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बिहार के नए राज्यपाल बने आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल पद का भी संभाल चुके हैं कार्यभार
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न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायधीश, राजभवन में ली शपथ
न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायधीश, राजभवन में ली शपथ #News #RightNewsIndia
Shimla News: न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने रविवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने उन्हें पद की शपथ दिलाई और समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद थे। शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति संधावालिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उन्हें अपने घर जैसा लगता है। उन्होंने कहा, ”हिमाचल प्रदेश…
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आरिफ़ मोहम्मद ख़ान बने बिहार के नए राज्यपाल, चुनाव पर क्या असर होगा #new...
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CIN/ आरिफ मोहम्मद खान बिहार के नए राज्यपाल बने
CIN/ आरिफ मोहम्मद खान बिहार के नए राज्यपाल बने. 42वें राज्यपाल होंगे आरिफ मोहम्मद बिहार के. बुलंदशहर के निवासी आरिफ मोहम्मद खान. आरिफ मोहम्मद खान का जन्म 18 नवंबर 1951 को हुआ. केंद्र सरकार ने बिहार समेत पांच राज्यों मे�� नए राज्यपाल की नियुक्ति की है. बिहार के राज्यपाल रहे राजेंद्र विश्वनाथ को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया
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Cabinet Expansion in Jharkhand: CM Hemant Soren Names New Ministers
Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा 23 नवंबर को कर दी गई है जिसके चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रचंड जीत हा��िल की है. लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के बाद से हेमंत सोरेन अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं.
Introduction
Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सत्ता में वापसी कर इतिहास रचने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. यह उनकी शारीरिक भाषा से भी स्पष्ट हो रहा है. लगातार चुनाव जीतकर चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले हेमंत सोरेन इस बार अधिक आक्रामक हैं और रणनीति बनाकर सरकार चलाने की कोशिश में हैं. इस कड़ी में बिहार से सटे झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट का विस्तार भी हो गया. इसमें गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को भी भागीदारी दी गई है. यह मंत्रिमंडल विस्तार में भी देखने को मिला. झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. यह विस्तार हेमंत सोरेन के सीएम पद के शपथ लेने के 6 दिन बाद हुआ. रांची स्थित राजभवन के अशोक उद्यान में 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 7, कांग्रेस के 4 और राष्ट्रीय जनता दल का 1 विधायक शामिल है. इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं आखिर किस-किस विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली है?
Table Of Content
छत्तरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर
चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
घाटशिला सीट से विधायक रामदास सोरेन
जामताड़ा सीट से विधायक इरफान अंसारी
मधुपुर सीट से विधायक हफीजूल हसन
महागामा सीट से विधायक दीपिका पांडेय सिंह
गोमिया सीट से विधायक योगेन्द्र प्रसाद
गिरिडीह सीट से विधायक सुदिव्य कुमार
मांडर सीट से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की
छत्तरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर
हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में छतरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर को भी शामिल किया गया है. उन्हें सहयोगी कांग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री बनाया गया है. कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर को 2024 के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पुष्पा देवी देवी से कड़ी टक्कर मिली थी. राधाकृष्ण किशोर ने मात्र 736 वोटों से जीत हासिल की. वहीं, राधाकृष्ण किशोर को कुल 71,857 वोट मिले तो भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी पुष्पा देवी को 71,121 वोट मिले. इस तरह राधाकृष्ण किशोर ने बाजी मार ली और अब हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन गए हैं. राधाकृष्ण किशोर की बात करें तो उन्होंने कई पार्टियों के साथ काम किया है, लेकिन जो पहचान उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा से मिली वह किसी और पार्टी से ��हीं मिली. वर्ष 2014 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन साल 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वो ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के टिकट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए. फिर आजसू छोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए, लेकिन एक बार फिर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव लड़ा.
चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के दीपक बिरुवा पहली बार मंत्री बने हैं. दीपक बिरुवा को चाईबासा विधानसभा सीट से मंत्री बनाया गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं जब वह विधानसभा जा रहे हों. इसके पहले दीपक बिरुवा 4 बार विधायक रहते हुए विधानसभा पहुंचे हैं. दीपक बिरुवा ने प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी गीता बालमुचू को 64 हजार 835 मतों के बड़े अंतर से हराया. दीपक बिरुवा को इस चुनाव में कुल 1 लाख 7 हजार 367 मत प्राप्त हुए, जबकि गीता बालमुचू को मात्र 42 हजार 532 मत मिले.
बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा ने दीपक बिरुवा के बाद मंत्री के रूप में शपथ ली. चमरा लिंडा ने झामुमो के टिकट पर बिशुनपुर विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की. हालांकि वो पहली बार मंत्री बने हैं. इससे पहले साल 2024 में ही लोकसभा चुनाव में गठबंधन के खिलाफ जाकर उन्होंने लोहरदगा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, पर इस चुनाव में चमरा लिंडा कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर चमरा लिंडा को झामुमो से निलंबित कर दिया गया था. चमरा लिंडा को इस चुनाव में कुल 10,0336 वोट मिले हैं.
गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
झारखंड मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे चौंकाने वाला नाम राष्ट्रीय जनता दल से संजय प्रसाद यादव का है. हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में राजद की ओर से देवघर विधायक सुरेश पासवान के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. उनकी जगह गोड्डा के विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री पद दिया गया. संजय यादव तीसरी बार राजद से विधायक बने हैं. इससे पहले वे 2000 और 2009 में गोड्डा से विधायक रह चुके हैं. इसके साथ ही वह लालू प्रसाद यादव के परिवार के काफी करीबी भी माने जाते हैं.
घाटशिला सीट से विधायक रामदास सोरेन
रामदास सोरेन को कोल्हान का मजबूत नेता माना जाता है, लेकिन वह इस बार घाटशिला से विधायक बने हैं. उन्होंने चंपई सोरेन के बेटे बाबू लाल सोरेन को शिकस्त दी. इस समय उनके पास जल संसाधन विभाग मंत्रालय, उच्च शिक्षा मंत्रालय और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय जैसे विभाग शामिल हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के रामदास सोरेन को 98356 वोट मिले, जबकि बाबू लाल सोरेन को 75910 वोट मिले.
यह भी पढ़ें: I.N.D.I.A. ब्लॉक के नेतृत्व पर आखिर क्यों है ममता बनर्जी को शक? जानें क्यों मांगा लीड करने का मौका
जामताड़ा सीट से विधायक इरफान अंसारी
इरफान अंसारी को हेमंत सोरेन ने एक बार फिर अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है. इरफान अंसारी जामताड़ा सीट से विधायक बने हैं. अगस्त 2019 से अगस्त 2021 तक झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. इस सीट पर BJP ने सीता सोरेन को खड़ा किया था, लेकिन वह हार गई. इरफान अंसारी को इस सीट पर कुल 133266 वोट मिले, जबकि सीता सोरेन को 89590 वोट मिले.
मधुपुर सीट से विधायक हफीजूल हसन
हेमंत सोरेन की कैबिनेट में अल्पसंख्यक समुदाय से 2 मंत्री बनाए गए हैं, इनमें पहला नाम डॉ. इरफान अंसारी है तो दूसरे हफीजुल हुसैन हैं. हफीजुल हुसैन इसके पहले भी हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. साल 2021 के उपचुनाव में पहली बार हफीजुल मधुपुर से विधायक बने थे. उस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त दी. मधुपुर विधानसभा की जनता ने हाफिजुल हसन को कुल 143953 वोट दिए, जबकि BJP के गंगा नारायण को 123926 ही वोट मिले. दोनों के बीच जीत-हार का अंतर 20027 वोटों का रहा है.
महागामा सीट से विधायक दीपिका पांडेय सिंह
महागामा विधानसभा से विधायक दीपिका पांडेय सिंह एक बार फिर से मंत्री बन गई हैं. दीपिका पांडेय सिंह इससे पहले भी हेमंत सोरेन 2.0 सरकार में बतौर मंत्री कृषि, पशुपालन सहकारिता विभाग और आपदा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. इस चुनाव में एक बार फिर से जीत दर्ज कर दीपिका विधानसभा पहुंची हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अशोक भगत को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा किया है. इस चुनाव में दीपिका ने भाजपा प्रत्याशी अशोक भगत को 18,645 वोटों से मात दी. दीपिका को कुल 1,14,069 वोट मिले, जबकि अशोक भगत को मात्र 95,424 वोट मिले.
यह भी पढ़ें: Jharkhand Cabinet : झारखंड मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा, किसे-क्या मिला; देखें पूरी लिस्ट
गोमिया सीट से विधायक योगेन्द्र प्रसाद
गोमिया विधायक योगेन्द्र प्रसाद ने भी हेमंत सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. करीब 21 साल बाद गोमिया के किसी विधायक को एक बार फिर मंत्री बनने का मौका मिला है. योगेन्द्र प्रसाद ने लगभग 95 दजार वोटों से जीत हासिल की है. इससे पहले 2014 में लगभग 97 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी और उस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी माधवलाल सिंह को शिकस्त दी थी.
गिरिडीह सीट से विधायक सुदिव्य कुमार
दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार को आखिरकार मंत्री पद मिल ही गया. उन्हें करीब 94 हजार वोट मिले हैं. सुदिव्य कुमार को करीब 94 हजार वोट हासिल हुए. वहीं, भाजपा के निर्भय शाहाबादी को 90 हजार के करीब मत मिले. इस तरह करीब 3 हजार 838 वोटों के अंतर से सुदिव्य कुमार जीत गए.
मांडर सीट से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की
मांडर विधानसभा क्षेत्र से सबसे युवा चेहरा शिल्पी नेहा तिर्की दूसरी बार मंत्री बनी हैं. उन्हें कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया था. शिल्पी ने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सन्नी टोप्पो को 22,803 से वोटों से हराया. शिल्पी नेहा तिर्की को कुल 1 लाख 35 हजार 936 वोट मिले थे जबकि भाजपा की सन्नी टोप्पो को मात्र 1 लाख 13 हजार 133 वोट ही मिले. लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचने के बाद मंत्री पद की उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी.
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jharkhand hemant cabinet expanded- हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, 11 मंत्रियों को राज्यपाल ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी, छ�� नए चेहरे,सबसे उम्र दराज में राधाकृष्ण किशोर व सबसे कम उम्र की मंत्री बनी शिल्पी तिर्की
रांची: हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का गुरुवार को गठन हो गया. 11 मंत्रियों को राज्यपाल संतोष गंगवार ने राजभवन के अशोक उद्यान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इससे पहले राज्यपाल ने प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर के पद की शपथ दिलाई. वहीं मंत्री के रूप में कांग्रेस के छतरपुर के विधायक राधाकृष्ण किशोर ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद चाईबासा विधायक दीपक…
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हरियाणा में बेरोजगार युवाओं के लिए गुड न्यूज़, सरकार ने बनाया ये प्लान, मिलेगा रोजगार
जनहित हरियाणा, चंडीगढ़ : Haryana News : हरियाणा सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु अगले पांच वर्षों में राज्य में 10 नए औद्योगिक शहरों के निर्माण की योजना बनाई है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस परियोजना की घोषणा की, जिसमें सोनीपत जिले के खरखौदा मॉडल पर इन शहरों को विकसित करने की बात कही गई है। युवाओं के लिए बनेंगे रोजगार के अवसर सरकार की इस…
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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को नैक ने दिया ए प्लस ग्रेड, यूनिवर्सिटी कैंपस में मनाया जश्न
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने पांच साल के लिए ए प्लस ग्रेड प्रदान किया है। नैक की ओर से शनिवार को ईमेल के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को यह सूचना दी गई। विश्वविद्यालय ने सात प्रमुख मापदंडों के आधार पर 4 में से 3.33 संचयी ग्रेड बिंदु औसत (सीजीपीए) हासिल किया है, जिससे यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अधिक अनुदान के योग्य हो गया है। इससे पहले 2017 में विश्वविद्यालय को बी डबल प्लस ग्रेड दिया गया था। शनिवार को दोपहर करीब एक बजे यह खबर मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई। कुलपति प्रो. आशु रानी ने खंदारी परिसर में ढोल-नगाड़े बजवाकर इस सफलता का जश्न मनाया। शिक्षकों और कर्मचारियों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कर खुशी का इजहार किया। प्रो. आशु रानी ने बताया कि नैक की सात सदस्यीय टीम ने 24 से 26 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था। टीम ने न केवल शोध कार्यों का आकलन किया बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता, विवि के रखरखाव और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी जांचा। इन सात मानकों पर हुआ मूल्यांकन नैक ने जिन सात बिंदुओं के आधार पर मूल्यांकन किया उनमें शामिल हैं: - पाठ्यक्रम पहलू - शिक्षण अध्ययन और मूल्यांकन - अनुसंधान परामर्श - ���ंसाधन - छात्र समर्थ और प्रगति - शासन और नेतृत्व - नवीनता और श्रेष्ठ प्रणाली ए प्लस ग्रेड मिलने का लाभ छात्र कल्याण अधिकारी प्रो. मोहम्मद अरशद ने बताया कि ए प्लस ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय का एकेडमिक स्तर बेहतर हुआ है। इसके चलते विश्वविद्यालय अब केंद्रीय और राज्य सरकार से अधिक अनुदान प्राप्त कर सकेगा। इससे शिक्षकों के पास नए प्रोजेक्ट्स आएंगे और विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान के समझौतों में भी सहूलियत मिलेगी, जिससे शोध कार्यों का स्तर उन्नत होगा। टीम में शामिल थे ये सदस्य नैक टीम का नेतृत्व इस्लामिक इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व कुलपति प्रो. मुश्ताक अहमद सिद्दीकी ने किया। अन्य सदस्य थे जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. रवींद्र कुमार, महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा के प्रो. ईश्वरचंद्र पंडित, वीर सुरेंद्र साई यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के डॉ. देवदत्त मिश्र, श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी ऑफ संस्कृत के प्रो. वीजी गोपालकृष्णन, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्रो. नरेश गायकवाड और डॉ. एमजीआर शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान के प्रो. वेल्लनकन्नी सिरिल राज। 20 साल में बी से ए प्लस तक का सफर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का पहला नैक मूल्यांकन 2004 में हुआ था, जिसमें इसे बी प्लस ग्रेड मिला था। 2017 में इसे बी डबल प्लस ग्रेड मिला और अब 2024 में ए प्लस ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय शीर्ष संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है। प्रो. आशु रानी ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के सहयोग को दिया और कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य अब ए डबल प्लस ग्रेड प्राप्त करना है। टॉप-10 विश्वविद्यालयों में शामिल आईक्यूएसी निदेशक प्रो. संजीव कुमार के अनुसार, यूपी के 28 राज्य विश्वविद्यालयों में से अब केवल 5 के पास ए डबल प्लस और 5 के पास ए प्लस ग्रेड है। इस ग्रेड के साथ ही डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रदेश के टॉप-10 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बना चुका है। विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की स्थापना 1 जुलाई 1927 को हुई थी और इसका मूल अधिकार क्षेत्र आगरा, मध्य भारत और राजपूताना में था। अब यह विश्वविद्यालय आगरा मंडल के चार जिलों तक सीमित है और 649 कॉलेज इसके अंतर्गत आते हैं। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, रामनाथ कोविंद और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व भी इसके छात्र रह चुके हैं। राज्यपाल का ए डबल प्लस का लक्ष्य राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय को ए डबल प्लस ग्रेड प्राप्त करने का लक्ष्य दिया था और हाल ही में हुए दीक्षांत समारोह में इसकी ओर ध्यान देने का निर्देश भी दिया था। सिविल सोसाइटी ने उठाये सवाल विश्वविद्यालय के ए प्लस ग्रेड मिलने पर सिविल सोसाइटी के सचिव अनिल शर्मा ने छात्रों से जुड़े कई अहम सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या ए प्लस ग्रेड मिलने से सत्र समय पर चलेंगे? मार्कशीट और डिग्री छात्रों को समय पर मिलेंगी? क्या शिक्षा का स्तर उस ऊंचाई तक पहुंचेगा, जिसके लिए यह विश्वविद्यालय प्रसिद्ध था? बिना स्थायी शिक्षकों के क्या शिक्षा का स्तर सुधर पाएगा?" अनिल शर्मा ने कहा कि आज प्रकाशित एक बयान में स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय को अधिक अनुदान प्राप्त होगा, लेकिन यह किसके लिए होगा? उन्होंने कहा, "कम छात्र संख्या वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने की योजना है। ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का विरोध ऑटा (ऑल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) कर रही है। छात्रों के हितों के लिए हमारे कई प्रश्न और चिंताएं हैं।" शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया कि वह न केवल वित्तीय सहायता प्राप्त करने पर ध्यान दें, बल्कि शिक्षकों की नियुक्ति, शैक्षणिक सत्र को समय पर रखने, और छात्रों के प्रमाणपत्र एवं डिग्रियों को सही समय पर वितरित करने जैसे बुनियादी मुद्दों को भी प्राथमिकता दें। Read the full article
#academicstandards#AnilSharma#civilsociety#Dr.BhimraoAmbedkarUniversity#NAACA+grade#permanentfaculty#studentwelfare#universityfunding#universityreforms
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अलविदा झारखण्ड ! सीपी राधाकृष्णन होंगे महाराष्ट्र के नए राज्यपाल
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बिहार के नए राज्यपाल बने आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल पद का भी संभाल चुके हैं कार्यभार
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हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायधीश आज लेंगे शपथ, जानें कौन है न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया
Shimla News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया रविवार 29 दिसंबर को सुबह 11:30 बजे शिमला स्थित राजभवन में शपथ लेंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल इस सादे समारोह में उन्हें शपथ दिलाएंगे। न्यायमूर्ति संधावालिया वर्तमान में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और वे न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान का स्थान लेंगे, जाे अभी कार्यवाहक मुख्य…
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Ramen Deka Governor: 31 जुलाई को शपथ लेंगे नए राज्यपाल रामेन डेका.. कल निवर्तमान गवर्नर विश्वभूषण हरिचंदन की विदाई Ramen Deka Governor: छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद आज 29 जुलाई को निवृतमान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को विदाई दी जाएगी, वही नए नियुक्त राज्यपाल रमेन डेका 31 जुलाई को शपथ लेंगे। बता दें कि देश की कई राज्यों के राज्यपाल बदल दिए गए है, रमेन डेका को छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल नियुक्त
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पटना / राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश पर डॉ.श्यामल किशोर को पटना विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक बनाया गया
Kaushlendra Pandey -पटना मुख्य ब्यूरो / राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश पर डॉ.श्यामल किशोर को पटना विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक बनाया गया. राज भवन ने शुक्रवार को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया. राज्य के 9 विश्वविद्यालय में नए परीक्षा नियंत्रक बनाए गए. डॉ शंकर कुमार मिश्रा को बीएन मंडल, मधेपुरा/ डॉ कृष्ण कुमार को तिलका मांझी भागलपुर, डॉ सुबह लाल पासवान को मुजफ्फरपुर. डॉ मुकेश कुमार झा…
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Cabinet Expansion in Jharkhand: Who Are the Latest Ministers in Hemant Soren’s Cabinet?
Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा 23 नवंबर को कर दी गई है जिसके चलते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रचंड जीत हासिल की है. लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के बाद से हेमंत सोरेन अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं.
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Jharkhand Cabinet Expansion : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सत्ता में वापसी कर इतिहास रचने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. यह उनकी शारीरिक भाषा से भी स्पष्ट हो रहा है. लगातार चुनाव जीतकर चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले हेमंत सोरेन इस बार अधिक आक्रामक हैं और रणनीति बनाकर सरकार चलाने की कोशिश में हैं. इस कड़ी में बिहार से सटे झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट का विस्तार भी हो गया. इसमें गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को भी भागीदारी दी गई है. यह मंत्रिमंडल विस्तार में भी देखने को मिला. झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. यह विस्तार हेमंत सोरेन के सीएम पद के शपथ लेने के 6 दिन बाद हुआ. रांची स्थित राजभवन के अशोक उद्यान में 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 7, कांग्रेस के 4 और राष्ट्रीय जनता दल का 1 विधायक शामिल है. इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं आखिर किस-किस विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली है?
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छत्तरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर
चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
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हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में छतरपुर विधानसभा सीट से विधायक राधा कृष्ण किशोर को भी शामिल किया गया है. उन्हें सहयोगी कांग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री बनाया गया है. कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर को 2024 के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पुष्पा देवी देवी से कड़ी टक्कर मिली थी. राधाकृष्ण किशोर ने मात्र 736 वोटों से जीत हासिल की. वहीं, राधाकृष्ण किशोर को कुल 71,857 वोट मिले तो भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी पुष्पा देवी को 71,121 वोट मिले. इस तरह राधाकृष्ण किशोर ने बाजी मार ली और अब हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन गए हैं. राधाकृष्ण किशोर की बात करें तो उन्होंने कई पार्टियों के साथ काम किया है, लेकिन जो पहचान उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा से मिली वह किसी और पार्टी से नहीं मिली. वर्ष 2014 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन साल 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वो ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के टिकट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए. फिर आजसू छोड़ कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए, लेकिन एक बार फिर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव लड़ा.
चाईबासा विधानसभा सीट से विधायक दीपक बिरुवा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के दीपक बिरुवा पहली बार मंत्री बने हैं. दीपक बिरुवा को चाईबासा विधानसभा सीट से मंत्री बनाया गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं जब वह विधानसभा जा रहे हों. इसके पहले दीपक बिरुवा 4 बार विधायक रहते हुए विधानसभा पहुंचे हैं. दीपक बिरुवा ने प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी गीता बालमुचू को 64 हजार 835 मतों के बड़े अंतर से हराया. दीपक बिरुवा को इस चुनाव में कुल 1 लाख 7 हजार 367 मत प्राप्त हुए, जबकि गीता बालमुचू को मात्र 42 हजार 532 मत मिले.
बिशुनपुर विधानसभा सीट से विधायक चमरा लिंडा
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा ने दीपक बिरुवा के बाद मंत्री के रूप में शपथ ली. चमरा लिंडा ने झामुमो के टिकट पर बिशुनपुर विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की. हालांकि वो पहली बार मंत्री बने हैं. इससे पहले साल 2024 में ही लोकसभा चुनाव में गठबंधन के खिलाफ जाकर उन्होंने लोहरदगा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, पर इस चुनाव में चमरा लिंडा कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर चमरा लिंडा को झामुमो से निलंबित कर दिया गया था. चमरा लिंडा को इस चुनाव में कुल 10,0336 वोट मिले हैं.
गोड्डा विधानसभा सीट से विधायक संजय प्रसाद यादव
झारखंड मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे चौंकाने वाला नाम राष्ट्रीय जनता दल से संजय प्रसाद यादव का है. हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में राजद की ओर से देवघर विधायक सुरेश पासवान के नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. उनकी जगह गोड्डा के विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री पद दिया गया. संजय यादव तीसरी बार राजद से विधायक बने हैं. इससे पहले वे 2000 और 2009 में गोड्डा से विधायक रह चुके हैं. इसके साथ ही वह लालू प्रसाद यादव के परिवार के काफी करीबी भी माने जाते हैं.
घाटशिला सीट से विधायक रामदास सोरेन
रामदास सोरेन को कोल्हान का मजबूत नेता माना जाता है, लेकिन वह इस बार घाटशिला से विधायक बने हैं. उन्होंने चंपई सोरेन के बेटे बाबू लाल सोरेन को शिकस्त दी. इस समय उनके पास जल संसाधन विभाग मंत्रालय, उच्च शिक्षा मंत्रालय और तकनीकी शिक्षा मंत्रालय जैसे विभाग शामिल हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के रामदास सोरेन को 98356 वोट मिले, जबकि बाबू लाल सोरेन को 75910 वोट मिले.
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जामताड़ा सीट से विधायक इरफान अंसारी
इरफान अंसारी को हेमंत सोरेन ने एक बार फिर अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है. इरफान अंसारी जामताड़ा सीट से विधायक बने हैं. अगस्त 2019 से अगस्त 2021 तक झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. इस सीट पर BJP ने सीता सोरेन को खड़ा किया था, लेकिन वह हार गई. इरफान अंसारी को इस सीट पर कुल 133266 वोट मिले, जबकि सीता सोरेन को 89590 वोट मिले.
मधुपुर सीट से विधायक हफीजूल हसन
हेमंत सोरेन की कैबिनेट में अल्पसंख्यक समुदाय से 2 मंत्री बनाए गए हैं, इनमें पहला नाम डॉ. इरफान अंसारी है तो दूसरे हफीजुल हुसैन हैं. हफीजुल हुसैन इसके पहले भी हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. साल 2021 के उपचुनाव में पहली बार हफीजुल मधुपुर से विधायक बने थे. उस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त दी. मधुपुर विधानसभा की जनता ने हाफिजुल हसन को कुल 143953 वोट दिए, जबकि BJP के गंगा नारायण को 123926 ही वोट मिले. दोनों के बीच जीत-हार का अंतर 20027 वोटों का रहा है.
महागामा सीट से विधायक दीपिका पांडेय सिंह
महागामा विधानसभा से विधायक दीपिका पांडेय सिंह एक बार फिर से मंत्री बन गई हैं. दीपिका पांडेय सिंह इससे पहले भी हेमंत सोरेन 2.0 सरकार में बतौर मंत्री कृषि, पशुपालन सहकारिता विभाग और आपदा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. इस चुनाव में एक बार फिर से जीत दर्ज कर दीपिका विधानसभा पहुंची हैं. दीपिका पांडेय सिंह ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अशोक भगत को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा किया है. इस चुनाव में दीपिका ने भाजपा प्रत्याशी अशोक भगत को 18,645 वोटों से मात दी. दीपिका को कुल 1,14,069 वोट मिले, जबकि अशोक भगत को मात्र 95,424 वोट मिले.
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गोमिया सीट से विधायक योगेन्द्र प्रसाद
गोमिया विधायक योगेन्द्र प्रसाद ने भी हेमंत सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. करीब 21 साल बाद गोमिया के किसी विधायक को एक बार फिर मंत्री बनने का मौका मिला है. योगेन्द्र प्रसाद ने लगभग 95 दजार वोटों से जीत हासिल की है. इससे पहले 2014 में लगभग 97 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी और उस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी माधवलाल सिंह को शिकस्त दी थी.
गिरिडीह सीट से विधायक सुदिव्य कुमार
दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार को आखिरकार मंत्री पद मिल ही गया. उन्हें करीब 94 हजार वोट मिले हैं. सुदिव्य कुमार को करीब 94 हजार वोट हासिल हुए. वहीं, भाजपा के निर्भय शाहाबादी को 90 हजार के करीब मत मिले. इस तरह करीब 3 हजार 838 वोटों के अंतर से सुदिव्य कुमार जीत गए.
मांडर सीट से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की
मांडर विधानसभा क्षेत्र से सबसे युवा चेहरा शिल्पी नेहा तिर्की दूसरी बार मंत्री बनी हैं. उन्हें कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया था. शिल्पी ने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सन्नी टोप्पो को 22,803 से वोटों से हराया. शिल्पी नेहा तिर्की को कुल 1 लाख 35 हजार 936 वोट मिले थे जबकि भाजपा की सन्नी टोप्पो को मात्र 1 लाख 13 हजार 133 वोट ही मिले. लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचने के बाद मंत्री पद की उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी.
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