#द्वारा किया
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sushiladasi01 · 4 months ago
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sajnamalik · 4 months ago
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subhashdagar123 · 1 year ago
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kramsingh1959 · 2 years ago
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himmatsing · 2 years ago
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indrabalakhanna · 4 months ago
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Sant Rampal Ji Maharaj's SHOCKING Revelation About सनातनी पूजा का पतन । ...
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#ThursdayMotivation
#संतरामपालजीके_संघर्ष_कीकहानी*
SA News YouTube Channel
#struggle #spiritual #truestory #spirituality #inspiration #Bhakti #God
#motivation #Solutions
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🎬 मोक्ष व सुखदायक सतभक्ति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा किया गया अद्वितीय संघर्ष। जानने के लिए देखिये SA News YouTube Channel
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electroniccyclecupcake · 26 days ago
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#1DayLeft_For_BodhDiwas नास्त्रेदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में उल्लेख किया है कि उस विश्व विजेता संत के द्वारा बताए शास्त्र प्रमाणित तत्त्वज्ञान के सामने पूर्व के सर्व संत निष्प्रभ हो जाएंगे तथा सर्व को नम्र होकर उनके सतज्ञान के आगे झुकना पड़ेगा
👉संत रामपाल जी महाराज ऐप डाउनलोड कर।
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rishabh4832 · 1 month ago
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#InvitationToWorld_WithRegard
3Days Left For Nirvan Diwas
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ने स्वयं को परमेश्वर सिद्ध करने के लिए अनेकों लीलाएं व चमत्कार किए। आज से लगभग 507 वर्ष पूर्व (मास माघ, शुक्ल पक्ष, तिथि एकादशी वि. स. 1575 सन् 1518 को) परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी ने उत्तरप्रदेश के मगहर कस्बे से लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक (ऋतधाम) को प्रस्थान किया था। इसी उपलक्ष्य में वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय अद्भुत भंडारे का आयोजन 6-8 फरवरी 2025 तक उनके 11 आश्रमों में किया जा रहा है। जिसमें आप सभी सहपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा सभी सतलोक आश्रमों में ऐसे महासमागम 6 बार आयोजित किये जाते हैं। इन समागमों से वातावरण शुद्ध होता है, वर्षा होती है।
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janardan7310singh · 4 months ago
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काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 14 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है
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vaishanavi2486 · 4 months ago
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#GodKabir_In_Treta_DwaparYug कबीर परमात्मा जी द्वारा नल और नील के असाध्य रोग को ठीक करना जब त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) मुनींद्र ऋषि रूप में नल और नील के असाध्य रोग को अपने आशीवाद से ठीक किया तथा नल और नील को दिए आशीवाद से ही रामसेतु पुल की स्थापना हुई थी।
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srbachchan · 1 year ago
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DAY 5882
Jalsa, Mumbai Mar 26, 2024 Tue 10:03 AM
‎🪔 ,
‎March 27 .. birthday greetings to Ef Aditi Ved .. Ef Rameshwar Vyankatrao Chavan .. and the St. Louisan girl - Ef Ratna from USA 🇺🇲 .. love and care always from the Ef Family .. 😘❤️🚩🙏🏽
अवधूत गीता
अध्याय - ५
रे मन! सब कुछ सर्वसमान होने पर भी तुम रोते क्यों हो?
नहि बन्धविबन्धसमागमनं नहि योगवियोगसमागमनम् ।नहि तर्कवितर्कसमागमनं किमु रोदिषि मानस सर्वसमम् ।।२३।।
आत्मा में बन्ध और विबन्ध का समागम नहीं है, न योग और वियोग का समागम है, न तर्क और वि��र्क का समागम हैं। हे मन! फिर तू किस कारण से रूदन करता है। तू सर्व में सम है ॥२३॥
मृगैर्मृगाणां ग्रहणम्पक्षिणां पक्षिभिर्यथा।गजानां च गजैरेवज्ञेयं ज्ञानेन गृह्यते।। (महाभारत, शांति पर्व -२०३/१२)
अर्थात - जिस प्रकार हिरण को हिरण के द्वारा, पक्षियों को पक्षियों के द्वारा तथा हाथियों को हाथी के द्वारा पकड़ा जाता है उसी प्रकार किसी भी ग्रहण करने योग्य ज्ञान को ज्ञानी द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है। मूढ़ पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।
🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏
It shall be a gift of the intellect Ef , to give an apt translation to the above 👆🏼 for the Hindi sanskrit challenged .. !!
I say this with all humility ..
For I follow the last sentence 👆🏼 :
किसी भी ग्रहण करने योग्य ज्ञान को ज्ञानी द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है। मूढ़ पर इसका कोई प्रभाव नहीं है ..
.. to acquire any kind of worthwhile education, wisdom .. it shall ever be worthwhile to get it from the wise .. it shall have no effect on the moorkh मूर्ख .. the idiot or un knowledged
And there is more to follow .. in time ..
But for now just this ..
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Amitabh Bachchan
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subhashdagar123 · 1 year ago
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shital-world · 7 months ago
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#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
संत रामपाल जी महाराज कौन हैं?
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण सतगुरु हैं जो सद्ग्रंथों से प्रमाणित सत्संग करते हैं वे अपने सत्संगो में कही एक-एक बात का प्रमाण शास्त्रों में दिखाते हैं। संत रामपाल जी महाराज गीता अध्याय 9 श्लोक 25 से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि मनमाने कर्मकांड जैसे-श्राद्ध, पिण्ड दान, माता मसानी और प्रेतों की पूजा करना गीता में मना किया गया है क्योंकि इनके करने से मानव भूत व पितर योनि को प्राप्त होता है। जिससे साधक का मानव जीवन व्यर्थ हो जाता है और वह मानव जीवन के मूल उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर पाता। इसलिए उनके द्वारा भक्त समाज को शास्त्र अनुकूल भक्ति प्रदान की जा रही है जिससे मानव का आत्म कल्याण हो सके।
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helputrust · 1 month ago
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लखनऊ, 13.02.2025 | भारत की "नाइटिंगेल ऑफ इंडिया" सरोजिनी नायडू जी की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ॰ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने सरोजिनी नायडू जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ॰ हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि, “आज हम सभी यहाँ एक अद्भुत व्यक्तित्व की जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिनकी आवाज़ में कविता की मधुरता थी, विचारों में क्रांति की ऊर्जा थी और हृदय में भारत माता के प्रति अगाध प्रेम था । हम बात कर रहे हैं भारत की कोकिला (Nightingale of India) सरोजिनी नायडू जी की, जिन्होंने अपने शब्दों से साहित्य को सजाया और अपने कार्यों से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया । सरोजिनी नायडू जी का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था । वे बचपन से ही असाधारण प्रतिभा की धनी थीं । मात्र 12 वर्ष की आयु में उन्होंने अंग्रेजी में एक लंबी कविता लिखकर सभी को चकित कर दिया । उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए, उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया, जहाँ उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की । सरोजिनी नायडू जी केवल शब्दों की नहीं, बल्कि कर्मठता की भी प्रतीक थीं । उन्होंने 1915 में गांधी जी से प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की और सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई । उनका ओजस्वी नेतृत्व और क्रांतिकारी विचार ही थे, जिन्होंने उन्हें 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बना दिया । सरोजिनी नायडू जी ने उस समय महिलाओं के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया, जब उन्हें समाज में केवल एक सीमि�� दायरे में रखा जाता था । उन्होंने महिलाओं को यह संदेश दिया कि वे केवल गृहिणी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सशक्त निर्माता भी हैं । उनका यह विचार आज भी महिलाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए निडर होकर आगे बढ़ें । हमें उनके अद्वितीय साहस, आत्मबल और राष्ट्रभक्ति से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए ।“
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electroniccyclecupcake · 8 days ago
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#GodMorningFriday
👉संत गरीबदास जी महाराज का 61 वर्ष की आयु में सतलोक गमन
संत गरीबदास जी महाराज ने 61 वर्ष की आयु में सन 1778 में सतलोक गमन किया। ग्राम छुड़ानी में शरीर का अंतिम संस्कार किया गया वहाँ एक यादगार छतरी साहेब बनी हुई है।
👉संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी पुस्तक मुसलमान नही समझे ज्ञान कुरआन और ज्ञान गंगा निशुल्क मंगवाए।
👉संत रामपाल जी महाराज ऐप डाउनलोड करें।
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cybergardenturtle · 1 year ago
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🔸️काशी का अद्भुत विशाल भंडारा🔸️
600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के सारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला काजी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके ��ाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिलता है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने ��े पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
#MiracleOfGodKabir_In_1513
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
26-27-28 नवंबर 2023
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