जो अपनी मर्ज़ी से चले गए
जो अपनी मर्ज़ी से चले गए
Sad Shayari – जो अपनी मर्ज़ी से चले गए
जो अपने मर्जी से दूसरे का बिना सोचेभरोसा और कसम तोड़ केमतलब निकाल के चले गएउनके मुंह से “मतलब” की बात शोभा नही देती !!
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जिन की नज़रों में इज़्ज़त ही नहीं
जिन की नज़रों में इज़्ज़त ही नहीं
Sad Shayari – जिन की नज़रों में इज़्ज़त ही नहीं
जिन की नज़रों में अपने ही जुबान और कसम की कोई इज्जत ही नहीवो क्या खाक दूसरे की इज्जत करेंगे।आप जैसे लोग क्या सच्ची दोस्ती निभाओगेपहले सच्चे और अच्छे इंसान तो बनना सीखोफिर जा के दोस्ती की बड़ी –बड़ी बात करना !!
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समझने की भूल कर दी!
समझने की भूल कर दी!
Sad Shayari – समझने की भूल कर दी !
हमने जिंदगी में कभी किसी के भावना का खून नही कियाना तो विश्वास तोड़ाबस दो – तीन बार झूठे लोगो को गलती से सच्चे दोस्त समझने की भूल कर दी !!
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