#पैरोल खत्म
Explore tagged Tumblr posts
Text
Bihar anand mohan release issue बिहार में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर आदेश जारी होने के बाद घमासान, रिहाई पर लग सकता है पेंच, भाजपा ने राजपूत नेता की रिहाई के खिलाफत के लिए जमशेदपुर के रहने वाले आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप को मैदान में उतारा, जमशेदपुर में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर अभी से ही बांट दिये गये लड्डू
पटना: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के आदेश जारी हो गए हैं. यह आदेश उनके बेटे की सगाई के दिन आया. वह सगाई के लिए ही 15 दिन की पैरोल पर बाहर थे. मंगलवार को पैरोल खत्म होने पर सहरसा जेल जाएंगे. जेल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे बुधवार को बाहर आ जाएंगे.सोमवार की शाम आनंद मोहन के बेटे शिवहर विधायक चेतन आनंद की सगाई हुई. सगाई के ही दिन आनंद मोहन की रिहाई का आदेश जारी किया गया. इस सगाई…
View On WordPress
0 notes
Text
शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बीच राम रहीम को पैरोल: भूपेंद्र हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार के बचाव कहा कुछ गलत नहीं
HARIYANA : दो शिष्याओं से बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सज़ा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 40 दिनों की पैरोल मिल गई, उसे तीन महीने पहले भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी जो 25 नवंबर को खत्म हुई थी। उस समय भी वह 14 अक्टूबर को जेल से छूटने के बाद बरनावा आश्रम गया था। लेकिन पैरोल का मुद्दा अब ज़ोरशोर से गर्मा रहा है। हालांकि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह…
View On WordPress
#Bhupinder Hooda#Breaking News#breaking news app#breaking news headlines#breaking news india#breaking news near me#breaking news now#Dera chief#Exclusive News#india breaking news#International Breaking News#local headlines today#Manohar Lal Khattar government#Parole of 40 days#Parole to Ram Rahim#Shah Satnams birth anniversary#Shiromani Akali Dal#Today Breaking News#Trending News
0 notes
Text
पैरोल खत्म, डेरा प्रमुख ने नया गाना किया लॉच, जानिए क्या है नए गाने के बोल
पैरोल खत्म, डेरा प्रमुख ने नया गाना किया लॉच, जानिए क्या है नए गाने के बोल
सिरसा: डेरा प्रमुख राम रहिम की आखिरकार रविवार को पैरोल खत्म हो गई। सुबह बाबा सुनारिया जेल के लिए रवाना होगें। जाते जाते राम रहीम ने श्रद्धालुओं के लिए 5 मिनट का नया गाना लांच किया है। जिसके शब्द ‘पाप छुपाके, पुण्य दिखाके’ है। गाने पर हनीप्रीत ने ��ी ट्वीट करके अनुयायियों का नया गाना सुनने को कहा है। आजीवन कारावास काट रहे बाबा: साध्वी यौन शोषण, पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड के दोषी डेरा प्रमुख…
View On WordPress
#Dera parmukh#Haryana Hindi news#sirsa dera news#Sirsa news#Dera chief#Dera chief launched new song#launched new song#Ram rahim news#पैरोल खत्म
0 notes
Text
जालंधर के हत्यारे को कपूरथला सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा जालंधर के हत्यारे को हत्या के मामले में फरार कपूरथला सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा
जालंधर के हत्यारे को कपूरथला सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा जालंधर के हत्यारे को हत्या के मामले में फरार कपूरथला सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा
विज्ञापनों से परेशान? विज्ञापनों के बिना समाचार के लिए दैनिक भास्कर एप्लिकेशन इंस्टॉल करें जालंधर41 मिनट पहले प्रतिरूप जोड़ना मारे गए कैदी को पैरोल खत्म होने के बाद पठानकोट उप जेल में वापस जाना था। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा जालंधर कैदी फरार हो गया। जिसके बाद कोर्ट ने सजा सुनाई। उसे पैरोल पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन समय पर जेल नहीं लौटा। जेल अधीक्षक के पत्र के बाद, पुलिस ने…
View On WordPress
0 notes
Text
New Post has been published on Divya Sandesh
#Divyasandesh
कोरोना काल में केन्द्रीय कारागार से पैरोल में निकले 4 बंदी फरार, मामला दर्ज
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय कारागार जबलपुर से कोरोनाकाल में मार्च से अप्रैल 2020 के बीच 250 बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था, जिसमें 4 बंदी पैरोल खत्म होने के बाद वापस नहीं आए। फरार चारों बंदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, जिन्हें 26 जनवरी 2021 तक वापस जेल में दाखिल होना था। जेल प्रशासन ने शनिवार को फरार बंदियों के खिलाफ सिविल लाईन थाना में मामला दर्ज करवाया।
सिविल लाईन थाना प्रभारी धीरज कुमार ने बताया कि जबलपुर में कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 में केन्द्रीय कारागार से विभिन्न मामलों में सजा काट रहे करीब 300 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, जिसमें 250 बंदियों की पैरोल पर दी गई छूट 26 जनवरी 2021 तक समाप्त होने पर जेल दाखिल होने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन 4 बंदी जेल दाखिल नहीं हुए। चारों ही प्रकरणों में बंदी और उनकी जमानत लेने वालों के खिलाफ धारा 224, 109 भादवि और मध्यप्रदेश बंदी अधिन��यम 1985 की धारा 31 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
इनमें अमरलाल यादव व जमानतदार हीरासिंह निवासी बिलनगरी रैयत, जेठूलाल (44) पुत्र शोभित गौड निवासी ग्राम सलवा जिला मण्डला तथा अमान सिंह (45) पुत्र पूसू गौड़ निवासी ग्राम सालेह खुर्द जिला सिवनी शामिल है।
0 notes
Text
Prisoners Release In View Of Corona May Be Stopped - राहत और आफतः कोरोना के नाम पर छूटे कैदियों की खत्म होगी मौज
Prisoners Release In View Of Corona May Be Stopped – राहत और आफतः कोरोना के नाम पर छूटे कैदियों की खत्म होगी मौज
[ad_1]
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Wed, 21 Oct 2020 05:01 AM IST
Tihar jail… – फोटो : PTI
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
कोरोना काल में संक्रमण के चलते पैरोल या जमानत पर बाहर…
View On WordPress
#corona in delhi#corona in india#Delhi NCR Hindi Samachar#Delhi NCR News in Hindi#Latest Delhi NCR News in Hindi#release of prisoners#tihar jail
0 notes
Text
1984 के सिख विरोधी दंगों के 90 साल के दोषी की पैरोल तीन महीने और बढ़ी
1984 के सिख विरोधी दंगों के 90 साल के दोषी की पैरोल तीन महीने और बढ़ी
Image Source : FILE Anti Sikh Riots
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैप्टन भागमल की पैरोल तीन महीने के लिये बढ़ा दी है। इससे पहले 20 मार्च को भी भागमल की पैरोल बढ़ा दी गई थी, जिसकी अवधि बृहस्पतिवार को खत्म हो रही थी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा, ”इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि…
View On WordPress
0 notes
Text
अमूल कंपनी ने निकाली बम्पर भर्ती, On line करें अप्लाई-Best24News
दिल्ली: कोरोना काल के बाद कंपनियों में नौकरी बहुत ही कम निकाली जा रही है। बल्कि नौकरी से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। लंबे समय बे बाद डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली अमूल ने भी लाखों नौकरी का पिटारा खोला है। इंडिया में बेरोजगारी इस तरह बढ़ रही है कि लोग जीवन यापन करने के लिए किसी भी हद तक नौकरी कर सकते है। पोस्ट ग्रजुएट चपराशी की नोकरी करने के लिए तेयार है। बीटे एमटैक मजदूरी कर रहे है। पैरोल खत्म,…
View On WordPress
1 note
·
View note
Text
Malcolm X: Netflix की सीरीज ने 50 साल बाद फिर खुलवाया हत्या का केस
New Post has been published on https://apzweb.com/malcolm-x-netflix-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%9c-%e0%a4%a8%e0%a5%87-50-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%96/
Malcolm X: Netflix की सीरीज ने 50 साल बाद फिर खुलवाया हत्या का केस
अमेरिका भले ही दुनिया की सुपर पावर हो लेकिन उस देश में भी ऐसी कई दिक्कतें हैं जो बरसों से खत्म ही नहीं हो रही हैं. अमेरिकी समाज की सबसे बड़ी दिक्कत है गोरे बनाम काले की लड़ाई, यह लड़ाई सदियों से चली आ रही है जो आज तक जिंदा है. बीसवीं सदी में ऐसे ही एक उभरते अश्वेत नेता की अमेरिका में एक रैली के वक्त हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद बहुत बवाल हुआ. लेकिन अब करीब 55 साल के बाद नेटफ्लिक्स पर आई एक वेब सीरीज की वजह से हत्या का केस दोबारा खुलने जा रहा है.
अमेरिका में श्वेत लोगों के द्वारा अश्वेत लोगों पर किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मैलकम एक्स की हत्या को लेकर नेटफ्लिक्स ने वेब सीरीज बनाई है. Who Killed Malcolm X. 1965 में हुई इस हत्या को लेकर बनी सीरीज ने अमेरिका में विवाद पैदा कर दिया है और यह बवाल इतना बड़ा हुआ है कि न्यूयॉर्क प्रशासन को हत्या का केस दोबारा खोलना पड़ा है और अब नए सिरे से जांच शुरू कर दी गई है.
21 फरवरी 1965 को एक रैली में भाषण देते वक्त मैलकम एक्स को गोलियों से भून दिया गया था. तब हड़बड़ी में न्यूयॉर्क की पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था यह सभी पांच लोग अश्वेत ही थे. लंबी जांच के बाद इनमें से 2 को उम्र कैद हुई थी. नेटफ्लिक्स पर आई सीरीज इन दोनों को ही मैलकम एक्स की हत्या का आरोपी नहीं मानती है जिसके बाद अमेरिकी पुलिस एक बार फिर इस केस को खोल रही है. दो आरोपियों में से एक की मौत 2009 में हो चुकी थी जबकि दूसरा जिंदा है.
इसे क्लिक कर पढ़ें… देखें ये वेब सीरीज़, आपको बना सकती हैं अमेरिका का एक्सपर्ट
अश्वेत मसीहा या एक आरोपी?
मैलकम एक्स का जीवन काफी विवादों भरा रहा था. अल हक मलिक अल शब्बाज़ उर्फ मैलकम एक्स को बचपन से ही अश्वेत होने के कारण अमेरिकी समाज में दुष्परिणामों का एहसास होने लगा था. उनके पिता की हत्या कर दी गई थी जिसका शक भी कुछ श्वेत लोगों पर गया था. पिता का साया कम उम्र में उठ जाने के बाद मैलकम एक्स गलत कामों में लग गए, ड्रग्स का धंधा करना, लूटपाट करना, जबरन सेक्स करना उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया. किशोरावस्था की उम्र में ही मैलकम एक्स पर न्यूयॉर्क में कई केस दर्ज हो गए थे.
Don’t F*** With Cats: दुनिया का सबसे शातिर सीरियल किलर, जिसे सोशल मीडिया ने पकड़वा दिया
View this post on Instagram
Great documentary‼️ Made me angry. Rest In Power #MalcolmX #elhajjmalikelshabazz 🖤🤲🏾🌹🌹
A post shared by AFRO_PERSIAN (@sky_la_rock) on Feb 12, 2020 at 6:30pm PST
एक चोरी की घड़ी को ठीक करवाने जब वे एक दुकान पर गए तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वेलकम को 10 साल की सजा हुई थी. जेल के अंदर मैलकम की मुलाकात ‘नेशन ऑफ इस्लाम’ के सदस्यों से हुई. जिसके बाद उन्होंने उस संगठन को ज्वॉइन कर लिया और फिर जेल में ही कई किताबों को पढ़ा और इस्लाम को जानने लगे, अश्वेत लोगों के संघर्ष के बारे में पढ़ा.
सारा के बाद जवानी जानेमन की अलाया का क्रश होने से खुश हैं कार्तिक आर्यन
नेशन ऑफ इस्लाम के अलीजाह मोहम्मद के संपर्क में आने के बाद मैलकम का जीवन पूरी तरह से बदल गया. सबसे पहले उन्होंने सिगरेट-शराब से दूरी बनाई, फिर हिंसात्मक रवैये को भी अलविदा कह दिया. 1952 में पैरोल पर बाहर आने के बाद मैलकम को नेशनल मस्जिद का मिनिस्टर बना दिया, जिसके बाद उनका मकसद सिर्फ अश्वेत लोगों को जागरूक करना था.
लगातार अश्वेत लोगों के मुद्दे उठाने के बाद, किसी भी हिंसा पर अपनी राय रखने के बाद मैलकम धीरे-धीरे अश्वेत कम्युनिटी में फेमस होने लगे. और ऐसा करते करते उनके समर्थकों की संख्या भी बढ़ती गई. 1960 के बाद अलीजाह मोहम्मद के साथ हुए विवाद के बाद मैलकम ने नेशन ऑफ इस्लाम को अलविदा कह दिया और खुद का एक संगठन बना लिया. अलीजाह अपने समर्थकों से लगातार कहते रहे कि मैलकम अभी बच्चा है और उसे कुछ वक्त अकेले भी रहने दिया जाए.
राजकुमार राव ने गर्लफ्रेंड पत्रलेखा को लिखा लव लेटर, सोशल मीडिया पर वायरल
दूसरी ओर मैलकम का जादू लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रहा था, उनकी आवाज सुनी जा रही थी. लेकिन यह ज्यादा वक्त तक नहीं चला, 1962 के बाद से लगातार उनको धमकी आने लगी. कई बार उनकी रैली में हमले भी किए गए. जिसके बाद मैलकम को पता लगने लगा था कि अब वह ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह पाएंगे. 1965 में न्यूयॉर्क के एक हॉल में रैली को संबोधित करते हुए कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और गोलियों से भून दिया, यहीं मैलकम का अंत हो गया.
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
!function(e,t,n,c,o,a,f)e.fbq(window,document,"script"),fbq("init","465285137611514"),fbq("track","PageView"),fbq('track', 'ViewContent'); Source link
0 notes
Text
मुंबई से फरार हुआ आतंकी 'डॉक्टर बम' कानपुर से गिरफ्तार, 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर बाहर आया था
मुंबई से फरार हुआ आतंकी ‘डॉक्टर बम’ कानपुर से गिरफ्तार, 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर बाहर आया था
मुंबई.1993 में राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी आतंकी जलीस अंसारी (68) को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। वह 21 दिन पहले अजमेर जेल से पैरोल पर अपने घर मुंबई आया था। आज उसकी पैरोल खत्म हो रही थी। लेकिन, इससे पहले ही वह गुरुवार को मुंबई से भाग गया था। 1993 में राजधानी ट्रेन में कोटा और कानपुर में हुए ब्लास्ट मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट ने…
View On WordPress
#ajmer blast case#ats#Convict#Dr Jalees Ansari#Missing#Mumbai#TerroristJalis ansari#अजमर#आतक#आय#कनपर#गरफतर#जल#डकटर#थ#दन#पर#परल#पहल#फरर#बम#बहर#मबई#स#हआ
0 notes
Text
कोरोना वायरस: SC का आदेश- 7 साल से कम की सजा वाले कैदियों को दें पैरोल
चैतन्य भारत न्यूज लखनऊ. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने देशभर के सभी जेलों में बंद ऐसे कैदी जिनकी सजा 7 साल से कम है, उन्हें पैरोल दिए जाने का आदेश दिया है। कैदियों को 6 हफ्ते के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला इसलिए सुनाया है, ताकि जेलों में भीड़-भाड़ को कम किया जा सके। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हाई पॉवर कमेटी गठन के आदेश कोर्ट के इस आदेश के बाद देशभर के जेलों में मौजूद हजारों कैदियों को पैरोल मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चीफ जस्टिस बोबड़े ने सुनवाई के दौरान सभी राज्य की सरकारों को इसके लिए हाई पावर कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। इस कमेटी में लॉ सेकेट्ररी, राज्य लीगल सर्विस ऑथोरिटी के चैयरमैन, जेल के डीजी शामिल होंगे। कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया जानकारी के मुताबि��, हाई पावर कमेटी ही यह तय करेगी कि 7 साल ��ी सजा पाने वाले किन-किन दोषियो और अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में खुद ही संज्ञान लिया है। दुनियाभर में कोरोना का कहर गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। दुनिया में कोरोना वायरस के चलते अब तक 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। भारत में इसकी चपेट में आकर अब तक 8 लोगों की मौत हो गई है और 433 मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं। दिल्ली, राजस्थान, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से 31 मार्च तक लॉकडाउन है। ये भी पढ़े... कोरोना का खौफ: 66 दिन बाद खत्म हुआ CAA-NRC के खिलाफ धरना, घर लौटीं महिलाएं कोरोना का कहर: कांग्रेस सांसद ने ट्वीट कर कहा- सॉरी मैं राज्यसभा नहीं आ पाउंगा, मेरा परिवार मना कर रहा है कोरोना का कहर: प्लेन में यात्री के छींकते ही खिड़की से कूदा पायलट, मची अफरा-तफरी Read the full article
#7सालसेकमसजा#7सालसेकमसजावालेकैदी#coronavirus#covid-19#justicebobde#lessthen7yearpunishmentprisoner#perol#prisoner#prisonerrelease#Supremecourt#अंतरिमजमानत#कैदी#कोरोनावायरस#कोरोनावायरससुप्रीमकोर्ट#कोविड-19#पैरोल
0 notes
Text
विजय हमारी निश्चित है..
8 जनवरी 2018 से इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के विरुद्ध काम कर रही दोनों ही ताकतों का भारी पतन शुरु हो गया है| मोदी जी की घबराहट तो उनके कल के 10 परसैंट के ड्रामे से स्पष्ट है, और गद्दार कम्पनी ने भी कल अपनी घबराहट और परेशानी छिपाने के लिए ‘सोशल मीडिया’ पर भारी उछल कूद की है|
आश्रम की प्रवक्ता नीलम दूबे का एक वीडियो बनवा कर कल सोशल मीडिया पर डलवाया गया है, जिसमें नीलम दूबे अपनी सभी ईमानदारी, धर्म व गुरुभक्ति को नीलाम करते हुए आश्रम के गद्दारों व गुरुद्रोहियों के समर्थन में बोल रही हैं|
मुझे अच्छी तरह से मालूम है कि नीलम दूबे यह भली प्रकार जानती हैं कि ‘ए-कम्पनी’ का सरगना अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी ही पूज्य गुरुदेव की वर्तमान स्थिति का *मुख्य कारण* है| नीलम दूबे ने इस विषय में स्वयं हमारे एक गुरुभक्त साधक से कहा था कि- भाई मैं जानती हूँ कि आप लोगों का प्रोग्राम बिल्कुल ठीक है किन्तु यदि आप लोग चाहते हैं कि बापूजी जल्दी से बाहर आ जाएँ तो आप इस अर्जुन को एक वर्ष के लिए एक ऐसे कमरे में बंद कर दो जहाँ इसे टेलीफोन व लैपटॉप उपलब्ध ना हो सके|
किन्तु नीलम दूबे जी केवल एक फ्लैट खरीदने के चक्कर में आपने अपनी पूरी गुरु-भक्ति ही बेच डाली है, यह आपका बहुत ही मूर्खता पूर्ण कदम है| ��हन, यह फ्लैट तो यहीं रह जाएगा, किन्तु पूज्य गुरुदेव हमें जो धन देना चाहते हैं वह तो कभी खत्म ही नहीं होता बल्कि और बढ़ता ही जाता है| वह बहुत कीमती धन है और शाश्वत भी है, इसका नाम है-‘ *आत्मधन* ’|
यह आत्मधन कितना कीमती है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकती हैं कि इसे पाने के लिए तो बड़े-बड़े चक्रवर्ती सम्राटों तक ने अपने राज-पाट तक को भी लात मार दी थी- और वही बेशकीमती आत्मधन मेरे गुरुदेव अपने दोनों हाथों से इस देश की जनता पर लुटाए चले जा रहे थे- किन्तु उनके आस-पास रहने वाली यह गद्दार टीम इस मायावी व सांसारिक धन पर इतनी लट्टू हो गई कि अब यह एक ब्रह्मज्ञानी संत की हत्या करने पर ही तुल गई है|
और तुम लोग क्या चाहते हो कि कोई इनके समर्थन में मुँह भी ना खोले| और क्या केवल मेरे मुँह ना खोलने से यह ‘गद्दार कम्पनी’ व नरेन्द्र मोदी मिलकर हिन्दू संत आशारामजी बापू को समाप्त कर फिर ‘साईं बाबा’ की तरह से उनकी समाधि व ट्रस्ट बना कर जिन्दगी भर ऐश-उड़ाने में कामयाब हो जायेंगे| बिल्कुल नहीं-
याद रहे, जिसने यह दुनिया बनाई है इसे चला भी वही रहा है, और इसलिए यह अनादिकाल से चल भी रही है, नहीं तो अपने आपको बहुत बड़ा ‘स्कीम-बाज’, ‘जुमलेबाज’ व ‘तमाशेबाज’ समझने वाला मोदी भी पांच सालों में ही बुरी तरह हाँफने लगता है|
इन दोनों बातों में बस एक ही अंतर है, भगवान अनादि काल से सृष्टि चलाए जा रहे हैं क्योंकि वो हमें लगातार *‘देना’* ही चाहते हैं और मोदी जी पांच सालों में ही ठन्डे इसलिए पड़ गए हैं क्योंकि वो लगातार *‘लेना’* ही चाहते हैं|
यदि मोदी जी हकूमत मिलते ही हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को न्याय देकर स्वतंत्र कर देते तो इन्हें ‘दस परसेंट’ का यह ड्रामा भी नहीं करना पड़ता, जो शीघ्र ही इनके गले में एक मारे हुए सांप की तरह पड़ने वाला है और ना ही इन्हें *‘कुम्भ पर्व’* को एक *‘इवेन्ट प्रोग्राम’* बनाने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते| वैसे, इन्हें अभी भी अपने खासमखास शाह ‘टकले’ की ई.वी.एम कलाकारी व गुजराती सेठों के नोटों के गोदामों के कारण कुछ हौसला अभी तक बना हुआ है, वर्ना तो ‘खुफिया रिपोर्ट्स’ तो आज साफ-साफ बता रही हैं कि 2019 में भाजपा का सफाया बिल्कुल तय है|
मेरी यह पोस्ट रोजाना भाजपा के स��ी सांसदों सहित मोदी जी को भी जाती है- इसीलिए मैं हर बात बिल्कुल साफ-साफ कहती भी हूँ| मोदी जी ने यदि 2019 के आम चुनावों से पहले-पहले हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को स-सम्मान स्वतंत्र नहीं किया तो भाजपा का जीतना बिल्कुल नामुमकिन है, चाहे वह कितनी भी उछलकूद कर ले और कितने ही ड्रामे कर ले- यह बिल्कुल पक्की बात है|
आश्रम के गद्दार गुरुभक्तों की इस पोस्ट से अब इतने भयभीत हो गए हैं कि कल उनके किसी *पप्पी* ने व्हाट्सअप व फेसबुक पर भी मेरे खिलाफ एक पोस्ट बना कर डाली है| इसमें मेरी रुटीन की बुराइयों के अतिरिक्त मेरे से यह भी कहा गया है कि यदि हिम्मत है तो मैं इण्डिया आकर बापूजी की पैरोल अथवा जमानत करवाऊं- तो गद्दार भाईयों- मैं नहीं जानती आप में से किसने यह पोस्ट डाली है, क्योंकि उसने नाम नहीं दिया है| फिर भी आपका यह चैलेंज मैं बिल्कुल स्वीकार करती हूँ-
*1) आप आश्रम के ऑफिशियल पेज से या साईट से मुझे यह ऑफर भिजवा दें और जो भी बात करें पूरी जिम्मेदारी से करें अपने नए-गुरु मोदी की तरह जुमलेबाजी बिल्कुल भी ना करें तथा*
*2) मुझे पूज्य गुरुदेव के केसों से संबंधित फाईलों की फोटो-कॉपी तथा लीगल-टीम का एक शपथ-पत्र दिलवादें कि, फिलफाल वो इन केसों में कोई भी दखलअंदाजी बिल्कुल नहीं करेंगे-*
आज दिनांक 9 जनवरी 2018 को मैं अपने गुरुभाई-बहनों व भक्त हिन्दू-समाज के सभी लोगों के सामने यह घोषणा करती हूँ कि मैं जल्दी से जल्दी ही पूज्य गुरुदेव को न्याय अवश्य दिलवा दूंगी और इसके लिए मुझे किसी भी आश्रमवासी या अन्य किसी से पैसों की कोई मदद भी नहीं चाहिये|
अंत में मेरा अपने सभी साथियों से यही कहना है कि पूज्य गुरुदेव ने हमें बता रखा है कि ‘सत्य’ परमात्मा का ही स्वरुप है और हम ‘सत्य’ के पक्ष में खड़े हैं, अत: विजय हमारी निश्चित है|
दिनांक 09-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
0 notes
Text
मोदी जी के मन की गाँठ..
सुप्रीम कोर्ट में केवल 48 घंटों में चार जजों की नियुक्ति हो जाने पर सी.जे.आई श्री रंजन गोगाई ने भी आश्चर्य व्यक्त किया है| किसी भी सरकारी पद पर चुनाव हो जाने के बाद ‘मेडिकल टेस्ट’ वगैरह की औपचारिकतायें पूरी करके कार्यभार संभालने में अमूमन एक सप्ताह का समय तो जरुर लग ही जाता है, इसीलिए सी.जे.आई महोदय का आश्चर्य व्यक्त करना बिल्कुल जायज सी बात है|
लगता है कि राफेल के भूत ने मोदी जी को इतना भयभीत कर दिया है कि वो अब सुप्रीम कोर्ट को जल्दी से जल्दी फिर से मिश्रा जी वाली सुप्रीम कोर्ट बना लेना चाहते हैं|
पिछले पाँच सालों में मोदी-सरकार द्वारा हथियारों की बहुत भारी खरीदी की गई है, इसीलिए अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मोदी जी के बुलाने पर गणतंत्र दिवस समारोह में आए भी थे तथा मोदी जी द्वारा उनसे एक अन्तरंग-मित्र जैसा व्यवहार करने पर भी वो कोई नखरे नहीं दिखा रहे थे-
अब चूँकि इस बार मिसाईलों का आर्डर तो रुस को दे दिया है तथा गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रित अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प को कर रहे हैं, तो ट्रम्प साहब कोई मोदी जी के मौसेरे भाई तो हैं ��हीं- इसलिए उन्होंने ना केवल मोदी सरकार के इस आमंत्रण को ठुकरा दिया है बल्कि इण्डिया से इम्पोर्ट की जाने वाली 50 चीजों पर टैक्स भी बढ़ा दिया है| इंटरनेशनल मार्केट में इसे मोदी सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है-
इंटरनेशनल मार्केट में दूसरा बड़ा झटका ‘इंटरनेशनल मोनेटरी फंड’ यानि आई.एम.एफ. के गैरी राईस ने दिया है| उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि इण्डिया में रिजर्व बैंक व सरकार के बीच तनातनी व झगड़े से वो काफी आहत हुए हैं क्योंकि दुनिया में कोई भी सरकार अपनी केन्द्रीय बैंक कि स्वायत्तता व स्वतंत्रता में दखलंदाजी नहीं करती है-
राफेल हवाई जहाजों की खरीद में हुए घोटाले के कारण दुनिया भर की सरकारें ही मोदी जी का असली चेहरा तो देख ही चुकी हैं, अब मोदी जी का एक चेहरा और दिखाने वाला एक अन्य समाचार भी कल आया है| मोदी जी ने कुछ वर्ष पूर्व सरदार पटेल के ऊपर गुजराती भाषा में एक किताब लिखी थी| वर्ष 2014 में इसका हिंदी अनुवाद ‘ज्योति पुंज’ नाम से प्रकाशित भी हुआ है- अब हो सकता है कि मोदी जी ने उस समय सरदार पटेल को केवल एक कांग्रेसी नेता मानकर यह पुस्तक लिखी हो, किन्तु मोदीजी की उस पुस्तक में सरदार को बार, धूम्रपान व ताश का शौकीन बताते हुए उन्हें पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित बताया था| मोदी जी कि भक्त-मंडली अब इस पर किस प्रकार से उनका बचाव कर रही है, जरा उसकी एक बानगी भी देखिए- कह रहे हैं कि मोदी जी ने लिखा था कि सरदार बार जाने के शौकीन थे, किन्तु यह तो कहीं नहीं लिखा है कि वो बार में जाकर शराब पीते थे-
दूसरा मोदी जी ने लिखा है कि सरदार पटेल को ताश का ‘ब्रिज’ खेल बहुत प्रिय था, किन्तु यह तो नहीं लिखा है वो खेलते भी थे- वगैरहा, वगैरहा|
विदेशों में तो मोदी जी का ड्रामा खत्म सा हो ही गया है, इण्डिया में भी अब मायावती कह रही हैं कि मैंने जब मुख्यमंत्री रहते कुछ बहुजन नेताओं की मूर्तियाँ लगवाईं थीं तो सभी भाजपाई इसे ‘मूर्तियों की राजनीति’ घोषित करके मेरा खूब विरोध कर रहे थे, किन्तु अब जब मोदी जी वास्तव में ही मूर्तियों की राजनीति कर रहे हैं तो भाजपाई तालियाँ पीट रहे हैं|
मायावती जी, भाजपाई मोदी जी की ‘मूर्ति-राजनीति’ पर केवल तालियाँ ही नहीं पीट रहे हैं, वो तो मोदी जी की इस राजनीति के इतने कायल भी हो गए हैं कि वो अब स्वयं भी जल्दी से जल्दी ‘मूर्ति-राजनीति’ का लाभ उठा लेना चाहते हैं|
इसीलिए इसी दीपावली पर उ०प्र० के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या में भगवान राम की 108 फुट ऊँची प्रतिमा लगवाने की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं| क्योंकि उन्हें अब एक बढ़िया मूर्ती बनाने वा��ा तो मिल ही गया है तथा टिकट लगा कर पैसा कमाने की पूरी स्कीम भी मिल गई है-फिर जो देर करे वह मूर्ख|
प्रकाश राज चार-बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक सिने-अभिनेता हैं, उन्होंने मोदी जी के दो ‘क्लिपिंग्स’ डाल कर मोदी जी से पूछा है कि इन दोनों में से आप किस में सच बोल रहे हैं- आप इतना श्रेष्ठ अभिनय करते हैं कि मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि आप इनमें से किस में सच बोल रहे हैं| पहली क्लिपिंग कलकत्ता में एक फ्लाईओवर गिरने पर 31-03-2016 की है तथा दूसरी मोदी जी के चुनावी क्षेत्र वाराणासी में पुल टूटने पर 15 मई 2018 की है|
गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी जी ने जब ‘सैक्यूलर’ बनने के लिए 300-400 हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त करवा दिया था तब इसका विरोध हिन्दू संत आशारामजी बापू के कुछ शिष्यों ने सड़कों पर आकर लिया था, तो बस वहीँ से इस हिन्दू नेता ने इस महान हिन्दू संत के खिलाफ अपने मन में ऐसी गाँठ बाँध ली है कि पिछले साढ़े पाँच वर्षों से लगातार जेल में रह रहे इस 82 वर्षीय वयोवृद्ध संत की पैरोल की अर्जी भी अब खारिज ‘करवा’ दी गई है| ‘करवा दी गई है’- मैंने इसलिए कहा है क्योंकि जिस अदालत में यह अर्जी लगाई गई थी उसके बारे में मोदी जी के पालतू जानवरों को जब कुछ यह सूंघ लगी कि इस अदालत का रुख कुछ न्यायपूर्ण हो सकता है तो अर्जी पर फैसले से एक दिन पहले ही उन जज साहिबा का तबादला करवा दिया गया था| अब मोदी जी की ऐसी ‘मन की गाँठ’ के बारे में मैं क्या कहूँ, इस बारे में तो भगवान ने स्वयं गीता में कहा है कि ‘मन’ ही मनुष्य का मित्र है और ‘मन’ ही उसका सबसे बड़ा शत्रु भी है-
दिनांक 03-11-2018 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
0 notes
Link
0 notes
Text
कोरोना वायरस: SC का आदेश- 7 साल से कम की सजा वाले कैदियों को दें पैरोल
चैतन्य भारत न्यूज लखनऊ. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने देशभर के सभी जेलों में बंद ऐसे कैदी जिनकी सजा 7 साल से कम है, उन्हें पैरोल दिए जाने का आदेश दिया है। कैदियों को 6 हफ्ते के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला इसलिए सुनाया है, ताकि जेलों में भीड़-भाड़ को कम किया जा सके। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हाई पॉवर कमेटी गठन के आदेश कोर्ट के इस आदेश के बाद देशभर के जेलों में मौजूद हजारों कैदियों को पैरोल मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चीफ जस्टिस बोबड़े ने सुनवाई के दौरान सभी राज्य की सरकारों को इसके लिए हाई पावर कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। इस कमेटी में लॉ सेकेट्ररी, राज्य लीगल सर्विस ऑथोरिटी के चैयरमैन, जेल के डीजी शामिल होंगे। कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया जानकारी के मुताबिक, हाई पावर कमेटी ही यह तय करेगी कि 7 साल की सजा पाने वाले किन-किन दोषियो और अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में खुद ही संज्ञान लिया है। दुनियाभर में कोरोना का कहर गौरतलब है कि कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। दुनिया में कोरोना वायरस के चलते अब तक 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। भारत में इसकी चपेट में आकर अब तक 8 लोगों की मौत हो गई है और 433 मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं। दिल्ली, राजस्थान, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से 31 मार्च तक लॉकडाउन है। ये भी पढ़े... कोरोना का खौफ: 66 दिन बाद खत्म हुआ CAA-NRC के खिलाफ धरना, घर लौटीं महिलाएं कोरोना का कहर: कांग्रेस सांसद ने ट्वीट कर कहा- सॉरी मैं राज्यसभा नहीं आ पाउंगा, मेरा परिवार मना कर रहा है कोरोना का कहर: प्लेन में यात्री के छींकते ही खिड़की से कूदा पायलट, मची अफरा-तफरी Read the full article
#7सालसेकमसजा#7सालसेकमसजावालेकैदी#coronavirus#covid-19#justicebobde#lessthen7yearpunishmentprisoner#perol#prisoner#prisonerrelease#Supremecourt#अंतरिमजमानत#कैदी#कोरोनावायरस#कोरोनावायरससुप्रीमकोर्ट#कोविड-19#पैरोल
0 notes
Text
रेप के खिलाफ सख्त हुआ यह राज्य, आरोपी को लगेंगे नपुंसक बनाने वाले इंजेक्शन
चैतन्य भारत न्यूज रोजाना बढ़ रहे रेप के मामलों को खत्म करने के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरुरत है। इसी को देखते हुए अब एक राज्य ने रेप के आरोपियों को नपुंसक बनाने के लिए एक केमिकल को इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। यह राज्य है अमेरिका का अलाबामा जहां रेप आरोपियों के खिलाफ यह नया कानून बनाया गया है। इस कानून के तहत 13 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ रेप करने वाले आरोपी को नपुंसक बनाने के लिए केमिकल वाला इंजेक्शन लगाया जाएगा या फिर उसे दवा दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषियों को पैरोल पर छोड़े जाने से पहले उन्हें यह इंजेक्शन लगाए जा सकते हैं��� इस इंजेक्शन के कारण आरोपी का सेक्स ड्राइव घट जाएगा। हालांकि, इस इंजेक्शन का असर हमेशा के लिए नहीं बल्कि कुछ समय के लिए रहेगा। ये इंजेक्शन पैरोल लेने से एक महीने पहले से ही लग जाएंगे। इस सजा की खास बात यह है कि इंजेक्शन का खर्च आरोपी को उठाना होगा। जो भी आरोपी इंजेक्शन नहीं लगवाएंगे उन्हें जेल से छोड़ा नहीं जाएगा। हालांकि, यह फैसला कोर्ट लेगा कि आरोपी को कब तक इंजेक्शन लगाने की जरुरत है। अलबामा में यह कानून लागू होने के साथ ही अमेरिका में सात ऐसे राज्य हो जाएंगे जहां केमिकल कैस्ट्रैक्शन के इस्तेमाल का प्रावधान है। इन राज्यों में लूसिआना और फ्लोरिडा भी शामिल हैं। बता दें केमिकल कैस्ट्रैक्शन में कुछ टैबलेट या फिर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। इन टेबलेट या इंजेक्शन की मदद से टेस्टोस्टिरोन का प्रोडक्शन प��रभावित होता है। इससे व्यक्ति का सेक्स ड्राइव कमजोर होता है। इस नए कानून की अमेरिकी सिविल लिबर्टी यूनियन ऑफ अलाबामा ने आलोचना की थी। Read the full article
0 notes