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ईशा नेगी या उर्वशी रौतेला; किससे है ऋषभ पंत का रिश्ता?
ईशा नेगी या उर्वशी रौतेला; किससे है ऋषभ पंत का रिश्ता?
ऋषभ पंत संबंध: युवा भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत इस समय काफी गर्माहट का सामना कर रहे हैं। उनकी प्रोफेशनल हो या पर्सनल लाइफ, ऋषभ हर गलत वजह से चर्चा में रहते हैं। सेक्टर पर उनका प्रदर्शन औसत से कम रहा है। उनके सफेद गेंद के नंबर बेहद निराशाजनक हैं। दूसरी ओर, मैदान के बाहर, वह एक बवंडर में फंस गया है। भारतीय बॉलीवुड मॉडल और एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने ऋषभ पंत को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. एक…
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पशुओं को बूचड़ खाने ले जा रहा ट्रक जब्त
पशुओं को बूचड़ खाने ले जा रहा ट्रक जब्त बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी मध्यप्रदेश उमरिया मानपुर। स्थानीय पुलिस ने गत दिवस अवैध रूप से मवेशियों का परिवहन करने वाले एक ट्रक को जब्त किया है। बताया गया है कि इन ट्रकों मे करीब 22 नग भैसों को बड़ी ही बेदर्दी से ठूंस-ठूंस कर भरे गये थे, जिन्हे बुढार से इलाहाबाद बूचड़ खाने ले जाया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही मानपुर थाना प्रभारी मुकेश मर्सकोले…
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कालाआखर रोड से 40 हजार की अवैध सागौन की चरपटें जब्त
केसला/इटारसी। वन विभाग ने कालाआखर रोड पर बीती रात एक वेन से सागौन की चोरी करके ले जाते वाहन और लकड़ी जब्त की है, जबकि चालक गश्ती दल को चकमा देकर भाग निकला। वन विभाग की टीम ने यह कार्रवाई रात १ से २ बजे के बीच की है। रेंजर नीरज शर्मा के अनुसार कालाआखर रोड पर एक वेन को संदेह होने पर रुकने का संकेत दिया तो वाहन चालक अंधेरे का फायदा उठाते हुए वाहन छोड़कर भाग निकला। वाहन में ६ नग सागौन की चरपटें हैं,…
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Raigarh: हनुमान साइकिल स्टोर्स से 1360 नग सॉल्यूशन जब्त, नशे के लिए नाबालिगों को बेचने पर दुकान सील
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नशे के सौदागरों पर पुलिस प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी ,अंतर्राज्यीय आरोपीत के कब्जे से 3000 नग अवैध प्रतिबंधित नशीला इंजेक्शन के साथ एक गिरफ्तार ,,
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये 🏵️नमः 🚩*
🌺 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌺
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (अष्टमी+नवमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :---16-मई-2024
वार:-------गुरुवार
तिथी :---08अष्टमी:-06:23तक तत्पश्चात नवमी तिथि
पक्ष :------शुक्लपक्ष
माह:------वैशाख
नक्षत्र :-----मघा:-18:13
योग:------ध्रुव-08:22
करण:-----बव:-06:23
चन्द्रमा:-----सिंह
सुर्योदय:-----05:55
सुर्यास्त:------19:14
दिशा शुल-----दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :- -------ग्रीष्म ऋतु
गुलीककाल:---09:16से10:55
राहू काल:---14:14से15:53
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-05:55से07:34तक
��ंचल:-10:55से12:35तक
लाभ:-12:35से14:15तक
अमृत:-14:15से15:55तक
शुभ:-17:35से19:14तक
🌓चोघङिया रात🌗
अमृत:-19:14से20:34तक
चंचल:-20:34से21:54तक
लाभ:-00:34से01:54तक
शुभ:-03:14से04:34तक
अमृत:-04:34से05:55तक
🙏आज के विशेष योग🙏 वर्ष का 38वा दिन, सीता (जानकी) नवमी-जयंती, रवियोग प्रारंभ 18:13,
🌺👉वास्तु टिपस 👈🌺
घर में अनावश्यक पत्थर, नग, अंगुठी, ताबिज ना रखे।
*सुविचार*
व्यवहार के समय भजन-ध्यान में मुख्य वृत्ति और संसारी कामों में गौण वृत्ति रखनी चाहिये।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*हींग के फायदे :-*
*1. पेट की परेशानियाँ दूर करे -*
- चुटकी भर हींग को अपने खाने में दाल व सब्जी के साथ जरुर लें.
- इसके अलावा चुटकी भर हींग को आधा कप पानी में घोल रोज खाने के बाद पियें.
*2. सर्दी खांसी मिटाए -*
- कफ होने पर हींग को पानी में घोल पेस्ट बनायें, अब इसे चेस्ट पर लगायें.
- इसके अलावा आप चुटकी भर हींग को आधी चम्मच अदरक पाउडर व आधी चम्मच शहद के साथ मिलाएं, इस मिक्सचर को दिन में 3 बार लें, कफ से जुडी सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी.
*3. सर दर्द मिटाए -*
- चुटकी भर हींग को 1 गिलास पानी में डाल कर गर्म करें, इसे 15 मिनट तक उबलने दें, अब थोड़ा ठंडा कर दिन में कई बार इसे पिएँ.
- इसके अलावा 1 tsp हींग को कपूर, सूखा अदरक व पीसी काली मिर्च की बराबर मात्रा लेकर मिलाएं. इसमें दूध मिलाकर एक पेस्ट बना लें, अब इस मिक्सचर को सर पर लगायें. इससे टेंशन भी कम होती है व सर दर्द भी चला जाता है.
*4. दांत दर्द दूर करे -*
- दांत दर्द से तुरंत आराम के लिए हींग का छोटा टुकड़ा लेकर दांत में दबा लें, इससे तुरंत दर्द ठीक हो जायेगा.
- एक कप पानी में हींग, लोंग डालकर हल्का गर्म करे, अब इससे कुल्ला करें, दांत दर्द ठीक हो जायेगा.
- इसके अलावा हींग को 2 tsp नीम्बू के रस साथ गर्म करें, इसमें कॉटन डालकर दांत के बीच में रखें.
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। ��्रसन्नता में वृद्धि होगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
अपेक्षित कार्यों में बाधा आएगी। व्ययवृद्धि होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अतिविश्वास हानि देगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
कार्यपद्धति सुधरेगी। योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
कानूनी अड़चन दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। दौड़-धूप रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। धनलाभ होगा।
👩🏻🏫 *राशि फलादेश कन्या* :-
जल्दबाजी न करें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। हानि संभव है।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। कोर्ट व कचहरी में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
संपत्ति के कार्य बड़ा फायदा करवा सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। चोट व रोग से बचें।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। यात्रा सफल रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। दौड़धूप अधिक होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेाग। मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभप्रद रहेगी। प्रमाद न करें।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समाचार मिलेंगे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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आज दिनांक - 29 मार्च 2024 का हिन्दू पंचांग और आर्थिक कष्ट निवारण के उपाय
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - चैत्र
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग - वज्र रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल - सुबह 11:12 से दोपहर 12:44 तक
सूर्योदय - 06:35
सूर्यास्त - 06:54
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:48 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:07 तक
व्रत पर्व विवरण - संकट चतुर्थी*
विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ
*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
रविवार, सप्तमी, नवमी, अमावस्या, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण तथा संक्रांति - इन तिथियों को छोड़कर बाकी के दिन आँवले का रस शरीर पर लगाकर स्नान करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है। (स्कंद पुराण, वैष्णव खंड)*
क्रोध पर नियंत्रण कैसे पायें ?
क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब खाक कर देता है । जिन्ह���ं क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें ।
(१) एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ...' इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी ।*
(२) जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा ।
(३) सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सद्गुरु या इष्ट का ध्यान करें । बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्नि में आहुति डालें: ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा ।
(४) एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । (शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें ।)
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Biharilal . Ang ang nag jagmagat. || अंग अंग नग जगमगत, दीप सिखा सी देह....
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jharkhand jmm reply - पीएम मोदी के आरोपों पर झामुमो का पलटवार, भाजपा का नया नाम भरपूर जियो पूंजीपति, हेमंता, अजित, प्रफुल्ल व शुभेंदू आपकी टोपी के नग है क्या ?
धनबाद: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनबाद के बरवाअड्डा में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने झारखंड की गठबंधन सरकार पर करप्शन और परिवारवाद का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झामुमो और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने आदिवासियों को वोट बैंक समझा और उनके पसीने की कमाई लूट ली. अब, पीएम के आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो…
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बिन ही मुख सारंग राग सुन, बिन ही तंती तार। बिना सुर अलगोजे बजैं, नगर नांच घुमार।।
घण्टा बाजै ताल नग, मंजीरे डफ झांझ। मूरली मधुर सुहावनी, निसबासर और सांझ।।
बीन बिहंगम बाजहिं, तरक तम्बूरे तीर। राग खण्ड नहीं होत है, बंध्या रहत समीर।।
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विभिन्न जिलों से पुलिस ने बड़ी मात्रा में साड़ियां जब्त की है, साड़ी किसने मंगवाई, इसका मालिक कौन है, इसकी जांच जारी हैl उरगा थाना क्षेत्र में पुलिस ने भारी मात्रा में साड़ी जब्त की है. जिसकी कीमत करीब 23 लाख रुपये बताई जा रही है. साड़ी किसने मंगवाई, इसका मालिक कौन है, इसकी जांच जारी है. बीती रात जांच के दौरान एक ट्रक को रोक कर जब पुलिस ने पीछे जाकर देखा तो पाया कि पूरी गाड़ी साड़ी से भरी हुई थी. पुलिस को ट्रक में 9000 साड़ियां मिली. ट्रक चालक द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने और आवश्यक कागजात न दिखा पाने की वजह से साड़ियों को जब्त कर लिया गया. पुलिस को संदेह है कि यह साड़ियां चुनाव में मतदाताओं को प्रलोभित करने के लिए बांटे जाने के उद्देश्य से मंगाई गई थी. बहरहाल पुलिस ने धारा 102 के तहत गाड़ी और साड़ी दोनों को जब्त कर लिया है. पुलिस ने महासमुंद में सिंघोड़ा थाना अंतर्गत ट्रक से भारी मात्रा में साड़ी जब्त की थी. साड़ियों की कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई गई थी. सिंघोड़ा थाना क्षेत्र के रेहटीखोल जांच नाका में पुलिस की टीम वाहनों की चेकिंग कर रही थी. जांच के दौरान ओडिशा की ओर से आ रही आयशर ट्रक क्र.MH 04 LE 5608 से पुलिस ने 16 हजार नग साड़ी बरामद की थी. इसके अलावा जांजगीर, बिलासपुर, रायगढ़ समेत विभिन्न जिलों से पुलिस ने बड़ी मात्रा में साड़ियां जब्त की है
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07 लाख की नकबजनी का पर्दाफाश कर शातिर चोर को गिरफ्तार किया
नर्मदापुरम। देहात थाना पुलिस ने रेवा सनसिटी में हुई सात लाख की चोरी के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें लगायी गयी थीं। उससे चोरी किया ज्यादातर माल जब्त कर लिया है। गौरतलब है कि धर्मेन्द्र कुमार पिता गौरीशंकर शर्मा, 62 साल निवासी रेवा सन सिटी नर्मदापुरम ने रिपोर्ट की थी कि अज्ञात चोर ने उनके घर ताला तोडक़र घर में रखे सोने के दो हार, एक जोड़ी कंगन, दो जोड़ी झुमके, 16 नग…
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अनादि काल से ही मानव परम शांति, सुख व अमृत्व की खोज में लगा हुआ है। वह अपने सामथ्र्य के अनुसार प्रयत्न करता आ रहा है लेकिन उसकी यह चाहत कभी पूर्ण नहीं हो पा रही है। ऐसा इसलिए है कि उसे इस चाहत को प्राप्त करने के मार्ग का पूर्ण ज्ञान नहीं है। सभी प्राणी चाहते हैं कि कोई कार्य न करना पड़े, खाने को स्वादिष्ट भोजन मिले, पहनने को सुन्दर वस्त्रा मिलें, रहने को आलीशान भवन हों, घूमने के लिए सुन्दर पार्क हों, मनोरंजन करने के लिए मधुर-2 संगीत हों, नांचे-गांए, खेलें-कूदें, मौज-मस्ती मनांए और कभी बीमार न हों, कभी बूढ़े न हों और कभी मृत्यु न होवे आदि-2, परंतु जिस संसार में हम रह रहे हैं यहां न तो ऐसा कहीं पर नजर आता है और न ही ऐसा संभव है। क्योंकि यह लोक नाशवान है, इस लोक की हर वस्तु भी नाशवान है और इस लोक का राजा ब्रह्म काल है जो एक लाख मानव सूक्ष्म शरीर खाता है। उसने सब प्राणियों को कर्म-भर्म व पाप-पुण्य रूपी जाल में उलझा कर तीन लोक के पिंजरे में कैद किए हुए है। कबीर साहेब कहते हैं कि:--
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल। सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
गरीब, एक पापी एक पुन्यी आया, एक है सूम दलेल रे।
बिना भजन कोई काम नहीं आवै, सब है जम की जेल रे।।
वह नहीं चाहता कि कोई प्राणी इस पिंजरे रूपी कैद से बाहर निकल जाए। वह यह भी नहीं चाहता कि जीव आत्मा को अपने निज घर सतलोक का पता चले। इसलिए वह अपनी त्रिगुणी माया ��े हर जीव को भ्रमित किए हुए है। फिर मानव को ये उपरोक्त चाहत कहां से उत्पन्न हुई है ? यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। यहां हम सबने मरना है, सब दुःखी व अशांत हैं। जिस स्थिति को हम यहां प्राप्त करना चाहते हैं ऐसी स्थिति में हम अपने निज घर सतलोक में रहते थे। काल ब्रह्म के लोक में स्व इच्छा से आकर फंस गए और अपने निज घर का रास्ता भूल गए। कबीर साहेब कहते हैं कि --
इच्छा रूपी खेलन आया, तातैं सुख सागर नहीं पाया।
इस काल ब्रह्म के लोक में शांति व सुख का नामोनिशान भी नहीं है। त्रिगुणी माया से उत्पन्न काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, राग-द्वेष, हर्ष-शोक, लाभ-हानि, मान-बड़ाई रूपी अवगुण हर जीव को परेशान किए हुए हैं। यहां एक जीव दूसरे जीव को मार कर खा जाता है, शोषण करता है, ईज्जत लूट लेता है, धन लूट लेता है, शांति छीन लेता है। यहां पर चारों तरफ आग लगी है। यदि आप शांति से रहना चाहोगे तो दूसरे आपको नहीं रहने देंगे। आपके न चाहते हुए भी चोर चोरी कर ले जाता है, डाकू डाका डाल ले जाता है, दुर्घटना घट जाती है, किसान की फसल खराब हो जाती है, व्यापारी का व्यापार ठप्प हो जाता है, राजा का राज छीन लिया जाता है, स्वस्थ शरीर में बीमारी लग जाती है अर्थात् यहां पर कोई भी वस्तु सुरक्षित नहीं। राजाओं के राज, ईज्जतदार की ईज्जत, धनवान का धन, ताकतवर की ताकत और यहां तक की हम सभी के शरीर भी अचानक छीन लिए जाते हैं। माता-पिता के सामने जवान बेटा-बेटी मर जाते हैं, दूध पीते बच्चों को रोते-बिलखते छोड़ कर मात-पिता मर जाते हैं, जवान बहनें विधवा हो जाती हैं और पहाड़ से दुःखों को भोगने को मजबूर होते हैं। विचार करें कि क्या यह स्थान रहने के लायक है ? लेकिन हम मजबूरी वश यहां रह रहे हैं क्योंकि इस काल के पिंजरे से बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता और हमें दूसरों को दुःखी करने की व दुःख सहने की आदत सी बन गई। यदि आप जी को इस लोक में होने वाले दुःखों से बचाव करना है तो यहां के प्रभु काल से परम शक्ति युक्त परमेश्वर (परम अक्षर ब्रह्म) की शरण लेनी पड़ेगी। जिस परमेश्वर का खौफ काल प्रभु को भी है। जिस के डर से यह उपरोक्त कष्ट उस जीव को नहीं दे सकता जो पूर्ण परमात्मा अर्थात् परम अक्षर ब्रह्म 1⁄4सत्य पुरूष1⁄2 की शरण पूर्ण सन्त के बताए मार्ग से ग्रहण करता है। वह जब तक संसार में भक्ति करता रहेगा, उसको उपरोक्त कष्ट आजीवन नहीं होते। जो व्यक्ति इस पु��्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ को पढ़ेगा उसको ज्ञान हो जाएगा कि हम अपने निज घर को भूल गए हैं। वह परम शांति व सुख यहां न होकर निज घर सतलोक में है जहां पर न जन्म है, न मृत्यु है, न बुढ़ापा, न दुःख, न कोई लड़ाई-झगड़ा है, न कोई बिमारी है, न पैसे का कोई लेन-देन है, न मनोरंजन के साधन खरीदना है। वहां पर सब परमात्मा द्वारा निःशुल्क व अखण्ड है। बन्दी छोड़ गरीबदास जी महाराज की वाणी में प्रमाण है कि:--
बिन ही मुख सारंग राग सुन, बिन ही तंती तार। बिना सुर अलगोजे बजैं, नगर नांच घुमार।।
घण्टा बाजै ताल नग, मंजीरे डफ झांझ। मूरली मधुर सुहावनी, निसबासर और सांझ।।
बीन बिहंगम बाजहिं, तरक तम्बूरे तीर। राग खण्ड नहीं होत है, बंध्या रहत समीर।।
तरक नहीं तोरा नहीं, नांही कशीस कबाब। अमृत प्याले मध पीवैं, ज्यों भाटी चवैं शराब।।
मतवाले मस्तानपुर, गली-2 गुलजार। संख शराबी फिरत हैं, चलो तास बजार।।
संख-संख पत्नी नाचैं, गावैं शब्द सुभान। चंद्र बदन सूरजमुखी, नांही मान गुमान।।
संख हिंडोले नूर नग, झूलैं संत हजूर। तख्त धनी के पास कर, ऐसा मुलक जहूर।।
नदी नाव नाले बगैं, छूटैं फुहारे सुन्न। भरे होद सरवर सदा, नहीं पाप नहीं पुण्य।।
ना कोई भिक्षुक दान दे, ना कोई हार व्यवहार। ना कोई जन्मे मरे, ऐसा देश हमार।।
जहां संखों लहर मेहर की उपजैं, कहर जहां नहीं कोई। दासगरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
सतलोक में केवल एक रस परम शांति व सुख है। जब तक हम सतलोक में नहीं जाएंगे तब तक हम परमशांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नहीं कर सकते। सतलोक में जाना तभी संभव है जब हम पूर्ण संत से उपदेश लेकर पूर्ण परमात्मा की आजीवन भक्ति करते रहें। इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ के माध्यम से जो हम संदेश देना चाहते हैं उसमें किसी देवी-देवता व धर्म की बुराई न करके सर्व पवित्रा धर्म ग्रंथों में छुपे गूढ रहस्य को उजागर करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताना चाहा है जो कि वर्तमान के सर्व संत, महंत व आचार्य गुरु साहेबान शास्त्रों में छिपे गूढ रहस्य को समझ नहीं पाए। परम पूज्य कबीर साहेब अपनी वाणी में कहते हैं कि - ‘वेद कतेब झूठे ना भाई, झूठे हैं सो समझे नांही।
जिस कारण भक्त समाज को अपार हानि हो रही है। सब अपने अनुमान से व झूठे गुरुओं द्वारा बताई गई शास्त्रा विरूद्ध साधना करते हैं। जिससे न मानसिक शांति मिलती है और न ही शारीरिक सुख, न ही घर व कारोबार में लाभ होता है और न ही परमेश्वर का साक्षात्कार होता है और न ही मोक्ष प्राप्ति होती है। यह सब सुख कैसे मिले तथा यह जानने के लिए कि मैं कौन हूं, कहां से आया हूं, क्यों जन्म लेता हूं, क्यों मरता हूं और क्यों दुःख भोगता हूं ? आखिर यह सब कौन करवा रहा है और परमेश्वर कौन है, ��ैसा है, कहां है तथा कैसे मिलेगा और ब्रह्मा, विष्णु और शिव के माता-पिता कौन हैं और किस प्रकार से काल ब्रह्म की जेल से छुटकारा पाकर अपने निज घर (सतलोक) में वापिस जा सकते हैं। यह सब इस पुस्तक के माध्यम से दर्शाया गया है ताकि इसे पढ़कर आम भक्तात्मा का कल्याण संभव हो सके। यह पुस्तक सतगुरु रामपाल जी महाराज के प्रवचनों का संग्रह है जो कि सद्ग्रन्थों में लिखे तथ्यों पर आधारित है। हमें पूर्ण विश्वास है कि जो पाठकजन रूची व निष्पक्ष भाव से पढ़ कर अनुसरण करेगा। उसका कल्याण संभव है:-
”आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और। कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।“
जीव उद्धार परम पुण्य, ऐसा कर्म नहीं और। मरूस्थल के मृग ज्यों, सब मर गये दौर-दौर।।
भावार्थ:-- यदि एक आत्मा को सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है और उसके बराबर कोई भी धर्म नहीं है। जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है। अपने पेट भरने के लिए तो पशु-पक्षी भी सारा दिन भ्रमते हैं। उसी तरह वह व्यक्ति है, जो परमार्थी कार्य नहीं करता, परमार्थी कर्म सर्वश्रेष्ठ सेवा जीव कल्याण के लिए किया कर्म है। जीव कल्याण का कार्य न करके सर्व मानव मरूस्थल के हिरण की तरह दौड़-2 कर मर जाते हैं। जिसे कुछ दूरी पर जल ही जल दिखाई देता है और वहां दौड़ कर जाने पर थल ही प्राप्त होता है। फिर कुछ दूरी पर थल का जल दिखाई देता है अन्त में उस हिरण की प्यास से ही मृत्यु हो जाती है। ठीक इसी प्रकार जो प्राणी इस काल लोक में जहां हम रह रहे है। वे उस हिरण के समान सुख की आशा करते हैं जैसे निःसन्तान सोचता है सन्तान होने पर सुखी हो जाऊँगा। सन्तान वालों से पूछें तो उनकी अनेकों समस्याऐं सुनने को मिलेंगी। निर्धन व्यक्ति सोचता है कि धन हो जाए तो में सुखी हो जाऊं। जब धनवानों की कुशल जानने के लिए प्रश्न करोगे तो ढेर सारी परेशानियाँ सुनने को मिलेंगी। कोई राज्य प्राप्ति से सुख मानता है, यह उसकी महाभूल है। राजा (मन्त्राी, मुख्यमन्त्राी, प्रधानमन्त्राी, राष्टंपति) को स्वपन में भी सुख नहीं होता। जैसे चार-पांच सदस्यों के परिवार का मुखिया अपने परिवार के प्रबन्ध में कितना परेशान रहता है। राजा तो एक क्षेत्र का मुखिया होता है। उसके प्रबन्ध में सुख स्वपन में भी नहीं होता। राजा लोग शराब पीकर कुछ गम भुलाते हैं। माया इकट्ठा करने के लिए जनता से कर लेते हैं फिर अगले जन्मों में जो राजा सत्यभक्ति नहीं करते, पशु ��ोनियों को प्राप्त होकर प्रत्येक व्यक्ति से वसूले कर को उनक�� पशु बनकर लौटाते हैं। जो व्यक्ति मनमुखी होकर तथा झूठे गुरुओं से दिक्षित होकर भक्ति तथा धर्म करते हैं। वे सोचते हैं कि भविष्य में सुख होगा लेकिन इसके विपरित दुःख ही प्राप्त होता है। कबीर साहेब कहते हैं कि मेरा यह ज्ञान ऐसा है कि यदि ज्ञानी पुरुष होगा तो इसे सुनकर हृदय में बसा लेगा और यदि मूर्ख होगा तो उसकी समझ से बाहर है।
“कबीर, ज्ञानी हो तो हृदय लगाई, मूर्ख हो तो गम ना पाई“
अधिक जानकारी के लिए कृप्या प्रवेश करें इस पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ में। इस पुस्तक को पढ़कर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता श्री सुरेश चन्द्र ने कहा ‘‘इस पुस्तक का नाम तो ‘‘ज्ञान सागर’’ होना चाहिए।।
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अवैध रूप से वन्यजीव तोता बिक्री हेतु परिवहन करने तस्कर के विरूध्द कार्यवाही
सतना। अवैध रूप से वन्यजीव तोता बिक्री हेतु परिवहन करने तस्कर के विरूध्द कार्यवाही, दो नग मोटर साइकिल कीमती 2,50,000/- रूपये एवं 100 नग जीवित तोता सहित एक तोता तस्कर धराया। थाना रामपुर बाघेलान पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के निर्देशानुसार व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण विक्रम सिंह एवं उप पुलिस अधीक्षक (मुख्या.) विजय प्रताप सिंह के निर्देशन में थाना प्रभारी रामपुर बाघेलान उमेश प्रताप सिंह के…
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चंद्रपूर जिल्ह्यात गोवंश जनावरांची तस्करी, सिंदेवाही पोलिसांची कारवाई
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