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#पूजा गोरी
lok-shakti · 3 years
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'गर्भावस्था के दौरान मैंने 25 किलो वजन बढ़ाया'
‘गर्भावस्था के दौरान मैंने 25 किलो वजन बढ़ाया’
कियारा स्टनिंग लग रही हैं… पूजा ने राधे श्याम को प्रमोट किया… स्वरा ने हमें कुछ बताया जिससे हम सभी संबंधित हो सकते हैं… सितारों को देखने के लिए कृपया छवियों पर क्लिक करें। फोटो: करीना कपूर: चाहे गन्दा हेयर डे हो या ग्लैम अप आउटिंग, या साइज़ 0 से साइज़ 16 तक, मैंने अपने जीवन के हर चरण को अच्छी तरह से जिया है और इसका आनंद लिया है।‘मेरी गर्भावस्था के दौरान, मैंने 25 किलो वजन बढ़ाया, लेकिन मैंने इसे…
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newskey21 · 3 years
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प्रतिज्ञा सह-कलाकार पूजा गोर ने उनके लिए लिखा
प्रतिज्ञा सह-कलाकार पूजा गोर ने उनके लिए लिखा
पूजा गौर के साथ अनुपम श्याम की एक कमबैक। (सौजन्य पूजागोर) हाइलाइट अनुपम श्याम का 63 साल की उम्र में निधन सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई उनकी मौत नई दिल्ली: मन की आवाज: प्रतिज्ञा अभिनेता अनुपम श्याम, जिनका सोमवार को 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया, को उनकी सह-कलाकार पूजा गोर ने एक भावनात्मक इंस्टाग्राम पोस्ट में याद किया। शो में उनकी बहू के…
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sareideas · 3 years
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सैंडल पहनकर सूर्य देव को अर्ध्य दे रही थीं अंगूरी भाभी, फैंस ने कर दिया ट्रोल - Sareideas
सैंडल पह��कर सूर्य देव को अर्ध्य दे रही थीं अंगूरी भाभी, फैंस ने कर दिया ट्रोल – Sareideas
Image Source : INSTAGRAM/ SHUBHANGIAOFFICIAL Shubhangi Atre Highlights पूजा करने से पहले एक्ट्रेस सैंडल ही उतारना भूल गईं। जिसके बाद एक्ट्रेस ट्रोल होने लगीं। लोकप्रिय टीवी शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ को दर्शक लंबे समय से पसंद करते हैं। सालों से शो के हर किरादार लोगों को हंसा रहा है। फिर चाहें वो गोरी मेम हो या अंगूरी भाभी। शो में काफी समय से ‘अंगूरी भाभी’ का किरदार एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे निभा रही…
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gujarattourism · 4 years
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Enthusiastic and Attractive Tourist Places of Gujarat
गुजरात कई आकर्षक पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए एक सुंदर जगह है। भारत और विदेशों से लोग शानदार यात्रा करने के लिए जगह की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें सभी प्रकार की यात्राएं शामिल हैं जैसे धार्मिक यात्रा, व्यापार यात्रा, सांस्कृतिक यात्रा और ऐतिहासिक यात्रा आदि। इस राज्य के सभी स्थान रोमांचक और अद्भुत हैं। इस राज्य में बहुत सारे पर्यटक आकर्षण हैं और ह��� निम्नलिखित तरीकों से उनमें से नौ पर चर्चा करेंगे। लक्ष्मी विलास पैलेस (बड़ौदा)
बड़े गर्व और सम्मान का स्थान लक्ष्मी विलास पैलेस है। इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस की तुलना में इस महल का क्षेत्रफल चार गुना बड़ा है। यह पूरी दुनिया में शाही दृष्टिकोण रखता है। बड़ौदा के महाराजा और उनके परिवार के सदस्यों ने इस महल में अपना निवास पाया। सरदार सरोवर बांध यह एक सबसे बड़ा बांध परियोजना है जिसे नवागाम में बैठाया जाता है, जिसे पारिवारिक पर्यटन स्थल माना जाता है, जिसका उद्देश्य पिकनिक स्थल के रूप में आनंद लेना है। इसलिए कई पर्यटक इस स्थान की ओर आकर्षित और आकर्षित होते हैं। सोमनाथ मंदिर सबसे पवित्र और धार्मिक यात्रा सोमनाथ मंदिर है जहां दुनिया भर के लोग इस सबसे बड़े पर्यटक आकर्षण का दौरा करने के लिए एकत्रित होते हैं और इसे चार धाम यात्रा के स्थान में गिना जाता है। द्वारकाधीश मंदिर यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इसकी यात्रा को चार धाम यात्रा में गिना जाता है। यह हिंदुओं की संस्कृति और परंपरा के बाद दुनिया का उल्लेखनीय धार्मिक स्थान है। हाजी पीर दरगाह यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल भी है, जो हाजी पीर के सम्मान में पूजा और यात्रा करता है, जो सबसे अधिक आबादी वाला संत (शहाबुद्दीन गोरी का सैनिक) है। यह भारत-पाकिस्तान (कच्छ) की सीमा पर स्थित है। गिर वन राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एक उल्लेखनीय और आकर्षक वन्यजीव अभयारण्य जूनागढ़ में स्थित गिर वन राष्ट्रीय उद्यान है। प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए लोग दूर-दूर के स्थानों से यहाँ आते हैं। लोथल सिंधु घाटी सभ्यता के काल में आधुनिक शहर का अस्तित्व था और वह आधुनिक शहर लोथल था। यह प्राचीन भारत का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व है। भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए लोग इस साइट पर आते हैं। धोलावीरा सिंधु घाटी सभ्यता के एक और आधुनिक शहर को ढोलवीरा कहा जाता है जो प्राचीन भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह सबसे बड़ा पर्यटक आकर्षण है और भारत के अतीत के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने के लिए इसका दौरा किया जाता है। सपुत्रा इस राज्य का पर्वतीय स्थल जो भारत का सबसे अच्छा पर्यटन स्थल है, सतपुड़ा है। इसमें आर्टिस्ट विलेज, वंसदा नेशनल पार्क, पूर्ण अभयारण्य, बोटिंग, सनराइज पॉइंट, सनसेट पॉइंट, रोपवे, जीरा फॉल्स और गार्डन जैसे कई स्थान शामिल हैं।
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guestblogcenter · 2 years
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Sawan Somvar 18 july 2022 — सावन के सोमवार के व्रत क्यों रखना चाहिए और क्या है व्रत के विधि, आए जाने-
सावन 14 जुलाई से सुरु हो गया था, कल 18 जुलाई को पहला सोमवार है, वैसा तो किसी भी दिन को भगवान शिव के पूजा करना का महत्व है, लेकिन सावन के सोमवार के व्रत रखना और हर दिन शिव की पूजा करने सच्चे मन से, बहुत ही अच्छा माना जाता है, और उनके सब मनुकामनये भगवान शिव पूरी करते हैं.
आइए जानते हें सावन के सोमवार की पूजा विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट-
सुबह सूर्य उगने से पहले उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
इस बात के विशेष ध्यान रखे की वस्त में काले रंग के कपड़े धारण न करे, कुछ लोग कभी पूजा में काला रंग के कपड़े धारण करते हैं, काले रंग को पूजा मैं शुभ नहीं माना जाता है।
घर के मंदिर के साफ सफाई करले, और सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें, पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करते हुए व्रत का संकल्प लें।
भगवान शिव और गोरी माता के चरनो में दीप प्रज्वलित करें।
सच्चे मन से शिव भगवान की आराधना करे उन ध्यानावद बोले एस जीवन के लिए और हाथ जोड़ कर उनसे जो भी मन में आपके जो भी इच्छा है उन्हे मांगे।
फिर जल लेके घर के तुलसी के पेड के चरणो मैं उसे चड़ा दे।
अब पूजा के थाली त्यार करे, इसमे घर का जल उसमे गंगा जल मिलाये, एक दीपक और 2 काली मिर्च और थोड़े से चावल और कोई भी एक या दो फल ले, बेल पत्र ले, थोड़े से पुष्प और गन्ने का रस, दूध और दही ले.
इसके बाद घर के पास स्थित शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। जलाभिषेक में गंगाजल, घी, गन्ने का रस, दूध और दही का प्रयोग करें।
भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
पूजा के दौरान लगातार ऊं नम:शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद शिव मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के समक्ष बैठकर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। इसके बाद शिव कथा और आरती करें।
भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें। श्याम को दीप जला कर, फिर एक बार पूजा करें और गाय को भोग लगा कर, भोजन खाए।
सावन सोमवार 2022 की तिथियां-
सावन का पहला सोमवार- 18
जुलाईसावन का दूसरा सोमवार- 25
जुलाईसावन का तीसरा सोमवार- 01
अगस्तसावन का चौथा सोमवार- 08
अगस्तसावन का आखिरी दिन- 12 अगस्त
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karanaram · 2 years
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🚩गंगा दशहरा प्रारम्भ 31 मई से 9 जून तक,इन 10 दिनों के पर्व में गंगा स्नान का विशेष महत्व - 31 मई 2022
🚩जैसे मंत्रो में ॐ कार, स्त्रियों में गोरी देवी, तत्वों में गुरुतत्व और विद्याओं में आत्म विद्या उत्तम हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण तीर्थो में गंगातीर्थ विशेष माना जाता हैं।
🚩गंगा दशहरा जिसे गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, यह एक हिन्दू त्योहार है, जो गंगा के अवतार (अवतरण) के नाम से जाना जाता है ।
🚩गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है,गंगा दशहरा के 10 दिनों में स्नान और दान का विशेष महत्व है।
🚩 इस दिन मां गंगा सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से निकल पर पृथ्वी पर अवतरित हुई थी, राजा भागीरथ के कठोर तपस्या के चलते मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था, पृथ्वी पर अवतार से पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा थीं।
🚩गंगा दशहरा के दिन भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं और दान-पुण्य, उपवास, भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं। मान्यता है इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
🚩हिन्दू धर्म में गंगा माँ को बहुत ऊँचा दर्जा दिया गया है। यह माना जाता है कि जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
🚩वर्तमान समय में भौतिक जीवन जी रहे मनुष्य से जाने अनजाने जो पाप कर्म हो जाते हैं उनकी मुक्ति के लिए मां गंगा की साधना करनी चाहिए। कहने का तात्पर्य है कि जिस किसी ने भी पापकर्म किये हैं और जिसे अपने किये का पश्चाताप है और पाप मुक्ति पाना चाहते है तो उसे सच्चे मन से मां गंगा की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिये।
🚩इन दिनों में गंगा नदी में दीपदान किये जाते,गंगा माँ की मूर्ति की पूजा की जाती है,महाआरती की जाती है,गंगा दशहरा हिंदुओं द्वारा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों में मनाया जाता है ,जहां गंगा नदी बहती है। हरिद्वार , वाराणसी , गढ़मुक्तेश्वर , ऋषिकेश , इलाहाबाद और पटना उत्सव के मुख्य स्थान हैं।
🚩जहां भक्त गंगा के तट पर इकट्ठा होते हैं और आरती करते हैं (एक धार्मिक अनुष्ठान जिसमें एक प्रकाश दीपक को दक्षिणावर्त घुमाया जाता है। एक देवता की प्रार्थना के एक भाग के रूप में) नदी के लिए। माना जाता है कि इन दिनों में गंगा नदी में डुबकी लगाने से भक्त की मनो कामना पूर्ण होती है, गंगा स्नान शुद्धिकरण के साथ उसके किसी भी प्रकार के शारीरिक रोग को भी ठीक करता है।
🚩संस्कृत में , दश��� का अर्थ है दस और हारा का अर्थ है नष्ट करना; इस प्रकार इन दस दिनों के दौरान नदी में स्नान करने से व्यक्ति को दस पापों या वैकल्पिक रूप से दस जन्मों के पापों से छुटकारा मिलता है।
🚩इन दिनों में , जो गंगा नदी तक नही पहुँच पाए तो वे गंगा का स्मरण करते हुए नर्मदा,यमुना,सरस्वती ,कावेरी,गोदावरी, सिंधु,ब्रह्मपुत्र आदि नदियों में जाकर या अपने नजदीक किसी मे नदी के तट पर जाकर गंगा का स्मरण करते हुए स्नान कर सकते है।
🚩जो गंगा घाट जैसे हरिद्वार, प्रयागराज, काशी नही जा पाए तो घर मे ही स्वच्छ जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर मां गंगा का स्मरण कर उससे भी स्नान कर सकते हैं।
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abhay121996-blog · 4 years
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PHOTOS: किसी ने 10 तो किसी ने 18 दिन, डिलीवरी के बाद इन ऐक्ट्रेसेस ने यूं वजन घटाकर सबको किया हैरान Divya Sandesh
#Divyasandesh
PHOTOS: किसी ने 10 तो किसी ने 18 दिन, डिलीवरी के बाद इन ऐक्ट्रेसेस ने यूं वजन घटाकर सबको किया हैरान
प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव आते हैं। वजन बढ़ जाता है, स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं, स्किन में ढीलापन आ जाता है। जहां कई ऐक्ट्रेसेस डिलीवरी के बाद वजन बढ़ने की परेशानी से गुजरीं, तो वहीं कई ऐसी ऐक्ट्रेसेस भी रही हैं, जिन्होंने डिलिवरी के चंद हफ्तों बाद ही वापस शेप में आ गईं और स्लिम अवतार से सबको हैरत में डाल दिया।इन टीवी ऐक्ट्रेसेस (TV actresses weight loss after delivery) ने डिलीवरी के कुछ ही हफ्तों के बाद इस कदर अपना वजन घटाकर स्लिम लुक पाया कि हर कोई गच्चा खा गया। हर किसी के मन में सवाल था कि आखिर ऐसा कैसे?प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव आते हैं। वजन बढ़ जाता है, स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं, स्किन में ढीलापन आ जाता है। जहां कई ऐक्ट्रेसेस डिलीवरी के बाद वजन बढ़ने की परेशानी से गुजरीं, तो वहीं कई ऐसी ऐक्ट्रेसेस भी रही हैं, जिन्होंने डिलिवरी के चंद हफ्तों बाद ही वापस शेप में आ गईं और स्लिम अवतार से सबको हैरत में डाल दिया।दीपिका सिंह-घटाया 22.5 किलो वजनटीवी शो ‘दीया और बाती हम’ में संध्या का रोल निभाकर पॉप्युलर हुईं दीपिका सिंह ने इसी शो के डायरेक्टर रोहित राज गोयल से 2014 में शादी की थी। 2017 में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया। तब दीपिका ने ऐक्टिंग से ब्रेक ले लिया था और फिर डिलीवरी के चंद ही हफ्तों बाद दीपिका ने अपने स्लिम अवतार से सबको चौंका दिया। दीपिका ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनका वजन 72 किलो था, जिसे घटाकर उन्होंने 49.5 किलो कर लिया था। इसमें उनकी मदद की योग, हेल्दी डायट और वर्कआउट ने, जो रोजाना कम से कम डेढ़ घंटे चलता था। (फोटो: Instagram@singh150)स्मृति खन्ना- 10 दिन में घटाया प्रेग्नेंसी वेटसबसे चौंकाने वाला ट्रांसफॉर्मेशन ऐक्ट्रेस स्मृति खन्ना का था। ‘मेरी आशिकी तुमसे ही’ टीवी शो में दिखीं स्मृति ने लॉकडाउन में 15 अप्रैल 2020 को एक बेटी को जन्म दिया था। बेटी के जन्म के सिर्फ 10 दिन बाद ही स्मृति एकदम स्लिम हो गई थीं। तब उन्होंने इंस्टाग्राम पर प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के 10 दिन बाद की तस्वीरें शेयर की थीं, जिन्हें देख हर कोई गच्चा खा गया। (फोटो: Instagram@smriti_khanna)पूजा बनर्जी- 6 हफ्ते में पाया स्लिम लुक’जग जननी मां वैष्णो देवी’ में नजर आईं ऐक्ट्रेस पूजा बनर्जी ने जिस तरह लॉकडाउन में शादी करके चौंकाया था, उसी तरह उन्होंने प्रेग्नेंसी के बाद वजन घटाकर। पूजा बनर्जी ने अप्रैल 2020 में शादी की थी और उसी साल अक्टूबर में एक बेटे को जन्म दिया। बेटे के जन्म के 6 हफ्ते बाद ही पूजा ने अपने स्लिम लुक से सबके होश उड़ा दिए थे। (फोटो: Instagram@banerjeepuja)नताशा स्टेनकोविक-डिलीवरी के 18 दिन बाद ही स्लिम’नच बलिए’ और ‘बिग बॉस’ जैसे रियलिटी शोज का हिस्सा रहीं नताशा स्टेनकोविक ने अगस्त 2020 में एक बेटे को जन्म दिया था और उसके जन्म के 18 दिन बात ही एकदम फिट अवतार में नजर आईं। (फोटो: Instagram@natasastankovic_)एकता कौलएकता कौल भी उन चंद टीवी ऐक्ट्रेसेस में शामिल हैं साल 2020 में लॉकडाउन के वक्त मां बनीं और फिर कुछ ही हफ्तों में जबरदस्त वेट लूज़ किया। एकता कौल ने जून 2020 में एक बेटे को जन्म दिया था और उनकी डिलीवरी के बाद पति सुमीत व्यास ने उनका खास ख्याल रखा। एकता अब अपने स्लिम-ट्रिम अवतार में वापस आ चुकी हैं और शूट पर भी लौट चुकी हैं। (फोटो:Instagram@ektakaul11)सौम्या टंडनकुछ ऐसा ही किस्सा ऐक्ट्रेस सौम्या टंडन का भी रहा। टीवी शो ‘भाबीजी घर पर हैं!’ में अनीता भाभी यानी गोरी मैम का रोल प्ले करने वालीं सौम्या टंडन 2019 में मां बनीं और डिलीवरी के बाद उन्होंने वर्कआउट, हेल्दी डायट व योग के जरिए काफी वेट लूज़ किया और शूट पर वापस लौट आईं। (फोटो: Instagram@saumyas_world_)
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everynewsnow · 4 years
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प्रतिज्ञा 2 पहला टीज़र: पूजा गोरी ने नए सीजन में वकील की भूमिका निभाई; एक्स बॉयफ्रेंड राज सिंह अरोड़ा ने कहा 'उनकी' जबरदस्त '
प्रतिज्ञा 2 पहला टीज़र: पूजा गोरी ने नए सीजन में वकील की भूमिका निभाई; एक्स बॉयफ्रेंड राज सिंह अरोड़ा ने कहा ‘उनकी’ जबरदस्त ‘
‘मन की आवाज़ प्रतिज्ञा’, जिसने तीन साल के करीब दर्शकों का मनोरंजन किया, एक नए सत्र के साथ वापस आ जाएगी। पहले सीज़न के विपरीत, ‘प्रतिज्ञा 2’ स्टार भारत पर प्रसारित होगी। पूजा गोर, जो प्रतिज्ञा की अपनी भूमिका को दोहरा रही है, ने सोशल मीडिया पर ‘प्रतिज्ञा 2’ का पहला प्रोमो साझा किया। प्रतिभाशाली अभिनेत्री आगामी डेली सोप में एक वकील की भूमिका निभाती नजर आएगी। प्रतिज्ञा ‘मन की आवाज़ प्रतिज्ञा 2’ में…
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omthedevinename · 4 years
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चेहरे पर चमक ले आएंगे ये ब्यूटी टिप्स, लड़के भी अपनाएं इसके लिए 2 चम्मच बेसन में थोड़ा सा चंदन पाउडर, 1 चुटकी हल्दी और थोड़ा सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें और चेहरे पर लगा लें। 1 से 2 घंटे चेहरे को ऐसे ही छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धो दें। फेस पैक में दूध की जगह सादा पानी या फिर गुलाब जल भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रहे कि चेहरा धोने के बाद किसी भी तरह के फेसवॉश और साबुन का उपयोग ना करें। मसूर की दाल मसूर की दाल को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और फिर उसे शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद चेहरा साफ पानी से धो दें। नींबू गोरी रंगत और चमकती स्किन के लिए नींबू को भी काफी अच्छा माना गया है। इसके लिए नींबू के छिलके को नियमित रूप से चेहरे पर रगड़ें और थोड़ी देर के बाद पानी से धो दें। ऐसा करने से कुछ वक्त बाद चेहरे से सारे दाग-धब्बे गायब हो जाएंगे और स्किन ग्लो हो जाएगी। नीम के पत्ते नीम का उपयोग ना स���र्फ फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में होता है बल्कि चमकती त्वचा के लिए भी ये काफी उपयोगी है। इसके लिए नीम के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ी से हल्दी मिलाएं और चेहरे पर लगा लें। चेहरा सूखने के बाद पानी से धो लें। टमाटर खाने के साथ-साथ स्किन को ग्लो देने में भी टमाटर काफी उपयोगी है। इसके लिए टमाटर को मैश करके उसमें थोड़ी सी चीनी या फिर शहद मिक्स करें और चेहरे पर लगाएं। करीब आधे घंटे बाद चेहरा ठंडे पानी से धो दें। कुछ दिन ऐसा करने से आपको खुद ही कमाल दिखने लगेगा। दही दही खाने में स्वाद बढ़ाने के अलावा आपकी सुंदरता में भी इजाफा करती है। इसके लिए दही में नींबू मिलाकर लगाएं और फिर कुछ वक्त बाद कमाल देखिए। हल्दी और मलाई मलाई में हल्दी मिलाकर लगाने से भी चेहरे का रंग साफ होता है और स्किन दमकने लगती है। इसके लिए 2 चम्मच दही में एक चुटकी हल्दी अच्छी तरह से मिलाएं और आंखों को बचाते हुए चेहरे पर लगाएं। कुछ देर ऐसे ही रहने दें और फिर धीरे-धीरे हाथों से मसाज करने के बाद हल्के गुनगुने पानी से धो दें। तुलसी तुलसी की सिर्फ पूजा ही नहीं होती बल्कि खूबसूरती बढ़ाने भी ये वाकई गुणकारी है। तुलसी के पत्तों को पीसकर लगाने से चेहरे का रंग तो साफ होता ही है, स्किन भी ग्लो करने लग जाती है। आलू गोरी रंगत और दमकती त्वचा पाने के लिए हमें कोई मंहगे उत्पाद खरीदने की जरूरत नहीं है। जैसा कि दादी नानी कहा करती थीं कि हर मर्ज का इलाज घर में ही है। घर में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं। आलू भी उन्हीं में से एक है। आलू क (at Ghaziabad, India) https://www.instagram.com/p/CFLmyT6s2m8/?igshid=wqfy4weclqdk
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karanaram · 4 years
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🚩माँ सरस्वती का प्रकटस्थल पर आज भी कब्जा किया हुआ है, पढ़ी जाती है नमाज- 15 फरवरी 2021
🚩इस्लामी आक्रमणकारियों ने जिस प्रकार से अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मस्थान एवं काशी के विश्वनाथ मंदिर को बलपूर्वक ले लिया था , उसी प्रकार का प्रयत्न वे धार (मध्यप्रदेश) की भोजशाला के विषय में कर रहे हैं । भोजशाला, अर्थात विद्या की देवी सरस्वती का प्रकटस्थल ! अपने अनेक प्रकार की विद्याओं का जनक भारतीय विश्वविद्यालय ! महापराक्रमी राजा भोज की तपोभूमि ! इस सरस्वतीदेवी के मंदिर में आज प्रत्येक शुक्रवार को ‘नमाज’ पढ़ी जाती है । हजारों वर्ष से चल रहा इस भोजशाला मुक्ति का संघर्ष आज भी जारी है । अधर्मी शासन मतों की तुष्टीकरण राजनीति से प्रेरित होकर हिन्दुओं के आस्था केंद्रों की उपेक्षा कर रहा है ।
🚩सरस्वती देवी की प्रकटस्थली, अर्थात वाग्देवी मंदिर का इतिहास:
‘पूर्वकाल में मालवा राज्यके (वर्तमान मध्यप्रदेश के) परमार वंश में महापराक्रमी और महाज्ञानी राजा भोज (शासनकाल वर्ष 1010 से 1065) हुए । इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर सरस्वती देवी ने उन्हें दर्शन दिए थे । तत्पश्चात, राजा भोज ने सुप्रसिद्ध मूर्तिकार मनथल द्वारा संगमरमर पत्थर से देवी की शांतमुद्रा में मनमोहक मूर्ति बनवाई । राजा भोज को जिस स्थानपर वाग्देवी के अनेक समय दर्शन हुए थे, उसी स्थानपर इस मूर्ति की स्थापना की गई।
🚩केवल सरस्वती देवी प्रकटस्थली नहीं, अपितु भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय !
🚩राजा भोज ने ‘सरस्वतीदेवी की उपासना’, ‘हिन्दू जीवनदर्शन’ एवं ‘संस्कृत प्रसार’के लिए वर्ष 1034 में धार में भोजशाला का निर्माण किया । इस भोजशाला में भारतका सबसे बडा विश्वविद्यालय और विश्व प्रथम संस्कृत अध्ययन केंद्र बना । इस विश्वविद्यालय में देश-विदेश के 1 हजार 400 विद्वानों ने अध्यात्म, राजनीति, आयुर्वेद चिकित्सा, व्याकरण, ज्योतिष, कला, नाट्य, संगीत, योग, दर्शन इत्यादि विषयों का ज्ञान प्राप्त किया था । इसके अतिरिक्त इस विद्यालय में वायुयान, जलयान, चित्रकशास्त्र (कैमरा), स्वयंचलित यंत्र इत्यादि विषयों में भी सफल प्रयोग किए गए थे । एक हजार वर्षपूर्व राजा भोजके किए हुए कार्य को भारतीय शासकों ने दुर्लक्षित किया था, किंतु आज भी विश्व उसे आश्चर्यभरी दृष्टिसे देख रहा है । इस विषय में संसार के 28 विश्वविद्यालयों में अध्ययन और प्रयोग किए जा रहे हैं ।
🚩राजा भोज के राज्य की अखंडता पर कपट से आघात करनेवाला कमाल मौलाना’
राजा भोज के असामान्य कर्तृत्व के कारण उनके राज्यपर आक्रमण करने का साहस किसी को नहीं होता था । उनकी मृत्यु के लगभग 200 वर्ष पश्चात, इस राज्य की अखंडता पर पहला आघात किया सूफी संत के रूप में घूमनेवाले कमाल मौलाना ने ! वर्ष 1269 में मालवा में आए इस मौलाना ने यहां 36 वर्ष रहकर राज्य के तथा यहां के सर्व गुप्त मार्गों की जानकारी एकत्र की । इस काल में उसने इस्लाम का प्रचार, तंत्र-मंत्र, जादूटोना, गंडा-डोरा का योजनाबद्ध प्रयोग कर सैकडों हिन्दुओं को मुसलमान बनाया । इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए अलाउद्दीन खिलजी ने मालवा राज्य पर आक्रमण कर दिया ।
🚩वाग्देवी की मूर्ति का अंगभंग करनेवाला अलाउद्दीन खिलजी
अलाउद्दीन खिलजी ने वर्ष 1305 में मालवा राज्यपर आक्रमण कर दिया । यह आक्रमण रोकने के लिए राजा महलकदेव और सेनापति गोगादेव जी-जान से लड़े । भोजशाला के आचार्यों और विद्यार्थियों ने भी खिलजी की सेना का प्रतिकार किया । किंतु, इस युद्ध में वे पराजित हुए । खिलजी ने 1200 विद्वानों को बंदी बनाकर इनके समक्ष प्रस्ताव रखा -‘इस्लाम धर्म अपना लो’ अथवा ‘मृत्यु’के लिए तैयार हो जाओ । उसने, मुसलमान बनना अस्वीकार करनेवालों की हत्या कर उनके शवों को भोजशाला के यज्ञकुंड में फेंक दिया तथा जिन लोगों ने मृत्युसे भयभीत होकर मुसलमान बनना स्वीकार कर लिया, ऐसे कुछ मुट्ठी भर लोगों को विष्ठा स्वच्छ करने के कार्य में लगा दिया । खिलजी ने भोजशाला सहित हिन्दुओं के अनेक मानबिंदु स्थानों को उद्ध्वस्त किया । उसने वाग्देवी की मूर्ति का भी अंग-भंग किया तथा मालवा राज्य में इस्लामी शासन आरंभ किया ।
🚩श्री सरस्वती मंदिर के कुछ भाग का मस्जिद में रूपांतर
खिलजी के पश्चात गोरी ने वर्ष 1401 में मालवा राज्य को अपना राज्य घोषित किया तथा सरस्वती मंदिर का कुछ भाग मस्जिद में रूपांतरित कर दिया ।
🚩भोजशाला को मस्जिद में बनाने के लिए उसे खंडित करने का प्रयत्न
गोरी के पश्चात महमूदशाह खिलजी ने वर्ष 1514 में भोजशाला को खंडित कर वहां मस्जिद बनाने का प्रयत्न किया । महमूदशाह के इस कुकृत्य का राजपूत सरदार मेदनीराय ने प्रबल प्रत्युत्तर दिया । इस प्रत्युत्तर की विशेषता यह थी कि महमूदशाह को चुनौती देने के लिए सरदार मेदनीराय ने मालवा राज्य के वनवासियों को प्रेरित किया । धर्मयुद्ध की प्रेरणा से संगठित वनवासियों की सहायता से मेदनीराय ने महमूदशाह के हजारों सैनिकों को मार डाला तथा 900 सैनिकों को बंदी बना लिया । अंततः, इस पराजय से भयभीत महमूदशाह ने गुजरात पलायन किया ।
🚩महमूदशाह तो भाग गया; किंतु कमाल मौलाना की मृत्यु के 204 वर्ष पश्चात उसने अपने शासनकाल में, भोजशाला की बाहरी भूमिपर अवैध अधिकार कर वहां पर उसकी कब्र बना दी । यह कब्र आज भी हिन्दुओं के लिए सिरदर्द बनी हुई है । आज इस कब्र के आधारपर देवी सरस्वती के मंदिर को कमाल मौलाना की मस्जिद बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । प्रत्यक्ष में वर्ष 1310 में कमाल मौलाना की मृत्यु के पश्चात उसे कर्णावती (अहमदाबाद), गुजरात में दफना दिया गया ।
🚩हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित कर मंदिर को मस्जिद में रूपांतरित
सैकड़ों वर्ष से आरंभ भोजशाला पर आक्रमण के इतिहास में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात, 12.5.1997 को एक नया मोड़ आया, जब कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक अध्यादेश जारी कर अपना हिन्दूद्वेष प्रकट किया । इस अध्यादेश के अनुसार भोजशालाकी सर्व प्रतिमाओं को हटा दिया गया । वहां हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया । दिग्विजय सिंह का हिन्दूद्वेष इतने पर ही नहीं थमा, उन्होंने भोजशाला को मस्जिद होने की मान्यता दे डाली । उन्होंने, भोजशाला की रक्षा हेतु पराक्रमी हिन्दू राजाओं के और सैनिकों के बलिदान का अनादर करते हुए भोजशाला मुसलमानों को दे डाली । भोजशाला में नमाज पढने की अनुमति देकर उसे भ्रष्ट भी किया गया । इस अध्यादेश से पूर्व भोजशाला में हिन्दुओं की पूजा-अर्चनापर प्रतिबंध था; परंतु प्रवेश की अनुमति थी । यह अनुमति भी इस अध्यादेशद्वारा समाप्त कर दी गई । हिन्दुओं को वर्ष में केवल एक दिन वसंत पंचमीपर विविध प्रतिबंधात्मक नियमों के साथ भोजशाला में प्रवेश की अनुमति दी गई ।
🚩वर्ष 2002 में तो हिन्दुओं को वर्ष में एक दिन दी गई भोजशाला प्रवेश की अनुमति में भी बाधा डाली गई । इस वर्ष की वसंत पंचमी समीप आनेपर कमाल मौलाना के जन्मदिन को निमित्त बनाकर भोजशाला में नमाज, कव्वाली और लंगर का आयोजन किया गया । तत्कालीन कांग्रेसी शासनने भी हिन्दुओंपर पहलेसे अधिक कडा नियम बनाकर धर्मांधों को प्रोत्साहित किया । इस परिवर्तित नियम के अनुसार वसंत पंचमी के दिन हिन्दुओं को दिनके 1 बजेतक ही पूजा-अर्चना करने की तथा मंदिर में अकेले प्रवेश करने की अनुमति दी गई । सबके लिए एक ढोलक, एक ध्वनिक्षेपक और ध्वज भी एक होगा । दोपहर 2 बजे के पश्चात मुसलमानोंका कव्वाली और लंगर का कार्यक्रम आरंभ होगा, यह आदेश प्रशासन ने जारी किया ।
🚩संघर्ष करनेवाले हिन्दुओं पर किए गए अगणित अत्याचार
हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों का हनन करनेवाले प्रशासनिक आदेशको अमान्य कर हजारों हिन्दू भोजशाला में पूजा करने आए । उस दिन राजकीय अवकाश होनेके कारण हिन्दुओंको अपनी न्यायोचित मांगोंके लिए भी कोई मंच उपलब्ध नहीं था । हिन्दूद्वेषी शासकोंके आदेशसे पुलिस कर्मियोंने यज्ञ करने भोजशालामें जानेवाले युगलोंको रोका, गालियां दी तथा महिलाओंके हाथसे पूजाकी थाली छीनकर फेंक दी । हिन्दुओंको धक्के मारकर पीछे ढकेला तथा बिना कोई पूर्वसूचना दिए श्रद्धालुओंपर लाठी प्रहार किया । यह सब सहकर भी हिन्दुओंने कठोर विरोध करते हुए भोजशालामें यज्ञ और सरस्वतीदेवीकी महाआरती पूर्ण की । हिन्दुओंके इस सफल कृत्यसे क्रुद्ध कांग्रेसी राज्यशासनने देवीकी पूजा करनेके अपराधमें 40 कार्यकर्ताओं पर पुलिसकी दैनंदिनीमें असत्य आरोप प्रविष्ट किए । शासनकी इस दमननीतिका प्रत्युत्तर देनेके लिए हजारों लोगोंने धार जनपदके सर्व पुलिस थानोंका घेराव कर अपने आपको बंदी बनवाया । तत्पश्चात, सत्याग्रहके रूपमें प्रत्येक मंगलवारको भोजशालाके बाहर मार्गमें आकर ‘सरस्वती वंदना’ और ‘हनुमान चालीसा पढना’ प्रारंभ किया गया ।
🚩संगठन खड़ा करनेवाले धर्माभिमानी हिन्दू
कांग्रेसी शासन की दमननीति का अनुभव करनेवाले हिन्दुओं ने किसी भी परिस्थितिमें वर्ष 2003 तक भोजशाला हिन्दुओंके लिए मुक्त करनेके उद्देश्यसे व्यापक जनजागरण कर ‘धर्मरक्षक संगम’ सभा आयोजित करनेका निश्चय किया । इन सभाओंको व्यापक जन समर्थन मिलता देखकर घबराए दिग्विजय सिंह शासनने ‘धर्मरक्षक संगम’ को विफल बनानेके लिए प्रयत्न आरंभ कर दिए । कांग्रेसी शासनने अत्यंत निम्नस्तरपर जाकर निम्नानुसार दुष्टताका हथकंडा अपनाकर हिन्दुओंके संगठनमें बाधाएं उपस्थित करनेका प्रयत्न किया।
🚩1 शासन ने, इस कार्यक्रम के प्रचार के लिए चिपकाए गए 20 हजार भित्ति-पत्रकोंको पुलिसकर्मियोंके हाथों फडवा दिया अथवा उनपर कोलतार पोतवा दिया ।
🚩2. वसंत पंचमी समीप आनेपर ही राज्य शासनने ‘ग्राम संपर्क अभियान’ आरंभ कर उसमें 19 हजार हिन्दू राजकीय सेवकों को नियुक्त किया ।
🚩3. ‘धर्मरक्षक संगमके कार्यक्रममें उपद्रव एवं बमविस्फोट होंगे’,यह भय फैलाकर लोगों को कार्यक्रम में जाने से रोका ।
🚩4. वसंत पंचमीके केवल पांच दिन पूर्व धारस्थित सर्व धर्मशाला, पाठशाला, ‘लॉज’ और बसगाडियोंको अधिगृहीत कर लिया गया तथा निजी वाहनवालोंको धमकाया ।
🚩5. गांवोंमें 5 हजार सैनिकोंका पथसंचलन (परेड) करवाकर भयका वातावरण उत्पन्न किया ।
🚩6. वसंत पंचमीके दिन राज्यशासनने 16 केंद्रोंमें 32 विभागोंसे संबंधित जनसमस्याओंका निवारण करनेके लिए शिविरोंका आयोजन किया । इस शिविरमें प्रस्तुत की गई सभी समस्याओंका निवारण तुरंत किया, जिन्हें पहले करनेमें अनेक फेरे मारने पडते थे । इसी प्रकार, इस शिविरमें हजारों लोगोंको निःशुल्क भोजन दिया ।
���कांग्रेसी शासन के उपर्युक्त हिंदुद्रोही षड्यंत्र को विफल करते हुए 1 लाख से अधिक हिन्दू धर्माभिमानी ‘धर्मरक्षा संगम’में उपस्थित हुए थे । इस सभामें शासनको चेतावनी दी गई कि वह भोजशालाको हिन्दुओंके लिए प्रतिबंधमुक्त करे । इस आंदोलनकी तीव्रता देखकर तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री श्री. जगमोहनने भोजशालाको प्रतिबंधमुक्त करनेके लिए मध्यप्रदेशके मुख्यमंत्रीको पत्र लिखा था । तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंहने इस पत्र को कूड़े के डिब्बे में फेकते हुए भोजशालाको कमाल मौलानाकी मस्जिद घोषित कर वहां पूजा करने जानेवाले हिन्दुओंको कारागृहमें डाल दिया तथा उन्हें जानसे मारनेकी धमकी भी दी । यह शासन इतनेपर ही नहीं रुका; उसने पुलिसबलका प्रयोग कर हिन्दुओंका दमन आरंभ कर दिया । इन सर्व अत्याचारोंमें भी अडिग रहकर हिन्दुओंने संगठित होकर जो संघर्ष किया, उसके परिणामस्वरूप 698 वर्ष पश्चात 8.4.2003 को प्रतिदिन दर्शन और प्रत्येक मंगलवारको केवल अक्षत-पुष्पके साथ भोजशालामें प्रवेशको स्वीकृति दी गई । भोजशाला सरस्वती देवीका मंदिर है, यह शासनने स्वीकार किया । वर्षमें केवल वसंतपंचमीपर कुछ प्रतिबंधोंके साथ पूजा करनेकी अनुमति दी गई । दूसरी ओर मुसलमानोंको प्रति शुक्रवार नमाज पढनेकी अनुमति दी गई, जो आजतक चल रही है ।
🚩हिन्दुओं के वसंत पंचमी के उत्सव में नमाज पढ़ने की अनुमति
🚩वर्ष 2003 के पश्चात थोडी-थोडी स्वीकृत मांगोंको मानकर हिन्दू भोजशालामें दर्शनके लिए जाने लगे थे । वर्षमें एक ही दिन वसंत पंचमीको उन्हें वास्तविक अर्थोंमें भोजशालामें विधि-विधानसे पूजा-अर्चना करनेकी अनुमति थी । वर्ष 2006 में शुक्रवारको ही वसंत पंचमी आनेके कारण हिन्दुओंने राज्यशासनसे मांग की कि आजके दिन यहां नमाज न पढने दी जाए, केवल हिन्दुओंको पूजाकी अनुमति मिले, जिसे शासनने अमान्य कर दिया । भारतीय जनता पार्टीके मुख्यमंत्री शिवराज सिंहने मुसलमानोंको संतुष्ट रखनेके लिए तथा अपने दलकी धर्मनिरपेक्ष छवि बनानेके लिए भोजशालाकी यज्ञाग्नि बुझाकर मुसलमानोंको नमाज पढनेकी अनुमति दी । भाजपा नेताओंने हिन्दुओंको फुसलाकर भोजशाला खाली करवाई । दूसरी ओर संत और उपस्थित हिन्दुओंपर गोलियां बरसा कर उन्हें वहांसे भगा दिया गया । इस मार-पीटमें 74 हिन्दू गंभीर रूपसे घायल हुए । हिन्दुओंको पीटनेके साथ-साथ 164 हिन्दुओंपर हत्याके प्रयत्न करनेका अपराध भी प्रविष्ट कर दिया । वहीं, मुसलमानोंको पुलिसके वाहनोंमें बैठाकर वहां नमाज पढनेके लिए सब प्रकारसे सहायता की ।
🚩सरस्वती देवीको बंदीगृहमें रखनेवाले भाजपाके मुख्यमंत्री !
🚩वर्ष 2006 के पश्चात पुनः वर्ष 2011 में भाजपा शासनका हिन्दूद्वेषी रूप दिखा । राजा भोजकी जन्मशताब्दीपर धारके हिन्दुओंने सरस्वती देवीकी भव्य पालकी यात्रा आयोजित की थी । ‘लंदनके संग्रहालयमें रखी वाग्देवीकी मूर्तिको लाकर भोजशालामें स्थापित करूंगा’, ऐसी गर्जना करनेवाले; किंतु सत्तामदसे उन्मत्त भाजपाने मंदिरमें स्थापित वाग्देवीकी नवीन मूर्तिका अधिग्रहण कर बंदीगृहमें डाल दिया; पालकी यात्राके समारोहपर प्रतिबंध लगा दिया एवं इस समारोहका आयोजन करनेवाले कार्यकर्ताओंको भी कारागृहमें डाल दिया । इन कुकृत्योंका जब हिन्दुओंने तीव्र विरोध किया, तब यह मूर्ति हिन्दुओंको हस्तांतरित कर कार्यकर्ताओं को कारागृह से मुक्त किया गया ।
षड्यंत्र में सम्मिलित न होने वाले हिन्दुत्ववादियों को यातनाएं
🚩वर्ष 2012 में भाजपा शासनने पुनः वसंत पंचमीके पूर्व वाग्देवीकी मूर्तिको बंदीगृहमें डालकर सरस्वती जन्मोत्सवपर प्रतिबंध लगा दिया । शासनके इस कृत्यका असमर्थन करनेवाले संघ कार्यकर्ताओंके परिजनोंकी दुर्दशा की गई । तब मूर्तिको कारागृहसे मुक्त करनेके तथा जन्मोत्सवके लक्ष्यसे प्रेरित हिन्दुओंने आमरण अनशन प्रारंभ किया । लोकतंत्रद्वारा स्वीकृत अनशनसमान शांतिपूर्ण मार्गसे होनेवाले आंदोलनको भी शासनने कुचल दिया । स्तोत्र : हिन्दू जन जागृति
https://www.hindujagruti.org/hindi/news/1140.html
हिंदुस्तान में भी हिंदुओं को अपने मदिरों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है बड़ी शर्म की बात है, सरकार को चाहिए कि हिंदुओं को अपने मंदिरों को वापिस कर देना चाहिए।
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jokess1 · 5 years
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पति हाथ-पैर छिलवाकर और एक आंख सुजवाकर घर आया। पत्नी ने घबराकर पति से पूछा: क्या हुआ??? पति : कुछ नहीं, एक औरत स्कूटी से टक्कर मार के निकल गई पत्नी : उसके स्कूटर का नंबर नोट किया, कौन थी, कुछ तो याद होगा? पति : नहीं, दर्द के कारण स्कूटर का रंग और नंबर तो नहीं देख पाया पर बहुत गोरी और सुनहरे बाल वाली थी। उसने गहरे हरे रंग का सूट पहना था, गुलाबी कलर की चूड़ियां, गहरे लाल कलर की लिपस्टिक, कानों में हीरे की बालियां थी, हाथों में मेहंदी लगी थी और हां दाएं गाल पे होठों के पास तिल भी था। इतना बताते ही पति की दूसरी आंख भी सूज गई। पूजा, कानपुर
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nehakhosla · 5 years
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पति हाथ-पैर छिलवाकर और एक आंख सुजवाकर घर आया। पत्नी ने घबराकर पति से पूछा: क्या हुआ??? पति : कुछ नहीं, एक औरत स्कूटी से टक्कर मार के निकल गई पत्नी : उसके स्कूटर का नंबर नोट किया, कौन थी, कुछ तो याद होगा? पति : नहीं, दर्द के कारण स्कूटर का रंग और नंबर तो नहीं देख पाया पर बहुत गोरी और सुनहरे बाल वाली थी। उसने गहरे हरे रंग का सूट पहना था, गुलाबी कलर की चूड़ियां, गहरे लाल कलर की लिपस्टिक, कानों में हीरे की बालियां थी, हाथों में मेहंदी लगी थी और हां दाएं गाल पे होठों के पास तिल भी था। इतना बताते ही पति की दूसरी आंख भी सूज गई। पूजा, कानपुर
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bollywoodpapa · 5 years
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अपनी मां की तरह दिखने के लिए करवाया स्किन ट्रीटमेंट, रात को कैमरे के सामने छुपाया चेहरा!
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अपनी मां की तरह दिखने के लिए करवाया स्किन ट्रीटमेंट, रात को कैमरे के सामने छुपाया चेहरा!
दोस्तों बॉलीवुड फिल्म जगत पहले के समय में फिल्मो में काम करने के लिए खूबसूरती इतना मायने नहीं रखता था, अभिनेत्रियां अपने अभिनय के दम ही अपनी पहचान बना लेती थी लेकिन आज के समय में फिल्म जगत में सफल होने के लिए अभिनय के साथ साथ खूबसूरत होना भी जरुरी हो गया है। यही वजह है कि कई अभिनेत्रियों ने हद से ज्यादा खूबसूरती बढ़ाने के लिए किसी न किसी स्किन ट्रीटमेंट का सहारा लिया है।
आज आपको एक ऐसी ही पॉपुलर स्टार किड के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मां की तरह दिखने के लिए स्किन ट्रीटमेंट का सहारा लिया है। यहां पर बात कर रहे हैं अजय देवगन की लाडली बेटी न्यासा देवगन की। बता देकी अचानक से न्यासा के रूप में बदलाव आ गया है उनका स्किन कलर पहले से ज्यादा चमकदार हो गया है। कुछ लेटेस्ट फोटोस देखने के बाद ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं कि अचानक से यह इतनी गोरी कैसे हो गई ?
आपको बता दें कि उन्होंने स्किन लाइटनिंग का कोई ट्रीटमेंट करवाया है जिसकी वजह से इनके चेहरे पर चमक देखने को मिल रही है। बता दें कि काजोल ने भी अपने करियर की शुरुआत में इस ट्रीटमेंट का सहारा लिया हुआ है। अगर आपने एक काजोल की शुरुआती दिनों में सांवली नज़र आती थी। हाल ही में रात को जब न्यासा को थिएटर जाते हुए देखा गया तो उन्होंने कैमरे की लाइट्स के कारण अपना चेहरा हाथों से छुपा लिया उस दौरान वह स्टाइलिश लुक में नजर आई थी।
काजोल की लाडली हमेशा किसी न किसी वजह से सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बनी रहती है। कुछ दिनों पहले वह अपने पापा अजय देवगन के साथ मंदिर में पूजा करने के लिए गई हुई थी, लेकिन लोगों ने इनको ट्रोल कर दिया क्योंकि उस दौरान न्यासा ने अजीब कपड़े पहने हुए थे। बता दे की अजय देवगन इन दिनों अपनी फिल्म तानाजी: द अनसुंग वॉरियर’ को लेकर काफी चर्चाओं में है जिसमें काजोल भी सावित्रीबाई के किरदार में नजर आएगी । आशा है कि आने वाले समय में अपनी मां की तरह न्यासा भी बॉलीवुड में आएगी ।
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vidrive · 6 years
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शर्त के चक्कर में मेरी मम्मी चुद गई
शर्त के चक्कर में मेरी मम्मी चुद गई
हाई दोस्तों मेरा नाम अभि है मेरी मम्मी का नाम पूजा है और वो एक दम मस्त माल है हमारे घर के सामने वाले अंकल से उसका चक्कर था दोस्तों यह ��हानी मेरी मम्मी को लेकर है.. उनकी उम्र 34 साल है और वो ��हुत ही सुंदर है, गोरी है, उनका चेहरा बहुत ही खूबसूरत हैं.. उनके बूब्स 36 साईज़ के गोल बड़े बड़े हैं, उनकी कमर 34 की हैं और उनकी गांड 38 साईज़ के है.
ये बात तब की है जब मैं और मेरी मम्मी एक दिन हमारे एक…
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lavishakag · 7 years
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मेरी बीवी की पहली चुदाई उसके ड्राईवर ने की थी
(Meri Biwi Ki Pahli Chudai Uske Driver Ne Ki)
फ्रेंड्स, यह मेरी पहली रियल सेक्स स्टोरी है. मैं पिछले 3 सालों से अन्तर्वासना की हिन्दी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.
यह चुदाई कहानी मेरी वाईफ की है. मेरी वाईफ का नाम पूजा है, मेरा नाम राज है. मेरी हाइट 6 फुट और पूजा की 5.7 है. हम दोनों ही रेगुलर जिम जाते हैं.. दोनों ही बहुत आकर्षक दिखते हैं. आप लोगों को पहले मैं पूजा के फिगर के बारे में बता दूँ. उसका फिगर 36-33-38 का है और वो बहुत गोरी है. मेरे लंड का साइज़ नॉर्मल 6 इंच ही है. हम दोनों ने मिलकर खूब सेक्स के मजे लिए हैं. हमने दूसरे जोड़ों के साथ अदला-बदली से लेकर ग्रुप सेक्स तक के सारे मजे लिए हैं.
एक दिन जब मैंने पूजा से अपने पहले सेक्स के बारे में पूछा तो उसने अपना पहला चुदाई का एक्सपीरिएन्स बताया.
सच पूछो दोस्तो, उसका पहला अनुभव सुनकर बहुत मजा आया. उसकी चुदाई के पहले अनुभव को मैं आज आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ. यह बिल्कुल सच है, इसे कोई भी काल्पनिक नहीं समझे.
बात उस समय की है, जब मेरी बीवी जवान ही हुई थी. पूजा के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, दोनों का अपना एक हॉस्पिटल है. वे दोनों दिन भर अपनी डॉक्टरी में बिजी रहते थे. वे दोनों सुबह निकल कर रात तक ही घर आ पाते थे. घर में नौकर ड्राइवर सब सुविधाएं थीं.
तब एक दिन पूजा ने ड्राइविंग सीखने के लिए पापा को बोला, तो पापा ने अपने ड्राईवर कमल को बोला- कमल, तुम बेबी को ड्राइविंग सिखा देना.
आगे की सेक्स स्टोरी पूजा की जुबानी सुनिए.
दूसरे दिन से कमल दिन के टाईम मुझे ड्राइविंग के लिए ले जाने लगा. कमल की उम्र 30 साल के लगभग थी. वो हमेशा मुझे घूर कर अलग सी निगाहों से देखता था. अपनी जवान हो चुकी उम्र में मैं यह सब अच्छी तरह से समझती थी, पर मैं हमेशा नौकरों से दूरी बना कर रखती थी. बड़े बाप की बेटी जो थी.
कमल अकसर मुझे छूने की कोशिश करता था. कुछ दिनों में मैं थोड़ी ड्राइविंग भी सीख गई थी. इतने दिनों में अब कमल मुझे दूसरे नौकरों की तरह खराब नहीं लगता था. वो अकसर कार का डोर बंद करते समय मेरे मम्मों को अपनी कोहनी से हल्का सा रगड़ लेता था, जिससे मुझे भी मजा आता था और मेरे निप्पल टाइट हो जाते थे. यह खेल रेगुलर चलता रहा और घर आकर मैं अपने मम्मों को देखती तो मुझे अपने चूचे एकदम लाल और कड़क लगते थे.
एक दिन मैं घर पर स्कूल से जल्दी आ गई. मैं उस समय 12 वीं क्लास में पढ़ती थी. उस दिन मैं टी-शर्ट में बिना ब्रा के ही बैठी थी और तभी कमल आ गया. उसने मुझसे बोला- चलो आज जल्दी ही चलते हैं.. मुझे कहीं काम से जाना है.
मैं सीधा उठ कर उसके साथ चली गई और अन्दर ब्रा पहनना भी भूल गई. जब उसने हमेशा की तरह डोर बंद करते समय मेरे मम्मों पर अपनी कोहनी टच की, तब हम दोनों को ही शॉक लगा. तब मुझे ध्यान आया कि मैं आज जल्दी में ब्रा पहनना भूल गई. खैर.. आज मुझे और ज्यादा अच्छा लगा और कमल की तो शक्ल ही बता रही थी कि उसने भरपूर मजा ले लिया है.
उस दिन बस यही हुआ. अगले दिन कमल ने कार के डोर में कुछ फँसा दिया, जिसकी वजह से डोर बन्द नहीं हो रहा था.. इसका पता मुझे बाद में लगा. उसने डोर को जाम बताकर जोर से बन्द करने की कोशिश की और मेरे मम्मों पर आज बहुत जोर से कोहनी मारी, जिससे मेरी तो जान ही निकल गई और मैं जोर से चिल्ला दी.
कमल ने एकदम से मेरी चूचियों को अपने हाथों से पकड़ा और सहलाते हुए और सॉरी बोलने लगा. मुझे दर्द के कारण उस पर गुस्सा आया. वो बोलने लगा- पूजा ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है.. एक बार मुझे देखने दो. मैंने मना कर दिया, मेरी आँखों में तो आँसू तक आ गए, पर वो रेगुलरली मेरे मम्मों को सहलाए जा रहा था. अब मुझे भी थोड़ा-थोड़ा बढ़िया लगने लगा.
वो मुझसे बार-बार बोलने लगा कि मुझे एक बार देखने दो, कहीं कुछ ज्यादा तो नहीं लगी.. जिसकी वजह से कहीं बाद में दिक्कत न हो जाए. उसके लगातार हाथ फेरने से मेरी भी काम वासना जाग गई थी और मैंने भी बोल दिया- लो जल्दी से देख लो, मुझे दर्द हो रहा है.
उसने तुरंत मेरी टी-शर्ट को ऊपर किया और उस वक्त मुझे बहुत शरम आई. फर्स्ट टाइम किसी ने मेरे नंगे चूचे देखे थे. वो मुझे मम्मे छू कर बताने लगा कि देखो ये कैसा लाल सा हो गया है. वो ये कहते हुए मेरे दोनों मम्मों को बड़े प्यार से सहलाने लगा. उसके हाथों के मस्त अहसास से मेरी आँखें बन्द हो गई थीं.
तभी मुझे अपने मम्मों पर कुछ गीला-गीला सा महसूस हुआ. मैंने अपनी आँखें खोलकर देखा तो वो अपनी टंग से मेरे मम्मों को चाट रहा था. मुझे इतना मजा आ रहा था जैसे मानो जन्नत मिल गई हो.
अब मेरे हाथ अपने आप उसके सिर पर चले गए और मैं कमल को सहलाने लग गई. उसे पता चल गया था कि अब मैं पूरी उसकी गिरफ्त में हूँ. वो मेरे कोमल होंठों को किस करने लगा. मैं भी उसका पूरा सपोर्ट कर रही थी. फिर उसने किस करते-करते मेरी नाभि को भी किस करना शुरू कर दिया. मेरी तो हालत ही खराब हो गई.
अब तो कमल अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट में डाल कर मेरी बुर को मसलने लगा. इतने में मेरी बुर का पानी निकल गया तो कमल ने तुरंत गाड़ी की सीट को पीछे की तरफ किया और मुझे लिटा कर मेरी पेन्टी उतार दी और मेरी बुर का पानी चाटने लगा. मुझे बुर चुसाई में इतना बढ़िया लगा जितना अब तक जिन्दगी में नहीं लगा था.
अब उसने अपनी पैन्ट और अंडरवियर खोल दी और अपना लंड मुझे पकड़ा दिया. उसका लंड बहुत बड़ा था, लगभग 8 इंच का तो होगा. सच बोलूं तो मैंने अपनी लाइफ में पहली बार लंड देखा था. मुझे उसका काला लंड बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा. लेकिन वो मेरी बुर में उंगली करने लगा, जिससे मैं वासना से भर गई.
अब वो अपने लंड को मेरी प्यारी सी, छोटी सी बुर पर रगड़ने लगा. मुझे लंड का स्पर्श अच्छा तो लग रहा था, पर डर ज्यादा लग रहा था. इतना तो मुझे अपनी सहेलियों से मालूम था कि पहली बार बुर में लंड लेने से बहुत दर्द होता है. पर अब न वो मानने वाला था न मैं बिना चुदवाए रह सकती थी.
उसने मेरी बुर में लंड पेलना स्टार्ट किया. सच बोलूं तो मेरा भाग जाने का मन भी किया.. लंड के कारण बुर में दर्द बर्दाश्त से बाहर था. मेरे मुँह से जोर से एक चीख निकल गई. लेकिन अब तक वो अपना पूरा लंड मेरी बुर में डाल चुका था. वो बोला- दो मिनट और बर्दाश्त कर लो.. फिर बहुत मजा आएगा.
सच में थोड़ी देर बाद मुझे भी बहुत मजा आने लगा, जिसको मैं ब्यान नहीं कर सकती. करीब 10-12 मिनट बाद हम दोनों का पानी निकल गया. उसने ध्यान रखकर अपने लंड का पानी बाहर निकाला. झड़ने के बाद वो मुझे प्यार से चूम रहा था. इतने में हमें किसी के गैराज की तरफ आने की आवाज आई, हमने तुरंत अपने कपड़े पहने और ड्राईव पर निकल गए.
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jetendrapal · 7 years
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बढ़ जाता है मान वीर का रण में बलि होने से। मूल्यवान होती है सोने की भस्म सदा सोने से।। चलो डासना देवी मंदिर 12.11.2017, 9:00 बजे प्रातः *इतिहास गवाह है,* *हिन्दू ने कभी हिन्दू का साथ नहीं दिया,* तोे अकेले होकर होकर क्या हिन्दुओ तुम जीत पाओगे* आओ मिलकर लडे़ जहाँ एक तरफ धर्मगुरू यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने डासना में धर्म यौद्धाओं को शसक्त कर रहै हैं वहीं सेक्यूलर चोला ओढे़ जिहादी वामपंथी और राजनीतिक चाटुकार फन उठाये विरोध कर रहे हैं यही सही समय है आओ इन आस्तीन के सांपों का फन कुचले। *इतिहास गवाह है,* क्या कारण था *मोहम्मद गोरी से अकेले पृथ्वीराज चौहान* ने ही युद्ध किया.. बाकी *पड़ोसी हिन्दू राजा* क्या कर रहे थे..? क्या कारण था *अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा* ले रहे थे.. बाकी पूरे भारत के राजा कहाँ थे.? क्या कारण था *महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खां और ओरगंजेब से युद्ध लड़ रहे थ*े, बाकी के हिन्दू राजा….? *क्या आप जानते हो-- हिंदुओं की आपसी फूट और घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को कभी एकमत और एक साथ नहीं होने दिया तो…. !!* *जागो समझो और साथ दो..!!* ऐसे भी *हमारा देश सैकड़ों-हज़ारों साल से विदेशी आक्रमणों* को झेल रहा है। कभी हम *सनातनी (हिंदु) पूरे विश्व पर फैले* थे। आज इसी आपसी फूट के कारण *भारत में भी अस्तित्व की लड़ाई लड़* रहे हैं। *_विचार कीजिएगा!!...._* *ब्रह्म वाक्य* *आज का भारतीय मुसलमान* *अतीत का कायर हिंदू था,* *और* *आज का कायर हिंदू* *भविष्य का मुसलमान होगा।* 🤔 कड़वी बात..... तय करो हमारे मंदिरो का संचालन जिहादियों और राजनीतिक चाटुकारों के हाथ में होगा या हिन्दुओं के हाथ में। चलो डासना-महापंचायत 12.11.2017: 9AM बस कुछ ही साल पहले तक *दुर्गा*पूजा बंगाल का मुख्य त्योहार था और आज *मुहर्रम* हो गया। *सोते_रहो*और मोदी को कोसते रहो☹ डासना देवी मंदिर की महापंचायत तय करेगी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिन्दुओ का भविष्य। महाभारतकालीन प्राचीन देवी चंडी मंदिर डासना जेल रोड़ निकट टोल टैक्स गाजियाबाद यूपी आपका हार्दिक स्वागत करता है। चलो डासना देवी मंदिर 12.11.2017, प्रातः 9:00 बजे आप सभी की उपस्थिती प्रार्थनीय है। ।। हर हर महादेव ।।
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