नए ट्रैवलर्स उत्तर भारत की इन जगहों से करें अपने सफर की शुरुआत, दिल में बस जाएगी याद
नए ट्रैवलर्स उत्तर भारत की इन जगहों से करें अपने सफर की शुरुआत, दिल में बस जाएगी याद
North India Travelling Destinations: देश-विदेश के विभिन्न इलाकों की सैर करना किसे पसंद नहीं होता. कहते हैं कि घूमने से न सिर्फ शरीर स्वस्थ (Healthy) रहता है बल्कि दिल और दिमाग भी हेल्दी रहते हैं. शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह से एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट जरूरी होता है ठीक वैसे ही घूमने जाना भी बहुत ही जरूरी होता है. घूमने से माइंड फ्रेश होता है और मन भी खुश होता है.…
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'पुलिस बिल एक संस्कृति का सफाया कर रहा है': नए यात्री एक स्टैंड लेते हैं
‘पुलिस बिल एक संस्कृति का सफाया कर रहा है’: नए यात्री एक स्टैंड लेते हैं
“मुझे चिंता है कि हर कोई नहीं जानता कि क्या आ रहा है,” एमी कहती है, ट्रक में बैठी वह अपने और अपने दो बच्चों के लिए एक आरामदायक घर में बदल गई है। उन्होंने कहा, ‘अगर यह बिल पास हो जाता है तो इसका मतलब हमारी संस्कृति का अंत होगा। हमारे जीवन के तरीके का अंत। ”एमी, जो अपने पहले नाम से जाना जाना चाहती थी, अपने दो बेटों के साथ एक छोटे से ट्रैवलर्स साइट पर इंग्लैंड के पश्चिम में एक प्राचीन जंगल के…
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कोरोना वायरस से होटल कारोबार में दर्ज हुई 30 प्रतिशत की गिरावट - Delhi hotel industry facing 30 percent loss due to coronavirus
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कोरोना वायरस से होटल कारोबार में दर्ज हुई 30 प्रतिशत की गिरावट - Delhi hotel industry facing 30 percent loss due to coronavirus
विदेशी सैलानी लगातार हो रहे हैं कम
कारोबार में 30% की गिरावट दर्ज हुई
कोरोना वायरस की दहशत इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि इसका नुकसान अब व्यापार पर भी पड़ने लगा है. होटल इंडस्ट्री को कोरोना वायरस के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. होटलों में लगातार पुरानी बुकिंग कैंसिल हो रही है और नयी बुकिंग भी बहुत मुश्किल से मिल रही है. होटल कारोबारियों की मानें तो पिछले कुछ दिनों में उनके कारोबार में 30% की गिरावट दर्ज की गई है.
दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल की मानें तो कोरोना वायरस के डर के कारण विदेशी सैलानी लगातार कम हो रहे हैं. जिससे उनको काफी नुकसान हो रहा है. होटल मालिक आने वाले सैलानियों को रोकने के लिए ज्यादा मेहनत कर रहे हैं. जिससे कि वो वापस ना जाएं. होटल कारोबारी अपने होटलों में बेहतर व्यवस्था देने की कोशिश में लगे हुए हैं.
कोरोना वायरस के कारण होटल इंडस्ट्री के साथ, उससे जुड़े कारोबार टूर एंड ट्रैवलर्स कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है. ट्रैवल एजेंसी चला रहे लोगों की मानें तो उनके काम में भारी गिरावट आयी है. करोल बाग में ट्रैवलर्स का कारोबार करने वाले ईश्वर की मानें तो उनके कारोबार में 60 से 70 प्रतिशत लोगों के विदेशों से आने में कमी आयी है. साथ ही भारत से जो लोग बाहर के देशों में जाना चाह रहे थे वो भी अपनी टिकटें और बुकिंग कैंसिल कराने में लगे हैं.
और पढ़ें- कोरोना की वजह से 31 मार्च तक बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं लगाएंगे केंद्रीय कर्मचारी
टूर एंड ट्रैवल्स का काम करने वाले ईश्वर बताते हैं कि रोजाना होटलों से उनको कई सारी बुकिंग आती थीं लेकिन होटलों में सैलानियों की कमी होने के चलते उनके कारोबार पर भी सीधा असर पड़ रहा है.
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स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ की इन जगहों पर घूमना न करें मिस, फूडी ट्रैवलर्स यहां जरूर जाएं »
इस शहर के साथ हरियाणा का पंचकूला तथा पंजाब का मोहाली भी जुड़ गया है।
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स्मार्ट सिटी की चर्चा के बीच बात करें, तो आजादी के बाद देश का पहला नियोजित शहर है चंडीगढ़। यह शहर ऊर्जा क्षेत्र में भी देश को नई राह दिखा रहा है। यह देश का ऐसा पहला शहर होगा जिसके इस साल के आखिर तक अक्षय ऊर्जा पर निर्भर हो जाने की उम्मीद है। आज वंदना वालिया बाली के साथ चलते हैं चंडीगढ़ के सफर पर..आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सपना था कि देश में एक ऐसा आधुनिक शहर बसाया जाए जो नए गणतंत्र की रचनात्मक क्षमता को दर्शाए। इस सपने की नींव चंडीगढ़ के रूप में 1948 में रखी गई। इसके लिए मंजूर जमीन में 24 गांव आए जिनमें एक का नाम चंडीगढ़ था। शक्ति की प्रतीक मां चंडी के दुर्ग यानी गढ़ के रूप में चंडीगढ़ शहर बसा। आज हर घुमक्कड़ की सूची में इसका नाम अनिवार्य रूप से शुमार होता है।
इतना खास है चंडीगढ़
इस शहर के साथ हरियाणा का पंचकूला तथा पंजाब का मोहाली भी जुड़ गया है, इसलिए इसे 'ट्राइसिटी' भी कहा जाने लगा है। यह एकमात्र ऐसा केंद्रशासित प्रदेश है, दो प्रदेशों पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी भी है। ली कार्बूजिए की वास्तु संरचना इस शहर के निर्माण की जिम्मेदारी फ्रांस के मशहूर वास्तुकार ली कार्बूजिए को सौंपी गई। उन्होंने मानव शरीर की कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए इस शहर का ढांचा तैयार किया, जिससे कि एक स्वस्थ व संपूर्ण शहर का अक्स उभर कर आए। शहर के फेफड़ों की संज्ञा दी गई लेजर वैली को, जो कई पाकरें की श्रृंखला है। सड़कों के जाल को उन्होंने संचार व्यवस्था कहा और इंडस्टि्रयल एरिया को विसरा। करीब 44 वर्ग मील में फैले इस शहर की खूबसूरती सभी को आकर्षित करती है। शहर के हर सेक्टर की बसावट कमोबेश एक जैसी है, इसके बावजूद उनकी अपनी अलग विशेषता और पहचान है। बर्फी की तरह आयताकार वर्ग में सेक्टर बंटे हैं जहां ग्रीन बेल्ट है। ली कार्बूजिए के निधन के बाद उनके कजिन पियेरे जेनरे तथा मैक्सवेल फ्राए ने उनके काम को आगे बढ़ाया। वास्तुकारों का स्वर्गचंडीगढ़ की हेरिटेज बिल्डिंग्स में आर्किटेक्ट्स की काफी दिलचस्पी रहती है ऐसा कहते हैं चंडीगढ़ टूरिज्म के डायरेक्टर जितेंद्र यादव। इन बिल्डिंग्स में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, ओपन हैंड, पंजाब यूनिवर्सिटी का गांधी भवन, कैपिटल कॉम्पलेक्स, विधानसभा और सचिवालय शामिल हैं। यूनेस्को द्वारा इन्हें हेरिटेज का दर्जा दिया गया है। इनमें कैपिटल कॉम्प्लेक्स की बात करें तो इसे ली कार्बूजिए ने ही डिजाइन किया था। इसे शहर की शान भी कहा जाता है। 100 एकड़ में बनी यह इमारत पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट, विधानसभा और सचिवालय बिल्डिंग को एक साथ जोड़ती है। वर्ष 2016 में इन्हें यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया और फिर आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया। सभी इमारतें ज्यामेट्रिकल शेप में डिजाइन की गई हैं। इसी कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है 'ओपन हैंड मॉन्यूमेंट'। इसे ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ के प्रतीक चिह्न के रूप में 1948 में डिजाइन किया था, पर अपने रहते उसे बनवा न सके। उनकी याद में इसे 1985 में बनाया गया। एक अन्य धरोहर है गांधी भवन। इसे ली कार्बूजिए के कजिन पियरे जेनरे ने डिजाइन किया था। पंजाब यूनिवर्सिटी के परिसर में बनी यह बिल्डिंग अपने बेहतरीन आर्किटेक्ट के लिए जानी जाती है।
चंडीगढ़ के लगभग हर सेक्टर में एक खूबसूरत गार्डन है लेकिन सबसे लोकप्रिय है रोज गार्डन जो हर रंग के गुलाबों से गुलजार रहता है। देश के पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर स्थापित रोज गार्डन, सेक्टर 16 में स्थित है। यहां गुलाब की करीब 900 किस्में लोगों को लुभाती हैं। पौधों की संख्या करीब 50,000 है। यहां फरवरी महीने के मध्य में वार्षिक रोज फेस्टिवल का आयोजन होता है, जिसे देश-विदेश से पर्यटक देखने आते हैं। इस गार्डन का उद्घाटन 1967 में हुआ था। हस्तियों का बसेराफैशन और अभिनय हो या फिर खेलों का क्षेत्र, इस शहर ने इन सभी क्षेत्रों में एक से बढ़कर एक हस्तियां दुनिया को उपहार में दिया है। वान्या मिश्रा 2012 में फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड रह चुकी हैं। इसी तरह अभिनय के क्षेत्र में किरण खेर, गुल पनाग, गुरलीन चोपड़ा, यामी गौतम जैसे बड़े नाम हैं, जो इसी शहर से आते हैं। निशानेबाजी में देश को ओलंपिक्स में पहला गोल्ड दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा चंडीगढ़ के ही हैं। वहीं, क्रिकेट में युवराज सिंह, कपिल देव, दिनेश मोंगिया जैसे खिलाड़ी चंडीगढ़ ने दिए हैं। यहां का गोल्फ रेंज बेहद खास है जो दो भागों में बंटी है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी खेले गए। एथलीट मिल्खा सिंह, जीव मिल्खा सिंह, बलबीर सिंह सीनियर भी शहर की शान हैं।
ये खास जगहें देखना न भूलें
खुलेपन का प्रतीक'ओपन टू गिव, ओपन टू रिसीव', यह मर्म छिपा है ओपन हैंड के प्रतीक के पीछे। यह शहर के स्वभाव को दर्शाता है। जो सभी के लिए खुला है और सदैव देने का भाव रखता है। 26 मीटर ऊंचा और 50 टन भारी यह ओपन हैंड हवा में हर दिशा में घूमता है। सड़कों का नायाब जाल खूबसूरती के साथ आधुनिकता में भी अव्वल है यह शहर। क्वालिटी लाइफ की तलाश यहां आकर पूरी होती है। इस खूबसूरत शहर की एक और विशेषता यह है कि यातायात के लिए यहां सात प्रकार की सड़कें बनाई गई हैं जिन्हें कार्बूजिए ने 7 वीएस का नाम दिया था। ये सड़कें जहां शहर की खूबसूरत बढ़ाती हैं वहीं रिहायशी इलाकों को यातायात के शोर और प्रदूषण से भी दूर रखती हैं। इनमें वी-1 वे सड़कें हैं जो चंडीगढ़ को अंबाला, शिमला व खरड़ से जोड़ती हैं। वी-2 वे सड़कें हैं जिनमें चंडीगढ़ के मुख्य व्यावसायिक व प्रशासनिक संस्थान बने हुए हैं। वी-3 सड़कें सेक्टर्स में से गुजरते तेज वाहनों के लिए हैं। वी-4 सड़कें बाजारों और सेक्टर्स के बीच बनी हैं। वी-5 सेक्टर्स के बीच की सड़कें हैं और वी-6 घरों तक जाने वाली व वी-7 फुटपाथ या फिर साइकिल-रिक्शालेन है। सुहावनी सुखना झीलमानव निर्मित सुखना झील शहरवासियों की जान है। प्रकृति के मनोरम नजारों का आनंद लेने या वॉक अथवा जॉगिंग करने सुबह और शाम यहां लोग पहुंचते हैं। इसके अलावा नौका विहार, ऊंट की सवारी, अपना स्केच बनवाना, कैफेटेरिया में भोजन का आनंद, चंडीगढ़ के सिंबल के साथ फोटो खिंचवाना भी यहां आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। इस झील का निर्माण भी आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ के लिए जल प्रबंधन और उसका बाढ़ से बचाव करने के लिए करवाया था। इसके लिए 1958 में सुखना झील पर बांध बनाकर तीन वर्ग किलोमीटर में यह ��ील बनाई गई और बाद में उस झील की राह ही बदल दी गई। यह 8 से 16 फीट गहरी है, और तीन किलोमीटर तक फैली हुई है। इसके दक्षिणी छोर की ओर गोल्फ कोर्स तथा दूसरे छोर पर 'गार्डन ऑफ साइलेंस' या 'बुद्धा पीस पार्क' है।
लीड के आसपास कला का बेजोड़ नमूना 'रॉक गार्डन'नेक चंद द्वारा निर्मित रॉक गार्डन न केवल चंडीगढ़ में बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। करीब 40 एकड़ में फैले इस विशाल गार्डन में वेस्ट मैटीरियल यानी बेकार के सामानों से ही एक से बढ़कर एक नायाब कलाकृतियां बनाई गई हैं। 1958 में नेकचंद ने अपने खाली समय के सदुपयोग के लिए इसे गुप्त रूप से बनाना शुरू किया। तब 18 साल तक अधिकारियों को इसका पता भी नहीं था। 1975 में जब इसकी जानकारी मिली तो इस कार्य को गैरकानूनी करार दिया गया लेकिन अद्भुत रचनात्मकता देखते हुए और जनता की मांग पर नेक चंद को न केवल इसका कार्य आगे चलाने की अनुमति मिली बल्कि 'सबडिवीजन इंजीनियर, रॉक गार्डन' की उपाधि, वेतन व 50 मजदूर काम में सहायता के लिए भी दिए गए। आज इसके एक भाग में मनभावन झरनों का कोलाहल है तो शेष भाग में अलग-अलग खंडों में घरों से एकत्रित किए गए कबाड़ से बनी कलाकृतियां हैं। हालांकि अब नेकचंद तो नहीं हैं, लेकिन उनकी क्रिएटिविटी यहां हर तरफ देखी जा सकती है।इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम सेक्टर 23 में बने डॉल म्यूजियम में देश-विदेश की करीब 300 से ज्यादा डॉल्स दुनिया के विभिन्न देशों की संस्कृति की पहचान कराती हैं।
खाने-पीने के शौकीनों के लिए खास
कई पौराणिक कथाओं की झांकियां भी यहां देखी जा सकती हैं। पंजाबी खुशबू वाले लजीज खानेसिटी ब्यूटीफुल में यदि आप रोड साइड पंजाबी ढाबे ढूंढ़ेगे तो वे आपको नहीं मिलेंगे क्योंकि यहां उनका आधुनिकीकरण हो चुका है। लेकिन लगभग हर सेक्टर के रेस्टोरेंट्स में पंजाबी खानों की खुशबू जरूर मिल जाती है। बटर चिकन खाने वालों के लिए तो जैसे चंडीगढ़ स्वर्ग है। सेक्टर 28 डी का पाल का ढाबा नॉन-वेज पसंद करने वालों के लिए मशहूर डेस्टिनेशन है तो सेक्टर 22 बी के मार्केट में तहल सिंह चिकन कॉर्नर पर पहुंच जाएंगे और रुमाली रोटी के साथ बटर चिकन खाएंगे तो मजा ही अनोखा होगा। ऐसा नहीं है कि चंडीगढ़ में नॉनवेज रेस्तरांओं में वेज खाना मजेदार नहीं मिलेगा। विशुद्ध पंजाबी स्वाद का चना मसाला, शाही पनीर, दाल मक्खनी ऐसी मिलेगी कि स्वाद नहीं भूल पाएंगे।
Posted By: Pratima Jaiswal
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इन 5 ट्रैवल स्टॉक्स में बने निवेश के मौके, मिल सकता है 44% तक रिटर्न
इन 5 ट्रैवल स्टॉक्स में बने निवेश के मौके, मिल सकता है 44% तक रिटर्न
गर्मियां शुरू होने के साथ ही लोगों ने अब घूमने-फिरने की प्लानिंग शुरू कर दी है। इस साल समर हॉलिडे के लिए बुकिंग बीते साल की तुलना में 15 से 18 फीसदी बढ़ी है। ट्रैवलर्स ने डोमेस्टिक डेस्टिनेशन के साथ इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए बुकिंग कराई है। ऐसे में यह सीजन ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहने की उम्मीद है और इस सेक्टर की कंपनियों में इन्वेस्टर्स के लिए कमाई के नए मौके बने हैं। एक्सपर्ट्स का कहना…
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US ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया अलर्ट, दिल्ली के इन इलाकों में जाने से रोका
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US ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया अलर्ट, दिल्ली के इन इलाकों में जाने से रोका
अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया सिक्योरिटी अलर्ट
अलर्ट में अमेरिकी नागरिकों को दी गई हैं कई अहम जानकारियां
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा खत्म होने के अगले दिन ही अमेरिका ने भारत में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किए हैं. अमेरिकी नागरिकों के लिए जारी अलर्ट में उन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बारे में जानकारी दी गई है और उन्हें सावधान रहने का निर्देश दिया गया है. अलर्ट में प्रदर्शन वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है.
अलर्ट में आगे अमेरिकी नागरिकों से कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है कि आप स्थानीय मीडिया के जरिए प्रदर्शन के बारे में छप रही जानकारियां लेते रहें और सड़कों और मेट्रो के बंद किए जाने की खबरों और संभावित कर्फ्यू के हालातों पर लगातार नजर बनाए रखें.
अमेरिका ने अपने नागरिकों से कई जरूरी कदम उठाने को कहा
अमेरिका से जारी अलर्ट में धारा 144 का भी जिक्र है. अलर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने ऐसा कानून लागू कर रखा है- जिसके जरिए चार या चार से ज्यादा लोगों के राजनीतिक इरादे से इकट्ठा होने पर रोक होती है. इसे धारा 144 कहा जाता है. इसे कई इलाकों में लागू किया गया है.
यह भी पढ़ें: ‘दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे’, हिंसा पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
यूएस सिक्योरिटी अलर्ट में आगे अमेरिकी नागरिकों से सुरक्षा के मद्देनजर कुछ जरूरी कदम उठाने को भी कहा गया है.
– उन इलाकों से बचें जहां पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक हो या रोड बंद हो या प्रदर्शन होने की संभावना हो
– चर्चा का विषय न बनें
– अपने आस-पास के माहौल की जानकारी रखें
– स्थानीय मीडिया पर नजर बनाए रखें
– स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन करें
सिक्योरिटी अलर्ट में विदेश यात्रा पर जाने वाले नागरिकों को भी किया गया सचेत
इसके अलावा अलर्ट में विदेश यात्रा पर जाने वाले अमेरिकी नागरिकों को भी सावधान किया गया है. विदेश जाने वाले अमेरिकी नागरिकों को कहा गया है कि वे अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स ब्यूरो ऑफ काउंसलर अफेयर्स की वेबसाइट पर नजर बनाए रखें, जहां पर दुनिया भर के हालातों के मुताबिक सावधानी, यात्रा संबंधी चेतावनियां और देश विशेष की जानकारियां मिल सकती हैं.
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अलर्ट में अमेरिकी नागरिकों को ट्रैवलर्स चेकलिस्ट को रिव्यू करने के लिए भी कहा गया है. ट्रैवलर्स चेकलिस्ट में विदेशों में रहने वाले या विदेश की यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए कई काम की सुरक्षा जानकारियां होती हैं.
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