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10वीं,12वीं पास कैंडिडेट्स के लिए है अच्छा मौका , यहां निकली है 281 पदों पर वैकेंसी
10वीं,12वीं पास कैंडिडेट्स के लिए है अच्छा मौका , यहां निकली है 281 पदों पर वैकेंसी
BSF Recruitment 2022: देश सेवा का जज्बा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है. सीमा सुरक्षा बल द्वारा ग्रुप बी और ग्रुप सी के कई पदों पर वैकेंसी निकाली गई है. आवेदन करने इच्छुक व पात्र उम्मीदवार इस भर्ती के लिए आधिकारिक साइट rectt.bsf.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए उम्मीदवार 28 जून 2022 तक आवेदन कर सकते हैं. ये प्रक्रिया 30 मई से शुरू हो चुकी है. इस भर्ती प्रक्रिया के तहत…
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बीएसएफ: पंजाब के फिरोजपुर सीमा क्षेत्र में बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
बीएसएफ: पंजाब के फिरोजपुर सीमा क्षेत्र में बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
अमृतसर: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लोगों ने पास में एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया बीएसएफ‘एस वान सीमा चौकी (बॉप) शुक्रवार देर रात फिरोजपुर सेक्टर में। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ जवान ने जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में कोहरे के कारण कम ऊंचाई पर उड़ते हुए ड्रोन को देखा। वान बीओपी जिसके बाद उन्होंने आग लगा दी और उसे नीचे उतारा। बरामद ड्रोन चीन में बना पाया गया है। एक अन्य घटना में बीएसएफ,…
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बीएसएफ: बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
बीएसएफ: बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
अमृतसर: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने शुक्रवार देर रात फिरोजपुर सेक्टर में बीएसएफ के वान बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) के पास एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ जवान ने वान बीओपी की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में कोहरे के कारण कम ऊंचाई पर उड़ते हुए ड्रोन को देखा, जिसके बाद उन्होंने गोलियां चलाई और उसे नीचे उतारा। बरामद ड्रोन चीन में बना पाया गया है। एक अन्य…
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जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में संदिग्ध ड्रोन पर बीएसएफ के जवानों ने की फायरिंग; तलाशी चल रही है
जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में संदिग्ध ड्रोन पर बीएसएफ के जवानों ने की फायरिंग; तलाशी चल रही है
जम्मू-कश्मीर के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अग्रिम इलाके में मंगलवार रात बीएसएफ के जवानों ने एक संदिग्ध ड्रोन उड़ाया। “13 और 14 जुलाई की मध्यरात्रि को, अरनिया सेक्टर में सैनिकों द्वारा रात 9.52 बजे हमारी तरफ 200 मीटर की ऊंचाई पर एक चमकती लाल बत्ती देखी गई। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अलर्ट सैनिकों ने अपनी स्थिति से लाल बत्ती की ओर गोलीबारी की, जिसके कारण वह वापस लौट आया।…
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पंजाबः बार्डर पर दिन में दिखे आठ ड्रोन, चार भारतीय सीमा में घुसे हुसैनीवाला बार्डर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी ड्रोन की गतिविधियां बढ़ने से बीएसएफ अधिकारियों की नींद उड़ गई है। लगातार दूसरे दिन मंगलवार रात को फिर दो बार पाक ड्रोन सीमावर्ती गांवों में घुस आए। करीब एक किमी की ऊंचाई पर पहला ड्रोन भारतीय सीमा में करीब एक किमी भीतर तक घुसा तो दूसरा पांच सौ मीटर भीतर तक।
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सरहद पर नापाक हरकत, पाकिस्तानी स्नाइपर की गोली से BSF कमांडेंट शहीद - Pakistan sniper fire border security force assistant commandant vinay prasad martyr atrc
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी रेंजर्स की नापाक चाल एक बार फिर सरहद पर दिखाई दी है. मंगलवार को पाकिस्तान अपनी शैतानी चाल चलते हुए छुपकर बीएसएफ के एक अफसर पर स्नाइपर से हमला किया है, जिसमें बीएसएफ का एक अफसर शहीद हो गया.
बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह बीएसएफ के अफसर विजय प्रसाद कठुआ सेक्टर के इंटरनेशनल बॉर्डर पर एरिया डोमिनेशन करने के लिए अपनी टीम के साथ निकले थे, तभी अचानक सीमा के उस पार ऊंचाई पर बैठे स्नाइपर ने हमला कर दिया. इसमें बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट बुरी तरह से घायल हो गए. उनको फौरन जम्मू के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली.
आपको बता दें कि पिछले साल भी इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार से पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी रेंजर्स भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की कोशिश करते रहे हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो पिछले साल पाकिस्तान के स्नाइपर की गोली का निशाना 14 सुरक्षाकर्मी हुए थे. इस साल बीएसएफ के इस अधिकारी को पाकिस्तान की स्नाइपर टीम ने निशाना बनाया है.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना मिलकर लगातार भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए अपने स्नाइपर टीम को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसके लिए पाकिस्तान ने बकायदा ब्रिटेन से लाइट स्नाइपर राइफल खरीदी हैं, जिनकी की संख्या करीब 600 के आसपास बताई जा रही है. ये स्नाइपर गन लाइट स्नाइपर गन हैं, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान धड़ल्ले से कर रहा है.
DG #BSF and all ranks salute the supreme sacrifice of Shri Vinay Prasad, Asstt. Comdt & offer condolences to the family of the #Braveheart
Shri Vinay Prasad, Asstt. Comdt attained #martyrdom on 15th Jan 2019 at #IndoPak Border #Samba–#Jammu by #unprovoked pak firing (Sniper Fire) pic.twitter.com/HCU0gVTfVz
— BSF (@BSF_India) January 15, 2019
सूत्रों की मानें तो रेंजमास्टर और रेमिंगटन किस्म के लाइट स्नाइपर गन खतरनाक किस्म के होते हैं, जिनको पाकिस्तान ने ब्रिटेन से खरीदा है. इनका वजन करीब 16 किलोग्राम के आस-पास होता है. वहीं, पूरी स्नाइपर गन की लंबाई 48 इंच से ज्यादा नहीं होती है. पाकिस्तान की आर्मी के एसएसजी के शार्प शूटर इस गन को फोल्ड करके भी अपने पास रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं. यही वजह है कि इस लाइट स्नाइपर गन का इस्तेमाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी छुपकर लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार से कर रही है. हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसी किसी भी गतिविधि या घटना को अंजाम देने से पहले सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है. साथ ही हर एक स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी भी कर ली है.
हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने ये खुलासा किया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार से सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नई-नई योजनाएं बना रहा है. आजतक को खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी थी कि आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी ने सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बनाने के लिए खास तरीके की स्नाइपर गोलियां भी खरीदी हैं. ये गोलियां स्टील की बताई जा रही है. सूत्रों ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान ऐसी गोलियां उन देश���ं से खरीद रहा है, जो चोरी-छिपे उसे ऐसी खतरनाक गोलियां मुहैया करा रहे हैं.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की इसी तरीके की खरीदारी के एक इंटरसेप्ट का भी खुलासा किया था. सूत्रों के मुताबिक आईएसआई ने बोस्निया और बेल्जियम से करीब एक लाख राउंड स्नाइपर गोलियां खरीदी हैं, जोकि खास तरीके के ट्रेंड स्नाइपिंग करने वाले आतंकवादियों और पाकिस्तानी आर्मी को मुहैया कराई जाएंगी. पाकिस्तान स्नाइपिंग के जरिए सुरक्षा बलों के जवानों को इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल पर निशाना बनाने की कोशिश करता रहता है. इसके लिए खासतौर पर उसने अपने अलग-अलग बीओपी पर ट्रेंड स्नाइपर को तैनात किया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक एलओसी के उस पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के नजदीक माछिल, उरी, तंगधार, पुंछ, बिम्बरगली, रामपुर, कृष्णा घाटी और मेंढर के सामने पाकिस्तानी आर्मी ने अपने खतरनाक स्नाइपर को तैनात किया हुआ है.
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लद्दाख दौरे पर भारतीय जवानों से क्या कहा पीएम मोदी ने, पढ़ें पूरा भाषण…
आपको बताते हैं अफने ओजस्वी संबोधन में प्रधानमंत्री ने जवानों के लिए क्या और पड़ोसी चीन को क्या सबक सिखाया. पीएम मोदी ने जवानों का हौंसला बढ़ाते हुए उनके योगदान को सर्वोच्च बताते हुए उन्हें मां भारती का सच्चा सपूत बताया. पढ़िए पीएम मोदी का पूरा भाषण….
‘ भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, साथियों, आपका ये हौसला, आपका शौर्य, और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी दुनिया में किसी से भी कम नहीं है. जिन कठिन परिस्थितियों में, जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बन करके उसकी रक्षा करते हैं, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता. आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं. आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है जिसको रोज आप अपने कदमों से नापते हैं. आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं. आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जितनी अटल है. आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं. साक्षात अपनी आंखों से इसे देख रहा हूं….
…..साथियों, जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है तो एक अटूट विश्वास है. सिर्फ मुझे नहीं, पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है. आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात प्रत्येक देशवासी को देश के लिए दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित करती है. आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आप लोगों के कारण, आपके त्याग, बलिदान, पुरुषार्थ के कारण और मजबूत होता है. और अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है. अभी मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं. युद्ध के मैदान में, सीमा पर ये दृश्य अपने-आपको प्रेरणा देता है.
साथियों, राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने लिखा था, ‘जिनके सिंहनाद से सहमी. धरती रही अभी तक डोल..कलम, आज उनकी जय बोल. कलम आज उनकी जय बोल..’ तो मैं, आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं. मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने वीर जवानों को भी पुन: श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इनमें पूरब से, पश्चिम से, उत्तर से, दक्षिण से, देश के हर कोने के वीर अपना शौर्य दिखाते थे. उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है. आज हर देशवासी का सिर आपके सामने, अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नतमस्तक हो करके नमन करता है. आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है.
साथियों, सिंधु के आर्शीवाद से ये धरती पुण्य हुई है. वीर सपूतों के शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को ये धरती अपने-आप में समेटे हुए है. लेह-लद्दाख से लेकर करगिल और सियाचिन तक, रिजांगला की बर्फीली चोटियों से लेकर गलवान घाटी के ठंडे पानी की धारा तक, हर चोटी, हर पहाड़, हर जर्रा-जर्रा, हर कंकड़-पत्थर भारतीय सैनिकों के पराक्रम की गवाही देते हैं. 14 corps की जांबाजी के किस्से तो हर तरफ हैं. दुनिया ने आपका अ��म्य साहस देखा है, जाना है. आ��की शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं और भारत माता के दुश्मनों ने आपकी fire भी देखी है और आपकी fury भी.
साथियों, लद्दाख का तो ये पूरा हिस्सा, ये भारत का मस्तक, 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक है. ये भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है. इस धरती ने कुशॉकबकुला रिनपोंछे जैसे महान राष्ट्रभक्त देश को दिए हैं. ये रिनपोंछे जी ही, उन्हीं के कारण जिन्होंने दुश्मन के नापाक इरादों में स्थानीय लोगों को लामबंद किया. रिनपोंछे की अगुवाई में यहां अलगाव पैदा करने की हर साजिश को लद्दाख की राष्ट्रभक्त जनता ने नाकाम किया है. ये उन्हीं के प्रेरक प्रयासों का परिणाम था कि देश को, भारतीय सेना को लद्दाख स्काउट नाम से Infantry regiment बनाने की प्रेरणा मिली. आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर- चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहे हैं.
साथियों, हमारे यहां कहा जाता है, ‘खड्गेन आक्रम्य वंदिता आक्रमण: पुणिया, वीर भोग्य वसुंधरा’ यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही धरती की मातृभूमि की रक्षा करते हैं. ये धरती वीर-भोग्या है, वीरों के लिए है. इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा समर्थन और सामर्थ्य, हमारा संकल्प हिमालय जितना ही ऊंचा है. ये सामर्थ्य और ये संकल्प, इस समय आपकी आंखों में मैं देख सकता हूं. आपके चेहरों पर ये साफ-साफ नजर आता है. आप उसी धरती के वीर हैं जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलोंका, अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. हम, और ये हमारी पहचान है, हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं. हम वही लोग हैं जो सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी आदर्श मान करके चलते हैं. इसी प्रेरणा से हर आक्रमण के बाद भारत और सशक्त होकर उभरा है.
साथियो, राष्ट्र की, दुनिया की, मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई स्वीकार करता है, हर कोई मानता है बहुत जरूरी है. लेकिन हम ये भी जानते हैं कि शांति निर्बल कभी नहीं ला सकते. कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकते. वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है. भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है. भारत आज आधुनिक अस्त्र–शस्त्र का निर्माण कर रहा है. दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला र��े हैं तो उसके पीछ��� की भावना भी यही है. भारत अगर आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण तेजी से कर रहा है तो उसके पीछे का संदेश भी यही है.
विश्वयुद्ध को अगर हम याद करें, विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात- जब भी जरूरत पड़ी है विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के उनके प्रयासों को महसूस भी किया है. हमने हमेशा मानवता की, इंसानियत की, ह्यूमेनिटी की रक्षा और सुरक्षा के लिए काम किया है, जीवन खपाया है. आप सभी भारत के इसी लक्ष्य को, भारत की इसी परंपरा को, भारत की इस महिमहान संस्कृति को स्थापित करने वाले अगुवा लीडर हैं.
साथियो, महान संत तिरूवल्लुवर जी ने सैंकड़ो वर्ष पूर्व कहा था, ‘मरमानम मांड वडिच्चेलव् तेट्रम येना नान्गे येमम पडईक्कु…’ यानी शौर्य, सम्मान, मर्यादापूर्ण व्यवहार की परम्परा और विश्वसनीयता, ये चार गुण किसी भी देश की सेना का प्रतिबिम्ब होते हैं. भारतीय सेनाएं हमेशा से इसी मार्ग पर चली हैं.साथियों, विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है, ये युग विकासवाद का है. तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है. विकासवाद के लिए ही अवसर हैं और विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है. बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया, मानवता को विनाश करने का प्रयास किया. विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई है, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है.
और साथियों, ये न भूलें, इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं. विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर अब इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है. आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकास की खुली स्पर्धा का स्वागत कर रहा है.
साथियो, जब-जब मैं राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी निर्णय के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं- पहली हम सभी की भारतमाता, और दूसरी वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी यौद्धाओं को जन्म दिया है, मैं उन दो माताओं को स्मरण करता हूं. मेरे निर्णय की कसौटी यही है. इसी कसौटी पर चलते हुए आपके सम्मान, आपके परिवार के सम्मान और भारत माता की सुरक्षा को देश सर्वोच्च प्राथमिकता देता है.
सेनाओं के लिए आधुनिक हथियार हों या आपके लिए जरूरी साजो-सामान, इन सभी पर हम बहुत ध्यान देते रहे हैं. अब देश में बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब-करीब तीन गुना कर दिया गया है. इससे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट और सीमा पर सड़कें, पुल बनाने का काम भी बहुत ��ेजी से हुआ है. इसका एक बहुत बड़ा लाभ ये भी हुआ है कि अब आप तक सामान भी कम समय में पहुंचता है….
…..साथियों, सेनाओं में बेहतर समन्वय के लिए लंबे समय से जिसकी आशा थी- वो चीफ ऑफ डिफेंस पद का गठन करने की बात हो या फिर नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण; वन रैंक वन पेंशन का फैसला हो या फिर आपके परिवार की देखरेख से लेकर शिक्षा तक की सही व्यवस्था के लिए लगातार काम, देश आज हर स्तर पर अपनी सेनाओं और सैनिकों को मजबूत कर रहा है.
साथियों, भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है- साहस का संबंध प्रतिबद्धता से है, कन्विक्शन से है. साहस करुणा है, साहस कंपैशन है. साहस वो है जो हमें निर्भीक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़े होना सिखाए. साहस वो है जो हमें सही को सही कहने और करने की ऊर्जा देता है. साथियों, देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है. देश को आप पर गर्व है, आप पर नाज है. आपके साथ ही हमारे आईटीबीपी के जवान हों, बीएसएफ के साथी हों, हमारे बीआरओ और दूसरे संगठनों के जवान हों, मुश्किल हालात में काम कर रहे इंजीनियर हों,श्रमिक हों; आप सभी अद्भुत काम कर रहे हैं. हर कोई कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा के लिए, मां भारती की सेवा में समर्पित है….
…..आज आप सभी की मेहनत से देश अनेक आपदाओं से एक साथ और पूरी दृढ़ता से लड़ रहा है. आप सभी से प्रेरणा लेते हुए हम मिलकर हर चुनौती पर, मुश्किल से मुश्किल चुनौती पर विजय प्राप्त करते रहें हैं, विजय प्राप्त करते रहेंगे. जिस भारत के सामने, और हम सबने जिस भारत के सपने को लेकर, और विशेष रूप से आप सब सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम उस सपने का भारत बनाएंगे. आपके सपनों का भारत बनाएंगे. 130 करोड़ देशवासी भी पीछे नहीं रहेंगे, ये मैं आज आपको विश्वास दिलाने आया हूं. हम एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाएंगे, बना करके ही रहेंगे. और आपसे प्रेरणा जब मिलती है तो आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी और ताकतवर हो जाता है.
मैं फिर एक बार आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-भारत माता की – जय, भारत माता की – जय, वंदे मातरम – वंदे मातरम – वंदे मातरम. धन्यवाद..।
Video: विस्तारवाद का नहीं विकासावाद का समय है : पीएम मोदी
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बद्रीनाथ में 12,500 फीट ऊंचाई पर दो माह के प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
बद्रीनाथ में 12,500 फीट ऊंचाई पर दो माह के प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
भारत को पैरा स्पोर्ट्स की दुनिया में एक महाशक्ति बनाने की दिशा में आदित्य मेहता फाउंडेशन (एएमएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने संयुक्त रूप से दिव्या��गजनों को प्रशिक्षित करने की मुहिम चलाने का संकल्प लिया है। आदित्य मेहता फाउंडेशन 2013 से दिव्यांजनों को अधिकार सम्पन्न एवं स्वावलंबी बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहा है। दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहन करना भी फाउंडेशन के मुख्य लक्ष्यों में…
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लद्दाख दौरे पर भारतीय जवानों से क्या कहा पीएम मोदी ने, पढ़ें पूरा भाषण…
आपको बताते हैं अफने ओजस्वी संबोधन में प्रधानमंत्री ने जवानों के लिए क्या और पड़ोसी चीन को क्या सबक सिखाया. पीएम मोदी ने जवानों का हौंसला बढ़ाते हुए उनके योगदान को सर्वोच्च बताते हुए उन्हें मां भारती का सच्चा सपूत बताया. पढ़िए पीएम मोदी का पूरा भाषण….
‘ भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, साथियों, आपका ये हौसला, आपका शौर्य, और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी दुनिया में किसी से भी कम नहीं है. जिन कठिन परिस्थितियों में, जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बन करके उसकी रक्षा करते हैं, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता. आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं. आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है जिसको रोज आप अपने कदमों से नापते हैं. आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं. आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों जितनी अटल है. आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं. साक्षात अपनी आंखों से इसे देख रहा हूं….
…..साथियों, जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है तो एक अटूट विश्वास है. सिर्फ मुझे नहीं, पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है. आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात प्रत्येक देशवासी को देश के लिए दिन-रात काम करने के लिए प्रेरित करती है. आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आप लोगों के कारण, आपके त्याग, बलिदान, पुरुषार्थ के कारण और मजबूत होता है. और अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है. अभी मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं. युद्ध के मैदान में, सीमा पर ये दृश्य अपने-आपको प्रेरणा देता है.
साथियों, राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने लिखा था, ‘जिनके सिंहनाद से सहमी. धरती रही अभी तक डोल..कलम, आज उनकी जय बोल. कलम आज उनकी जय बोल..’ तो मैं, आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं, आपका अभिनंदन करता हूं. मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने वीर जवानों को भी पुन: श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इनमें पूरब से, पश्चिम से, उत्तर से, दक्षिण से, देश के हर कोने के वीर अपना शौर्य दिखाते थे. उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है. आज हर देशवासी का सिर आपके सामने, अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नतमस्तक हो करके नमन करता है. आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है.
साथियों, सिंधु के आर्शीवाद से ये धरती पुण्य हुई है. वीर सपूतों के शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को ये धरती अपने-आप में समेटे हुए है. लेह-लद्दाख से लेकर करगिल और सियाचिन तक, रिजांगला की बर्फीली चोटियों से लेकर गलवान घाटी के ठंडे पानी की धारा तक, हर चोटी, हर पहाड़, हर जर्रा-जर्रा, हर कंकड़-पत्थर भारतीय सैनिकों के पराक्रम की गवाही देते हैं. 14 corps की जांबाजी के किस्से तो हर तरफ हैं. दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है. आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं और भारत माता के दुश्मनों ने आपकी fire भी देखी है और आपकी fury भी.
साथियों, लद्दाख का तो ये पूरा हिस्सा, ये भारत का मस्तक, 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक है. ये भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है. इस धरती ने कुशॉकबकुला रिनपोंछे जैसे महान राष्ट्रभक्त देश को दिए हैं. ये रिनपोंछे जी ही, उन्हीं के कारण जिन्होंने दुश्मन के नापाक इरादों में स्थानीय लोगों को लामबंद किया. रिनपोंछे की अगुवाई में यहां अलगाव पैदा करने की हर साजिश को लद्दाख की राष्ट्रभक्त जनता ने नाकाम किया है. ये उन्हीं के प्रेरक प्रयासों का परिणाम था कि देश को, भारतीय सेना को लद्दाख स्काउट नाम से Infantry regiment बनाने की प्रेरणा मिली. आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर- चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहे हैं.
साथियों, हमारे यहां कहा जाता है, ‘खड्गेन आक्रम्य वंदिता आक्रमण: पुणिया, वीर भोग्य वसुंधरा’ यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही धरती की मातृभूमि की रक्षा करते हैं. ये धरती वीर-भोग्या है, वीरों के लिए है. इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा समर्थन और सामर्थ्य, हमारा संकल्प हिमालय जितना ही ऊंचा है. ये सामर्थ्य और ये संकल्प, इस समय आपकी आंखों में मैं देख सकता हूं. आपके चेहरों पर ये साफ-साफ नजर आता है. आप उसी धरती के वीर हैं जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलोंका, अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. हम, और ये हमारी पहचान है, हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं. हम वही लोग हैं जो सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी आदर्श मान करके चलते हैं. इसी प्रेरणा से हर आक्रमण के बाद भारत और सशक्त होकर उभरा है.
साथियो, राष्ट्र की, दुनिया की, मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई स्वीकार करता है, हर कोई मानता है बहुत जरूरी है. लेकिन हम ये भी जानते हैं कि शांति निर्बल कभी नहीं ला सकते. कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकते. वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है. भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है. भारत आज आधुनिक अस्त्र–शस्त्र का निर्माण कर रहा है. दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला रहे हैं तो उसके पीछे की भावना भी यही है. भारत अगर आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण तेजी से कर रहा है तो उसके पीछे का संदेश भी यही है.
विश्वयुद्ध को अगर हम याद करें, विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात- जब भी जरूरत पड़ी है विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के उनके प्रयासों को महसूस भी किया है. हमने हमेशा मानवता की, इंसानियत की, ह्यूमेनिटी की रक्षा और सुरक्षा के लिए काम किया है, जीवन खपाया है. आप सभी भारत के इसी लक्ष्य को, भारत की इसी परंपरा को, भारत की इस महिमहान संस्कृति को स्थापित करने वाले अगुवा लीडर हैं.
साथियो, महान संत तिरूवल्लुवर जी ने सैंकड़ो वर्ष पूर्व कहा था, ‘मरमानम मांड वडिच्चेलव् तेट्रम येना नान्गे येमम पडईक्कु…’ यानी शौर्य, सम्मान, मर्यादापूर्ण व्यवहार की परम्परा और विश्वसनीयता, ये चार गुण किसी भी देश की सेना का प्रतिबिम्ब होते हैं. भारतीय सेनाएं हमेशा से इसी मार्ग पर चली हैं.साथियों, विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है, ये युग विकासवाद का है. तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है. विकासवाद के लिए ही अवसर हैं और विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है. बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया, मानवता को विनाश करने का प्रयास किया. विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई है, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है.
और साथियों, ये न भूलें, इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं. विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर अब इस बार फिर से पूरे विश्व ने विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है. आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकास की खुली स्पर्धा का स्वागत कर रहा है.
साथियो, जब-जब मैं राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी निर्णय के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं- पहली हम सभी की भारतमाता, और दूसरी वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी यौद्धाओं को जन्म दिया है, मैं उन दो माताओं को स्मरण करता हूं. मेरे निर्णय की कसौटी यही है. इसी कसौटी पर चलते हुए आपके सम्मान, आपके परिवार के सम्मान और भारत माता की सुरक्षा को देश सर्वोच्च प्राथमिकता देता है.
सेनाओं के लिए आधुनिक हथियार हों या आपके लिए जरूरी साजो-सामान, इन सभी पर हम बहुत ध्यान देते रहे हैं. अब देश में बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब-करीब तीन गुना कर दिया गया है. इससे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट और सीमा पर सड़कें, पुल बनाने का काम भी बहुत तेजी से हुआ है. इसका एक बहुत बड़ा लाभ ये भी हुआ है कि अब आप तक सामान भी कम समय में पहुंचता है….
…..साथियों, सेनाओं में बेहतर समन्वय के लिए लंबे समय से जिसकी आशा थी- वो चीफ ऑफ डिफेंस पद का गठन करने की बात हो या फिर नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण; वन रैंक वन पेंशन का फैसला हो या फिर आपके परिवार की देखरेख से लेकर शिक्षा तक की सही व्यवस्था के लिए लगातार काम, देश आज हर स्तर पर अपनी सेनाओं और सैनिकों को मजबूत कर रहा है.
साथियों, भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है- साहस का संबंध प्रतिबद्धता से है, कन्विक्शन से है. साहस करुणा है, साहस कंपैशन है. साहस वो है जो हमें निर्भीक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़े होना सिखाए. साहस वो है जो हमें सही को सही कहने और करने की ऊर्जा देता है. साथियों, देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है. देश को आप पर गर्व है, आप पर नाज है. आपके साथ ही हमारे आईटीबीपी के जवान हों, बीएसएफ के साथी हों, हमारे बीआरओ और दूसरे संगठनों के जवान हों, मुश्किल हालात में काम कर रहे इंजीनियर हों,श्रमिक हों; आप सभी अद्भुत काम कर रहे हैं. हर कोई कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा के लिए, मां भारती की सेवा में समर्पित है….
…..आज आप सभी की मेहनत से देश अनेक आपदाओं से एक साथ और पूरी दृढ़ता से लड़ रहा है. आप सभी से प्रेरणा लेते हुए हम मिलकर हर चुनौती पर, मुश्किल से मुश्किल चुनौती पर विजय प्राप्त करते रहें हैं, विजय प्राप्त करते रहेंगे. जिस भारत के सामने, और हम सबने जिस भारत के सपने को लेकर, और विशेष रूप से आप सब सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम उस सपने का भारत बनाएंगे. आपके सपनों का भारत बनाएंगे. 130 करोड़ देशवासी भी पीछे नहीं रहेंगे, ये मैं आज आपको विश्वास दिलाने आया हूं. हम एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाएंगे, बना करके ही रहेंगे. और आपसे प्रेरणा जब मिलती है तो आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी और ताकतवर हो जाता है.
मैं फिर एक बार आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए-भारत माता की – जय, भारत माता की – जय, वंदे मातरम – वंदे मातरम – वंदे मातरम. धन्यवाद..।
Video: विस्तारवाद का नहीं विकासावाद का समय है : पीएम मोदी
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