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UP Assembly Election 2022: लखनऊ में होगी बीजेपी के पदाधिकारियों की अहम बैठक
UP Assembly Election 2022: लखनऊ में होगी बीजेपी के पदाधिकारियों की अहम बैठक
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में चुनावी रण-चुनौती तैयार हो रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रमुखों के लिए तैयार है और 26 प्रको की घोषणा की है, और अब एक बैठक में जाने के लिए तैयार है। 2022 के मतदान के लिए मतदान करने वालों में शामिल हों। बैठक में चुनाव के समय और भी ख़राब होंगे. सैलियासीउत्तर में वृद्धि हुई है। इकठ्ठा होने की क्षमता में वृद्धि होती है। वास्तव में,…
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कांग्रेस में 'सी' का मतलब 'चालाक' है: मायावती ने निशाना साधा
कांग्रेस में ‘सी’ का मतलब ‘चालाक’ है: मायावती ने निशाना साधा
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पार्टी पर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा, “कांग्रेस में ‘सी’ का मतलब वास्तव में ‘चालाक’ पार्टी है,” यूपी कांग्रेस हैंडल के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जिसमें कहा गया था, “बसपा में ‘बी’ का मतलब…
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प्रथम चरण में पंचायत चुनाव 2021 71 प्रतिशत मतदान
प्रथम चरण में पंचायत चुनाव 2021 71 प्रतिशत मतदान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ द्वारा प्रकाशित: विकास कुमार अपडेटेड शुक्र, 16 अप्रैल 2021 12:22 AM IST सार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों में गुरुवार को लगभग 71 प्रतिशत मतदान हुआ। कास्टिंग करने के लिए लाइन में खड़े लोग – फोटो: अमर उजाला ख़बर सुनना ख़ब��� सुनना उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने गांव की सरकार चुनने…
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UP Panchayat Chunav 2021: 'जवन मजा बा प्रधानी में, उ कहां फिल्म कहानी में'; जौनपुर में ग्लैमरस चुनाव
UP Panchayat Chunav 2021: ‘जवन मजा बा प्रधानी में, उ कहां फिल्म कहानी में’; जौनपुर में ग्लैमरस चुनाव
जौनपुर: यूपी पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) में ग्लैमर का जबरदस्त तड़का देखने को मिल रहा है. खासकर पूर्वांचल इलाके के जिले जौनपुर में कुछ ज्यादा ही क्रेज देखने को मिल रहा है. एक ओर मिस इंडिया की रनर-अप रहीं दीक्षा सिंह जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में दांव लगा रही हैं. वहीं, अब खबर सामने आई है कि एक फिल्म निर्माता भी प्रधानी के खेल में किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं. आइए जानते हैं पूरा…
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हुस्न की नाजुक परी लड़ रही है यूपी से चुनाव यूपी पंचायत का चुनाव लड़ रहीं दीक्षा सिंह देखे वायरल फोटो
हुस्न की नाजुक परी लड़ रही है यूपी से चुनाव यूपी पंचायत का चुनाव लड़ रहीं दीक्षा सिंह देखे वायरल फोटो
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में इस बार ग्लैमर का तड़का भी देखने को मिलेगा। यूपी के जौनपुर से मॉडल और एक्ट्रेस दीक्षा सिंह चुनाव लड़ने वाली हैं। जल्द ही वो अपने नामांकन का पर्चा भी भर देंगी। दीक्षा ने अपने करियर की शुरूआत मॉडलिंग के साथ की थी। यहीं नहीं वो साल 2015 में मिस इंडिया रनर अप भी रह चुकी हैं। दीक्षा अभी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ना शुरू ही की हैं। नेहा कक्कड़ और दर्शन रावल के गाने में वो…
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अप पंचायत चुनाव 2021 पुलिस मालिकों के खिलाफ मामलों के कारण कई लाइसेंस निलंबित करती है
अप पंचायत चुनाव 2021 पुलिस मालिकों के खिलाफ मामलों के कारण कई लाइसेंस निलंबित करती है
यूपी में होने वाले ���्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर, पुलिस ��े उन लोगों की वास्तविकताओं के लाइसेंस निलंबित करना शुरू कर दिया है जिनके खिलाफ मामला है या जिन पर चुनाव में गड़बड़ी की आशंका है। पुलिस लगातार उन आरोपियों के खिलाफ मुकदमों में रिपोर्ट भेज रही है, जिसके आधार पर प्रशासन उनकी वास्तविकताओं के लाइसेंस को निलंबित कर रहा है। इसी क्रम में गोरखपुर में दस और लोगों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए…
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67 साल के कमलानंद मंडल भाजपा के कट्टर समर्थक हैं। उनके बेटे ने जब उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वाली सफेद टी-शर्ट लाकर दी थी तो वे बेहद खुश हुए थे। लेकिन इन दिनों वे इसी टी-शर्ट को उल्टा पहनकर बिहार चुनावों में भाजपा के प्रति अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।
कमलानंद कहते हैं, ‘जिस विधायक ने हमारे लिए एक पैसे का काम नहीं किया, भाजपा ने उसी को दोबारा टिकट दे दिया। 2017 की बाढ़ के बाद से हमारा जीना बेहाल हो गया है। हमने कई बार अपने विधायक से गुहार लगाई लेकिन उसने हमारी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस बार हम उसे किसी भी हाल में नहीं जीतने देंगे।’
कमलानंद मंडल अररिया जिले की फारबिसगंज विधानसभा में रहते हैं। जिस विधायक के प्रति वे अपनी नाराजगी जता रहे हैं, उनका नाम विद्यासागर केसरी है। फारबिसगंज से सिटिंग विधायक विद्यासागर केसरी को भाजपा ने इस बार दोबारा टिकट दिया है और इसी का गुस्सा कमलानंद मंडल और उनके गांव के अधिकतर लोगों में है।
भारत-नेपाल सीमा के पास बसे उनके गांव का नाम नया टोला है। भागकोहलिया पंचायत का यह गांव 2017 में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। परमान नदी का तटबंध टूट जाने के चलते उस साल इस इलाके में भारी नुकसान हुआ था। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि वह तटबंध 2017 के बाद से ��भी बनवाया ही नहीं गया जिसके चलते अब हर साल कम से कम 7-8 बार गांव में बाढ़ आने लगी है।
कमलानंद मंडल भाजपा के कट्टर समर्थक हैं, लेकिन स्थानीय भाजपा के विधायक के काम से नाराज हैं।
यह इलाका कोसी-सीमांचल क्षेत्र में आता है। ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के साथ ही नेपाल से भारत में दाखिल होने वाली कई दूसरी नदियां भी यहां हर साल तबाही लेकर आती हैं। परमान ऐसी ही एक नदी है जिसका दंश हजारों परिवार हर साल झेलते हैं।
इसी गांव के रहने वाले महानंद मंडल बताते हैं, ‘2017 में जो तटबंध टूटा था उसके चलते सिर्फ हमारे एक प्रखंड की ही 16 पंचायतें प्रभावित हुई हैं। औसतन हर प्रखंड के पांच-छह गांव इससे प्रभावित हुए हैं और हर गांव में लगभग दो सौ परिवार हैं। 2017 के बाद से हमारी कोई भी फसल पनप नहीं सकी है। महीनों तक खेतों में पानी भरा रहता है। इस साल भी अब तक आठ बार हमारे गांव में बाढ़ आ चुकी है।’
इन गांवों में बाढ़ तो हर साल आती है लेकिन मुआवजे क��� नाम पर इन लोगों को एक पैसा भी नहीं दिया जाता। गोकुल कुमार मंडल कहते हैं, ‘मुआवजा सिर्फ 2017 में मिला था वो भी सिर्फ छह-छह हजार रुपए। उसके बाद से बाढ़ तो हर साल आती है लेकिन मुआवजा कभी नहीं आता। पटना की सड़कों में आधा फुट भी पानी भरता है तो सब जगह चर्चा होने लगती है, लेकिन हमारे खेत और फसल महीनों पानी में डूबे रहते हैं तो कोई पूछने तक नहीं आता।’
लगातार आने वाली बाढ़ के चलते इस इलाके में खेती बेहद मुश्किल हो चली है। इस कारण इस क्षेत्र से पलायन और भी तेजी से होने लगा है। नया टोला गांव की ही बात करें तो पूरे गांव में एक भी युवा नजर नहीं आता। गांव के अधिकतर जवान लड़के पंजाब की अनाज मंडियों में जाकर मजदूरी करते हैं।
भारत-नेपाल सीमा के पास बसे उनके गांव का नाम नया टोला है। भागकोहलिया पंचायत का यह गांव 2017 में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
करीब दस दिन पहले ही कमलानंद मंडल का बेटा गांव के 25 लड़कों के साथ मजदूरी करने पंजाब गया है। एक ‘पिक-अप’ गाड़ी में भरकर ये सभी लड़के अररिया से पंजाब की 1800 किलोमीटर की यात्रा पर ठीक चुनाव से पहले निकल गए क्योंकि परिवार का पेट पालना वोट डालने से ज्यादा जरूरी काम है।
गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग, महिलाएं और अधेड़ उम्र के मर्द ही बचे हैं। यही लोग मिलकर खेती करते हैं और पूरे साल में मुश्किल से जो एक मात्र फसल ये उपजा लेते हैं, उसका भी सही दाम इन लोगों को नहीं मिल पाता। महानंद मंडल बताते हैं कि इस साल उन्होंने 40 क्विंटल मक्की उपजाई थी। मक्की पर न्यूनतम समर्थन मूल्य करीब 1800 रुपए तय हुआ था लेकिन बाजार में कोई भी यह दाम देने को तैयार नहीं हुआ।
वे कहते हैं, ‘मैंने दो महीने तक मक्की अपने घर पर रखी और अच्छे दाम मिलने का इंतजार किया। लेकिन, फिर मक्की में सुंडी (कीड़ा) लगने लगी तो मुझे हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर ही मक्की बेचनी पड़ी। ऐसे में हमारे बच्चे मजदूरी करने बाहर नहीं जाएंगे तो क्या करेंगे। इस इलाके में अब खेती से पेट भरना मुमकिन नहीं रह गया है।’
2017 की बाढ़ के बाद से भागकोहलिया पंचायत के कई गांवों पर लगातार खतरा बना रहता है। उस बाढ़ के दौरान परमान नदी के पीपडा घाट पर बना तटबंध टूट गया था जो आज तक ठीक नहीं करवाया गया है। इसके चलते नदी का जलस्तर थोड़ा भी बढ़ता है तो इन गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन पड़ती है।
2017 की बाढ़ के दौरान परमान नदी के पीपडा घाट पर बना तटबंध टूट गया था, जो आज तक ठीक नहीं करवाया गया है।
गोकुल मंडल कहते हैं, ‘तटबंध अगर ठीक नहीं किया गया तो शायद आने वाले कुछ सालों में परमान नदी की दिशा हमेशा के लिए बदल जाए और नदी हमारे गांव से होकर ही बहने लगे। बथनाह से अररिया होकर निकलने वाली नहर के पूरब में जितने भी गांव हैं, उन सब पर अब यही खतरा बन गया है। विधायक अगर सिर्फ वो तटबंध भी बनवा देते तो कम से कम हमारे मुंह से दाना तो न छिनता।’
गोकुल मंडल यह भी बताते हैं कि सिर्फ उनके गांव ने ही नहीं बल्कि उनके पूरे समाज ने इस बार भाजपा के प्रत्याशी विद्यासागर केसरी को हराने की ठान ली है। वे कहते हैं, ‘इस सीट पर सबसे ज़्यादा मतदाता मंडल समुदाय के ही हैं। करीब सवा लाख वोट यहां मंडलों के हैं जो सालों से भाजपा को ही वोट देते रहे हैं। हमने मीटिंग करके ये तय किया है कि अगर भाजपा के वोट काटने के लिए हमें कोई मंडल प्रत्याशी मैदान में उतारने पड़े तो हम वो भी करेंगे, लेकिन इस बार विद्यासागर केसरी को जीतने नहीं देंगे।’
विद्यासागर केसरी के खिलाफ इस सीट से कांग्रेस के जाकिर अनवर चुनाव लड़ रहे हैं। वे एक बार पहले भी फारबिसगंज से बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। मंडल समुदाय के बाद इस सीट पर सबसे बड़ा वोट बैंक मुस्लिम मतदाताओं का ही है। लेकिन, दिलचस्प है कि संख्याबल में सबसे मजबूत होने के बावजूद भी इस सीट से आज तक सिर्फ एक बार ही कोई मुस्लिम प्रत्याशी जीता है और सिर्फ एक बार ही कोई मंडल प्रत्याशी भी।
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गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग, महिलाएं और अधेड़ उम्र के मर्द ही बचे हैं। यही लोग मिलकर खेती करते हैं, अधिकतर जवान लड़के पंजाब की अनाज मंडियों में जाकर मजदूरी करते हैं।
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पंचायत निवडणुका 2021 मध्ये थेट मतदान आज 18 जिल्ह्यात पंचायत चुनाव लाईव्ह अपडेट हिंदी
पंचायत निवडणुका 2021 मध्ये थेट मतदान आज 18 जिल्ह्यात पंचायत चुनाव लाईव्ह अपडेट हिंदी
07:50 एएम, 15-एप्रिल -2021 मतदार शंकर कुरील यांनी प्रथम मतदान केले कानपूरमधील कल्याणपूर ब्लॉकमधील कुरसौली गावात मतदान सुरू झाले आहे. मतदार शंकर कुरील यांनी प्रथम मतदान केले. 07:42 एएम, 15-एप्रिल -2021 आग्रा येथे पंचायत निवडणुकीसाठी मतदानास प्रारंभ आग्रा येथील पंचायत निवडणुकीसाठी मतदानास प्रारंभ झाला आहे. पिन्हाट ब्लॉकमधील टीकमसिंहपुरा गावात मतदार मतदानासाठी रांगेत आहेत. मतदार मुखवटे परिधान…
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#२०१ election मध्ये पंचायत निवडणुका#2021 पर्यंत पंचायत निवडणुका#अप पंचायत चुनाव#अप बातम्या#आज पंचायत निवडणुकीची बातमी#आज पंचायत निवडणूक#तीन स्तरीय पंचायत निवडणूक उत्तर प्रदेश 2021#नस्ल बातम्या#पंचायत चुनव#पंचायत चुनव 2020#पंचायत चुनव 2021#पंचायत चुनव 2021 पर्यंत#पंचायत चुनव बातम्या#पंचायत चुनव मतदान#पंचायत चुनाव अप#पंचायत निवडणुकीची ताजी बातमी#पंचायत निवडणूक#पंचायत निवडणूक उत्तर प्रदेश 2021#लखनौ मधील बातमी हिंदीमध्ये#लखनौ हिंदी समचार#हिंदी मधील ताज्या लखनौच्या बातम्या
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यूपी पंचायत प्रमुख चुनाव: साइना नेहवाल ने भाजपा की जीत पर योगी को बधाई दी; रालोद प्रमुख ने उन्हें 'सरकारी शटलर' कहा
यूपी पंचायत प्रमुख चुनाव: साइना नेहवाल ने भाजपा की जीत पर योगी को बधाई दी; रालोद प्रमुख ने उन्हें ‘सरकारी शटलर’ कहा
ऐस बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिला पंचायत प्रमुख के पदों पर चुनाव में भाजपा की “प्रचंड जीत” पर बधाई दी है, जिससे रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की तीखी टिप्पणी हुई, जिन्होंने उन्हें “सरकारी शटलर” कहा। नेहवाल ने शनिवार रात एक ट्वीट में कहा, “यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रचंड जीत के लिए हार्दिक बधाई @myogiadityanath सर।” नेहवाल 2020 के…
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प्रयागराज: पुलिस, पोलिंग पार्टी पर पथराव, तालाब में बैलट बॉक्स
प्रयागराज: पुलिस, पोलिंग पार्टी पर पथराव, तालाब में बैलट बॉक्स
प्रयागराज समाचार: पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए कतार में लगीं महिलाएं। – फोटो: प्रयागराज ख़बर सुनना ख़बर सुनना सोरांव थाना क्षेत्र के राजापुर कस्बा उर्फ कजियानी गांव में मतदान के दौरान पुलिस व पोलिंग पार्टी पर पथराव हुआ। यहां प्रधान पद के एक प्रत्याशी के पक्ष में फर्जी वोटिंग का शोर मचने पर लोगों ने मतदान केंद्र में घुसकर दो बैलेट बॉक्स उठा लिए और बैलेट बॉक्स को तालाब में फेंक दिया।…
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जनता का जनादेश स्वीकार्य,अब दोगुने उत्साह से करुंगा जनसेवा बल्टा से रनर अप दीपक मेहता ने जताया मतदाताओं का आभार उत्तरा न्यूज अल्मोड़ा। बल्टा जिला पंचायत क्षेत्र से जिपं सदस्य चुनावों में रनरअप रहे दीपक मेहता ने चुनाव में सहयोग के लिए मतदाताओं का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि जनता का जनादेश स्वीकार्य है और जो असीम प्रेम और आशीर्वाद जनता ने उन्हें दिया उसके बाद उन्हें जो उर्जा मिली उससे वह अभीभूत हैं और अब दोगुने उत्साह से जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया जाएगा और जहां क्षेत्र की अनदेखी हुई उसके खिलाफ मुखर होकर जनसंघर्�� करने से भी वह नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों ने उन्हें अनेक जनसमस्याएं बताई हैं उनके निराकरण के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
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यूपी पंचायत चुनाव हारी मिस इंडिया फाइनलिस्ट Divya Sandesh
#Divyasandesh
यूपी पंचायत चुनाव हारी मिस इंडिया फाइनलिस्ट
जौनपुर। मिस इंडिया की उपविजेता दीक्षा सिंह जौनपुर जिले के बसखा से पंचायत चुनाव हार गई हैं।
एक महिला उम्मीदवार के लिए सीट आरक्षित होने के बाद दीक्षा सिंह ने इस ��ार जिला पंचायत सदस्य के लिए ��ुनाव लड़ा था।
फेमिना मिस इंडिया 2015 की उपविजेता दीक्षा ने अपनी साख दांव पर लगाई और अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने से पहले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा समर्थित उम्मीदवार नगीना सिंह ने लगभग 5,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। दीक्षा सिंह पंचायत चुनाव में 5 वें स्थान पर रहीं, उन्हें विकास के नाम पर केवल 2,000 वोट मिले।
दीक्षा मुंबई से अपने पैतृक निवास जौनपुर आई थी। उन्होंने जौनपुर में बुनियादी सुविधाओं की कमी को उनके अभियान का केंद्र बिंदु बनाया था।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने पर भी ध्यान केंद्रित किया।
जौनपुर जिले के बक्शा क्षेत्र के चित्तोरी गाँव की रहने वाली दीक्षा ने गाँव में कक्षा 3 तक पढ़ाई की और उसके बाद अपने पिता के साथ मुंबई चली गई थी।
मुंबई में रहते हुए, उन्होंने फेमिना मिस इंडिया 2015 में रनर अप का खिताब जीता। उन्होंने कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया है और कुछ फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखने में भी हाथ आजमाया है। वह कुछ प्रसिद्ध ब्रांडों के विज्ञापनों में भी दिखाई दी हैं।
–आईएएनएस
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अध्यापक ने स्किल पासबुक में जानकारी गलत भरी तो उस पर होगी कार्रवाई: पीके दास
ख़बर सुनें रोहतक। विद्यार्थी की उन्नति की रिपोर्ट के माध्यम से ही शिक्षक उसका सही आंकलन कर सकता है और सम��धान का प्रयास भी होगा। इसके लिए स्किल पासबुक बेहद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन स्किल पासबुक में जो भरा जाए, उसकी जानकारी भी विद्यार्थी को होनी चाहिए। अगर शिक्षक ने गलत जानकारी भरी तो उस पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने शुक्रवार को एमडीयू में आयोजित मंडल स्तरीय स्किल पासबुक कार्यशाला के दौरान यह कहा। वह छह जिलों के 1100 शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्किल पासबुक की सत्यता की पुष्टी की जाएगी, जिससे उसमें भरी गई गलत जानकारी पकड़ ली जाएगी। कार्यशाला में अध्यापकों को स्किल पासबुक भरने का डेमो भी दिया गया। अगली कक्षा में दाखिला लेने पर शिक्षक स्किल पासबुक में दी गई जानकारी को विद्यार्थी पर परखेंगे। विद्यार्थी की अध्ययन प्रोग्रेस का आंकलन करना शिक्षक की प्राथमिक भूमिकाओं में से एक है। निरंतर मूल्यांकन से सुधार का होगा। विशिष्ट अतिथि रोहतक मंडल के आयुक्त पंकज यादव ने कहा कि स्किल पासबुक हरियाणा का एक अनूठा कार्यक्रम है। इसके माध्यम से छात्र का मूल्यांकन किया जा सकता है। अध्यापकों को काम करने का नवीनतम तरीका आना चाहिए व साथ ही उसका प्रस्तुतीकरण भी बेहतर होना चाहिए। इस मौके पर उपायुक्त डॉ. यश गर्ग, विद्यालय शिक्षा निदेशालय ��े अतिरिक्त निदेशक प्रदीप डागर, जिला शिक्षा अधिकारी परमेश्वरी हुड्डा के साथ सभी छह जिलों के शिक्षा अधिकारी व स्कूल मुखिया मौजूद रहे। स्कूलों में हो भय मुक्त माहौल स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए भय मुक्त माहौल बनाया। इस तरह के माहौल में बच्चे ज्यादा सीखते हैं। अध्यापक को प्रोफेशनल होना चाहिए। जिससे वह विद्यार्थियों को सही से शिक्षा देकर उन्हें अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा दे सकें। प्रदेश के ढाई हजार स्कूलों में लगेगा सोलर सिस्टम, कंप्यूटर शिक्षा नहीं होगी बाधित प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित किए, लेकिन पता लगा कि अधिकतर गांवों में समय बिजली नहीं आती, जिसके चलते कंप्यूटर वहां की लैब में बंद होकर ही रह गए हैं। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने प्रदेश के लगभग ढाई हजार स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाने का निर्णय किया है। विद्यालयों में आयोजित हो रहा है प्रवेश उत्सव राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही थी, जिसे रोकने में कामयाबी मिली। अगला लक्ष्य राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का है। जिसके लिए राजकीय विद्यालय प्रवेशोत्सव मनाने जा रहे हैं। राजकीय विद्यालयों में बैग फ्री एजूकेशन का कांसेप्ट लाया गया। अगला लक्ष्य ट्रांजिशन पीरियड से गुजर रहे विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में जाने से रोकना। शिक्षा की गुणवत्ता पर रहेगा फोकस कुछ वर्षों से हो रहे नेशनल एसेसमेंट टेस्ट में 55 प्रतिशत विद्यार्थी ही सही जवाब दे पाते हैं। शिक्षा विभाग का यह प्रयास रहेगा कि इस टेस्ट में राजकीय विद्यालयों का प्रदर्शन सुधरे और यह बढ़कर 75 प्रतिशत से अधिक हो जाए। मान्यता लेने के लिए आवेदन करने पर सूची से नाम हट जाएगा शिक्षा विभाग की ओर से गैर मान्यता प्राप्त 1083 स्कूलों की सूची जारी की गई है। सूची में ऐसे स्कूल है, जिन्होंने आज तक मान्यता के लिए आवेदन तक नहीं किया है। अगर स्कूल अब भी मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करते हैं तो उनका नाम सूची से हट सकता है। कैच अप कार्यक्रम में कराई जाएगी अतिरिक्त पढ़ाई एक अप्रैल से 15 मई तक शिक्षा विभाग द्वारा कैच अप कार्यक्रम चलाया जायेगा। अगर किसी छात्र के कौशल में कोई कमी पाई जाती है तो उक्त छात्र की पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर गर्मियों के अवकाश में अतिरिक्त पढ़ाई कराकर अपडेट किया जाएगा। अप्रैल के अंत तक भेजें स्कॉलरशिप की सूची स्कॉलरशिप व अन्य सहायता की आवश्यकता वाले छात्रों की सूची देर से भेजी जाती है। जिसकी वजह से सही समय पर ��ोजना का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे सभी विद्यार्थियों की सूची अप्रैल के अंत तक निदेशालय के पास भेजी जाएं। ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरीके से जमा किए जा रहे फार्म नियम 134 ए के तहत ऑफलाइन व ऑनलाइन आवेदन फार्म लिए जा रहे हैं। इस दाखिला प्रक्रिया में ऐसेे स्कूलों की सूची ऑनलाइन जारी की जाएगी, जिनमें विद्यार्थियों आवेदन कर सकते हैं। आमतौर पर किसी भी परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास हो जाते हैं, परंतु इस परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास माने जाएंगे। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ही तय करेगा कि किस स्कूल में विद्यार्थी का दाखिला होगा। पाठ पढ़ाने के साथ ही अलग-अलग तरीकों से कराया जाएगा रिवाइज सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का तरीका बदलने वाला है। पहले हर रोज एक विषय का एक पाठ कक्षा में पढ़ा दिया जाता था। जल्द ही एक ऐसा सिस्टम प्रयोग में लाया जाएगा। जिसमें शिक्षक सप्ताह के पहले दिन पढ़ाए गए पाठ को सप्ताह के अन्य दिन अलग-अलग तरीकों से रिवाइज करवाएगा। इस शैक्षणिक सत्र से 11वीं व 12वीं में कुछ नए वोकेशनल कोर्स जोड़े गए हैं। आचार संहिता के बाद होगी प्राचार्यों व मुखियाओं की नियुक्ति देश में हर 35 बच्चों पर एक जेबीटी नियुक्त है, परंतु प्रदेश में पहली बार ऐसा है कि हर 25 विद्यार्थियों को एक जेबीटी पढ़ा रहा है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रदेश के विद्यालयों में प्राचार्यों व मुखियाओं की नियुक्ति की जाएगी। कन्या स्कूल के जल्द निर्माण को लेकर एसीएस से मिली खरावड़ की पंचायत इस कार्यक्रम के दौरान जिले के खरावड़ा गांव की पंचायत एसीएस पीके दास से मिली। उनकी मांग थी कि उनके गांव स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नये भवन के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करवाया जाए। सरपंच बिजेंद्र मलिक का कहना था कि स्कूल के भवन निर्माण में हो रही देरी के कारण कई छात्राओं का शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस पर एसीएस ने पंचायत को भवन निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू करवाने का आश्वासन दिया। रोहतक। विद्यार्थी की उन्नति की रिपोर्ट के माध्यम से ही शिक्षक उसका सही आंकलन कर सकता है और समाधान का प्रयास भी होगा। इसके लिए स्किल पासबुक बेहद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन स्किल पासबुक में जो भरा जाए, उसकी जानकारी भी विद्यार्थी को होनी चाहिए। अगर शिक्षक ने गलत जानकारी भरी तो उस पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने शुक्रवार को एमडीयू में आयोजित मंडल स्तरीय स्किल पासबुक कार्यशाला के दौरान यह कहा। वह छह जिलों के 1100 शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्किल पासबुक की सत्यता की पुष्टी की जाएगी, जिससे उसमें भरी गई गलत जानकारी पकड़ ली जाएगी। कार्यशाला में अध्यापकों को स्किल पासबुक भरने का डेमो भी दिया गया। अगली कक्षा में दाखिला लेने पर शिक्षक स्किल पासबुक में दी गई जानकारी को विद्यार्थी पर परखेंगे। विद्यार्थी की अध्ययन प्रोग्रेस का आंकलन करना शिक्षक की प्राथमिक भूमिकाओं में से एक है। निरंतर मूल्यांकन से सुधार का होगा। विशिष्ट अतिथि रोहतक मंडल के आयुक्त पंकज यादव ने कहा कि स्किल पासबुक हरियाणा का एक अनूठा कार्यक्रम है। इसके माध्यम से छात्र का मूल्यांकन किया जा सकता है। अध्यापकों को काम करने का नवीनतम तरीका आना चाहिए व साथ ही उसका प्रस्तुतीकरण भी बेहतर होना चाहिए। इस मौके पर उपायुक्त डॉ. यश गर्ग, विद्यालय शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक प्रदीप डागर, जिला शिक्षा अधिकारी पर��ेश्वरी हुड्डा के साथ सभी छह जिलों के शिक्षा अधिकारी व स्कूल मुखिया मौजूद रहे। स्कूलों में हो भय मुक्त माहौल स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए भय मुक्त माहौल बनाया। इस तरह के माहौल में बच्चे ज्यादा सीखते हैं। अध्यापक को प्रोफेशनल होना चाहिए। जिससे वह विद्यार्थियों को सही से शिक्षा देकर उन्हें अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा दे सकें। प्रदेश के ढाई हजार स्कूलों में लगेगा सोलर सिस्टम, कंप्यूटर शिक्षा नहीं होगी बाधित प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित किए, लेकिन पता लगा कि अधिकतर गांवों में समय बिजली नहीं आती, जिसके चलते कंप्यूटर वहां की लैब में बंद होकर ही रह गए हैं। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने प्रदेश के लगभग ढाई हजार स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाने का निर्णय किया है। विद्यालयों में आयोजित हो रहा है प्रवेश उत्सव राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही थी, जिसे रोकने में कामयाबी मिली। अगला लक्ष्य राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का है। जिसके लिए राजकीय विद्यालय प्रवेशोत्सव मनाने जा रहे हैं। राजकीय विद्यालयों में बैग फ्री एजूकेशन का कांसेप्ट लाया गया। अगला लक्ष्य ट्रांजिशन पीरियड से गुजर रहे विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में जाने से रोकना। शिक्षा की गुणवत्ता पर रहेगा फोकस कुछ वर्षों से हो रहे नेशनल एसेसमेंट टेस्ट में 55 प्रतिशत विद्यार्थी ही सही जवाब दे पाते हैं। शिक्षा विभाग का यह प्रयास रहेगा कि इस टेस्ट में राजकीय विद्यालयों का प्रदर्शन सुधरे और यह बढ़कर 75 प्रतिशत से अधिक हो जाए। मान्यता लेने के लिए आवेदन करने पर सूची से नाम हट जाएगा शिक्षा विभाग की ओर से गैर मान्यता प्राप्त 1083 स्कूलों की सूची जारी की गई है। सूची में ऐसे स्कूल है, जिन्होंने आज तक मान्यता के लिए आवेदन तक नहीं किया है। अगर स्कूल अब भी मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करते हैं तो उनका नाम सूची से हट सकता है। कैच अप कार्यक्रम में कराई जाएगी अतिरिक्त पढ़ाई एक अप्रैल से 15 मई तक शिक्षा विभाग द्वारा कैच अप कार्यक्रम चलाया जायेगा। अगर किसी छात्र के कौशल में कोई कमी पाई जाती है तो उक्त छात्र की पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर गर्मियों के अवकाश में अतिरिक्त पढ़ाई कराकर अपडेट किया जाएगा। अप्रैल के अंत तक भेजें स्कॉलरशिप की सूची स्कॉलरशिप व अन्य सहायता की आवश्यकता वाले छात्रों की सूची देर से भेजी जाती है। जिसकी वजह से सही समय पर योजना का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे सभी विद्यार्थियों की सूची अप्रैल के अंत तक निदेशालय के पास भेजी जाएं। ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरीके से जमा किए जा रहे फार्म नियम 134 ए के तहत ऑफलाइन व ऑनलाइन आवेदन फार्म लिए जा रहे हैं। इस दाखिला प्रक्रिया में ऐसेे स्कूलों की सूची ऑनलाइन जारी की जाएगी, जिनमें विद्यार्थियों आवेदन कर सकते हैं। आमतौर पर किसी भी परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास हो जाते हैं, परंतु इस परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास माने जाएंगे। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ही तय करेगा कि किस स्कूल में विद्यार्थी का दाखिला होगा। पाठ पढ़ाने के साथ ही अलग-अलग तरीकों से कराया जाएगा रिवाइज सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का तरीका बदलने वाला है। पहले हर रोज एक विषय का एक पाठ कक्षा में पढ़ा दिया जाता था। जल्द ही एक ऐसा सिस्टम प्रयोग में लाया जाएगा। जिसमें शिक्षक सप्ताह के पहले दिन पढ़ाए गए पाठ को सप्ताह के अन्य दिन अलग-अलग तरीकों से रिवाइज करवाएगा। इस शैक्षणिक सत्र से 11वीं व 12वीं में कुछ नए वोकेशनल कोर्स जोड़े गए हैं। आचार संहिता के बाद होगी प्राचार्यों व मुखियाओं की नियुक्ति देश में हर 35 बच्चों पर एक जेबीटी नियुक्त है, परंतु प्रदेश में पहली बार ऐसा है कि हर 25 विद्यार्थियों को एक जेबीटी पढ़ा रहा है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रदेश के विद्यालयों में प्राचार्यों व मुखियाओं की नियुक्ति की जाएगी। कन्या स्कूल के जल्द निर्माण को लेकर एसीएस से मिली खरावड़ की पंचायत इस कार्यक्रम के दौरान जिले के खरावड़ा गांव की पंचायत एसीएस पीके दास से मिली। उनकी मांग थी कि उनके गांव स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नये भवन के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करवाया जाए। सरपंच बिजेंद्र मलिक का कहना था कि स्कूल के भवन निर्माण में हो रही देरी के कारण कई छात्राओं का शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस पर एसीएस ने पंचायत को भवन निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू करवाने का आश्वासन दिया। var is_fb_sdk=false; function deferFbSDK(){ if(is_fb_sdk==true){return;}; (function(d, s, id) { var js, fjs = d.getElementsByTagName(s); if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.async=true; is_fb_sdk=true; js.src = 'https://connect.facebook.net/en_GB/sdk.js#xfbml=1&version=v3.2&appId=1652954484952398&autoLogAppEvents=1'; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs); }(document, 'script', 'facebook-jssdk')); } //comment below when comment have to show on button click if (window.addEventListener){ window.addEventListener("scroll", deferFbSDK, false); } else if (window.attachEvent){ window.attachEvent("oncroll", deferFbSDK); } else{ window.onload = 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रवीश कुमार: क्या बीजेपी के लिए गाय सिर्फ सियासी धंधा है? रवीश कुमार छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक गायों की भूख और कुपोषण से मौत पर कोई ललकार ही नहीं रहा है कि मैं क्यों चुप हूं। लाखों गायें रोज़ सड़कों पर प्लास्टिक खाकर मर रही हैं। कैंसर से भी पीड़ित हैं। उनके बारे में भी कुछ नहीं हो रहा है। जबकि गायों के लिए वाकई कुछ अच्छा किया जाना चाहिए। सारी ऊर्जा गाय के नाम पर बेवकूफ बनाने और नफ़रत की राजनीति फैलाने के लिए ख़र्च हो रही है। गाय के नाम पर आयोग बन गए, मंत्रालय बन गए मगर गाय का भला नहीं हो रहा है। इंडियन एक्सप्रेस में एक तस्वीर छपी है। गेट पर बड़ा सा कमल निशान बना है। जिसके अंदर अलग अलग ख़बरों के अनुसार 200 से 500 गायों के मरने का दावा किया जा रहा है। गौशाला चलाने वाला हरीश वर्मा भाजपा के जमुल नगर पंचायत का उपाध्यक्ष है। इसके ख़िलाफ़ एफ आई आर दर्ज हुई है और गिरफ्तार हुआ है। क्योंकि इसकी गौशाला में बड़ी संख्या में गायें भूख और प्यास से मर गईं हैं। गौशालाओं में वैसे ही अशक्त हो चुकी गायें लाई जाती हैं उन्हें चारा न मिले तो कैसे तड़प कर मर जाती होंगी, सोच कर ही आंसू निकल जाते हैं। और ये बात मैं नाटकीयता पैदा करने के लिए नहीं कह रहा। गाय दूहने से लेकर जीभ का दाना छुड़ाने के लिए दवा भी रगड़ सकता हूं। मैं इस बात से हिल गया हूं कि गाय भूख और प्यास से मर सकती है और उसके यहां मर सकती है जिनका हर बड़ा नेता चुनाव आते ही गाय गाय करने लगता है। एक्सप्रेस ने लिखा है कि गौशाला के भीतर मरी हुई गायें बिखरी पड़ी हैं। उनके कंकाल निकलने लगे हैं और सडांध फैल रही है। गायों के मांस अवारा कुत्ते खा रहे हैं। पिछले साल भी हरीश वर्मा की गौशाला का मामला स्थानीय मीडिया में ख़ूब उछला था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ‘सरपंच पति’ शिवराम साहू ने बयान दिया है कि जब वे भीतर गए तो देखा कि गायों के लिए न तो चारा था, न पानी। वर्मा ने सरकार की एजेंसी पर ही आरोप मढ़ा है कि सतर्क किया था कि गौशाला के पास कैश नहीं है। जैसे गोरखपुर में आक्सीजन के लिए कैश नहीं था। छत्तीसगढ़ से सोमेश पटेल का व्हाट्स अप मेसेज आया है। बे��ेतरा ज़िला के परपोड़ी थाना के गोटमर्रा में फूलचंद गौशाला है। यहां 100 से अधिक गायों की मौत हुई है। गौशाला संचालक ने ईंट भट्टे में छुपाने का प्रयास किया है। गौसेवक आयोक के अध्यक्ष गीतेश्वर पटेल ने किया निरीक्षण। 13 गायों की मौत का लोकर परपोड़ी थाने में मामला दर्ज। ज़िला प्रशासन मामले से बेख़बर। ये अलग घटना है। इसका संबंध हरीश वर्मा की गौशाला से नहीं है। विश्व हिन्दू परिषद के सह प्रान्त संयोजक ओमेश बिशन से फोन पर बात हुई, उनकी बातचीत को लिखने के लिए अनुमति ले चुका हूं। ओमेश बिशन जी ने बताया कि हरीश वर्मा का पास तालाब है जिसमें मांगुर मछली पलती है। यह मछली मांस खाती है इसलिए मरी हुई गायों को तालाब में डाल देता था और लोगों को पता नहीं चलता था। हम लोगों ने उस तालाब को बंद करवाया इसलिए भी लोगों को मरी हुई गायें बाहर दिख रही हैं। ओमेश जी कहते हैं कि हरीश की गौशाला को 93 लाख का पेमेंट भी हुआ है मगर हरीश का कहना है कि दो साल से पेमेंट नहीं हुआ। सरकार ने एक साल का दस लाख नहीं दिया। वेटनरी डाक्टर कह रहे हैं कि दो दिन में 27 गायों का पोस्टमार्टम किया है। एक्सप्रेस कह रहा है कि 30 कंकाल तो खुद ही उसके संवाददाता ने गिने हैं। हरीश का कहना है कि 16 गायें मरी हैं और दीवार गिरने से। पुलिस कह रही है कि 250 गायें मरी हैं। क्या 27 गायों का भूख से मरना शर्मनाक घटना नहीं है। जब एक गाय के नाम पर आदमी मार दिया जा रहा है तो 27 गायों की संख्या कैसे 200 या 500 के आगे छोटी हो जाती है। हमने ओमेश जी से कई सवाल पूछे। मैं हैरान था कि एक साल में दो लाख गायों के मरने का आंकड़ा उनके पास कहां से आया है। वे कहने लगे कि अकेले रायपुर में हर दिन सड़क दुर्घटना और पोलिथिन खाकर साठ से अस्सी गायें मरती हैं। सरकार में बैठे लोग मौज कर रहे हैं। कोई कुछ नहीं करता है। मैंने कहा भी ओमेश जी, लिख दूं तो कहा कि बिल्कुल लिखिये। मुझे भी ध्यान नहीं था कि सड़क दुर्घटना से मरने वाली गायों की संख्या को लेकर तो कोई हिसाब ही नहीं होता है। ओमेश जी से जब मैंने पूछा कि गायों को लेकर क्या हो रहा है तब, इतनी राजनीति होती है, मारपीट होती है, तो फिर लाभ क्या हुआ। उनका जवाब था, गायों के लिए कुछ नहीं हुआ। गौ रक्षा के तमाम पहलू हैं। ओमेश जी अपनी समझ के अनुसार गाय के प्रति समर्पित लगे। कोई उनसे असहमत भी हो सकता है, यह सवाल बनता भी है कि बीफ पर बैन से कमज़ोर गायों की संख्या बढ़ेगी, उनका लालन पालन नहीं होगा और किसान अपनी गायों को भूखा मारने के लिए छोड़ देता है क्योंकि उसकी आर्थिक शक्ति नहीं होती है। यह सब सवाल हैं मगर ओमेश का कहना है कि समाज का बड़ा तबका गायों की रक्षा के लिए ��गा हुआ है मगर सरकार ही कुछ नहीं करती है। ओमेश जी ने कहा कि सड़क दुर्घटना और पोलिथिन खाकर मरने वाली गायों का मेरे पास रिकार्ड है। मैंने पचास हज़ार ऐसी गायों की तस्वीर और वीडियो बनाई है। हो सकता है कि उनकी बातों में अतिरेक हो मगर बंदे ने कह दिया कि रायपुर का वो मैदान भी दिखा सकता हूं जहां इन गायों को दफनाया है। फिर बात चारागाह की ज़मीन को लेकर होने लगी तो उन्होंने ही कहा कि कुछ नहीं हुआ है इस मामले में भी। खुद सरकार चारागाह की ज़मीन पर कब्ज़ा करती है वहां कालोनी बनाती है, सरकारी इमारत बनाती है। नया रायपुर बना है, उसके लिए बड़ी मात्रा में चारागाह की ज़मीन पर कब्ज़ा हो गया है। ओमेश ने कहा कि आप बेशक ये बात लिख सकते हैं, हम लोगों ने ख़ूब पत्र लिखे हैं। मैं उनसे सबूत के तौर पर मीडिया में छपी ख़बरों की क्लिपिंग मांगने लगा तो उनका जवाब था कि वे रायपुर से सौ किमी दूर हैं, वरना दे देते। जांच में लीपापोती होती रहेगी मगर गौशालाओं की हालत ख़राब है इससे कौन इंकार कर सकता है। राजस्थान के जालौर ज़िले से इसी 27 जुलाई को हिन्दुस्तान टाइम्स ने ख़बर छापी। भारी वर्षा के कारण 700 गायें मर गईं। गायें इतनी अशक्त हो गईं कि उठ ही नहीं सकी। जहां बैठी थीं वहीं पानी किचड़ में सन गईं और मर गईं। बारिश के कारण चारा नष्ट हो गया। 3300 गायें घायल हो गईं जिनका इलाज चल रहा है। पिछले साल जुलाई में जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में 500 गायों की मौत हो गई थी। इसका मतलब है कि गायों को रखने के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं खड़ा किया गया या पहले के ढांचे को बेहतर ही नहीं किया गया। चारागाह की ज़मीन पर कब्ज़ा हो गया है। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। क्योंकि इससे गांव गांव शहर शहर में बवाल हो जाएगा। हिन्दुओं की आस्था के नाम पर दुकान चलाने वालों का खोंमचा उजड़ जाएगा। इसलिए गाय को लेकर भावनाओं को भड़काओं और भावनाओं को मुसलमानों की तरफ ठेल दो। नफ़रत फैल कर वोट बनेगा वो तो बोनस होगा ही। हरियाणा में गोपाल दास दो महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अनशन भी करते हैं। गिरफ्तार भी होते रहते हैं। इनके लोग व्हाट्स अप सूचना भेजते रहते हैं। एक अख़बार की क्लिपिंग भेजी है। छपी हुई ख़बर में गोपालदास ने दावा किया है कि सत्तर हज़ार एकड़ गोचरण की ज़मीन पर कब्ज़ा हो गया है। सरकार हटाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसी रिपोर्ट में सांसद के सचिव का बयान छपा है कि हमारे पैसा ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है। ऐसा हो है सकता है क्या? अनुराग अग्रवाल नाम के रिपोर्टर ने लिखा है कि हरियाणा में 368 होशालएं हैं। 212 लाख गायें हैं। 1950-52 में चकबंदी के दौरान पंचायती ज़मीन में गोचरान के लिए ज़मीन छोड़ी गई जिस पर कब्जा हो गया। पंचायत और विका�� विभाग के पास कब्ज़े की रिपोर्ट भी है लेकिन कोई इस पर कार्रवाई नहीं करना चाहता। ये तीनों भाजपा शासित राज्य हैं। जब यहां गायों की हालत इतनी बुरी है, तो बाकी राज्यों में क्या हालत होगी? गौ रक्षा के नाम पर आम लोगों को वहशी भीड़ में बदला जा रहा है। जबकि गाय भूख और प्यास से मर रही है। उसकी हालत में कुछ सुधार नहीं हुआ। गाय के लिए वाकई कुछ करने की ज़रूरत है। हमारी आंखों के सामने रोज़ गायें मर रही हैं। हम हैं कि हिन्दु मुसलमान कर रहे हैं। गाय से इतना बड़ा राजनीतिक धोखा कैसे हो सकता है? हरीश वर्मा तो गिरफ्तार हुआ है मगर गाय के चरने की ज़मीन कब कब्ज़े से मुक्त होगी, उसके जीने के लिए कब व्यवस्था होगा। गौरक्षा के नाम पर चीखने वाले ही उसकी हत्या में शामिल हैं। मेरे जैसे लाखों लोग गौरक्षा के लिए दुकान दुकान दान देते हैं,उनके साथ भी धोखा है। पता नहीं उन पैसों का क्या होता होगा। कुछ गौशालाएं अच्छी भी हैं मगर वो राजनीति से दूर चुपचाप अच्छा काम रही हैं। बेरोज़गारी और बुनियादी समस्याओं से भटकाने के लिए गाय का राजनीतिक इस्तमाल हो रहा है। गाय वोट देती है। वोट का फर्ज़ अदा कर रहे हैं, दूध का कर्ज़ नहीं। बीजेपी से सवाल करने का वक्त है क्या उसके लिए गाय सिर्फ एक सियासी धंधा है?
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भाजपा की सरकार बनी तो पहली बैठक में करा देंगे किसानों के कर्ज माफ: मोदी यूथ इण्डिया संवाददाता, कन्नौज। इत्र की धरती कन्नौज के विशाल मिलेट्री ग्रांउड में उमड़ी हजारों की भारी भीड़ से गद-गद आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने यहां की जनता से माफी मांगी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि यह सबसे बड़ा मैदान भी छोटा पड़ जायेगा। जो लोगों को उनकी बात सुनने के लिए छतो ंपर लटकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बोले, यहीं प्यार अगर 2014 में बरसा देते तो कन्नौज का नक्शा कुछ और होता। भावुक अल्फाज, विकास का बास्ता और नौजवानों में जोश का संचार भरते हुए पीएम मोदी ने आज यहां सीएम अखिलेश यादव को उनके ही घर में बुरी तरह घेरा, उनके मंसूबो को बेनकाब किया। लोगों को याद दिलाई 4 मार्च 1984 की वह घटना जब मुलायम सिंह यादव खांटी समाजवादी विचारधारा के जनक डा0 लोहिया के फरमान को लेकर कांग्रेस के नाक में दम किये थे और उन पर उस दिन जान लेवा हमला कराया गया था जिसमें मुलायम सिंह यादव की हत्या होते-होते बाल-बाल बची थी तब उस षड़यन्त्र के खिलाफ कांग्रेस को मुंह तोड़ जबाव देने के लिए चैधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेई ने मुलायम सिंह की रक्षा के लिए आंदोलन चलाया था। पीएम मोदी ने दंग रहते हुए कहा कि आखिर कुर्सी के लालच में वेटा अपने पिता के दुश्मनों के साथ ही मिल जाता है यह पहली बार उत्तर प्रदेश की धरती पर देखने को मिला। बोले कांग्रेस के मंसूबो को अखिलेश भांप नहीं पाये क्योकिं पिता की बात नहीं मानी। जब सपा और कांग्रेस की पहली पत्रकार परिसर साथ बैठीतो कांग्रेस के युवराज से बहुजन समाज पार्टी पर सबाल दागा गया तो वह मुस्करा कर टाल गये। बोले व आश्चर्य चकित है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने त्रिपदीय दौड़ लगायी है। एक पैर सपा का गठबंधन धर्म निभा रहा है तो दूसरा पैर बसपा की प्रमुख मायावती को भी साधे है, कांग्रेस की इस चतुरायी को अखिलेश इसलिए नहीं भांप पाये क्योंकि वह अभी बच्चे है पिता की बात मानी होती तो यह खेल समझ में आता। उत्तर प्रदेश को परिभाषित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसे अंग्रेजी में यूपी कहते है जिसका मतलब अप होता है यानी ऊपर जाना, लेकिन यहां सब कुछ डाउन है, जनता का भरोसा डाउन, कानून व्यवस्था डाउन, किसानों की खुशहाली डाउन, माताओं बहनों की सुरक्षा डाउन, व्यापारियों का कारोबार डाउन, सड़क, बिजली, पानी डाउन फिर भी अखिलेश बोलते है कि काम बोलता है। बोले, काम नहीं बोलता बल्कि यहां कारनामें बोलते है। अखिलेश सरकार पर हमलावर मोदी यहीं नहीं रूके बोले यहां पुलिस की भर्ती में जातिवाद होता है, जाति के नाम पर बेरोजगार नकारे जाते है, पुलिस थाने सपा के कार्यालय बन जाते है, जमीनों पर सपा केलोग कब्जा करते है। पुलिस अफसर और सरकार पीड़ितों की सुनवाई नहीं करती। बोले, ईमानदारों को हक मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश में पुलिस की 35 हजार भर्तियां करेंगे, सीआरपीएफ 25 हजार भर्तियां करनी है। हमारी सरकार आयी तो जातिवाद नहीं होगा। रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार नहीं होगा। बोले, अखिलेश यादव को अनुभव कम है, क्या उन्होने आलू आधारित इस कन्नौज और फर्रूखाबाद के लिए अपना वायदा निभाया, उन्होने सांसद बनने के दौरान कहा था कि वह आलू आाधारित उद्य़ोग लगायेंगें। जिससे वह मुकर गये। आज भी यहां के लोग आलू की बर्बादी का रोना रोने के लिए मजबूर है। बोले, चंडीगढ़ कार्पोरेशन के चुनाव हों या महाराष्ट्रा, राजस्थान जैसे राज्यो के स्थानीय निकाय हों, यहां भाजपा नोटबंदी के कड़े बिरोध के ड्रामे के बाद भी बेहतरीन ढंग से उभरी। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की तीन एमएलसी सीटें हमनें जीतीं। उड़ीसा में पंचायत चुनावों में भाजपा को वहां की जनता ने अभूतपूर्व समर्थन दिया। यह समर्थन गरीब जनता का था। सर्जिकल स्ट्राइक, नोटवंदी को बिरोधी राजनैतिक कदम बता रहे थे, अगर ऐसा होता तो देश की जनता भारतीय जनता पार्टी को इन जगहों पर क्यों उभारती। बोले, उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के दो कुनव��� स��्ता के लिए लड़ने आये है, अपने सम्बोधन में उन्होने आज देश के वैज्ञानिकों की भी खूब प्रशंसा की। कहा कि आज 104 सेटे लाइट लांच कर हमारे देश के वैज्ञानिकों ने संेचुरी मारी है। उन्होने यहां औरैया, कन्नौज, फर्रूखाबाद, कानुपर, इटावा के भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। कहा कि सूवे में सरकार हमारी होगी और किसानों समेत हर वर्ग नौजवान अमन चैन की जिंदगी जीकर हिन्दुस्तान का इतिहास रचेगा।
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