#नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी)
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news-trust-india · 2 months ago
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Jammu Kashmir : एनसी के विधायक दल की बैठक खत्म,उमर अब्दुल्ला के नाम पर लगी मुहर
Jammu Kashmir :  आज नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और सभी नवनिर्वाचित विधायक उपस्थित रहे। बैठक में सर्वसम्मति से उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना गया है। वहीं एक अन्य नेता सलमान सागर ने कहा कि हमारे लिए यह भावुक पल था जब हमने उमर अब्दुल्ला को सीएम पद के लिए नामित किया। Ratan Tata Passed Away : 86 साल की आयु में रतन…
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indlivebulletin · 4 days ago
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डॉ. फारूक, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य एनसी नेता उमराह तीर्थयात्रा के लिए मदीना पहुंचे
श्रीनगर, 26 नवंबर (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता जिनमें पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल हैं उमराह तीर्थयात्रा के लिए आज पवित्र शहर मदीना पहुंचे हैं। एनसी नेता जिसमें प्रमुख एनसी नेता नासिर वानी, जावेद डार, तनवीर सादिक और मुश्ताक ग���रु भी शामिल हैं अपनी आध्यात्मिक यात्रा के हिस्से के रूप में मदीना और मक्का के दो पवित्र शहरों का दौरा कर रहे हैं।…
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rightnewshindi · 14 days ago
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आर्टिकल 370 पर खरगे के बयान से भड़की नेशनल कॉन्फ्रेंस, जानें अब क्या हुआ
Delhi News: मल्लिकार्जुन खरगे का आर्टिकल 370 पर दिया जवाब जम्मू-कश्मीर में उसकी साथी नेशनल कॉन्फ्रेंस को ही पसंद नहीं आया। कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे ने 370 पर बीजेपी के हमलों का जवाब दिया था, जिसपर एनसी सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी नाराज हो गए। उन्होंने खरगे पर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाजपा से सहमति जताने का आरोप लगाया है। मेहदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की ओर से पारित…
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realtimesmedia · 2 months ago
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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव परिणाम: कांग्रेस-एनसी गठबंधन आगे, हरियाणा में भाजपा का जलवा
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन की बढ़तनई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की मतगणना के शुरुआती रुझान सामने आ गए हैं, जहां कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का गठबंधन मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस (8) और एनसी (40) गठबंधन ने 48 सीटों पर बढ़त बनाई है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 23 सीटों पर आगे चल रही है। 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव…
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manvadhikarabhivyakti · 3 months ago
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नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच जम्मू-कश्मीर सीट बंटवारे पर सहमति
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार शाम को बताया कि अगले महीने होने वाले चुनाव से पहले वे जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों को साझा करने के लिए एक समझौते पर पहुंच गए हैं। इस प्रकार, पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से कुछ घंटे पहले वार्ता सफलतापूर्वक समाप्त हो गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) अधिकतर सीटों (51) पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।…
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lok-shakti · 3 years ago
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घाटी से कोरस: अस्वीकार्य... भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला पैनल
घाटी से कोरस: अस्वीकार्य… भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला पैनल
कश्मीर घाटी में दो मुख्य दलों, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिशों का कड़ा विरोध किया है, उन्हें “अस्वीकार्य” कहा है, और पैनल पर भाजपा के “राजनीतिक एजेंडे” को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है। “ घाटी के दो अन्य राजनीतिक खिलाड़ी, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अल्ताफ बुखारी की जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी ने कहा कि मसौदा सिफारिशें…
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currentnewsss · 3 years ago
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नेकां सांसद जम्मू-कश्मीर परिसीमन पैनल की बैठक में भाग लेंगे
नेकां सांसद जम्मू-कश्मीर परिसीमन पैनल की बैठक में भाग लेंगे
इस डर से कि घाटी में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के विचार अनसुने हो जाएंगे, फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सांसदों के 20 दिसंबर को होने वाली परिसीमन आयोग की अगली बैठक में भाग लेने की संभावना है। नेकां के तीन सांसद – फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और अकबर लोन – जो परिसीमन पैनल के सहयोगी सदस्य हैं, इस साल फरवरी में हुई पिछली बैठक से दूर रहे थे। पार्टी ने तब पैनल को पत्र…
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indlivebulletin · 4 days ago
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डॉ. फारूक, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य एनसी नेता उमराह तीर्थयात्रा के लिए मदीना पहुंचे
श्रीनगर, 26 नवंबर (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता जिनमें पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल हैं उमराह तीर्थयात्रा के लिए आज पवित्र शहर मदीना पहुंचे हैं। एनसी नेता जिसमें प्रमुख एनसी नेता नासिर वानी, जावेद डार, तनवीर सादिक और मुश्ताक गुरु भी शामिल हैं अपनी आध्यात्मिक यात्रा के हिस्से के रूप में मदीना और मक्का के दो पवित्र शहरों का दौरा कर रहे हैं।…
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rightnewshindi · 1 month ago
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NC विधायक हिलाल अकबर लोन ने उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समूह में किया राष्ट्रगान का अपमान, एक्शन की उठी मांग
NC विधायक हिलाल अकबर लोन ने उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समूह में किया राष्ट्रगान का अपमान, एक्शन की उठी मांग #News #NewsUpdate #newsfeed #newsbreakapp
Insult of National Anthem: नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्वाचित विधायक हिलाल अकबर लोन पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में हुई इस घटना का संज्ञान लिया है। कहा जा रहा है कि एनसी की एमएलए राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े नहीं हुए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह घटना एसकेआईसीसी में उस समय हुई, जब लोन जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप…
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shaileshg · 4 years ago
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नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) समेत जम्मू-कश्मीर की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने 15 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के घर पर बैठक की। उन्होंने संविधान की धारा 370 को रीस्टोर करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश से फिर पहले की तरह राज्य बनाने की मांग करने वाले गुपकार डिक्लेरेशन के लिए अपना कमिटमेंट दोहराया। यह मीटिंग ऐसे वक्त हुई जब कुछ ही ��ंटों पहले पीडीपी चीफ मेहबूबा की 14 महीने बाद नजरबंदी से रिहाई हुई थी। इस लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण थी। लेकिन, जो बड़ा मुद्दा मीटिंग से निकलकर आया, वह यह था कि इस ग्रुप का नाम बदलकर अब पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने गुरुवार की मीटिंग के बाद कहा कि हम संविधान के दायरे में अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार राज्य के लोगों को 5 अगस्त 2019 के पहले के अधिकार फिर से दें। हमें यह भी लगता है कि इस राज्य के राजनीतिक मुद्दों का हल जल्द से जल्द निकाला जाएं और ऐसा सिर्फ जम्मू-कश्मीर की समस्या से जुड़े सभी लोगों के बीच शांति के साथ बातचीत से ही हो सकता है।
क्या है गुपकार डिक्लेरेशन?
करीब 14 महीने पहले, धारा 370 को रद्द करने के एक दिन पहले 4 अगस्त 2019 को श्रीनगर में भी जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों की मीटिंग हुई थी। यह मीटिंग फारुक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित बंगले में हुई थी और यहां पर जॉइंट स्टेटमेंट जारी हुआ था। कहा था कि वे जम्मू-कश्मीर की आइडेंटिटी, ऑटोनोमी और स्पेशल स्टेटस की सुरक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। इसे ही गुपकार डिक्लेरेशन कहा गया।
कश्मीर की पार्टियों को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
नई दिल्ली में कश्मीर पर नजर रखने वाले तबके को लग रहा है कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन राजनीतिक मजबूरी है। पिछले सालभर यह नेता हिरासत में रहे। इस दौरान उन्हें जमीनी स्तर पर कोई सपोर्ट नहीं मिला। ऐसे में वे इस अलायंस के जरिए अपनी विश्वसनीयता को लोगों के बीच कायम करना चाहते हैं।
नई दिल्ली में सरकारी सूत्र यह भी कहते हैं कि कश्मीर में मोटे तौर पर कानून व्यवस्था अच्छा काम कर रही है। आतंकवादियों के जनाजों को लेकर होने वाले टकराव भी खत्म हो गए हैं। इस वजह से कश्मीर के कुछ नेता पहले ही मर चुकी धारा 370 का जनाजा निकालना चाहते हैं। हकीकत यही है कि धारा-370 अब कभी लौटने वाली नहीं है।
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मेहबूबा मुफ्ती से मिलने के लिए उनके घर जाते फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला।
क्या चाहते हैं इस नए-नवेले अलायंस के नेता?
कहीं न कहीं कश्मीर की मुख्य धारा की क्षेत्रीय पार्टियां अब भी उम्मीद कर रही है कि धारा 370 लौट सकती है। गुपकार डिक्लेरेशन पर साइन करने वालों ने संकेत दिए हैं कि यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में चलेगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पूर्व राजनीतिक सलाहकार तनवीर सादिक कहते हैं कि मुद्दा यह नहीं है कि पीपुल्स अलायंस केंद्र के खिलाफ आवाज उठा रहा है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां साथ में हैं। वह शांति के साथ और संवैधानिक तरीके से वह हासिल करने की कोशिश शुरू कर रही है जो राज्य की जनता से असंवैधानिक और अवैध तरीके से छीना गया है।
वह कहते हैं कि हम केंद्र के सामने अपनी दलील नहीं रखने वाले। हम तो सुप्रीम कोर्ट में जाकर संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हमारा मानना है कि केंद्र ने जो भी किया वह गैरकानूनी, असंवैधानिक और अनैतिक था, इस वजह से इसे बदला जाना चाहिए।
कितना समर्थन है इस अलायंस के नेताओं को?
अब्दुल्ला-मुफ्ती के भाईचारे ने कई लोगों को चौंकाया है। पिछले एक साल में एनसी और पीडीपी नेता नजरबंद थे। उनके समर्थन में न कोई बड़ा प्रदर्शन हुआ और न ही कोई लॉकडाउन। इससे यह साफ है कि जमीन पर उनके लिए कोई सपोर्ट नहीं बचा है।
उमर अब्दुल्ला के करीबी रहे और टीवी डिबेट्स में एनसी का कई बार प्रतिनिधित्व करते रहे जुनैद अजीम मट्टू भी आज नए ग्रुप को लेकर आशंकित हैं। उन्होंने खुद को इस ग्रुप से बाहर रखा है।
श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद पीडीपी और एनसी दोनों में ही रहे हैं। वे कहते हैं, मेरा मानना है कि गुपकार डिक्लेरेशन दो ऐसी पार्टियों का गिल्ट (अपराध-बोध) है, जिनका नेतृत्व दो परिवार करते हैं। उनका यह सीजफायर खुद को रेलेवंट बनाए रखने की कोशिश है। ताकि वे एक-दूसरे को एक्सपोज न करें।
जुनैद कहते हैं, "मेरा भी यकीन है कि जम्मू-कश्मीर से जो छीना गया है, उसे वह वापस मिलना चाहिए। पर मैं यह भी नहीं मानता कि मुफ्ती और अब्दुल्ला रातोरात संत बन गए हैं। अगस्त 2019 से पहले जो भी हुआ, उसके लिए जवाब तो उन्हें देना ही होगा। ��े इस सिचुएशन का लाभ उठाकर छुटकारा नहीं ले सकते।'
अब्दुल्ला ने चीन से सपोर्ट मांगा, इसका क्या मतलब है?
फारुक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को रीस्टोर करने में चीन से मदद लेने की बात कही और इस पर भाजपा के तीखे हमले हुए। अब्दुल्ला ने बातचीत के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को बुलाया तो यह भी राजद्रोह की नजर से देखा गया।
केंद्र सरकार को लगता है कि यदि सभी स्टेकहोल्डर्स को बातचीत के लिए बुलाएंगे तो उससे पाक-समर्थित भावनाएं बढ़ेंगी। इसका मतलब है कि अब्दुल्ला और उनकी गैंग को पहले चीन चाहिए था और अब पाकिस्तान। आम लोगों की तो बात ही नहीं हो रही।
जम्मू-कश्मीर का भविष्य क्या है?
एक्सपर्ट कहते हैं कि कश्मीर की नई राजनीति गुपकार से नहीं गुजरनी चाहिए। एनसी, पीडीपी, कांग्रेस और यहां तक कि भाजपा (पीडीपी-भाजपा गठबंधन) सरकारों ने भी सेपरेटिज्म को ही बढ़ावा दिया है। इससे नई दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में गैप बढ़ता गया। पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति भी बनी।
इस बार नई दिल्ली भी पॉलिटिकल आउटरीच के लिए डेस्पिरेट दिख रही है। मौजूदा सिचुएशन में लीडरशिप की नई पीढ़ी उभारने की कोशिश चल रही है। कश्मीर में लीडरशिप की नई पीढ़ी खड़ी करने की तैयारी हो रही है। यह भी देखना होगा कि नई पौध भी राजद्रोह की ओर न चल पड़ें। कश्मीर के पास अब तक सिर्फ धोखे की नहीं बल्कि पॉलिटिकल करप्शन और डबल गेम्स के भी भयावह किस्से रहे हैं।
आर्टिकल 370 को रद्द करने से पहले केंद्र के एक टॉप मिनिस्टर ने कहा था कि कश्मीर में अभूतपूर्व सिचुएशन से निकालने के लिए अभूपतूर्व उपाय करने होंगे। अब उपाय किए ही हैं तो कश्मीर को फिर टाइम बम पर न रखा जाएं, जिसका डेटोनेटर पाकिस्तान में हो। नई दिल्ली को ऐसा रास्ता नहीं पकड़ना चाहिए जो गुपकार से न गुजरता हो।
जम्मू-कश्मीर में चुनावों का क्या होगा?
इसी तरह जम्मू-कश्मीर में 2018 में पीडीपी-भाजपा सरकार के ब्रेक-अप के बाद चुनाव नहीं हुए हैं। सरकारी सूत्र संकेत दे रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।
धारा 370 रद्द करने और केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देने के बाद यह पहला मौका है जब असेंबली इलेक्शन कराए जाएंगे। यह चुनाव 2021 की गर्मियों में कराए जा सकते हैं।
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The stalwarts of Kashmir politics came together to challenge the decision to repeal Article 370; Is this the Funeral of Section 370 that was long awaited?
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lok-shakti · 3 years ago
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नेकां सांसद जम्मू-कश्मीर परिसीमन पैनल की बैठक में भाग लेंगे
नेकां सांसद जम्मू-कश्मीर परिसीमन पैनल की बैठक में भाग लेंगे
इस डर से कि घाटी में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के विचार अनसुने हो जाएंगे, फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सांसदों के 20 दिसंबर को होने वाली परिसीमन आयोग की अगली बैठक में भाग लेने की संभावना है। नेकां के तीन सांसद – फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और अकबर लोन – जो परिसीमन पैनल के सहयोगी सदस्य हैं, इस साल फरवरी में हुई पिछली बैठक से दूर रहे थे। पार्टी ने तब पैनल को पत्र…
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toldnews-blog · 6 years ago
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ममता के मंच पर उतरेंगे अखिलेश-जयंत, स���निया-राहुल नहीं आएंगे नजर - Mamta banrjee kolkatta rally opposition party akhilesh yadav jayant chaudhary sonia gandhi rahul not attend congress tpt
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लोकसभा चुनाव 2019 से ऐन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी दलों को एकजुट कर 19 जनवरी को कोलकता में रैली करने जा रही हैं. ममता का दावा है कि इसमें कश्मीर से कन्याकुमारी तक के गैर- बीजेपी दलों की भागीदारी होगी. विपक्षी दलों के इस मंच पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी से लेकर शरद यादव तक नजर आएंगे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी शामिल नहीं होगी. हालांकि, कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जरूर पहुंचेंगे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की 19 जनवरी को कोलकाता में होने वाली महारैली में विपक्ष के कई प्रमुख नेता भाग लेंगे. हालांकि इस रैली में वामपंथी दल शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती इस रैली में शामिल होंगी या नहीं इस पर संशय बरकरार है. जबकि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव इस रैली में हिस्सा लेंगे.
ममता बनर्जी ने इस रैली के गैर बीजेपी दलों को शामिल होने के लिए निमत्रण भेजा था. इसी कड़ी में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आमंत्रण भेजा था ताकि विपक्षी एकता की ताकत और भी मजबूती के साथ दिखाई दे. कांग्रेस आलाकमान ने एक महीने आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है और अपनी जगह वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजना का फैसला किया है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी ममता की रैली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के शामिल होने को लेकर सहमत नहीं है. बताया जा रहा है कि राज्य की कांग्रेस कमेटी आने वाले लोकसभा चुनावों को अकेला लड़ने के लिए तैयार हैं और उन्होंने ही राहुल गांधी को रैली में शामिल न होने का सुझाव दिया, जिसके बाद उन्होंने शामिल न होने का फैसला किया गया.
बसपा प्रमुख मायावती के साथ-साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के रैली में शामिल होने को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता के इस रैली में शामिल होने के चलते केसीआर इस रैली से दूरी बना सकते हैं.
ममता की रैली में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी क�� अध्यक्ष अखिलेश यादव के 18 जनवरी को ही कोलकाता पहुंचने की संभावना है. इसके अलावा आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे अजित सिंह भी शामिल होंगे. सपा-बसपा गठबंधन की कवायद के बाद ये पहली बार होगा कि जब अजित सिंह और अखिलेश यादव एक साथ होंगे. वहीं, लेफ्ट पार्टियों के शामिल न होने पर सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि वामपंथी दल ममता बनर्जी की रैली का बहिष्कार कर रहे है.
ममता की रैली में इनमें, सपा, आरएलडी, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल (सेक्युलर), आम आदमी पार्टी (आप), नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) और आरजेडी सहित तमाम विपक्षी दलों के नेता जुटेंगे
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gkt49 · 7 years ago
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Gujarat result: Farooq Abdullah accepts 'neech' comment kept Congress down गुजरात का नतीजा: फारूक अब्दुल्ला का मानना ​​है कि 'नीच' टिप्पणी ने कांग्रेस को वापस खड़ा किया
Gujarat result: Farooq Abdullah accepts ‘neech’ comment kept Congress down गुजरात का नतीजा: फारूक अब्दुल्ला का मानना ​​है कि ‘नीच’ टिप्पणी ने कांग्रेस को वापस खड़ा किया
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की नेता मणिशंकर अय्यर का नाम नहीं लेते हुए, मंगलवार को पार्टी ने गुजरात चुनाव जीत लिया होगा, इसके कुछ नेताओं ने गलत शब्दों का इस्तेमाल करने से बचा लिया था। अब्दुल्ला ने कहा, "मैं किसी का भी नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन अगर कुछ लोगों ने कुछ गलत बातें नहीं कीं तो कांग्रेस गुजरात में जीती होगी," अब्दुल्ला ने कहा, यह सुझाव…
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indianscooper · 5 years ago
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 पीएसए के तहत बुक किया गया एक और पीडीपी नेटा | इंडिया न्यूज़ - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
 पीएसए के तहत बुक किया गया एक और पीडीपी नेटा | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
दो दिन बाद दो पूर्व मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और महबूबा मुफ्ती पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत बुक किया गया था (पीएसए), जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को पीडीपी राजनेता और पूर्व आर एंड बी मंत्री नईम अख्तर पर कड़े कानून का आरोप लगाया। दूसरी ओर, प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर में एमएलए हॉस्टल में दो और एनसी पदाधिकारियों को नजरबंदी से रिहा…
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indlivebulletin · 1 month ago
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Jammu-Kashmir में मना यूटी स्थापना दिवस, उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने बनाई दूरी, एलजी मनोज सिन्हा का तंज
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को छठे केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेताओं की आलोचना की। अपने बयान में, सिन्हा ने यूटी दिवस मनाने के महत्व को रेखांकित किया, यह देखते हुए कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू और कश्मीर की वर्तमान स्थिति एक वास्तविकता है।   इसे भी पढ़ें: जो लोग…
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rightnewshindi · 2 months ago
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उमर अब्दुल्ला लेने जा रहे सीएम पद की शपथ, सरकार में शामिल नहीं होगी कांग्रेस; जानें क्यों
उमर अब्दुल्ला लेने जा रहे सीएम पद की शपथ, सरकार में शामिल नहीं होगी कांग्रेस; जानें क्यों #News #NewsUpdate #newsfeed #newsbreakapp
Jammu Kashmir News: जम्मू और कश्मीर में उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इसी बीच खबर है कि कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अब तक कुछ नहीं कहा गया ह���। कहा जा रहा है कि पार्टी बाहर से एनसी को समर्थन दे सकती है। खास बात है कि दोनों दलों ने गठबंधन में जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा…
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