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china coronavirus wuhan: चीन: चमगादड़ खाने से मिली सीख, वुहान के लिए कनाडा से पहुंचा 100 टन पोर्क - china imports 100 tonne pork from canada for wuhan after coronavirus
china coronavirus wuhan: चीन: चमगादड़ खाने से मिली सीख, वुहान के लिए कनाडा से पहुंचा 100 टन पोर्क – china imports 100 tonne pork from canada for wuhan after coronavirus
[ad_1] Shatakshi Asthana | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 28 Mar 2020, 10:50:00 PM IST
सांकेतिक तस्वीर
पेइचिंग पिछले साल नवंबर से कोरोना व��यरस ने चीन के शहरों में कोहराम मचा रखा है। यहां तक कि चीन से निकलकर यह घातक वायरस पूरी दुनिया के कोनों में पहुंच गया। यह वायरस पैंगोलिन से चमगादड़ के रास्ते इंसानों में आया और फिर इन्फेक्शन बन गया। जंगली जानवरों को खाने से हुए नुकसान के बाद अब चीन ने कनाडा से…
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स्वयं देख लें, महामाया प्रकृति हमें आशीर्वाद दे रही है
आज और कल इस बार दो दिन अमावस है परसों यानि 10 तारीख से शारदीय नवरात्रे शुरु हो रहे हैं| हम निश्चित रुप से अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं, कुछ ऐसे ही संकेत हमारे पिछले तीन महीने के प्रयासों के आने भी शुरू हो गए हैं| हालांकि इस समय अधिकांश न्यूज़-चैनल भाजपा समर्थक हैं- फिर भी राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के सभी चुनावी सर्वों में इस बार हिन्दू-द्रोही भाजपा की हार सुनिश्चित ही बता रहे हैं| यह समाचार हम सभी गुरुभक्त साधकों व हिन्दू भक्त समुदाय के पिछले कुछ माह के परिश्रम का महामाया प्रकृति-प्रदत्त आशीर्वाद उपहार है|
इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू व उनके पूरे परिवार को ही नेस्त-नाबूद करने पर तुली बैठी ‘भाजपा’ के एक ‘महाअहंकारी नेता’ के लिए यह एक ‘अवेकनिंग काल’ है| यदि इसके बाद भी यह संत व गौ-उत्पीड़क आततायी नेता, हमारे निर्दोष गुरुदेव के साथ न्याय नहीं करता है, तो यह बिल्कुल पक्की बात है कि 2019 के चुनावों में ‘प्रकृति माता’ इसे अवश्य ही भूतपूर्व बना देगी|
तीन-चार माह पूर्व हमने जब इन तीन राज्यों में इस बार भाजपा को हरा कर एक ‘अवेकनिंग काल’ देने का संकल्प किया था, उस समय इन राज्यों में भाजपा का इतना विरोध शुरू नहीं हुआ था, किन्तु आज स्थिति यह आ गई है कि मोदी जी के खासम-ख़ास अमित शाह के आगमन पर भी रतलाम में पूरी तरह से बंद रखा जाता है तथा शहर के सभी घरों व दुकानों पर काले झण्डे लगा कर उसके वहाँ आने का विरोध खुलेआम प्रदर्शित किया जाता है|
इसका बहुत सीधा सा अर्थ यह भी है कि हम सभी गुरुभक्त साधक व हिन्दू अमुदाय मिलकर निर्दोष हिन्दू संत पूज्य आशाराम���ी बापू व उनके परिवार के न्याय हेतु जो भी प्रयास कर रहे हैं- वो बिल्कुल सही दिशा में हैं तथा इसीलिए ‘प्रकृतिमाता’ भी हमारा भरपूर सहयोग कर रही है|
दूसरी तरफ हमारी इस सफलता से संत-उत्पीड़क खेमे में बुरी तरह से खलबली मची हुई है, इसका अनुमान अब सोशल मीडिया पर इनकी पोस्ट्स व मैसेजस से भी बहुत आसानी से लगाया जा सकता है| इन्होंने गुरुभक्त लोगों को ‘हिंदुत्व व भय’ की दो धारी तलवार से रोकने का असफल प्रयास शुरू कर दिया है| उन्होंने इस तरह की पोस्ट्स डालनी शुरू कर दी हैं कि- अब चुनाव संहिता लागू हो चुकी है, अत: राजनैतिक विषयों के मैसेजस व पोस्ट्स पढ़ना व शेयर करना एक अपराध है| दुसरे कुछ गुरुद्रोही मिल कर गुरुभाक्तों को समझाने का प्रयत्न कर रहे हैं कि यदि भाजपा को वोट नहीं दिया तो फिर कांग्रेस आ जाएगी और यह पार्टी हिंदुत्व विरोधी पार्टी है इसलिए फिर हिन्दुओं का जीना मुश्किल हो जाएगा, इत्यादि-इत्यादि| तो सबसे पहले तो मैं सभी गुरुभक्त साधकों व हिंदु समुदाय को बता दूँ कि यह दोनों ही बातें भाजपा के पिट्ठू लोग कर रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने आज तक हिन्दुओं को भयभीत करके नैगेटिव वोट बंटोरने की राजनीति ही की है| वर्ष 2014 के चुनावों में तो इसे भरपूर ‘पोजीटिव’ समर्थन इसलिए मिल गया था, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के विरुद्ध उस समय एक झूठा मुकद्दमा जो घड़ दिया था, उस समय गुरुभाक्तों को पूरी उम्मीद थी कि भाजपा आ जाएगी तो ‘संत श्री’ को शीघ्र ही न्याय मिल जाएगा|
किन्तु यह तो आज हिन्दुओं के लिए कांग्रेस से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है, कांग्रेस ने तो केवल संत श्री आशारामजी बापू के खिलाफ एक झूठा मुकद्दमा घड़ा था, किन्तु इस ‘छप्पन इंची शेर’ की सरकार ने तो इनके पूरे परिवार को ही जेल में सड़ा कर मारने की ‘प्लान’ बना ली थी, पर शायद यह ‘शेर’ व इसकी पार्टी यह भूल गई थी, कि इनसे ऊपर भी कोई और ताकत है, और फिर उसी ताकत ने ‘मैया जी’ व भारती बहन की जमानत करवा दी थी- और फिर भाजपा के इस झुझलाए ‘शेर’ ने उसी शाम जमानत देने वाले जज का ट्रांसफर एक फैमिली कोर्ट में करवा कर अपनी झुंझलाहट उतारी थी|
कृपया भाजपा के पिट्ठू हमें बताएं कि:- गौमाता के रक्षकों को ‘गुन्डा’ घोषित करवाना तथा उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाई करने के लिए होम-मिनिस्टरी से सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी करवा देना- यह तो कसाई इंडस्ट्री से मोटे नोट लेकर उनके लिए काम करना हुआ- यह कहाँ का हिंदुत्व हुआ? इस समय देश में ईसाई-मिशनरियों द्वारा धर्म-परिवर्तन का जो भयंकर तांडव किया जा रहा है, इस पर पूरी भाजपा पार्टी व सरकार का मौन साध लेना तो ईसाई मिशनरियों द्वारा हिन्दू-धर्म को खत्म करने के उनके प्रयासों का मूक समर्थन ही हुआ- *यह कहाँ का हिंदुत्व है|* मोदी के फर्स्ट लेफ्टिनेंट तथा भाजपा अध्यक्ष द्वारा कल साफ़-साफ़ कह देना कि उनकी पार्टी व सरकार किसी भी राज्य में ‘गौ-मांस’ पर प्रतिबन्ध नहीं लगाएगी, जिस किसी राज्य ने लगाना है वो अपने यहाँ लगाले- तो यह किस तरह का हिंदुत्व है| भाजपा ने क्या लाखों बेघर कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ किया है, क्या इस सरकार ने धारा 370 हटवाई, क्या भाजपा सरकार ने देश में समान नागरिक संहिता के लिए कोई प्रयास किया, बिल्कुल नहीं तो- फिर मुझे भाजपा के टट्टू यह तो बतायें कि यह ‘मोदी-भाजपा’ कहाँ की हिंदुत्व वादी पार्टी रह गई है|
सच तो यह है कि इस समय तो यह पार्टी मुसलमानों में अपनी पैठ बनाने के प्रयासों में लगी हुई है| तीन तलाक पर अध्यादेश लाना इसका एक बड़ा प्रमाण है| पश्चिमी बंगाल में हो रहे पंचायत चुनावों में इस बार भाजपा ने 852 रिकॉर्ड टिकट मुसलमानों को देकर भी अपनी यही मंशा जाहिर की है, और मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों स पूर्व भाजपा के इस कागजी ‘शेर’ व शिवराज सिंह चौहान का एक मस्जिद में जाकर उनके धार्मिक गानों में सुर से सुर मिलाकर गाना, यह भाजपा का मुस्लिम वोटरों में पैठ बनाने का एक प्रयास नहीं तो और क्या है-
देखिए आज, पूरी भाजपा पार्टी व उसके सभी टट्टू भी यह अच्छी तरह से अपने दोनों कान खोल कर सुन लें कि *आप लोग हिन्दू संतों पर अन्याय व अत्याचार करते रहें और उनके शिष्य व भक्त आपको वोट भी देते रहे हैं- ऐसा अब होने वाला नहीं है|* यदि शीघ्र ही हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के केरला उपचार का प्रबन्ध नहीं किया गया तथा 2019 के चुनावों से पूर्व ही उन्हें न्याय देकर ससम्मान रिहा नहीं किया गया तो 2019 के चुनावों में तुम्हें हराने का हम करोड़ों-करोड़ों गुरुभक्त मिलकर जी-जान से प्रयत्न करेंगे, करेंगे और जरुर करेंगे|
दूसरी बात यह है कि भाजपा के पास कुछ पढ़े-लिखे भाड़े के टट्टू भी हैं जो भोले-भाले हिन्दुओं को कानून का भय दिखा कर भाजपा के विरुद्ध बोलने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं, तो भाजपा के पढ़े-लिखे टट्टुओं मैं भी थोड़ा बहुत पढ़ी-लिखी हूँ तथा एक जिम्मेवार पत्रकार हूँ| मैं जो भी लिखती या कहती हूँ वह पूर्ण रुप से तथ्य-परक व कानून-सम्मत ही कहती हूँ- मैंने कभी भी भावावेश या क्रोध में भी कानून की सीमा नहीं तोड़ी है- भारतीय-संविधान के अनुच्छेद 19 (1) में भी सभी भारतीयों को किसी भी सूचना या विचार को बोलकर, लिखकर या अन्य किसी रुप में भी बिना किसी रोक-टोक के अभिव्यक्त करने की पूरी स्वतन्त्रता दी गई है| इस अधिकार के अंतर्गत कोई भी नागरिक ना केवल अपने राजनैतिक विचारों को व्यक्त कर सकता है बल्कि उनका आदान-प्रदान भी कर सकता है| हाँ, देश में इमरजेंसी की स्थिति में इन अधिकारों को राज्य द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है|
अंत में एक बात और ‘भाजपा-फोबिया’ से ग्रस्त कुछ साधक यह सवाल बार-बार पूछ रहे हैं कि यदि हम भाजपा को वोट ना दें तो किसको दें- तो मेरा तो इस पर यही कहना है कि घोर हिन्दू-विरोधी भाजपा व कांग्रेस को छोड़ कर आप किसी को भी अपना वोट दे दें, या बिल्कुल बहिष्कार ही कर दें- धनुर्धारी अर्जुन की तरह इस बार अपना लक्ष्य निर्दोष गुरुदेव के विरुद्ध अन्याय व अत्याचार करने वालों को सबक सिखाना रखना है- बाकी का काम तो फिर हमारी माँ ‘महामाया प्रकृति’ स्वयं अपने आप कर लेगी, आप देख सकते हैं कि माँ कर भी तो रही है-
दिनांक 08-10-2018 –सुनन्दा पी तंवर अन्तर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्त्ता लंदन, यू.के
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आंचल पांधी की हत्या नहीं उसको आत्महत्या के लिए किया गया था मजबूर : पुलिस रिपोर्ट जांच के बाद मौत के राज से उठा पर्दा देहरादून : राजपुर के अपार्टमेंट में 14 फरवरी की रात हुई विवाहिता आंचल पांधी की मौत के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि उसकी हत्या नहीं हुई थी बल्कि उसने आत्महत्या की थी। पुलिस के मुताबिक आंचल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। परेशान होकर आंचल ने आत्महत्या की। पुलिस की विवेचना में सामने आए तथ्य इस की तस्दीक कर रहे हैं। आंचल की मौत के मामले में पुलिस ने अब हत्या के मुकदमे को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में तरमीम कर दिया है। पुलिस अधीक्षक देहात श्वेता चौबे ने विवेचना के दौरान मेडिकल बोर्ड, डीएनए, विसरा रिपोर्ट समेत तमाम वैज्ञानिक साक्ष्यों का संकलन किया है। आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पुलिस आंचल के आरोपी पति राहुल पांधी और उनके परिजनों की कभी भी गिरफ्तारी कर सकती है। पुलिस देर रात तक उनकी टोह में लगी थी। हालांकि परिजन पुलिस विवेचना से संतुष्ट नहीं है। दोहराया कि बेटी की हत्या हुई। राजपुर के अपार्टमेंट में 14 फरवरी की रात आंचल पांधी का शव घर में लटका मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत में एंटी मॉटम हेकिंग आने के बाद भी परिजनों ने आरोप लगाया था कि योजनाबद्ध तरीके से उसका कत्ल किया गया है। परिजनों के हंगामे के बाद राजपुर थाने में पति राहुल पांधी, सास और दो ननंदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने पैनल से पोस्टमार्टम कराने के साथ वीडियोग्राफी भी कराई थी। साथ ही तीन फॉरेंसिक एक्सपर्ट का मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी राय ली गई थी। परिजनों के आरोपों के बीच इस मामले की जांच एसओ राजपुर से लेकर एसपी देहात श्वेता चौबे के सुपुर्द कर दी गई थी। हाईकोर्ट में 26 को दाखिल होगा काउंटर विवेचना में आंचल के पिता अनिल कोहली के तमाम आरोपों का संज्ञान लेकर विवेचना की गई, लेकिन हत्या की पुष्टि नहीं हुई। वरिष्ठ पुलिस ��धीक्षक स्वीटी अग्रवाल ने बताया कि विवेचना से इस बात की पुष्टि हुई कि आंचल द्वारा खुदकुशी की गई थी, लेकिन ससुराल पक्ष ने इस कृत्य के लिए उसे उक साया था। साक्ष्यों के अनुरूप हत्या के मुकदमे को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में तरमीम कर दिया गया। उन्हाेंने बताया कि परिजनों द्वारा मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर कोई आपत्ति नहीं है। शुक्रवार सुबह ही डीजीपी को सीबीआई जांच से आपत्ति न होेने की रिपोर्ट सौंप दी गई है। यह है विवेचना के मुख्य साक्ष्य -पैनल द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट -विसरा जांच रिपोर्ट, जिसमें एल्कोहल अथवा जहर की पुष्टि नहीं -घटनास्थल पर मिले आंचल के खून की डीएनए मिलान में पुष्टि -गठित मेडिकल बोर्ड की तथ्य परक विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में 26 को दाखिल होगा काउंटर देहरादून। आंचल पांधी की मौत के मामले में परिजनों की याचिका पर हाईकोर्ट ने विवेचक को तलब कर काउंटर दाखिल करने के आदेश दिए है। एसपी देहात 25 अप्रैल को हाईकोर्ट पहुंचकर काउंटर तैयार कर 26 को दाखिल करेगी। पिता अनिल कोहली ने पुलिस विवेचना पर सवाल उठाते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाई थी।
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