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दिल्ली पुलिस भर्ती : बुरी खबर, दो बड़ी भर्तियां रद्द, बताई ये वजह
दिल्ली पुलिस भर्ती : बुरी खबर, दो बड़ी भर्तियां रद्द, बताई ये वजह
दिल्ली पुलिस ने प्रशासनिक कारणों से हेड कांस्टेबल पद की दो भर्तियों को रद्द कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने 2019 में हेड कांस्टेबल (क्लर्क) के पद पर 554 और हेड कांस्टेबल (असिस्टेंट वायरलैस ऑपरेटर/ टेली प्रिंटर ऑपरेटर) के पद पर 649 वैकेंसी निकाली थी। इन पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्ति की जानी थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने ताजा नोटिस जारी कर इन दोनों भर्तियों को रद्द करने की सूच��ा दी…
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सॉरी बोला, चाय पी और फिर... दिल दहला रही दिल्ली में पति, पत्नी और मेड के मर्डर की वजह
नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के हरिनगर इलाके में मंगलवार की सुबह लोग उस समय सन्न रह गए जब पॉश एरिया अशोक नगर की आलीशान कोठी में ट्रिपल मर्डर का पता चला। कोठी के अंदर युवा कारोबारी, उनकी पत्नी और मेड के शव खून से लथपथ हालत में मिले। कोठी में सिर्फ कारोबारी दंपती की मासूम बच्ची सुरक्षित मिली। मंगलवार सुबह ड्राइवर के घर आने पर वारदात का खुलासा हुआ। हत्या की जानकारी मिलते ही आला अफसर व लोकल पुलिस पहुंची। पूरा इलाका सीसीटीवी कैमरों से लैस है। लिहाजा सबसे पहले पुलिस ने आसपास सीसीटीवी कैमरे खंगाले। फुटेज में संदिग्ध आरोपी भागते नजर आए। सभी संभावित एंगल पर जांच के बाद पुलिस ने मंगलवार शाम को दो आरोपी को अरेस्ट कर लिया। बाकियों की तलाश जारी है। 10 दिन पहले नौकरी से निकाला गया था पुलिस ने आरोपियों के हवाले से खुलासा किया कि हत्या में मुख्य आरोपी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ इसी कोठी में बने सैलून में जॉब करता था। दोनों को दस दिन पहले नौकरी से निकाल दिया था। पुलिस का दावा है कि इसी का बदला लेने के इरादे से यह वारदात की गई। हत्या के समय कीमती सामान को भी आरोपी लूट ले गए थे। पुलिस ने इस केस में वारदात में इस्तेमाल हथियार, आईफोन और खून से सना तौलिया बरामद किया है। तीनों शव पोस्टमॉर्टम के लिए डीडीयू भेज दिए। आगे की जांच जारी है। चाकू और भारी चीज की मदद से किया कत्ल डीसीपी घनश्याम बंसल के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान साईं बाबा एन्क्लेव, नजफगढ़ निवासी 19 साल के सचिन व उतम नगर निवासी 21 साल के सुजीत के तौर पर हुई है। यह वारदात हरि नगर के 57/1 अशोक नगर के कॉर्नर पर बनी चार मंजिला आलीशान कोठी में हुई। मृतकों की पहचान 38 वर्षीय समीर आहूजा, उनकी पत्नी 35 वर्षीय शालू आहूजा और मेड 28 वर्षीय सपना के तौर पर हुई है। सपना दो महीने पहले ही इस कोठी में मेड के तौर पर लगी थी। सपना तिहाड़ गांव में अपने पति संदीप माथुर व एक मासूम बेटी के साथ रहती थी। तीनों के ऊपर चाकू और किसी भारी चीज से हमला किया गया था। समीर आहूजा गारमेंट्स, प्रॉपर्टी व फाइनेंस के बिजनेस से जुड़े हुए थे। दिल्ली पुलिस को जांच में क्या पता चला मंगलवार सुबह समीर आहूजा का ड्राइवर घर पर पहुंचा, जिसने घर में हालात को देख करीब 9:15 बजे पीसीआर कॉल के जरिए इस घटना की सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। जहां समीर घर की पहली मंजिल और ग्राउंड फ्लोर पर बने पार्लर में उनकी पत्नी और मेड मृत हालत में मिले। दोनों महिलाओं का गला रेता गया था। जबकि समीर ���े मुंह और सिर पर कई जगह चोट के निशान पाए गए। घर के ग्राउंड फ्लोर पर शालू 'काव्या ब्यूटी मेकओवर' के नाम से सैलून चलाती थीं। सुबह जब मेड घर पर काम पर आई, तब पहले से बदमाश घर में घुसे हुए थे। इसके बाद बदमाशों ने मेड की भी हत्या कर दी। मौके पर पुलिस की जांच में पता चला आरोपी डीवीआर सिस्टम भी अपने साथ ले गए। बाद में घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। फ्रेंडली एंट्री थी। आरोपी करीब 9 बजे वहां से भागते नजर आए। सुबह घर पर 8 बजे मेड आई थी, वहीं ड्राइवर करीब 9 बजे पहुंचा था। मौके के हालात को देख पता चला की सैलून में तीन लोगों ने चाय भी पी थी। चाय ताजी बनाई गई थी। मौके पर पुलिस ने क्राइम, एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाकर जांच पड़ताल की। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि इस वारदात का मुख्य आरोपी घर पर मेड के आने से दस मिनट पहले आया था। वह और उसकी गर्लफ्रेंड शालू के ही सैलून में काम करते थे। लेकिन उनके आपत्तिजनक बर्ताव का दंपति को पता जैसे ही चला, उन्होंने दस दिन पहले दोनों को काम से निकाल दिया था। दावा है कि समीर ने युवक को बहुत बुरी तरह फटकार लगाई थी। इससे आरोपी ने अपनी गर्लफ्रेंड के सामने खुद को अपमानित महसूस किया और उसने समीर आहूजा से बदला लेने और सबक सिखाने की ठान ली। उसने इस वारदात की साजिश में सु��ीत, सचिन और अन्य को भी शामिल कर लिया। इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर में रखा लैपटॉप, कैश व अन्य सामान लेकर फरार हुए थे। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने छह घंटे के अंदर ही इस वारदात से पर्दा उठा दिया। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसी साल अप्रैल में नए घर में शिफ्ट हुए थे दंपति पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसी साल अप्रैल महीने में ही दंपति नए घर में शिफ्ट हुए थे। नवरात्र में जागरण भी कराया था। आलीशान कोठी करीब सवा चार करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। दंपति की एक तीन साल की बच्ची भी है, जो वारदात के समय अपने घर में सो रही थी। वह सुरक्षित है। सोमवार देर रात समीर आहूजा अपनी फैमिली के साथ किसी पार्टी से घर लौटे थे। पुलिस को अब मामले में अन्य आरोपियों की तलाश है। http://dlvr.it/Sc54r4
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दोस्त ने जॉब का झांसा देकर युवती को गुरुग्राम में मिलने बुलाया, फिर रेप कर MMS बनाया
दोस्त ने जॉब का झांसा देकर युवती को गुरुग्राम में मिलने बुलाया, फिर रेप कर MMS बनाया https://www.biharjharkhandnewslive.com/
दिल्ली पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद उसे गुरुग्राम सेक्टर-29 थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गुरुग्राम में नौकरी दिलाने के नाम पर युवती को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पीड़ित युवती का आरोप है कि विरोध करने पर आरोपी ने उससे मारपीट भी की थी। युवती की शिकायत पर दिल्ली में आरोपी के…
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अगर 10वीं पास हैं तो पुलिस विभाग में मिल सकती है नौकरी, जानें यहां If you are 10th pass then you can get job in police department know here
अगर 10वीं पास हैं तो पुलिस विभाग में मिल सकती है नौकरी, जानें यहां If you are 10th pass then you can get job in police department know here
भर्ती सेवा बोर्ड (TNUS) भर्ती बोर्ड (TNRB) ने ग्रेड II पुलिस अधिकारी, ग्रेड II ग्रेडर और जॉब के लिए भर्ती (TNUSRB कांस्टेबल भर्ती 2022) आवेदन भरने के लिए आवेदन किया है। न्यूज नेशन ब्यूरो | द्वारा संपादित : नंदिनी शुक्ला | अपडेट किया गया: 02 जुलाई 2022, 10:22:19 पूर्वाह्न पुलिस विभाग में मिल सकता है नौकरी (फोटो साभार: sakshieducatn) नई दिल्ली: कल्पना पुलिस विभाग में नौकरी का अवसर अब एक अवसर…
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SSC Delhi Police Head Constable Recruitment 2022: दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल के लिए ऐसे करें आवेदन
SSC Delhi Police Head Constable Recruitment 2022: दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल के लिए ऐसे करें आवेदन
SSC Delhi Police Head Constable Recruitment 2022 | हेड कांस्टेबल भर्ती 2022 | एसएससी हेड कांस्टेबल भर्ती | SSC Head Constable Vacancy 2022 | Assistant Wireless Operator (AWO) / Tele-Printer Operator (TPO) एसएससी हेड कांस्टेबल 2022 की भर्ती के लिए आइये हम जानते है इसके क्या योग्यता, पात्रता, आयु सीमा, चयन प्रक्रिया है। दोस्तों फॉर्म भरने से पहले इस जॉब का विज्ञापन जरूर पढ़ लें। SSC Delhi Police…
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Success Story Of Surabhi Gautam: कभी खराब अंग्रेजी के लिए उड़ाया गया था मजाक, IAS ऑफिसर बनकर पेश की अनोखी मिसाल
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस बात को सही साबित किया है IAS ऑफिसर सुरभि गौतम ने। जिन्हें कभी अपनी खराब इंग्लिश के लिए लोगों के ताने सुनने पड़े थे, उन्हें हंसी का पात्र बनना पड़ा था। लेकिन उन्होंने लोगों के मज़ाक उड़ाने की परवाह नहीं की और अपनी लगन और मेहनत से IAS बनने के सपने को साकार किया। सुरभि गौतम की पढ़ाई वैसे तो हिंदी मीडियम में हुई थी। वो शुरू से ही टॉपर थी। उन्होंने हर प्रतियोगी परीक्षा को अच्छे नंबर से पास किया था। फिर चाहे वो BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI ही क्यों न हो। उन्होंने लगभग हर परीक्षा को पास करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। लेकिन IAS बनना और लोगों को अपनी प्रतिभा के जरिए जवाब देना ��ुरभि गौतम के लिए आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरक सफर के बारे में।
बचपन से ही पढ़ाई में थी होशियार
मध्य प्रदेश के सतना के छोटे से गांव के एक सामान्य परिवार में जन्मीं सुरभि गौतम के पिता एक वकील थे, उनकी मां शिक्षिका थी। सुरभि को बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था। इन्होंने शुरूआती शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल में करा दिया। उनकी पढ़ाई हिंदी मीडियम के जरिए हुई। मध्य प्रदेश के स्कूलों में पांचवीं में भी बोर्ड परीक्षा होती है। जब पांचवीं के बोर्ड परीक्षा में सुरभि ने शत-प्रतिशत अंक हासिल किये। इशके लिए टीचर ने उन्हें शाबाशी भी दी। सुरभि को अपनी तारीफ सुनकर अच्छा लगा इससे उन्होंने और पढ़ाई करने की ठानी।
कठिनाइयों के बीच हासिल की शिक्षा
सुरभि गौतम पढ़ाई के प्रति काफी सचेत थी। लेकिन इसी बीच उनके जोड़ों में रह-रहकर दर्द उठने लगा था, पर वह उसे नजरअंदाज करती रहीं। धीरे-धीरे दर्द पूरे शरीर में फैल गया, और एक दिन वह बिस्तर से उठ नहीं पाई। उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर के पास ले गए वहां डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ‘रूमैटिक फीवर’ हुआ है। यह बीमारी हृदय को नुकसान पहुंचाती है और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो जाती है। यह सुनकर माता-पिता बहुत दुःखी हुए। डॉक्टर ने सुरभि को हर 15 दिन पर पेनिसिलिन का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। गांव में कुशल डॉक्टर नहीं होने के कार सुरभि को हर 15 दिनों में जबलपुर जाना पड़ता था। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी कमजोर सेहत, अभावों के बीच भी सुरभि ने अपनी पढ़ाई से मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने पढ़ाई करना जारी रखा। सुरभि को दसवीं बोर्ड में गणित के साथ विज्ञान में भी शत-प्रतिशत अंक मिले। उन्हें राज्य के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में गिना गया। अपनी लगन के कारण ही इन्होंने कम उम्र में ही पढ़ाई के जरिए उन्होंने अपना नाम स्थापित कर लिया था।
कॉलेज में अंग्रेजी का उड़ा मज़ाक
कक्षा 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद सुरभि गौतम ने एक स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा पास की और उन्होंने भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स में एडमिशन लिया। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह अपने स्कूल की सबसे बेस्ट स्टूडेंट थीं। सुरभि जब स्कूल से निकलकर कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल एकदम अलग था। वो हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके गई थी। लेकिन कॉलेज में अधिकतर छात्र-छात्राएं इंग्लिश बोलते थे। सुरभि को अंग्रेजी बोलने में परेशानी हो��ी थी तो स्टूडेंट उनकी मज़ाक उड़ाते थे। हमेशा अवव्ल आने वाली सुरभि कॉलेज में सबसे पीछे बैठने लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
ऐसे पास की बड़ी परीक्षाएं
अंग्रेजी न आने की मार सहते हुए सुरभि ने ठान लिया कि वो अंग्रेजी सीख कर रहेंगी। उन्होंने रोजाना दिन में कम से कम 10 इंग्लिश के शब्द सीखने शुरू किए। वो दीवारों पर लिखकर शब्दों को याद करने लगी। यहां तक की सपनों में भी वो खुद को अंग्रेजी में बात करते हुए देखने लगी। देखते ही देखते उन्होंने अपनी इस कमजोरी पर काबू पा लिया और इसके बाद उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के फर्स्ट सेमेस्टर में टॉप किया और इसके लिए उन्हें कॉलेज चांसलर अवार्ड भी दिया गया। उन्होंने खुद को कुछ बानाने की ठानी। कॉलेज में प्लेसमेंट के दौरान सुरभि को टीसीएस कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद उन्होंने लगातार BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और सभी को पास कर लिया।
ऐसे बनीं आईएएस
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करते हुए सुरभि गौतम ने साल 2013 में अपने पहले ही प्रयास में आईईएस की परीक्षा भी पास कर ली। इसमें उनकी ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक आई। लेकिन सुरभि ने अपना लक्ष्य आईएएस बनना तय कर रखा था। इसलिए, उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और साल 2016 में देश का सबसे कठिन माने जाने वाले यूपीएससी परीक्षा में सुरभि ने अपने पहले प्रयास में 50वीं रैंक हासिल कर ली।
सुरभि गौतम ने अपनी एबिलिटी के अनुसार खुद को गाइड किया और पहले ही प्रयास में आईएएस बनकर लाखों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गईं। उन्होंने अपनी कमजोरियों को ताकत बनाकर सफलता की नई कहानी लिखकर दूसरों को बता दिया कि अगर मन में दृढ़ संकल्प लेकर किसी काम को किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है।आपको सुरभि गौतम की यह कहानी कैसे लगी आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं साथ ही अपने सुझाव भी दर्ज करा सकते हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-surabhi-gautam-10888.html
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अग्निवीरों की बल्ले बल्ले: रेलवे स्टेशनों पर भी मिलेगा जॉब आफर
अग्निवीरों की बल्ले बल्ले: रेलवे स्टेशनों पर भी मिलेगा जॉब आफर
दिल्ली: केन्द्र सरकार की नई सेना भर्ती को लेकर बनाई गई अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन भले ही जारी हौ। राज्य सरकारे व अन्य किसी संगठन, संस्थान नौकरी देने का दावा कर रहे है। अब रेलवे की ओर से अग्निपथ के बाद रोजगार देने का दावा किया जा रहा है। Delhi Police Driver Jobs 2022: दिल्ली पुलिस में आई ड्राइवर के पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी…
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उत्तराखंड : कलयुगी मां ने 11 माह की बच्ची को जहर देकर मार डाला, खुद भी खाया
उत्तराखंड : कलयुगी मां ने 11 माह की बच्ची को जहर देकर मार डाला, खुद भी खाया
बागेश्वर : गरूड�� क्षेत्र के एक गांव में एक कलयुगी मां ने पहले कुद जहर खाया और फिर 11 माह की बच्ची को भी जहर दे दिया। इससे बच्ची की मौत हो गई। लेकिन, मां का अभी इलाज चल रहा है। महिला ने यह कदम क्यों उठाया पुलिस इसके कारणों में जाने का प्रयास कर रही है।जानकारी के अनुसार दिल्ली में प्राइवेट जॉब करने वाले सूरज गोस्वामी की पत्नी रामा देवी पिछले कुछ समय से अपनी 11 महीने की बच्ची राची के साथ ससुराल से…
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Delhi police busted fake work from home gang and arrested four member with woman
Delhi police busted fake work from home gang and arrested four member with woman
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल के आईएफएसओ यूनिट (IFSO Unit) ने फर्जी वर्क फ्रॉम होम जॉब के गैंग का खुलासा किया है. इस मामले में यूनिट ने गैंग की महिला सदस्य समेत 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहित कुमार, मोहित सिंह, तरुण कुमार के रूप में की गई है. यह सभी मोहन गार्डन इलाके के रहने वाले हैं. वहीं गिरफ्तार महिला टेलीकॉलर मायापुरी की रहने…
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Patna Police arrests five software engineer from hotel room with liquor bottles in Kankarbag area | आज दोस्त की शादी में आए थे सभी, दिल्ली-मुंबई-हैदराबाद में करते हैं जॉब
Patna Police arrests five software engineer from hotel room with liquor bottles in Kankarbag area | आज दोस्त की शादी में आए थे सभी, दिल्ली-मुंबई-हैदराबाद में करते हैं जॉब
पटना5 घंटे पहले कॉपी लिंक पुलिस गिरफ्त में सभी आरोपी। दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए पटना आए 6 सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को पुलिस ने एक साथ गिरफ्तार कर लिया है। इनमें 4 सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोलकाता के रहने वाले हैं। जबकि, पांचवां बेगूसराय का और छठा गया का रहने वाला है। TCS जैसी बड़ी कंपनियों में ये जॉब करते हैं। इनकी पोस्टिंग हैदराबाद, दिल्ली और कोलाकाता में है। बड़े शहरों की बड़ी कंपनियों में जॉब…
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Delhi Crime News: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला फर्जी IAS अधिकारी गिरफ्तार
Delhi Crime News: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला फर्जी IAS अधिकारी��गिरफ्तार
दिल्ली अपराध समाचार: जॉब करने के लिए जॉब करने के लिए आवश्यक होने के कारण यह स्थिति खराब होने की स्थिति में आने के लिए आवश्यक है। ठीक वैसा ही जैसा व्यवहार किया गया था वैसा ही व्यवहार करने के लिए व्यवहार किया गया था। दिल्ली पुलिस का दावा है कि ये ठग 40 से अब तक 2 करोड़ 44 लाख अरब डॉलर है। फिर तापमान में उच्च तापमान (43) है, जो सूरजपुर, ग्रेटर ख़्याल रखने वाला है। फिर से स्थिरांक में पोस्ट किया…
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महान ओलिंपियन से जेल में बंद आरोपित तक: सुशील कुमार का अर्श से फर्श तक के सफर की पूरी कहानी Divya Sandesh
#Divyasandesh
महान ओलिंपियन से जेल में बंद आरोपित तक: सुशील कुमार का अर्श से फर्श तक के सफर की पूरी कहानी
नई दिल्ली सुशील कुमार के वीकिपीडिया पेज पर जाएं तो आपको नजर आता था कि कैसे दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बापरौला गांव से ओलिंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप के पोडियम तक का सफर उन्होंने तय किया। यह कहानी काफी रोमांचक थी। एक प्रेरणादयी कहानी।
हालांकि इसमें एक अपडेट हुआ है। ऐसा अपडेट जिसे कोई भी खेल प्रेमी नहीं देखना चाहेगा। किसी ने इसके बारे में नहीं सोचा होगा। खुद सुशील ने भी नहीं। इस पर लिखा है, ’23 मई 2021 को सुशील को 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़ की हत्या में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।’ और सुशील जो दुनियाभर के पहलवानों को पटखनी दे रहा था, हवालात में उसकी पहली रात रोते हुए बीती।
सुशील को करीब से जानने वाले यही कहते हैं कि यह पहलवान काफी मिलनसार था। वह एक आज्ञाकारी बेटा था और एक ध्यान रखने वाला भाई। एक प्यार करने वाला पति था और एक बहुत ज्यादा जान लुटाने वाला पिता। एक ईमानदार दोस्त था, जो कई बार अपने दोस्तों की मदद करने के लिए लीक से हटकर भी मदद करता था।
लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो सुशील के कथित रूप से अन्य काम धंधों के बारे में जानते होंगे। वे इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्हें इस दिन का डर था। और जो कुछ हुआ उससे उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई।
करीबी कोच ने बताया हाल एक पूर्व राष्ट्रीय कोच जिसने सुशील के साथ बीजिंग ओलिंपिक के दौरान से ही काफी करीब से काम किया। उन्होंने तीन साल के अंतर के बाद 2017 में सुशील की वापसी में अहम भूमिका निभाई। उनका कहना था, ‘आम लोगों और उभरते हुए पहलवानों और अन्य खेलों की ट्रेनिंग करने वालों के लिए छत्रसाल स्टेडियम हमेशा से खेल गतिविधियों के लिए पवित्र स्थान माना ज��ता रहा है।’
‘उभरते हुए ऐथलीट स्टेडियम को हमेशा से एक बड़ा स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूशन समझते रहे हैं। हालांकि इसका एक स्याह पहल�� भी है। इस छत्रसाल स्टेडियम में बिन बुलाए मेहमान, जिनमें से कोई भी खेल से संबंधित नहीं था। वे लोग अकसर स्टेडियम परिसर में आया करते थे और उससे मैदान के बाहर के बिजनस के बारे में चर्चा किए करते। सुशील के बेहद करीबी ही इस चर्चा का हिस्सा हुए करते।’
आरोप है कि सुशील का बाहरी दिल्ली, और पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर्स पर टोल प्लाजा कलेक्शन का बिजनस था। इसके अलावा उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक बड़े भारतीय एफएमसीजी ब्रांड के आयुर्वेद स्टोर से भी सुशील जुड़ा हुआ था। इसके साथ ही उसके करीबी रियल स्टेट, बैड लोन की रिकवरी और प्रॉपर्टी खाली करवाने के बिजनस में थे। रेसलिंग में बड़ा नाम कमाने में असफल रहने वाले पलवानों को भी कथित रूप से टोल प्लाजा पर जॉब दी जाती। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब सुशील और करीबी गैंगस्टर नीरज बवाना और उसके दुश्मन कहे जाने वाले भगौड़ा करार काला जेठड़ी के रिश्तों को खंगाल रही है। यह आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है।
खेल की दुनिया में कमाया नाम सुशील की जिंदगी 2014 से पहले इतनी पेचीदा नहीं थी। ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले 2010 दिल्ली में उन्होंने पहला CWG गोल्ड जीता था और इसके बाद 2018 में गोल्ड कोस्ट में भी सुशील ने सोने का तमगा हासिल किया था। 1998 में वर्ल्ड कैडेट गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के बाद से सुशील को कुश्ती की दुनिया में बड़ा नाम समझा जाने लगा था। सुशील ने 14 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती के लिए दाखिला लिया। सुशील ने 1982 के एशियाड में गोल्ड मेडलिस्ट महाबली सतपाल से ट्रेनिंग लेनी शुरू की, जिनकी बेटी से बाद में सुशील की शादी भी हुई।
सुशील ने धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ीं। 2003 से 2008 के बीच कॉमनवेल्थ और एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीते। 2006 में जब 66 किलोग्राम भारवर्ग में दोहा एशियन गेम्स में सुशील ब्रॉन्ज मेडल जीता वह भारतीय कुश्ती जगत में बड़ा नाम बन चुके थे।
बीजिंग ओलिंपिक में पदक से बदली जिंदगी हालांकि 2008 का साल बड़ी तब्दीली लेकर आया। इस साल सुशील ने बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 56 साल में पहली बार रेसलिंग में मेडल जीतने वाले वह भारतीय पहलवान बने। इससे पहले केडी जाधव ने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2010 में मास्को में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सुशील ने गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले भारत के किसी पहलवान ने यह उपलब्धि हासिल ��हीं की थी।
लंदन में चांदी दो साल सुशील ने लंदन ओलिंपिक में बीजिंग के प्रदर्शन को सुधारा। यहां उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। सुशील का पेट ठीक नहीं था इसके बावजूद चांदी का तमगा हासिल करना एक बड़ी कामयाबी था। ओलिंपिक में दो निजी पदक हासिल करने वाले सुशील पहले भारतीय बने। भारतीय खेल के पोस्टर बॉय बन चुके थे सुशील। कई पहलवानों ने सुशील से प्रेरणा ली। तोक्यो ओलिंपिक में जाने वाले पहलवानों में से तीन रवि दाहिया, बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया- सभी छत्रसाल स्टेडियम से ही निकले हैं।
अंतरराष्ट्रीय करियर में कामयाबियों के चलते सुशील को सरकार ने कई इनाम दिए। कई स्पॉन्सर भी मिले। नॉर्दन रेलवे स्पोर्ट्स असोसिएशन ने 2013 में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के पद पर नौकरी दी (हालांकि मंगलवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया)। बाद में सुशील को डेप्युटेशन पर दिल्ली सरकार के एजुकेशन डिपार्टमेंट में ऑफिसर ऑन स्पेशनल ड्यूटी पर छत्रसाल में लाया गया।
प्राथमिकताएं बदलीं और रेसलिंग ने ली बैकसीट यहां से सुशील की प्राथमिकताएं बदलने लगीं। ऐसे बिजनस में उनका नाम आने लगा जिन्हें साफ तो नहीं कहा जा सकता। स्टेडियम अब सुशील का साम्राज्य बन गया था। जहां वह अपने जॉर्जियाई कोच व्लादीमीर मेस्ताविरिशविली के अंडर अपने साथियों के साथ ट्रेनिंग करता। साथ ही साथ अपने बेहद करीबियों के जरिए अपने बिजनस भी बढ़ाए रखता।
ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद सुशील ने मुकाबले चुनने शुरू कर दिए। इसी वजह से इनचॉन एशियाड में भाग नहीं लिया। सुशील और नरसिंह यादव के बीच 2016 के रियो ओलिंपिक से पहले हुए विवाद को कौन भूल सकता है। इसके बाद हुए डोप विवाद ने मामले को और तूल दिया। इस विवाद ने देश में कुश्ती के समाज को हमेशा के लिए दो हिस्सों में बांट दिया। यहां तक कि सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त भी एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे।
प्रवीण राणा का विवाद नरसिंह के बाद प्रवीण राणा के साथ सुशील का विवाद हुआ। राणा ने आरोप लगाया कि सुशील ने अपने सपॉर्टर्स से उन्हें और उनके भाई को पिटवाया। यह गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ ओलिंपिक से पहले इंदिरा गांधी स्टेडियम में ट्रायल के दौरान की है। सुशील पर मारपीट की प्राथमिकी भी दर्ज हुई।
सुशील का कुश्ती के साथ मोहभंग का एक नजारा तब नजर आया जब 2018 के जर्काता एशियाई खेलों के पहले ही राउंड में उन्हें हार मिली। एक साल बाद नूर सुल्तान में वर्ल्ड चैंपियनशिप, जो तोक्यो ओलिंपिक का क्वॉलिफायर भी था, में भी पहले राउंड में ही सुशील बाहर हो गए। उसके बाद से वह कुश्ती के अखाड़े में नहीं हैं।
फे��रेशन का कामकाज 2016 से 2020 के दौरान स्कूल गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष के तौर पर सुशील ने काम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। शहर की एक फुटबॉलर की मौत के मामले को गलत तरीके से हैंडल करने पर फेडरेशन की काफी आलोचना हुई। नीतिशा नेगी की पेसिफिक स्कूल गेम्स के दौरान ऐडिलेड में मौत हो गई थी। इसके बाद फेडरेशन की मान्यता रद्द कर दी गई थी।
ऐसा लगता है कि मौजूदा विवाद सुशील के दो दशक लंबे रेसलिंग करियर पर पूर्ण विराम लगा सकता है। सभी चाहने वालों के लिए सुशील का तौलिये के पीछे छुपा चेहरा देखना दिल-दुखाने वाला है। पहलवान ने लॉक-अप में अपनी पहली रात रोते हुए काटी थी।
यह वक्त ही बताएगा कि खेलप्रेमी सुशील को कैसे याद करेंगे- एक बड़ा खिलाड़ी या एक जेल गया अपराधी।
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IPL में कप्तानी करेगा Team India का ये खिलाड़ी, क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने छोड़ी थी पुलिस की जॉब
IPL में कप्तानी करेगा Team India का ये खिलाड़ी, क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने छोड़ी थी पुलिस की जॉब
नई दिल्ली: भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन इस साल IPL में पहली बार कप्तान करते हुए नजर आएंगे. राजस्थान रॉयल्स ने इस साल स्टीव स्मिथ को टीम से रिलीज कर संजू सैमसन को नया कप्तान बनाया था. 26 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने टीम इंडिया के लिए 7 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. हालांकि उनका प्रदर्शन बहुत साधारण रहा है. इसी वजह से ऋषभ पंत के सामने उनकी चमक फीकी पड़ गई. IPL में बेहतर रहा संजू का…
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तिमारपुर में आपसी रंजिश में नाबालिग को मारी गोली, आरोपी हमलावर फरार
तिमारपुर में आपसी रंजिश में नाबालिग को मारी गोली, आरोपी हमलावर फरार
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप नई दिल्ली19 घंटे पहले कॉपी लिंक नार्थ दिल्ली के तिमारपुर इलाके में एक नाबालिग को गोली मार दी गई। गोली हाथ में आरपार हो गई। घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमलावर तीन की संख्या में थे। पुलिस हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर जांच कर रही है। पुलिस ने बताया 17 वर्षीय लड़का गोपालपुर गांव में रहता है। वह प्राइवेट जॉब करता…
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तिमारपुर में आपसी रंजिश में नाबालिग को मारी गोली, आरोपी हमलावर फरार [Source: Dainik Bhaskar]
तिमारपुर में आपसी रंजिश में नाबालिग को मारी गोली, आरोपी हमलावर फरार [Source: Dainik Bhaskar]
नार्थ दिल्ली के तिमारपुर इलाके में एक नाबालिग को गोली मार दी गई। गोली हाथ में आरपार हो गई। घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमलावर तीन की संख्या में थे। पुलिस हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर जांच कर रही है। पुलिस ने बताया 17 वर्षीय लड़का गोपालपुर गांव में रहता है। वह प्राइवेट जॉब करता है। करीब दो साल पहले पड़ोसी का किसी से झगड़ा हो गया था। तब नाबालिग ने पड़ोसी का साथ दिया था। इस वजह से…
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