#पीएम किसान स्कीम के एक वर्ष
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PMKMY: बुजुर्गों के लिए सरकार ने निकाला यह धांसू स्कीम, हर महीने मिलेगी इतनी पेंशन
PMKMY: सरकार के द्वारा किसानों के लिए कई सारी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है जिससे कि किसानों को खेती किसानी करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और इसके लिए सरकार के द्वारा किसानों को आर्थिक धनराशि भी प्रदान की जाती है केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के अंतर्गत एक योजना पीएम किसान मानधन योजना है जिसके अंतर्गत पात्र किसानों को हर महीने पेंशन दिया जाता है Join my groupwhatsapp groupjoin on telegramtelegram group किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में किसान मानधन योजना सबसे अधिक लोकप्रिय योजना है क्योंकि इस योजना का बेनिफिट उन किसानों के लिए अधिक फायदेमंद है जिनकी उम्र अधिक हो चुकी है और वह खेती किसानी का कार्य करने में धीरे-धीरे असमर्थ होते जा रहे हैं क्योंकि इस योजना का सबसे अधिक बेनिफिट 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को मिलेगा केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं के अंतर्गत किसान सम्मान निधि योजना की तरह ही प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के अंतर्गत भी हर महीने खाते में ₹3000 पेंशन के रूप में देने का प्रावधान निर्धारित किया गया है लेकिन यदि दोनों योजनाओं में अंतर देखा जाए तो इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत काफी ज्यादा अंतर देखने को मिलता है क्योंकि किसान सम्मान निधि योजना कोई भी ऐसा किसान जो कि खेती किसानी का कार्य करता है और इस योजना के अंतर्गत लाभ लेना चाहता है वह इसका लाभ ले सकता है यहीं पर किसान मानधन योजना के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं क्या है PMKMY के नियम और कैसे मिलेगा लाभ PMKMY के नियम अनुसार जिस प्रकार से आप किसी बैंक में डिपॉजिट करते हैं और आपको थोड़ी-थोड़ी धनराशि जमा करनी होती है उसी प्रकार से यह योजना विशेष रूप से किसानों के लिए शुरू की गई है जिसमें किसानों को इस योजना के अंतर्गत पहले कुछ धनराशि जमा करनी होती है जिसके बाद जब इसकी मैच्योरिटी पूरी हो जाती है तो 60 वर्ष के बाद किस का बेनिफिट देखने को मिलता है पीएम किसान मानधन योजना के अंतर्गत जो भी धनराशि इस योजना के लिए जमा की जाती है यह वास्तव में किसानों को खुद की जेब से भरने की आवश्यकता नहीं होती है इस योजना के अनुसार लाभ लेने वाले किसानों के पास कम से कम 2 हेक्टेयर की जमीन और होने वाली इनकम अधिकतम ₹15000 या इससे कम होनी चाहिए बता दें कि इस योजना के लिए पात्र श्रेणी में सिर्फ हुआ ही किसान आते हैं जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर के 40 वर्ष के बीच है इस प्रकार के किसान इस योजना के लिए आवेदन करके योजना का लाभ 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद ले सकते हैं यदि आप एक किसान और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसके बाद जांच की जाएगी और यदि आप जांच में इस योजना के लिए पात्र पाए जाते हैं तो आप इसका लाभ ले सकते हैं पीएम किसान मानधन योजना के लिए ऐसे करें आवेदन - Pradhanmantri Kisan mandhan Yojana के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए - पीएम किसान मानधन योजना के लिए जरूरी दस्तावेज के रूप में जमीन का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर की जरूरत होती है - जब एक बार आप इन सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर लेते हैं तो आपको अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर विजिट करना होगा - और सीएससी संचालक को Pradhanmantri Kisan Man Dhan Yojana (PMKMY) योजना के लिए फॉर्म भरने के लिए कहना होगा - जिसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा रजिस्ट्रेशन करते समय आप जो बैंक के अकाउंट का उपयोग करेंगे उसी बैंक का अकाउंट के द्वारा किस की पहली रकम काटी जाएगी - ध्यान ��खें कि जब आप इस योजना के लिए आवेदन करते हैं तो आपको एक रसीद भी प्राप्त होती है जो कि सीएससी सेंटर के द्वारा प्राप्त कर लेनी चाहिए बताते चलें कि पीएम किसान मानधन योजना के लिए 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच खेती किसानी का कार्य करने वाले किसानों के लिए अलग-अलग किस्त निर्धारित की गई है जिसके अनुसार ₹50 से लेकर ₹200 के बीच में आवेदनकर्ता को किस्त जमा करनी पड़ती है यह किस्त 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक जमा करनी होती है और 60 वर्ष पूरा होने के बाद किसानों को पेंशन के रूप में हर महीने ₹3000 की धन राशि प्रदान की जाती है इस प्रकार से 12 महीने में कुल मिलाकर ₹36000 का लाभ प्राप्त होता है follow on: Google news Read the full article
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किसानों को सालाना 6000 रुपये देने वाली स्कीम में हुए ये 5 बड़े बदलाव, लाखों रुपये के फायदे उठाने का आखिरी मौका
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किसानों को सालाना 6000 रुपये देने वाली स्कीम में हुए ये 5 बड़े बदलाव, लाखों रुपये के फायदे उठाने का आखिरी मौका
पीएम किसान के तहत पहले चरण में 87 हजार करोड़ रुपये का बजट था
हर किसान को सालाना 6,000 रुपये की नगद सहायता देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम में ��स दौरान पांच बड़े बदलाव हुए हैं. जिससे किसानों को 6 हजार रुपये की सहायता से कहीं अधिक का फायदा होने वाला है.
News18Hindi
Last Updated: February 25, 2020, 6:07 AM IST
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) शुरू हुए आज एक साल पूरे हो गए. हर किसान को सालाना 6000 रुपये की नगद सहायता देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम में इस दौरान पांच बड़े बदलाव हुए हैं. जिससे किसानों को छह हजार रुपये की सहायता से कहीं अधिक का फायदा होने वाला है. मोदी सरकार ने इस स्कीम की औपचारिक शुरुआत 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर से की थी.
आपको बता दें कि सरकार ने PM-Kisan के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) जारी करने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान शुरू किया है. अगले 15 दिन तक सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे. इसके जरिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज खेती के लिए लिया जा सकता है. ये कर्ज 4 प्रतिशत की दर से मिलता है. केसीसी बनवाने का फायदा 25 फरवरी तक उठा सकते हैं.
आइए बात करते हैं इसके महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में…
कोई भी स्टेटस देख सकता है>>यदि आपने भी इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है और अब तक बैंक अकाउंट (Bank Account) में पैसा नहीं आया है तो उसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल (PM Kisan Portal) पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है.
पीएम किसान स्कीम से केसीसी को जोड़ा गया
लाभ पाने के लिए खुद कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन>>अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा. कोई भी ‘किसान पोर्टल’ पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और वेरीफिकेशन में अब पहले से काफी कम समय लगेगा.
इससे केसीसी को लिंक कर दिया गया है >>पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी मुहैया करवाने का फैसला किया है. यानी पीएम-किसान योजना को केसीसी से लिंक कर दिया गया है. इससे 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर पर मिल जाएगा.
इस समय देश में 6.67 करोड़ एक्टिव किसान क्रेडिट कार्ड हैं. पीएम-किसान सम्मान निधि के लगभग 3 करोड़ लाभार्थी हैं जिनके पास केसीसी नहीं है. ��ूंकि बैंकों के पास पहले से ही PM-KISAN लाभार्थियों की अधिकांश जानकारी मौ��ूद है इसलिए बैंकों को किसानों के लिए केसीसी जारी करने में दिक्कत नहीं आएगी.
जानिए, कैसे मिलेंगे खेती के लिए सालाना 6000 रुपये
केसीसी के लिए फसल बीमा करवाने से छूट पहले किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों को फसल बीमा स्कीम (PMFBY) में भी शामिल होना पड़ता था. भले ही किसान न चाहे. इसे पीएम किसान स्कीम में लिंक करने के बाद अब फसल बीमा को स्वैच्छिक बना दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद देश के लाखों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है.
पहले छोटे किसानों के लिए थी अब सबके लिए है.
जब दिसंबर 2018 में इस स्कीम के तहत पैसा देना शुरू किया गया था तब यह स्कीम सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही थी. इस दायरे में केवल 12 करोड़ ही किसान आते थे. इसलिए इसका बजट 75 हजार करोड़ रुपये तय किया गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया कि मोदी सरकार दोबारा सत्ता आई तो सभी 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा.
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ
बीजेपी जीत गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में वादा पूरा कर दिया. इसके साथ ही स्कीम का फंड बढ़ाकर 87 हजार करोड़ कर दिया गया.
ये भी पढ़ें: PM-Kisan स्कीम हेल्पलाइन: 36 हजार करोड़ रुपये का ऐसे उठाएं फायदा!
PM-किसान सम्मान निधि: तीन किसानों को मिलेगा 1 लाख, 50 और 25 हजार का इनाम!
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First published: February 25, 2020, 6:07 AM IST
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केंद्र सरकार: अब मिलेगा प्रति माह 3 हजार रुपए वृद्धा पेंशन ! अप्लाई करने के लिए जानें सभी नियम व शर्तें।
केंद्र सरकार से मिलने वाला वृद्धा पेंशन में अब बढ़ोतरी की गयी है मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब यह राशि 3 हजार रुपए प्रति माह तक हो सकती है। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति के जीवन यापन के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम किसी वरदान से कम नहीं है। भारत के किसानों के लिए बड़ा तोहफा भारत में किसानों को हमेशा से सरकार की तरफ से बस आश्वासन ही मिला है लेकिन इस बार केंद्र सरकार की तरफ से किसानो को बहुत बड़ा तोहफा मिलने वाला है। सरकार का मानना है कि इस योजना के तहत भारत के किसानों की 60 साल के बाद वाले जीवन का उद्धार हो जायेगा। सम्मान निधि योजना से जुड़ना ज़रूरी इस योजना का फायदा लेने के लिए आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना से रजिस्टर्ड होना चाहिए। इस स्कीम का नाम पीएम किसान मानधन योजना है। इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी की तरफ से कुछ नियम व शर्तें राखी गयी है, जिनका पालन करना जरूरी होगा। लाभार्थियों को अब तक कितना मिला लाभ ? पीएम किसान मानधन योजना के तहत लाभार्थियों को अब तक 11 किस्तों का लाभ मिल चुका है। अगर इस वित्त वर्ष की बात करें तो अगस्त - नवंबर की किस्त अब तक 10,33,65,662 किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर कर चुकी है। वहीं अप्रैल-जुलाई की किस्त के रूप में 11,09,32,044 किसान परिवार लाभ ले चुके हैं। क्या है फायदे की बात ? अब अगर आपके फायदे की बात करें, तो जिसमें आप आसानी से 1 रुपए खर्च किए बिना भी 3,000 रुपये की किस्त हर महीना ले सकते हैं। इसके लिए आपको कोई दस्तावेज भी नहीं देना पड़ेगा। इस योजना के तहत आपको 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन की मिलती रहेगी। इस हिसाब से हर साल खाते में 36,000 रुपये आएंगे। जन सेवा केंद्र (CSC) से करें अप्लाई सबसे पहले अपने नज़दीकी जन सेवा केंद्र (CSC ) में जाएं अगर आप पीएम किसान के लाभार्थी नहीं हैं, तो अपने सभी दस्तावेज़ों को यहां देना होगा, और ग्राम स्तर उद्यमी को एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा। फिर वह आधार कार्ड को आपके आवेदन पत्र से जोड़ेगा और व्यक्तिगत व बैंक ��िवरण भरेगा। सब्सक्रइबर की आयु के अनुसार मासिक भत्ता होगा देय इसके बाद सब्सक्रइबर की आयु के अनुसार देय मासिक अंशदान की ऑटो गणना की जाएगी। नामांकन सह ऑटो डेबिट जनादेश प्रपत्र प्रिंट किया जाएगा और यहां आपको हस्ताक्षर करना पड़ेगा। किसान पेंशन खाता संख्या के साथ किसान कार्ड मिल जाएगा। Read Also: केंद्र सरकार: 1 जुलाई 2022 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% बढ़ोतरी का हुआ ऐलान। Read the full article
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PM किसान: अप्रैल-जुलाई की किस्त आने में लग सकता है और वक्त, इस वजह से हो रही देरी Divya Sandesh
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PM किसान: अप्रैल-जुलाई की किस्त आने में लग सकता है और वक्त, इस वजह से हो रही देरी
नई दिल्ली कोविड19 के बढ़ते मामलों की वजह से वित्त वर्ष 2021-22 में पीएम किसान सम्मान निधि की पहली किस्त किसानों के खाते में पहुंचने में देरी हो सकती है। इस किस्त का इंतजार 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवार कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अप्रैल-जुलाई 2021 के लिए पीएम किसान की 2000 रुपये की किस्त किसानों के खाते में पहुंचने में कुछ और दिन लग सकते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सरकार छोटे व सीमांत किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये पहुंचाती है। ये पैसे तीन किस्तों में आते हैं। अप्रैल-जुलाई 2021 के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के तहत पीएम किसान की पहली किस्त के बीच अभी तक किसानों के खातों में नहीं पहुंची है। पिछले साल ज्यादातर लाभार्थियों को 24 मार्च से 20 अप्रैल के बीच किस्त मिल गई थी।
देरी की वजह इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीएम किसान की किस्त में देरी को लेकर कहा है कि हम राज्यों की ओर से रिक्वेस्ट फॉर ट्रान्सफर पर हस्ताक्षर होने और बाकी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। किस्त जारी करने में लगभग एक सप्ताह लग सकता है। अधिकारी के मुताबिक, कोविड19 संकट की वजह से फील्ड टीम्स को वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने मे��� वक्त लग रहा है। हम अप्रैल—जुलाई की किस्त के तौर पर 19000 करोड़ रुपये का अमाउंट लगभग 9.5 करोड़ पात्र किसानों को एक बार में जारी करना चाहते हैं। जितनी जल्दी हो सके, यह धनराशि जारी की जाएगी।
कैसे चलती है प्रक्रियापीएम किसान की गाइडलाइंस के मुताबिक, राज्य नोडल अधिकारी पात्र किसानों के डाटा का सत्यापन करते हैं और उन्हें वक्त-वक्त पर विभिन्न बैच में पोर्टल पर अपलोड करते हैं। वेरिफाइड डाटा के आधार पर राज्य नोडल अधिकारी रिक्वेस्ट फॉर ट्रान्सफर पर हस्ताक्षर करते हैं, जिनमें लाभार्थियों की कुल संख्या रहती है। इसके बाद पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम फंड ट्रान्सफर ऑर्डर जारी करता है, जिसके आधार पर कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग उल्लिखित धनराशि के लिए ट्रांजेक्शन आदेश जारी करता है। इसके बाद किस्त लाभार्थी के खाते में पहुंचती है।
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PM-KISAN योजना- जानिए किन्हें मिल सकता है पीएम किसान स्कीम का लाभ
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) ने 24 फरवरी 2021 को दो साल पूरे कर लिए। पीएम किसान योजना, 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश भर के सभी भूमिधारी किसान परिवारों को निश्चित योग्यताओं के तहत खेती योग्य भूमि के साथ आय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में हर साल प्रत्येक चार महीने पर दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तें यानी 6000 रुपए की राशि डाली जाती है।
PM-KISAN योजना का लाभ किन्हें मिल सकता है
सभी भूमिधारी किसान परिवार, जिनके नाम पर खेती योग्य भूमि है, योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
PM-KISAN योजना का लाभ किन्हें नहीं मिल सकता है
पीएम-किसान से बाहर किए जाने वालों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर अधिकारी और कर्मचारी और साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और सरकारी स्वायत्त निकाय शामिल हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ 10,000 रुपए से अधिक की मासिक पेंशन वाले पेंशनर्स और पिछले मूल्यांकन वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले पेशेवर भी लाभ के पात्र नहीं हैं।
पीएम-किसान योजना का लाभ एक वर्ष में कितनी बार दिया जाएगा?
PM-KISAN योजना के तहत, सभी भूमिधारी किसानों के परिवारों को हर चार महीने में 2000 रुपए की तीन समान किस्तों में 6000 रुपए प्रति परिवार प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा। इस स्कीम के तहत प्रति वर्ष पहली किस्ती एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच, दूसरी किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच, तीसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर के बीच सीधे लाभार्थियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं।
केवल छोटे और सीमांत किसानों को पीएम किसान योजना?
शुरुआत में जब PM-KISAN योजना (फरवरी, 2019) शुरू की गई थी, तो इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए ही था, जिसमें 2 हेक्टेयर तक की संयुक्त भूमि थी। इस योजना को बाद में जून 2019 में संशोधित किया गया और सभी किसान परिवारों को उनकी भूमि के आकार के बावजूद बढ़ाया गया। केंद्र सरकार ने देश में सभी 14.5 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रति वर्ष 6,000 रुपये का लाभ देने का फैसला किया ��ा, भले ही उनकी भूमि के आकार के अनुसार कुछ भी हो।
सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने पीएम-किसान योजना के तहत 10.75 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में सीधे 1.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि को ट्रांसफर किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम-किसान की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने तोमर को राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी पात्र किसानों को इस प्रमुख कार्यक्रम का लाभ मिले। तोमर ने कहा कि इस योजना से अब तक 10.75 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं और केंद्र ने 1.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे किसानों के बैंक खातों में वितरित किए हैं।
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PM Kisan सम्मान स्कीम के साथ मिलते हैं ये तीन और फायदे, आप भी जरूर जानें
PM Kisan सम्मान स्कीम के साथ मिलते हैं ये तीन और फायदे, आप भी जरूर जानें
नई दिल्ली. पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi scheme) किसानों के लिए मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है. इस योजना से अब तक 11 करोड़ 58 लाख किसान जुड़ चुके हैं. इसके तहत किसानों को हर वर्ष 6000 रुपए की राशि तीन किश्तों में दी जाती है. अब तक इसकी 7 किश्त भेजी जा चुकी है. रिपोर्ट्स की मानें तो 8वीं किश्त किसानों के खाते में 31 मार्च को भेज दी जाएगी. लेकिन, क्या…
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बजट 2020: वित्त मंत्री ने किसानों के लिए किया 16 सूत्रीय योजना का ऐलान, जानें इसमें क्या-क्या होगा फायदा
चैतन्य भारत न्यूज निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट शनिवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। बजट में किसानों को लेकर भी कई ऐलान किए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि, 'हमारी सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने को लेकर प्रतिबद्ध है। किसानों के लिए नए बाजार को खोलने की जरूरत है, ताकि उनकी आय को बढ़ाया जाएगा।' किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि, हमारी सरकार किसानों के लिए 16 सूत्रीय योजना का ऐलान करती है, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। आइए जानते हैं वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किसानों के लिए कौन-कौनसे 16 सूत्रीय योजना का ऐलान किया है- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); किसानों के लिए बजट में 16 सूत्रीय योजना मॉर्डन एग्रीकल्चर लैंड एक्ट को राज्य सरकारों द्वारा लागू करवाना। पानी की कमी को देखते हुए 100 जिलों में पानी की व्यवस्था के लिए बड़ी योजना चलाई जाएगी, ताकि किसानों को पानी की दिक्कत ना आए। पीएम कुसुम स्कीम के जरिए किसानों के पंप को सोलर पंप से जोड़ा जाएगा। इसमें 20 लाख किसानों को योजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 15 लाख किसानों के ग्रिड पंप को भी सोलर से जोड़ा जाएगा। फर्टिलाइजर का संतुलित इस्तेमाल करना, ताकि किसानों को फसल में फर्टिलाइजर के इस्तेमाल की जानकारी को बढ़ाया जा सके। सभी वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज को नाबार्ड (NABARD) अपने अंतर्गत लेगा और इसे नए तरीके से विकसित किया जाएगा। देश में और भी वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। इसके लिए PPP मॉडल अपनाया जाएगा। सीतारमण ने महिला किसानों के लिए धन्य लक्ष्मी योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत बीज से जुड़ी योजनाओं में महिलाओं को मुख्य रूप से जोड़ा जाएगा। दूध, मांस, मछली समेत जल्द खराब होने वाली चीजों को खराब होने से बचाने के लिए वातानुकुलित 'किसान रेल' कोच चलाए जाएंगे। किसानों के अनुसार, एक जिले, एक प्रोडक्ट पर फोकस किया जाएगा। कृषि उड़ान योजना को शुरू किया जाएगा। इंटरनेशनल, नेशनल रूट पर इस योजना को शुरू किया जाएगा। जैविक खेती के जरिए ऑनलाइन मार्केट को बढ़ाया जाएगा। बागवा��ी क्षेत्र में भी सुधार होने की बात कही। बागवानी के किसानों के लिए जिला स्तर पर योजना लाई जाएगी। बागवानी क्षेत्र में 311 मिलियन मीट्रिक टन की वर्तमान में पैदावार है और अब इसके बेहतर विपणन निर्यात के लिए एक उत्पाद एक जिले की व्यवस्था होगी। एकीकृत कृषि प्रणाली मधुमक्खी पालन पर जोर होगा। दूध के प्रोडक्शन को दोगुना करने के लिए सरकार की ओर से योजना चलाई जाएगी। 2025 तक दुग्ध उत्पादन दोगुना (108 मिलियन मैट्रिक टन) करने का लक्ष्य। किसान क्रेडिट कार्ड योजना को 2021 के लिए बढ़ाया जाएगा।मनरेगा के तहत चारागार को जोड़ दिया जाएगा। युवा और मत्स्य विस्तार पर भी काम किया जाएगा। युवाओं को तटवर्ती इलाकों के रोजगार मिलेगा। मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को दी जाने वाली मदद को दीन दयाल योजना के तहत बढ़ाया जाएगा। जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को भी मजबूत कर किसानों को प्रेरित करेंगे। ये भी पढ़े... निर्मला सीतारमण ने कश्मीरी शेर पढ़ इस अंदाज में पेश किया बजट, यहां LIVE देखें भाषण लाल कपड़े में बजट लेकर संसद पहुंची निर्मला सीतारमण, तोड़ी बरसों पुरानी परंपरा बजट सत्र 2020: राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- CAA लागू कर सरकार ने पूरा किया बापू का सपना, विपक्ष ने किया हंगामा Read the full article
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भूमिका
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां किसान अपनी कड़ी मेहनत और प्रयास के बल पर देश की वृहत्तम आबादी का भरण-पोषण करते हैं। यह बात अलग है कि वह खेती से अपनी आय में न तो बढ़ोत्तरी कर पाता है और न ही अपना जीवन व स्वास्थ्य खुशहाल रख पाता है। जीवन के आखिरी चरण में वह अपने आप को कहीं अधिक असुरक्षित महसूस करने लगता है। इस तथ्य को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किसानों के लिए एक पेंशन योजना की घोषणा की है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची (झारखंड) में ‘‘प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना’’ (पीए��-केएसवाई) का शुभारंभ किया।
इस योजना का उद्देश्य वृद्धावस्था में प्रवेश करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे स्वास्थ्य-परक तथा खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।
संबंधित तथ्य
इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर किसानों को सरकार न्यूनतम 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि यह योजना स्वैच्छिक एवं अंशदान आधारित पेंशन स्कीम है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को 55 से 200 रुपये प्रतिमाह सेवानिवृत्ति अर्थात 60 वर्ष की आयु पूरी होने तक, पेंशन निधि में अंशदान (Premium) जमा करना होगा। अंशदान की धनराशि का निर्धारण योजना से जुड़ने के समय उनकी आयु के आधार पर किया जाएगा।
पेंशन निधि में किसान द्वारा अंशदान की गई राशि के बराबर धनराशि केंद्र सरकार अपनी ओर से जमा करेगी।
उल्लेखनीय है कि पीएम-किसान योजना के तह��� मिलने वाली धनराशि को किसान सीधे पेंशन योजना की योगदान राशि के रूप में भुगतान कर सकते हैं।
योजना के लिए पात्रता एवं शर्तें
इस योजना में 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी छोटे और सीमांत किसान सम्मिलित हो सकते हैं।
इस योजना का लाभ पति और पत्नी दोनों अलग-अलग भी उठा सकते हैं।
योजना की शर्तों के अनुसार – (1) यदि किसी कारणवश कोई किसान इस स्कीम को छोड़ना चाहता है, तो पेंशन निधि में उसके द्वारा जमा कराया गया अंशदान ब्याज सहित उसे वापस कर दिया जाएगा। (2) सेवानिवृत्ति की तिथि के पूर्व यदि अंशदाता का निधन हो जाता है, तो पति/पत्नी मृत व्यक्ति की शेष आयु तक अंशदान का भुगतान यथावत जारी रख सकता है। (3) यदि सेवानिवृत्ति की तारीख के पश्चात अंशदाता की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को पेंशन धनराशि का 50 प्रतिशत परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा। (4) सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व अंशदाता की मृत्यु होने की दशा में यदि कोई पति-पत्नी नहीं है, तो नामित व्यक्ति को ब्याज सहित योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
इस योजना के संचालन हेतु पेंशन कोष का फंड प्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम (L.I.C.) को नियुक्त किया गया है। पेंशन भुगतान के लिए निगम जवाबदेह होगा।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसान अपना पंजीकरण साझा सेवा केंद्र (Common Service Centre) में जाकर करवा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार नंबर, बैंक की पासबुक तथा भूजोत की प्रति का विवरण उपलब्ध करवाना होगा। यह पंजीकरण निःशुल्क होगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा इस योजना को पांच करोड़ किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
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आग की तरह जीत का जज्बा पैदा करो - अमित शाह
कोटा में 'भाजपा सोशल मिडिया वालिन्टियर्स मीट’ में उमड़ा युवा शक्ति का सैलाब, बडी संख्या में कोचिंग विद्वार्थी भी पहुंचे न्यूजवेव @ कोटा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘न्यू इंडिया-2022’ मिशन शुरू किया है। देश में सुराज का माहौल 20 से 40 वर्ष के शिक्षित युवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। युवाओं में तेज तर्रार दिमाग है, वे देश को हर क्षेत्र में बहुत आगे ले जाने में सक्षम हैं। वे अपने भीतर आग की तरह जीतने का जज्बा बनाए रखें।
शनिवार को कोटा में कॉमर्स कॉलेज परिसर में आयोजित ‘भाजपा सोशल मिडिया वालिन्टियर्स मीट’ में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहली बार ‘स्किल इंडिया’ जैसा कैम्पेन शुरू कर एक करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा। युवा शक्ति को आईक्यू के बल पर आगे बढ़ाने के लिए स्टार्टअप स्कीम शुरू की, जिससे लाखों युवा नए स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। खचाखच भरे अटल सभागार में उन्होंने कहा कि कोटा शहर में देश और दुनिया से कॅरिअर की पढाई करने के लिए विद्यार्थी आते हैं। युवाओं का यह सैलाब प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया के सपने को सच कर सकता है। क्योंकि अगले 20 से 30 वर्षाें तक ऐसे युवाओं की देश को जरूरत है। यहां से आईआईटीयन, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस बनकर निकलते हैं, जो देश को एक कदम आगे बढाने में मदद करते हैं। शाह ने कहा कि सभी राज्यों में भाजपा तीन कारणों से जीती। पहला, ग्रामीण भारत और किसान के लिए विकास कार्य, दूसरा, दलित व आदिवासियों के बल पर सभी सीटें जीती और तीसरा, युवा शक्ति ने साइबर योद्धा बनकर जीत दिलाई। अगले चुनाव में राज्य में वसुंधरा राजे और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार फिर से विजयी होगी। जिसमें फैलने की क्षमता हो, वो जीतता है
भाजपा अध्यक्ष के रूप में विभिन्न राज्यों के अनुभव सुनाते हुए उन्होंने भाजपा के साइबर योद्धाओं से कहा कि हवा से दीपक टिमटिमाता है, लेकिन अग्नि उसे जलाए रखती है। चौराहे पर आग लग जाए तो उसे रोकना मुश्किल हो जाता है, इसी तरह जिसमें आग की तरह फैलनेे की क्षमता हो, वो ही जीतते हैं। 20 हजार से अधिक सभी साइबर योद्धा 18002090920 पर मिस्ड कॉल करके ‘नमो एप’ अपलोड कर लें और चेतक की तरह सोशल मीडिया पर देश के नवनिर्माण में जुट जाएं। आप 24 घंटे सभी सोशल मिडिया पर एक्टिव रहते हैं, इससे हम सरकार की योजनाओं को, अच्छे विकास कार्यों को लोगों तक तेजी से पहुंचा सकते हैं। विपक्षी महागठबंधन ढकोसला है ���न्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मोदी सरकार के विकास कार्यों से अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकारें बन रही हैं, उससे विपक्षी दलों की नींद उड़ गई। अलग-अलग राज्यों के नेता मिलकर केवल सत्ता पाने के लिए महागठबंधन बना रहे हैं, जो महज ढकोसला है। क्या एक-एक साल के 21 बच्चे खडे़ हो जाएं तो 18 वर्ष की सत्ता से शादी कर सकते हैं। सो��ल मीडिया पर ऐसे कार्टून बनाकर सच दिखाओ। आज सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के फोलोअर्स विदेशों में ज्यादा हैं जबकि नरेंद्र मोदी से देश का हर युवा सीधा जुडा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2019 में मोदी सरकार जीतने के बाद देश के कोने-कोने में घुसकर अशांति फैलाने वाले घुसपैठिए बाहर किए जाएंगे। गरीब माताओं के आंसू पोछे मोदी ने उन्होंने कहा कि मोदी कहते हैं, मैं समाज का प्रधान सेवक हूं। गरीबी के चलते करोडों माताओं को चूल्हे के धुंए से नेत्रज्योति चली जाती थी, मोदी सरकार ने 5.50 करो़ड़ माताओं को रसोई गैस कनेक्शन से जोड़ा। उन्होंने पीएम होकर भी खुद झाडू उठाकर देश में स्वच्छता अभियान चलाया। गांवों में शौचालय बनाकर 40 करोड़ आबादी को स्वच्छता से जोड़ा। शहरों के लिए स्मार्टसिटी योजना शुरू की। देश के सभी गांवों तक बिजली पहंुचाने का काम तेजी से चल रहा है। जीत का मैनेजमेंट सीखें साइबर योद्धा उन्होंने सोशल मीडिया से जुडे कार्यकताओं को आगामी चुुनाव में जीत का मंत्र देते हुए कहा कि वे डाटा एवं रिसर्च में अपडेट रहें। दूसरा, मंडल स्तर पर डाटा एनालिसिस हो और तीसरा, संवाद उपर से नीचे और नीचे से उपर निरंतर जारी रहे।
सम्मेलन में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, संगठन मंत्री चंद्रशेखर, केबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी, प्रभूलाल सैनी,बाबूलाल वर्मा, संसदीय सचिव नरेंद्र नागर, सांसद ओम बिरला ,दुुष्यंत सिंह एवं सुभाष महेरिया, हाडौती के सभी विधायक सहित कई जनप्रतिनिधी मौजूद रहे। सभागार के बाहर नमो टी स्टाल पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा रही। इससे पहले दोपहर 3 बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहर नगर एलन कैम्पस में हुए शक्ति केंद्र सम्मेलन में हाडौती के चारों जिलों के कार्यकर्ताओं को आने वाले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर जीत दिलाने की रणनीति समझाई। सभा में चारों ओर मोदी-मोदी के नारे गूंजते रहे।़ Read the full article
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LIVE बजट 2017, Live Budget 2017 India, Union Budget 2017
Live Budget 2017: अरुण जेटली पेश कर रहे हैं आम बजट, IRCTC से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्स खत्म
वित्तमंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश कर रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि हम नीतिगत प्रशासन की ओर बढ़े हैं. हमारा फोकस युवाओं की तरक्की पर है. पिछले ढाई सालों में शासन के तरीकों में बदलाव आया है.
@12.01 बजे -नई मेट्रो रेल नीतियां लाई जाएगी. 3500 किलोमीटर नई रेल बिछाई जाएंगी. नेशनल हाइवे के लिए 67 हजार करोड़ रुपये
@11.57बजे- पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल संरक्षा कोष बनाया जाएगा, एक लाख करोड़ का प्रावधान. रेल का बजट 1,31, 000 करोड़ का होगा. 70 राज्य निर्माण और विकास के लिए चुने गए हैं. 500 स्टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएंगे. नदियां, सड़कें और रेल देश की जीवन रेखा है. पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें होंगी. आज भरतीय रेलवे को दूसर परिवहन साधनों से चुनौती है. आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्स खत्म.
@11.54 बजे - पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल सुरक्षा कोष बनाया जाएगा. इसके लिए एक लाख करोड़ का प्रावधान. रेल का बजट 1,31, 000 करोड़ का होगा.
@11.52 बजे - दलितों के कल्याण के लि 52,393 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. एससी/एसटी और अल्पसंख्कों का फंड बढ़ा.
@11.49 बजे - झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स बनाए जाएंगे. 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेद्रों का विकास किया जाएगा. मेडल पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा की सीटें बढेंगी. 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है.
@11.46 बजे- सरकारी स्कूलों में शिक्षा क्वालिटी की जांच की जाएगी, जिसके लिए योजना लाई जाएगी. उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन किया जाएगा. गांवों में महिला शक्ति केंद्र स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान. मनरेगा के लिए 48000 करोड़ का आवंटन.
@11.43- पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम. स्कूलों में विज्ञान की शिक्षा पर जोर दिया जाएगा. दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत 4818 करोड़ रुपये का प्रावधान. प्रधानमंत्री कौशल केंद्र 600 जिलों में.
@11.42 बजे- स्वच्छ भारत मिशन में खासी प्रगति हुई है. गामीण इलाकों में अब 60 फीसदी सैनिटेशन प्रबंध. मार्च 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाई जाएगी.
@11.39 बजे- मनरेगा में आवंटन से ज्यादा खर्च किया गया. मनरेगा में इस साल भी 5 लाख तालाब का लक्ष्य रखा गया है. जेटली ने कहा, एक करोड़ परिवारों को ��रीबी से बाहर लाना है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए नया कानून. मनरेगा में अंतरिक्ष विज्ञान की मदद ली जाएगी, काम स्पेस टेक्नोलॉजी से जांचा जाएगा.
@11.37 बजे- इस साल खेती 4.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद. माइक्रो सिंचाई फंड के लिए शुरुआती 5000 करोड़ रुपये का फंड. डेयरी उद्योग के लिए नाबर्ड के जरिये 8 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम. दुग्ध पैदावार के लिए 300 करोड़ का शुरुआती फंड. एक करोड़ परिवारों के लिए मिशन अंत्योदय.
@11.27 बजे - बजट में दस बातों पर खास जोर रहेगा. आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों, नौजवनों पर जोर.. किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे. किसान कर्ज पर ब्याज में कटौती की गई. किसानों के लोन के लिए दस लाख करोड़ रुपये.
@11.25 बजे- सुधार की दिशा में अहम फैसले लिए गए हैं. बजट को लेकर तीन बड़े सुधार किए गए. बजट पारंपरिक समय से पहले पेश किया गया. पहली बार आम बजट के साथ रेल बजट, जो कि ऐतिहासिक फैसला है.
@11.22 बजे- नोटबंदी से बैंकों की क्षमता भी बढ़ी है. बैंक ब्याज दर में कमी कर पाए हैं. बापू ने कहा था कि साधन सही हों तो साध्य सही. दो साल में 7 प्रतिशत से 7-8 प्रतिशत विकास दर की उम्मीद. ग्रामीण इलाकों में निवेश पर फोकस रहेगा.(धीर-गंभीर अरुण जेटली के बजटीय भाषण में शेरो-शायरी का भी दिखा अंदाज)
@11.18 बजे- भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्माता देश है. हमारी अर्थव्यवस्था ने कई झटके मजबूती से झेले. महंगाई दर घटी है और वह काबू में रहेगी. जीएसटी और नोटबंदी दो ऐतिहासिक फैसले हैं.सरकार का नोटबंदी एक साहसिक और निर्णायक फैसला रहा. इसके दूरगामी परिणाम होंगे. नोटबंदी से साफ-सुथरी और सही अर्थव्यवस्था. नोटबंदी से टैक्स का दायरा बढ़ेगा. टैक्स से बचना लोगों की जीवनशैली हो गई है.(भारतीय संविधान में कहीं नहीं है बजट शब्द का उल्लेख, पढ़ें ‘बजट’ की कहानी)
@11.17 बजे- महंगाई दर काबू में आई है. तेल के दामों की अनिश्चितता एक चुनौती है. भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है. हमारे फोकस में नौजवान होंगे, जो विकास के फायदे ले सकें. देश में विदेशी निवेश बढ़ा है. चालू खाता घाटा भी कम हुआ है. हमारी वित्तीय मजबूती भी बढ़ी है. आईएमएफ के अनुसार-हमारी अर्थव्यवस्था तेजी की तरफ है.
@11.13 बजे- हमारी सरकार कालेधन से लड़ रही है. पिछले सालों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. हम असंठित के मुकाबले संगठित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़े हैं.
@11.04 बजे - संसद में बजट पेश होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन न��� लोकसभा में पूर्व मंत्री ई अहमद के निधन पर शोक प्रकट किया. सदन ने 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके सम्मान में सदन को कल स्थगित रखा जाएगा.
@10.45 बजे- लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया है कि बजट आज ही पेश होगा.
@10.30 बजे- यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है. इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था.यही नहीं अरुण जेटली का भी यह चौथा बजट है. साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं हो रहा है. इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है. नोटबंदी के बाद इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. सो लोगों को राहत देने के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं. माना जा रहा है कि सरकार इस बजट में मध्य वर्ग को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में छूट की मौजूदा सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर सकती है.(अरुण जेटली ने कहा- भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है : 5 खास बातें)
@10.00 बजे- साथ ही 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये और नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 2 लाख रुपये की छूट की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख और 2.5 रुपये करने की उम्मीद की जा रही है. साथ ही होम लोन पर मिलनेवाली छूट भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जा सकती है. उद्योग जगत पर नोटबंदी की मार को देखते हुए कॉरपोरेट टैक्स में 2 फीसदी की कटौती की उम्मीद है. किसानों को राहत देने के लिए सरकार कृषि योजनाओं की रकम को बढ़ा सकती है. साथ ही रीयल एस्टेट सेक्टर भी इस बजट में रियायतों की बाट जोह रहा है. प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली को लागू करने की तैयारी के बीच सरकार सेवा कर को बढ़ाकर 15 से 18 फीसदी कर सकती है, जिससे आम आदमी की जेब और हल्की हो जाएगी.
@9.00 बजे वित्त मंत्री बजट में किसानों और ग्रामीण भारत के अलावा महिलाओं, सामाजिक सुरक्षा क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान देंगे. कृषि के अलावा जेटली घरेलू विनिर्माण तथा स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहन के लिए भी योजनाओं की घोषणा करेंगे. कर विशेषज्ञों तथा अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अरुण जेटली प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली को लागू करने की तैयारी के बीच सेवा कर की दर को बढ़ा सकते हैं
अरुण जेटली बुधवार को आम बजट पेश करेंगे। 93 साल में ऐसा पहली बार होगा जब रेल बजट पेश नहीं होगा। पहली बार आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। अपनी बजट स्पीच में जेटली GST के मद्देनजर सर्विस टैक्स बढ़ाने का एलान कर सकते हैं। वहीं, इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है। इससे आठ लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री हो सकती है। जेटली 50 हजार रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाने का एलान भी कर सकते हैं। जानिए, इस बजट में क्या होगा पहली बार और क्या 10 एलान कर सकते हैं जेटली...
2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता। 2.5 से 5 लाख रुपए की इनकम पर 10% टैक्स लगता है। 5 से 10 लाख रुपए की इनकम पर 20% टैक्स लगता है। 10 लाख रुपए ��े ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है। - सभी स्लैब में इनकम टैक्स पर 3% एजुकेशन सेस भी लगता है। - 60 से 80 साल की उम्र हो तो 3 लाख रुपए और 80 से ज्यादा उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता। 3. कई तरह के बिल होंगे महंगे, 3% तक बढ़ सकता है सर्विस टैक्स - अरुण जेेटली बजट में सर्विस टैक्स को मौजूदा 15% से बढ़ाकर 16-18% करने का एलान कर सकते हैं। - इसका मकसद इसकी दर को GST के लिए प्रपोज्ड रेट्स के करीब लाना है। GST को 1 जुलाई से लागू करने का टारगेट रखा गया है। - सर्विस टैक्स बढ़ता है तो बजट के बाद रेस्त्रां में खाने का बिल, फोन बिल, हवाई सफर समेत तमाम सेवाएं महंगी हो सकती हैं। - ये चौथा मौका होगा जब जेटली सर्विस टैक्स बढ़ाएंगे। - पिछले बजट में सर्विस टैक्स से 2.31 लाख करोड़ रुपए हासिल होने का अनुमान लगाया गया था। - यह केंद्र के कुल 16.30 करोड़ रुपए के टैक्स रेवेन्यू के बजट अनुमान के 14% के बराबर है। 4. रेल सफर में छूट के लिए जरूरी किया जा सकता है आधार - सरकार बजट में रेल सफर पर छूट या रियायतों के लिए आधार नंबर को जरूरी बनाने पर विचार कर रही है। - रेलवे में करीब 50 कैटेगरी में टिकट में छूट मिलती है। इनमें सीनियर सिटीजन, स्टूडेंट्स, रिसर्च स्कॉलर, टीचर्स, डॉक्टर्स, नर्स, मरीज, खिलाड़ी, बेरोजगार युवा और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी शामिल हैं। 5. चीनी हो सकती है सस्ती
Budget 2017 Live: जेटली बोले, इस क्वॉर्टर के बाद नोटबंदी का नहीं रहेगा असर
92 साल बाद 2017-18 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश कर रहे हैं। आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी का असर इस क्वॉर्टर के बाद समाप्त हो जाएगा।
नोटबंदी पर वित्त मंत्री ने जारी किया टैक्स डेटा
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का बचाव सोमवार को जारी हुए टैक्स डेटा के जरिए किया है जिसमें एक्साइज ड्यूटी में 31 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। साल 2015 की समान अवधि (अप्रैल से दिसंबर) के मुकाबले जहां एक ओर डायरेक्ट टैक्स में 12.1 फीसदी का उछाल देखने को मिला तो वहीं दूसरी तरफ इनडायरेक्ट टैक्स में 25 फीसदी का इजाफा देखा गया। ये आंकड़े वित्त मंत्रालय ने जारी किए हैं।
सिर्फ कस्टम ड्यूटी में दिखी गिरावट
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर में अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच ओवरऑल बढ़ोतरी बीते वर्ष इसी समय की तुलना में 25 प्रतिशत रही है। इसके अलावा उत्पाद शुल्क में भी 43 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई है जब कि सर्��िस टैक्सी वसूली 24 प्रतिशत बढ़ी है।
उन्होंने आगे कहा कि डायरेक्ट टैक्स की बात करें तो इस अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच डायरेक्टर टैक्स में 12.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सेंट्रल एक्साइज दिसंबर 2015 के मुकाबले ��िसंबर 2016 में 31.6 प्रतिशत बढ़ा है। दिसंबर 2015 के मुकाबले दिसंबर 2016 में कस्टम्स में 6.3 प्रतिशत की कमी आई है।
अप्रत्यक्ष करों में हुई बढ़ोतरी
जेटली के अनुसार नवंबर 2016 के मुकाबले दिसंबर 2016 में इनडायरेक्ट टैक्स में 12.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। राज्यों से मिलने वाले वेट पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों से वेट वसूली में बढ़ोतरी हुई है।जेटली ने कहा कि यह एक कच्चा अनुमान है, वास्तविक अनुमान बजट पेश होने के दौरान सामने रखे जाएंगे। जेटली ने कहा कि नवंबर महीने में वैट वसूली बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दिसंबर महीने में सिर्फ कस्टम्स ड्यूटी की वसूली में 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, वह भी इसलिए क्योंकि गोल्ड का आयात प्रभावित हुआ जो कस्टम्स ड्यूटी का बड़ा स्रोत है\
1. 93 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं हाेगा - ऐसा पहली बार हाेगा जब रेल बजट को आम बजटमें मर्ज होगा। 1924 में अंग्रेजों के वक्त से 2016 तक रेल बजट अलग से पेश किया जाता रहा है। - नीति आयोग के मेंबर बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई की कमेटी ने रेल बजट खत्म करने की सिफारिश की थी। - दरअसल, रेलवे सरकारी खजाने से 40 हजार करोड़ रुपए मिलने के बाद हर साल करीब 10 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड के तौर पर चुकाता है। रेलवे को कमर्शियल वेंचर माना जाता है। उसे सरकार और दूसरे सेक्टर्स से ऐड मिलते हैं। उसका 6% रेलवे केंद्र को देता है। 2. आम बजट पहली बार 1 फरवरी को पेश होगा - 1924 से आम बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश होता आ रहा है। इस बार ऐसा पहली बार होगा जब बजट फरवरी की पहली तारीख को पेश होगा। - ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सालाना खर्च से जुड़े प्लान और प्रपोजल्स को अगला फाइनेंशियल ईयर शुरू होने से काफी पहले संसद की मंजूरी मिल सके। - 2000 तक आम बजट शाम 5 बजे पेश होता था। लेकिन वाजपेयी सरकार के वक्त 2001 में यशवंत सिन्हा ने यह ट्रेंड बदला और बजट 11 बजे पेश होने लगा। बजट में ये हो सकते हैं एलान 1# 50 हजार रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर लग सकता है टैक्स - बजट में जेटली बैंक कैश ट्रांजैक्शन टैक्स का एलान कर सकते हैं। - इसके तहत 50 हजार रुपए से ज्यादा के विदड्रॉअल या कैश ट्रांजैक्शन पर यह 1 से 2% टैक्स लग सकता है। - इसका मकसद यह है कि लोग कैश में लेनदेन से बचें और डिजिटल पेमेंट का मोड अपनाएं। - देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए बनी कमेटी ने भी ऐसी ही सिफारिश की थी। - यह भी माना जा रहा है कि सरकार 5 या 10 लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर बैन भी लगा सकती है। 2. आठ लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है टैक्स फ्री - बजट में इनकम टैक्स में छूट 2.5 लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना हो सकती है। - 80C के तहत अभी आप 1.5 लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के साथ 2 लाख रुपए की छूट ले सकते हैं। यह लिमिट बढ़ाकर 80C के तहत 2 लाख और NPS के तहत ढाई लाख रुपए बढ़ाई जा सकती है। - होम लोन के इंटरेस्ट पर अभी 2 लाख की छूट मिलती है। इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है। - इस तरह अभी आप 80C, NPS और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर जो 6.5 लाख रुपए सालाना की छूट ले सकते हैं, वह बढ़कर 8 लाख रुपए हाे सकती है। अभी ये है टैक्स स्लैब
आम बजट 2017 : 8 लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री!
वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को अपना चौथा आम बजट पेश करेंगे. मंगलवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी सरकार ने स्वीकार किया है नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. ऐसे में जेटली बजट में कुछ कर राहत दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके. इसके अलावा 93 साल में यह पहला मौका होगा जब रेल बजट पेश नहीं होगा. ऐसे में यह बजट कई मायनों में अलग है. यह भी पहली बार हो रहा है कि आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है.
सरकार चाहती है कि सालाना खर्च से जुड़ी योजनाओं और प्रस्तावों को अगले वित्त वर्ष शुरू होने से काफी पहले संसद की मंजूरी मिल सके. नोटबंदी की मार झेल चुके आमजनों को उम्मीद कि जेटली इस बार आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करेंगे. जीएसटी के चलते सेवा कर बढ़ सकता है. आयकर छूट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इनकम आठ लाख रुपए तक की इनकम कर मुक्त हो सकती है.
कुछ इस तरह से कर मुक्त हो सकती है 8 लाख की इनकम बजट में आयकर में छूट 2.5 लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना करके जेटली राहत दे सकते हैं. 80सी के तहत फिलहाल 1.5 लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत 50000 रुपये की छूट मिलती है. यह सीमा बढ़ाकर 80सी के तहत 2 लाख और एनपीएस के अंतर्गत 2.5 लाख रुपए की जा सकती है. होम लोन की ब्याज पर अभी 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है. इस तरह अभी 80सी, एनपीएस और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर जो 6.5 लाख रुपए सालाना की छूट मिलती है. वह बढ़कर 8 लाख रुपए हो सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो काफी राहत मिलेगी.
फिलहाल इस तरह है कर ढांचा 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता. 2.5 से 5 लाख रुपए की इनकम पर 10% टैक्स लगता है. 5 से 10 लाख रुपए की इनकम पर 20% टैक्स लगता है. 10 लाख रुपए से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है. सभी स्लैब में इनकम टैक्स पर 3% एजुकेशन सेस भी लगता है. 60 से 80 साल की उम्र हो तो 3 लाख रुपए और 80 से ज्यादा उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता.
कॉर्पोरेट टैक्स घटा सकती है सरकार नोटबंदी में सबसे ज्यादा मार उद्योग क्षेत्र में पड़ी है. ऐसे में सरकार कॉर्पोरेट टैक्स में 2% की कटौती कर सकती है. इससे मौजूदा दर 30% से घटाकर 28% किया जा सकता है. सरकार का टारगेट 2018-19 तक कॉर्पोरेट टैक्स को 25 फीसदी पर लाने का है. हालांकि जानकारों का कहना है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से नीचे लाना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार के चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद की 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान में नोटबंदी से पैदा हुए दिक्कतों को शामिल नहीं किया गया है.
LIVE : बजट 2017 : अरुण जेटली ने कहा- भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है : 5 खास बातें
- सरकार देश में किसी भी मिल में बनने वाली चीनी पर एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्रति क्विंटल 124 रुपए सेस वसूलती है। सेस से मिलने वाली रकम से शुगर डेवलपमेंट फंड बनाया गया है। - बजट पर अगर यह सेस वापस लिया जाता है तो चीनी 1.24 रुपए प्रति किलो सस्ती हो सकती है। थोक बाजार में चीनी अभी 40 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रही है। 6. कॉर्पोरेट टैक्स में 2% की कमी आ सकती है - काॅर्पोरेट टैक्स में दो फीसदी की कमी की जा सकती है। इससे मौजूदा दर 30% से घटकर 28% रह सकती है। - सरकार का टारगेट 2018-19 तक काॅर्पोरेट टैक्स को 25 फीसदी पर लाने का है। 7. सीधे रेल किराए में इजाफे के आसार कम - पहली बार आम बजट के साथ पेश किए जा रहे रेल बजट में सीधे रेल किराए में इजाफा होने के आसार कम हैं। - इस साल भी बीच-बीच में किराया बढ़ाने का ऑप्शन सरकार अपना सकती है। 8. रेलवे में सेफ्टी पर रहेगा ��ोर, नए ट्रेनों के एलान की गुंजाइश कम - बढ़ते रेल हादसों के ��द्देनजर आम बजट में रेलवे में सेफ्टी बढ़ाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के फंड का एलान हो सकता है। - नई ट्रेनों का एलान होने की भी गुंजाइश कम है। 9. डिफेंस बजट में होगा इजाफा - अनुमान है इस बार डिफेंस बजट में 10% तक इजाफा हो सकता है। - पिछली बार डिफेंस बजट 3.40 लाख करोड़ रुपए था। - डिफेंस पर खर्च करने के मामले में भारत दुनिय��� में चौथे नंबर पर है। भारत डिफेंस पर पाकिस्तान से छह गुना ज्यादा और चीन से तीन गुना कम खर्च करता है। 10. सोशल सेक्टर की स्कीम्स में होंगे बड़े एलान - चुनाव आयोग के आदेश के बाद सरकार पंजाब-यूपी समेत पांच चुनावी राज्यों के लिए बजट में कोई एलान नहीं कर सकती। लेकिन वह हेल्थ-एजुकेशन जैसे सोशल सेक्टर्स, किसानों, गांवों और महिलाओं के लिए बड़े एलान कर सकती है।
Union Budget 2017 : मोदी सरकार का चौथा बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा कि हमारी सरकार कालेधन से लड़ रही है. पिछले सालों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. हम असंठित के मुकाबले संगठित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़े हैं.
पढ़ें जेटली द्वारा कही गई पांच बातें... नोटबंदी सरकार का साहसिक फैसला है. बैंक ब्याज दरों में कटौती कर पाए हैं. महंगाई दर काबू में आई है. तेल के दामों की अनिश्चितता एक चुनौती है. भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है. हमारे ध्यान में नौजवान होंगे, जो विकास के फायदे ले सकें. देश में विदेशी निवेश बढ़ा है. हमारा फोकस युवाओं की तरक्की पर है. पिछले ढाई सालों में शासन के तरीकों में बदलाव आया है. बापू ने कहा था कि साधन सही हों तो साध्य सही. दो साल में 7 प्रतिशत से 7-8 प्रतिशत विकास दर की उम्मीद. ग्रामीण इलाकों में निवेश पर फोकस रहेगा.
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PM Kisan Maan Dhan Yojana : किसान मानधन योजना में नए रजिस्ट्रेशन शुरू, अब किसानों को मिलेंगे सालाना 42 हजार
PM Kisan Maan Dhan Yojana में नए Registration शुरू : मोदी सरकार ने किसानों (Farmers) के हित के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं ! सरकार की इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) से किसान (Farmer) हर साल 36000 रुपये का लाभ उठा सकते हैं ! केंद्र सरकार किसानों (Farmers) के हित में कई योजनाएं चला रही है ! इसका सीधा लाभ लाखों किसानों (Farmers) को मिल रहा है ! इन्हीं योजनाओं में से एक है सरकार की पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) ! PM Kisan Maan Dhan Yojana में नए Registration शुरू, किसानों को मिलेंगे अब सालाना 42 हजार PM Kisan Maan Dhan Yojana इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) के तहत सरकारी नौकरी करने वाले लोगों की तरह ही किसानों (Farmers) को हर महीने पेंशन (Pension) मिलती है ! पीएम किसान मन धन योजना(PM Kisan Maan Dhan Scheme ) के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन (Pension) का प्रावधान है ! 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच का कोई भी किसान (Farmer) इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) में भाग ले सकता है ! यह पेंशन फंड भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है ! योजना को बंद करना चाहते हैं यदि कोई किसान (Farmer) इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) को बीच में छोड़ना चाहता है ! तो उसका पैसा नष्ट नहीं होगा जब तक वह स्कीम छोड़ता है, तब तक जो पैसा जमा होगा ! उसे बैंकों के बचत खाते के बराबर ब्याज मिलेगा ! यदि पॉलिसी धारक (Policy Holder) किसान (Farmer) की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को 50 प्रतिशत प्राप्त होता रहेगा ! हर महीने 3000 रुपये पेंशन(PM Kisan Maan Dhan Yojana Registration ) इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) के तहत, उम्र के अनुसार मासिक योगदान करने के बाद, 60 वर्ष की आयु के बाद, आपको 3000 रुपये मासिक या 36000 रुपये सालाना पेंशन (Annual pension) मिलती है ! इसके लिए अंशदान ५५ रुपये से २०० रुपये मासिक है ! अब तक, २१ लाख से अधिक किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं ! जानिए इस पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana)का लाभ कैसे उठाएं ! जानिए क्या है ये स्कीम पीएम किसान मान धन योजना (PM Kisan Maan Dhan Yojana) में 18 से 40 वर्ष के बीच के किसान पेंशन योजना (Kisan Pension Scheme) में भाग ले सकते हैं ! जिनके पास खेती के लिए अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि है ! उन्हें योजना के तहत न्यूनतम 20 वर्षों के लिए मासिक 55 रुपये से 200 रुपये और अधिकतम 40 वर्ष तक योगदान करना होगा ! इस योजना के तहत, किसान (Farmer) का योगदान सरकार द्वारा किए गए योगदान के बराबर होगा ! यानी अगर पीएम किसान खाते (PM Farmer Accounts) में आपका योगदान 55 रुपये है ! तो सरकार आपके खाते में भी 55 रुपये का योगदान करेगी ! योगदान इतना पैसा से शुरू हो सकता है, यह किसानों (Farmers) की उम्र पर निर्भर करता है ! उदाहरण के लिए, यदि आप 18 वर्ष की आयु में शामिल होते हैं ! तो मासिक योगदान 55 रुपये या वार्षिक योगदान 660 रुपये होगा ! वहीं, यदि आप 40 वर्ष की आयु में शामिल होते हैं ! तो आपको योगदान करना होगा 200 रुपये महीना या 2400 रुपये सालाना! इस तरह पंजीकृत हो जाओ (PM Kisan Maan Dhan Yojana Registration ) PM Kisan Maan Dhan Yojana इसके लिए, किसान को निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाना होगा ! और अपना पंजीकरण करवाना होगा ! इसके लिए किसान (Farmer) के आधार कार्ड और खसरा खतियान की एक प्रति लेनी होगी ! इसके साथ ही किसान (Farmer) और बैंक की पासबुक की 2 पासपोर्ट साइज फोटो भी लगानी होगी ! पंजीकरण के दौरान, किसान (Farmer) को पेंशन यूनिक नंबर और पेंशन कार्ड बनाया जाएगा इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं है ! Read the full article
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यूपीए सरकार के कृषि बजट से तीन गुना राशि मोदी सरकार ने सीधे किसानों के खातों में भेजी : चौधरी Divya Sandesh
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यूपीए सरकार के कृषि बजट से तीन गुना राशि मोदी सरकार ने सीधे किसानों के खातों में भेजी : चौधरी
जयपुर। कृषि भवन में गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में संसदीय कार्यों की तैयारी को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और पुरुषोत्तम रुपाला सहित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि तो मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई है।
कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है, दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई। कैलाश चौधरी ने बताया कि स्वामित्व योजना को अब देशभर में लागू किया जाएगा। कृषि क्षेत्र के क्रेडिट टारगेट को 15 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 16 लाख करोड़ रुपये तक किया गया है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री चौधरी ने बताया कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया गया�� उन्होंने कहा कहा कि अब सभी कमोडिटी पर डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2021 में एमएसपी के लिए 75,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एपीएमसी को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा। देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनाए जाएंगे। कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का है।
छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है नए कृषि कानून- कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह कर रहे हैं कि नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन से मंडियां व एमएसपी बंद हो जाएगी और किसानों की जमीन चली जाएगी। हकीकत में नये क़ानून लागू होने के बाद ना तो देश में कोई मण्डी बंद हुई है, ना ही एमएसपी पर रोक लगी है, बल्कि फ़सलों की ख़रीद बढ़ी है। ये क़ानून किसी किसान के लिए बंधन नहीं हैं, बल्कि ये उन्हें विकल्प देते हैं।
उन्होंने कहा कि पुरानी मण्डियों को इनसे कोई ख़तरा नहीं है। हमने इन मण्डियों को आधुनिक बनाने का संकल्प लिया है। इनके लिए बजट बढ़ाया गया है। इसको लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी संसद में आश्वासन दिया है कि जब तक हमारे छोटे किसानों को उनके नये अधिकार नहीं मिलते, तब तक उनकी आज़ादी अधूरी है। हमारी सरकार ने हर क़दम पर छोटे किसानों की मदद करने का काम किया है। अब हमें किसानों को विकल्प देने ही होंगे।
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Budget 2021- आंदोलन के बीच किसानों के लिये ये दो बड़े ऐलान कर सकती है वित्त मंत्री!
संसद के दोनों सदनों में पास हुए तीन कृषि कानून के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं, दोनों पक्षों में लगातार कई दौर के बाद भी अब तक कोई समाधान नहीं निकला है, इस बीच आज संसद में पेश होने वाले बजट में पीएम मोदी की अगुवाई वाली एऩडीए सरकार किसानों के लिये दो बड़े ऐलान कर सकती है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिये बजट पेश करने वाली हैं।किसान सम्मान निधि योजनाबजट पेश होने से पहले ये अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना और किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है, इस बार के बजट में पीएम किसान के तहत मिलने वाली रकम को सलाना 6 हजार से बढाकर 10 हजार रुपये तक किया जा सकता है, माना जा रहा है कि कृषि कानून के विरोध के बीच मोदी सरकार किसानों को एक संदेश भी देना चाहती है, कि उनके हित के लिये जरुरी फैसले लिये गये हैं।आय दोगुनीये भी संभव है कि साल 2022-23 तक सरकार इसके जरिये किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में भी ये कदम उठा रही हो, आपको बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में कृषि के लिये सरकार का बजट अनुमान 1.51 लाख करोड़ रुपये था, जो इस बार बढकर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो सकता है, किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार छोटे तथा सीमांत किसानों को सलाना 6 हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है, ये रकम दो हजार रुपये की तीन किस्त में भेजी जाती है, किसानों का कहना है कि उनकी जरुरत से हिसाब से ये रकम बहुत कम है, पीएम मोदी ने इस स्कीम को दिसंबर 2018 में लांच किया था, इस योजना की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार अब तक 11.47 करोड़ किसानों को लाभ मिल चुका है।केसीसी की लिमिट बढाने की तैयारीमोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कृषि कर्ज का लक्ष्य बढाकर 19 लाख करोड़ रुपये कर सकती है, केन्द्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद को ध्यान में रखते हुए कृषि कर्ज का लक्ष्य बढाकर 19 लाख करोड़ रुपये कर सकती है, सरकार किसानों के लिये कई स्कीम चला रही है, जिसमें से एक किसान क्रेडिट कार्ड भी है, इसमें खेती के कामकाज के लिये सस्ती दर पर लोन मुहैया कर��या जाता है, मोदी सरकार बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा सकती है।आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
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PM KISAN : दिसम्बर की क़िस्त ना छूटे इस लिए जल्द कराये रजिस्ट्रेशन
नई दिल्ली। भारतीय किसानों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान स्कीम की छठी किस्त किसानों के खाते में भेज दी है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी किस्त अगस्त में किसानों के खातों में हस्तांतरित की। सरकार अब दिसंबर में 2,000 रुपये की अगली किस्त किसानों
यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री ने लॉन्च की प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना , किसानों को होगा फा
के खातों में भेजेगी। अगर आप इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एलिजिबल हैं लेकिन अब तक आपने इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो इसमें बिल्कुल देर मत कीजिए।
यह भी पढ़ें : आलू के बाद सातवे आसमान पर पंहुचा प्याज, डबल हुई कीमतें, कब मिलेगी राहत
अगर आप इस योजना के लिए जल्द रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं और पीएम किसान के लाभार्थियों की सूची में आपके नाम को शामिल कर लिया जाता है तो आपको दिसंबर से ही 2,000 रुपये की किस्त मिलने लगेगी। (पीएम-किसान) में रजिस्ट्रेशन के लिए पास के CSC (Common service centre) पर जाना पड़ेगा। अगर आपने (पीएम-किसान) ऐप को डाउनलोड कर लिया है तो घर बैठे ही ये सारे काम ��सानी से निपटाए जा सकते हैं। इस ऐप के जरिए योजना से जुड़ी जरूरी शर्तों के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।
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1 दिसंबर 2018 को शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत 9.9 करोड़ से भी अधिक किसानों को 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रत्यक्ष नकद लाभ प्रदान किया गया है। इसने किसानों को अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने और अपने-अपने परिवारों को आवश्यक सहारा देने में सक्षम बनाया है। तो आइये बिना देर किये जाने कैसे करे आवेदन सबसे पहले (पीएम-किसान) की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग-इन करें। आधिकारिक वेबसाइट पर आपको ‘फार्मर्स कार्नर’ का विकल्प दिखेगा। जिसके बाद यहां आपको ‘नई फार्मर रजिस्ट्रेशन’ का टैब मिलेगा। ‘न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन’ के विकल्प पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलता है। अब नए पेज पर अपने 12 अंक की आधार संख्या के साथ कैप्चा कोड एंटर करें। इसके बाद ‘क्लिक हेयर टू कंटिन्यू’ के विकल्प पर क्लिक कीजिए।
यह भी पढ़ें : महिला किसानों के लिए कारगर साबित होंगे : कृषि यंत्र
इसके बाद आपको यह चुनना होगा कि आप ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं या शहरी क्षेत्र से। इस विकल्प को चुनने के बाद आपको एक नए पेज पर रिडायरेक्ट किया जाएगा। इस पेज पर आपको विभिन्न तरह की जानकारी देनी होगी। सभी जानकारी को भरकर आप इस फॉर्म को सबमिट कर सकते हैं। जिसके बाद आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
यह भी पढ़ें : किसानों के लिए राहत, अब व्यापारी बनकर अपना कृषि उत्पाद कहीं भी बेच सकते हैं किसान
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PM मोदी ने किसानों के हित के लिए शुरू की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की योजना
नई दिल्ली। देश में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं Farm infrastructure projects को बढ़ावा देने और उन्हें सस्ता कर्ज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को लॉन्च किया. पीएम सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस योजना की शुरुआत की। सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती लोन का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के फंड के साथ कृषि-इंफ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी। आपको बता दे की यह फंड एक लाख करोड़ रुपये का होगा। इस एक लाख करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में कृषि क्षेत्र से संबंधित ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा जैसे कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी सहित कई अन्य को इससे मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एक लाख करोड़ रुपए का यह फंड फाइनेंसिंग सुविधा उत्पादित फसल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और फसलों के भंडारण से जुडे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए दी जाएगी। इन केंद्रों में मुख्य एग्री कोऑपरेटिव सोसायटी, फार्मर प्रोड्यूसर ऑगेनाइजेशन, कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में कोल्ड चेन, आधुनिक स्टोरेज फैसिलिटी, फसल को खेतों से सेंटर तक ले जाने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी उपलब्ध कराना शामिल हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्यस प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एक लाख करोड़ रुपये के फंड वाले इस स्कीम की अवधि दस साल यानी 2020 से 2029 तक के लिए होगी।
प्रधानमंत्री आज देंगे किसानों को 1 लाख करोड़ की वित्तपोषण सुविधा का लाभ
साथ ही इसके तहत पहले साल यानी इस वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और उसके बाद हर तीन साल में 30-30 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। इस तरह दस साल में पूरे एक लाख करोड़ रुपये के लोन का वितरण हो जाएगा। साथ ही किसानो को पात्र आवेदकों को उनके लोन पर क्रेडिट गारंटी भी उपलब्ध रहेगी। यह माइक्रो एवं स्माल एंटरप्राइजेज (MSE) के लिए बने क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) के तहत ही दिया जाएगा और 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर उपलब्ध रहेगा।
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भारतीय किसान सम्मान निधि स्कीम के द्वारा किसानो के खातों में भेजे गए १० -१० हजार रूपए
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने देश के 3.78 करोड़ किसान परिवारों को खेती-किसानी के लिए उनके बैंक अकाउंट में अब तक 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि डाल दी है। ये सब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की पांचवीं किश्त के लाभार्थी हैं। ये वे लोग हैं जिन्हें 1 दिसंबर 2018 से स्कीम के तहत पैसा मिल रहा है। इनका सारा रिकॉर्ड दुरुस्त है।
पीएम किसान योजना के तहत तीन किश्त में सालाना 6-6 हजार रुपये मिलते हैं। देश में 7.98 करोड़ किसान ऐसे हैं जिन्हें अबतक तीन किश्त मिली है। फिलहाल अब इसकी छठीं किश्त का पैसा देने की तैयारी हो रही है। एक अगस्त से ये काम शुरू हो जाएगा। जिससे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश में अब तक 10 करोड़ से अधिक किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं। सिर्फ 4.4 करोड़ किसान ही इससे वंचित हैं। इस स्कीम के तहत परिवार की परिभाषा पति-पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं। इसलिए जिस भी बालिग व्यक्ति का नाम रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज है वो इसका अलग से फायदा लेकर अपनी खेती-किसानी को आगे बढ़ा सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि एक ही खेती योग्य जमीन के भूलेख पत्र में अगर एक से ज्यादा व्यस्क सदस्य के नाम दर्ज हैं तो योजना के तहत हर व्यस्क सदस्य अलग से लाभ के लिए पात्र हो सकता है। इसके लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड के अलावा आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर की जरूरत पड़ेगी।
फायदा ना मिलने पर क्या करे
अगर आपको पहले सप्ताह में पैसा न मिले तो अपने लेखपाल, कानूनगो और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें। वहां से बात न बने तो केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी हेल्पलाइन (PM-Kisan Helpline 155261 या 1800115526 (Toll Free) पर संपर्क करें। वहां से भी बात न बने तो मंत्रालय के दूसरे नंबर ( 011-24300606, 011-23381092) पर बात करें। इन ‘किसानों’ को नहीं मिलेगा फायदा
(1) ऐसे किसान जो भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक हैं, वर्तमान या पूर्व मंत्री हैं, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद हैं तो वे इस स्कीम से बाहर माने जाएंगे। भले ही वो किसानी भी करते हों।
(2) केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं।
(3) पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा।
(4) पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे।
(5) केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों लाभ मिलेगा।
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