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बच्चों की सुरक्षा के लिए 10 ज़रूरी टिप्स: बच्चों की सेफ्टी कैसे सुनिश्चित करें
अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन 10 महत्वपूर्ण टिप्स को जानें। इस ब्लॉग में बच्चों की सेफ्टी को बढ़ाने के आसान और प्रभावी उपाय शामिल हैं।आज के समय में बच्चों की सुरक्षा हर माता-पिता की प्राथमिकता है। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे वे घर और बाहर दोनों जगह सुरक्षित रहें। इस लेख में, हम आपको बच्चों की सुरक्षा के लिए 10 सरल और असरदार…
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लखनऊ, 20.12.2024 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "स्वस्थ भारत, समर्थ भारत" के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं चिल्ड्रंस पैलेस, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में चिल्ड्रंस पैलेस, म्युनिसिपल नर्सरी स्कूल, 122- महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ में ‘डेंटल चेकअप एवं जागरूकता शिविर’ तथा ‘होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर’ का आयोजन किया गया । शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, की गरिमामयी उपस्थिति रही |
"डेंटल चेकअप एवं जागरूकता शिविर’ के अंतर्गत परामर्शदाता चिकित्सक डॉ शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, DRMLIMS द्वारा विद्यालय के छात्र-छात्राओं का निशुल्क दंत परीक्षण किया गया, साथ ही उन्हें तथा उनके अभिभावकों को दांतों की स्वच्छता एवं देखभाल बनाए रखने हेतु जागरूक भी किया गया | डॉ महाजन द्वारा दंत जागरूकता अभियान के अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क डेंटल किट का भी वितरण किया गया |
'होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर’ के अंतर्गत होम्योपैथिक परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ एवं उनकी टीम द्वारा बच्चों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कर ऑटिज्म, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, नसल पॉलिप, बुखार, चिकन पॉक्स, मीजल्स के साथ-साथ अभिभावकों में गठिया रोग, थायराइड और गंजेपन जैसी समस्याओं का निदान किया गया तथा उन्हे निःशुल्क होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गई | शिविर में लगभग 150 छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया गया ।
शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, डॉ शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, DRMLIMS, डॉ संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ, श्रीमती सविता सिंह, हेड मिस्ट्रेस, चिल्ड्रन पैलेस, लखनऊ एवं श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलन कर किया | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक जी को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया | ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी ने डॉक्टर शैली महाजन एवं डॉक्टर संजय कुमार राणा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया |
इस अवसर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि, “आज का यह शुभ अवसर हमें “स्वस्थ भारत, समर्थ भारत” के निर्माण की दिशा में एक और कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान कर रहा है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के इस प्रेरणादायक मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और चिल्ड्रंस पैलेस ने मिलकर यह महत्वपूर्ण पहल की है । हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल दंत स्वास्थ्य और होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना भी है । इस क्रम में, हमें गर्व है कि हमारे साथ डॉ. शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, डॉ॰ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, और डॉ. संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ, जैसे विशेषज्ञ जुड़े हैं । आपकी उपस्थिति और योगदान इस कार्यक्रम की सफलता को निश्चित रूप से नई ऊंचाई प्रदान करेगा । हम विशेष रूप से आभारी हैं कि हमारे साथ मुख्य अतिथि के रूप में परम आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी, माननीय उप मुख्यमंत्री उपस्थित हैं । आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा से यह आयोजन और भी प्रभावी बनेगा । आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि माननीय श्री बृजेश पाठक जी की कृपा से आपके स्कूल में जल्दी ही आधुनिक शौचालय का निर्माण होने जा रहा है । आप सभी से निवेदन है कि इस शिविर में अधिक से अधिक भाग लें, अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करें और स्वास्थ्य के प्रति अपनी समझ को बढ़ाएं । हमारा यह प्रयास तभी सफल होगा जब हम सब मिलकर स्वस्थ और समर्थ भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे । धन्यवाद । जय हिंद ।"
मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री ,उत्तर प्रदेश ने कहा कि, “बच्चों को यदि हम प्रारंभ से ही स्वस्थ रहने के लिए नैतिक स्वच्छता (मोरल हाइजीन) के बारे में सिखाएं, तो न केवल उन्हें एक स्वस्थ जीवन का आधार मिलेगा, बल्कि उनका जीवन भी सुखमय बनेगा । यह हमारे शिक्षकों की जिम्मेदारी है, जो बच्चों के जीवन को आकार देने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि विद्यालय में 'हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । मैं इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं । साथ ही, मैं शिक्षकों, श्री हर्ष जी और डॉक्टरों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस सराहनीय कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । आइए, हम सभी इस ��्रयास को सफल बनाने में सहयोग करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक और सकारात्मक कदम बढ़ाएं ।“
श्रीमती सविता सिंह, हेड, मिस्ट्रेस, चिल्ड्रन पैलेस, लखनऊ ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “यह कार्यक्रम हमारे बच्चों के लिए अत्यंत प्रशंसनीय और ज्ञानवर्धक है । यह न केवल उनके जीवन को नई दिशा देगा बल्कि उन्हें सशक्त बनाने में भी सहायक होगा । आपके इस प्रयास के लिए हम आभारी हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी आप हमारे बच्चों के हित में इसी तरह सहयोग करते रहेंगे ।“
शिविर में मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी, परामर्शदाता चिकित्सक डॉ शैली महाजन, डॉ रागिनी, डॉ संजय कुमार राणा तथा उनकी टीम से श्री राहुल राणा, नर्सिंग स्टाफ सुश्री अनुष्का सिंह, सुश्री जूही यादव, चिल्ड्रन पैलेस की हेड मिस्ट्रेस श्रीमती सविता सिंह, शिक्षकगण, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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*हर घर में शबरी* पति के लिए जूस बनाया और जूस पीने से पहले ही पति की आंख लग गई थी। नींद टूटी,तब तक एक घंटा हो चुका था। पत्नी को लगा कि इतनी देर से रखा जूस कहीं खराब ना हो गया हो। उसने पहले जरा सा जूस चखा और जब लगा कि स्वाद बिगड़ा नहीं है, तो पति को दे दिया पीने को। सवेरे जब बच्चों के लिए टिफिन बनाया तो सब्जी चख कर देखी। नमक, मसाला ��ीक लगा तब खाना पैक कर दिया। स्कूल से वापस आने पर बेटी को संतरा छील कर दिया। एक -एक परत खोल कर चैक करने के बाद कि कहीं कीड़े तो नहीं हैं,खट्टा तो नहीं है, सब देखभाल कर जब संतुष्टि हुई तो बेटी को एक एक करके संतरे की फाँके खाने के लिए दे दीं। दही का रायता बनाते वक��त लगा कि कहीं दही खट्टा तो नहीं हुआ और चम्मच से मामूली दही ले कर चख लिया। "हां ,ठीक है ", जब यह तसल्ली हुई तब ही दही का रायता बनाया। सासु माँ ने सुबह खीर खूब मन भर खाई और रात को फिर खाने मांगी तो झट से बहु ने सूंघी और चख ली कि कहीँ गर्मी में दिन भर की बनी खीर खट्टी ना हो गयी हो। बेटे ने सेंडविच की फरमाईश की तो ककड़ी छील एक टुकड़ा खा कर देखा कि कहीं कड़वी तो नहीं है। ब्रेड को सूंघा और चखा की पुरानी तो नहीं दे दी दुकान वाले ने। संतुष्ट होने के बाद बेटे को गर्मागर्म सेंडविच बनाकर खिलाया। दूध, दही, सब्जी,फल आदि ऐसी कितनी ही चीजें होती हैं जो हम सभी को परोसने से पहले मामूली-सी चख लेते हैं। कभी कभी तो लगता है कि हर मां, हर बीवी, हरेक स्त्री अपने घर वालों के लिए शबरी की तरह ही तो है। जो जब तक खुद संतुष्ट नहीं हो जाती, किसी को खाने को नही देती। और यही कारण तो है कि हमारे घर वाले बेफिक्र होकर इस शबरी के चखे हुए खाने को खाकर स्वस्थ और सुरक्षित महसूस करते हैं। हमारे भारतीय परिवारों की हर स्त्री शबरी की तरह अपने परिवार का ख्याल रखती है और घर के लोग भी शबरी के इन झूठे बेरों को खा कर ही सुखी, सुरक्षित,स्वस्थ और संतुष्ट रहते हैं। हर महिला को समर्पित सब अपने परिवार के लिये *"शबरी"* है। 🙏🙏
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सकट चौथ 2025: तिथि, पूजा का समय, व्रत कथा, विधि और क्या करें और क्या न करें
सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी ��ी कहा जाता है, भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। मुख्य रूप से हिंदू भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला यह दिन बाधाओं को दूर करने और भक्तों के जीवन में समृद्धि लाने में विश्वास रखता है। 2025 में, सकट चौथ उनके लिए विशेष महत्व रखता है जो अपने परिवार के कल्याण के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।
सकट चौथ 2025 तिथि और पूजा का समय
पवित्र सकट चौथ 2025 को शुक्रवार, 17 जनवरी, 2025 को मनाया जाएगा। विस्तृत समय इस प्रकार है:
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 जनवरी 2025 को सुबह 6:14 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 18 जनवरी 2025 को सुबह 4:58 बजे
चंद्रोदय का समय: रात 8:47 बजे
भक्तों को शाम के समय पूजा करनी चाहिए और चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत तोड़ना चाहिए।
सकट चौथ व्रत कथा
सकट चौथ व्रत कथा गहन आध्यात्मिक महत्व रखती है और भक्ति और विश्वास का महत्व सिखाती है। पूरी कथा इस प्रकार है:
प्राचीन समय में, एक समृद्ध राज्य पर एक धर्मपरायण राजा शासन करता था। राज्य की रानी गहरी भक्त थीं और नियमित रूप से अपने परिवार के कल्याण के लिए अनुष्ठान करती थीं। लेकिन राजकुमार, उनका इकलौता पुत्र, गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। सबसे अच्छे चिकित्सकों की सलाह और अनगिनत अनुष्ठानों के बावजूद, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
एक दिन, एक ज्ञानी साधु महल में आए। राजकुमार की स्थिति सुनने के बाद, साधु ने सकट चौथ व्रत रखने और भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता को समर्पित एक विशेष पूजा करने का सुझाव दिया। साधु ने बताया कि देवी संकटहर्ता इस दिन विशेष रूप से कृपालु होती हैं और जो लोग भक्ति के साथ व्रत रखते हैं उन्हें कठिनाइयों से राहत प्रदान करती हैं।
रानी ने साधु की सलाह मानने का निर्णय लिया। सकट चौथ के दिन, उन्होंने निर्जला व्रत (बिना पानी के व्रत) रखा, पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान किए और व्रत कथा सुनी। उन्होंने भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता से प्रार्थना की कि वे उनके पुत्र का जीवन बचाएं। चंद्रमा के उदय के समय, उन्होंने चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत तोड़ा।
चमत्कारिक रूप से, उसी रात से राजकुमार की तबीयत में सुधार होने लगा। कुछ ही दिनों में, वह पूरी तरह से ठीक हो गया, जिससे शाही परिवार में आनंद और राहत फैल गई। तब से, सकट चौथ व्रत रखने की परंपरा जारी है, और भक्तों का मानना है कि यह उनके बच्चों की रक्षा कर सकता है और उनके जीवन से बाधाओं को दूर कर सकता है।
सकट चौथ व्रत की दूसरी कथा
एक गांव में एक गरीब लेकिन भक्त महिला रहती थी। उसका इकलौता पुत्र था, जिसे उसने अपनी कठिनाइयों के बावजूद बहुत प्यार और देखभाल से पाला। महिला की भगवान गणेश में गहरी आस्था थी, और वह नियमित रूप से उनके व्रत और पूजा करती थी।
एक बार, गांव में भयंकर ���काल पड़ा, और महिला को भोजन जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। एक दिन, उसने सकट चौथ का महत्व सुना और व्रत रखने का निर्णय लिया। उसने निर्जला व्रत किया और पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा की। पूजा के दौरान उसने व्रत कथा सुनी और अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
उसके बेटे को एक दिन अचानक जंगल में एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ा। एक विशाल सांप ने उसे काटने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही वह सांप उसके करीब आया, भगवान गणेश प्रकट हुए और अपने दिव्य प्रभाव से सांप को वहां से भगा दिया।
जब महिला को इस घटना के बारे में पता चला, तो उसने भगवान गणेश का धन्यवाद किया और समझ गई कि सकट चौथ व्रत ने उसके बेटे की जान बचाई। तभी से यह परंपरा प्रचलित हो गई कि इस दिन व्रत रखने से बच्चों की रक्षा होती है और परिवार पर आने वाले संकट दूर हो जाते हैं।
सकट चौथ की एक और प्रसिद्ध कथा
प्राचीन समय में, एक गांव में एक साहूकार (व्यापारी) रहता था। उसके सात बेटे और सात बहुएं थीं। साहूकार की सबसे छोटी बहू बहुत भक्त थी और भगवान गणेश में गहरी आस्था रखती थी। जब भी कोई पर्व या व्रत आता, वह श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए पूजा-अर्चना करती।
एक बार सकट चौथ का दिन आया। साहूकार की छोटी बहू ने व्रत रखने का संकल्प लिया। पूरे दिन उसने निर्जला व्रत किया और शाम को पूजा की तैयारी करने लगी। लेकिन साहूकार और उसकी अन्य बहुओं ने उसका मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "तुम्हारे इस उपवास और पूजा का कोई अर्थ नहीं है। इससे किसी को कोई लाभ नहीं होगा।"
छोटी बहू ने उनकी बातों को अनसुना किया और अपने व्रत और पूजा में ध्यान केंद्रित किया। उसने भगवान गणेश की पूजा करते हुए दुर्वा, मोदक, और लाल फूल अर्पित किए और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला।
उस रात, साहूकार के परिवार में एक अनहोनी घटित हुई। साहूकार और उसकी छह बहुएं गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं। घर में अशांति फैल गई। परिवार के लोग इस विपदा का कारण समझने में असमर्थ थे। परेशान होकर उन्होंने गांव के एक संत से परामर्श लिया।
संत ने कहा, "आपने सकट चौथ व्रत और पूजा का अपमान किया है। भगवान गणेश ने आपको यह सजा दी है। इस संकट से बचने के लिए पूरे परिवार को गणेश जी से क्षमा मांगनी होगी और व्रत को श्रद्धा के साथ करना होगा।"
साहूकार और उसकी ��हुएं बहुत पछताईं। उन्होंने अगले दिन गणेश जी की विधिवत पूजा की और भगवान गणेश से क्षमा मांगी। उनकी प्रार्थनाओं के बाद, परिवार के सभी सदस्य ठीक हो गए।
तब से, यह कथा प्रचलित हो गई और सकट चौथ व्रत का महत्व हर घर में बताया जाने लगा। यह व्रत सिखाता है कि भक्ति, श्रद्धा, और विश्वास से भगवान गणेश सभी संकटों को हर लेते हैं और परिवार में सुख-शांति लाते हैं।
गर्भ धारण करने के सर्वोत्तम समय हेतु ऑनलाइन रिपोर्ट ले
ऑनलाइन रिपोर्ट ले
इस कथा का महत्व
यह कहानी सिखाती है कि भक्ति और विश्वास के साथ व्रत रखने से भगवान गणेश और देवी संकटहर्ता की कृपा प्राप्त होती है। संकटों से मुक्ति पाने और संतान के कल्याण के लिए यह व्रत विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
सकट चौथ पूजा विधि
1. सुबह की तैयारी:
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
2. संकल्प:
व्रत को श्रद्धा से रखने का संकल्प लें और अपने परिवार के कल्याण और बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
3. पूजा विधि:
एक दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
दुर्वा, लाल फूल, फल और मोदक जैसे मिठाई भगवान गणेश को अर्पित करें।
गणेश मंत्र जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें।
4. शाम की पूजा:
भगवान गणेश के लिए भोग तैयार करें।
सकट चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
आरती करें और सभी बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
5. व्रत तोड़ना :
चंद्रमा के दर्शन के बाद, चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करके व्रत तोड़ें।
क्या करें (Dos) सकट चौथ पर
• निर्जला व्रत रखें: यह व्रत का सबसे शुभ तरीका माना जाता है। जो लोग निर्जला व्रत नहीं रख सकते, वे आंशिक व्रत रख सकते हैं।
• मोदक और दुर्वा चढ़ाएं: यह भगवान गणेश की प्रिय भेंट मानी जाती है।
• गणेश मंत्र का जाप करें: भगवान गणेश को समर्पित मंत्रों का जाप व्रत के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है।
• व्रत कथा सुनें: पूजा के दौरान सकट चौथ कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
क्या न करें (Don’ts) सकट चौथ पर
• मांसाहारी भोजन से बचें: इस पवित्र दिन पर मांसाहारी भोजन और शराब से दूर रहें।
• चंद्रोदय अनुष्ठान को न छोड़ें: व्रत चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किए बिना अधूरा माना जाता है।
• लहसुन और प्याज का उपयोग न करें: भोग और अपने भोजन (यदि आंशिक व्रत) के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
• नकारात्मक विचार न रखें: पूरे दिन सकारात्मक और भक्ति से भरा दृष्टिकोण बनाए रखें। सकट चौथ का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार, सकट चौथ मनाने से राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने कुंडली में प्रतिकूल ग्रहों की महादशा या अंतरदशा के कठिन समय से गुजर रहे हैं। इस शुभ दिन के लाभों को अपनी अनूठी ग्रह स्थिति के आधार पर अधिकतम करने के लिए डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें।
निष्कर्ष
सकट चौथ 2025 भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन की चुनौतियों को दूर करने का एक शक्तिशाली दिन है। व्रत को श्रद्धा से रखकर, पूजा को भक्ति से करके, और क्या करें और क्या न करें का पालन करके, भक्त आध्यात्मिक और भौतिक लाभों का अनुभव कर सकते हैं। इस दिन का आपके जीवन पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है, इस पर व्यक्तिगत ज्योतिषीय मार्गदर्शन के लिए डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श करें।
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जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक: योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही पर जिलाधिकारी ने जताई नाराजगी
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक गुरुवार को जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में जननी सुरक्षा योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद में लाभार्थियों को भुगतान में देरी पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने ब्लॉक अकाउंट मैनेजर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि 15 दिनों के भीतर कार्यशैली में सुधार नहीं होता, तो आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। लंबित मामलों के निपटान के निर्देश जिलाधिकारी ने फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, बरौली अहीर और आवल खेड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी को निर्देश दिए कि तीन दिन के भीतर सभी लंबित मामलों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। जैतपुर कला के एमओआईसी को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर लंबित प्रकरणों का निपटान करने के आदेश दिए गए। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष निर्देश बैठक में गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक दस्तावेजों और प्रसव किट तैयार करने पर भी जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि चिन्हांकन के समय ही सभी प्रपत्र एकत्र किए जाएं ताकि प्रसव के समय किसी प्रकार की असुविधा न हो। ई-रुपे वाउचर और अल्ट्रासाउंड सेवाएं ई-रुपे वाउचर की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिन क्षेत्रों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है, वहां लाभार्थियों को ई-रुपे वाउचर दिया जाता है। इससे वे निजी संस्थानों में अल्ट्रासाउंड करा सकते हैं। हालांकि, कुछ संस्थानों द्वारा इन वाउचर्स का उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने ऐसे संस्थानों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए। टीकाकरण और अन्य योजनाओं की समीक्षा रूटीन इम्यूनाइजेशन की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि यूविन पोर्टल पर टीकाकरण का 100% डेटा अपलोड किया जाए। इसके अलावा, सभी बच्चों को पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाने को कहा गया। प्रमुख बिंदुओं पर गहन समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, टीबी मुक्त भारत, आयुष्मान कार्ड, सिजेरियन प्रसव, मातृत्व मृत्यु, और नवजात देखभाल इकाई जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ. अमित रावत, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। Read the full article
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#धरती_ऊपर_स्वर्ग
वृद्धों और अनाथों की देखभाल:
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
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• वृद्धों और अनाथों की देखभाल: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
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संत रामपाल के बेटे ने बदली दान की परंपरा, जाट महासभा को दिया ऐतिहासिक यो...
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*संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में योगदान* (इसके संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए गए हैं, कृपया इन बिंदुओं के अनुसार टिप्पणियां अवश्य करें।)
• नशा मुक्त भारत बनाना :- संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनने मात्र से ही आत्मा निर्मल हो जाती है और उनसे नामदिक्षा ले��े से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसीलिए उनसे जुड़ने के उपरांत आज लाखों लोगों ने नशा छोड़ा है और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
• समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी के अनुयाई मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) करते हैं जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से किसी भी चीज का लेन देन नहीं किया जाता । इसी मुहिम के तहत आज हजारों शादियां हो चुकी हैं जिससे लड़कियों को न तो समाज में बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रूण हत्या भी खत्म होती जा रही है।
• युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना :- युवा पीढ़ी जो आज गलत दिशा में जाती जा रही है और अपने मूल उद्देश्य से वंचित रह जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी से जुड़े युवा अध्यात्म से जुड़कर सभी विकारों से दूर अपने उद्देश्य को सफल बना रहें हैं।
• भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना :- संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य रिश्वतखोरी और चोरी नहीं करते जिससे कि समाज में भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है।
• समय समय पर रक्तदान और देहदान जैसे कार्यक्रम आयोजित करना :- संत रामपाल जी के अनुयाई रक्तदान और देहदान कर मानव समाज की मदद कर रहे हैं।
• सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना: ऐसे समाज सुधार के कार्य करने वाले महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में लगभग 11 सतलोक आश्रमों में 3 दिवसीय विशाल भंडारा साल में 6 बार करवाते है।
• भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान: भ्रूण हत्या, विशेषकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाना।
• अंतरधार्मिक सद्भावना: विभिन्न धर्मों के बीच सद्भावना और एकता को बढ़ावा देना। संत जी ने सभी धर्मग्रंथों के आधार पर एक परमात्मा की ओर ध्यान केंद्रित कर धार्मिक एकता का संदेश दिया।
• प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
COVID-19 महामारी के दौरान सहायता: कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते हरियाणा राज्य के कई शहरों में मजदूर फंस गए थे। स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने में असमर्थ हो गया था। तब संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने उन मजदूरों के रहने, भोजन, पानी और अन्य ज़रूरतों का इंतज़ाम संत जी के आश्रम में ही किया। प्रशासन को भी राहत मिली और मजदूरों को उनके घरों तक पहुँचाया गया। रास्ते के लिए भोजन और पानी की बोतलें भी संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने निःशुल्क उपलब्ध करवाईं।
• बाढ़ पीड़ितों को सहायता: 2023 में हरियाणा के 12 जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जहाँ संत रामपाल जी के शिष्यों ने बाढ़ पीड़ितों को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री ट्रैक्टरों में ले जाकर प्रदान की। संत जी के शिष्य जहां कहीं भी समाज सेवा का मौका देखते हैं, तुरंत आगे आकर सेवा कार्य में लग जाते हैं।
• रेल हादसे में सहायता: 2 जून 2023 को ओडिशा में भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मौत हो गई और करीब 1000 लोग घायल हो गए। इस दुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मसीहा बनकर आगे आए। 16 जून को ओडिशा के संबलपुर में संत रामपाल जी के अनुयायियों ने 278 यूनिट रक्तदान किया और घायलों की मदद की।
• पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाना जैसे कि पंजाब और मध्यप्रदेश में लाखों पौधे रोपना। इन अभियानों का उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा रखना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
• स्वच्छता अभियान: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जाता है। इन अभियानों का उद्देश्य समाज को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्रदान करना है।
• सामाजिक समानता और न्याय
– सामाजिक न्याय का प्रसार: संत रामपाल जी ने समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को अपने अनुयायियों के बीच फैलाया।
• गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता:
संत रामपाल जी के अनुयायी नियमित रूप से गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता करते हैं। वे भोजन, वस्त्र, और शिक्षा जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं।
• वृद्धों और अनाथों की देखभाल: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
• आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करना: संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की वाणियों से शिक्षा देते हैं, जो व्यक्ति के भीतर बदलाव ला देती है और बुराइयों के प्रति घृणा उत्पन्न करती है।
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बच्चों की सुरक्षा के लिए 10 ज़रूरी टिप्स: बच्चों की सेफ्टी कैसे सुनिश्चित करें
अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन 10 महत्वपूर्ण टिप्स को जानें। इस ब्लॉग में बच्चों की सेफ्टी को बढ़ाने के आसान और प्रभावी उपाय शामिल हैं।आज के समय में बच्चों की सुरक्षा हर माता-पिता की प्राथमिकता है। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे वे घर और बाहर दोनों जगह सुरक्षित रहें। इस लेख में, हम आपको बच्चों की सुरक्षा के लिए 10 सरल और असरदार…
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लखनऊ, 07.05.2024 । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बप्पा श्री नारायण वोकेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज, चारबाग, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमे 75 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी ज़िम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा बप्पा श्री नारायण वोकेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती कीर्ति वर्मा, शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर ने दीप प्रज्वलित किया ।
बप्पा श्री नारायण वोकेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती कीर्ति वर्मा ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिलाएं हमारे समाज की नींव हैं, वे न केवल घर की देखभाल करती हैं बल्कि समाज की आधारशिला भी हैं । माँ बनना और बच्चों का पालन-पोषण करना एक महिला का सबसे बड़ा कर्तव्य है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह इसे बखूबी निभाती हैं । लेकिन इसके साथ ही हमें यह भी याद रखना चाहिए कि उनकी सक्रियता और स्वतंत्रता भी उन्हें एक सशक्त व्यक्ति बनाती हैं । महिलाओं की शक्ति का सच्चा परिचय उनकी मां होने की शक्ति से है । महिलाओं की इस अद्भुत शक्ति का सम्मान करते हुए हमें उन्हें उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए सहारा देना चाहिए । महिलाएं हमारे समाज की प्रेरणा हैं तथा उन्होंने देशहित में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने हेतु अनेक परेशानियों का सामना किया है । आज हमें उनके साथ खड़े होकर उन्हें उनकी स्थिति में सुधार लाने में मदद करनी चाहिए । महिला सशक्तिकरण के लिए हमें उन्हें शिक्षा, स्वतंत्रता और समानता का अधिकार प्रदान करना होगा । हमें समाज में जागरूकता फैलानी होगी कि महिलाएं भी उसी रूप में प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं, जिस रूप में पुरुष करते हैं ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये गये ।
कार्यशाला में बप्पा श्री नारायण वोकेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती कीर्ति वर्मा, शिक्षिकाओं श्रीमती रूपा देवी, श्रीमती नीलम मिश्रा, श्रीमती विभा मिश्रा, श्रीमती प्रीति पुष्प, श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव, श्रीमती नीलम, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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यौन उत्पीड़न से बचे लोगों के लिए मुफ्त, त्वरित चिकित्सा देखभाल अनिवार्य: दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न से बचे लोगों के लिए मुफ्त और तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए कानूनी प्रावधान के प्रावधान को दोहराया है। अदालत ने 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को न्यायिक हस्तक्षेप के बावजूद चिकित्सा उपचार के लिए इंतजार करने के मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम…
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टिलमन फर्टिटा कौन है? ट्रम्प ने लैंड्री के सीईओ को इटली में अमेरिकी राजदूत के रूप में चुना
टिलमैन फर्टिटा (चित्र साभार: रॉयटर्स) अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप रविवार को इसकी घोषणा की लैंड्री का सीईओ और ह्यूस्टन रॉकेट्स मालिक तिलमन फर्टिटा अगले के रूप में काम करेगा इटली में अमेरिकी राजदूत. फर्टिटा अपने महत्वपूर्ण धर्मार्थ योगदान, बच्चों के कल्याण, कानून प्रवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल जैसे सहायक कारणों के लिए जाना जाता है।“मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि टिलमन जे.…
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नैनी/बेबीसिटर बनने के फायदे: करियर और जीवन को नई दिशा देने का अवसर
नैनी/बेबीसिटर बनने के फायदे
1. स्थिर और सम्मानजनक आय
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी(babysitter jobs in Delhi) एक स्थिर आय का जरिया है।
गुरुग्राम जैसे शहरों में, कामकाजी परिवार बच्चों की देखभाल के लिए पेशेवर नैनी/बेबीसिटर को प्राथमिकता देते हैं।
शुरुआती स्तर पर 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह की कमाई हो सकती है, जबकि अनुभवी नैनी/बेबीसिटर 20,000 से 30,000 रुपये या उससे अधिक कमा सकती हैं।
कुछ परिवार अतिरिक्त सुविधाएं, जैसे मुफ्त भोजन और आवास, भी प्रदान करते हैं।
2. आर्थिक आत्मनिर्भरता
यह नौकरी विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती है।
अपने कमाई के माध्यम से महिलाएं परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।
यह नौकरी उन महिलाओं के लिए एक आदर्श विकल्प है जो घरेलू जिम्मेदारियों के साथ अपनी आय भी बढ़ाना चाहती हैं।
3. बच्चों के साथ समय बिताने का आनंद
अगर आप बच्चों के साथ समय बिताने का शौक रखती हैं, तो यह नौकरी आपके लिए एक शानदार अवसर है।
बच्चों की देखभाल करते समय उनकी मासूमियत और हंसी के साथ दिन बिताना अत्यंत संतोषजनक हो सकता है।
बच्चों को पढ़ाना, उनके साथ खेलना, और उनकी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना व्यक्तिगत खुशी प्रदान करता है।
4. लचीला कार्य समय
नैनी और बेबीसिटर की नौकरियों(Nanny Jobs) में अक्सर कार्य समय लचीला होता है।
आप पार्ट-टाइम, फुल-टाइम या आवश्यकता के अनुसार काम का चयन कर सकती हैं।
परिवार की जरूरतों के अनुसार, कुछ नौकरी में आपको रहने और खाने की सुविधा भी दी जाती है, जिससे आपका समय और पैसा बचता है।
5. कार्यक्षेत्र में कौशल विकास
यह नौकरी केवल बच्चों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई अन्य कौशल भी सीखे जा सकते हैं।
समय प्रबंधन: बच्चों की दिनचर्या को संभालना आपको समय का प्रबंधन सिखाता है।
संचार कौशल: परिवार और बच्चों के साथ संवाद करना एक महत्वपूर्ण कौशल है।
सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा: इस नौकरी में प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान अनिवार्य हो सकता है, जो जीवनभर काम आता है।
6. समाज में सम्मानजनक स्थान
बच्चों की देखभाल का काम समाज में एक जिम्मेदारीपूर्ण और सम्मानजनक कार्य माना जाता है।
माता-पिता आपके काम की सराहना करते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
बच्चों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालना एक बड़ा योगदान है, जो समाज में आपकी छवि को और मजबूत करता है।
7. करियर में उन्नति के अवसर
नैनी और बेबीसिटर के रूप में काम करना आपके करियर में नई संभावनाएं खोल सकता है।
पेशेवर प्रशिक्षण: आप बच्चों की देखभाल के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकती हैं।
प्रशिक्षित नैनी सेवाएं: कई संस्थान अब नैनी और बेबीसिटर के लिए प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन प्रदान करते हैं, जिससे आप उच्च वेतन और बेहतर अवसर पा सकती हैं।
दीर्घकालिक संभावनाएं: यदि आप किसी परिवार के साथ लंबे समय तक काम करती हैं, तो यह नौकरी आपके लिए स्थिर करियर बन सकती है।
8. बच्चों की परवरिश के अनुभव से व्यक्तिगत विकास
यह नौकरी आपको धैर्य, सहानुभूति और नेतृत्व जैसे गुणों को विकसित करने में मदद करती है।
बच्चों की मासूमियत और उनकी देखभाल में आने वाली चुनौतियां आपको बेहतर इंसान बनाती हैं।
आप उनके सवालों और जिज्ञासाओं का जवाब देते हुए खुद भी बहुत कुछ सीख सकती हैं।
9. महिलाओं के लिए सुरक्षित रोजगार
गुरुग्राम जैसे शहरी क्षेत्रों में नैनी/बेबीसिटर का काम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित रोजगार विकल्प है।
कई परिवार महिलाओं को प्राथमिकता देते हैं, जिससे यह क्षेत्र विशेष रूप से महिलाओं के लिए अनुकूल बन जाता है।
रोजगार के दौरान परिवार द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
10. सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव
नैनी/बेबीसिटर के रूप में काम करने से आपको विभिन्न परिवारों और उनकी जीवनशैली को समझने का अवसर मिलता है।
यह नौकरी आपको नई संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं को जानने का मौका देती है।
प्रवासी परिवारों के साथ काम करते हुए आप अंतरराष्ट्रीय जीवनशैली का अनुभव कर सकती हैं।
11. कम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी के लिए उच्च शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती।
यह नौकरी उन महिलाओं के लिए आदर्श है जो औपचारिक शिक्षा नहीं ले पाई हैं, लेकिन उनके पास बच्चों की देखभाल का अनुभव है।
12. तनावमुक्त कार्यक्षेत्र
दूसरे पेशों की तुलना में यह काम कम तनावपूर्ण हो सकता है, खासक�� अगर आपको बच्चों के साथ समय बिताने में खुशी मिलती है।
परिवार के साथ अच्छा तालमेल बैठाकर आप अपना काम आसानी से कर सकती हैं।
बच्चों की मासूमियत और उनके साथ बिताए गए पल काम के तनाव को कम करते हैं।
निष्कर्ष
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी (nanny jobs in Gurgaon) केवल रोजगार का साधन नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए एक बेहतरीन अवसर है। यह काम महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है।
जो महिलाएं बच्चों के साथ काम करना पसंद करती हैं और अपने करियर में स्थिरता चाहती हैं, उनके लिए यह नौकरी एक आदर्श विकल्प हो सकती है। सही दृष्टिकोण और जिम्मेदारी के साथ, नैनी/बेबीसिटर के रूप में काम करना न केवल आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि समाज में आपकी एक विशिष्ट पहचान भी स्थापित करेगा।
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1. अयोध्या के राम मंदिर में 1 महीने तक 24 घंटे निःशुल्क भंडारा करवाना
2. दहेज प्रथा का अंत
3. नशा मुक्त अभियान
4. रक्तदान शिविर
5. देहदान शिविर
6. नेत्र जांच निःशुल्क शिविर
7. प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
8. निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा
9. बाढ़ पीड़ितों में बच्चों के लिए किताबें और कपड़े उपलब्ध कराना
10. माता-बहनों के लिए निःशुल्क बस सेवा
11. पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान
12. वृद्धों और अनाथों की देखभाल
13. महिला सशक्तिकरण
14. कोरोना काल में घर-घर खाद्य सामग्री पहुँचाना
15. स्वच्छ समाज के लिए खेलों के बढ़ावे हेतु आर्थिक योगदान
16. कुरीतियों और अंधविश्वास का खंडन
17. भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान
18. सामाजिक समानता और जातिवाद का विरोध
19. पाखंडवाद का विरोध
20. छुआछूत निषेध
21. रिश्वत पर प्रतिबंध
22. सभी प्रकार के नशे का निषेध
23. भ्रष्टाचार को खत्म करना
24. युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
25. समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करना
26. निःशुल्क दांत चिकित्सा शिविर का आयोजन
27. रेल हादसों में सहायता
28. बिहार, हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री पहुँचाना
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