#बिहार शराबबंदी
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कैसे होगा बिहार में शराबबंदी सफल? उत्पाद विभाग का क्लर्क नशे में गिरफ्तार, महिलाकर्मी से किया दुर्व्यवहार
कैसे होगा बिहार में शराबबंदी सफल? उत्पाद विभाग का क्लर्क नशे में गिरफ्तार, महिलाकर्मी से किया दुर्व्यवहार
सुपौल जिले के सिमराही स्थित मद्य निषेध थाना ने उत्पाद विभाग के प्रधान लिपिक मनीष कुमार सिंह को शराब के नशे में गिरफ्तार किया है। यह घटना शुक्रवार को थाना परिसर में आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान हुई, जब मनीष कुमार सिंह नशे की हालत में वहां पहुंचे और अशोभनीय आचरण किया। नशे में कार्यक्रम में पहुंचकर किया हंगामा जिलाधिकारी ने बताया कि आरोपी लिपिक ने न केवल सरकारी कार्यक्रम की गरिमा भंग की,…
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कब्रिस्तान में कब्र से आती थी अजीबोगरीब आवाजें, पुलिस ने मारा छापा तो उड़े होश; जानें पूरा मामला
#News कब्रिस्तान में कब्र से आती थी अजीबोगरीब आवाजें, पुलिस ने मारा छापा तो उड़े होश; जानें पूरा मामला
Bihar News: बिहार में शराबबंदी लंबे समय से लागू है. फिर भी शराब की तस्करी नहीं रुक रही है. शराब माफिया पुलिस को चकमा देकर अपना धंधा चला रहे हैं. अब उन्होंने कब्रिस्तान को अपना अड्डा बना लिया है. रोहतास जिले के सासाराम में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक कब्र से शराब की बोतलें बरामद की गई हैं. कब्र से आती थी आवाज दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि कादिरगंज के अलावल खां मजार पर हर…
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Who is the Only Living Ex-PM to resign as CM and Lead India
Introduction
Former PM HD Deve Gowda : भारतीय राजनीति ���े इतिहास में 90 का दशक काफी उथल-पुथल भरा रहा. जहां पर देश में 1991 से लेकर अक्टूबर 1999 तक 8 सालों में 6 प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलानी पड़ी थी. राजनीतिक अस्थिरता आने की वजह से देश के आर्थिक विकास में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था और उस वक्त राजनीतिक विश्लेषक भी दावा नहीं कर पा रहे थे कि यह संकट कब खत्म होगा. इसी संकट की घड़ी में थर्ड फ्रंट से प्रधानमंत्री पद के लिए एचडी देवगौड़ा का नाम सामने आया वह उस वक्त दक्षिण की राजनीति में एक बड़ा चेहरा थे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर भी विराजमान थे. उनसे पहले पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की अगुवाई वाली सरकार ने 1991-1996 तक 5 सालों ��ा कार्यकाल पूरा किया.
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VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
देश की दो राष्ट्रीय पार्टियों (BJP और कांग्रेस) की सरकार नहीं बनने के बाद देश में संयुक्त मोर्चा या थर्ड फ्रंड के रूप उभरकर आया जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और वामपंथी नेता ज्योति बसु को ऑफर दिया लेकिन दोनों नेताओं ने ऑफर को ठुकरा दिया. वहीं, वीपी सिंह से बार-बार अनुरोध किया गया कि वह प्रधानमंत्री पद ग्रहण करें लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. इसी बीच जनता दल के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया और उस दौरान वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी थे. इसके बाद एचडी देवगौड़ा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया गया और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सदस्य बनाकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया दिया.

पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
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ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
साल 1962 में 28 साल की उम्र में देवगौड़ा ने कर्नाटक विधानसभा का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीतने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वक्ता के रूप में अन्य राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को प्रभावित किया. इसके बाद वह लगातार तीन बार होलेनारसिपुर निर्वाचन क्षेत्र से (1967-1971), (1972-1977) और (1978-1983) चुनाव जीतकर विधानसभा जाते रहें. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री ने मार्च 1972 से मार्च 1976 और 1976 से दिसंबर 1977 तक प्रतिपक्ष नेता के रूप में भी लोगों को ध्यान का अपनी ओर आकर्षित किया. देवेगौड़ा ने 22 नवंबर 1982 को छठी विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी. 7वीं और 8वीं विधानसभा के सदस्य रहते हुए लोक निर्माण और सिंचाई में मंत्री पद संभाला.
सिंचाई मंत्री रहते हुए उन्होंने कई परियोजनाओं को शुरू किया और 1987 में सिंचाई के लिए अपर्याप्त धन आवंटन करने के चलते उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वतंत्रता और समानता के समर्थक गौड़ा को 1975-76 में केंद्र सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया जहां उन्होंने अपना पूरा समय अध्ययन में लगा दिया. जेल से छूटने के बाद उनके व्यक्तित्व में एक बड़ा बदलाव देखा गया जिसकी वजह से वह परिपक्व और दृढ व्यक्तित्व के साथ अपनी राजनीति का झंडा गाढ़ने में सफल रहे.
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पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
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राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
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Conclusion
मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित रखने वाले एचडी देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने और उन्होंने यह पद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ग्रहण किया. समानता और किसानों के उत्थान के समर्थक रहे रहने वाले देवगौड़ा ने कर्नाटक में सिंचाई मंत्री के दौरान किसानों के लिए कई कार्य किए. इसके बाद वह कर्नाटक में चार बार विधायक का चुनाव जीते. यही वजह थी कि देवगौड़ा दक्षिण भारत की राजनीति का एक मुख्य चेहरा बन गए.
कर्नाटक में वह दो बार प्रतिपक्ष नेता भी रहे जहां उन्होंने अपने वक्तव्य से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. आपको बताते चलें कि 91 वर्षीय एचडी देवगौड़ा वर्तमान की राजनीति में सक्रिय हैं और जनता दल सेक्युलर (JDS) के अध्यक्ष हैं. साथ ही मोदी लहर के दौरान 2014 में उन्होंने एक बार फिर हासन सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में देवगौड़ा तुमकुर सीट से हार गए. उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार रहे जीएस बासवराज ने हरा दिया था. हालांकि वह राज्यसभा के माध्यम से संसद में पहुंच गए. देवगौड़ की शादी चेन्नम्मा नाम की महिला से हुई है और उनके उससे 4 बेटे और 2 बेटियां हैं. देवगौड़ा का एक बेटा कुमारस्वामी कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब देवगौड़ा की नेतृत्व वाली पार्टी JDS BJP के खिलाफ मुखर होकर चुना लड़ती थी लेकिन बदलते वक्त में उन्होंने उसी पार्टी के साथ गठबंधन करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ा.
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अजब-गजब: 2 करोड़ का ‘शराबी भैंसा’ बना आकर्षण का केंद्र, शराबबंदी के चलते परेशान
बिहार के सारण जिले के सोनपुर पशु मेले का आगाज हो चुका है। यह मेला देश का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है और 32 दिनों तक चलता है। हर साल इस मेले में लाखों की भीड़ उमड़ती है, और यहां जानवरों की खरीद-फरोख्त बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन इस बार मेले का सबसे बड़ा आकर्षण है 2 करोड़ रुपये का भैंसा, जो हरियाणा से लाया गया है। इस खास भैंसे का नाम ‘राजा’ है, और इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से मेले में…
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हमारे ही सहयोग से बनेगी बिहार में अगली सरकार: राहत कादरी
पटना: शरद पवार की एनसीपी बिहार में प्रीपेड मीटर, शराबबंदी एवं सर्वे के मुद्दा को नीतीश कुमार की सुशासन सम्पोषित सरकार के ताबूत का अंतिम कील साबित करने जा रही है। उपर्युक्त बातें बिहार प्रदेश नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार के प्रदेश संयोजक राहत कादरी ने प्रदेश कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए कहा। बीरचंद पटेल पथ स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रदेश…
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हमारे ही सहयोग से बनेगी बिहार में अगली सरकार:कादरी
Patna:शरद पवार की एनसीपी बिहार में प्रीपेड मीटर, शराबबंदी एवं सर्वे के मुद्दा को नीतीश कुमार की सुशासन सम्पोषित सरकार के ताबूत का अंतिम कील साबित करने जा रही है।उपर्युक्त बातें बिहार प्रदेश नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार के प्रदेश संयोजक राहत कादरी ने प्रदेश कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक को संबोधित करते हुए कहा। बीरचंद पटेल पथ स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों…
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Bihar: Parṭy Ke Naam Ko Lekar Raajad or Jadayuu Aamane-Saamane
पटना। बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से लोगों की हो रही मौतों के बाद विपक्षी पार्टियां सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं। इस बीच, गुरुवार को राजद ने जदयू पर जोरदार कटाक्ष करते हुए पार्टी का नया नाम दे दिया। इसके बाद जदयू ने भी पलटवार करने में देरी नहीं की।
दरअसल, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि जदयू का मतलब ही होता है, जहां दारू अनलिमिटेड उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि जे का मतलब- जहां, डी का मतलब- दारू और यू का मतलब-अनलिमिटेड उपलब्ध। बिहार में कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां शराब उपलब्ध नहीं है। ये हालत तब है, जब बिहार में शराबबंदी लागू है। लोग जहरीली शराब पीकर मौत को गले लगा रहे हैं। बिहार में शराब की समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है।
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Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से अब तक 37 की मौत, हर दिन बढ़ रहे आंकड़े
Poisonous Liquor : बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में हर दिन जिस तरह से जहरीली शराब से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उसी के साथ पता चल रहा है कि अभी भी बिहार (Bihar Hooch Tragedy) में शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है. इस वक्त देखा जाए तो मृतकों का आंकड़ा 37 तक पहुंच गया है और माना जा रहा है कि यह आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ने वाले हैं. शनिवार को दो लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद आंकड़ों में…
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CIN / राजद सुप्रीमो लालू का बयान- बिहार में शराबबंदी सुपर फ्लॉप है
CIN / राजद सुप्रीमो लालू का बयान- बिहार में शराबबंदी सुपर फ्लॉप है. लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में कहा कि सरकार की वैचारी को नीतिगत इच्छा शक्ति कमजोर है इसी कारण जनप्रतिनिधियों के बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपर फ्लॉप साबित हो रही है. सत्ताधारी देवताओं पुलिस और शराब माफियाओं के नापकगढ़ जोड़ने बिहार से 30000 करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फल फूल…
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UP के इस अफसर का बिहार में जलवा, 'कड़क' IAS केके पाठक का प्रयागराज से क्या है नाता?
बलिया: बिहार में एक IAS अफसर का इन दिनों खूब जलवा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। वे अपने कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। केके पाठक का जन्म 1968 में यूपी में हुआ था। 1990 बैच के अधिकारी पाठक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई प्रयागराज से की है। उनका परिवार मूलरूप से बलिया का रहने वाला बताया जाता है। वर्ष 2021 में फेम इंडिया मैगजीन ने देश के 50 असरदार ब्यूरोक्रेट्स की सूची जारी की थी, जिसमें केके पाठक का नाम भी शामिल था। 1990 में केके पाठक को पहली नियुक्ति बिहार के कटिहार जिले में मिली थी। इसके बाद वह गिरिडीह में एसडीओ रहे। इसके बाद वह बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में भी एसडीओ पर तैनात रहे। 1996 में पहली बार केके पाठक डीएम बने और उन्हें गिरिडीह में नियुक्त किया गया। जब राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं, तब पाठक को लालू यादव के गृह जिले गोपालगंज की जिम्मेदारी भी मिली। इसी दौरान पहली बार पाठक चर्चा में आए क्योंकि उन्होंने गोपालगंज में एमपी फंड से बने एक अस्पताल का शुभारंभ एक सफाईकर्मी से करवा दिया था। यह फंड गोपालगंज के तत्कालीन सांसद और राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने दिया था। केके पाठक के इस फैसले से बिहार में काफी बवाल मचा था। इसके बाद उन्हें डीएम के पद से हटाकर वापस सचिवालय बुला लिया गया था। नीतीश कुमार के खास अफसरों में शुमार कहा जाता है कि केके पाठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसरों शामिल हैं। 2005 में नीतीश की सरकार बनने पर केके पाठक को बड़ा पद मिला। उन्हें बिहार औद्योगिक क्षेत्र विक���स प्राधिकरण का प्रबंध निदेशक बनाया गया। नीतीश के करीबी अफसर अरुण कुमार के निधन के बाद पाठक को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई। 2010 में केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। महागठबंधन की सरकार बनने पर नीतीश कुमार ने पाठक को 2015 में दिल्ली से वापस बिहार बुला लिया था। 2017 में एक बार फिर पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजे गए। फिर 2021 में वह प्रमोशन के साथ बिहार वापस लौटे। बिहार में शराबबंदी लागू करने की कमान उन्हें ही सौंपी गई। दागदार भी रहा है करियर केके पाठक जहां एक तरफ अपने कड़क फैसलों के लिए जाने जाते हैं, दूसरी तरफ उनका करियर दागदार भी रहा है। 2018 में पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक पर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। SBI के सात बैंक मैनेजरों ने उन पर मनमानी का आरोप लगाया था। स्टैंप ड्यूटी देर से जमा करने से जुड़े इस मामले में कोर्ट ने आरोप सही पाए थे। पटना हाईकोर्ट में हाजिरी ना लगाने को लेकर वॉरंट से लेकर विभागीय बैठक में अपशब्दों के कथित इस्तेमाल तक केके पाठक के खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। http://dlvr.it/T4xpD3
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भागलपुर में ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया
भागलपुर में ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया
भागलपुर में,ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र के द्वारा समाहरणालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं में इन लोगों ने कार्य किया है। और लगातार कार्य कर भी रहे हैं। वही ग्राम रक्षा दल के पुलिस मित्र भागलपुर इकाई के द्वारा प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार के माध्यम से चलाए गए विभिन्न योजनाओं जैसे बाल विवाह दहेज प्रथा शराबबंदी नशा मुक्ति अभियान स्वच्छता तिरंगा यात्रा अभियान जैसे कई कार्यक्रमों में हम लोगों ने बढ़-चढ़कर अपना सहयोग किया। साथ ही इन लोगों का यह भी कहना है कि पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह के द्वारा विभागीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान 7 नवंबर 2022 को पंचायत सरकार भवन में ग्राम रक्षा दल सदस्यों की सुरक्षा कर्मी , सफाई कर्मी के नियोजन हेतु निर्देश दिया गया। वही विशेष कार्य पदाधिकारी के द्वारा षष्टम राज्य वित्त आयोग पटना के द्वारा पंचायत सरकार भवन में सुरक्षाकर्मी और सुरक्षा को लेकर संविदा कर्मियों का नियोजन प्रस्तावित है। लेकिन सरकार की टालमोल रवैया के कारण इन लोगों का नियोजन नहीं किया जा रहा है। इन लोगों का कहना है कि मानदेय, स्थायीकरण, जीवन सुरक्षा बीमा, पंचायत सरकार भवन में नियुक्ति, ग्राम पंचायत में मानव बल की नियुक्ति, नियोजन में प्रथम प्राथमिकता सहित सरकारी नियुक्ति में प्राथमिकता सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। वहीं लोगों का कहना है बिहार सरकार अगर इन लोगों की मांगे पूरी नहीं की जाती है तो इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
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ईंट-भट्टे से गुजर रही थी टूरिस्ट बस, पुलिस ने ली तलाशी तो उड़े होश, सामने आया हरियाणा कनेक्शन!
ईंट-भट्टे से गुजर रही थी टूरिस्ट बस, पुलिस ने ली तलाशी तो उड़े होश, सामने आया हरियाणा कनेक्शन!
बिहार में 2016-17 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब की तस्करी और कारोबार लगातार जारी है। खासकर नेपाल बॉर्डर से सटे सीतामढ़ी जिले में तस्करी का यह धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसी कड़ी में पुलिस ने एक टूरिस्ट बस से 13 लाख रुपये की विदेशी शराब जब्त की है। गुप्त सूचना पर बड़ी कार्रवाई मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग और नानपुर थाना पुलिस की संय��क्त कार्रवाई में कोइली गांव स्थित एक ईंट भट्ठा…
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शराबबंदी कानून पर पटना हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा, यह कानून नशा तस्करी को दे रहा बढ़ावा, गरीबों की बढ़ी परेशानी
Bihar News: बिहार के शराबबंदी कानून पर पटना हाईकोर्ट ने एक ��ार फिर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कानून शराब और दूसरी गैरकानूनी चीजों की तस्करी को बढ़ावा दे रहा है और गरीबों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। यह टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने एक पुलिस इंस्पेक्टर को दी गई सजा रद्द कर दी। यह सजा शराबबंदी कानून के तहत उनके इलाके में शराब पकड़े जाने पर दी गई थी। पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा हाईकोर्ट…
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बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने शराबबंदी क़ानून में एक बार फिर से बदलाव किया है. यह बदलाव शराबबंदी क़ानून के तहत ज़ब्त किए गए वाहनों को लेकर किया गया है.
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की कवायद जारी है. प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले राज्य सरकार घोषणा पत्र में किये वादे शराबबंदी को पूरा करने की तैयारी में है. जिसको लेकर सरकार द्वारा गठित की गई शराबबंदी अध्ययन दल बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार से लौटकर अध्ययन टीम मिजोरम जाएगी. इसकी जानकारी आबकारी मंत्री कवासी लखमा Kawasi Lakhma ने दी है. आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि अध्ययन टीम अभी बिहार के लिए रवाना हुई है. बिहार के बाद टीम मिजोरम जाएगी. वहां से आने के बाद अध्ययन टीम सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. लखमा ने कहा कि छग में शराब बंदी होगी या नहीं अभी कहना जल्दबाजी होगी. बस्तर के लोग पूजा पाठ में भी शराब का उपयोग करते हैं. बस्तर में शराब बंदी का सवाल ही नहीं उठता. इस दौरान मंत्री लखमा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शराबबंदी को लेकर गंभीर नहीं है. भाजपा के लोग झूठ बोलने में माहिर हैं, इसलिए बैठक में नहीं आते और कमेटी में मेंबर नहीं भेजते.
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Bihar Hooch Tragedy Many People Died Due To Poisonous Liquor In Saran Chhapra Ann
Bihar Hooch Tragedy Many People Died Due To Poisonous Liquor In Saran Chhapra Ann
छपरा: जिले के मशरख, इसुआपुर, अमनौर और मढ़ौरा थाना क्षेत्र में जहरीली शराब से अब तक 10 लोगों की मौत की खबर है. इसमें से कुछ की मौत की बात जिलाधिकारी ने कही है लेकिन शराब से मौत की पुष्टि पर कोई कुछ बोलने से बच रहा है. कुछ लोगों ने बीते सोमवार को शराब पी थी तो वहीं कुछ लोगों ने बीते मंगलवार की रात शराब पी है. कहा जा रहा है कि अभी पांच लोग अस्पताल में हैं जिनका इलाज चल रहा है. आंकड़ा और बढ़ भी सकता…

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