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#बाजरे की खरीद
best24news · 2 years
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Haryana News: दोबारा होगी बाजरे की खरीद, कोसली विधायक की मांग पर सीएम से दिया आश्चासन
Haryana News: दोबारा होगी बाजरे की खरीद, कोसली विधायक की मांग पर सीएम से दिया आश्चासन
हरियाणा: किसानो के लिए बडी खुशी की खबर है। भाजपा विधायक दल की बैठक में कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने मुख्यमंत्री के समक्ष पुन: बाजरे की खरीद शुरु कराने का आग्रह किया। उनकी मांग पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही अच्छी गुणवत्ता के बाजरे की पुन: खरीद शुरु की जाएगी। रेवाडी में धारा 144 लागू, उल्लंघन करने वालो की खैर नहीं साथ ही कोसली विधायक ने प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व…
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किसानों के लिए खुशखबरी! 1 नवंबर से शुरू होगी मूंगफली की खरीद
किसानों के लिए खुशखबरी! 1 नवंबर से शुरू होगी मूंगफली की खरीद
हरियाणा के सिर्फ तीन जिलों में होगी मूंगफली की सरकारी खरीद. उधर, बाजरे की खरीद जारी है. हरियाणा में बाजरा की खूब खेती होती है. सरकार का दावा है कि अब तक सूबे में 81 हजार मीट्रिक टन बाजरा एमएसपी पर खरीदा जा चुका है. इस तारीख से शुरू होगी मूंगफली की सरकारी खरीदी. Image Credit source: file photo हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में 1 नवंबर से मूंगफली की खरीद शुरू होगी.…
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vicharodaya · 2 years
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BJP Kisan Rally in lakshmangarh sikar
BJP Kisan Rally in lakshmangarh sikar
सीकर: राजस्थान में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (bjp rajasthan) ने किसान सभा का आयोजन किया। इस सभा के बहाने बीजेपी ने सीकर के लक्ष्मणगढ़ (lakshmangarh) में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह (pcc chief govind singh dotasara) डोटासरा के गृह क्षेत्र से अपना चुनावी शंखनाद कर दिया है। इस सभा में खेती-किसानी की बात तो हुई लेकिन किसानों के मुद्दों से ज्यादा नेताओं ने…
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ashokgehlotofficial · 3 years
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कोरोना की विषम परिस्थितियों में भी राज्य सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया है। प्रदेश की जनता से किए वादे और विकास कार्यों से जुड़ी विधायकों की मांगों को पूरा करने में राज्य सरकार ने पिछले 3 साल में कोई कमी नहीं रखी है।
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बाड़मेर जिले में विभिन्न कार्याें के शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। करीब 275 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। आज जो लोकार्पण हुए हैं, उनका लाभ बाड़मेर जिले की जनता को मिलेगा। साथ ही, जिन कार्यों के शिलान्यास हुए हैं, उन्हें समय पर पूरा करने के प्रयास किये जाएंगे।
पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी कि थार के रेगिस्तान में तेल निकलेगा, रिफाइनरी आएगी और पॉवर प्लांट लगेंगे। आज बाड़मेर का काया-कल्प हो गया है। इंदिरा गांधी नहर और नर्मदा का पानी यहां पहुंच गया है। जायका के सहयोग से गुढ़ामालानी एवं आसपास के क्षेत्रों में मीठा पानी पहुंचाने की 2900 करोड़ रूपए की परियोजना को शीघ्र शुरू करने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई है एवं तकनीकी स्वीकृति भी इस माह के अंत में मिल जाएगी।
सरकारें बदलने पर विकास कार्य बंद नहीं होने चाहिए। हमारी सरकार ने कभी भी पूर्ववर्ती सरकार के विकास कार्यों को नहीं रोका। राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर केन्द्र सरकार का सहयोग करेगी। बाड़मेर में रिफाइनरी के कार्य में केन्द्र सरकार से अपेक्षित सहयोग की अपील है। डेजर्ट पार्क के मुद्दे एवं गोडावण संरक्षण क्षेत्र में सोलर पॉवर प्लांट लगने में आ रही कठिनाइयों के संबंध में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री को राज्य का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया। बाड़मेर में बाजरा अनुसंधान के केन्द्र खोलने की स्वीकृति देने के लिए केन्द्र का आभार जताया। ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही प्रदेश के किसानों के हित में सभी जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिलाया। साथ ही, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद की संभावनाओं का अध्ययन कराने की बात कही।
2006 में बाड़मेर में आई भीषण बाढ़ के दौरान बेघर हुए विस्थापितों का 15 साल का इंतजार खत्म करते हुए राज्य सरकार ने 1022 परिवारों को निःशुल्क पट्टे दिये हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत ग्राम पंचायत बाड़मेर मगरा द्वारा 1022 परिवारों को जारी आवासीय पट्टों में से 11 लोगों को बाड़मेर में प्रभारी मंत्री श्री सुखराम विश्नोई द्वारा पट्टे वितरित किए गए।
कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हो जा��ा है, उन्हें रोकने से देश-प्रदेश का काफी नुकसान होता है। वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि पिछले तीन साल में बाड़मेर जिले को मिली सौगातों को यहां की जनता नहीं भूल सकती। उन्होंने जायका के सहयोग से स्वीकृत पेयजल योजना को जल्दी शुरू करने का आग्रह किया ।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि पिछले 3 साल में मेडिकल क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। उन्होंने बाड़मेर मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल की बैड क्षमता बढ़ाने एवं अस्पताल भवन के लिए बजट बढ़ाकर 191 करोड़ रूपए करने के लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा ने बाढ़ पीड़ितों को पट्टा देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजनलाल जाटव ने कहा कि पिछले 3 बजट में मुख्यमंत्री ने पश्चिमी राजस्थान को सड़कों के क्षेत्र में कई सौगातें दी हैं।
श्रम राज्य मंत्री एवं बाड़मेर के प्रभारी मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणाएं धरातल पर उतरी हैं एवं योजनाएं फलीभूत हुई हैं। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने बाड़मेर रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स से बदल रही तस्वीर का जिक्र किया।
केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बाड़मेर के गुढामालानी में बाजरा अनुसंधान केन्द्र स्वीकृत किया है। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। बाड़मेर विधायक श्री मेवाराम जैन ने बाड़मेर को दी गई सौगातों के लिए बाड़मेर की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया।
कार्यक्रम के दौरान बाड़मेर जिले के जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।
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khsnews · 3 years
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केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसानों को बाजरे की खरीद की शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से बात की है.सरकार सोमवार से खरीद शुरू करेगी. केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बाजरे की खरीद को लेकर किसानों को लगातार शिकायतें मिल रही हैं, सरकार सोमवार से खरीद शुरू करेगी.
केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसानों को बाजरे की खरीद की शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से बात की है.सरकार सोमवार से खरीद शुरू करेगी. केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बाजरे की खरीद को लेकर किसानों को लगातार शिकायतें मिल रही हैं, सरकार सोमवार से खरीद शुरू करेगी.
हिंदी समाचार स्थानीय दिल्ली एनसीआर गुडगाँव केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसानों को बाजरे की खरीद की शिकायतें मिल रही थीं, मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बात की है, सरकार सोमवार से खरीद शुरू करेगी. गुडगाँव6 घंटे पहले लिंक की प्रतिलिपि करें उर्वरक की कमी को लेकर केंद्रीय मंत्री मंसूर मंडाविया से बात की, जल्द सुधार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि…
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tusharrajwaniya · 3 years
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छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू किया 'बाजरा मिशन' छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने 'बाजरा मिशन (Millet Mission)' शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य किसानों को छोटी अनाज फसलों के लिए उचित मूल्य दर प्रदान करना है। यह पहल राज्य को भारत का बाजरे का हब बनाने के मुख्यमंत्री के विजन की दिशा में भी एक कदम है। मिशन को लागू करने के लिए, राज्य सरकार ने भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Millet Research - IIMR), हैदराबाद और राज्य के 14 जिलों के कलेक्टरों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। बाजरा मिशन के तहत किसानों को अन्य महत्वपूर्ण लाभों में बाजरा के लिए इनपुट सहायता, खरीद व्यवस्था, फसलों के प्रसंस्करण में किसानों की सहायता करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि किसानों को विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का लाभ मिले। #dailycurrentaffairs #currentaffairs #dailycurrentaffairsinhindi #dailycurrentaffairstopicstudy #topic #study #currentaffairs2021 #dailycurrentaffairs2021 #generalknowledge #generalawareness #gk #gkindia #gkinhindi #hindicurrentaffairs #hindicurrentgk #currentgk #currentgkindia #nationalcurrentaffairs #internationalcurrentaffairs #chattisgarh #chattisgarhgovernment #bajaramisson https://www.instagram.com/p/CT1HXNjIte_/?utm_medium=tumblr
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agromedihome · 3 years
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हरियाणा में मूंग के बीज पर दी जा रही है 90% तक सब्सिडी; बाजरे की जगह मूंग की बिजाई पर मिलेंगे 4 हजार रुपए प्रति एकड़
हरियाणा में मूंग के बीज पर दी जा रही है 90% तक सब्सिडी; बाजरे की जगह मूंग की बिजाई पर मिलेंगे 4 हजार रुपए प्रति एकड़
चंडीगढ़, 20 जुलाई/ एग्रोमीडिया हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी दलाल ने बताया कि फसलों की सुगम खरीद, मुआवजा व अन्य योजनाओं का सीधा लाभ देने के लिए सरकार ने ‘‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा‘‘ पोर्टल शुरू किया हुआ है। दलाल सोमवार को नारनौल में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक के बाद यह जानकारी दे रहे थे। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अभी भी मूंग की बिजाई का समय है।…
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best24news · 2 years
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बाजरे की खरीद 2350 रुपय प्रति क्विंटल पर तुरंत प्रभाव से करे सरकार
बाजरे की खरीद 2350 रुपय प्रति क्विंटल पर तुरंत प्रभाव से करे सरकार
रेवाडी: एडवोकेट मुकेश रघुनाथपुरा ने गाव शाहपुर के किसानों से मुलाकात करते हुए कहा का सरकार बाजरे की खरीद के संदर्भ में लापरवाही दिखा रही है। क्षेत्र के गांवों के किसानो के बाजरे की खरीद की अभी तक कोई निश्चित दिन व तारीख भी तय नही की है। किसानो का बाजरा 2350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदा जाए व साथ मे खरीद प्रकिया सरलतम बनाई जाये जिससे हर किसान अपनी सारी फसलों को आसानी से बेच सके। साथ मे जिन…
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abhay121996-blog · 4 years
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भाजपा का हल्लाबोल, कांग्रेस सरकार के विरोध में ज्ञापन Divya Sandesh
#Divyasandesh
भाजपा का हल्लाबोल, कांग्रेस सरकार के विरोध में ज्ञापन
सीकर। किसानों और नौजवानों के साथ झूठे वादों के विरोध में शुक्रवार को भाजपा की ओर से हल्लाबोल आन्दोलन किया गया। स्थानीय डाक बंगले से जिला कलेक्ट्रेट तक भाजपा के सैंकड़ों क���र्यकर्ताओं ने नारे बाजी करते हुए प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष इंद्रा चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर किसानों व बेरोजगारों के साथ झूठे वादे करने का आरोप लगाया। 
ये खबर भी पढ़ें: कोरोना से जंग: 25 लाख टीके लगाने वाला पहला राज्य बना राजस्थान,जानें वैक्सीनेशन में अन्य राज्यों का हाल
प्रदर्शन के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष , सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हरिराम रणवां, पूर्व विधायक रतनलाल जलधारी व केडी बाबर के नेतृत्व में जिला कलक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में राजस्थान सरकार की कार्यशैली के चलते प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था से आमजन में भय का वातावरण, पुलिस थानों में ही रक्षक भक्षक बनकर दुष्कर्म की घटनाएं होने, बुनियादी जरूरतों से दूर होता आम आदमी तथा बिजली की दरों में बढ़ोतरी करके व जबरन वीसीआर भरकर आमजन पर अतिरिक्त आर्थिक भार डालने के आरोप लगाए गए ।
 ज्ञापन में बाजरे की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद भी राज्य में बाजरे की खरीद नहीं करने , बेकाबू अवैध खानन होने तथा राज्य में लागू की गई नई शराब नीति को राज्य में अवैध शराब के व्यापार को बढ़ावा देने वाली बताया गया।
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shaileshg · 4 years
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इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़े। पिछले महीनेभर से तीन कृषि कानूनों के पक्ष में सरकार के पास एक ही दलील थी: तीन कानूनों की चिंता मत करो, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सुरक्षित रहेगा। कुछ दरबारी पत्रकार पूछते थे: ‘अरे भाई प्रधानमंत्री ने आश्वासन दे दिया है, अब आप उनकी बात पर भी भरोसा नहीं करते।’
इसी बीच खरीफ की फसल कटकर मंडी में आ रही थी। फसल के दाम के आंकड़े स्थानीय अखबारों व सरकार की वेबसाइट पर छप रहे थे। राष्ट्रीय मीडिया इनसे बेखबर था। पिछले सप्ताह में मीडिया ने कुछ सुध ली तो सरकारी दावों की पोल खुल गई।
‘द हिंदू’ अखबार ने देश की 600 प्रमुख मंडियों में पिछले एक महीने (14 सितंबर से 14 अक्टूबर) में 10 प्रमुख फसलों के भाव के आंकड़े इकट्ठे किए। गौरतलब है कि इस आंकड़े का स्रोत सरकार की अपनी वेबसाइट एग्रीमार्क नेट है। इन 1,80,000 आंकड़ों के विश्लेषण से पता लगा कि पिछले महीने में 32% सौदों में किसान को सरकारी एमएसपी या उसके ऊपर भाव मिल पाया।
यानी जिसे सरकार खुद किसान का न्यूनतम भाव मानती है, वह केवल एक तिहाई किसानों को ही मिल पाया। सबसे बुरी हालत बाजरा व सोयाबीन की है जहां 5% किसानों को भी एमएसपी नहीं मिल पाया। मूंगफली, मक्का, रागी में भी एक चौथाई से कम किसानों को न्यूनतम दाम मिल पाया।
बाजार के प्रकोप से फिलहाल मूंग, उड़द, तूर और तिल जैसी दलहन व तिलहन बचे हैं। इनका दाम अभी एमएसपी से ऊपर है। यह मौसम धान खरीद का है। सरकारी खरीद के बड़बोले दावों के बावजूद 30% से भी कम धान एमएसपी या इसके ऊपर बिक पाया है।
गौरतलब है कि सरकार ने धान की सामान्य किस्म यानी परमल ही खरीदी है। वह बासमती धान की कोई एमएसपी तय नहीं करती क्योंकि वह बाजार में बहुत ऊंचे दाम पर बिकता है। इस साल स्थिति यह है कि बासमती की 1509 नामक किस्म सामान्य धान के लिए तय न्यूनतम सरकारी मूल्य ₹1868 से भी नीचे बिक रहा है।
वास्तविक स्थिति इन आंकड़ों से भी बदतर है। ये आंकड़े सरकारी मंडी में दर्ज सौदों पर आधारित है। वास्तव में बहुत से किसान तो मंडी पहुंच ही नहीं पाते। और मंडी में होने वाले कई सौदे औपचारिक रिकॉर्ड में लिखे नहीं जाते। मंडी के बाहर और बिना दर्ज किए अनौपचारिक सौदे एमएसपी से कहीं नीचे होते हैं।
अगर इन्हें भी जोड़ लिया जाए तो एमएसपी या इसके ऊपर हाने वाले सौदे 20% भी नहीं होंगे। जहां सरकारी एमएसपी पर खरीद हो रही है उसकी स्थिति का अनुमान मुझे पिछले हफ्ते हरियाणा की मंडियों की यात्रा के दौरान हुआ। दक्षिणी और पश्चिमी हरियाणा के 7 जिलों (नूह, गुरुग्राम, रेवाड़ी महेंद्रगढ़ दादरी भिवानी और हिसार) की मंडियों से यह साफ हो गया कि दाना-दाना खरीदने के सरकारी दावे बस जुमले हैं।
सच यह है कि किसान की सारी फसल एमएसपी पर खरीदने की सरकार की ना तो नीति है, न नीयत। इन इलाकों की मुख्य फसल बाजरा है। सरकार ने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक 45 दिन का समय सरकारी खरीद के लिए तय किया है। एक तिहाई से अधिक समय बीतने के बावजूद इन मंडियों में सिर्फ 5-10% किसानों की फसल खरीदी गई थी।
सरकारी नीति ही ऐसी है कि किसान की सारी फसल खरीदनी ना पड़े। बाजरे की कटाई सितंबर के महीने में हो जाती है लेकिन सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती है। सिर्फ उन्हीं किसानों की फसल खरीदी जाएगी जिन्होंने सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा रखा है।
इस इलाके में अच्छा किसान प्रति एकड़ 10-12 क्विंटल बाजरा पैदा कर लेता है, लेकिन सरकार ने 8 क्विंटल/एकड़ की सीमा बांध रखी है। इस पर यह नियम भी है कि चाहे जितनी भी जमीन या पैदावार हो, एक दिन में 40 क्विंटल से ज्यादा खरीद नहीं होगी। कपास किसान की स्थिति और बुरी है, क्योंकि इन सात जिलों में सिर्फ दो कपास खरीद केंद्र हैं, जिसमें एक ही काम करता है।
नीति की खामियों के ऊपर नीयत का दोष भी किसान की स्थिति दूभर बनाता है। कोरोना की आड़ में हर मंडी में रोज सिर्फ 100 किसानों को फसल बेचने बुला रहे हैं। जबकि रजिस्ट्रेशन देखते हुए कम से कम 400-500 को बुलाना चाहिए। कुछ किसान सॉफ्टवेयर की गलतियों का शिकार होते हैं, तो कुछ पटवारी द्वारा वेरिफिकेशन में की गई शरारत की चपेट में आ जाते हैं।
सुनवाई करने की ना व्यवस्था है, न इच्छा। किसान की फसल खरीद नहीं होती, लेकिन इधर-उधर के राज्यों से मंगाकर व्यापारी किसान के नाम पर खरीद करवा देते हैं। हरियाणा और पंजाब में तो फिर भी सरकार की तरफ से कुछ खरीद हो रही है। देश के बाकी राज्यों में स्थिति बदतर है। धान की छिटपुट खरीद के अलावा किसी फसल की सरकारी खरीद नहीं हो रही। अधिकांश इलाकों में एमएसपी किस चिड़िया का नाम है, यही किसान को पता नहीं है।
इसलिए अगर आपको टीवी चैनल पर भाजपा के प्रवक्ता ताल ठोक कर कहते हुए मिलें कि ‘एमएसपी थी, है और रहेगी’, तो उसका अर्थ समझ जाइए: एमएसपी जैसी थी, वैसी ही है और ऐसी ही रहेगी। कागज पर थी, कागज पर ही है और कागज पर ही रहेगी। जैसा हरियाणा में बिगड़ैल गाड़ी के पीछे लिखा होता है: ‘या तो न्यूं ही चालेगी’।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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योगेन्द्र यादव, सेफोलॉजिस्ट और अध्यक्ष, स्वराज इंडिय
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onlinebhaskar · 4 years
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बाजरे की खरीद को लेकर किसानों का धरना दूसरे दिन जारी Online Bhaskar TV
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best24news · 2 years
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कोर्ट का आदेश, मृतक की पत्नी को 5 लाख नहीं दिए तो ​नीलाम होगी हरियाणा रोडवेज की दो बसे
कोर्ट का आदेश, मृतक की पत्नी को 5 लाख नहीं दिए तो ​नीलाम होगी हरियाणा रोडवेज की दो बसे
हरियाणा: रोडवेज कर्मी मौत पर विभाग की ओर से कोई सुनवाई नहीं होने पर अदालत ने बडा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नोटिस देने के बावजूद मृतक पत्नी को 5 लाख रूपए नहीं देने पर हरियाणा रोडवेज की दो बसो को अटैच कर दिया है। आदेश देते ही रोडवेज प्रशासन मे अफरा तफरी मच गई है। Haryana News: दोबारा होगी बाजरे की खरीद, कोसली विधायक की मांग पर सीएम से दिया आश्चासन ये था मामला: फतेहाबाद निवासी हंसराज सिरसा में…
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amitsinghsihag · 4 years
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हरियाणा सरकार ने जारी किए बाजरा खरीद केंद्र ,देखे पूरी लिस्ट  आप कहाँ बेच पाएंगे अपनी फसल
हरियाणा सरकार ने जारी किए बाजरा खरीद केंद्र ,देखे पूरी लिस्ट  आप कहाँ बेच पाएंगे अपनी फसल
Hariyana news: सरकार ने किसान आंदोलन के बीच बाजरा खरीद केन्द्रों की लिस्ट जारी कर दी है। आप अपनी फसल लिस्ट में दिए गए।केंद्र के माध्यम से बेच पाओगे।KISSAN ANDOLAN HARYANA :सरकार का तुगलकी फरमान ,किसानों पर चली लाठियां
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Notice by Haryana govt
सरकार ने बाजरे का MSP रेट भी जारी कर दिया है। हरियाणा में आप बाजरे को 2200 रु प्रति कुंटल बेच पाओगे किसानों और बेरोजगारी के मुद्दों को…
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rohtakmedia-blog · 6 years
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जनता के अलावा विपक्ष ने भी लगाई सरकार के कामकाज पर मुहर : खट्टर
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जनता के अलावा विपक्ष ने भी लगाई सरकार के कामकाज पर मुहर : खट्टर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज कहा कि उनकी सरकार के लगभग सवा चार साल के कार्यकाल के कामकाज पर जनता ने तो निगम चुनावों और जींद विधानसभा उप चुनाव में मुहर लगाई ही बल्कि विपक्ष ने भी सरकार की इनेक योजनाओं की सराहना की है। खट्टर ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जबाव में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायत, पालिका एवं निकाय चुनावों, छात्रसंघ चुनावों में लोगों ने सरकार को समर्थन दिया है। इसके अलावा विपक्ष ने भी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सरकार ने अंत्योदय, पशु मेला, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बिजली क्षेत्र में किये गये सुधारों एवं जनता को राहत जैसी अनेक योजनाओं का जिक्र कर सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों पर अपनी मुहर लगाई है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा 'आप सियासत की खातिर प्यार करते हैं, हम प्यार की खातिर सियासत करते हैं'। इन्हे भी पढ़े :- ट्रेंड में है Pant Suit, अपने वॉरड्रोब में जरूर करें शामिल उन्होंने विपक्ष को गरूर न करने की भी नसीहत दी और कहा 'आप हार कर भी गरूर करते हैं, हम जीत कर भी स्नेह करते हैं'। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा एक साथ नहीं बल्कि अपने अपने समय पर होंगे। उन्होंने राज्य की मंडियों में किसानों का बाजरा और अन्य खाद्यान्न औने पौन दामों की खरीदनें के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि सरकार अपने वादेे के अनुसार बाजरे के एक-एक दाने की केंद्र द्वारा बढ़ाये गये न्यूनतम समर्थम मूल्य पर खरीद की है। सरकार ने जहां 18.25 लाख क्विंटल बाजरा खरीदा है वहीं राज्य की 54 मंडियों में 11.50 करोड़ टन खाद्यान्नों की खरीद की गई तथा इसके बदले 26823 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। खट्टर ने कहा कि सरकार किसानों से कोई मार्किट फीस बसूल नहीं कर रही है। जो चार प्रतिशत मार्किट फीस ली जा रही है वह खरीददारों से ली जा रही है तथा इसके तहत सरकार को 700-800 करोड़ रूपये प्राप्त हो रहे हैं। इसी राशि से सरकार ने राज्य में 3 से चार करम के रास्ते पक्के की योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को आलू, टमाटर, गोभी और प्याज की फसलों के नुकसान पर सरकार ने गत 4.26 करोड़ रूपये की भरपाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को गन्ने का देश में सर्वाधिक भाव दे रही है। इन्हे भी पढ़े :- भारतीय टेनिस एसोसिएशन को पाकिस्तान से खेलने से ऐतराज नहीं सरकार ने किसानों को गन्ने का पिछले सभी बकाये का भुगतान कर दिया है तथा अब जो भी 397 करोड़ रूपये बकाया हैं वह वर्तमान सीजन का है। पराली की समस्या से निबटने के लिये सरकार किसानों को कस्टम हायरिंग केंद्रों से विशेष मशीनरी मुहैया करा रही है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से समझौता हुआ है और वह पानीपत में एक संयंत्र स्थापित कर परानी का निपटान करेगी।  जनता के अलावा विपक्ष ने भी लगाई सरकार के कामकाज पर मुहर : खट्टर स्त्रोत :- uttamhindu छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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मुख्यमंत्री खट्टर का बड़ा आरोप, कहा- पंजाब ने उलझाया एसवाईएल का मुद्दा Divya Sandesh
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मुख्यमंत्री खट्टर का बड़ा आरोप, कहा- पंजाब ने उलझाया एसवाईएल का मुद्दा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पड़ोसी राज्य पंजाब को एसवाईएल मुद्दा उलझाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि एसवाईएल का पानी हरियाणा की जरूरत है। हरियाणा के सामने जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है।
दूसरे कार्यकाल के छह सौ दिन पूरे होने के अवसर पर गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा ने एसवाईएल की लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ा और सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला सुनाया। पंजाब इस फैसले को लागू करने से पीछे हट गया। अब केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के लिए प्रयास कर रही है। पंजाब को जिद्द छोडक़र सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
यह खबर भी पढ़ें: इस मंदिर में रहते हैं 25 हजार से भी ज्यादा चूहें, भक्तों को पाव रखने की भी नहीं मिलती जगह
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के सामने जल संकट तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते उपलब्ध जल का प्रबंधन शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 94 हजार एकड़ भूमि पर किसानों ने धान की पैदावार नहीं की। इस साल इस लक्ष्य को बढ़ाकर दो लाख हैक्टेयर कर दिया गया है।
सीएम ने कहा कि बाजरे की फसल को इसी श्रेणी में शामिल करने का ऐलान करते हुए कहा इस बार बाजरे की खरीद में सरकार ने करीब सात सौ करोड़ का घाटा झेला है। उन्होंने कहा कि जो किसान बाजरे की खेती छोडक़र दालों की पैदावार को बढ़ावा देंगे उन्हें चार हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से बोनस दिया जाएगा।
यह खबर भी पढ़ें: आखिर क्या हैं मिस्र देश की रानियों की खूबसूरती का राज, जिसकी वजह से रहती थी हमेशा जवान
सीएम ने कहा कि जो किसान बाजरे की पैदावार करेगा उसकी खरीद भावांतर-भरपाई योजना के तहत खरीद की जाएगी, ताकि बाजारा खरीद के नाम पर काला बाजारी न हो और ��ाजस्थान के किसान हरियाणा की मंडियों में आकर बाजरा न बेच सकें।
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best24news · 2 years
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Haryana News: इस बार कहां बनेगी डेरा प्रमुख की दीवाली, कौन है डेरा का अध्यक्ष, जानिए सच्चाई
Haryana News: इस बार कहां बनेगी डेरा प्रमुख की दीवाली, कौन है डेरा का अध्यक्ष, जानिए सच्चाई
हरियाणा: दुष्कर्म एवं मर्डर मे सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर सुर्खियों में है। हरियाणा में पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव हैं। इन चुनावों के साथ ही डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के एक बार फिर जेल से बाहर आने की चर्चा तेज हो गई है। डेरा प्रमुख को गैंग चेसज�� बताया गया है। बाजरे की खरीद 2350 रुपय प्रति क्विंटल पर तुरंत प्रभाव से करे सरकार अध्यक्ष बनी हनीप्रीत: दावा किया जा…
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