#पाकिस्तान में जयश्री राम
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filmysansaar · 7 years ago
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लोक गायक अभिनेताओं को कड़ी टक्‍कर दे रहे विक्रांत सिंह राजपूत और प्रदीप पांडेय
लोक गायक अभिनेताओं को कड़ी टक्‍कर दे रहे विक्रांत सिंह राजपूत और प्रदीप पांडेय
लोक गायक अभिनेताओं को कड़ी टक्‍कर दे रहे विक्रांत सिंह राजपूत और प्रदीप पांडेय – रंजन सिन्‍हा की रिपोर्ट –
भोजपुरी फिल्मों के तीसरे दौर के शुरूआत से ही लोक गायकों का कब्जा हो गया. इसके पूर्व के दो दौरों में विशुद्ध अभिनेता ही भोजपुरिया दर्शकों के दिलों पर राज करते थे. लेकिन तीसरे दौर में वही अभिनेता सफल हुए जो अच्छे लोक गायक रहे, जो आज तक ब��करार है. हालांकि इस दौर में इन लोक गायक अभिनेताओं को बहुत…
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karanaram · 3 years ago
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🚩सेक्युलरिज्म क्या है? संक्षेप में समझिये, फिर सेक्युलरिज्म का नशा उतर जाएगा! - 15 जुलाई 2021
🚩अमेरिका के NASA में एक प्रशिक्षु बेटी ने चित्र सार्वजनिक किया जिसमें वह अपनी मान्यताओं के साथ है. उससे सेक्युलरों की भावनाएँ आहत हो गईं।
🚩संक्षेप में सेक्युलरिज्म क्या है?
🚩1. दीपक जलाने का विरोध और घर दुकान जलाने पर चुप्पी।
🚩2. निर्दोष साधुओं के भीड़ द्वारा बेरहमी से मारने पर 33 सेकंड और चोर तबरेज के पुलिस कस्टडी में मरने पर 33 घण्टे चैनल कवरेज।
🚩3. थाली बजाना गलत, पर डॉक्टर और पुलिस के सिर पर पत्थर बजाने पर चुप.
🚩4. बंगाल और राजस्थान में दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी. नक्सलियों और आतंकवादियों द्वारा रक्षकों को मार देने पर चुप्पी. केरल में 3% जनसंख्या और 33% कोरोना रोगियों पर चुप्पी. परन्तु उत्तरप्रदेश पर शोर.
🚩5. लव जेहाद में बेटियों के मारे जाने पर चुप्पी परन्तु कानून बनाने पर शोर.
🚩कुछ साल पहले उत्तरप्रदेश के एक हिन्दू विधायक की नवयुवती बेटी ने अपने से दोगुनी उम्र के दलित के साथ विवाह किया. इस विवाह के लिए उसने अपने पिता को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया. चैनलवाले बेटी की भावनाएँ ही दिखा रहे थे. मे��ा प्रश्न है कि क्या भावनाएँ केवल बेटी की हैं जो 18 साल की हो गई? क्या 40 साल की माँ और 45 साल के पिता की भावनाएँ नहीं होतीं?
🚩मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी उसकी सन्तान है। एक महीने का बच्चा बीमार हो जाए तो वह सब कुछ लुटा देता है। वही सन्तान जब बड़ी होकर विपरीत हो जाए तो उससे बड़ा दुःख कुछ नहीं होता। कई वृद्धों को देखा जिनकी सन्तान वृद्धावस्था में झटककर अलग हो गई। पैसा है परन्तु जीवन का एक एक पल भारी लगता है। चैनल वाले TRP के चक्कर में देश और समाज में कांटे बो रहे हैं।
🚩कई साल पहले कई सेक्युलर मित्रों ��े कहा कि दलितों और अल्पसंख्यकों में वर्षों से भाईचारा है। कभी कभी गलतफहमी हो जाती है। भटके हुए युवा गुस्से में बम विस्फोट भी कर देते हैं या आग लगा देते हैं. उसे तुम्हारे जैसे साम्प्रदायिक दंगे का नाम देते हैं।
🚩दूसरों ने बताया कि औरंगजेब ने किसी की मजहब में दखलअंदाजी नहीं की। किसान नायक गोकुला जाट का झगड़ा तो केवल लगान का था।
🚩एक भाई को गुस्सा था कि राज्य में उनकी जाति 25% है परन्तु मुख्यमंत्री और प्रधानमन्त्री उनकी जाति का नहीं है. जब मैंने पूछा कि तुगलक, खिलजी, ऐबक, अकबर, औरंगजेब किस जाति के थे. ब्रिटिश वायसराय किस जाति के थे तो गुस्से से बेकाबू हो गया.
🚩एक भाई ने कहा कि गुरु अर्जुन देव और गुरु तेग बहादुर के बलिदान की बात पुरानी हो चुकी है। आज हम पढे लिखे हैं। इन बातों को भूल कर सेक्युलरिज़्म को आगे बढ़ाना चाहिए।
🚩एक ने बताया कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A के कारण 2 लाख से अधिक वाल्मीकि पिछले 66 साल से वोट नहीं दे सकते तो इसके लिए हरियाणा या दिल्ली में शोर नहीं करना चाहिए।
🚩याद है ना आपको जब अमेरिका ने पाकिस्तान में घर में घुसकर आतंकी ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर दिया था और उसको गहरे समंदर में पानी में फेंक दिया था, तो इस देश के एक बड़े नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था,
"ओसामाजी को इस्लामिक परंपराओं के अनुरूप दफनाया जाना चाहिए था."
विदेशी आतंकी, इस्लामिक जेहादी के लिए इतनी सहानुभूति और उत्तराखंड केदारनाथ आपदा में मारे गए तीर्थयात्रियों को उस समय की सरकार कचरे की तरह फूंक रही थी, उन्हें मलबे में सड़ने के लिए छोड़ दिया था, उनके शवों पर पेट्रोल डाल क��� उन्हें जलाया जा रहा था. तब किसी सेक्युलर को समस्या नहीं थी. यही है सेक्युलरिज्म।
🚩बेंगलुरु के दंगे का पता चला और मैंने इसमें भीम-मीम भाईचारा खोजने की कोशिश की। भाईचारा मिल भी गया.
पूर्वी बेंगलुरु के पुल्केशी नगर के दलित कॉन्ग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर की ओर 1000 से भी अधिक की अल्पसंख्यक भीड़ ने हमलाकर आगजनी, पत्थरबाजी और दंगे किए, जिसके बाद इलाक़े में कर्फ्यू लगा दिया गया। केजी हल्ली थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के मामले में ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)’ के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि वो इन दंगों का मास्टरमाइंड था। पुलिस को पता चला है कि पाशा दंगाइयों के बीच रुपए बाँट रहा था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई। सीसीटीवी फुटेज से ये भी पता चला है कि पुलिस पर किए गए हमले की साजिश पहले ही अच्छी तरह से रच ली गई थी। सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए पहले ही दंगाइयों को पूरी साजिश के बारे में बता दिया गया था और वो व्यवस्थित तरीके से वहाँ आए थे। पाशा ने BBMP का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो हार गया था।
वहीं एक अन्य आरोपित खलील स्थानीय कॉर्पोरेटर का पति है। दलित विधायक के भानजे के सिर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सपा नेता ।शहजेब ने 51 लाख रूपए इनाम रख दिया।
🚩क्या आपको टीना डाबी याद है?
2016 बैच की IAS प्रथम। 2018 में उसने दूसरे स्थान पर आए कश्मीरी अतहर आमिर-उल-शफी खान से निकाह/ शादी/ Marriage की। तब लिबरल जेहादी अम्बडेकरवादी और सेक्युलर लॉबी की ईद और क्रिसमस एक साथ हो गई थी। यहाँ सब इसे बहुत बड़ी घटना बता रहे थे।
सितंबर 2018 में अतहर खान से शादी के बाद टीना ने Instagram पर बायो में खान शब्द जोड़ते हुए खुद को Delhiite, Kashmiri Bahu, IAS, in that order लिखा (अपना परिचय कश्मीरी बहू और नाम टीना डाबी खान लिखा था)।
वैसे निकाह के लगभग 1 साल बाद ही अतहर आमिर-उल-शफी खान और टीना में अनबन की खबरें आने लगी थीं। जून 2019 में टीना डाबी खान ने अपने मेहंदी लगे हाथों का वीडियो अपलोड किया तो सेक्युलरों को परेशानी हुई, पर चुप रहे।
अचानक फरवरी/ मार्च 2020 में इन्स्टाग्राम पर अपनी बायो में "खान" सरनेम और "कश्मीरी बहू" का टैग हटा लिया। एक इंस्टा स्टोरी में हनुमा�� चालीसा की चौपाई का एक हिस्सा साझा करते हुए उन्होंने जयश्री राम का नारा भी लगाया। इंस्टा स्टोरी में टीना ने लिखा, "सबसुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना। जयश्री राम।"
सेक्युलर भीम-मीम वाले इस झटके से बाहर आते उससे पहले ही उनके अरमानों पर बिजली गिर गई। 22 जुलाई को राजस्थान श्रीगंगानगर जिला परिषद में पदभार ग्रहण करते हुए पूजा की। अंबेडरवादियों के लिए 440 वॉल्ट का झटका लगा।
🚩सेक्युलरिज्म की महिमा अपरम्पार है. यह तो सेक्युलरिज्म की एक छोटी सी झलक है.
सेक्युलरिज्म अनन्त, सेक्युलरिज्म कथा अनन्ता. हिंदुओं अपनी आँखों से सेक्युलरिज्म की पट्टी हटाओ तब बच पाओगे।
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