नवरात्रि 2022: इस पवित्र त्योहार को मनाने के लिए सुंदर और आसान रंगोली डिजाइन
नवरात्रि 2022: इस पवित्र त्योहार को मनाने के लिए सुंदर और आसान रंगोली डिजाइन
छवि स्रोत: INSTAGRAM/@KHUSHBU_CREATIVE_CORNER नवरात्रि रंगोली डिजाइन
जैसे ही 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है, हम सभी अपने घर को कुछ खूबसूरत रंगोली से सजाने के लिए उत्सुक हैं। रंगोली एक ऐसी चीज है जो त्योहार के प्रति प्यार दिखाने के लिए बनाई जाती है। नवरात्रि का हिंदू त्योहार नौ दिनों तक चलने वाला एक शुभ उत्सव है जो राक्षस महिषासुर को मारने के लिए मां दुर्गा का सम्मान करता है; यह बुराई पर…
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उत्तराखंड में स्थित दीबा माता मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र में पूजनीय है। यह मंदिर माता दीबा को समर्पित है, जो कि देवी दुर्गा के एक रूप मानी जाती हैं। स्थानीय लोगों के बीच दीबा माता को गांव की रक्षक और संरक्षक देवी के रूप में माना जाता है, और यह मंदिर उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है।
उत्तराखंड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में इस मंदिर का विशेष महत्व है, और यहां पर विशेष रूप से नवरात्रि और अन्य धार्मिक त्योहारों के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, जिससे यहां आना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि पर्यटन के लिए भी आकर्षक होता है।
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Navratri Festivals in India
Paras Parivaar Organization(पारस परिवार आर्गेनाइजेशन):
नवरात्रि की नौ रातों में हर रात एक अलग अवतार या रूप में माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। हर रात को एक अलग रूप या स्वरुप में माँ की उपासना करते हुए, भक्तों को शक्ति, सदभावना और दिव्यता की अनुभूति होती है। ये रातें नवरात्रि का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जिनमें भक्ति और आध्यात्मिकता की भावनाओं को जागृत किया जाता है।
नवरात्रि की नौ रातों में हर रूप का एक अलग अर्थ और महत्व है। महंत श्र��� पारस भाई जी के अनुसार नवरात्रि के इस समय में माँ के हर रूप से भक्तों को माँ दुर्गा की शक्ति, साहस और दया को जानने का अवसर मिलता है। नवरात्रि में हर रात और हर दिन मंत्रों और भजनों के साथ भक्ति में वृद्धि होती है। जिससे व्यक्ति अपने आंतरिक अस्तित्व को महसूस करता है और उनका धार्मिक एवं मानसिक विकास होता है।
नवरात्रि का पर्व सामान्य रूप से माँ दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि माँ शक्ति की पूजा का महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस अवसर पर भक्तों का उद्देश्य माँ दुर्गा की पूजा, स्तुति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना है। नवरात्रि भक्ति के महत्व को समझने और अमल में लाने का भी पर्व है।
नवरात्रि का महत्व ये है कि ये त्यौहार माँ दुर्गा की अद्भुत पराक्रम को जानने का अवसर प्रदान करता है। माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के माध्यम से भक्तों को समृद्धि की प्राप्ति की प्रेरणा मिलती है। भक्तों का उद्देश्य माँ दुर्गा की कृपा दृष्टि को प्राप्त करना और उनकी शक्ति को प्राप्त करना है। नवरात्रि एक ऐसे समय का प्रतीक है जहाँ पर परिवार और समाज में प्रेम और सद्भावना का संचार होता है।
नवरात्रि माँ दुर्गा को मनाने का अवसर है। नवरात्रि में मन और शरीर शुद्ध हो जाता है। नवरात्रि इस रूप में भी महत्वपूर्ण है कि इस समय बुराई से दूर रहने और अच्छाई को बढ़ावा देने का संकल्प लिया जाता है। इस अवसर पर भक्ति, ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक विकास की दिशा में अग्रसर किया जाता है। यह नवरात्रि का त्यौहार एकता और प्रेम का प्रतीक है। जिसमें परिवार और समाज के लोग एक साथ मिलकर माँ दुर्गा की आराधना करते हैं।
माँ दुर्गा के नौ रूप :
1. माँ शैलपुत्री जी
देवी दुर्गा ने पार्वती के रुप में हिमालय के घर जन्म लिया। इसी कारण देवी का पहला नाम पड़ा शैलपुत्री अर्थात हिमालय की बेटी। शैल का मतलब है पहाड़ या चट्टान। माँ शैलपुत्री सिखाती है कि जीवन में सफलता और जीत प्राप्त करने के लिए अपने लक्ष्यों को चट्टान की तरह मजबूत बना���ें।
माँ शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। इस रूप में मां दुर्गा को पर्वतराज हिमालय की बेटी के रूप में पूजा जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में इन्होंने कमल धारण किया हुआ है। मां शैलपुत्री की पूजा, धन-दौलत और अच्छे स्वास्थ्य के लिए की जाती है।
2. माँ ब्रह्मचारिणी जी
इस रूप में मां दुर्गा को तपस्विनी के रूप में पूजा जाता हैं। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है, जो ब्रह्मा के द्वारा बताए गए आचरण पर आगे बढ़े। क्योंकि जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए अनुशासन सबसे ज्यादा जरूरी है। इनकी पूजा से आपको आगे बढ़ने की शक्ति मिलती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आपके सभी कार्य पूरे होते हैं और विजय की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्माचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है।
3. माँ चंद्रघंटा जी
ये माँ दुर्गा का तीसरा रूप है, जिनके माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा है, इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा है। मां चंद्रघंटा के हाथों में त्रिशूल, धनुष, गदा और तलवार है। मां चंद्रघंटा शक्ति का वरदान देती हैं और साथ ही भय को भी दूर करती हैं। माँ के दस हाथों में अस्त्र-शस्त्र सजे हुए हैं। मां युद्ध मुद्रा में सिंह पर विराजमान होती हैं।
4. माँ कूष्माण्डा जी
कुष्मांडा देवी का चौथा स्वरूप है। ग्रंथों के अनुसार इन्हीं देवी की मंद मुस्कान से अंड यानी ब्रह्मांड की रचना हुई थी। इसी कारण इनका नाम कूष्मांडा पड़ा। ये देवी भय दूर करती हैं। भय यानी डर ही सफलता की राह में सबसे बड़ी मुश्किल होती है। जिसे जीवन में सभी तरह के भय से मुक्त होकर सुख से जीवन बिताना हो, उसे देवी कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए। इनकी साधना करने से जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं।
इनके शरीर की कांति सूर्य के समान तेज है। इनके तेज की तुलना इन्हीं से की जा सकती है। इनकीआठ भुजाएं हैं इसलिए ये अष्टभुजादेवी के नाम से भी जानी जाती हैं।
5. माँ स्कंदमाता जी
भगवान शिव और पार्वती के पहले पुत्र हैं कार्तिकेय और उन्हीं का ही एक नाम है स्कंद। इसलिए कार्तिकेय या स्कंद की माँ होने के कारण देवी के पांचवें रुप को स्कंद माता के नाम से जाना जाता है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं।
स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र अर्थात श्वेत है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन भी सिंह है। इनकी उपासना से साधक को अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है।
6. माँ कात्यायनी जी
कात्यायिनी ऋषि कात्यायन की पुत्री हैं। कात्यायन ऋषि ने देवी दुर्गा की बहुत तपस्या की थी और फिर दुर्गा प्रसन्न हुई तब ऋषि ने वरदान में माँगा कि देवी दुर्गा उनके घर में पुत्री के रुप में जन्म लें। कात्यायन की बेटी होने के कारण ही नाम इनका पड़ा कात्यायिनी पड़ा।
यह नवदुर्गाओं में छठवीं देवी हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को रोग से मुक्ति पाने के लिए देवी कात्यायिनी की पूजा अर्चना करें। ये स्वास्थ्य की देवी हैं।
7. माँ कालरात्रि जी
इस रूप में मां दुर्गा का भयानक स्वरूप होता हैं। इन्हें काली माँ के रूप में पूजा जाता है। माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। काल यानि समय और रात्रि मतलब रात। इसका अर्थ उन सिद्धियों से है जो रात के समय साधना करने से साधक को मिलती हैं।
इनके नाम से दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत, बाधा आदि सभी भयभीत होकर दूर भाग जाते हैं। माँ कालरात्रि को शुभंकरी, महायोगीश्वरी और महायोगिनी भी कहा जाता है। माँ कालरात्रि की पूजा करने के बाद भक्तों को अकाल मृत्यु का भय भी खत्म हो जाता है।
8. माँ महागौरी जी
इस रूप में मां दुर्गा को सुंदर और उज्ज्वल स्वरूप में पूजा जाता हैं। माँ दुर्गा का आठवा स्वरूप है महागौरी। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है यही वजह है कि इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था। इसलिए इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदान करने वाली कहा जाता है। इनका जो स्वरूप है वह अत्यंत सौम्य है। मां गौरी का यह रूप बेहद मोहक है। इनकी चार भुजाएं हैं। महागौरी का वाहन बैल है।
9. माँ सिद्धिदात्री जी
इस रूप में मां दुर्गा सभी सिद्धियों की देने वाली माँ के रूप में पूजा जाता हैं। माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। इस दिन पूरी श्रद्धा भाव के साथ साधना करने वाले व्यक्ति को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं।
मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पर आसीन होती हैं। इनकी उपासना से हर तरह की सिद्धि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। इन्हीं देवी की कृपा से ही महादेव की आधी देह देवी की हो गई थी और वह अर्धनारीश्वर कहलाए।
“पारस परिवार” की ओर से “चैत्र नवरात्रि” की हार्दिक शुभकामनाएं !!
आपका जीवन धन और प्रेम से भरपूर हो
मां दुर्गा आपको सुख और शांति प्रदान करें !!
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कल से शुरू हो रही हैं गुप्त नवरात्रि, जानें शुभ तिथि व शुभ मुहूर्त। Gupt Navratri 2024
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के दिनों में देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है.
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Gupt Navratri: 6 जुलाई से शुरू होंगे आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यानAshadha Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का त्यौहार साल में चार बार मनाया जाता है
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चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं - Kisan Satta
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस साल 9 अप्रैल यानि आज से हो रही है जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा । नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा को समर्पित होता है और इस पर्व का इंतजार सनातन धर्म को मानने वाले लोग बेसब्री से करते हैं, हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है ।
चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी पड़ती है । चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!
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🌸आप सभी को छैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌸
🌸आप सभी को छैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌸 इस पवित्र समय में देवी की दिव्य ऊर्जा का आनंद लेते हैं, हमें अपने जीवन में दृष्टि के महत्व का भी विचार करना चाहिए। जिस तरह देवी हमें स्पष्टता और अंतर्दृष्टि की आशीर्वाद देती हैं, वैसे ही हमारी आँखें हमें एक उज्ज्वल, स्पष्ट मार्ग की ओर गाइड करती रहें। इस उत्सवी समय में सभी को शुभ स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशियाँ कामना करता हूँ। - डॉ. विक्रम भल्ला, नेत्र चिकित्सक
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*चैत्र नवरात्रि: इस वर्ष घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माँ दुर्गा- जानें इसका महत्व और मुहूर्त की जानकारी!*
अप्रैल के महीने में चैत्र नवरात्रि का पावन त्यौहार मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल चार नवरात्रियां मनाई जाती है जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होते हैं और एक शारदीय और एक चैत्र नवरात्रि होती है। चैत्र और शारदीय नवरात्र को गुप्त नवरात्रि की तुलना में ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि यह गृहस्थ लोग करते हैं और अक्सर देखा गया है कि गुप्त नवरात्रि करने वाले लोग इसे तंत्र साधना के लिए करते हैं। इस खास ब्लॉग में आज हम बात करेंगे जल्द शुरू होने वाले चैत्र नवरात्रि की।
यहां हम जानेंगे कि इस साल चैत्र नवरात्र कब से प्रारंभ हो रही है, इसका घट स्थापना मुहूर्त क्या रहने वाला है, इस साल मां का आगमन वाहन क्या रहने वाला है और इससे क्या संकेत मिल रहे हैं। साथ ही जानेंगे चैत्र नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले उपायों की जानकारी और ये चैत्र नवरात्रि किन राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगी इसकी जानकारी भी आपके यहां दी जाएगी। तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले जान लेते हैं चैत्र नवरात्रि का यह पर्व कब से मनाया जाएगा।
*चैत्र नवरात्रि 2024 घटस्थापना मुहूर्त कब से?*
घटस्थापना मुहूर्त : 06:01:45 से 10:15:48 तक
अवधि :4 घंटे 14 मिनट
*बेहद ही शुभ योग में प्रारंभ हो रही है चैत्र नवरात्रि*
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि इसलिए भी खास खाने जा रही है क्योंकि यह बेहद ही शुभ योग में प्रारंभ हो रही है। दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन रेवती नक्षत्र रहने वाला है। रेवती नक्षत्र इस दिन सुबह 7:32 तक रहेगा और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। इसके अलावा योग की बात करें तो इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। यह दोनों योग सुबह 7:32 से लेकर अगले दिन 5:06 तक रहने वाले हैं। ऐसे में इस दौरान आप किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य कर सकते हैं। यह विशेष रूप से फलदाई रहने वाला है।
*घटस्थापना विधि*
सबसे पहले बात कर ले घट स्थापना विधि की तो इसके लिए आप एक मिट्टी के चौड़े मुंह वाला बर्तन ले लें और उसमें सप्तनाज रख लें।
इसके ऊपर कलश में जल भर कर रख लें और उसके ऊपरी भाग में कलावा बांध लें।
इसके बाद आम या फिर अशोक के पल्लव को कलश के ऊपर रख दें।
अब नारियल को एक साफ लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पल्लवों के बीच में रख दें।
नारियल में कलावा भी लपेट दें।
घट स्थापना पूरी होने के बाद देवी का आवाहन करें और इसके बाद पूजा प्रारंभ करें।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
बात करें महत्व की तो चैत्र नवरात्रि के दौरान मां भगवती के 9 स्वरूपों की पूजा का विधान निर्धारित किया गया है। माना जाता है कि इस दौरान जो कोई भी भक्त मां की विधिवत पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं, ऐसे लोगों को हर एक कष्ट और दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा ऐसे जातकों के घर परिवार में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
*चैत्र नवरात्रि 2024: क्या रहेगा मां का वाहन?*
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर आती हैं तो वह एक विशेष वाहन से आती हैं। इस वाहन का कोई ना कोई संकेत होता है और महत्व भी होता है। बात करें चैत्र नवरात्रि में मां के वाहन की तो इस साल मां घोड़े पर सवार हो कर आने वाली हैं। चूंकि चैत्र नवरात्रि मंगलवार से शुरू हो रही है इसीलिए माँ का आगमन वाहन घोड़ा रहने वाला है।
बात करें इसके संकेत कि तो, जब भी माँ घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो इससे सत्ता में परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इस दौरान साधकों के जीवन में से सभी तरह के कष्ट और परेशानियों से छुट्टी मिलने की भी उच्च संभावना बन रही है। ................................... _*इसी प्रकार की रोचक और जीवन उपयोगी जानकारियां पाने के लिए*_
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Today's Horoscope-
9 अप्रैल 2024 मंगलवार : नवरात्रि के पहले दिन आज क्या कहती है आपकी राशि, जाने अपना राशिफल
मेष - व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। पिछले कार्यों को टालें। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।
वृषभ - यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।
मिथुन - विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।
कर्क - बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
सिंह - मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
कन्या - चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।
तुला - कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।
वृश्चिक - राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।
धनु - संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।
मकर - किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।
कुंभ - व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी।
मीन - मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
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चैत्र नवरात्रि २०२४ तारीख| Chait Navratri 2024| Hindi
प्रस्तावना : आज के व्यस्त जीवन में हम लोग अपने व्रत त्यौहार को लगभग भुला गए हैं | यह लेख खास कर युवा में अपने व्रत त्यौहार के प्रति जागरूकता लाने के लिये है | इस आलेख को पढ़ने के बाद अपने त्यौहार , महापुरूषो के प्रति जानकारी प्राप्त करने का रुचि विकसित होगा | इस लेख का यही उद्देश है इस लेख में हम चैत्र नवरात्रि के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | चैत्र नवरात्रि कँहा कँहा होता है इसका महत्व एवं बहुत…
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इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
Chaitra Navratri 2024 : हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का बहुत महत्व होता है. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि पर नौ दिन शक्ति का रूप माता आदिशक्ति (Goddess Durga) की आराधना की जाती है.
नवरात्रि के नौ दिन भक्त व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. चैत्र नवरात्र नया काम शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. नवरात्र के समय विधि-विधान से व्रत रखकर माता दुर्गा के नव रूपों की आराधना की जाती…
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (नवमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-18-फरवरी-2024
वार :---------रविवार
तिथी :---09नवमी:-08:16
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:-------माघमास
नक्षत्र:------रोहिणी:-09:23
योग:--------वेधृति:-12:39
करण:------कोलव:-08:16
चन्द्रमा:-----वृषभ 21:54/मिथुन
सूर्योदय:------07:16
सूर्यास्त:-------18:28
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:---जौं या पान का सेवन
ऋतु :------- शिशिर-बसंत ऋतु
गुलीक काल:---15:37से 17:02
राहू काल:-17:02से18:28
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-08:41से10:06तक
लाभ:-10:06से11:31तक
अमृत:-11:31से12:56तक
शुभ:-14:12से15:37तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-18:28से20:03तक
अमृत:-20:03से21:38तक
चंचल:-21:38से23:13तक
लाभ :-02:22से03:57तक
शुभ :-05:40से07:15तक 🍁आज के विशेष योग🍁 वर्ष का 332 वाँ दिन, श्री हरि जयंती, मगंल श्रवण पर 22:26, रवियोग अहोरात्र, गुप्त नवरात्रि समाप्त, वैधृति पुण्य, महानंद नवमी, ज्वालामुखी योग 08:16तक,
🌺 👉 टिप्स 👈🌺
घर में पूर्व दिशा की तरफ सूर्य यंत्र की स्थापना करें।
*सुविचार*
वह आदमी चंडाल है जो एक दूर से अचानक आये हुए थके मांदे अतिथि को आदर सत्कार दिए बिना रात्रि का भोजन खुद खाता है.
👍🏻 राधे राधे...
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। विद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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