#प्याऊँ
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देश की प्याऊँ और बचपन की याद।
अपने देश की मिट्टी, पानी और हवा में मिलावट हो ही नहीं सकती। प्याऊँ इन तीनों तत्वों का अभिन्न संगम होता है। यह देखकर बचपन की एक याद ताजा हो गई। #nripost #kunaljain #pyaun
अपने देश की मिट्टी, पानी और हवा में मिलावट हो ही नहीं सकती। प्याऊँ इन तीनों तत्वों का अभिन्न संगम होता है। यह देखकर बचपन की एक याद ताजा हो गई। पता नहीं कितने लोग है यहाँ जो ८० के दशक में बड़े हुए है । हम साइकिल से स्कूल जाते थे , भयंकर गर्मी होती थी, कोई हेलमेट नहीं , चश्मे नहीं सिर्फ़ नंगी आँखें। हम १०-१२ किलोमीटर बेफिक्र हो के बेधड़क साइकिल चला के स्कूल पहुँच जाते थे और फिर दिन के २ बजे वापिस…
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