Haryana News: अनोखा गांव, मरने के बाद दो गज की जमीन भी नसीब नहीं
Haryana News: अनोखा गांव, मरने के बाद दो गज की जमीन भी नसीब नहीं
हरियाणा: प्रदेश सरकार की ओर से गांवो मे शमशान घाट तक सडक, टीन शेड व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन रेवाडी जिल के धारूहेडा मे गांव निखरी एक ऐसा गांव है जहां पर मरने के बाद दो गज की जमीन भी नसीब नहीं है।
दूषित पानी से डूबा शमाशान घाट: साहबी झील में सिचाई विभाग की ओर छोड़ जा रहे पानी की वजह से गांव निखरी का श्मशान घाट भी पूरी तरह डूब गया है। अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं बची है। यहां…
View On WordPress
0 notes
90s की सबसे डरावनी मूवी Shaitani Ilaaka Horror Movie | Deepak Parashar & Neelam Mehra | Asha Lata
“Movie:– Shaitani Ilaaka 1990 (शैतानी इलाका)
Description:-
‘शैतानी इलाका’ हिन्दी हॉरर थ्रिलर फिल्म है, जो साल 1990 में रिलीज हुई थी। आपको जय जान कर हैरानी होगी कि फिल्म ‘शैतानी इलाका’ रामसे ब्रदर्स (सात भाई) की हॉरर फ्रैंचाइज़ है। उन्होंने हॉरर शैली से संबंधित लगभग 32 फ़िल्में बनाईं। जैसे कि दो गज ज़मीन के नीचे (1972), पुराना मंदिर (1984), सामरी (1985), वीराना (1985), तहखाना (1986), डाक बंगला…
0 notes
90s की सबसे डरावनी मूवी Shaitani Ilaaka Horror Movie | Deepak Parashar & Neelam Mehra | Asha Lata
“Movie:– Shaitani Ilaaka 1990 (शैतानी इलाका)
Description:-
‘शैतानी इलाका’ हिन्दी हॉरर थ्रिलर फिल्म है, जो साल 1990 में रिलीज हुई थी। आपको जय जान कर हैरानी होगी कि फिल्म ‘शैतानी इलाका’ रामसे ब्रदर्स (सात भाई) की हॉरर फ्रैंचाइज़ है। उन्होंने हॉरर शैली से संबंधित लगभग 32 फ़िल्में बनाईं। जैसे कि दो गज ज़मीन के नीचे (1972), पुराना मंदिर (1984), सामरी (1985), वीराना (1985), तहखाना (1986), डाक बं���ला…
0 notes
गजल
लफ्जो की कड़ियां मोहताज तारीफ गजल बनने को
खुबसूरत चेहरे मोहताज ए तारीफ हुस्न बनने को।
है इन्सान में चाहत ए तारीफ व मगरूरियत बहुत
हुस्न अखलाक भी मोहताज है इंसान बनने को।
मिले महफिलों की सारी तारीफें जो है ख्वाहिशमंद
दो गज आरामगाह भी मोहताज मौत आने को।
कभी सोचता हूं बे वकअत है रौनक ए दुनिया
कलाम मोहताज ए कलम है शायरी बनने को।
तरकश के सारे तीर आजमा लिए साकी ने हम पर
अब भी वह है मोहताज…
View On WordPress
0 notes
Viral Photo: मां के सामने दोनों बच्चियों की मौत… बाथरूम में इस हालत में मिलीं विधायक की दोनों भतीजियां
Mohammad Salim Shabbo Qureshi: मुरादाबाद देहात सीट से सपा विधायक नासिर कुरेशी के छोटे भाई और देश के सबसे बड़े मांस निर्यातक हाजी मोहम्मद सलीम शब्बो कुरेशी के दिल्ली स्थित घर में भीषण आग लग गई। इससे पहले कि पुलिस और अग्निशमन दल आग पर काबू पाते, मांस निर्यातक की दो बेटियों गुलश्ना (15) और अनाया (13) की दम घुटने से मौत हो गई। निर्यातक की पत्नी गुलिस्तां कुरैशी, नौकर आदि ने किसी तरह भागकर जान बचा ली, लेकिन उनकी दो बेटियां पहली मंजिल पर बाथरूम में फंस गईं। मीट निर्यातक सलीम का उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार के कुरैश नगर में चमेलियन रोड पर आलीशान दो मंजिला बंगला है। करीब 750 गज जमीन पर बने इस बंगले में उनकी पत्नी गुलिस्तां कुरैशी, बेटे शारिक और खिजर के अलावा दो बेटियां गुलश्ना और अनाया रहती थीं। सलीम बिजनेस के सिलसिले में दुबई गया हुआ है।
Mohammad Salim Shabbo Qureshi: बचावकर्मी बंगले के अंदर जाते हैं
मंगलवार दोपहर 2.07 बजे बंगले के ग्राउंड फ्लोर पर बने होम थिएटर से अचानक धुआं उठने लगा। देखते ही देखते धुएं ने आग का रूप ले लिया। ग्राउंड फ्लोर पर होने के कारण सलीम की पत्नी गुलिस्तां, गार्ड, ड्राइवर और दो नौकर बाहर चले गए।
आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी टीम
पहली मंजिल पर कमरे में मौजूद दोनों बेटियां फंस गईं। बचने के लिए दोनों ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया. इसी बीच पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंच गई और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए। फायर ब्रिगेड कर्मी बीए सेट (मास्क) पहनकर घर में दाखिल हुए। शीशा तोड़कर धुआं निकाला गया।
रेस्क्यू टीम शीशा तोड़कर अंदर दाखिल हुई
आग पर काबू पाने के बाद जब घर की तलाशी ली गई तो बेटियां कहीं नजर नहीं आईं। पहली मंजिल पर बंद बाथरूम का दरवाजा तोड़ा गया तो दोनों बेहोश मिले। उन्हें तुरंत पास के जीवन माला अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। जांच टीम ने जांच के लिए नमूने लिए। दोनों बच्चियों की मौत उनकी मां के सामने ही हो गई मंगलवार दोपहर कुरैश नगर के अमानत मकान में जब आग लगी तो सलीम के चारों बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे। दरअसल, रोजे की वजह से सभी लोग सुबह सेहरी खाकर देर से उठते थे. दोपहर क�� जब घर में आग लगी तो सलीम के दोनों बेटे ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे में सो रहे थे। दोनों बेटियां पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रही थीं। जांच टीम ने जांच के लिए नमूने लिए। मां गुलिस्तां अपने काम में व्यस्त थी। आग लगने के बाद जब थिएटर से धुआं उठा तो गुलिस्तां ने अपने बेटों शारिक और खिजर को बाहर निकाला। दोनों बेटियां ऊपर अपने कमरे में फंस गईं। बेटों को बाहर छोड़कर गुलिस्तां ने घर में घुसने की कोशिश की तो अंदर आग और धुआं फैला हुआ था।
Mohammad Salim Shabbo Qureshi: जांच टीम मौके पर
इसके बावजूद जब गुलिस्तां अंदर घुसने लगा तो बाहर मौजूद लोगों की भीड़ ने उसे रोक दिया. गुलशना और अनाया की मौत उनकी मां के सामने ही हो गई. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि हाजी सलीम का बड़ा बेटा बीबीए प्रथम वर्ष का छात्र है। बड़ी बेटी 11वीं क्लास में आ गई थी.
घटना के बाद जांच टीम मौके पर पहुंची
अनाया आठवीं क्लास में पढ़ती थी. छोटा बेटा खिजर छठी क्लास में पढ़ता है. एक पड़ोसी ने बताया कि हाजी सलीम कुरेशी का आलीशान मकान पूरे इलाके में चर्चा में था. घर में सेंट्रलाइज्ड एसी के अलावा 12-14 लोगों के लिए मूवी देखने के लिए थिएटर भी है. थिएटर में आग एसी से शुरू हुई. थिएटर में ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण यह तेजी से पूरे घर में फैल गया और दो लड़कियों की जान चली गयी.
0 notes
#GodMorningTuesday
🌷__कबीर__🌷
तन को सौ-सौ बंदिशें, मन को लगी ना रोक ।
तन की दो गज कोठरी, मन के तीनों लोक ॥
#सत_भक्ति_संदेश।
#SantRampaljiQuotes
@anitada23854181
0 notes
अथ सहज का अंग | Ath Sahaj Ka Ang | Vani of Garibdas Ji's Amargranth Sahi...भक्ति मार्ग में तम्बाकू सबसे अधिक बाधा करता है। जैसे अपने दोनों नाकों के मध्य में एक तीसरा रास्ता है जो छोटी सूई के नाके जितना है। जो तम्बाकू का धुँआ नाकों से छोड़ते हैं, वह उस रास्ते को बंद कर देता है। वही रास्ता ऊपर को त्रिकुटी की ओर जाता है जहाँ परमात्मा का निवास है। जिस रास्ते से हमने परमात्मा से मिलना है, उसी को तम्बाकू का धुँआ बंद कर देता है। हुक्का पीने वालों को देखा है, प्रतिदिन हुक्के की नै (नली) में लोहे की गज (एक पतला-सा सरिया) घुमाते हैं जिनमें से धुँए का जमा हुआ मैल निकलता है। वह नै रूक जाती है। मानव जीवन परमात्मा प्राप्ति के लिए ही मिला है। परमात्मा को प्राप्त करने वाले मार्ग को तम्बाकू का धुँआ बंद कर देता है। इसलिए भी तम्बाकू भक्त के लिए महान शत्रु है। वैसे भी हुक्का पीने वाले भी मानते हैं कि तम्बाकू अच्छी चीज नहीं है। जब कोई छोटा बच्चा अपने दादा-ताऊ, पिता-चाचा को हुक्का पीते देखता है तो वह भी नकल करता है। हुक्के को पीने लगता है तो बड़े व्यक्ति जो स्वयं हुक्का पीते हैं, उस बच्चे को धमकाते हैं कि खबरदार! अगर हुक्का पीया तो। यह अच्छा नहीं है। यदि आप जी इसे अच्छा पदार्थ मानते हैं तो बच्चों को भी पीने दो। आप मना करते हैं तो मानते हो कि यह अच्छा नहीं है, हानिकारक है। सर्दियों में एक मकान में छोटे बच्चे भी सो रहे होते हैं। उसी में हुक्का पीने वाला हुक्का पी रहा होता है। वह स्वयं तो पाप कर ही रहा है, अपने परिवार को धुँआ पिलाकर पाप का भागी बना रहा है। छोटे बेटा-बेटी को दादा-पिताजी अपने हिस्से के दूध से पिलाने की कोशिश करता है कि ले, थोड़ा ओर पी ले, देख तेरी चोटी बढ़ रही है, और पी जा। इस प्रकार उसे दूध का गिलास पिलाकर दम लेता है क्योंकि दूध बच्चे के लिए लाभदायक है। हुक्का-बीड़ी पीने से मना करता है तो दिल तो कहता है कि तम्बाकू पीना बुरा है, परंतु समाज में यह बुराई आम हो चुकी है। इसलिए पाप नहीं लगता। जैसे कई कबीले माँस खाते हैं, उनके बच्चों के लिए वह पाप आम बात है
0 notes
इतिहास परीक्षा- ओम प्रकाश आदित्य
इतिहास परीक्षा थी उस दिन, चिंता से हृदय धड़कता था
थे बुरे शकुन घर से चलते ही, दांया हाथ फड़कता था
मैंने सवाल जो याद किए, वे केवल आधे याद हुए
उनमें से भी कुछ स्कूल तकल, आते-आते बर्बाद हुए
तुम बीस मिनट हो लेट द्वार पर चपरासी ने बतलाया
मैं मेल-ट्रेन की तरह दौड़ता कमरे के भीतर आया
पर्चा हाथों में पकड़ लिया, आंखें मूंदीं टुक झूम गया
पढ़ते ही छाया अंधकार, चक्कर आया सिर घूम गया
उसमें आए थे वे सवाल जिनमें मैं गोल रहा करता
पूछे थे वे ही पाठ जिन्हें पढ़ डांवाडोल रहा करता
यह सौ नंबर का पर्चा है, मुझको दो की भी आस नहीं
चाहे सारी दुनिय पलटे पर मैं हो सकता पास नहीं
ओ! प्रश्न-पत्र लिखने वाले, क्या मुंह लेकर उत्तर दें हम
तू लिख दे तेरी जो मर्ज़ी, ये पर्चा है या एटम-बम
तूने पूछे वे ही सवाल, जो-जो थे मैंने रटे नहीं
जिन हाथों ने ये प्रश्न लिखे, वे हाथ तुम्हारे कटे नहीं
फिर आंख मूंदकर बैठ गया, बोला भगवान दया कर दे
मेरे दिमाग़ में इन प्रश्नों के उत्तर ठूंस-ठूंस भर दे
मेरा भविष्य है ख़तरे में, मैं भूल रहा हूं आंय-बांय
तुम करते हो भगवान सदा, संकट में भक्तों की सहाय
जब ग्राह ने गज को पकड़ लिया तुमने ही उसे बचाया था
जब द्रुपद-सुता की लाज लुटी, तुमने ही चीर बढ़ाया था
द्रौपदी समझ करके मुझको, मेरा भी चीर बढ़ाओ तुम
मैं विष खाकर मर जाऊंगा, वर्ना जल्दी आ जाओ तुम
आकाश चीरकर अंबर से, आई गहरी आवाज़ एक
रे मूढ़ व्यर्थ क्यों रोता है, तू आंख खोलकर इधर देख
गीता कहती है कर्म करो, चिंता मत फल की किया करो
मन में आए जो बात उसी को, पर्चे पर लिख दिया करो
मेरे अंतर के पाट खुले, पर्चे पर क़लम चली चंचल
ज्यों किसी खेत की छाती पर, चलता हो हलवाहे का हल
मैंने लिक्खा पानीपत का दूसरा युध्द भर सावन में
जापान-जर्मनी बीच हुआ, अट्ठारह सौ सत्तावन में
लिख दिया महात्मा बुध्द महात्मा गांधी जी के चेले थे
गांधी जी के संग बचपन में आंख-मिचौली खेले थे
राणा प्रताप ने गौरी को, केवल दस बार हराया था
अकबर ने हिंद महासागर, अमरीका से मंगवाया था
महमूद गजनवी उठते ही, दो घंटे रोज नाचता था
औरंगजेब रंग में आकर औरों की जेब काटता था
इस तरह अनेकों भावों से, फूटे भीतर के फव्वारे
जो-जो सवाल थे याद नहीं, वे ही पर्चे पर लिख मारे
हो गया परीक्षक पागल सा, मेरी कॉपी को देख-देख
बोला- इन सारे छात्रों में, बस होनहार है यही एक
औरों के पर्चे फेंक दिए, मेरे सब उत्तर छांट लिए
जीरो नंबर देकर बाकी के सारे नंबर काट लिए
- ओम प्रकाश आदित्य
1 note
·
View note
देश के इन राज्यों में बारिश से अभी राहत नहीं, IMD ने बताया अगले 5 दिन कैसा रहेगा मौसम, ताजा अपडेट पढ़िए
नई दिल्ली: देश में मॉनसून की दस्तक के साथ मौसम सुहाना हो चुका है। दिल्ली-एनसीआर में अगले 1 हफ्ते तक बारिश की भविष्यवाणी है। मुंबई, गुजरात, बिहार,उत्तराखंड और हिमाचल प्रेदश जैसे राज्यों में भारी बारिश के चलते कई इलाके जलमग्न हैं। कई जगह तो बाढ़ जैसे हालात हैं। भारी बारिश ने केदारनाथ यात्रा पर भी रोक लगा दी है। आईएमडी की ताजा अपडेट के अनुसार, अगले 5 दिन तक इन राज्यों में राहत की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मॉनसून को लेकर मौसम विभाग की ताजा अपडेट पढ़िए- दिल्ली-एनसीआर में होती रहेगी बारिश दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए मौसम को लेकर गुड न्यूज है। 2 जुलाई से 7 जुलाई तक यहां मौसम बारिश के चलते सुहाना बना रहेगा। दिल्ली मौसम विभाग की मानें तो 2 जुलाई से 7 जुलाई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। वहीं, गज-चमक के साथ बारिश का दौर भी जारी रहेगा। गर्मी के तेवर भी इस बीच ठंडे ही रहेंगे। अधिकतम तापमान 36 तो न्यूनतम तापमान 27 डिग्री तक जा सकता है। बता दें कि इस बार दिल्ली में समय से दो दिन पहले ही मॉनसून ने सरप्राइज दे दिया था। 62 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि जब महाराष्ट्र-दिल्ली में एकसाथ मॉनसून ने दस्तक दी है।दिल्ली से सटे बाकी राज्यों का हाल भी जान लीजिए दिल्ली के आसपास के राज्यों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट बालटिस्तान में अगले 5 दिन तक मौसम साफ रहेगा। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां 2 से 5 जुलाई तक बारिश से राहत की उम्मीद है। इससे उलट उत्तराखंड में अगले 5 दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट के साथ येलो अलर्ट भी जारी किया है। इस दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पंजाब, हरियाणा में भी मौसम सामान्य रहने का अनुमा है। पश्चिम उत्तर प्रेदश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इस बीच एक दो दिन भारी बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। राजस्थान में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहने वाली है।देश के इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने बताया कि गुजरात, केरल और दक्षिणी कर्नाटक के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, तमिलनाडु में 3 और 4 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। बाकी राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल, ,सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 5 दिन तक भारी बारिश के आसार हैं। बिहार में भी अभी बारिश से राहत नहीं मिलने वाली। बिहार में 1 से 3 जून तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं झारखंड में 3 जुलाई, ओडिशा में 3 से 5 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। http://dlvr.it/SrXJjr
0 notes
*🚩सनातनपूजनसामग्रीभण्डार* *रोचक तथ्य एवं अध्यात्मिक ज्ञान* *┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈*
*👉🏻लेख क्र.-सधस/२०८०/ज्येष्ठ/शु./११- १०७५१*
*┉══════❀(("ॐ"))❀══════┉┈*
⛳🚩🚩🛕 *जय श्रीराम* 🛕🚩🚩⛳
http://www.tumblr.com/sanatan-poojan-samagri-bhandar,
*श्रीराम जय राम जय जय राम*
*🌞श्रीरामचरितमानस🌞*
*प्रथम सोपान*
*बाल-काण्ड*
*दोहा सं० ३००*
*सब के उर निर्भर हरषु पूरित पुलक सरीर ।*
*कबहिं देखिबे नयन भरि रामु लखनु दोउ बीर ॥३००।।*
भावार्थ:- सबके हृदय में अपार हर्ष है और शरीर पुलक से भरे हैं। (सबको एक ही लालसा लगी है कि हम श्री राम-लक्ष्मण दोनों भाइयों को नेत्र भरकर कब देखेंगे।
🚩 *चौपाई* 🚩
*गरजहिं गज घंटा धुनि घोरा ।*
*रथ रव बाजि हिंस चहु ओरा ॥*
*निदरि घनहि घुर्म्मरहिं निसाना।*
*निज पराइ कछु सुनिअ न काना ॥१II*
भावार्थ:- हाथी गरज रहे हैं, उनके घंटों की भीषण ध्वनि हो रही है। चारों ओर रथों की घरघराहट और घोड़ों की हिनहिनाहट हो रही है। बादलों का निरादर करते हुए नगाड़े घोर शब्द कर रहे हैं। किसी को अपनी पराई कोई बात कानों से सुनाई नहीं देती।
*महा भीर भूपति के द्वारें।*
*रज होइ जाइ पषान पबारें ॥*
*चढ़ी अटारिन्ह देखहिं नारीं ।*
*लिएँ आरती मंगल थारीं ॥२॥*
भावार्थ:- राजा दशरथ के दरवाजे पर इतनी भारी भीड़ हो रही है कि वहाँ पत्थर फेंका जाए तो वह भी पिसकर धूल हो जाए। अटारियों पर चढ़ी स्त्रियाँ मंगल थालों में आरती लिए देख रही हैं।
*गावहिं गीत मनोहर नाना।*
*अति आनंदु न जाइ बखाना ॥*
*तब सुमंत्र दुइ स्यंदन साजी ।*
*जोते रबि हय निंदक बाजी ॥३॥*
भावार्थ:- और नाना प्रकार के मनोहर गीत गा रही हैं। उनके अत्यन्त आनंद का बखान नहीं हो सकता। तब सुमन्त्रजी ने दो रथ सजाकर उनमें सूर्य के घोड़ों को भी मात करने वाले घोड़े जोते।
*दोउ रथ रुचिर भूप पहिं आने।*
*नहिं सारद पहिं जाहिं बखाने ॥*
*राज समाजु एक रथ साजा।*
दूसर तेज पुंज अति *भ्राजा ॥४॥*
भावार्थ:- दोनों सुंदर रथ वे राजा दशरथ के पास ले आए, जिनकी सुंदरता का वर्णन सरस्वती से भी नहीं हो सकता। एक रथ पर राजसी सामान सजाया गया और दूसरा जो तेज का पुंज और अत्यन्त ही शोभायमान था।
🙏 *श्रीराम – जय राम – जय जय राम* 🙏🚩📿
▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬
*जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें*🙏🏻
गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।
*भगवान गणेश जी की जय*
_*सनातनपूजनसामग्रीभण्डार*_ इसी तरह के रोचक तथ्य एवं अध्यात्मिक ज्ञान हेतू हमारे पेज से जुड़े 👇🏻। *tumblr par 👇🏻* https://www.tumblr.com/sanatan-poojan-samagri-bhandar,
1 note
·
View note
दौलत का जलवा
दौलत का जलवा का अपना सुरूर होता है
कोई चालीस लाख की लिपिस्टिक होठों
पर घिसे,
किसी को चालीस रुपए रोज में घर चलाना होता है
दौलत वालों की दौलत आने का साधन
आम इंसान ही होता है,
पर आम इंसान को एक वस्तु समझकर धनवान
और सरकार बेचता खरीदता है,
यही सच्चाई है ।
दौलतमंद होना तबदीर और तकदीर का खेला है
जिसके पास दौलत है और जो गरीब है
दोनों के साथ दो गज कफन के साथ दो गज
जमीन हो नसीब होता है ।।
View On WordPress
1 note
·
View note
#ज्ञानगंगा_Part28
आदरणीय धर्मदास साहेब जी कबीर परमेश्वर के साक्षी -
आदरणीय धर्मदास साहेब जी, बांधवगढ़ मध्य प्रदेश वाले, जिनको पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मथुरा में मिले, सतलोक दिखाया। वहाँ सत्लोक में दो रूप दिखा कर जिंदा वाले रूप में पूर्ण परमात्मा वाले सिंहासन पर विराजमान हो गए तथा आदरणीय धर्मदास साहेब जी को कहा कि मैं ही काशी (बनारस) में नीरू-नीमा के घर गया हुआ हूँ। वहाँ धाणक (जुलाहे) का कार्य करता हूँ, आदरणीय श्री रामानन्द जी मेरे गुरु जी हैं। यह कह कर श्री धर्मदास जी की आत्मा को वापिस शरीर में भेज दिया। श्री धर्मदास जी का शरीर दो दिन बेहोश रहा, तीसरे दिन होश आया तो काशी में खोज करने पर पाया कि यही काशी में आया धाणक ही पूर्ण परमात्मा (सतपुरुष) है। आदरणीय धर्मदास साहेब जी ने पवित्र कबीर सागर, कबीर साखी, कबीर बीजक नामक सद्ग्रन्थों की आँखों देखे तथा पूर्ण परमात्मा के पवित्र मुख कमल से निकले अमृत वचन रूपी विवरण से रचना की।
अमृत वाणी में प्रमाण:
आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर।।टेक।।
सत्यलोक से चल कर आए, काटन जम की जंजीर।।1।।
थारे दर्शन से म्हारे पाप कटत हैं, निर्मल होवै जी शरीर।।2।।
अमृत भोजन म्हारे सतगुरु जीमैं, शब्द दूध की खीर।।3।।
हिन्दू के तुम देव कहाये, मुस्लमान के पीर।।4।।
दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे ना पाये शरीर।।5।।
धर्मदास की अर्ज गोसांई, बेड़ा लंघाईयो परले तीर।।6।।
(ख) आदरणीय दादू साहेब जी (अमृत वाणी में प्रमाण) कबीर परमेश्वर के साक्षी -
आदरणीय दादू साहेब जी जब सात वर्ष के बालक थे तब पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मिले तथा सत्यलोक ले गए। तीन दिन तक दादू जी बेहोश रहे। होश में आने के पश्चात् परमेश्वर की महिमा की आँखों देखी बहुत-सी अमृतवाणी उच्चारण की:
जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार। दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट। उनको कबहू लागे नहीं, काल बज्र की चोट।।
दादू नाम कबीर का, सुनकर कांपे काल। नाम भरोसे जो नर चले, होवे न बंका बाल।।
जो जो शरण कबीर के, तरगए अनन्त अपार। दादू गुण कीता कहे, कहत न आवै पार।।
कबीर कर्ता आप है, दूजा नाहिं कोय। दादू पूरन जगत को, भक्ति दृढावत सोय।।
ठेका पूरन होय जब, सब कोई तजै शरीर। दादू काल गँजे नहीं, जपै जो नाम कबीर।।
आदमी की आयु घटै, तब यम घेरे आय। सुमिरन किया कबीर का, दादू लिया बचाय।।
मेटि दिया अपराध सब, आय मिले छनमाँह। दादू संग ले चले, कबीर चरण की छांह।।
सेवक देव निज चरण का, दादू अपना जान। भृंगी सत्य कबीर ने, कीन्हा आप समान।।
दादू अन्तरगत सदा, छिन-छिन सुमिरन ध्यान। वारु नाम कबीर पर, पल-पल मेरा प्रान।।
सुन-2 साखी कबीर की, काल नवावै माथ। धन्य-धन्य हो तिन लोक में, दादू जोड़े हाथ।।
केहरि नाम कबीर का, विषम काल गज राज। दादू भजन प्रतापते, भागे सुनत आवाज।।
पल एक नाम कबीर का, दादू मनचित लाय। हस्ती के अश्वार को, श्वान काल नहीं खाय।।
सुमरत नाम कबीर का, कटे काल की पीर। दादू दिन दिन ऊँचे, परमानन्द सुख सीर।।
दादू नाम कबीर की, जो कोई लेवे ओट। तिनको कबहुं ना लगई, काल बज्र की चोट।।
और संत सब कूप हैं, केते झरिता नीर। दादू अगम अपार है, दरिया सत्य कबीर।।
अबही तेरी सब मिटै, जन्म मरन की पीर। स्वांस उस्वांस सुमिरले, दादू नाम कबीर।।
कोई सर्गुन मंे रीझ रहा, कोई निर्गुण ठहराय। दादू गति कबीर की, मोते कही न जाय।।
जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार। दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।।
(ग) आदरणीय मलूक दास साहेब जी कविर्देव के साक्षी -
42 वर्ष की आयु में श्री मलूक दास साहेब जी को पूर्ण परमात्मा मिले तथा दो दिन तक श्री मलूक दास जी अचेत रहे। फिर निम्न वाणी उच्चारण की:
जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर।। टेक।।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर।
एक समय गुरु बंसी बजाई कालंद्री के तीर।
सुर-नर मुनि थक गए, रूक गया दरिया नीर।।
काशी तज गुरु मगहर आये, दोनों दीन के पीर।
कोई गाढ़े कोई अग्नि जरावै, ढूंडा न पाया शरीर।
चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर।
दास मलूक सलूक कहत हैं, खोजो खसम कबीर
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
/कायदे/
खामोशी के कुछ कायदे हैं
बात छेड़ने के कुछ कायदे हैं
साथ चलने के कुछ कायदे हैं
कायदे हैं कुछ एकांत के
कुछ लिखने की आशा में
मैं आंखे मूंद लेता हूं
सामने रखा कलम
बूंद बूंद कर
स्याही छोड़ रहा है
पहाड़ का एक टुकड़ा
लुढ़क कर
एक बस्ती में जा गिरता है
दूर कहीं किसी पेड़ से
परिंदो का एक झुंड
फड़फड़ा कर उड़ जाता है
मेरी हथेली पकड़ कर
तुम जब
अपना नाम लिखती हो
एक बड़ा सुख मेरे सीने से टपक कर
हमे घेर लेता है
इस सुख की एक महक है
जो बारिश के बाद
मेरे घर के आंगन से
या पूजा के ठीक बाद
मां की जलाई
अगरबातियों से मिलती है
चलने के कुछ कायदे हैं
कुछ कायदे हैं चलते-चलते रुक जाने के
पर हमे
ये कायदे बताने वाला
कोई था ही नहीं
तुने धीरे कहा था
मैं धीरे ही चला
बाहर की ठोकरों से बचने के
कुछ कायदे हैं
पर जो ठोकर अंदर से आए
उनके?
ज़मीं के कुछ कायदे हैं
कुछ कायदे हैं आसमां के
गज,
फुट,
इंच में
ज़मीन बटी है
पर जब बंटवारा आसमां का हो..
तब?
चुप तुम
चुप मैं
चलो अपने कायदे बनाते हैं
धागों से बांध कर
दो कागज़ की चिड़िया
टहनी से लटकाते हैं
मेरी चिड़िया कि ओर का आसमां
मेरा
तुम्हारी चिड़िया कि ओर का आसमां
तुम्हारा
उड़ने के कोई कायदे नहीं होते
न कायदे होते हैं उलझने के
तुम उम्मीद करना
अपनी चिड़िया के उड़ने की
मैं राह देखूंगा
हमारी चिड़ियों के धागे
उलझने की।
-अमितायुष
@amitaysh_amy IG
0 notes
#GajGarhStatue❤️ #HariharnathTemple❤️ #HariharKshetraSonpurMela❤️ #WorldsLargestCattleFair❤️ #SonpurMela❤️ #Sonpur❤️ #BiharTourism❤️ #BlissfulBihar❤️ #BIHAR❤️ पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय को पृथ्वी पर हाथी (गज) और मगरमच्छ (ग्राह) के रूप में जन्म लेने का श्राप मिला था। पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन जब गज गंडक नदी में कोनहारा के तट पर पानी पीने आए तो ग्राह ने उसे पकड़ लिया। फिर गज, ग्राह से मुक्ति के लिए कई वर्षों तक संघर्ष किए। तब गज ने बड़ी मार्मिकता से हरि यानी विष्णु का स्मरण किए। गज की प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकट हुए और सुदर्शन चक्र चलाकर उन्होंने गज को ग्राह से छुड़ाए और उनकी जान बचाई। इस अवसर पर सभी देवताओं ने यहां उपस्थित होकर जय-जयकार की। लेकिन आज तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गज और ग्राह में कौन जीता और कौन हारा? इसलिए आज भी इस घाट का नाम कोनहारा घाट है। अन्य कथा के अनुसार जय और विजय दो भाई थे। जय शिव के भक्त थे और विजय विष्णु के भक्त। इन दोनों में झगड़ा हुआ और दोनों गज और ग्राह बन गए। बाद में दोनों में दोस्ती हो गई। उस क्षेत्र में शिव और विष्णु के मंदिरों का निर्माण एक साथ हुआ था, जिसके कारण इसका नाम हरिहर क्षेत्र पड़ा। एक अन्य कथा के अनुसार प्राचीन काल में यहां ऋषि-मुनियों का एक विशाल सम्मेलन होता था। शैवों और वैष्णवों के बीच एक गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ, लेकिन बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव और विष्णु दोनों की मूर्तियों को एक ही मंदिर में स्थापित किया गया। इसी स्मृति में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोनपुर में एक मेले का आयोजन किया जाता है। इस स्थान की चर्चा कई धर्म शास्त्रों में की गई है। यह भी कहा जाता है कि एक समय भगवान राम भी यहां आए थे और उन्होंने बाबा हरिहरनाथ की पूजा की थी। गौरतलब है कि दुनिया का सबसे बड़ा पशु मेला सोनपुर में लगता है, जो कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर अगले 30 दिनों तक चलता है। (at Sonpur, Bihār, India) https://www.instagram.com/p/ClYUh6-Jd1F/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
#कबीर ❤️💕
आदरणीय गरीबदास जी कबीर साहेब जी के बारे में बता रहे हैं
------------------------
"अवधू ले तन मन का लाहा, वो चिन्हों ज्ञान अगाहा"
काशी गहन भयन भय प्राणी, प्रयाग नहात हैं माहा ।
~ बिना नाम जूनी नहीं छूटै, ये भरमै भूल भुलाहा ।।
सहस मुखी गंगा नहीं नहाते, ये खोदत उज्जड बाहा ।
~नारद व्यास पूछो सुखदेव को, ये चारो वेद उगाहा ।।
पंथ पुरातम खोज लिया वो, चाले अविगत राहा ।
~सुखदेव ज्ञान सुना शंकर का, मिटी न मन की दाहा ।।
दो तो पिया गुण तप को लागे, बंदे हू-हू हा-हा ।
~लगा श्राप पड़े भौ सागर, किन्हें गज ग्राह ।।
शिव शंकर के तिलक दिया है, नारद सौदे साहा ।
~ब्रम्हादिक को चौरी रच्या, किया गौरी का ब्याहा ।।
108 तन गये परलय, बहुर किया निर्बाहा ।
~शिव के संग गौर जा उभरी, मिटी न काल सुराहा ।।
ज्यों सर्पा की पूँछ पकड़ कर, अंदर पलटा जाहा ।
~नीर कबीर सिंध सुख सागर, वो पूर्णब्रम्ह जुलाहा ।।
हमरा ज्ञान ध्यान नहीं बुझा, समझ न पड़ी अगाहा ।
~दास गरीब पार कैसे उतरै, भेंटा नहीं मलाहा ।।
<<<>>>----------<<< सत साहेब >>>----------<<<>
1 note
·
View note
फील्डिंग पेनल्टी से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने ये तरीका अपनाकर तोड़े ICC के नियम
फील्डिंग पेनल्टी से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने ये तरीका अपनाकर तोड़े ICC के नियम
इस साल की शुरुआत में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के कुछ ऑस्ट्रेलिया नियमों में बदलाव किया गया था, जिसमें मुख्य नियम यह था कि अगर कोई टीम निर्धारित समय में अपना 20वां ओवर फेंकने में विफल रहती है, तो उसे अपने खिलाड़ियों को 30 गज के भीतर लाना होगा। एक खिलाड़ी को 30 गज के भीतर निर्धारित समय से एक ओवर कम और दो अतिरिक्त खिलाड़ियों को दो ओवर करने के लिए दंडित किया जाता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी के…
View On WordPress
0 notes