#पहली महिला सीजेआई
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पहली बार सुप्रीम कोर्ट के नौ नए जजों ने ली शपथ
पहली बार सुप्रीम कोर्ट के नौ नए जजों ने ली शपथ
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने मंगलवार सुबह तीन महिलाओं सहित सुप्रीम कोर्ट के नौ नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। शीर्ष अदालत के इतिहास में यह पहली बार है कि एक बार में नौ न्यायाधीशों ने पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में आयोजित एक शपथ ग्रहण समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। नौ नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के साथ,…
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#उच्चतम न्यायालय#जस्टिस बीवी नागरत्न#जस्टिस बेला त्रिवेदी#जस्टिस हिमा ��ोहली#पहली महिला सीजेआई#महिला एससी जज#सर्��ोच्च न्यायालय के न्यायाधीश#सुप्रीम कोर्ट#सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम
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बड़ी खबर कुछ भी हो सकती है...चाहे 15 लाख लोगों के कोरोना से संक्रिमित होने की खबर हो या फिर चाहे मामला कोरोना काल में लॉकडॉउन के बीच 5 अगस्त को सैक्यूलर देश के पीएम का एक मंदिर के शिलान्यास का मामला हो या फिर बागपत के एमएलए योगेश धामा को उसी गैंगस्टर से जान का खतरा है जिस पर जेल के अंदर ही मुन्ना बजरंगी को गोलियों से भूनने का आरोप है...राजस्थान में चुनी हुई सरकार को बचाने और गिराने का खेल चल रहा है..झांसी में मरीज ने सरकारी अस्पताल में कोरोना के दौरान इलाज की सच्चाई पर वीडिया बनाकर वायरल किया बाद में मौत... आरबीआई उर्जित पटेल..विरल अचार्य...डिफाल्टर्स पर सख्ती न करने और लोन में आसानी करने और आरबीआई की स्वायत्ता को कमजोर करने की बात...कानपुर में अपहरण के बाद दूसरी हत्या..गोरखपुर में अपहरण के बाद हत्या...अयोध्या में टाइम कैपसूल...पहले हां फिर ना..क्या इसमें ये भी सहेजा जाएगा कि जिस सीजेआई ने फैसला सुनाया उन पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए थे...न मंदिर तोड़कर बनाई गई...पहली बार मूर्तियां अवैध रूप से ऱखी गईं..6 दिसंबर 1992 को अवैध रूप से अदालत और संविधान को रौंदते हुए बाबरी मस्जिद शहीद की गई...पहली बार अवैध रुप से मूर्तिया रखने और 1992 में शहीद करने वाले लोगों और सरकारों के खिलाफ लिखी गई एफआईआर पर अब तक क्या कार्रवाई की गई...कल्याण सिंह, आडवाणी वगैरा के खिलाफ मामले में सुप्रीमकोर्ट का फैसला कब... #sushantrajput #sushantrajput_suicide #azadkhalid #newswithazadkhalid #bignews
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सुप्रीम कोर्ट में 3 महिलाओं समेत नौ जज नियुक्त; जस्टिस नागरत्ना 2027 में पहली महिला CJI हो सकती हैं
सुप्रीम कोर्ट में 3 महिलाओं समेत नौ जज नियुक्त; जस्टिस नागरत्ना 2027 में पहली महिला CJI हो सकती हैं
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को तीन महिलाओं सहित नौ नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई, जिसमें न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना के 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होने की संभावना है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को नियुक्ति के वारंट पर हस्ताक्षर किए। केंद्र ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित सभी नौ नामों को मंजूरी दे दी थी, जिसमें वर्तमान में 34 की…
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#उच्चतम न्यायालय#जस्टिस बीवी नागरत्न#जस्टिस बेला त्रिवेदी#जस्टिस हिमा कोहली#पहली महिला सीजेआई#महिला एससी जज#सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम
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कौन हैं बीवी नागरत्ना, जज जो बन सकती हैं भारत की पहली महिला CJI
कौन हैं बीवी नागरत्ना, जज जो बन सकती हैं भारत की पहली महिला CJI
तीन महिलाओं सहित नौ नए न्यायाधीशों को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया, जिसमें न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना के 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होने की संभावना है। वर्तमान में कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने बेंगलुरु में एक वकील के रूप में शुरुआत की और संवैधानिक कानून, वाणिज्यिक कानून, बीमा कानून, सेवा कानून, प्रशासनिक और सार्वजनिक कानून, भूमि…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#कौन हैं बीवी नागरत्न#नागरत्न#बी.वी. नागरत्न#बीवी नागरत्न सीजेआई 2027#बीवी नागरत्न सुप्रीम कोर्ट जज#बीवी नागरत्ना न्यूज#भारत की पहली महिला CJI#भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश#सुप्रीम कोर्ट बीवी नागरत्न
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सुप्रीम कोर्ट ने पुष्टि की: कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए तीन महिलाओं सहित नौ नामों की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट ने पुष्टि की: कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए तीन महिलाओं सहित नौ नामों की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने केंद्र को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए नौ नामों की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने पहली बार तीन महिला जजों के नामों की सिफारिश की है, जो इस सूची का हिस्सा हैं। सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया है कि कॉलेजियम ने 17 अगस्त को हुई अपनी बैठक में शीर्ष अदालत के…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#एससी कॉलेजियम#एससी जजों की नियुक्ति#एससी जजों की पदोन्नति#महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति#सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश#सीजेआई एनवी रमण
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निर्भया केस: सीजेआई बोबडे ने केस से खुद को किया अलग, दोषी की पुनर्विचार याचिका पर कल नई बेंच करेगी सुनवाई
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। जानकारी के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की अलग बेंच गठित करने का आदेश दिया है, जो बुधवार सुबह 10:30 बजे इस पर सुनवाई करेगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); निर्भया के दोषियों के पास कोई नेक काम करने का अंतिम मौका, संस्था ने तिहाड़ जेल को अंगदान के लिए लिखा पत्र बता दें इस मामले में पहले सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच सुनवाई करने वाली थी। लेकिन अब बुधवार को नई बेंच इसकी सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश ने इसके बारे में कहा है कि, 'वह निजी कारणों से केस से अलग हो रहे हैं।' माना जा रहा है कि नई बेंच में जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण तो रहेंगे ही और जस्टिस बोबडे की जगह कोई अन्य जज आएंगे। Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: We believe we will get justice because we have no other option. If Kuldeep Sengar (Unnao rape convict) & Nirbhaya's 4 culprits get capital punishment, it will send a strong message to the society. pic.twitter.com/vZcNvZOnjW — ANI (@ANI) December 17, 2019 सुनवाई से पहले निर्भया की मां ने क्या कहा जानकारी के मुताबिक, अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरू होने के दस मिनट के भीतर ही टल गई। सुनवाई से पहले मंगलवार सुबह निर्भया की मां आशा देवी का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि, 'हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा क्योंकि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। अगर कुलदीप सेंगर (उन्नाव रेप कांड में दोषी करा��) और निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होती है तो समाज में एक कड़ा संदेश जाएगा।' निर्भया केस : पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई टली, SC के फैसले का इंतजार, मां ने रोते हुए कहा- दोषियों को फांसी कब होगी? अक्षय के वकील ने दी दलील सुनवाई शुरू होने के बाद अक्षय के वकील ने दलील दी कि, 'प्रदूषण के चलते वैसे ही दिल्ली में लोगों की जिंदगी कम हो रही है, इसलिए उसकी मौत की सजा पर पुनर्विचार किया जाए।' वहीं निर्भया की मां ने सुप्रीम कोर्ट से अक्षय की याचिका न स्वीकार करने की अपील की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अन्य तीन दोषी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका को इसी साल 9 जुलाई को खारिज चुका है। निर्भया मामले में चार दोषियों को 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी। ये भी पढ़े... 16 दिसंबर 2012: जब पार हुई थी इंसानियत की सारी हद, निर्भया की मां ने कहा- पहली बार घर में बेटी की लाश आई निर्भया बरसी: 16 दिसंबर 2012 देश की सबसे शर्मनाक रात, आज भी इंसाफ की राह देख रहा परिवार निर्भया के दोषियों को खुद फांसी देना चाहती हैं यह महिला शूटर, अमित शाह को लिखी खून से चिट्ठी Read the full article
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यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जस्टिस गोगोई को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत
चैतन्य भारत न्यूज यौन उत्पीड़न के आरोप से घिरे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति ने क्लीन चिट दे दी है। इस समिति के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा थे। समिति ने कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई दम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने एक प्रेस नोट भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि, 'आंतरिक जांच समिति ने पांच मई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।' साथ ही प्रेस नोट में कहा गया है कि, 'समिति ने जस्टिस गोगोई पर लगे सभी आरोपों को तथ्यहीन पाया है।' इस दौरान सेक्रेटरी जनरल ने ये भी कहा कि, आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की एक 35 वर्षीय पूर्व कर्मचारी ने कोर्ट के 22 जजों को एक पत्र लिखकर ये आरोप लगाया था कि, सीजेआई जस्टिस ��ंजन गोगोई ने अक्टूबर 2018 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। जानकारी के मुताबिक, महिला कोर्ट में जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के पद पर काम कर रही थी। महिला का कहना था कि, चीफ जस्टिस गोगोई के खिलाफ आवाज उठाने के बाद से ही उन्हें, उनके पति और परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर 26 अप्रैल को जांच समिति की पहली बैठक हुई। इस बैठक में समिति के सामने पीड़िता और उनके बाद जस्टिस गोगोई भी पेश हुए थे। मामले की सुनवाई शुरु होने के कुछ दिन बाद ही महिला ने आंतरिक समिति के माहौल को डरावना बताया और समिति के समक्ष पेश होने से मना कर दिया था। 30 अप्रैल को शिकायतकर्ता तीसरी सुनवाई बीच में ही छोड़ कर चली गई थी। लेकिन अब शिकायतकर्ता ने कहा कि, 'मैं समिति के फैसले से आहत हूं। मुझे वकील भी नहीं दिया गया। समिति ने मेरी सभी बातें भी ठीक से नहीं सुनी। इसलिए ही मैंने खुद को इस जांच से अलग कर लिया था।' ये भी पढ़े... रंजन गोगोई के खिलाफ साजिश के दावे की होगी जांच, कोर्ट ने पूर्व जस्टिस को सौंपी कमान Read the full article
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