#बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन
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पटना /साहित्य सम्मेलन में काव्य-संग्रह 'अधूरे ख़्वाब' का हुआ लोकार्पण, जयंती पर याद किए गए कवि जगत नारायण प्रसाद 'जगतबंधु', आयोजित हुई कवि-गोष्ठी
पटना, 23जुलाई। उर्दू और हिन्दी की विदुषी कवयित्री तलत परवीन की शायरी में उनके दिल का ही नहीं सारे जमाने का दर्द दिखाई देता है। वो समाज की चिंता करने वाली एक संवेदनशील कवयित्री हैं, जिनमे शब्दों से कविता की सुंदर काया निर्मित करने का कौशल भी है उसके ऋंगार का भी। ग़ज़ल और गीत पढ़ने का उनका अंदाज़ भी खूबसूरत और प्रभावशाली होता है।यह बातें रविवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में स्मृति-शेष…
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Jamshedpur tulsi bhawan : तुलसी भवन के मानद महासचिव को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि, थावे विद्यापीठ ने उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा के लिए प्रदान की उपाधि
जमशेदपुर : बिहार में गोपालगंज के थावे विद्यापीठ ने सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, तुलसी भवन के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान की है. यह उपाधि उन्हें उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए प्रदान की गयी है. विद्यापीठ के प्रतिकुलपति डॉ जंगबहादुर पांडेय ने तुलसी भवन में आयोजित समारोह में श्री तिवारी को…
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दिनकर जी के जनपद में 23 एवं 24 मार्च को लगेगा साहित्य का मेला Divya Sandesh
#Divyasandesh
दिनकर जी के जनपद में 23 एवं 24 मार्च को लगेगा साहित्य का मेला
बेगूसराय। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गृह जनपद बेगूसराय में एक बार फिर 23 एवं 24 मार्च को साहित्यकारों का मेला लगेगा। बेगूसराय में गंगा के कछार पर बसे गोदरगावां में स्थित और देशभर के साहित्यकारों के बीच चर्चित विप्लवी पुस्तकालय के 91वें वर्षगांठ के अवसर पर लगने वाले इस मेला की तैयारी तेज हो गई है। शहीद-ए-आजम भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहादत की स्मृति में वार्षिकोत्सव के अवसर पर अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के पदाधिकारियों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है। जिसमें लघु भारत का दर्शन होगा, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक के लेखक-कवि जुटेंगे।
2008 में प्रलेस का राष्ट्रीय सम्मेलन इसी धरती पर हुआ था और एक युग बाद (12 वर्षों) पुनः इस गांव में देशभर के साहित्यकार और कवि जुटेंगे। मौके पर ‘ऐसे समय में खेती-किसानी, देशभक्ति और राष्ट्रवाद’ विषय पर संगोष्ठी होगी। प्रलेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और पुस्तकालय के संरक्षक राजेंद्र राजन की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लोक संस्कृति संरक्षक, भाषाविद और साहित्य समालोचक पद्मश्री गणेश नारायण दास देवी, वरिष्ठ पत्रकार और चिंतक रामशरण जोशी, कवि और लेखक नरेश सक्सेना, प्रलेस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. अली जावेद एवं प्रलेस के महासचिव डॉ. सुखदेव सिंह सिरसा समेत कई अन्य साहित्यकार शामिल होंगे। इस दौरान नरेश सक्सेना को नामवर सम्मान से सम्मानित भी किया जाएगा। प्रगतिशील लेखक संघ के जिला से राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारी इस आयोजन के साक्षी बनेंगे।
पुस्तकाध्यक्ष मनोरंजन विप्लवी ने बताया कि शहादत दिवस सह वार्षिकोत्सव का शुभारंभ शहीद-ए-आजम भगत सिंह समेत भारत मां के वीर सपूतों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ होगा। इसके बाद विप्लवी पुस्तकालय से आजाद चौक स्थित चंद्रशेखर आजाद स्मृति स्थल तक शहादत सम्मान मार्च निकाला जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगी छात्रों के मेधा सम्मान बाद प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रवीण गुंजन के निर्देशन में नाटक की प्रस्तुति तथा पुस्तक का विमोचन होगा। इस अवसर पर सीधी भाषा और वैज्ञानिक तथ्यों का विलक्षण प्रयोग काव्य के माध्यम से करने वाले हिंदी साहित्य के मूर्धन्य कवि तथा निर्देशन के लिए 1992 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित नरेश सक्सेना को द्वितीय नामवर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
सचिव आनन्द प्रसाद सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में सभ्यता और संस्कृति के साथ ही जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। इस पर विचार करने के लिए प्रलेस की बैठक आयोजित की जा रही है। आज ज्ञान स्वतंत्र नहीं है, मस्तिष्क भयग्रस्त है, तर्क से मतलब नहीं है, मनुष्य अंधविश्वासी बन गया है, ऐसा ज्ञान मूलक समाज नहीं ��हने के कारण हुआ है। पहले पुस्तकों और पुस्तकालयों का महत्त्व मानव मस्तिष्क के निर्माण में सहायक था। आज पुस्तकालय और पुस्तकें कहां है, स्मार्ट फोन के युग में वैश्वीकरण का हम हिस्सा हैं। लेकिन नैतिक सांस्कृतिक शून्यता के दौर में रह रहे हैं, संपूर्ण इंसान ढूंढ़ना मुश्किल है और इसी तरह हम आगे बढ़ते रहे तो अंधकार युग में प्रवेश कर जाएंगें। किताबें मंहगी हो गई और हमसे दूर हैं। इस रिक्तता को पुस्तकालय से ही भरा जा सकता है, पुस्तकालय सभ्य समाज की पहचान है।
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पटना /नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष को दिया जाएगा इस वर्ष का 'डा दीनानाथ शरण स्मृति सम्मान '
पटना, २३ जून। इस वर्ष का ‘डा दीनानाथ शरण स्मृति सम्मान’ हेतु, हिन्दी और नेपाली के वरिष्ठ कवि तथा नेपाल हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा राम दयाल ‘राकेश’ का चयन किया गया है। इन्हें आगामी २६ जून २०२३ को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आहूत जयंती समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इसी समारोह में नेपाल की ही विदुषी कवयित्री संगीता ठाकुर को ‘शैलजा जयमाला स्मृति सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा।…
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पटना /साहित्य सम्मेलन में पं सकल नारायण शर्मा की जयंती पर मगही उपन्यास 'पेंशन के बताशा' का हुआ लोकार्पण,डा जमुआर के उपन्यास में व्यवस्था के दोष उजागर होते हैं : प्रो अमरनाथ सिन्हा
पटना /साहित्य सम्मेलन में पं सकल नारायण शर्मा की जयंती पर मगही उपन्यास ‘पेंशन के बताशा’ का हुआ लोकार्पण,डा जमुआर के उपन्यास में व्यवस्था के दोष उजागर होते हैं : प्रो अमरनाथ सिन्हा
पटना, १६ दिसम्बर। लोकभाषाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए आवश्यक है कि लेखक कविगण अपनी रचनाओं में ‘देशज’ शब्दों का प्रयोग करें। तत्सम शब्दों से इसकी मौलिकता नष्ट होती है। आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक और दूरदर्शन के पूर्व कार्यक्रम प्रमुख डा ओम् प्रकाश जमुआर ने अपने मगही उपन्यास में बिहार के एक चर्चित घोटाले की कथा के माध्यम से शासन में व्याप्त व्यवस्था के दोषों को उजागर किया है।यह बातें, शुक्रवार को…
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पटना /अत्यंत लुभावना है कवि अमरेन्द्र नारायण का साहित्यिक व्यक्तित्व- साहित्य सम्मेलन में पुस्तक 'उत्साह तुम्हारा अभिनंदन' तथा 'प्रवासी साहित्यकार अमरेन्द्र नारायण' का लोकार्पण
पटना /अत्यंत लुभावना है कवि अमरेन्द्र नारायण का साहित्यिक व्यक्तित्व- साहित्य सम्मेलन में पुस्तक ‘उत्साह तुम्हारा अभिनंदन’ तथा ‘प्रवासी साहित्यकार अमरेन्द्र नारायण’ का लोकार्पण
पटना, ५ दिसम्बर । वरिष्ठ साहित्यकार और कवि अमरेन्द्र नारायण काव्य-प्रतिभा से संपन्न एक प्रभावशाली रचनाकार ही नहीं, एक समर्थ जीवनीकार भी हैं। इनका साहित्यिक व्यक्तित्व अत्यंत लुभावना है। इनकी रचानाएँ इनके अत्यंत मृदुल व्यवहार की भाँति ही पाठकों के मन को छूती है���यह बातें सोमवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, सम्मेलन द्वारा प्रकाशित श्री नारायण के काव्य-संग्रह ‘उत्साह तुम्हारा अभिनन्दन’ तथा…
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पटना /प्रेम और जीवन-दर्शन के गीतकार थे बच्चन, सरस्वती की साक्षात विग्रह थीं मृदुला जी- साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रह चुके थे काशी प्रसाद जायसवाल, कवियों ने दी श्रद्धांजलि
पटना /प्रेम और जीवन-दर्शन के गीतकार थे बच्चन, सरस्वती की साक्षात विग्रह थीं मृदुला जी- साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रह चुके थे काशी प्रसाद जायसवाल, कवियों ने दी श्रद्धांजलि
पटना, २९ नवम्बर। मानव-जीवन, जीवन-मूल्य, प्रेम, उत्साह और दर्शन के महान गीतकार थे हरिवंश राय बच्चन। ��िन्दी-काव्य में छायावाद-काल के उत्तरार्ध में एक नूतन और मृदुल-स्पर्श लेकर आए बच्चन जी ने मनुष्यता को जीवन-रस प्रदान करने वाले ‘प्रेम’ को नई भाषा दी। उनकी रचनाओं में जीवन के प्रति अकुंठ श्रद्धा और उत्साह है। वे अपने समय के सबसे लोकप्रिय कवि थे। गोवा की राज्यपाल रह चुकीं विदुषी साहित्यकार डा मृदुला…
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पटना /वैश्विक हिन्दी सम्मेलन एवं केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के तत्त्वावधान में आयोजित हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी- वैश्विक हिन्दी सम्मेलन एवं केंद्रीय हिन्दी संस्थान,जनता को जनता की भाषा में न्याय मिले : न्यायमूर्ति मृदुला मिश्र
पटना /वैश्विक हिन्दी सम्मेलन एवं केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के तत्त्वावधान में आयोजित हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी- वैश्विक हिन्दी सम्मेलन एवं केंद्रीय हिन्दी संस्थान,जनता को जनता की भाषा में न्याय मिले : न्यायमूर्ति मृदुला मिश्र
पटना, २६ नवम्बर। न्यायालयों की भाषा जितनी शीघ्रता से भारतीय भाषाएँ हो जाए, राष्ट्रहित में उतना ही अच्छा है। जनता को जनता की भाषा में ही न्याय मिले, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब, देश की कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका की भाषा देश की भाषा हो।यह बातें शनिवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, वैश्विक हिन्दी सम्मेलन, मुंबई और केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के…
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पटना /इस समय के सबसे बड़े हिन्दी गजल-गो हैं 'करुणेश', साहित्य सम्मेलन में ग़ज़ल-संग्रह 'रस्ते में गुलमुहर है' का हुआ लोकार्पण
पटना /इस समय के सबसे बड़े हिन्दी गजल-गो हैं ‘करुणेश���, साहित्य सम्मेलन में ग़ज़ल-संग्रह ‘रस्ते में गुलमुहर है’ का हुआ लोकार्पण
पटना, १८ नवम्बर। “कहने को तो कहते है ग़ज़ल और बहुत लोग/ कहते हैं मगर लोग की कहता हूँ ग़ज़ल मैं”। ये पंक्तियाँ सुनने में कवि की गर्वोक्ति लग सकती है, किंतु यह सत्य है कि हिन्दी और मगही के वरिष्ठ कवि मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’ वर्तमान समय में सबसे बड़े हिन्दी ग़ज़ल-गो हैं। आत्म-प्रचार के इस दौर से बहुत दूर के कवि श्री करुणेश आलोचकों की दृष्टि से प्रायः ओझल ही रहे हैं, किंतु दिनकर, नेपाली,जानकी वल्लभ…
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पटना /देश को एक सूत्र में जोड़ने के लिए हिन्दी संपर्क की राष्ट्रभाषा होने योग्य : आरिफ़ मोहम्मद खान, मनाया गया बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का १०४वाँ स्थापना दिवस समारोह
पटना /देश को एक सूत्र में जोड़ने के लिए हिन्दी संपर्क की राष्ट्रभाषा होने योग्य : आरिफ़ मोहम्मद खान, मनाया गया बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का १०४वाँ स्थापना दिवस समारोह
पटना, १४ नवम्बर। केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा है कि देश की सभी भाषाएँ राष्ट्र की ही भाषाएँ ही है। किंतु देश को एक सूत्र में जोड़ने के लिए संपर्क की एक राष्ट्र भाषा होनी ही चाहिए और हिन्दी में इसके पर्याप्त गुण हैं।श्री खान ने यह बातें सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के १०४वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश की सभी भाषाओं के उन्नयन से ही राष्ट्र…
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पटना /स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पूर्वांचल का राष्ट्रीय गीत बन गया था 'बटोहिया'- साहित्य सम्मेलन में पुस्तक 'बटोहिया के अमर रचनाकार बाबू रघुवीर नारायण' का हुआ लोकार्पण'
पटना /स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पूर्वांचल का राष्ट्रीय गीत बन गया था ‘बटोहिया’- साहित्य सम्मेलन में पुस्तक ‘बटोहिया के अमर रचनाकार बाबू रघुवीर नारायण’ का हुआ लोकार्पण’
पटना, ११ दिसम्बर। “सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसबा से मोरे प्रान बसे हिम खोह रे बटोहिया” जैसी प्राण-प्रवाही और मर्म-स्पर्शी रचना के अमर रचयिता बाबू रघुवीर नारायण भोजपुरी और हिन्दी के महान कवि ही नहीं एक बलिदानी देश-भक्त और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। ‘बटोहिया-गीत’ से अत्यंत लोकप्रिय हुए इस महान कवि ने घूम-घूम कर देश में स्वतंत्रता का अलख-जगाया और यह गीत गा-गा कर, संपूर्ण भारत-वासियों को, विशेष कर…
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पटना /वेद,वेदांग और उपनिषदों की सार है गीता, इसमें विश्व-कल्याण की शक्ति- साहित्य सम्मेलन में मनायी गई गीता-जयंती
पटना /वेद,वेदांग और उपनिषदों की सार है गीता, इसमें विश्व-कल्याण की शक्ति- साहित्य सम्मेलन में मनायी गई गीता-जयंती
पटना ब्यूरो , ३ दिसम्बर। ‘श्रीमद्भगवद्गीता आपके द्वार अभियान’ के तत्त्वावधान में शनिवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार में गीता जयंती के साथ देशरत्न डा राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनायी गई। इस अवसर पर सभी अतिथियों और उपस्थित प्रबुद्धजनों को गीता की प्रतियाँ भेंट की गई।समारोह का उद्घाटन करते हुए ��भियान के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री डा सी पी ठाकुर ने कहा कि,दुनिया भर में भारत के तीन…
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पटना / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने बिहार के गौरव मैथिली ठाकुर, रंजना झा, ऋषिकेश सुलभ और कुमुद दीवान सहित 13 कलाकारों को "संगीत नाटक पुरस्कार" मिलने पर दी बधाई
पटना / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने बिहार के गौरव मैथिली ठाकुर, रंजना झा, ऋषिकेश सुलभ और कुमुद दीवान सहित 13 कलाकारों को “संगीत नाटक पुरस्कार” मिलने पर दी बधाई
प्रियंका भारद्वाज -पटना / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने बिहार के गौरव मैथिली ठाकुर, रंजना झा, ऋषिकेश सुलभ और कुमुद दीवान को “संगीत नाटक पुरस्कार” मिलने पर दी बधाई. बिहार के लिए बड़ी खुशखबरी है. संगीत नाटक नृत्य के क्षेत्र में पिछले 3 साल के लिए घोषित संगीत नाटक अकादमी अवार्ड में बिहार प्रदेश के 13 कलाकारों का चयन हुआ है. इसमें चर्चित नाटककार ऋषिकेश सुलभ, ठुमरी गायिका…
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पटना /महान काव्य-तपस्वी थे 'रुद्र' और 'वियोगी', अंग्रेजों को भयभीत कर रखा था मनोरंजन बाबू की 'फिरंगिया' ने- जयंती पर साहित्य सम्मेलन में तीनों साहित्यिक विभूतियों को दी गई काव्यांजलि
पटना /महान काव्य-तपस्वी थे ‘रुद्र’ और ‘वियोगी’, अंग्रेजों को भयभीत कर रखा था मनोरंजन बाबू की ‘फिरंगिया’ ने- जयंती पर साहित्य सम्मेलन में तीनों साहित्यिक विभूतियों को दी गई काव्यांजलि
पटना, २ नवम्बर। हिन्दी काव्य के महान तपस्वी थे ‘रुद्र’ और ‘वियोगी’ । मोक्षभूमि गया के ये दोनों काव्य-पुरुष, पं मोहन लाल महतो ‘वियोगी’ और छंदों के मर्म-स्पर्शी गीतकार रामगोपाल शर्मा ‘रुद्र’ हिन्दी साहित्य की धरोहर हैं। ‘वियोगी जी आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माताओं में से एक और बीसवीं शताब्दी के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों में अग्र-पांक्तेय हैं। उनकी साहित्यिक-प्रतिभा, अद्भुत काव्य-कल्पनाएँ…
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पटना /प्राकृत और अपभ्रंश के अंतिम अधिकारी विद्वान थे आचार्य श्रीरंजन सूरिदेव जयंती पर साहित्य सम्मेलन ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री को दी श्रद्धांजलि
पटना /प्राकृत और अपभ्रंश के अंतिम अधिकारी विद्वान थे आचार्य श्रीरंजन सूरिदेव जयंती पर साहित्य सम्मेलन ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री को दी श्रद्धांजलि
पटना, २८ अक्टूबर। बहुभाषा��िद मनीषी आचार्यवर्य श्रीरंजन सूरिदेव ‘प्राकृत’ और ‘अपभ्रंश’ भाषाओं के अंतिम अधिकारी विद्वान थे। वे सरस्वती के लोक-प्रसिद्ध वरद-पुत्र और एक साहित्यिक साधु-पुरुष थे। उन्होंने एक संत की भाँति साहित्य की साधना की। ७० वर्षों से अधिक समय तक अविराम साहित्य-साधना में लीन रहने वाले आचार्य सूरिदेव अपनी युवावस्था में वर्ण-संयोजक के रूप में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की सेवा आरंभ की थी…
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पटना /साहित्य सम्मेलन ने श्रद्धापूर्वक स्मरण किया अपने प्रथम सभापति को, दी काव्यांजलि
पटना /साहित्य सम्मेलन ने श्रद्धापूर्वक स्मरण किया अपने प्रथम सभापति को, दी काव्यांजलि
पटना, १२ अक्टूबर। हिन्दी जिनके प्राणों में बसती थी और जो उसके लिए सदैव प्राण त्यागने को तत्पर रहते थे, ऐसे कवि साहित्यकार थे पं जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी। खड़ी बोली हिन्दी की प्रथम पीढ़ी के महान कवियों और भाषाविदों में अग्रपांक्तेय विद्वान पं चतुर्वेदी, हिन्दी के एक चलते-फिरते महाविद्यालय थे। एक क्षण के लिए पास आए लोग भी हिन्दी का कुछ नया सीख कर जाते थे। उन्हें ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का…
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