वां पुराण है तथा इसके रचयिता वेदव्यास जी हैं। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस पुराण में पाप का नाश करने वाले व्रतों के बारे में बताया गया है। साथ ही इसमें विष्णु का सुंदर विवरण, शिवलिंग की महिमा, वामन अवतार आदि के बारे में बताया गया है।
मत्स्य पुराण Matsya Puran मत्स्य पुराण 18 पुराणों में से 16वां पुराण है और इसके रचयिता वेदव्यास जी हैं। इस पुराण के श्लोकों में विष्णु जी के मत्स्य अवतार का विवरण दिया गया है। दरअसल विष्णु जी ने अपने मत्स्य अवतार में सप्त ऋषियों और राजा वैवश्वत मनु को जो उपदेश दिए थे यह पुराण उसी पर आधारित है। इस पुराण में नव गृह, तीनों युगों, तारकासुर वध कथा, नरसिंह अवतार आदि का विवरण दिया गया है।
गरुड़ पुराण Garuda Puran गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से 17 वां पुराण है। इस पुराण के रचयिता वेद व्यास जी हैं और उन्होंने इसे संस्कृत में लिखा है। यह पुराण विष्णु भक्ति पर आधारित है। हमारे हिंदू धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद इस पुराण को जरूर पढ़ा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस पुराण को पढ़ने से मृतक की आत्मा को मुक्ति मिलती है। इसमें दान, सदाचार, शुभ कर्म, तीर्थ, आदि के बारे में विवरण दिया गया है।
ब्रह्माण्ड पुराण Brahmanda Puran ब्रह्माण्ड पुराण 18 पुराणों में से आखिरी पुराण है और ब्राह्माण पुराण के रचयिता वेदव्यास जी हैं। यह पुराण वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस पुराण को खगोल शास्त्र भी कहते हैं। इसमें समस्त ग्रहों का विस्तृत वर्णन है।
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार जो व्यक्ति जीवन में इन सभी 18 पुराणों के नाम और उसमें लिखित बातों का श्रवण करता है या पाठ करता है। वह ��न 18 पुराणों से मिलने वाले पुण्य को पा लेता है।
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sharpbharat · 6 months ago
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Srinath University-घाटशिला केके रेसीडेंसी में श्रीनाथ विश्वविद्यालय का एजुकेशन फेयर 27 को, ग्रामीण बच्चों के सही मार्गदर्शन व सहायता प्रदान करने के लिए कार्यक्रम का होगा आयोजन
घाटशिला: बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण को लेकर सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक जे राजेश ने बुधवार को घाटशिला के एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक और विकसित दौर में शिक्षा प्रणाली का बेहतर होना उतना ही जरूरी है जितना जीवन में खाने का महत्व है क्योंकि बेहतर शिक्षा प्रणाली ही बच्चों के बेहतर भविष्य का…
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abhinews1 · 7 months ago
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राजीव एकेडमी के नौ बीसीए छात्र-छात्राओं ने भरी उड़ान
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राजीव एकेडमी के नौ बीसीए छात्र-छात्राओं ने भरी उड़ान
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के नौ बीसीए के छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता का शानदार आगाज करते हुए करियर में ऊंची उड़ान भरी है। हाल ही में आईटी क्षेत्र की प्रतिष्ठित सिलारिस कम्पनी के पदाधिकारियों ने छात्र-छात्राओं की बहुमुखी प्रतिभा को न केवल सराहा बल्कि उन्हें उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर भी प्रदान किया है। शिक्षा पूरी करने से पहले ही मिले इस शानदार अवसर से विद्यार्थियों में प्रसन्नता की लहर है। संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही में आईटी बेस्ड कम्पनी सिलारिस इनफोरमेशन प्राइवेट लिमिटेड के पदाधिकारियों द्वारा बीसी�� के छात्र-छात्राओं का बौद्धिक मूल्यांकन करने तथा साक्षात्कार लेने के बाद दिव्यम अग्रवाल, कनिष्क वर्मा, कुलदीप भारद्वाज, मनोज कुमार, ओम कुलश्रेष्ठ, प्रतिभा सिंह, रश्मि, सार्थक अग्रवाल, वीरेन्द्र सिंह को उच्च पैकेज पर जॉब हेतु आफर लेटर प्रदान किए गए। आफर लेटर प्रदान करने से पूर्व अधिकारियों ने बताया कि सिलारिस कम्पनी भारत में आई.टी. क्षेत्र में सक्षम सेवा (जॉब) प्रदान करती है। 2011 में स्थापित यह कम्पनी डिजिटल बीपीओ में तब्दील हुई है। यह कम्पनी डिजिटल समाधान तथा देश के बीएफएसआई वर्टिकल में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। कम्पनी बिजनेस आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड का एक वैश्विक बीपीओ व्यवसाय है जो अपने गहन उद्योग अनुभव और प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवसाय के 360 डिग्री दृष्टिकोण के माध्यम से विशिष्ट व्यावसायिक परिणाम प्रदान करती है। कम्पनी अपने ग्राहकों को सफल और अनुकूल व्यवसायी बनाने में भी मदद करती है। कम्पनी का मुख्यालय नई दिल्ली है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बीसीए की डिग्री युवाओं को आईटी सेक्टर में प्रवेश दिलाने का सबसे बेहतर माध्यम है। बीसीए की डिग्री आईटी क्षेत्र में विद्यार्थी को जॉब दिलवाने के साथ ही उसके करियर निर्माण में मील का पत्थर साबित होती है। यह खुशी की बात है कि राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राएं लगातार आई.टी. क्षेत्र में ऊंची उड़ान भर रहे हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने बीसीए के विद्यार्थियों को आईटी बेस्ड कम्पनी में उच्च पैकेज पर जॉब मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राजीव एकेडमी में छात्र-छात्राओं को बेहतर तालीम देने के साथ ही उनके बेहतर करियर के लिए हर तरह की तैयारी कराई जाती है। संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने चयनित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें जो अवसर मिला है, उसका लाभ उठाएं तथा अपनी रुचि के अनुरूप आगे की पढ़ाई भी जारी रखें ताकि करियर के शिखर पर पहुंचने में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न आए। डॉ. सक्सेना ने कहा कि कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, लगन और मेहनत से ही हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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