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लिम्फेडेमा के लक्षण क्या हैं?
- सूजन या भारीपन महसूस होना - कमजोरी या कम लचीलापन - कसी हुई, चमकदार, गर्म या लाल त्वचा
लिम्फेडेमा के बेहतर उपचार के लिए परामर्श लें: 9782415566
Consultant
Dr. Nikhil Bansal best Interventional Radiologist In Jaipur
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लखनऊ, 20.12.2024 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "स्वस्थ भारत, समर्थ भारत" के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं चिल्ड्रंस पैलेस, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में चिल्ड्रंस पैलेस, म्युनिसिपल नर्सरी स्कूल, 122- महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ में ‘डेंटल चेकअप एवं जागरूकता शिविर’ तथा ‘होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर’ का आयोजन किया गया । शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, की गरिमामयी उपस्थिति रही |
"डेंटल चेकअप एवं जागरूकता शिविर’ के अंतर्गत परामर्शदाता चिकित्सक डॉ शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, DRMLIMS द्वारा विद्यालय के छात्र-छात्राओं का निशुल्क दंत परीक्षण किया गया, साथ ही उन्हें तथा उनके अभिभावकों को दांतों की स्वच्छता एवं देखभाल बनाए रखने हेतु जागरूक भी किया गया | डॉ महाजन द्वारा दंत जागरूकता अभियान के अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क डेंटल किट का भी वितरण किया गया |
'होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर’ के अंतर्गत होम्योपैथिक परामर्शदाता चिकित्सक डॉ संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ एवं उनकी टीम द्वारा बच्चों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कर ऑटिज्म, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, नसल पॉलिप, बुखार, चिकन पॉक्स, मीजल्स के साथ-साथ अभिभावकों में गठिया रोग, थायराइड और गंजेपन जैसी समस्याओं का निदान किया गया तथा उन्हे निःशुल्क होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गई | शिविर में लगभग 150 छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया गया ।
शिविर का शुभारंभ मुख्य ��तिथि श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, डॉ शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, DRMLIMS, डॉ संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ, श्रीमती सविता सिंह, हेड मिस्ट्रेस, चिल्ड्रन पैलेस, लखनऊ एवं श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने दीप प्रज्वलन कर किया | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक जी को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया | ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी ने डॉक्टर शैली महाजन एवं डॉक्टर संजय कुमार राणा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया |
इस अवसर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि ��ा स्वागत करते हुए कहा कि, “आज का यह शुभ अवसर हमें “स्वस्थ भारत, समर्थ भारत” के निर्माण की दिशा में एक और कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान कर रहा है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के इस प्रेरणादायक मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट और चिल्ड्रंस पैलेस ने मिलकर यह महत्वपूर्ण पहल की है । हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल दंत स्वास्थ्य और होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना भी है । इस क्रम में, हमें गर्व है कि हमारे साथ डॉ. शैली महाजन, ऑर्थोडॉन्टिस्ट एवं प्रोफेसर, दंत चिकित्सा विभाग, डॉ॰ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, और डॉ. संजय कुमार राणा, राणा होमियो क्लिनिक, लखनऊ, जैसे विशेषज्ञ जुड़े हैं । आपकी उपस्थिति और योगदान इस कार्यक्रम की सफलता को निश्चित रूप से नई ऊंचाई प्रदान करेगा । हम विशेष रूप से आभारी हैं कि हमारे साथ मुख्य अतिथि के रूप में परम आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी, माननीय उप मुख्यमंत्री उपस्थित हैं । आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा से यह आयोजन और भी प्रभावी बनेगा । आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि माननीय श्री बृजेश पाठक जी की कृपा से आपके स्कूल में जल्दी ही आधुनिक शौचालय का निर्माण होने जा रहा है । आप सभी से निवेदन है कि इस शिविर में अधिक से अधिक भाग लें, अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करें और स्वास्थ्य के प्रति अपनी समझ को बढ़ाएं । हमारा यह प्रयास तभी सफल होगा जब हम सब मिलकर स्वस्थ और समर्थ भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे । धन्यवाद । जय हिंद ।"
मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, माननीय उप मुख्यमंत्री ,उत्तर प्रदेश ने कहा कि, “बच्चों को यदि हम प्रारंभ से ही स्वस्थ रहने के लिए नैतिक स्वच्छता (मोरल हाइजीन) के बारे में सिखाएं, तो न केवल उन्हें एक स्वस्थ जीवन का आधार मिलेगा, बल्कि उनका जीवन भी सुखमय बनेगा । यह हमारे शिक्षकों की जिम्मेदारी है, जो बच्चों के जीवन को आकार देने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि विद्यालय में 'हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । मैं इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं । साथ ही, मैं शिक्षकों, श्री हर्ष जी और डॉक्टरों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस सराहनीय कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । आइए, हम सभी इस प्रयास को सफल बनाने में सहयोग करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक और सकारात्मक कदम बढ़ाएं ।“
श्रीमती सविता सिंह, हेड, मिस्ट्रेस, चिल्ड्रन पैलेस, लखनऊ ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “यह कार्यक्रम हमारे बच्चों के लिए अत्यंत प्र��ंसनीय और ज्ञानवर्धक है । यह न केवल उनके जीवन को नई दिशा देगा बल्कि उन्हें सशक्त बनाने में भी सहायक होगा । आपके इस प्रयास के लिए हम आभारी हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में भी आप हमारे बच्चों के हित में इसी तरह सहयोग करते रहेंगे ।“
शिविर में मुख्य अतिथि श्री ब्रजेश पाठक, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री पंकज अवस्थी, परामर्शदाता चिकित्सक डॉ शैली महाजन, डॉ रागिनी, डॉ संजय कुमार राणा तथा उनकी टीम से श्री राहुल राणा, नर्सिंग स्टाफ सुश्री अनुष्का सिंह, सुश्री जूही यादव, चिल्ड्रन पैलेस की हेड मिस्ट्रेस श्रीमती सविता सिंह, शिक्षकगण, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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कामिनी विद्रावण रस टैबलेट
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट: एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य रत्न
आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए कई तरह के औषधीय उत्पादों का उपयोग किया जाता है। उनमें से एक प्रसिद्ध औषधि है कामिनी विद्रावण रस। यह आयुर्वेदिक औषधि विशेष रूप से पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने, शरीर में जमा दोषों को बाहर निकालने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम कामिनी विद्रावण रस टैबलेट के लाभ, उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
कामिनी विद्रावण रस क्या है?
कामिनी विद्रावण रस एक आयुर्वेदिक योग है जो विशेष रूप से शरीर में विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने (विसर्पण) के लिए तैयार किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर के अंदर जमा कफ और वात दोषों को शांति प्रदान करना और पाचन क्रिया को सुधारना है। यह औषधि विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिजों के मिश्रण से तैयार होती है, जो शरीर के अंदर संचित अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कामिनी विद्रावण रस के लाभ
पाचन तंत्र को सुधारता है कामिनी विद्रावण रस पेट की समस्याओं जैसे अपच, गैस, कब्ज, और अन्नास रोग को दूर करने में सहायक होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन के पोषक तत्वों को शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित करने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है यह औषधि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और खतरनाक तत्वों को बाहर निकालने के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में काम करती है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है कामिनी विद्रावण रस शरीर की सामान्य कार्यक्षमता को बढ़ाता है, जिससे थका�� और कमजोरी दूर होती है। यह शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है और शरीर को सक्रिय रखता है।
प्राकृतिक उपचार कामिनी विद्रावण रस का उपयोग प्राकृतिक तरीके से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के। यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और खनिजों से बना होने के कारण शरीर के लिए सुरक्षित है।
कामिनी विद्रावण रस का उपयोग कैसे करें?
कामिनी विद्रावण रस टैबलेट का सेवन सामान्यतः एक निर्धारित मात्रा में किया जाता है, जो आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर के निर्देशानुसार होता है। आमतौर पर इसे दिन में दो बार, खाने से पहले या बाद में पानी के साथ लिया जाता है। हालांकि, इसे लेने से पहले एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आपके शरीर की विशेष जरूरतों के अनुसार सही खुराक निर्धारित की जा सके।
निष्कर्ष
कामिनी विद्रावण रस एक बहुपरकारी आयुर्वेदिक औषधि है, जो न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर के विभिन्न दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक स्वस्थ और ऊर्जा से भरा रहता है।
अगर आप भी अपने स्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं, तो कामिनी विद्रावण रस को एक बार अपनी दिनचर्या में शामिल करके देख सकते हैं।
सुझाव: इस औषधि का सेवन शुरू करने से पहले एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
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कुंडली में मंगल को मजबूत करने का क्या उपाय है?
कुंडली में मंगल को मजबूत करने के कई उपाय हो सकते हैं। मंगल को बढ़ावा देने वाले कुछ सामान्य उपाय निम्नलिखित हैं:
मंगल के मंत्र का जाप: "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" यह मंत्र मंगल को समर्पित है और उसके द्वारा मंगल की शांति करता है। इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से मंगल की दशा में लाभ हो सकता है।
मंगल के रत्न का धारण: मंगल के रत्न, माणिक्य (Ruby) या मूंगा (Coral) को अंगूठे या पहनने के लिए अनुशंसा की जाती है। इससे मंगल की शक्ति बढ़ सकती है।
मंगल के पूजा और दान: मंगल की पूजा और दान करने से भी इसकी शांति हो सकती है। इसके लिए लाल कपड़े में मिश्री को राख लें और इसे मंगल के मंदिर में दान करें।
मंगल के व्रत: बुधवार को मंगल के व्रत रखने से भी इसकी कृपा मिल सकती है। इस व्रत में बुधवार को अन्न, मसूर दाल, लाल फूल, मसूर दाल की माला, और मंगल का पूजन किया जाता है।
मंगल के विवाह: कुंडली में मंगल की दशा में होने पर, मंगल के साथ शादी करने से भी इसकी शांति हो सकती है। यहां ध्यान देने योग्य है कि मंगल ग्रह के साथ शादी करने से पहले कुंडली मिलान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
यदि आप किसी क्षेत्र की जा��कारी की तलाश में हैं, तो मैं आपको सलाह देता हूं कि एक विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य से परामर्श करें, जो आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सही उपाय सुझा सकते हैं। वे आपको समर्थन और उपाय के लिए सर्वोत्तम सलाह प्रदान कर सकते हैं। जिसके लिए आप कुंडली चक्र प्रोफेशन २०२२ सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है।
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INDIAN YOUTH
जब बात अपने भविष्य की आती है तो भारत में नाबालिगों को, हर जगह के नाबालिगों की तरह, विभिन्न चुनौतियों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने और बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने के लिए, वे यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं: शिक्षा: अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। शिक्षा को अक्सर उज्जवल भविष्य की कुंजी के रूप में देखा जाता है। नियमित रूप से स्कूल जाएँ, अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहें, और यदि आप किसी भी विषय में संघर्ष कर रहे हैं तो मदद लें। लक्ष्य निर्धारित करें: स्पष्ट लक्ष्य और आकांक्षाएँ रखें। लक्ष्य निर्धारित करने से आपको उद्देश्य और दिशा का एहसास हो सकता है। चाहे वह शैक्षणिक, करियर, या व्यक्तिगत लक्ष्य हों, किसी चीज़ की दिशा में काम करना प्रेरक हो सकता है। मार्गदर्शन लें: अपनी महत्वाकांक्षाओं और चिंताओं के बारे में अपने माता-पिता, शिक्षकों या गुरुओं से बात करें। वे मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकते हैं, जिससे आपको अपने भविष्य के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ रहें: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि आप अच्छा खाएं, नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें। माइंडफुलनेस और तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करने से आपको अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। सूचित रहें: कैरियर के अवसरों और शैक्षिक विकल्पों के बारे में स्वयं को सूचित रखें। अपनी रुचियों का पता लगाने के लिए किताबें पढ़ें, इंटरनेट ब्राउज़ करें और करियर परामर्श सत्र में भाग लें। कौशल का निर्माण करें: उन कौशलों की पहचान करें जिनकी नौकरी बाजार में मांग है और उन्हें हासिल करने पर काम करें। इसमें तकनीकी कौशल, संचार कौशल, या टीम वर्क और समस्या-समाधान जैसे सॉफ्ट कौशल शामिल हो सकते हैं। नेटवर्क: अपने चुने हुए क्षेत्र में साथियों, सलाहकारों और पेशेवरों का एक नेटवर्क बनाएं। नेटवर्किंग आपको बहुमूल्य अंतर्दृष्टि, सलाह और अवसर प्रदान कर सकती है। सकारात्मक रहें: सकारात्मक मानसिकता विकसित करें। समझें कि असफलताएँ और चुनौतियाँ जीवन का हिस्सा हैं। अपनी असफलताओं से सीखें और उन्हें सफलता की सीढ़ी के रूप में उपयोग करें। वित्तीय साक्षरता: वित्तीय प्रबंधन और बजट के बारे में जानें। पैसे का प्रबंधन कैसे करें, यह समझने से आपको अपने भविष्य की योजना बनाने और अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लें: खेल, कला या सामुदायिक सेवा जैसी पाठ्येतर गतिविधियों में संलग्न हों। ये गतिविधियाँ आपको एक सर्वांगीण व्यक्तित्व और नेतृत्व कौशल विकसित करने में मदद कर सकती हैं। समय प्रबंधन: जानें कि अपना समय प्रभावी ढंग से कैसे प्रबंधित करें। अपने शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने से तनाव कम हो सकता है और अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करना आसान हो सकता है।
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बार-बार पेशाब आना: अधिक पानी पीने की वजह नहीं, बल्कि ये 5 बीमारियां हो सकती हैं जिम्मेदार?
AIN NEWS 1: पेशाब आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ (toxins) और अतिरिक्त पानी बाहर निकलता है। लेकिन अगर आपको बहुत बार पेशाब आ रहा है, खासकर हर घंटे, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। सामान्य रूप से, एक व्यक्ति को दिन में 5 से 7 बार पेशाब करना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर यह संख्या 8 से अधिक हो जाए, तो यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बार-बार पेशाब आने के पीछे कौन-कौन सी बीमारियां जिम्मेदार हो सकती हैं। बार-बार पेशाब आने के सामान्य कारण 1. अधिक पानी या तरल पदार्थ का सेवन अगर आप बहुत अधिक पानी, चाय, कॉफी, या जूस पीते हैं, तो यह आपके शरीर में तरल पदार्थ की अधिकता पैदा कर सकता है। शरीर को संतुलन बनाए रखने के लिए इस अतिरिक्त तरल को बाहर निकालने की आवश्यकता होती है, जिससे पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है। 2. मूत्राशय का ज्यादा सक्रिय होना (Overactive Bladder - OAB) ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मूत्राशय जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाता है। इससे अचानक पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है और व्यक्ति को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन अधिकतर यह बुजुर्गों में देखी जाती है। 3. डायबिटीज (Diabetes) के कारण ज्यादा पेशाब आना अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है और उसका ब्लड शुगर लेवल हाई रहता है, तो शरीर इसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने की कोशिश करता है। इसे "पॉलीयूरिया" (Polyuria) कहा जाता है। यदि आपको बार-बार पेशाब आ रहा है और प्यास अधिक लग रही है, तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। 4. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की वजह से बार-बार पेशाब आना यूटीआई (UTI) यानी मूत्र मार्ग संक्रमण, एक आम समस्या है, जिसमें पेशाब बार-बार आता है। इसके साथ पेशाब करते समय जलन और दर्द भी हो सकता है। यह संक्रमण मूत्राशय, मूत्र नली और किडनी को प्रभावित कर सकता है। 5. प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (Enlarged Prostate - BPH) पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना एक सामान्य समस्या है, जो उम्र के साथ हो सकती है। जब प्रोस्टेट बढ़ता है, तो यह मूत्रमार्ग (Urethra) को संकुचित कर सकता है, जिससे बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है। महिलाओं में बार-बार पेशाब आने के कारण 1. गर्भावस्था (Pregnancy) में यूरिन ज्यादा बनना गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई ��ार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे मूत्राशय पर दबाव बढ़ता है और पेशाब बार-बार आता है। 2. मेनोपॉज (Menopause) के कारण बार-बार पेशाब आना मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे मूत्राशय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और पेशाब बार-बार आ सकता है। अन्य कारण जिनकी वजह से बार-बार पेशाब आ सकता है 1. तनाव और एंग्जायटी: जब व्यक्ति ज्यादा तनाव में होता है, तो उसका नर्वस सिस्टम ज्यादा सक्रिय हो जाता है, जिससे बार-बार पेशाब आने लगता है। 2. कुछ दवाओं का सेवन: डाइयूरेटिक्स (Diuretics) जैसी दवाएं यूरिन आउटपुट को बढ़ा देती हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है। 3. नींद में यूरिन लीक होना (Nocturia): यह एक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को रात में बार-बार पेशाब आता है। बार-बार पेशाब आने पर क्या करें? 1. डॉक्टर से परामर्श लें: अगर आपको लगातार बार-बार पेशाब आ रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच करवाएं। 2. ब्लड शुगर टेस्ट कराएं: अगर आपको बार-बार पेशाब आने के साथ अत्यधिक प्यास भी लग रही है, तो डायबिटीज की जांच करवाएं। 3. तरल पदार्थों का संतुलित सेवन करें: बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी पीना दोनों ही नुकसानदायक हो सकते हैं। 4. कैफीन और एल्कोहल से बचें: ये पदार्थ मूत्राशय को ज्यादा उत्तेजित कर सकते हैं और पेशाब की आवृत्ति बढ़ा सकते हैं। 5. बॉडी को हाइड्रेटेड रखें: लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी न पिएं। बार-बार पेशाब आना एक आम समस्या हो सकती है, लेकिन अगर यह बहुत अधिक हो रहा है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डायबिटीज, यूटीआई, ओवरएक्टिव ब्लैडर, और प्रोस्टेट ग्रंथि जैसी समस्याएं इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर आपको लगातार यह समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। https://youtu.be/5Fa0HTcb67Y?si=Es3YHZ5dm_wBEHJ2 Frequent urination can be caused by several health conditions, including diabetes, urinary tract infection (UTI), overactive bladder (OAB), and an enlarged prostate. While drinking excessive water may contribute to frequent urination, underlying medical issues should not be ignored. If you experience symptoms like painful urination, increased thirst, or nocturia, consult a doctor immediately to rule out serious health concerns. Understanding the causes and symptoms can help manage and treat this condition effectively. Read the full article
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पुनर्नवादि गुग्गुल: फायदे, नुकसान और उपयोग
आयुर्वेद में अनेक जड़ी-बूटियों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। पुनर्नवादि गुग्गुल उन्हीं में से एक शक्तिशाली औषधि है। यह गुग्गुल (गुग्गलु) के साथ अन्य जड़ी-बूटियों का मिश्रण है, जो शरीर को डिटॉक्स करने, सूजन को कम करने और कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है। यह मुख्य रूप से वात और कफ दोष को संतुलित करने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में।
पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे
पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे अनेक हैं। किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाने से लेकर त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने तक, पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे व्यापक हैं। आइए पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे के बारे में विस्तार से पढ़ें:
1. किडनी की सेहत को बेहतर बनाए पुनर्नवादि गुग्गुल किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसमें पुनर्नवा, त्रिफला और गुग्गुल जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं, जो मूत्रवर्धक (Diuretic) गुणों से भरपूर होती हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी की कार्यक्षमता को सुधारता है।
2. जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत यह औषधि सूजनरोधी (Anti-inflammatory) गुणों से भरपूर होती है, जो गठिया, संधिशोथ (Arthritis) और जोड़ों के दर्द में राहत देती है। गुग्गुल शरीर में जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, जिससे जोड़ों में होने वाली जकड़न और सूजन कम होती है।
3. वजन घटाने में सहायक जो लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए पुनर्नवादि गुग्गुल उपयोगी हो सकता है। यह मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करके अतिरिक्त चर्बी को घटाने में सहायक होता है।
4. यूरिक एसिड और गाउट में लाभकारी इस औषधि में पुनर्नवा और त्रिफला जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह गाउट (Gout) और जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमाव को रोकने में मदद करता है।
5. त्वचा रोगों में फायदेमंद पुनर्नवादि गुग्गुल रक्त को शुद्ध करने वाली औषधि मानी जाती है। यह मुंहासे, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याओं में उपयोगी होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है।
6. लिवर को मजबूत बनाए लिवर हमारे शरीर के पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुनर्नवादि गुग्गुल लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और फैटी लिवर जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान
हालाँकि, पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे सर्वविदित हैं, लेकिन पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान समझना भी महत्वपूर्ण है। आइए पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान के बारे में पढ़ें:
पाचन संबंधी समस्या: अधिक मात्रा में लेने से पेट दर्द, गैस और एसिडिटी हो सकती है।
लो ब्लड प्रेशर: यह औषधि रक्तचाप को नियंत्रित करती है, लेकिन लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
एलर्जी की संभावना: कुछ लोगों को इसमें मौजूद जड़ी-बूटियों से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली या रैशेज हो सकते हैं।
पुनर्नवादि गुग्गुल का सेवन कैसे करें?
इसका सेवन आमतौर पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए।
सामान्य तौर पर, दिन में दो बार 1-2 गोलियां गुनगुने पानी या दूध के साथ ली जा सकती हैं।
इसे खाली पेट या भोजन के बाद लिया जा सकता है, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
निष्कर्ष
पुनर्नवादि गुग्गुल एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है, जो किडनी, लिवर, त्वचा और जोड़ों की समस्याओं में लाभकारी होती है। यह शरीर को डिटॉक्स करने, सूजन कम करने और वजन घटाने में मदद करता है। हालांकि, इसका सेवन सही मात्रा में और चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें ताकि कोई दुष्प्रभाव न हो।
अगर आप इसे अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए लेना चाहते हैं, तो पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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‼️ रिश्तों में सुधार के लिए ज्योतिष शास्त्र का सहारा लें
क्या आपके रिश्तों में तनाव या समस्याएं हैं? पं. उमेश चंद्र पंत आपके रिश्तों को सुधारने और खुशहाल बनाने के लिए सटीक ज्योतिषीय उपाय प्रदान करते हैं। उनके मार्गदर्शन से आप अपने रिश्तों में सामंजस्य और समझ बना सकते हैं।
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त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा: शांति और समृद्धि का मार्गदर्शन
पितृ दोष, वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष है, जो पूर्वजों के कर्मात्मक असंतुलन या उनके प्रति अपूर्ण कर्तव्यों के कारण उत्पन्न होता है। यह वित्तीय समस्याओं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों या सफलता में देरी के रूप में प्रकट हो सकता है। त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा पूर्वजों का आशीर्वाद पाने और जीवन में सामंजस्य बहाल करने का एक शक्तिशाली तरीका है। यहाँ इस पवित्र पूजा के बारे में सब कुछ जानें और यह कैसे आपके जीवन में शांति ला सकती है।
पितृ दोष क्या है?
पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की वंश परंपरा कर्तव्यों के अपूर्ण होने, अनुष्ठानों के न होने, या नकारात्मक कर्म प्रभावों के कारण बाधित होती है। यह कुंडली में सूर्य, चंद्रमा और राहु की स्थिति के माध्यम से पहचाना जा सकता है। यह दोष जीवन में समृद्धि, खुशी और विकास को बाधित कर सकता है।इसके प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:
वित्तीय समस्याएं – आय में अस्थिरता, धन संचय में बाधाएं।
संतान संबंधी समस्याएं – संतान सुख में देरी या संतान की ओर से चिंता।
वैवाहिक और पारिवारिक कलह – दांपत्य जीवन में अस्थिरता और विवाद।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानी – लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां और मानसिक तनाव।
करियर और व्यवसाय में बाधाएं – नौकरी या व्यापार में निरंतर असफलता।
यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय
कैसे पता करें कि घर में पितृ दोष है?
घर के आंगन, घर की दरारों या टूटे गमलों में बिना आपके लगाए पीपल का पौधा उग रहा है तो यह पितृ दोष का लक्षण है। पितृ दोष के लक्षणों को पहचानकर आप जान सकते हैं कि आपके घर में यह दोष मौजूद है या नहीं। सामान्य संकेत इस प्रकार हो सकते हैं:
स्वप्नों में पूर्वजों का आना – यदि बार-बार सपनों में दिवंगत पूर्वज दिखाई देते हैं और कुछ मांगते हैं।
घर में आर्थिक समस्याएं – धन की कमी बनी रहती है और आय में स्थिरता नहीं होती।
संतान संबंधी दिक्कतें – संतान प्राप्ति में देरी या बच्चों की पढ़ाई और करियर में रुकावटें आती हैं।
परिवार में आपसी मतभेद – घर में अकारण झगड़े और मतभेद बढ़ जाते हैं।
कार्य में असफलता – कार्यों म��ं बार-बार रुकावटें आती हैं और सफलता नहीं मिलती।
स्वास्थ्य समस्याएं – परिवार के सदस्यों को लगातार बीमारियां घेर लेती हैं।
यदि आपके जीवन में ये समस्याएं लगातार बनी हुई हैं, तो पितृ दोष निवारण पूजा कराना आवश्यक हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिए आप AstroLIve के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
त्रिवेणी संगम में पितृ दोष निवारण का महत्व
प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदियों का पवित्र संगम है। यह भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जो पितृ दोष निवारण पूजा करने के लिए एक शक्तिशाली स्थान है।
पूर्वजों की मुक्ति: संगम की दिव्य ऊर्जा पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करती है।
कर्म संतुलन: यहाँ अनुष्ठान करने से पितृ दोष के कारण होने वाले कर्मात्मक असंतुलन को समाप्त करने में मदद मिलती है।
आने वाली पीढ़ियों का आशीर्वाद: यह पूजा न केवल दोष को दूर करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और खुशी भी लाती है।
महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा क्या है?
महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा एक भव्य अनुष्ठान है जो ��हाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में आयोजित किया जाता है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है:
पूर्वजों को प्रार्थना और सम्मान अर्पित करने के लिए।
अपूर्ण कर्तव्यों या गलतियों के लिए क्ष मा मांगने के लिए।
शांति, समृद्धि और पितृ दोष के कारण उत्पन्न बाधाओं को दूर करने के लिए।
महाकुंभ इस अनुष्ठान की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है, जिससे यह पितृ दोष के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक बन जाता है।
त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा कैसे करें?
त्रिवेणी संगम में पितृ दोष शांति पूजा का प्रदर्शन निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:
ज्योतिषीय परामर्श: अपनी कुंडली में पितृ दोष की पुष्टि करने के लिए ज्योतिषी से सलाह लें।
पूजा सामग्री की व्यवस्था: पूजा के लिए आवश्यक सभी सामग्री सुनिश्चित करें, जैसे तिल, चावल और फूल।
पवित्र मंत्र: अनुष्ठान में वेद मंत्रों का उच्चारण शामिल होता है, जो पूर्वजों को प्रसन्न करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
तर्पण और पिंडदान: ये अर्पण पूर्वजों की आत्मा की शांति सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं।
गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र जाप – ग्रह दोष निवारण के लिए जप।
विशेष हवन एवं आहुति – समस्त दोषों को शांत करने हेतु।
अंतिम विसर्जन: अनुष्ठान संगम के पवित्र जल में अर्पण के विसर्जन के साथ समाप्त होता है।
दान एवं गौसेवा – दोष निवारण के लिए अन्न, वस्त्र और गौदान।
पितृ दोष निवारण पूजा के लाभ
1. पूर्वजों का आशीर्वाद: यह पूजा पूर्वजों का आशीर्वाद लाती है, जो जीवन में समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करती है।
2. बाधाओं का निवारण: व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बाधाओं को दूर करता है।
3. पारिवारिक सामंजस्य: पारिवारिक संबंधों में शांति और सामंजस्य बहाल करता है।
4. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है और ग्रहों के प्रभावों को संतुलित करता है।
5. स्वास्थ्य और धन में सुधार: पितृ दोष से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और वित्तीय ��स्थिरता को हल करता है।
यह भी पढ़ें: राहु केतु पीड़ा शांति पूजा का ज्योतिषीय महत्व – पूजा विवरण, समय और ऑनलाइन बुकिंग
पूजा बुकिंग और अधिक जानकारी
यदि आप महाकुंभ पितृ दोष शांति पूजा कराना चाहते हैं, तो AstroLive पर अपनी पूजा बुक करें।हमारी सेवाएं विभिन्न बजट और आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन की गई हैं:
व्यक्तिगत (1 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹801): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
कपल (2 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹1251): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल है और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
छोटा परिवार (4 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹1751): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
बड़ा परिवार (6 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹2001): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
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पितृ दोष उपायों के लिए AstroLive क्यों चुनें?
पितृ दोष निवारण पूजा के लिए विशेषज्ञता, सटीकता और गहन आध्यात्मिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। AstroLive पर, हम प्रदान करते हैं:
व्यक्तिगत पूजा सेवाएं: आपकी कुंडली और विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर तैयार अनुष्ठान।
विशेषज्ञ मार्गदर्शन: हमारे अनुभवी ज्योतिषी और पुजारी यह सुनिश्चित करते हैं कि अनुष्ठान का प्रत्येक चरण सही ढंग से किया जाए।
पवित्र स्थान: हम त्रिवेणी संगम जैसे शक्तिशाली आध्यात्मिक स्थलों पर अनुष्ठान की व्यवस्था करते हैं।
सुविधा: अपनी पितृ दोष पूजा को ऑनलाइन बुक करें और हमारे अनुभवी ज्योतिषियों से नि:शुल्क परामर्श प्राप्त करें।
अधिक जानकारी और अपनी पितृ दोष शांति पूजा निर्धारित करने के लिए एस्ट्रोलाइव की वेबसाइट पर जाएं।
यदि आप पितृ दोष के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो त्रिवेणी संगम पितृ दोष पूजा एक पवित्र और प्रभावी उपाय प्रदान करती है। इस अनुष्ठान को करके, आप न केवल अपने पूर्वजों का सम्मान करते हैं बल्कि अपने जीवन में समृद्धि, सामंजस्य और शांति को भी अनलॉक करते हैं। AstroLive आपके इस आध्यात्मिक मार्ग पर मार्गदर्शन करने में आपकी मदद करेगा और आपके उज्जवल भविष्य के लिए कर्म बाधाओं को समाप्त करेगा।अधिक जानकारी के लिए, हमसे Instagram पर जुड़ें। अपना वार्षिक राशिफल पढ़ें।
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लंग्स इंफेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?
लंग्स इंफेक्शन का ठीक होने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे संक्रमण का प्रकार, मरीज की उम्र, और उनकी इम्यूनिटी। इसका ठीक होने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि संक्रमण का प्रकार, मरीज की इम्यूनिटी, और उपचार की गुणवत्ता। आइए विस्तार से जानते हैं।
लंग्स इंफेक्शन के प्रकार और ठीक होने का समय:
वायरल संक्रमण: यह संक्रमण आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी से जुड़ा होता है। वायरल लंग्स इंफेक्शन 7-10 दिनों में ठीक हो सकता है, बशर्ते मरीज आराम करे और सही दवाएं ले।
बैक्टीरियल संक्रमण: जैसे निमोनिया, जिसमें एंटीबायोटिक्स की जरूरत होती है। इस प्रकार के संक्रमण से उबरने में आमतौर पर 1-2 सप्ताह लगते हैं।
फंगल संक्रमण: यह दुर्लभ लेकिन गंभीर हो सकता है। फंगल इंफेक्शन का इलाज और रिकवरी में हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है।
क्रोनिक स्थितियां: यदि मरीज को पहले से अस्थमा, सीओपीडी, या अन्य फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हैं, तो संक्रमण का इलाज और रिकवरी में अधिक समय लग सकता है।
जल्दी ठीक होने के उपाय:
डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें।
पर्याप्त आराम करें और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें।
धूम्रपान और प्रदूषण से बचें।
संतुलित आहार और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फलों का सेवन करें।
यदि लक्षण 10 दिनों से ज्यादा बने रहें या बिगड़ते जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।Top of Form
निष्कर्ष:
लंग्स इंफेक्शन का ठीक होने का समय मरीज की स्थिति और उपचार पर निर्भर करता है। सही देखभाल, समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से रिकवरी जल्दी हो सकती है। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और किसी भी समस्या के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
अधिक जानकारी और परामर्श के लिए डॉ. अरविंद कुमारकी वेबसाइट पर विजिट करें।
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लखनऊ, 01.12.2024 | विश्व एड्स दिवस 2024 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में बालागंज चौराहा, लखनऊ में “नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर” का आयोजन किया गया | शिविर में परामर्शदाता चिकित्सक डॉ॰ संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम द्वारा 144 रोगियों की नि:शुल्क जांच कर, रोगियों को सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, हृदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) के लिए एक सप्ताह की निःशुल्क होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गई | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने डॉ॰ संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम के साथ शिविर में आए सभी लाभार्थियों को लाल रिबन लगाकर एड्स के प्रति जागरूक किया ।
शिविर का शुभारंभ डॉ संजय कुमार राणा, परामर्शदाता चिकित्सक, उनकी टीम से श्री संतोष कुमार राणा, फार्मासिस्ट श्री राहुल राणा, नर्सिंग स्टाफ सुश्री दीपिका वर्मा, सुश्री सविता चौधरी ने दीप प्रज्वलन कर किया |
डॉ॰ संजय कुमार राणा ने कहा कि, “एचआईवी/एड्स एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे सही जानकारी, सावधानी और उपचार के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है । एड्स से जुड़े भेदभाव को समाप्त करना हमारा सामूहिक दायित्व है । जागरूकता और संवेदनशीलता ही वे आधार हैं, जिनसे हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं । नि:शुल्क होम्योपैथिक दवाइयों का वितरण इस दिशा में एक सराहनीय प्रयास है, जो समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रभावित व्यक्तियों की मदद के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है । आइए, हम सभी यह संकल्प लें कि न केवल हम स्वयं एड्स के प्रति जागरूक रहेंगे, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे तथा एक एड्स-मुक्त समाज के निर्माण में अपना योगदान देगे ।“
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा शिविर में आए लाभार्थियों को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया |
शिविर में परामर्शदाता चिकित्सक डॉ॰ संजय कुमार राणा, उनकी टीम से श्री संतोष कुमार राणा, फार्मासिस्ट श्री राहुल राणा, श्री रामासन साहू, नर्सिंग स्टाफ सुश्री दीपिका वर्मा, सुश्री सविता चौधरी एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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Hindi sex power medicine for male
पुरुषों के लिए सेक्स पावर बढ़ाने वाली देसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ
आयुर्वेदिक दवाइयाँ पुरुषों की यौन शक्ति, स्टैमिना और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हैं। ये औषधियाँ तनाव को कम करती हैं, ऊर्जा बढ़ाती हैं, और यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाती हैं।
सेक्स पावर बढ़ाने वाली प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियाँ
अश्वगंधा
मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है।
शारीरिक ताकत और यौन स्टैमिना बढ़ाने में सहायक।
हार्मोन संतुलन बनाए रखता है।
शिलाजीत
प्राकृतिक रूप से टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है।
यौन प्रदर्शन और ऊर्जा को बेहतर बनाता है।
संपूर्ण शारीरिक ताकत में सुधार करता है।
सफेद मूसली
यौन इच्छा और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
थकान और कमजोरी को दूर करता है।
सतावरी
हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।
यौन स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बेहतर करता है।
गोकशुर (Tribulus Terrestris)
यौन शक्ति और स्टैमिना को बढ़ाता है।
टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करता है।
केसर (सैफ्रॉन)
मूड को बेहतर बनाता है।
यौन उत्तेजना और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है।
मकरध्वज रस
शारीरिक ताकत और यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।
प्राकृतिक कामोत्तेजक के रूप में कार्य करता है।
सेवन का सही तरीका
इन औषधियों को दूध, पानी, या शहद के साथ सेवन करें।
खुराक डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार लें।
नियमित सेवन से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
सावधानियाँ
दवा का अधिक सेवन न करें।
किसी भी स्वास्थ्य समस्या या दवा के सेवन के दौरान चिकित्सक से परामर्श लें।
गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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निष्कर्ष
पुरुषों के लिए आयुर्वेदिक सेक्स पावर मेडिसिन एक प्राकृतिक और प्रभावी समाधान है। सही दवा और जीवनशैली के साथ, आप न केवल यौन शक्ति को बढ़ा सकते हैं बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकते हैं।
महत्वपूर्ण: इन दवाओं का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
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त्वचा पर सफेद दाग के कारण
त्वचा पर सफेद दाग के कारण - सफेद दाग, जिसे चिकित्सा जगत में विटिलिगो के नाम से जाना जाता है, एक सामान्य त्वचा विकार है जिसमें त्वचा पर सफेद धब्बे बनने लगते हैं। यह समस्या तब होती है जब त्वचा में रंग बनाने वाली कोशिकाएं, जिन्हें मेलानोसाइट्स कहा जाता है, नष्ट हो जाती हैं या कार्य करना बंद कर देती हैं। इसका प्रभाव केवल शारीरिक सुंदरता पर नहीं पड़ता, बल्कि यह व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। आइए, त्वचा पर सफेद दाग होने के मुख्य कारणों को विस्तार से समझते हैं।
1. ऑटोइम्यून सिस्टम का असंतुलन
सफेद दाग का सबसे प्रमुख कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) का असंतुलन है। जब शरीर का इम्यून सिस्टम मेलानोसाइट्स पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है, तो त्वचा पर सफेद धब्बे बनने लगते हैं। इसे ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया कहा जाता है, जिसमें शरीर अपनी ही कोशिकाओं को दुश्मन समझने लगता है।
2. आनुवंशिक कारण (जेनेटिक फैक्टर)
सफेद दाग का एक अन्य बड़ा कारण आनुवंशिकता है। अगर परिवार में किसी सदस्य को सफेद दाग की समस्या है, तो अगली पीढ़ी में भी इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है। शोध के अनुसार, सफेद दाग से ग्रस्त करीब 30% लोग ऐसे होते हैं जिनके परिवार में भी यह समस्या पहले से रही होती है।
3. त्वचा पर चोट या जलन
त्वचा पर किसी भी प्रकार की चोट, जलन, संक्रमण, या घाव के कारण मेलानोसाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है। इससे प्रभावित क्षेत्र में रंग गायब हो सकता है, और वहां सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं।
4. मानसिक तनाव और तनावपूर्ण जीवनशैली
अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता भी सफेद दाग का कारण बन सकते हैं। तनाव से शरीर के हार्मोनल संतुलन पर असर पड़ता है, जो मेलानोसाइट्स की कार्यक्षमता को बाधि�� कर सकता है। लंबे समय तक तनावपूर्ण जीवन जीने वाले लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।
5. पोषण की कमी और अनुचित आहार
शरीर में विटामिन B12, फोलिक एसिड, तांबा (कॉपर), और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी भी सफेद दाग का कारण बन सकती है। यह पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ और रंग बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। जंक फूड और असंतुलित आहार की आदतें समस्या को और गंभीर बना सकती हैं।
6. हार्मोनल बदलाव
हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से किशोरावस्था, गर्भावस्था, या मेनोपॉज के दौरान, सफेद दाग के विकास में भूमिका निभा सकता है। यह स्थिति त्वचा के रंग उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
7. केमिकल एक्सपोजर
कुछ हानिकारक केमिकल्स या औद्योगिक उत्पादों के संपर्क में आना भी सफेद दाग का कारण बन सकता है। अगर आप लंबे समय तक केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं, तो यह त्वचा की रंग बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
8. थायरॉइड और अन्य बीमारियां
थायरॉइड डिसऑर्डर, डायबिटीज, या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां भी सफेद दाग से जुड़ी हो सकती हैं। इन समस्याओं के कारण शरीर में असंतुलन होता है, जो त्वचा के रंग को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
सफेद दाग का कोई निश्चित कारण नहीं होता, लेकिन यह समस्या कई कारकों के संयोजन से हो सकती है। अगर आप सफेद दाग की समस्या से जूझ रहे हैं, तो जल्द से जल्द किसी त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। इसके साथ ही, संतुलित आहार, तनाव मुक्त जीवनशैली, और त्वचा की सही देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। सफेद दाग केवल एक त्वचा विकार है, इसे स्वीकारें और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें।
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GST Training Course for Beginners and Professionals
GST Course: Understanding the Gateway to Taxation Knowledge
जीएसटी कोर्स: कराधान ज्ञान का प्रवेशद्वार समझें
Introduction: What is GST? परिचय: जीएसटी क्या है?
Goods and Services Tax (GST) is a unified tax system implemented in India to simplify the tax structure. It eliminates the cascading effect of multiple taxes and promotes a transparent taxation mechanism. Understanding GST is crucial for businesses, accountants, and tax consultants, which is why enrolling in a GST course can be a valuable step. गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (��ीएसटी) भारत में लागू एकीकृत कर प्रणाली है, जो कर ढांचे को सरल बनाती है। यह कई करों के दोहरे प्रभाव को समाप्त करती है और पारदर्शी कराधान प्रणाली को बढ़ावा देती है। जीएसटी को समझना व्यवसायों, लेखाकारों और कर सलाहकारों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, जीएसटी कोर्स में दाखिला लेना एक लाभदायक कदम हो सकता है।
Why Enroll in a GST Course?
जीएसटी कोर्स में दाखिला क्यों लें?
Practical Knowledge GST courses provide hands-on experience with tax calculations, filing GST returns, and understanding compliance regulations. जीएसटी कोर्स कर गणना, जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और अनुपालन नियमों को समझने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं।
Career Advancement A GST certification boosts your resume and opens doors to opportunities in accounting, finance, and tax consultancy. जीएसटी सर्टिफिकेशन आपके रिज़्यूमे को मजबूत करता है और लेखांकन, वित्त और कर परामर्श में अवसर प्रदान करता है।
Business Benefits Entrepreneurs gain insights into managing taxes effectively, reducing penalties, and ensuring compliance. उद्यमी करों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, जुर्माने को कम करने और अनुपालन सुनिश्चित करने में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं।
Key Topics Covered in GST Courses
जीएसटी कोर्स में शामिल मुख्य विषय
Introduction to GST
History and need for GST.
Types of GST: CGST, SGST, IGST, and UTGST.
GST structure and framework. जीएसटी का इतिहास और आवश्यकता, सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और यूटीजीएसटी जैसे जीएसटी के प्रकार।
GST Registration Process
Eligibility for GST registration.
Step-by-step online registration.
Documents required for GST registration. जीएसटी पंजीकरण की पात्रता, ऑनलाइन पंजीकरण की चरणबद्ध प्रक्रिया, और आवश्यक दस्तावेज़।
GST Returns Filing
Types of GST returns (GSTR-1, GSTR-3B, etc.).
Due dates and penalties for late filing. जीएसटी रिटर्न के प्रकार, देरी से दाखिल करने के लिए समय सीमा और जुर्माना।
GST Compliance and Auditing
Importance of compliance in business.
GST audit process and annual returns. व्यवसाय में अनुपालन का महत्व और जीएसटी ऑडिट प्रक्रिया।
Duration and Fees of GST Courses
जीएसटी कोर्स की अवधि और फीस
GST courses typically last between 1 to 3 months, depending on the mode of learning (online or offline). The fee ranges from ₹5,000 to ₹25,000, based on the institute and course content. जीएसटी कोर्स की अवधि आमतौर पर 1 से 3 महीने होती है, जो सीखने के माध्यम (ऑनलाइन या ऑफलाइन) पर निर्भर करती है। फीस संस्थान और पाठ्यक्रम सामग्री के आधार पर ₹5,000 से ₹25,000 तक हो सकती है।
Eligibility for GST Courses
जीएसटी कोर्स के लिए पात्रता
Basic Knowledge Candidates should have basic knowledge of accounting and taxation. उम्मीदवारों को लेखांकन और कराधान का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए।
Educational Qualification A degree in commerce or related fields is preferred but not mandatory. वाणिज्य या संबंधित क्षेत्रों में डिग्री वांछनीय है, लेकिन अनिवार्य नहीं।
Job Opportunities After Completing GST Course
जीएसटी कोर्स पूरा करने के बाद रोजगार के अवसर
GST Consultant Assist businesses in GST compliance and filing returns. व्यवसायों को जीएसटी अनुपालन और रिटर्न दाखिल करने में सहायता करें।
Accountant Manage GST records and accounts for companies. कंपनियों के लिए जीएसटी रिकॉर्ड और खाते प्रबंधित करें।
Tax Advisor Provide advisory services related to GST planning and implementation. जीएसटी योजना और कार्यान्वयन से संबंधित परामर्श सेवाएं प्रदान करें।
Government Jobs Work in tax departments as a GST officer or auditor. कर विभागों में जीएसटी अधिकारी या लेखा परीक्षक के रूप में कार्य करें।
How to Choose the Best GST Course?
सर्वश्रेष्ठ जीएसटी कोर्स कैसे चुनें?
Accreditation Ensure the course is certified by a recognized institute. सुनिश्चित करें कि कोर्स किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रमाणित हो।
Faculty Expertise Check the qualifications and experience of instructors. प्रशिक्षकों की योग्यता और अनुभव की जांच करें।
Course Content Look for a comprehensive curriculum covering practical aspects. व्यावहारिक पहलुओं को शामिल करने वाले पाठ्यक्रम की तलाश करें।
Reviews and Testimonials Read reviews from previous students to gauge course effectiveness. पाठ्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए पूर्व छात्रों की समीक्षाएं पढ़ें।
Conclusion
निष्कर्ष
A GST course is a stepping stone for those looking to excel in taxation and finance. It not only enhances your skill set but also opens up diverse career opportunities. Whether you're an aspiring accountant, an entrepreneur, or a tax consultant, this course will equip you with the tools to succeed in the competitive world of taxation. जीएसटी कोर्स कराधान और वित्त में उत्कृष्टता प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आपके कौशल को बढ़ाता है बल्कि विविध करियर के अवसर भी प्रदान करता है। चाहे आप एक उभरते हुए लेखाकार हों, एक उद्यमी, या एक कर सलाहकार, यह कोर्स आपको प्रतिस्पर्धी कराधान की दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेगा।
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