आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता
| मीना कुमारी नाज़
53 notes
·
View notes
अहमद फ़राज़ sahab once wrote...
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता हैं
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं
41 notes
·
View notes
Aisha: तुम्हें पता है ना Sid, तुम हमेशा ऐसे बच्चे बनकर नहीं रह सकते। तुम्हें मैच्योर बनना होगा अब। कब तक तुम ऐसे बच्चों जैसी हरकते करते रहोगे?
Sid: हां Aish, मालूम है मुझे। तुम मुझे कब तक बच्चा - बच्चा कहती रहोगी? इतना सब तो कर रहा न मैं। नौकरी ज्वाइन कर ली। काम कर रहा हूँ। उल्टे सीधे आदतें छोड़ रहा अब और क्या करूं जिससे तुम खुश होगी?
Aisha: अरे तुम गुस्सा मत हो जाओ अब। मेरा वो मतलब नहीं था। जान रही हूँ कि तुम सब सही करने की कोशिश कर रहे हो और मुझे तुमपे नाज़ है Sid फिर भी तुम्हें बच्चा तो कहूँगी ही। उससे मुझे कौन रोकेगा भला।
Sid: जो मर्ज़ी पड़े बोल लो Aish।
Aisha: इतने गुम से क्यों हो Sid, कुछ हुआ क्या?
Sid: नहीं Aisha कुछ नहीं।
Aisha: तुम्हें मालूम है न तुम्हारी शकल पर झूठ नहीं छिपता?
Sid: मैं तुमसे...
Aisha: बोलो Sid आगे क्या?
Sid: Aish, वो मैं तुम्हें बताना चाहता था कि मैं तुमसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ।
Aisha: किस बात की माफ़ी Sid?
Sid: तुम्हें याद है जिस दिन में घर वापिस जा रहा था तभी मैंने तुम्हें गुस्से में बहुत कुछ बोल दिया था। उन बातों के लिए।
Aisha: उफ्फो! तुम ना बच्चे ही हो। माफ़ कर दिया बाबा।
Sid: तुमने मुझे उस दिन क्यों नहीं बताया कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो?
Aisha: बस हिम्मत नहीं हुई Sid, तुम्हें जाते देख सारी हिम्मत टूट चुकी थी मेरी।
Sid: मुझे लगा तुमने डरना छोर दिया Aish..
Aisha: डर की बस शकल बदलती है Sid, डर कभी जाता नहीं।
Sid: तुम्हारी ये राइटर वाली बातें मुझे कहाँ समझ आयेंगी। कुछ खाओगी?
Aisha: तुम बनाओगे? सीख लिया तुमने?
Sid: हां Aish, तुम्हारे लिए मैंने कुकिंग क्लासेज ज्वाइन की है।
Aisha: वाह! अचानक से तुम इतने केयरिंग कैसे हो गए?
Sid: मैं तो हरदम से तुम्हारी परवाह करता था Aisha, बस तुमने ज़रा देर से देखा।
Aisha: तुम छिपके मेरी क़िताब पढ़ रहे हो क्या Sid? जो मैं आजकल लिख रही।
Sid: चलो खाने चलते। मैं तुम्हारे पसंदीदा पोहे बनाता हूँ।
Aisha: थैंक्स Sid, इस अनजान से शहर में मेरे पहले दोस्त बनने के लिए।
Sid: Aish, अब कुछ दिन में हमारी शादी हो जायेगी और अब भी दोस्त?
Aisha: तुम चाहे कुछ भी बन जाओ Sid, तुम हमेशा मेरे एक अच्छे दोस्त रहोगे...
.
.
.
.
.
.
.
—praphull
A convo between Sid & Aisha from Wake Up Sid!
2 notes
·
View notes
हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम
हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं
तुम कौन हो ये ख़ुद भी नहीं जानती हो तुम
मैं कौन हूँ ये ख़ुद भी नहीं जानता हूँ मैं
तुम मुझ को जान कर ही पड़ी हो अज़ाब में
और इस तरह ख़ुद अपनी सज़ा बन गया हूँ मैं
तुम जिस ज़मीन पर हो मैं उस का ख़ुदा नहीं
पस सर-ब-सर अज़िय्यत ओ आज़ार ही रहो
बेज़ार हो गई हो बहुत ज़िंदगी से तुम
जब बस में कुछ नहीं है तो बेज़ार ही रहो
तुम को यहाँ के साया ओ परतव से क्या ग़रज़
तुम अपने हक़ में बीच की दीवार ही रहो
मैं इब्तिदा-ए-इश्क़ से बे-मेहर ही रहा
तुम इंतिहा-ए-इश्क़ का मेआ'र ही रहो
तुम ख़ून थूकती हो ये सुन कर ख़ुशी हुई
इस रंग इस अदा में भी पुरकार ही रहो
मैं ने ये कब कहा था मोहब्बत में है नजात
मैं ने ये कब कहा था वफ़ादार ही रहो
अपनी मता-ए-नाज़ लुटा कर मिरे लिए
बाज़ार-ए-इल्तिफ़ात में नादार ही रहो
जब मैं तुम्हें नशात-ए-मोहब्बत न दे सका
ग़म में कभी सुकून-ए-रिफ़ाक़त न दे सका
जब मेरे सब चराग़-ए-तमन्ना हवा के हैं
जब मेरे सारे ख़्वाब किसी बेवफ़ा के हैं
फिर मुझ को चाहने का तुम्हें कोई हक़ नहीं
तन्हा कराहने का तुम्हें कोई हक़ नहीं
4 notes
·
View notes
तु मिल जाए तो तुझे परियों सा सजाऊंगा मैं
दिल-ए-जन्नत में तेरा हसीन महल बनाऊँगा मैं
कोई तुझे देख कर तेरी आरजू ना करने लगे
सो तुझे अपने दिल के गौशे मे छुपाऊंगा मैं
मुझे पसंद है छन-छन का साज जाना
शौक से तेरी कलाइंयों पर चूडिय़ां पहनाऊंगा मैं
मुश्क-ए-गुल में और भी आजाएगी ताजगी
जब तेरे नर्म हाथों को गजरा पहनाऊंगा मैं
चाँद को है नाज़ उसकी चमकती चांदनी पर
किसी रोज़ उसके रू-बरू ले जाऊँगा मैं
तुम वो इतर हो जो फकत मेरे लिए बना है
तुम्हरी खुशबु फकत खुद ही पर लगाऊंगा मैं
दिल तुझे चाहता है तेरे नाज़ भी उठाएगा
तू नाज़ से रूठ जाना तुझे नाज़ौ से मनाऊँगा मैं
2 notes
·
View notes
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
अहमद फ़राज़
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं
सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं
सुना है उस को भी है शेर ओ शाइरी से शग़फ़
सो हम भी मो'जिज़े अपने हुनर के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता है
सितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं
सुना है रात से बढ़ कर हैं काकुले�� उस की
सुना है शाम को साए गुज़र के देखते हैं
सुना है उस की सियह-चश्मगी क़यामत है
सो उस को सुरमा-फ़रोश आह भर के देखते हैं
सुना है उस के लबों से गुलाब जलते हैं
सो हम बहार पे इल्ज़ाम धर के देखते हैं
सुना है आइना तिमसाल है जबीं उस की
जो सादा दिल हैं उसे बन-सँवर के देखते हैं
सुना है जब से हमाइल हैं उस की गर्दन में
मिज़ाज और ही लाल ओ गुहर के देखते हैं
सुना है चश्म-ए-तसव्वुर से दश्त-ए-इम्काँ में
पलंग ज़ाविए उस की कमर के देखते हैं
सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं
वो सर्व-क़द है मगर बे-गुल-ए-मुराद नहीं
कि उस शजर पे शगूफ़े समर के देखते हैं
बस इक निगाह से लुटता है क़ाफ़िला दिल का
सो रह-रवान-ए-तमन्ना भी डर के देखते हैं
सुना है उस के शबिस्ताँ से मुत्तसिल है बहिश्त
मकीं उधर के भी जल्वे इधर के देखते हैं
रुके तो गर्दिशें उस का तवाफ़ करती हैं
चले तो उस को ज़माने ठहर के देखते हैं
किसे नसीब कि बे-पैरहन उसे देखे
कभी कभी दर ओ दीवार घर के देखते हैं
कहानियाँ ही सही सब मुबालग़े ही सही
अगर वो ख़्वाब है ताबीर कर के देखते हैं
अब उस के शहर में ठहरें कि कूच कर जाएँ
'फ़राज़' आओ सितारे सफ़र के देखते हैं
4 notes
·
View notes
बरसों तुम से बातें की हैं सदियों नाज़ उठाया है
have talked to you for years, have taken pride in it for centuries
लगता है कि मैं ने तुम को जनम जनम से चाहा है
seems like i have loved you through many lifetimes
दिल की धड़कन चाप तुम्हारे कोमल कोमल क़दमों की
this heart beat is the sound of your soft footsteps
ख़ुशबू ख़ुशबू याद तुम्हारी फूल तुम्हारा साया है
your memory is fragrance , your shadow is flower
11 notes
·
View notes
दो दिन ही मधु मुझे पिलाकर ऊब उठी साकीबाला,
भरकर अब खिसका देती है वह मेरे आगे प्याला,
नाज़, अदा, अंदाजों से अब, हाय पिलाना दूर हुआ,
अब तो कर देती है केवल फ़र्ज़ - अदाई मधुशाला।।६५।
Charan sparsh Gurudev❤
Love
Ef Bharat Gupta
Kutch,Gujarat🌹
@srbachchan
2 notes
·
View notes
महाभारत की कुंती की रियल तस्वीरे देख आपको पहचानना होगा मुश्किल।
महाभारत की कुंती की रियल तस्वीरे देख आपको पहचानना होगा मुश्किल।
महाभारत की कुंती की रियल तस्वीरे Real pictures of Kunti of Mahabharata:- टेलीविजन इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी शफ़क़ नाज़ (Shafaq Naaz) भले ही आज के समय में टेलीविजन इंडस्ट्री में काम करती नजर ना आ रही हो, लेकिन आपको बता दे की सोशल मीडिया (Shafaq Naaz Instagram) पर काफी एक्टिव रहती है। जिनके आप रियल तस्वीरें देख दंग रह जायगे।
आइये जानते आखिर किसी दिखती है महाभारत की कुंती की रियल तस्वीरे…
View On WordPress
3 notes
·
View notes
जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में
जाग उठेंगे दर्द पुराने ज़ख़्मों की अँगनाई में
दिल की चोट उभर आएगी मत निकलो पुर्वाई में,
कोयल कूकी मौज ए सबा ने पाँव में घुंघरू बाँध लिए
प्यार का नग़्मा छेड़ रहा है आज कोई शहनाई में,
जो पहले बदनाम हुए थे उन को दुनिया भूल गई
हम ने कैसे रंग भरे हैं इश्क़ तेरी रुस्वाई में,
कौन तुम्हारे दुख बाँटेगा कौन ये नाज़ उठाएगा
हम जिस वक़्त न होंगे जानाँ तड़पोगे तन्हाई में,
आज फ़ना के पीछे पीछे ख़ाक उड़ाते फिरते…
0 notes
भारतीय अभिनेत्री "फराह नाज़" और उनका शुरुआती फ़िल्मी सफर। #FarhaNaaz #act...
0 notes
Best 101+ Dil Shayari in Hindi दिल शायरी हिंदी में
दोस्तों, हम हिंदी में 101 से ज़्यादा Dil Shayari in Hindi पेश करने के लिए उत्साहित हैं। ये दिल को छू लेने वाली कविताएँ प्यार और दर्द के विषयों को छूते हुए भावनाओं और इच्छाओं को खूबसूरती से व्यक्त करती हैं। हमारा संग्रह Dil की भावनाओं में गहराई से उतरता है, भावनाओं की एक श्रृंखला को प्रकट करता है जो सभी उम्र के पाठकों के साथ प्रतिध्वनित होती है।.
चाहे आप प्यार की गहराई को तलाशना चाहते हों या बस शब्दों की खूबसूरती की सराहना करना चाहते हों, Dil Shayari in Hindi का हमारा चुनिंदा चयन हर किसी के लिए कुछ खास पेश करता है। आइए इन मनमोहक शायरियों का एक साथ आनंद लें।.
Latest Dil Shayari Collection in Hindi हिंदी में दिल शायरी
दिल तो आज भी करता है तुमसे बात करने का,
पर तुम्हारी दी हुई बेइज्जती याद आ जाती है…!
बोहोत शोक था हमे भी दिल लगाने का,
शोक शोक में जिंदगी बरबाद कर बैठे…!
बदला नहीं लेंगे तुझसे ,
बस बदल जायेंगे…!
जिनके दिल अच्छे होते है,
उनकी किस्मत अक्सर खराब हो जाती है…!
दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे पास,
सुना है दर्द बोहोत देर तक साथ देता है…!
वो क्या किसी एक से प्यार करेगा साहब,
उसे तो हमेशा किसी बेहतर की तलाश रहती है…!
तेरी मोहब्बत भी कमल की थी,
पढ़े लिखे सक्स को पागल बना दिया…!
गजब का हुनर था उसके पास यारो,
मुझे धोका देकर खुद sad स्टेटस लगती थी…!
जिसने जीतेजी कभी हाल ना पूछा,
वो आसू बहा रहा है मेरे अचानक मरने पर…!
सोचता हु रात भर करवट बदलकर,
आखिर क्यों बदल गया वो मुझे इतना बदलकर…!
मैं कुछ वक्त के लिए खामोश क्या हुआ,
लोग सच में मुझे भूल गए यारो…!
दिल को बहलाने का एक और तरीका मिला है,
तेरी तस्वीर से बाते किया करूंगा रात भर…!
अक्सर वही लोग दिल तोड़ते है,
जिनपर हमे सबसे ज्यादा नाज़ होता है…!
सितम भी कम नहीं किए तूने,
तो फिर गमों से दिल्लगी कैसी…!
दिल उसी पर आता है,
जो दिल की कद्र नहीं करता…!
तू किस मिट्टी का बना है ऐ दिल,
मेरे हसने से भी तेरी उदासी कम नहीं होती…!
सोचा था उनके सिवा दिल में किसी और को बसाएंगे नही,
मगर क्या खबर थी वो दिल अपने साथ ले जायेंगे…!
टूटे के बाद अक्सर मेरा दिल,
बोहोत तड़पा भी था किसी की याद में…!
अच्छा हुआ ये दिल धड़कना बंद हो गया,
उसके बाद वैसे भी किसी काम का ना था…!
सबने कहा था इश्क़ बोहोत दर्द देता है ,
मैं खुद को ज्यादा ही होशियार समझने लगा…!
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जनाब,
को बगैर दिल के निभाए जाते है…!
उसे मुझसे बिछड़ने का दुख नहीं था,
ये सोच कर दिल और भी ज्यादा दुखता है…!
Rutha Dil Shayari in Hindi रूठे हुए दिल पर शायरी
अभी वो हसने लगा है फिर से कहीं रूठ ना जाए,
उसका टूटा हुआ दिल फिर कहीं टूट ना जाए…!
एक ही दिल दिया है खुदा ने मुझे,
अब और कितनी बार तोड़ोगे…!
तुम रूठने के बहाने तलाश करते हो,
साफ साफ कह दो के अब दिल भर गया…!
वो एक नई शुरुवात करना चाहते थे,
तोड़कर दिल मेरा आगे बढ़ गए…!
कोई बर्बाद होने वाला है दोस्त,
वो आज फिर किसी से दिल लगाने गए है…!
कभी तेरे दिया जख्मों को भरने की कोशिश नही की,
बस इसे ताजा रहने दिया तेरी यादों के साथ…!
कहा लगता है दिल फिर किसी से यारो,
एक दफा पूरी तरह टूटने के बाद…!
गरीबी में बेशक जिया हु साहब,
दिल मगर मेरा भी आप जैसा ही है…!
इसे कहा छोड़ कर आऊं कोई रास्ता नही,
अब मेरा इस दिल से कोई वास्ता नहीं…!
सब उसकी मजबूरी पर उदास थे साहब,
मेरी बर्बादी की तरफ किसी ने देखा ही नहीं…!
तुम जिसे जान से ज्यादा चाहते हो,
उसका दिल भी देख लेना किसके लिए धड़कता है…!
कुछ लोग सितारों की तरह होते है,
नजर तो आते हैं मगर, छू नही सकते…!
ना जाने कितने आशिकों को मारता रहेगा,
आखिर कबतक ये इश्क दौलत से हारता रहेगा…!
दिल इतना भी उदास नहीं है साहब,
के मैं आपसे आसू छुपा लूं…!
Dil Ki Baat Shayari in Hindi दिल की बात पर शायरी
अनजान कैद चल रही है तेरी यादों की,
हर चीज के आने का एक fix टाइम है…!
मैने भी अपने दिल को पत्थर कर लिया यारो,
उसे लगा के मेरे आसू निकल आएंगे…!
दिल के हाथों मजबूर करके
बहुत खुश हो खुद से दूर करके
सोने का महल चाहिए उसे,
इसी ज़िद ने उसे मुझसे दूर कर दिया…!
मजबूरी तो बाद एक बहाना है साहब,
असल दर्द तो दूरी देती है…!
गजब का दिल है उसका भी,
टूटे तो नशा करने लगता है…!
महल बनवाया है उसने,
मेरी रानी को मुझसे जीतकर…!
हारना तो तय है दोस्त,
वो दिल से नही skill से खेलता है…!
जब भी शाम हो जाएंगी,
समझ जाना मै अधेरे मै मिलूंगा…!
ये जो बारिश का मौसम है,
दिल को अंदर से उदास करता है,
कभी मिला था वो पहली बारिश में,
दिल बार बार वही एहसास करता है…!
एक कबूरत खत लेकर आया है दोस्त,
खत में लिखा है अब इस परिंदे की मुझे जरूरत नहीं…!
बोहोत अजीब है उसके चाहने वाले भी,
उसे आज भी मेरी जान बताते है…!
Dil Todne Wali Shayari in Hindi दिल तोड़ने/टूटने वाली शायरी
निभाकर साथ पल भर अकेला छोड़ देते है लोग,
जो खुद को पत्थर मानते है उनका भी दिल तोड़ देते है लोग…!
एक और राज दफन हो जायेगा मेरे सीने में,
आज फिर ईशा किसी बेकसूर की जान लेगा…!
ऐ मेरे दिल तू हसने की कोशिश तो कर,
देख मैं भी कभी कभी मुस्कुराता हु ना…!
अजीब शोक था उन्हे दिल्लगी का,
हमारे दिल से खेलना उनका मजाक था…!
बस इतनी सी दुआ है मेरी,
के तेरे नए प्यार को किसी की बद्दुआ ना लगे…!
सितारों से भरी रात जब भी आती है,
कुछ भूले हुए लम्हे याद दिलाती है…!
एक भूल हो गई थी मुझसे,
उसे उसे रोज भुला रहा हु…!
ऐसा भी क्या बिछड़ना साहब,
जो किसी की सांसे रोक दे…!
मेरे चाहने वालो ने,
मुझे बोहोत चाहत से जख्म दिए है…!
यकीन ही नहीं आता,
के कोई इतना पागल कर सकता है…!
बस एक तेरे संग भीगे हम
मुझे उस बारिश की तकश है
ये अपने से धोखे खाना साहब,
किसी दिन मेरी जान ले लेगा…!
ये अपने से धोखे खाना साहब,
किसी दिन मेरी जान ले लेगा…!
इश्क ही तो किया था साहब, इसकी ऐसी सजा,
के इज्जत भी गई और वो भी…!
बोहोत तरस आता है जनाब,
जब कोई इश्क का मारा मिलता है…!
ये कहकर छोड़ दिया मुझे मौत ने,
के इश्क में हारे हुए लोग तो खुद जिन्दा लास है…!
इश्क का दर्द है जनाब,
कोई दवा ली तो और बढ़ जाएगा…!
ये दिल जबसे टूटा टूटा रहता है,
मुझसे जाने क्या क्या कहता रहता है…!
दिल के हालात इतने भी अच्छे नहीं है,
की मैं फिर से किसी को अपना कह सकू…!
ये जो तुम दिल लगाने की बात करते हो,
तुम्हे अंदाजा नही है अभी रुसवाई का…!
परेशान से हो जाते है लोग दिल लगाकर,
बेजान से हो जाते है लोग दिल लगाकर…!
दिल के हाथो मजबूर हु,
इसलिए तुमसे बोहोत दूर हु…!
किसी की चाहत का एहसान है,
दिल आज कल बोहोत परेशान है…!
मैं हर चीज भुला सकता हु,
ये दिल का टूटना मुझसे भुलाया नही जाता…!
काश एक ऐसा भी दिल होता,
जिसके टूटने पर दर्द कम होता…!
आंखो से ओ���ल हो जाते है वो लोग,
जो आंखो मे सपने बनकर रहते है…!
दूरियों के साए से भी दूर हु,
अब मैं दिमाग की सुनता हु दिल की नही…!
Dil Ki Bat Shayari in Hindi दिल की बात शायरी
वो हर बात समझ जाते है,
सिवाय मेरे दिल की बातो के…!
दिल ही तो है,
जिसे तुम्हारी बातो पर खुद से ज्यादा भरोसा है…!
दिल के हाथो मजबूर है हम भी,
हर बात दिल से करते हैं …!
अगर उसकी तरफ से शुरुवात हो जाए,
तो मेरे भी जान से मेरे दिल की बात हो जाए…!
दिल में छुपी रहती है सारी खुवाइशे,
बात करनी हो तो दिल से किया करो…!
दिल से चाहते है तुझे,
ये बात तेरे दिल तक पोहोंचा के रहेंगे…!
Read the full article
0 notes
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था
आज सोए हैं तह-ए-ख़ाक न जाने यहाँ कितने
कोई शोला कोई शबनम कोई महताब-जबीं था
कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ
वो कहाँ हैं कि जिन्हें नाज़ बहुत अपने तईं था
हबीब जालिब
0 notes
जिंदगी की फितरत
आज देखा है मैंने जिंदगी जी फितरत
कब कैसे बदल देती है किस्मत
जो कभी अपनी ताकत पर नाज़ करते थे
उनको भी दो कदम चलने की नहीं जुर्रत ।
जो खदान कभी उठाते थे मिलों सफर करने की
आज कदम उठते ही नहीं
ये किस्मत की फितरत है या वक्त की बाजीगरी
अब उनका वजूद भी एक बोझ के सिवा
कुछ भी नहीं ।।
View On WordPress
0 notes
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था
कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ
वो कहाँ हैं कि जिन्हें नाज़ बहुत अपने तईं था
आज सोए हैं तह-ए-ख़ाक न जाने यहाँ कितने
कोई शोला कोई शबनम कोई महताब-जबीं था
अब वो फिरते हैं इसी शहर में तन्हा लिए दिल को
इक ज़माने में मिज़ाज उन का सर-ए-अर्श-ए-बरीं था
छोड़ना घर का हमें याद है 'जालिब' नहीं भूले
था वतन ज़ेहन में अपने कोई ज़िंदाँ तो नहीं था
हबीब जालिब
0 notes
बिग बॉस 17: पूर्व प्रतियोगी फलक नाज़ ने कानूनी कार्रवाई के बयान पर ईशा मालवीय की मां की आलोचना की
बिग बॉस के प्रतियोगी अभिषेक कुमार इन दिनों खबरों में हैं क्योंकि उन्होंने हाल ही में समर्थ को थप्पड़ मारा था। थप्पड़ खाने के बाद भी अभिषेक को जबरदस्त सपोर्ट मिल रहा है. न सिर्फ फैन्स बल्कि कई सेलेब्स ने भी उनके सपोर्ट में मैसेज भेजे हैं क्योंकि अभिषेक ने समर्थ और ईशा मालविया पर तंज कसने के बाद ऐसा किया था। हालांकि, इन सबके बाद ईशा की मां ने एक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिस पर बिग…
View On WordPress
0 notes