#बालरंगमंच
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सबसे पहले जानते नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा है क्या सबसे इससे जुडी खबर देते हुए आगे बढ़ते है परेश रावल जी एनएसडी का चेयरमैन बनाया गया है यही बहुत ही हर्ष की बात है | एनएसडी को रंगमंच का प्रशिक्षण देने की सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध संस्था है |ये सरकार के मिनिस्टर ऑफ़ कल्चर प्रोग्राम के तहत चलायी जाती है |इसकी स्थापना 1959 संगीत नाटक अकादमी के तौर पर हुई थी बाद में 1975 आते -आते ये एक पूरी संस्था बन गयी और जिसका नाम दिया गया -राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय | और 1860 में इसका पंजीकरण एक स्वायत संस्था के तौर पर कर दिया गया |इसका पूरा का पूरा खर्च संस्कृति विभाग वहन करता है |
इस विद्यालय का क्या है उद्देश्य-
इसका मुख्या उद्देश्य रंगमंच के इतिहास, प्रस्तुतिकरण, दृश्य डिजायन, वस्त्र डिजायन, प्रकाश व्यवस्था और रूप-सज्जा सहित रंगमंच के सभी पहलुओं का प्रशिक्षण देना है |इस विद्यालय ने दिया जाने वाला प्रशिक्षण गहन और व्यापक होता है |���िसका पूरा एक पाठ्यक्रम होता है जिसमे सिद्धांत व्यवहार से सम्बंधित होते है |इस विद्यालय में प्रवेश करने के बाद आपको 3 वर्ष तक पढ़ाई करनी पड़ती है |पाठ्यक्रम में कम से कम विद्यार्थी लिए जाते उनकी संख्या 20 होती है |प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को दो चरणों में गुजरना पड़ता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के डिप्लोमा को भारतीय विद्यालय संघ की ओर से एम0ए0 की डिग्री के बराबर मान्यता प्राप्त है और इसके आधार पर वे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षक के रूप में नियुक्त किए जा सकते हैं अथवा पीएच.-डी. (डाक्टरेट) उपाधि के लिए पंजीकरण करा सकते हैं|
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सबसे पहले जानते नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा है क्या सबसे इससे जुडी खबर देते हुए आगे बढ़ते है परेश रावल जी एनएसडी का चेयरमैन बनाया गया है यही बहुत ही हर्ष की बात है | एनएसडी को रंगमंच का प्रशिक्षण देने की सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध संस्था है |ये सरकार के मिनिस्टर ऑफ़ कल्चर प्रोग्राम के तहत चलायी जाती है |इसकी स्थापना 1959 संगीत नाटक अकादमी के तौर पर हुई थी बाद में 1975 आते -आते ये एक पूरी संस्था बन गयी और जिसका नाम दिया गया -राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय | और 1860 में इसका पंजीकरण एक स्वायत संस्था के तौर पर कर दिया गया |इसका पूरा का पूरा खर्च संस्कृति विभाग वहन करता है |
इस विद्यालय का क्या है उद्देश्य-
इसका मुख्या उद्देश्य रंगमंच के इतिहास, प्रस्तुतिकरण, दृश्य डिजायन, वस्त्र डिजायन, प्रकाश व्यवस्था और रूप-सज्जा सहित रंगमंच के सभी पहलुओं का प्रशिक्षण देना है |इस विद्यालय ने दिया जाने वाला प्रशिक्षण गहन और व्यापक होता है |जिसका पूरा एक पाठ्यक्रम होता है जिसमे सिद्धांत व्यवहार से सम्बंधित होते है |इस विद्यालय में प्रवेश करने के बाद आपको 3 वर्ष तक पढ़ाई करनी पड़ती है |पाठ्यक्रम में कम से कम विद्यार्थी लिए जाते उनकी संख्या 20 होती है |प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को दो चरणों में गुजरना पड़ता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के डिप्लोमा को भारतीय विद्यालय संघ की ओर से एम0ए0 की डिग्री के बराबर मान्यता प्राप्त है और इसके आधार पर वे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षक के रूप में नियुक्त किए जा सकते हैं अथवा पीएच.-डी. (डाक्टरेट) उपाधि के लिए पंजीकरण करा सकते हैं|
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नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD) की स्थापना कब हुई ?
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा और परेश रावल का चेयरमैन बनना -
सबसे पहले जानते नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा है क्या सबसे इससे जुडी खबर देते हुए आगे बढ़ते है परेश रावल जी एनएसडी का चेयरमैन बनाया गया है यही बहुत ही हर्ष की बात है | एनएसडी को रंगमंच का प्रशिक्षण देने की सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध संस्था है |ये सरकार के मिनिस्टर ऑफ़ कल्चर प्रोग्राम के तहत चलायी जाती है |इसकी स्थापना 1959 संगीत नाटक अकादमी के तौर पर हुई थी बाद में 1975 आते -आते ये एक पूरी संस्था बन गयी और जिसका नाम दिया गया -राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय | और 1860 में इसका पंजीकरण एक स्वायत संस्था के तौर पर कर दिया गया |इसका पूरा का पूरा खर्च संस्कृति विभाग वहन करता है |
इस विद्यालय का क्या है उद्देश्य-
इसका मुख्या उद्देश्य रंगमंच के इतिहास, प्रस्तुतिकरण, दृश्य डिजायन, वस्त्र डिजायन, प्रकाश व्यवस्था और रूप-सज्जा सहित रंगमंच के सभी पहलुओं का प्रशिक्षण देना है |इस विद्यालय ने दिया जाने वाला प्रशिक्षण गहन और व्यापक होता है |जिसका पूरा एक पाठ्यक्रम होता है जिसमे सिद्धांत व्यवहार से सम्बंधित होते है |इस विद्यालय में प्रवेश करने के बाद आपको 3 वर्ष तक पढ़ाई करनी पड़ती है |पाठ्यक्रम में कम से कम विद्यार्थी लिए जाते उनकी संख्या 20 होती है |प्रवेश पाने के इच्छुक विद्यार्थियों को दो चरणों में गुजरना पड़ता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के डिप्लोमा को भारतीय विद्यालय संघ की ओर से एम0ए0 की डिग्री के बराबर मान्यता प्राप्त है और इसके आधार पर वे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षक के रूप में नियुक्त किए जा सकते हैं अथवा पीएच.-डी. (डाक्टरेट) उपाधि के लिए पंजीकरण करा सकते हैं|
बच्चों को इस ओर आकर्षित करने के लिए कई प्रोग्राम बनाये -
बच्चों को इस ओर आकर्षित करने ओर बढ़ावा देने के लिए इस संस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है |1989 में एक थिएटर इन एजुकेशन की स्थापना की गयी सालों बाद इसका नाम बदलकर संस्कार रंग टोली कर दिया गया इसका काम था बच्चों के लिए नाटक तैयार करना , दिल्ली के स्कूलों में कार्यशालाएं आयोजित करना ओर शनिवार को बालरंगमंच को प्रोत्साहित करना |1998 से ही यह विद्यालय बच्चों के लिए राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव का आयोजन कर रहा है। यह महोत्सव हर वर्ष नवंबर में 'जश्ने बचपन' के नाम से आयोजित किया जाता है। भारत की आज़ादी की 50 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 18 मार्च से 14 अप्रेल, 1999 तक पहले राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव ' भारत रंग महोत्सव ' का आयोजन किया गया था। इस प्रथम ' भारत रंग महोत्सव ' की सफलता को देखते हुए इसे हर वर्ष मनाने का निर्णय लिया गया है|
कुछ चर्चित चेहरे जिन्होंने जो यहाँ के प्रोडक्ट है -
दिल्ली के बावलपुर में स्थति ये एनएसडी से कई आज के चर्चित चेहरों ने पढ़ाई की है जैसे , अनुपम खेर ,पियूष मिश्रा , दिवंगत इरफ़ान खान ,ओम पूरी , नसीरुद्दीन शाह , ऐसे बहुत ही दिग्गज है इसकी लिस्ट में | ये एक बेहतरीन संस्था है | यहाँ आपको नाटक के सब पहलुओं से अवगत कराया जाता है |इसकी खास बात ये भी है नाटक की किताबों को खुद ही छपवाता भी है ओर अनुवाद भी कराती है |
पूरा जानने के लिए -https://bit.ly/2FtLIGi
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