#बिहार में अब तक सात बच्चों की मौत
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बिहार हादसा: सोन नदी में चार परिवारों के सात बच्चे डूबे, छह की मौत, क्षेत्र में मचा हाहाकार
Patna:बिहार के अकबरपुर/सासाराम ग्रामीण इलाके में एक दुखद घटना हुई, जहां रोहतास थाना क्षेत्र के तुंबा गांव के पास रविवार को करीब 11:30 बजे सोन नदी में स्नान के दौरान चार परिवारों के सात बच्चे डूब गए। इस हादसे में अब तक छह बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि एक बच्ची अभी भी लापता है। स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ की टीम बच्ची की तलाश में जुटी हुई है। मृतकों की पहचान झारखंड, रांची के मिलन चौक…
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बिहार में एईएस की भेंट चढ़ रहीं मासूम जिंदगियों को बचाने के लिए अब निमहांस करेगा शोध बिहार में तापमान में वृद्धि के साथ ही मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस अल्ट्रा (एईएस) के कारण बच्चे मरने लगे हैं। मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण एईएस नामक बीमारी से ...। Image Source link
#एईएस की भेंट चढ़ना मासूम जिंदगियों का रहा#एईएस के कारण बच्चों की मौत#एईएस के कारण बिहार में सात मौतें#एईएस से बिहार में अबतक सात बच्चों की मौत#एईएस से मासूम बच्चों की मौत#कोरोना के बीच बिहार में एईएस का कहर#कोरोना के बीच बिहार में कहर#तापमा�� के साथ बढ़ती एईएस#तापमान में वृद्धि के साथ एईएस बढ़ता है#निमहांस एईएस यानी मस्तिष्क ज्वर पर शोध करेगा#निम्स एईएस पर शोध करेगा#नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोलॉजी#बिहार के समाचार#बिहार न्यूज़#बिहार में 2020 में अब तक सात बच्चों की मौत हो गई#बिहार में अब तक सात बच्चों की मौत#बिहार में एईएस का प्रकोप#मानसिक बुखार#मुजफ्फपुर#मुजफ्फरपुर#मुजफ्फरपुर न्यूज़#मुजफ्फरपुर संवाददाता#मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में तीव्र इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम#राष्ट्रीय मानसिक आरोग्य एवं स्नायु विज्ञान संस्थान#लाइव हिंदुस्तान एनसीसी#लाइव हिन्दुस्थान समाचार#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिंदुस्तान संवाददाता#हिन्दी में समाचार
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कोरोना काल में जयपुर के पास बसा देश का इकलौता हाथी गांव अब भी अनलॉक नहीं हो सका है। जयपुर में टूरिस्टों के बाकी ठिकाने चालू हो गए हैं, लेकिन हाथी की सवारी आठ महीने से बंद है। हाथी के खाने-पीने का एक दिन का खर्च करीब 2500 रुपए आता है, लेकिन कमाई फिलहाल जीरो है।
मालिक इन हाथियों का पेट पालने के लिए अब तक पुश्तैनी जेवर, मकान गिरवी रखकर लाखों रुपए का कर्ज ले चुके हैं। लेकिन, अब यह मुश्किल होता जा रहा है। राज्य सरकार और पर्यटन विभाग हाथी गांव के इन बाशिंदों की कोई मदद नहीं कर रहा है।
दैनिक भास्कर टीम हाथी गांव पहुंची तो इस पेशे से जुड़े परिवारों का दर्द फूट पड़ा। उनका कहना है कि आठ महीने से हाथियों को पालना मुश्किल होने से महावतों के परिवार अपने गांव लौटने लगे हैं। वे अन्य कामों में मजदूरी करने को विवश हो गए हैं ताकि परिवार को पाल सकें।
जयपुर के पास बसा देश का इकलौता हाथी गांव अब भी अनलॉक नहीं हो सका है।
5 माह में 4 हाथियों की मौत, एक महावत ने की खुदकुशी कोरोना काल में पिछले पांच महीने हाथी और महावतों पर कहर बनकर टूटे हैं। इस दौरान चार हाथियों की मौत हो गई। 4 सितंबर को ही गांव में 99 नम्बर की एक हथिनी रानी ने दम तोड़ दिया था। उसे करीब 10 साल पहले असम से जयपुर के हाथी गांव लाया गया था।
22 सितंबर की रात को हाथी गांव में 34 नंबर हथिनी चंचल के महावत राजपाल ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। वह सुबह अपने कमरे में फंदे से झूलता हुआ मिला। करीब 30 साल के मृतक महावत राजपाल बिहार में चंपारण जिले का रहने वाला था। साथी महावतों के मुताबिक, राजपाल लंबे अरसे से आमेर में महावत था जिसे लॉकडाउन में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। अवसाद में आकर उसने फंदा लगा लिया।
चार हाथियों की मौत और एक महावत की आत्महत्या ने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
20 परिवार रोजगार तलाशने लौटे गांव इस घटना के बाद करीब 20 महावतों के परिवार यहां से पलायन कर अपने गांव में रोजी-रोटी की तलाश में चले गए है। जो यहां बचे है, उनके राशन की व्यवस्था हाथी मालिक करते हैं। चार हाथियों की मौत और एक महावत की आत्महत्या ने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
एक हाथी पर रोज 2500 खर्च, जैसे-तैसे करते हैं जुगाड़ हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष बल्लू खान ने बताया कि एक हाथी पालने में रोजाना करीब ढाई से तीन हजार रुपए का खर्च आता है। इसमें वह करीब 250 किलो गन्ना, 40 किलो सूखी ज्वार, 15 किलो रंजका चारा शामिल है। आमेर महल में हाथी सवारी और शादियों, त्यौहार पर मेले शोभा यात्रा के आयोजन में ही हाथी की सवारी से उनकी आमदनी होती थी।
लेकिन, हमारी सभी आजीविका बंद हो गई। परिवार और हाथी का पेट भरना मुश्किल हो गया। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे भी मौके आए जब खुद भूखे रहे लेकिन हाथियों को पेट भरा। इसके पीछे वजह है कि हाथी इनके लिए जानवर नहीं, परिवार का हिस्सा है।
बल्लू के मुताबिक, लॉकडाउन की शुरुआत में हाथी कल्याण समिति द्वारा 600 रुपए रो���ाना के हिसाब से प्रत्येक महावत को खर्चा दिया जा रहा है। ��ेकिन, शुरुआत के दो तीन महीने बाद ��ह भी बंद हो गया।
गहने व मकान गिरवी रखकर लाखों रुपए का कर्जा लिया एक हाथी मालिक ने बताया मोटे ब्याज पर लाखों रुपए उधार ले लिया है ताकि उनके हाथियों को पाला जा सके। उनकी देखरेख करने वाले महावतों को राशन पहुंचा सकें, उनको वेतन दे सकें। साथ ही, अपने परिवार भी चला लें। उम्मीद थी कि हाथी सवारी शुरु होते ही यह कर्ज चुका देंगे। लेकिन ब्याज तक नहीं चुकाया जा सका।
प्रभावित परिवारों ने कई बार आमेर महल अधीक्षक को पत्र लिखकर हाथी सवारी शुरू करने की मांग रखी। यह भी कहा कि पर्यटन सीजन शुरू हो गया है। पर्यटन स्थल भी खुल चुके हैं, लेकिन हाथी सवारी पर लगा लॉक कब खुलेगा, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है।
हाथियों का चलना-फिरना और लंबे वक्त तक बंद रहा तो अन्य हाथी भी किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित होकर मर सकते है।
पशु चिकित्सक ने कहा- हाथियों का चलना-फिरना बंद होने से पाचन क्रिया बिगड़ रही है पशु चिकित्सक डॉ. नीरज शुक्ला ने कहा कोरोना के चलते आमेर महल में हाथियों का चलना-फिरना रुक गया है। हाथियों के नहीं चल पाने से पाचन क्रिया भी सही तरीके से नहीं हो रही है। स्वस्थ्य रहने के लिए हाथी को रोजाना करीब 20 से 30 किलोमीटर चलना जरूरी है।
उन्होंने संभावना जताई कि हाथियों का चलना-फिरना और लंबे वक्त तक बंद रहा तो अन्य हाथी भी किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित होकर मर सकते है। हाथी मालिक आसिफ खान ने बताया सुबह-सुबह हम लोग हाथियों को सैर कराने लेकर जाते हैं ताकि उनकी एक्सरसाइज होती रहे।
यहां हाथियों के रहने के लिए 63 शेड होम बने हुए हैं। करीब 20 फीट से ऊंचे और चौड़े हैं।
देश का ऐसा पहला गांव: जिसमें 100 हाथी, 63 हाथियों के लिए बने हैं बाड़े हाथी गांव कल्याण समिति से जुड़े आसिफ खान बताते हैं कि यहां हाथियों के रहने के लिए 63 शेड होम बने हुए हैं। करीब 20 फीट से ऊंचे और चौड़े हैं। एक ब्लॉक में तीन हाथियों के लिए शेड होते हैं। इसके पास इनके महावतों और परिवार के ठहरने के लिए कमरे बने हैं। बच्चों के खेलने के लिए लॉन है।
हाथियों के नहाने के लिए तीन बड़े तालाब हैं। देश का पहला और एकमात्र हाथी गांव है, जिसे 2010 में जयपुर-दिल्ली हाइवे पर 120 बीघा में बसाया गया था। यहां लगभग 100 हाथी है। देश विदेश के सैलानी यहां हाथियों और उनके महावतों की रोजमर्रा की जिंदगी को करीब से देखने आते रहे हैं।
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बड़ा सवाल: सरकार ने 2 जून से पर्यटन स्थल खोले, सात माह से बंद हाथी सवारी पर लगा लॉक कब खुलेगा।
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Last year, seven children died in the village where there was a fever, people are still waiting for the hospital | जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
Last year, seven children died in the village where there was a fever, people are still waiting for the hospital | जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
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Last Year, Seven Children Died In The Village Where There Was A Fever, People Are Still Waiting For The Hospital
मुजफ्फरपुर25 मिनट पहलेलेखक: विकास कुमार
पिछले साल चमकी बुखार मुजफ्फरपुर के हरिवंशपुर गांव के मल्लाह टोले में 7 बच्चों की मौत हुई थी। जबकि बिहार में लगभग 175 बच्चों की जान गई।
राजेश सहनी कहते हैं,’इस टोले के 39 लोग एक सरकारी मुकदमा भी झेल रहे हैं, हर…
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जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
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Last Year, Seven Children Died In The Village Where There Was A Fever, People Are Still Waiting For The Hospital
मुजफ्फरपुरएक घंटा पहलेलेखक: विकास कुमार
पिछले साल चमकी बुखार मुजफ्फरपुर के हरिवंशपुर गांव के मल्लाह टोले में 7 बच्चों की मौत हुई थी। जबकि बिहार में लगभग 175 बच्चों की जान गई।
राजेश सहनी कहते हैं,’इस टोले के 39 लोग एक सरकारी मुकदमा भी झेल रहे हैं, हर…
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जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
जिस गांव में चमकी बुखार से सात मासूमों की मौत, वहां अब तक अस्पताल नहीं, 39 लोग झेल रहे हैं नारेबाजी करने पर सरकारी मुकदमा
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Last Year, Seven Children Died In The Village Where There Was A Fever, People Are Still Waiting For The Hospital
मुजफ्फरपुर19 मिनट पहलेलेखक: विकास कुमार
पिछले साल चमकी बुखार मुजफ्फरपुर के हरिवंशपुर गांव के मल्लाह टोले में 7 बच्चों की मौत हुई थी। जबकि बिहार में लगभग 175 बच्चों की जान गई।
राजेश सहनी कहते हैं,’इस टोले के 39 लोग एक सरकारी मुकदमा भी झेल रहे हैं, हर…
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एक क्लिक में पढ़ें 23 फरवरी की सभी बड़ी खबरें
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एक क्लिक में पढ़ें 23 फरवरी की सभी बड़ी खबरें
11:25 PM दिल्ली: करावल नगर के शेरपुर चौक पर 2 पक्षों के बीच पथराव, कई वाहन क्षतिग्रस्त
11:15 PM दिल्ली: हौज रानी में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के आरोप पर बोले डीसीपी साउथ, मामले की होगी जांच
10:40 PM राजाजी नेशनल पार्क से सात घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाले गए तीन अमेरिकी नागरिक
10:30 PM अलीगढ़ में कुछ लोगों ने प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की फैलाई थी अफवाह, मामला कंट्रोल में: पीवी र
10:15 PM कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए खतरा, इसलिए नहीं भेज रहे मेडिकल आइटम: रवीश कुमार, MEA
09:45 PM बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा, एनपीआर भी 2010 के जैसे ही होगा: नीतीश कुमार
09:25 PM कोरोना वायरस: पाकिस्तान ने ईरान बॉर्डर से सटे बलोचिस्तान के जिलों में लगाई इमरजेंसी
09:00 PM राजस्थान में 14 वर्षीय बलात्कार पीड़िता ने क��� फांसी लगाकर आत्महत्या!
08:37 PM ट्रंप के रोड शो में कल पीएम मोदी के साथ होंगे सीएम रुपाणी और राज्यपाल
07:55 PM राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के लिए रवाना, कल सुबह 11.40 बजे पहुंचेंगे अहमदाबाद
07:48 PM जामिया कैंपस में घुसने वाली आतंकवादी पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं: उद्धव ठाकरे
07:26 PM भारत दौरे से पहले इवांका ट्रंप ने शेयर की पीएम मोदी के साथ की तस्वीरें
07:19 PM अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी को दिल्ली लाया गया, पश्चिमी अफ्रीका के सेनेगल में हुआ था गिरफ्तार
07:02 PM UP: अलीगढ़ में अगले 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद
06:32 PM चीन में कोरोना वायरस पीड़ितों के लिए बिहार के गया में हुई विशेष प्रार्थना सभा
05:57 PM एंटी सीएए प्रोटेस्ट: कालिंदी-सरिता विहार, वजीराबाद चंदनबाग और मौजपुर जाफराबाद रोड बंद
05:34 PM आधी रात को भारत पहुंचेगा अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी, विमान से ला रहे इंटेलिजेंस अधिकारी
05:05 PM यूपी: अलीगढ़ में बिगड़ा माहौल, ऊपरकोट कोतवाली पर पथराव, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
05:01 PM दिल्ली: मौजपुर में प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
04:45 PM दिल्ली: मौजपुर में जाफराबाद सड़कजाम के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने की पत्थरबाजी
04:43 PM दिल्ली: सरिता विहार में पुलिस के कहने पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क खोला
04:41 PM दिल्ली: जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर सीएए के विरोध में अब भी जमा हैं सैकड़ों महिलाएं
04:16 PM कश्मीर में 240 आंतकी सक्रिय, सफाया करने के लिए चल रहा ऑपरेशन: दिलबाग सिंह, डीजीपी
04:03 PM वाया अहमदाबाद जाने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर जल्द पहुंचने के लिए एडवाइजरी जारी
04:02 PM गुजरात: अहमदाबाद एयरपोर्ट के रास्ते में कल सुबह 8 से शाम 4 बजे तक रहेगा ट्रैफिक जाम
03:55 PM दिल्ली: मौजपुर चौक पर सीएए के समर्थन में जमा हो रहे हैं प्रदर्शनकारी
03:50 PM तेजस्वी बोले- लालू राज में रही होंगी कुछ खामिया, पर मैं नया बिहार बनाने का करता हूं वादा
03:31 PM RJD नेता तेजस्वी यादव बोले-हम हर मंच से CAA, NRC, NPR का करते हैं विरोध
02:50 PM कोरोना वायरसः अब नेपाल, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया से आने वाले यात्रियों की भी होगी जांच
02:12 PM देवेंद्र फडणवीस बोले-संव��धान में रिजर्वेशन जाति आधारित, हम धार्मिक आरक्षण के खिलाफ
01:54 PM गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे अहमदाबाद, मोटेरा स्टेडियम का किया दौरा, जहां ट्रंप का है प्रोग्राम
01:42 PM दिल्लीः जाफराबाद में CAA के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन जारी, मेट्रो स्टेशन अब भी बंद
01:40 PM गोवाः भारतीय नौसेना का मिग-21के लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, कोई हताहत नहीं
01:22 PM बिहार: राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना से बेरोजगारी यात्रा शुरू की
Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav begins his ‘Berozgari Hatao Yatra’ in Patna. pic.twitter.com/rb71ce85rB
— ANI (@ANI) February 23, 2020
12:25 PM CM योगी बोले-यह स्पष्ट होने के बाद कि राम मंदिर बनेगा, मैं पहली बार अयोध्या आया हूं
12:07 PM वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह बोले- शाहीन बाग इलाके में पुलिस का रास्ता बंद करना गैर जरूरी
12:03 PM शाहीन बाग: वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह ने सड़क अवरोध पर SC में दायर किया हलफनामा
11:42 AM बिहार : रोहतास जिले के शिवसागर में ट्रक-बस की भिड़ंत, 5 की मौत और 12 घायल
11:35 AM दिल्लीः भीम आर्मी के चंद्रशेखर का आरक्षण पर भारत बंद, पुलिस बोली- राजघाट जाने की नहीं ली परमिशन
11:28 AM बिहार के पूर्णिया की कहानी प्रेरणा वाली है, पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना: पीएम
11:26 AM लेहः कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से वायुसेना के AN 32 विमान ने उड़ान भर इतिहास रचा- PM
11:23 AM बच्चों, युवाओं में साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरू की गई हैः पीएम मोदी
11:21 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- जो देश फिट है वो हमेशा हिट रहेगा
11:20 AM रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं: पीएम
11:19 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- बेटियां बंदिशों को तोड़कर ऊंचाई को छू रही हैं
11:16 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- हुनर हाट में एक दिव्यांग महिला की बात सुनकर बहुत संतोष हुआ
11:13 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी गर्व से भर देने वाली
11:12 AM मैंने दिल्ली के हुनर हाट में देश की विशाल���ा, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान के दर्शन किए: पीएम मोदी
11:11 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- बच्चों, युवाओं में विज्ञान तकनीक के प्रति बढ़ रही रुचि
11:06 AM मन की बात में बोले पीएम मोदी- हुनर हाट में बिहार के स्वादिष्ट भोजन का लिया आनंद
LIVE: PM Shri @narendramodi‘s #MannKiBaat with the nation. https://t.co/H5xmuqCHJ0
— BJP (@BJP4India) February 23, 2020
11:02 AM देश की विविधता गर्व से भर देती है: पीएम मोदी
11:02 AM मन की बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
10:49 AM INDvsNZ 1st Test: विराट कोहली आउट, तीसरे दिन 48 ओवर तक भारत का स्कोर 115-4
10:19 AM AIMIM नेता वारिस पठान को कलबुर्गी पुलिस का नोटिस, भड़काऊ भाषण पर बयान होगा दर्ज
10:04 AM दिल्लीः जाफराबाद में CAA के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन, बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात
#WATCH Delhi: Heavy security deployed in Jaffrabad metro station area. Protesters are agitating near the metro station, in protest against #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/6ZdYuqesEU
— ANI (@ANI) February 23, 2020
09:30 AM पटना में दिखा RJD नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ पोस्टर, आज शुरू करेंगे बेरोजगारी हटाओ यात्रा
Bihar: Posters against RJD leader Tejashwi Yadav led ‘Berozgari Hatao Yatra’, seen in Patna. The ‘yatra’ will begin today. pic.twitter.com/YAKPZmZcwo
— ANI (@ANI) February 23, 2020
08:55 AM बिहारः बेगूसराय, आरा, पटना, सासाराम और सुपौल में दिख रहा भारत बंद का असर
08:41 AM बिहारः राजद, AISA समेत कई पार्टियों का भारत बंद को समर्थन, CAA वापस लेने की मांग
08:32 AM दिल्लीः जाफराबाद में CAA के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन, मेट्रो स्टेशन बंद
08:25 AM दिल्लीः जाफराबाद में CAA के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन, भारी सुरक्षाबल तैनात
Delhi: Security deployed in Jaffrabad metro station area as women continue to protest there, against #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/FRs9L25tgr
— ANI (@ANI) February 23, 2020
08:18 AM बेगूसरायः आरक्षण और संविधान बचाने को लेकर भारत बंद, भीम आर्मी ने कराया बंद
07:50 AM दरभंगा: भीम आर्मी के भारत बंद का असर, बंद के समर्थन में भाकपा (माले) ने रोकी ट्रेन
07:44 AM उत्तर प्रदेशः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या का करेंगे दौरा
07:16 AM दिल्लीः बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज से 3 दिन के ��ाजस्थान दौरे पर जाएंगे
06:54 AM वेलिंग्टन टेस्टः न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी शुरू
06:50 AM दिल्लीः अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की आज 11.30 बजे हुनर हाट में PC
06:24 AM वेलिंग्टन टेस्टः न्यूजीलैंड को पहली पारी के आधार पर भारत पर 183 रनों की बढ़त मिली
06:15 AM वेलिंग्टन टेस्टः न्यूजीलैंड की पहली पारी 348 पर आउट, इशांत ने झटके 5 विकेट
06:05 AM इटली में कोरोना वायरस से अब तक 79 लोग संक्रमित, 2 की मौतः AFP
Italy’s #Coronavirus infections reach 79, including two deaths: AFP news agency quoting official
— ANI (@ANI) February 22, 2020
05:48 AM वेलिंग्टन टेस्टः भारत को मिली नौंवीं कामयाबी, अश्विन ने झटके 3 विकेट
05:32 AM वेलिंग्टन टेस्टः भारत को मिली आठवीं कामयाबी, अश्विन ने तोड़ी यह साझेदारी
05:25 AM वेलिंग्टन टेस्टः न्यूजीलैंड की भारत पर अब 124 रनों की बढ़त, 3 विकेट बरकरार
05:07 AM दिल्लीः सचिन तेंदुलकर ने नेहरू स्टेडियम में हरी झंडी दिखाकर मैराथन शुरू कराई
Sachin Tendulkar flagged off New Delhi Marathon at Jawaharlal Nehru Stadium, this morning. pic.twitter.com/40Yq3joXsz
— ANI (@ANI) February 22, 2020
04:17 AM वेलिंग्टन टेस्टः भारत को मिली सातवीं कामयाबी, इंशात शर्मा ने झटके 4 विकेट
04:05 AM वेलिंग्टन टेस्टः तीसरे दिन की पहली ही गेंद पर भारत को मिली कामयाबी
03:40 AM दिल्लीः बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज से 3 दिन के राजस्थान दौरे पर जाएंगे
03:12 AM दिल्लीः PM नरेंद्र मोदी आज 11 बजे करेंगे ‘मन की बात’
02:51 AM दिल्लीः आज होगा स्टेट्समैन विंटेज कार रैली का आयोजन
02:38 AM दिल्लीः जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास CAA के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन जारी
Delhi: Women continue their protest against Citizenship Amendment Act (CAA) in Jaffrabad metro station area. Heavy security deployed; Ved Prakash Surya DCP (North-East) present at the spot. https://t.co/rBUt076FRg pic.twitter.com/Sm6NEwC2ax
— ANI (@ANI) February 22, 2020
02:09 AM दिल्लीः भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का भारत बंद आज
01:31 AM दिल्लीः आम आदमी पार्टी आज से सदस्यता अभियान शुरू करेगी
12:48 AM उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जाएंगे अयोध्या
12:08 AM अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लिए आयोजित डिनर में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
12:07 AM गुजरात: वड़ोदरा जिले में टेंपो और ट्रक की भिड़ंत, 11 बारातियों की मौत, कई घायल
12:07 AM राजदीप सरदेसाई को लाइफटाइम अचीवमेंट ऑफ दी ईयर का ENBA अ��ॉर्ड
12:00 AM आजतक को मिला न्यूज चैनल ऑफ द ईयर (हिंदी) का अवॉर्ड
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बिहार बारिश : अब तक २९ की मौत, पटना में १५० छात्राओं का हुआ रेस्क्यू
चार दिनों में देशभर में हुई भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में १२० से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं । यहां गुरुवार से अब तक कम से कम ९३ लोगों की मौत हो चुकी है । उधर, बिहार में करीब एक हफ्ते से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद जिंदगी ठप है । बारिश से जुड़े हादसों में मरने वालों की संख्या २९ तक पहुंच गई है । हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं । राजधानी पटना झील में तब्दील हो चुकी है । शहर के कई इलाकों में सड़कों पर ६ से ७ फुट तक पानी जमा है । लोग छतों पर ठिकाना बनाने को मजबूर हैं । यहां तक कि नीतीश सरकार में मंत्री प्रेम कुमार के आवास में भी पानी घुस गया । कोचिंग हब कहे जाने वाले राजेंद्रनगर में हॉस्टल में फंसीं सैकड़ों छात्राओं को रेस्क्यू किया गया है । वहीं, हजारों कोचिंग स्टूडेंट अब भी फंसे हुए हैं । एनडीआरएफ के साथ ही एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है । राज्य में बारिश से जुड़े हादसों में मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है । बिहार राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी का कहना है, अब तक बारिश की वजह से राज्य में २९ लोगों की मौत हो चुकी है । मौसम विभाग ने १४ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है । हालांकि विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि सोमवार को बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है । पटना और दरभंगा में मंगलवार तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं । मौसम विभाग ने राज्य के ९ जिलों में ऑरेंज और ५ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है । बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने और फूड पैकेट गिराने के लिए भारतीय वायुसेना से दो हेलिकॉप्टर की मांग की है । इसके साथ ही सरकार ने एयर फोर्स से पानी निकालने की मशीन भी मुहैया कराने की मांग की है । पटना में बदतर हालात हैं । पूरा शहर एक बड़ी झील में तब्दील हो गया है । राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है । शहर के कई अस्पताल, दुकान, बाजार जलमग्न हो चुके हैं । यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है । लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है । पटना के खगौल थाना इलाके के दानापुर रेलवे स्टेशन के पूर्वी गेट के पास भारी बारिश के कारण सड़क किनारे एक पेड़ ऑटो रिक्शा पर गिर गया, जिससे उसमें सवार डेढ़ साल की एक बच्ची और तीन महिलाओं की मौत हो गयी । मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ के पानी में हजारों लोग फंसे हुए हैं । ६ से ७ फुट जलभराव के बीच लोगों का पानी और राशन खत्म हो चुका है । मकान की पहली मंजिल को छोड़कर लोग अब दूसरी मंजिल और छतों पर शरण ले रहे हैं । रविवार को राजेंद्रनगर के गर्ल्स हॉस्टल से १५० लड़कियों को सुरक्षित निकाला गया, वहीं एनसीसी मुख्यालय भवन से २०० कैडेट्स का भी रेस्क्यू किया गया । हजारों छात्र अब भी कई हॉस्टलों में फंसे बताए जा रहे हैं । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलाधिकारियों के साथ एक विडियो कॉन्फ्रेंस के बाद कहा, हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं । मैं राज्य के लोगों से धैर्य और हिम्मत रखने की अपील करता हूं । मौसम विभाग के अनुसार, राज्य की राजधानी में शुक्रवार शाम से २०० मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है, जिसे आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पूरी तरह से अप्रत्याशित बताया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के मद्देनजर रविवार को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक की और पटना में जलजमाव वाले इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया । बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के दोनों किनारे स्थित १२ जिलों में कहीं-कहीं लोगों के लिए दिक्कत की स्थिति पैदा हो गयी । अब पिछले पांच-छह दिन से लगातार भारी बारिश हो रही है । कोई सूचना नहीं है कि अब रुकेगी । मौसम विभाग भी सटीक अनुमान नहीं लगा पा रहा है । नीतीश ने कहा कि पटना में सिर्फ राजेन्द्र नगर ही नहीं अनेक जगहों पर पानी घुस गया है । हर जगह काम हो रहा है और पटना में भी जितना संभव है, काम किया जा रहा है । लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, पेयजल की व्यवस्था, दूध की उपलब्धता आदि सुनिश्चित की जा रही है । मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे हाथ में नहीं था । राज्य सूखे की स्थिति में था और अब बाढ़ आ गई है । इन आपदाओं में हम पीड़ितों की हर संभव सहायता का प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने राहत शिविरों का इंतजाम किया गया है । इन हालात में लोगों को हौसला बुलंद रखना पड़ेगा । नालंदा में सात घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकरी नदी के बीच टापू पर फंसे छह बच्चों की जान बचाई गई । सायडीह गांव के कुछ बच्चे भैंस चराने गए थे । इसी दौरान नदी का पानी बढ़ने से बच्चे पानी से घिर गए । भैंसें तो पानी में बह गईं लेकिन बच्चे किसी तरह घास पकड़कर मदद की गुहार लगाने लगे । इसके बाद एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंची । अंधेरा होने की वजह से ��ीप की हेडलाइट की रोशनी में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया । शनिवार से अब तक गया और भागलपुर में दीवार गिरने की घटनाओं में कम से कम १४ लोगों की मौत होने की जानकारी मिल रही है । भागलपुर जिले के बरारी थानाक्षेत्र में भारी बारिश के कारण अलग अलग स्थानों पर दीवार गिरने से मलबे के नीचे दबकर छह लोगों की मौत हो गयी जबकि एक अन्य व्यक्ति जख्मी हो गया । Read the full article
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चमकी बुखार अब तक 95 बच्चों की मौत
चमकी बुखार अब तक 95 बच्चों की मौत
पटना(realtimes) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने आज बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया, जहां पिछले एक पखवाड़े में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 95 बच्चों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सात बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद एईएस के कारण मरने वाले बच्चों की कुल संख्या 95 हो गई है। शनिवार रात तक 73 बच्चों की मौत हो गई थी।
हालांकि, बीमारी के…
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धारावी...। यह नाम सुनते ही दिमाग में झुग्गी-झोपड़ियों की तस्वीर बनने लगती है। एशिया के सबसे बड़े इस स्लम में महज 2.5 स्क्वायर किलोमीटर में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। अप्रैल में यहां कोरोना का ब्लास्ट हुआ था। लेकिन जून तक वायरस पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया था। इसलिए धारावी मॉडल की बहुत चर्चा हुई थी। अब एक बार फिर यहां कोरोना की दूसरी लहर आती दिख रही है। धारावी में कोरोना के मामले 3 हजार को क्रॉस कर चुके हैं। पिछले दस दिनों से तो हर दिन दो अंकों में मामले बढ़ रहे हैं। अभी 180 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। ऐसे में हम धारावी पहुंचे और जाना कि कोरोना को रोकने वाला धारावी मॉडल क्या था, अब क्या हालात हैं और लोग कैसे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।
धारावी में पक्की झोपड़ियां हैं, जो ऊंचाई से ऐसी नजर आती हैं।
संकरी गलियां, छोटे-छोटे कमरे। कमरे में ही किचन और वहीं बर्तन साफ करने की एक जगह भी। एक घर में रहने वाले औसत पांच से सात लोग। कुछ-कुछ में बारह से पंद्रह। यहां सोशल डिस्टेंसिंग की बात करना बेमानी है, क्योंकि जगह इतनी कम है कि एक-दूसरे से दूरी बनाना मुमकिन ही नहीं। अधिकतर घरों में एक-एक कमरे ही हैं। साइज दस बाय दस फीट होगा। हालांकि, यहां की झुग्गियां कच्ची नहीं, पक्की हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे जब हम यहां पहुंचे तो धारावी पहले की तरह नजर आई। बाजार खुले थे। लोग काम धंधे पर निकल रहे थे। मास्क गिने चुने चेहरों पर ही दिख रहा था। हैंड सैनिटाइजर जैसी चीज यहां शायद ही कोई इस्तेमाल करता हो। हां, लेकिन धारावी की गलियां साफ-सुथरी नजर आईं। यहां के लोगों में अब कोरोना का बिल्कुल डर नहीं है, क्योंकि बात पेट पर आ गई है। वे कहते हैं, कोरोना से नहीं मरेंगे तो मौत से मर जाएंगे इसलिए काम पर तो निकलना पड़ेगा। पिछले करीब एक हफ्ते से यहां हर रोज कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं।
कोई भाड़ा नहीं भर पा रहा तो किसी पर हजारों का कर्जा हो गया
खैर, धारावी की जमीनी हकीकत जानने के लिए हम अंदर गलियों में घुसे। पहली गली में घुसते ही सारोदेवी नजर आईं। एक छोटे से कमरे में वो भजिया तल रहीं थीं। इतने सारे समोसे, वड़ा, भजिया किसके लिए बना रही हैं? पूछने पर बोलीं, मेरा बेटा सायन हॉस्पिटल के बाहर बेचता है। पांच माह से काम बंद था। पंद्रह दिन पहले ही शुरू हुआ है। लॉकडाउन में गुजर बसर कैसे किया? इस पर बोलीं, फ्री वाला राशन बंटता था, वो ले लेते थे। कुछ राशन सरकार से भी मिला। कुछ सामान हमारे पास था। यह सब मिलाकर जैसे-तैसे दिन काटे हैं। धंधा बंद था इसलिए न भाड़ा दे पाए और न ही बिजली का किराया भरा। 25 हजार रुपए का कर्जा भी हो गया। अब काम शुरू हुआ है तो थोड़ा-थोड़ा करके चुकाएंगे। सारोदेवी के घर की अगली गली में अनीता मिलीं। उनका एक पैर काम नहीं करता। पति भी दिव्यांग हैं। दो बच्चे हैं, जिसमें से एक को मां-बाप वाली कमी आ गई। दूसरा बेटा ठीक है। दस बाय दस के कमरे में अनीता का पूरा परिवार रहता है। पति मिट्टी के बर्तन बनाने जाते हैं। उनका बेटा चिराग कहता है, पापा का माल बिकता है, तब ही घर में पैसा आता है। कमरे का भाड़ा तीन हजार रुपए महीना है, लेकिन चार-पांच महीने से भरा नहीं। मकान मालिक ने बोला है कि, जल्दी भाड़ा भरो नहीं तो कमरा खाली करना पड़ेगा।
ये सारो देवी हैं। कहती हैं-- लॉकडाउन में खाने-पीने के लाले पड़े गए थे। समोसा, भजिया, वड़ा बेचकर परिवार को पाल रही हैं।
धारावी के अधिकतर घरों में महिलाएं खाने पीने की चीजें तैयार करती हैं और उनके बेटे या पति ये सामान बाहर बेचते हैं। कीमत काफी कम होती है, इसलिए माल बिक जाता है। 10 रुपए में पांच इडली बेचने वाली मारिया ने सिर पर बड़ी तपेली रखती जाती दिखीं। हाथ में एक थैला था, जिसमें तीन डिब्बे रखे थे। वो इडली और वड़ा सांभर बेचने के लिए निकली थीं। हमने रोका तो मुस्कुराते हुए कहने लगीं कि मैंने लॉकडाउन में भी चोरी-छुपे इडली-वडा बेचे क्योंकि घर में कुछ खाने को था ही नहीं। पैसों की बहुत जरूरत थी इसलिए प्लास्टिक की थैलियों में इडली-वड़ा भरकर ले जाती थी और धारावी की गलियों में ही बेच आती थी।
मारिया महीने का 25 से 30 हजार रुपए कमा लेती हैं। इस पैसे से उन्हें सिर्फ घर ही नहीं चलाना होता बल्कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी करवानी होती है। धारावी में बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय भी रहते हैं जो इटली-सांभर और वड़ा-सांभर घर में तैयार कर बाहर बेचते हैं। इन्हीं संकरी गलियों में ढेरों स्मॉल स्केल बिजनेस भी चलते हैं। जैसे कोई परिवार मिट्टी के बर्तन बनाता है तो कोई जूते, बैग सिलता है। कपड़ों की छोटी-छोटी फैक्ट्रियां भी यहां हैं। जो पूरी तरह से मार्केट के खुलने पर ही डिपेंड हैं। वर्क फ्रॉम होम का इन लोगों के पास कोई आप्शन नहीं। जिंदगी का गुजर-बसर करने के लिए जरूरी है कि या तो इन लोगों के पास ग्राहक आएं या फिर ये लोग ग्राहकों तक जाएं। पिछले पंद्रह-बीस दिनों में सभी ने अपने धंधे शुरू कर दिए लेकिन पहले की तरह ��्राहक नहीं आ रहे।
मारिया केरल की रहने वाली हैं। इस तरह हर रोज सुबह 10 बजे काम पर निकल जाती हैं, घर आते-आते शाम हो जाती है।
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पलायन करने वाले लौट रहे, इसलिए बढ़ रहे मामले
आखिर धारावी का वो मॉडल क्या था, जिससे कोरोना कंट्रोल हुआ था? यह सवाल हमने धारावी में ही 26 साल से क्लीनिक चलाने वाले और कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. मनोज जैन से पूछा। वे बोले, धारावी में 1 अप्रैल को पहला केस आया था। इसके बाद यहां लोग कोरोना से कम और हार्ट अटैक से ज्यादा मर रहे थे क्योंकि बहुत घबरा गए थे। 7 अप्रैल से हमारी दस डॉक्टर्स की टीम ने काम शुरू किया। हमने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग शुरू की। जिन्हें भी फीवर आया, उन्हें बीएमसी के हवाले किया। बाद में डॉक्टर्स की संख्या बढ़कर 25 हो गई। फीवर क्लीनिक भी शुरू कर दिए गए। रोजाना हजारों लोगों की स्क्रीनिंग करते थे। जिन लोगों में लक्षण पाए जाते थे, उन्हें अलग कर इलाज के लिए भेजते थे। इनके सबके साथ में मास्क, हैंड सैनिटाइजर, सफाई और सोशल डिस्टैंसिंग के लिए भी लोगों को अवेयर किया। इसी का नतीजा हुआ था क��� यहां कोरोना कंट्रोल में आ गया था। इसकी एक वजह बड़ी संख्या में लोगों का पलायन भी रही थी। यूपी, बिहार, केरल, मप्र के लोग यहां से अपने घर चले गए थे, इसलिए भीड़ कम हो गई थी।
नजमुन्निसा भी धारावी में रहती हैं। कहती हैं, पहले बच्चे एक-एक बिस्किट का पैकेट खाते थे, अब एक पैकेट में से ही तीन बच्चे खाते हैं। लॉकडाउन के पहले कुछ काम मिल जाया करता था, जो अब नहीं मिल पा रहा।
अब अचानक केस बढ़ने क्यों लगे? इस पर वे कहते हैं, जिन लोगों ने पलायन किया था, वो लौट रहे हैं। लोगों में कोरोना का डर भी कम हो गया। इसी कारण कोई नियमों को फॉलो नहीं कर रहा। स्क्रीनिंग भी अभी बंद है। धारावी में हर घर में वॉशरूम नहीं है। लोग सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करने पर मजबूर हैं। यह भी कोरोना फैलने की बड़ी वजह है। कम जगह में ज्यादा लोगों के रहने के चलते ही यहां के लोगों में स्किन डिजीज कॉमन हैं। वे साफ-सफाई से नहीं रहते। अब यदि समय रहते कोरोना रोकने के लिए यहां कदम नहीं उठाए गए तो फिर पहले जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। धारावी वॉर्ड 188 के वार्ड अध्यक्ष विल्सन नंदेपाल कहते हैं, यहां के बहुत सारे लोग दूसरे क्षेत्रों में मजदूरी करने जाते हैं, लेकिन लोकल बंद होने के चलते वे जा नहीं पा रहे। आवक-जावक पूरी तरह बंद है। यदि जल्द ही सरकार ने मदद नहीं की तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।
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Everything was controlled, then what happened suddenly that the corona blast happened again in Dharavi?
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चमकी बुखार से मौत हम सबके लिए शर्मिंदगी की बात है : प्रधानमंत्री मोदी
बिहार में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार से मौतों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बा�� बयान दिया है । राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि चमकी बुखार से मौत हम सबके लिए शर्मिंदगी की बात है । साथ ही पीएम ने कहा कि यह हम सबकी सबसे बड़ी विफलता है । बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आस-पास के जिलों में एईएस से अब तक १५० से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है । पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, यहां पर बिहार के चमकी बुखार की भी चर्चा हुई है । हम सभी के लिए दुख की बात है और शर्मिंदगी की बात है आधुनिक युग के अंदर । मैं मानता हूं कि पिछले सात दशक में सरकारों के रूप में और समाज के रूप में हमारी जो विफलताएं हैं, उसमें यह एक सबसे बड़ी विफलता है । उन विफलताओं में से एक विफलता है । इसको हम सभी को गंभीरता से लेना होगा । मैंने तुरंत अपने हेल्थ मिनिस्टर को वहां दौड़ाया । पीएम ने आगे कहा, मैं समझता हूं कि कुछ जगह पर ईस्टर्न यूपी में इन दिनों अच्छी स्थिति नजर आ रही है । फिर भी क्लेम नहीं कर सकते । टीकाकरण, सुरक्षित मातृत्व इन सभी चीजों पर हम बल दें । मुझे विश्वास है कि यह जो दुखद स्थिति है, मैं राज्य सरकार के संपर्क में हूं । मिलकर के जितना जल्दी हो सके हम सबको संकट से बाहर निकाल सकें । पीएम ने इसके साथ ही झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना पर कहा, झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है । क्या झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है उसे अलग करें । लेकिन सबको कठघरे में रखकर राजनीति तो कर लेंगे । इसलिए पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है । वहां भी सज्जनों की भरमार है । न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है । Read the full article
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चमकी,बिहार,न्यायालय और सरकार
बिहार में चमकी बुखार के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की जो तस्वीर सामने आई है वह वाकई दूखदायी है। यह स्थिति केवल बिहार की नही बल्कि पूरे देश की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की है। सरकार चिकित्सालयों का हाल इसलिए बुरा है कि एक हजार की क्षमता वाले चिकित्सालयों पर पाॅच हजार मरीज है, बाकी रही सही कसर स्वास्थ्य सेवाओं को ठेके पर देने के कारण हो रही है। बिहार ही क्या किसी भी राज्य मेें कभी कोई महामारी हो जाने में उस राज्य की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं बेपटरी देखी जा चुकी है। उत्त्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारी बच्चों की मौत के मामले की बाॅत करे या फिर अन्य राज्यों में होने वाली मौतों का मामला सरकार और सरकारी स्वास्थ्य सेवाए बुरी तरह हाॅफने लगती है। देश की स्थिति यह है कि जो निजी क्षेत्र में फैली स्वास्थ्य सेवाएं है वह सरकार के नियंत्रण से बिलकुल बाहर है। जिसकें चलते इन निजी चिकित्सालयों का लाभ मात्र पैसे वाले उठा पातेे है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में रहस्यमय बुखार से करीब डेढ सौ बच्चों की मौत पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार से जवाब तलब करके बिल्कुल सही किया। यह इसलिए आवश्यक था, क्योंकि मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में गंभीर किस्म के इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर बच्चों के मरने का सिलसिला कायम रहने के बावजूद राज्य सरकार और साथ ही केंद्र सरकार की ओर से वैसे कदम नहीं उठाए गए जैसे अपेक्षित थे। बिहार के बच्चें जिस रहस्यमय बीमारी का शिकार बन रहे हैैं जिसे चमकी बुखार अथवा एक्यूट इ��सेफलाइटिस सिंड्रोम के तौर पर परिभाषित किया जा रहा है। लेकिन अगर इस बीमारी से निपटने की प्रबल इच्छाशक्ति दिखाते हुए हर संभव उपायों का सहारा लिया गया होता तो शायद आज हालात कुछ दूसरे होते। यह मानने के अच्छे-भले कारण हैैं कि एक सीमित दायरे में रहकर ही इस बीमारी से निपटने के प्रयास किए गए। आखिर इस बीमारी के कहर से बचने के लिए वैसे ही कदम क्यों नहीं उठाए जा सके जैसे इबोला अथवा निपाह वायरस से बचने के लिए उठाए गए? इससे इन्कार नहीं कि अतीत में भी मुजफ्फरपुर क्षेत्र में बारिश के पहले रहस्यमय बुखार ने अपना सिर उठाया और उसके चलते कई बच्चों की मौत भी हुई, लेकिन अतीत के उदाहरण देकर हाथ पर कामचलाऊ रवैया अपनाने का कोई मतलब नहीं था। यह सामान्य बात नहीं कि दर्जनों बच्चों की मौत के बाद भी शासन-प्रशासन के स्तर पर यही रेखांकित करने की कोशिश हुई कि यहां तो ऐसा होता ही रहता है।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी कर दिया है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि इस बार गोरखपुर और आसपास के इलाके में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम अथवा जापानी बुखार का वैसा कहर नहीं दिखा जैसा कुछ वर्षों पहले तक दिखता था। समझना कठिन है कि बिहार सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के तौर-तरीकों से कोई सीख क्यों नहीं ले सकी? सवाल यह भी है कि मुजफ्फरपुर के हालात को लेकर केंद्र सरकार समय रहते सक्रिय क्यों नहीं हुई? एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के लिए गंदगी और कुपोषण के अतिरिक्त अन्य अनेक कारण जिम्मेदार बताए जा रहे हैैं। निरूसंदेह कई बार किसी बीमारी के मूल कारणों का पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन अगर उससे बचाव और उपचार के बेहतर उपाय किए जा सकें तो हालात काबू करने में मदद मिलती है। बिहार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का चाहे जो जवाब दें,लेकिन यह सच है कि मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं दिखा। ऐसा ��ब हुआ जब यह उत्तरी बिहार का प्रमुख मेडिकल कॉलेज है और पिछले कई वर्षों से एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के मरीजों का गवाह बनता रहा है। संसाधनों के अभाव का सामना कर रहा यह मेडिकल कॉलेज अस्पताल देश में सरकारी स्वास्थ्य ढांचे की खराब स्थिति को ही बयान करता है। आवश्यक केवल यही नहीं कि बिहार में बच्चों की मौत का सिलसिला थमे, बल्कि यह भी है कि केंद्र और राज्य सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कमर कसें।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में रहस्यमय बुखार से करीब डेढ सौ बच्चों की मौत पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार से जवाब तलब करके बिल्कुल सही किया। यह इसलिए आवश्यक था, क्योंकि मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में गंभीर किस्म के इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर बच्चों के मरने का सिलसिला कायम रहने के बावजूद राज्य सरकार और साथ ही केंद्र सरकार की ओर से वैसे कदम नहीं उठाए गए जैसे अपेक्षित थे।बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (इंसेफेलाइटिस) से 150 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार से सात दिन में जवाब मांगा है। नोटिस जारी करते हुए अदालत ने कहा कि हर बार मौतें जारी ��हीं रह सकतीं, हमें जवाब चाहिए। कोर्ट ने यूपी सरकार को भी हलफनामा दाखिल करने को कहा है।चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी दी जाएरूजस्टिस संजीव खन्ना और बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं पोषण एवं स्वच्छता के बारे में हलफनामा देने का निर्देश दिया है। इस मामले में अब 10 दिन बाद सुनवाई की जानी है। अधिवक्ता मनोहर प्रताप ने याचिका दाखिल कर बताया हैकि इस बीमारी से 126 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकतर की उम्र एक से दस साल है।यह महामारी बिहार-यूपी और केंद्र की लापरवाही का परिणाम है। अस्पतालों में डॉक्टर और चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। यही वजह हैकि हर साल सैकड़ों बच्चे इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं।गोरखपुर का भी जिक्र भी याचिका में इस बीमारी का पिछले साल केंद्र रहे यूपी के गोरखपुर का भी उल्लेख है। आग्रह किया गया है कि गोरखपुर में इसकी रोकथाम व प्राथमिक उपचार के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने यूपी सरकार को इस बीमारी से राज्य में हुई मौतों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया। .पटना हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। गरीब जनता के पास पैसा नहीं है कि वह बड़े अस्पताल का रुख कर सके।कोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पतालों का हाल यह है कि इलाज की जगह उन्हें मौत मिलती है। स्वीकृत पद रिक्त हैं। इन पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है और कर्मियों को ठेके पर रखा जा रहा है। सरकार बड़े-बड़े दावे करती हैं लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है। कोर्ट ने कहा कि विभाग के सचिव कोर्ट में आकर बताते हैं कि स्वास्थ्य सेवा की बेहतरी के लिए सरकार क्या-क्या कर रही है लेकिन कुछ माह के भीतर ही उनका तबादला कर दिया जाता है, जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को चेतावनी देते हुए कहा कि अदालती फैसले का पालन नहीं किया गया तो अगली तारीख पर विभाग पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया जाएगा।इस मामले में देश के सर्वोच्च अदालत ने पोषण और स्वच्छता को स्वास्थ्य सेवा के बराबर ही महत्व दिया है, जो इंसेफलाइटिस के मामले में हुए सामाजिक सर्वेक्षण को देखते हुए काफी अहमियत रखता है। मुजफ्फरपुर जिले में पिछले दिनों जब इंसेफलाइटिस से ग्रसित 289 बच्चों के परिवारों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण किया गया, तो पता चला कि इनमें से 280 बच्चों के परिवार गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले हैं। जाहिर है, इन बच्चों को पर्याप्त पोषण भी शायद ही मिलता हो और वे उस स्वच्छता से भी दूर ही होंगे, जिसे चिकित्सा की भाषा में हाईजीन कहा जात�� है। जाहिर है, मुजफ्फरपुर में चुनौती सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की नहीं, उससे कहीं ज्यादा बड़ी है।जहां तक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा का मामला है, तो इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। इंसेफलाइटिस एक जटिल रोग है और मुजफ्फरपुर में फैले इस रोग के बारे में अभी कुछ ठीक से पता भी नहीं, इसके कारणों को लेकर ही विशेषज्ञों में मतभेद दिख रहे हैं। इसे छोड़ दें, तो हमारे पास जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा है, वह दस्त, मलेरिया और डेंगू जैसे सामान्य रोगों के रोगियों को ही पूरी तरह नहीं बचा पाती। जो स्वास्थ्य सेवा सामान्य स्थिति में मरीजों को पूरा इलाज देने में सक्षम नहीं, उससे यह उम्मीद कैसे की जाए कि वह महामारी जैसी आपात स्थितियों में लोगों का इलाज करने में कारगर साबित होगी? इस सेवा को मजबूत बनाना ही सबसे बड़ी चुनौती है। Read the full article
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बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी अब तक २३ बच्चों की मौत
बिहार में भीषण गर्मी के बीच चमकी बुखार का कहर जारी है । राज्य के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से पिछले एक हफ्ते में तकरीबन २३ बच्चों की मौत हो चुकी है । यह बीमारी हर साल इसी मौसम में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है । मौसम में तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण होने वाले वाले इस बुखार को लेकर राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी चिंता जता चुके हैं । उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस पर नजर बनाए रखने को कहा है । चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल मातृ सदन में भर्ती होने का सिलसिला जारी है । एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील शाही ने सोमवार को बताया कि एसकेएमसीएच में सोमवार को बुखार से पीड़ित २० बच्चे पहुंचे हैं, जिन्हें पीसीआईयू में भर्ती कराया गया है । उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में अब तक ७२ पीड़ित बच्चों को भर्ती कराया गया है, जिसमें से इलाज के दौरान १९ बच्चों की मौत हो चुकी है । शाही ने बताया कि इनमें से अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है । उन्होंन��� कहा कि एईएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले चिकित्सक उसकी जांच कराते हैं । ब्लड शुगर, सोडियम, पोटैशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है । इधर, केजरीवाल अस्पताल के प्रबंधक ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर यहां चमकी बुखार से पीड़ित ३९ बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें से ४ बच्चों की मौत हो गई । मैनेजर ने बताया कि सात बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है । एसकेएमसीएच में चिकित्सकों और कर्मियों की २४ घंटे ड्यूटी लगाई गई है । उमस भरी गर्मी के कारण ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है । इधर, मुजफ्फरपुर में फैली बीमारी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से हो रही बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर नजर रख रहा है । Read the full article
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