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hariom2013 · 5 months ago
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Panchang 27June2024 #ytshorts #panchang #virvarkamantra #virvarkiaarti #...
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astrochatsonline · 2 months ago
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के विशेष अवसर पर घर में विधि-विधान पूर्वक गणपति जी की स्थापना करने से परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। साथ ही इससे व्यक्ति के सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होने लगते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं गणेश जी की मूर्ति स्थापना की पूजा विधि।भारतवर्ष में गणेश उत्सव की भारी धूम देखने को मिलती है। यह पर्व मुख्य रूप से बुद्धि का देवता यानी गणेश जी को समर्पित है। गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जिनकी शुरुआत भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर होती है और समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर आप किस प्रकार घर में गणेश जी की स्थापना (Ganesh Sthapana Vidhi 2024) कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganpat Sthapana Muhurat Time) हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 06 सितंबर, 2024 से दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू होने जा रही है, जो 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार, 07 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन आप गणेश जी की पूजा इस मुहूर्त में कर सकते हैं । गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश जी का ध्यान करें। इसके बाद घर और मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई कर लें। गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए एक मंडप सजाएं। इसके लिए आप फूलों, रंगोली और दीपक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद कलश में गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के और एक आम का पत्ता डालकर इसे मंडप में स्थापित करें। अब एक चौकी रखकर उसपर हरा कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
मूर्ति स्थापना के बाद तीन बार आचमन करें और इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं। साथ ही गणेश जी को वस्त्र, जनेऊ, चंदन, शमी के पत्ते, सुपारी, फल और पीले फूल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान गणेश को 21 दूर्वा चढ़ाएं और उनके प्रिय भोग जैसे मोदक और लड्डू आदि अर्पित करें। पूजा के अंत में सभी सदस्य मिलकर गणेश जी की आरती करें और प्रसाद बांटें।रखें इन बातों का ध्यान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए घर का उत्तर भाग सबसे उत्तम माना जाता है। इससे आपको बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पूजा के बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए घर-परिवार की शुखहाली के लिए प्रार्थना करें। आप स्थापना के दौरान इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं, इससे आपको गणेश जी की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है -
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणमं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम।
Credit: Suman Saini
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mahobainsight · 1 year ago
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राशिफल : इस राशि को व्यवहारिक कुशलता से अवसर की होगी प्राप्ति, जानिए अपनी राशि
आज का पंचाग दिनांक 12.11.2023 शुभ संवत 2080 शक 1945 सूर्य दक्षिणायन का कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि दोपहर को 02 बजकर 46 मिनट तक दिन रविवार स्वाति नक्षत्र रात्री को 02 बजकर 52 मिनट तक आज चंद्रमा तुला राशि में आज का राहुकाल दोपहर को 03 बजकर 58 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक होगा आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चालमेष राशि – जीवनसाथी के स्वास्थ्य से तनाव. वित्तीय तनाव. खर्च की अधिकता। उपाय –…
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easyhindiblogs · 2 years ago
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Shaheed Diwas 2023: 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए
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Shaheed Diwas : 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी थी
हर साल 23 मार्च को भारत शहादत दिवस मनाया जाता है।  भारत के तीन वीर सपूतों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे । ये तीनों ही युवाओं के लिए आदर्श और प्रेरणा है।  भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत की आजादी के लिए अपनी जान देने वाले क्रांतिकारियों में से एक थे। 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु नाम के तीन युवकों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। वह 23 वर्ष के थे। इसलिए ,शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में, भारत सरकार ने 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया। लेकिन क्या आपको पता है कि इन तीनों शहीदों की मौत भी अंग्रेजी हुकूमत की एक साजिश थी? भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सभी को 24 मार्च को फाँसी देनी तय  हुई थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले 23 मार्च को भारत के तीनों वीर पुत्रो  को फांसी पर लटका दिया। आखिर इसकी वजह क्या थी? आखिर भगत सिंह और उनके साथियों ने ऐसा क्या अपराध किया था कि उन्हें फांसी की सजा दी गई। भगत सिंह की पुण्यतिथि पर जानिए उनके जीवन के बारे में कई दिलचस्प बातें।
देश की आजादी के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका गया।
8 अप्रैल, 1929 को दो क्रांतिकारियों, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम फेंका और ‘साइमन गो बैक’ नारे में भी संदर्भित किया गया था। जहां कुख्यात आयोग के प्रमुख सर जॉन साइमन मौजूद थे। साइमन कमीशन को भारत  में व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा था। बम फेंकने के बाद दोनों ने भागने की कोशिश नहीं की और सभा में पर्चे फेंक कर आजादी के नारे लगाते रहे और अपनी गिरफ्तारी दी। जो पर्चे गिराए उनमें पहला शब्द “नोटिस” था। उसके बाद उनमें पहला वाक्य फ्रेंच शहीद अगस्त वैलां का था। लेकिन दोनों क्रांतिकारियों द्वारा दिया गया प्रमुख नारा ‘’इंकलाब जिंदाबाद’’ था । इस दौरान उन्हें करीब दो साल की सजा हुई।
करीब दो साल की मिली कैद
भगत सिंह करीब दो साल तक जेल में रहे। उन्होंने बहुत सारे क्रांतिकारी लेख लिखे, जिनमें से कुछ ब्रिटिश लोगों के बारे में थे, और अन्य पूंजीपतियों के बारे में थे। जिन्हें वह अपना और देश का दुश्मन मानते थे।  उन्होंने कहा कि श्रमिकों का शोषण करने वाला कोई भी व्यक्ति उनका दुश्मन है, चाहे वह व्यक्ति भारतीय ही क्यों न हो।
जेल में भी जारी रखा विरोध
भगत सिंह बहुत बुद्धिमान थे और कई भाषाएँ जानते थे। वह हिंदी, पंजाबी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी आती जानते थे । उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से बंगाली भी सीखी थी। भगत सिंह अक्सर अपने लेखों में भारतीय समाज में लिपि, जाति और धर्म के कारण आई लोगों के बीच की दूरी के बारे में चिंता और दुख व्यक्त करते थे।
राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव की फांसी की तारीख तय की गई
दो साल तक कैद में रहने के बाद, राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च, 1931 को फाँसी दी जानी थी। हालाँकि, उनकी फाँसी की ख़बर से देश में बहुत हंगामा हुआ और ब्रिटिश सरकार प्रतिक्रिया से डर गई। वह तीनों सपूतों की फांसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। भारतीयों का आक्रोश और विरोध देख अंग्रेज सरकार डर गई थी।
डर गई अंग्रेज सरकार
ब्रिटिश सरकार को इस बात की चिंता थी कि भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु ��ी फाँसी के दिन भारतीयों का गुस्सा उबलने की स्थिति में पहुँच जाएगा, और स्थिति और भी बदतर हो सकती है। इसलिए, उन्होंने उसकी फांसी की तारीख और समय को बदलने का फैसला किया।
तय समय से पहले दी भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी
ब्रिटिश सरकार ने जनता के विरोध को देखते हुए 24 मार्च जो फांसी का दिन था उसे 11  घंटे पहले 23 मार्च का दिन कर दिया। इसका पता भगत सिंह को नहीं था। 22 मार्च की रात सभी कैदी मैदान में बैठे थे। तभी वार्डन चरत सिंह आए और बंदियों को अपनी-अपनी कोठरियों में जाने को कहा।  कुछ ही समय बाद नाई बरकत की बात कैदियों के कानों में पड़ी  कि उस रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जाने वाली है।
23 मार्च 1931 को शाम 7.30 बजे फांसी दे दी जायगी । कहते है कि जब भगत सिंह  से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह लेनिन (Reminiscences of Leni) की जीवनी पढ़ रहे थे और उन्हें वह पूरी करने का समय दिया जाए। लेकिन जेल के अधिकारियों ने चलने को कहा तो उन्होंने किताब को हवा में उछाला और कहा – ’’ठीक है अब चलो।’’
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 7 बजकर 33 मिनट पर 23 मार्च 1931 को शाम में  लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव एक दूसरे से मिले और उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामे आजादी का गीत गाया।
”मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे। मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग इे बसन्ती चोला।।’’
साथ ही ’इंक़लाब ज़िन्दाबाद’ और ’हिंदुस्तान आजाद हो’ का नारा लगये ।
उनके नारे सुनते ही जेल के कैदी भी इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कहा जाता है कि फांसी का फंदा पुराना था लेकिन जिसे फांसी दी गई वह काफी तंदुरुस्त था। मसीद जलाद को फाँसी के लिए लाहौर के पास शाहदरा से बुलाया गया था।  भगतसिंह बीच में खङे थे और अगल-बगल में राजगुरु और सुखदेव खङे थे। जब मसीद जल्लाद ने पूछा कि, ’सबसे पहले कौन जाएगा?’
तब सुखदेव ने सबसे पहले फांसी पर लटकाने की सहमति दी। मसीद जल्लाद ने सावधानी से एक-एक करके रस्सियों को खींचा और उनके पैरों के नीचे लगे तख्तों को पैर मारकर हटा दिया। लगभग 1 घंटे तक उनके शव तख्तों से लटकते रहे, उसके बाद उन्हें नीचे उतारा गया और लेफ्टिनेंट कर्नल जेजे नेल्सन और लेफ्टिनेंट एनएस सोढ़ी द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
तीन क्रांतिकारियों, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का अंतिम संस्कार
ब्रिटिश सरकार की योजना थी इन सबका अंतिम दाह संस्कार जेल में करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अधिकारियों को चिंता हुई कि अगर जेल से दाह संस्कार की प्रक्रिया से ��िकलने वाले धुएं को देखा तो जनता नाराज हो जाएगी। इसलिए, उन्होंने जेल की दीवार को तोड़ने और कैदियों के शवों को जेल के बाहर ट्रकों पर फेंकने का फैसला किया।
इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने तय किया था कि भगत सिंह राजगुरु सुखदेव का अंतिम संस्कार रावी नदी के तट पर किया जाएगा, लेकिन उस समय रावी में पानी नहीं था। इसलिए उनके शव को फिरोजपुर के पास सतलुज नदी के किनारे लाया गया। उनके शवों को आग लगाई गई। इसके बारे में जब आस-पास के गाँव के लोगों को पता चल गया, तब ब्रिटिश सैनिक शवों को वहीं छोङकर भाग गये। कहा जाता है कि सारी रात गाँव के लोगों ने उन शवों के चारों ओर पहरा दिया था।
अगले दिन जब तीनों क्रांतिकारियों की मौत की खबर फैली तो उनके सम्मान में तीन मील लंबा जुलूस निकाला था। इसको लेकर लोगों ने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया ।
फांसी से पहले भगत सिंह ने अपने साथियों को एक पत्र लिखा था।
साथियों,
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता।
मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज नहीं हो सकता। आज मेरी कमजोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए।
लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी।
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netmagesystem · 2 years ago
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मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त !! मकर संक्रान्ति भारत का प्रमुख पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है। ऐसे में मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। www.netmagesystem.com #websitedesign #websitedevelopment #logodesigner #logos #Patna #Gaya #Bihar #designer #design #printingservices #printingpress #Muzaffarpur #Bihar #Siwan #Begusarai #madhubani #chhapra #aurangabad #Samastipur #Katihar #motihari #Sasaram #UttarPradesh #Gorakhpur #Purnea #Lakhisarai #Bhagalpur #Gopalganj #netmagetechsystem #india (at Bihar Patna) https://www.instagram.com/p/Cnb0RtxSp-p/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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umangharyana · 16 hours ago
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Aaj Ka Rashifal 11 November 2024: इन जातकों की होगी बल्ले बल्ले; निवेश में मिलेगा लाभ, पढ़ें दैनिक राशिफल
Aaj Ka Rashifal 11 November 2024 : पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि और सोमवार का दिन है। दशमी तिथि आज शाम 6 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। आज पूरा दिन व पूरी रात रवि योग रहेगा। आज सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र लग जाएगा। साथ ही आज पंचक है। ऐसे में आइये जानते है राशिफल के हिसाब से आज आपका दिन कैसा रहेगा? आइये जानते है आज का राशिफल… आज का…
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rightnewshindi · 1 day ago
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Aaj Ka Panchang 11 November; जानिए 11 नवंबर का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
11 November 2024 Ka Panchang: 11 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि और सोमवार का दिन है। दशमी तिथि सोमवार शाम 6 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। 11 नवंबर को पूरे दिन, पूरी रात रवि योग रहने वाला है। सोमवार सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र लग जाएगा। इसके अलावा 11 नवंबर को पंचक है। 11 नवंबर 2024 का शुभ मुहूर्त कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि- 11 नवंबर 2024…
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indlivebulletin · 1 day ago
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अयोध्याः कार्तिक नवमी पर लाखों श्रद्धालु कर रहे हैं 14 कोसी परिक्रमा
अयोध्या, 10 नवंबर (हि.स.)। कार्तिक मास की नवमी तिथि पर लाखों श्रद्धालु 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार 14 कोसी परिक्रमा करने को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। यही वजह है कि लगभग बीस लाख से अधिक श्रद्धालु परिक्रमा कर रहे हैं। मुहूर्त के अनुसार शनिवार शाम 6 बजकर 32 मिनट पहले परिक्रमा आरंभ कर दी गई थी। अगले दिन मुहूर्त अनुसार रविवार दोपहर बाद 4:44 बजे तक…
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eradioindia · 3 days ago
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अखिलेश पर जमकर बरसे सीएम योगी
मीरापुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय राज्यमंत्री एवं रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह मोरना में आज जनसभा कर रहे हैं। महर्षि शुकदेव इंटर काॅलेज मोरना के खेल मैदान पर जनसभा हो रही है। कुछ ही दूरी पर हेलीपैड बनाए गए हैं। 1 बजकर 21 मिनट पर सीएम योगी मोरना में पहुंचे और फिर मंच के लिए रवाना हुए। सुबह डीएम और एसएसपी ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा…
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dainikuk · 9 days ago
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वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए विश्व प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट
उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर के कपाट आज अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न 12 बजकर 14 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। गंगोत्री धाम में उपस्थित  देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर  गंगा जी की उत्सव मूर्ति के निर्वाण दर्शन कर अभिषेक पूजा में भाग लिया। कपाटबंदी के बाद हर- हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा जी…
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jannetranews · 21 days ago
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हरियाणा के बिजली मंत्री अनिल विज ने रात्रि 12 बजकर 32 मिनट 47 सैंकेड पर किया ऐसा काम,बन गए पहले उपभोक्ता
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। सरकार ने उन्हें देर रात्रि करीब 12 ब���े विभागों की जिम्मेवारी सौंपी और नोटीफिकेशन जारी किया। इसके बाद उन्होंने अपने घर के बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन प्रणाली से रात्रि 12 बजकर 32 मिनट और 47 सैंकेड पर किया।   उन्होंने कहा कि अगर वे स्वयं ही बिजली का बिल नहीं भरेंगे तो दूसरों को किस प्रकार बिजली का बिल भरने के लिए कहेंगे।…
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hariom2013 · 8 hours ago
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कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और मंगलवार का दिन है। एकादशी तिथि मंगलवार शाम 4 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। 12 नवंबर को शाम 7 बजकर 9 मिनट तक हर्षण योग रहेगा। मंगलवार सुबह 7 बजकर 52 मिनट तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा, उसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र लग जाएगा। इसके अलावा 12 नवंबर को प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी का व्रत किया जाएगा।
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narmadanchal · 25 days ago
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नर्मदापुरम जिले में भूकंप का झटका, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.8 दर्ज हुई
इटारसी। जिला मुख्यालय नर्मदापुरम से कुछ किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में आज गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट 15 सैकंड पर भूकंप का हल्का झटका आया। भूकंप का केन्द्र सिवनी मालवा के आसपास होने की चर्चांएं रहीं, लेकिन वहां किसी ने इसे महसूस नहीं किया है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.8 दर्ज की गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र नयी दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार इसका केन्द्र पचमढ़ी से 106 किलोमीटर…
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countryinsidenews · 1 month ago
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CIN /नवरात्र में योगिनियों की पूजा करने का भी विधान है
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 01 अक्टूबर, 2024 :: शारदीय नवरात्र का शुभारंभ इस वर्ष 03 अक्तूबर से हो रहा है और कलश स्थापना 03 अक्तूबर को पूरे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन जहां तक अमृत मुहूर्त का प्रश्न है तो वह समय प्रातः 5 बजकर 56 मिनट से 7 बजकर 20 मिनट तक तथा सर्वोत्तम अभिजीत मुहूर्त 11 बज��र 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक विशेष फलदायक है। कलश स्थापना सदैव पूजा घर के ईशान कोण में…
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astrochatsonline · 2 months ago
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Ganesh Visarjan 2024 Muhurat: भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि को गणेश विसर्जन करते हैं. इस साल गणेश विसर्जन वाले दिन रवि योग बन रहा है. गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किसी बड़े तालाब, नदी, झील आदि में करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि इस साल गणेश विसर्जन कब है? गणपति बप्पा की विदाई का मुहूर्त क्या है?
Ganesh Visarjan 2024 Muhurat: 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन गणपति बप्पा के विसर्जन के साथ होता है. गणेश विसर्जन भाद्रपद मा​ह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को करते हैं. उस दिन अनंत चतुर्दशी होती है. जिन लोगों के घरों पर 10 दिनों के लिए बप्पा विराजते हैं, वे गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी को करते हैं. लोग गणपति बप्पा को खुशी-खुशी विदा करते हैं और अगले साल फिर आने को कहते हैं. माना जाता है कि गणपति अपने साथ भक्तों के दुख��ं को लेकर जाते हैं और उनके जीवन को खुशहाली से भर देते हैं. इस बार गणेश विसर्जन के दिन भद्रा और पंचक भी है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि इस साल गणेश विसर्जन कब है? गणपति बप्पा की विदाई का समय क्या है?गणेश विसर्जन 2024 तारीख इस साल गणेश विसर्जन 17 सितंबर दिन मंगलवार को है. उस दिन ही अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी के दिन के लिए आवश्यक भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर सोमवार को दोपहर 3:10 बजे से लेकर 17 अगस्त मंगलवार को दिन में 11 बजकर 44 मिनट तक मान्य है।
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astrobysadhak · 2 months ago
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बुध के गोचर से मालामाल हो जाएंगे ये जातक, बस इन जातकों को रहना होगा बहुत सतर्क!
ज्योतिष में बुध का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, व्यापार, शिक्षा और ले��न के कारक हैं। जब बुध किसी राशि में विराजमान रहते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के समय बुध की स्थिति और उसकी दिशा हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। बुध का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में लगभग 14 से 30 दिनों के बीच होता है। इस अवधि के दौरान, यह विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए, बुध का मेष राशि में गोचर लोगों को नई सोच और नए विचारों की प्रेरणा दे सकता है, जबकि वृषभ राशि में गोचर होने पर यह व्यापार में स्थिरता और समृद्धि लाने में सक्षम होता है।
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बुध का सिंह राशि में गोचर: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध महाराज 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का सिंह राशि में गोचर होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर असर देखने को मिलेगा।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। इसे बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार, व्यापार, और शिक्षा का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह का नाम संस्कृत में ‘बुध’ है, जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। यह ग्रह व्यक्ति के मानसिक स्तर, ज्ञान, विवेक, और तर्कशक्ति को प्रभावित करता है। बुध व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और शिक्षा के स्तर को दर्शाता है। जिनकी कु��डली में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं, वे लोग तेज दिमाग, तर्कशक्ति, और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले होते हैं। इन्हें गणित, विज्ञान, और साहित्य में विशेष रुचि होती है।
बुध ग्रह का धार्मिक महत्व
ज्योतिष में बुध ग्रह का धार्मिक महत्व भी गहरा है। बुध को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को संतुलन और धैर्य का देवता माना जाता है, और बुध भी व्यक्ति के जीवन में संतुलन, विवेक और समझदारी लाता है। बुध के शुभ प्रभाव से व्यक्ति धार्मिकता की ओर आकर्षित होता है और उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक रूप से, यह वेदों, शास्त्रों और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुध का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करने और उनमें रुचि रखने की प्रेरणा देता है।
बुध ग्रह के अनुकूल प्रभाव के लिए आसान उपाय
बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और इसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर आप बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
बुध मंत्र का जाप
बुध के मंत्र का नियमित जाप करना बुध ग्रह के दोषों को कम करने में सहायक होता है। बुधवार के दिन सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनकर इस मंत्र -ॐ बुं बुधाय नमः का कम से कम 108 बार जाप करें।
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से भी है। बुध के दोषों को शांत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। इसके अलावा, बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
हरा वस्त्र और हरे रंग का प्रयोग
बुध ग्रह का रंग हरा माना जाता है इसलिए बुध के शुभ प्रभाव के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा, मूंग की दाल का दान करना भी लाभकारी होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह के दोषों को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस उपाय को करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन
आंवला और हरी सब्जियों का सेवन करना बुध ग्रह को मजबूत बनाता है। बुध को बलवान बनाने के लिए अपने आहार में हरी सब्जियों, विशेषकर आंवला को शामिल करें।
रुद्राक��ष धारण करना
पांच मुखी रुद्राक्ष को बुध के लिए शुभ माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी की पूजा
तुलसी का पौधा बुध से संबंधित होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी नियमित पूजा करें। तुलसी को जल अर्पित करें और उसके पास दीपक जलाएं। इससे बुध ग्रह के दोष कम होते हैं।
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