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#थायरॉइड के कारण वजन बढ़ना
ayurvedawellness23 · 1 year
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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण जानकारी
विषयसूची
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
प्राकृतिक उपचार आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
आहार और थायरॉइड के संबंध
योग और प्राणायाम
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के लिए अपनी जांच और उपचार की जरूरत
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक ग्रंथि है जो गले के नीचे स्थित होती है और थायरोइड हॉर्मोन का निर्माण करती है। थायरॉइड हॉर्मोन हमारे शरीर के ऊर्जा स्तर, वजन, मस्तिष्कीय कार्यक्षमता और मनोवृत्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
थायरॉइड के प्रकार
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम रूप से देखे जाने वाले हैं:
अत्यधिक थायरॉइड (हाइपरथायरॉइडिज़म)
अत्यंत कम थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़म)
ग्रेव्स रोग
गठिया
थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड के विभिन्न प्रकार के लक्षणों में थकान, तेजी से वजन घटना या बढ़ना, ध्यान न लगना, चिंता, तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप, मूड स्विंग्स, बालों का झड़ना, बाहरी सूजन, चक्कर आना शामिल हो सकते हैं।
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, नियमित आहार की कमी, विषाक्त पदार्थों का सेवन, मानसिक तनाव, एक गलत जीवनशैली, गर्भावस्था, यात्रा, उम्र का बढ़ना और अनुवांशिकता।
थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार कई आपूर्ति प्रणालियों पर आधारित होते हैं। यह उपचार हमारे शरीर को संतुलित करके थायरॉइड के समस्याओं को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग
थायरॉइड के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाएं आमतौर पर प्राकृतिक होती हैं। इन दवाओं का उपयोग विभिन्न जड़ी बूटियों, पौधों, औषधियों और घरेलू नुस्खों से किया जाता है। यह दवाएं थायरॉइड के संतुलन को सुधारने, थकान को कम करने, शरीर को मजबूत बनाने और विभिन्न लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
आहार और थायरॉइड के संबंध
थायरॉइड के रोगियों के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने आहार में प्रोटीन, पौष्टिक तत्व, विटामिन और खनिजों को सम्मिलित करना चाहिए। केले, शाकाहारी भोजन, भूख बढ़ाने वाले आहार और फलों का सेवन करना उनके लिए लाभदायक हो सकता है।
योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्राणायाम के द्वारा शरीर में ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है और थायरॉइड के लक्षणों को कम किया जा सकता है। कुछ योगासन जैसे कि सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन और शीर्षासन भी थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन
स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना थायरॉइड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समय पर सोना, नियमित व्यायाम करना, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन कम करना, तनाव को कम करना और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
सुझाव और उपाय
थायरॉइड के उपचार के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ये लें।
स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें और योग और प्राणायाम का अभ्यास करें।
तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
अपनी जांच करवाएं और उपचार की जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सा पेशेवर की सलाह लें।
यदि आपको थायरॉइड के किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो आपको एक चिकित्सा पेशेवर की सलाह लेनी चाहिए। थायरॉइड रोग के निदान के लिए आपकी जांच और परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। एक विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेगा और सही उपचार योजना तैयार करेगा।
आयुर्वेदिक उपचार के लाभ
आयुर्वेदिक उपचार थायरॉइड के लिए बहुत लाभदायक हो सकते हैं। ये उपचार शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर सुधार करने में मदद करते हैं। वे शरीर को बढ़ावा देते हैं, ऊर्जा स्तर को बढ़ाते हैं, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारते हैं और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
थायरॉइड के उपचार के साथ स्वस्थ जीवन
थायरॉइड के उपचार के साथ, आप अपने जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक बना सकते हैं। नियमित व्यायाम, सही आहार, योग और प्राणायाम, ध्यान और मनोयोग के अभ्यास करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार के साथ थायरॉइड के लिए सत्यापित फायदे
थायरॉइड के लिए आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करने से आपको निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। इन उपचारों का उपयोग करके आप थायरॉइड के लक्षणों को कम कर सकते हैं, अपने शरीर को संतुलित रख सकते हैं और स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
समापन
लेख में आयुर्वेदिक उपचार, संतुलित आहार, व्यायाम और योग को थायरॉइड के समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। पाठकों को व्यक्तिगत उपचार योजना के लिए हेल्थकेयर पेशेवरों से परामर्श करने की सलाह दी गई। आयुर्वेदिक देखभाल, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से थायरॉइड को संभालने में मदद मिलती है। थायरॉइड से संबंधित समस्याओं का समय पर प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। आयुर्वेदिक ज्ञान को ग्रहण करें और संयंत्रित और स्वस्थ थायरॉइड के प्रति प्रयास करें।
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tvhealth1 · 2 years
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Thyroid in Hindi - थायराइड क्या है और जानिए इसके कारण, लक्षण, निदान और घरेलू उपचार?
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थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid in Hindi?)
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Thyroid in Hindi - सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि ये अपने आप में किसी बीमारी का नाम नहीं है, लेकिन ये थायराइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली से जुड़ी समस्या है, क्योंकि इसकी वजह से कई और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती है, इसलिए इसके प्रति सजगता जरूरी है। दरअसल ये ग्लैंड गले के निचले हिस्से में स्थित होता है, इसके निचले हिस्से में खास तरह के हार्मोन टी-3 और टी-4 का स्त्राव होता है। जिसकी मात्रा के असंतुलन का असर सेहत पर भी पड़ता है।  बच्‍चों में थायराइड - Thyroid in Children in Hindi थायराइड जैसी समस्या बड़ों को होने वाली समस्या है, लेकिन आजकल थायराइड (Thyroid in Hindi) बच्चों को भी हो सकता है। पुरुषों और बच्चों की तुलना में महिलाओं को थायराइड की समस्या अधिक होती है। बच्चों में ये समस्या तब होती है जब आप बच्चों के खानपान की आदतों पर अच्छे से ध्यान नहीं देते हैं। इसमें गले में मौजूद तिलती के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये ग्रंथि हार्मोन का निर्माण करती है। ये शरीर की सभी कोशिकाों को ठीक से काम करने के लिए थायराइड हार्मोन की आवश्यकता होती है। थायराइड हार्मोन बॉडी की कई गतिविधियों को कंट्रोल करने का काम करता है, जैसे बॉडी कितनी तेजी से ऊर्जा का इस्तेमाल करती है और दिल कितनी तेजी से धड़कता है।  साथ ही ये हार्मोन शरीर के वजन, तापमान, मांसपेशियों और मूड को कंट्रोल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं थायराइड (Thyroid in Hindi) हार्मोन के अंसतुलित होने पर इसके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। 
थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi)
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थायराइड हार्मोन मेटाबोलिक रेट, भोजन ग्रहण करने और थर्मोजेनेसिस को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। हाइपरथायराइडिज्म में थायराइड हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगता है। इसमें टी-3 और टी-4 का लेवल बढ़ने और टीएसएच का लेवल घटने लगता है। कभी-कभी थायराइड ग्रंथि की सूजन की वजह से स्थायी तौर पर हाइपोथाइराडिजम हो सकता है।    साथ ही थायराइड (Thyroid in Hindi) का दूसरा प्रकार है हाइपरथाइराडिज्म जिसमें थायराइड हार्मोन कम बनने लगता है और टी-3 और टी-4 की सीरम लेवल घटने और टीएसएच का लेवल बढ़ने लगता है।  थायराइड से जुड़ी सामान्य समस्याएं -  - हाइपोथायरोडिज्म - इसमें थायराइड ग्रंथ के अधिक सक्रिय होने की वजह से थायराइड हार्मोन का अत्यधिक स्त्राव होने लगता है। - हाइपोथायराइ़डि ज्म - इसमें थायराइड ग्रंथि सामान्य से कम मात्रा में थायराइड हार्मोन का स्त्राव करती है।  - थायराइड कैंसर - एंडोक्राइन ट्यूमर का सबसे खतरनाक रूप कैंसर ही है। ऊतकों के आधार पर थायराइड कैंसर कुछ इस प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है।   
थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
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थायराइड ग्रंथि की अतिसक्रियता की वजह से शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है, जिसकी वजह से कुछ इस प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होने लगती है -  घबराहट  नींद न आना चिड़चिड़ापन रहना  हाथों में कंपन  अधिक पसीना आना  दिल की धड़कन का बढ़ना  वजन अचनाक घटना  अत्यधिक भूख लगना  मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द रहना  महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमित रहना  बालों का पतला होने या अधिक झड़ना  ओस्टियोपोरोसिस से हड्डियों में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि। 
थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता 
थायराइड (Thyroid in Hindi) की अल्पसक्रियता की वजह से हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है, जिसकी वजह से कुछ इस प्रकार की परेशानियां होने लगती है -  धड़कनो का धीमा होना  हमेशा थकावट का अनुभव  सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील  वजन का बढ़ना  पसीना नहीं आना या कम आना  स्किन में सूखापन और खुजली होना  जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में ऐठन  बालों का अधिक झड़ना  कब्ज की समस्या  नाखुनों का पतला होकर टूटना  कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना  मासिक धर्म में अनियमितता आना  बार-बार भूलना  आंखों में सूजन  कब्ज रहना  सोचने-समझने में परेशानी होना 
थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi)
थायराइड (Thyroid in Hindi) से जुड़े रोग होने के काफी कारण है, जिन्हें ध्यान में रखकर इस बीमारी से शुरुआती दौर में ही बचा जा सकता है और इसके कारण है - जरूरत से ज्यादा सोया प्रोटीन, कैप्सूल और पाउड का सेवन करना  अधिक स्ट्रेस लेना  दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी थायराइड हो सकता है धूम्रपान करना  आयोडिन की कमी या अधिकता  ये अनुवांशिक हो सकता है यदि आपके परिवार में किसी को थायराइड की बीमारी है तो आपको भी समस्या के होने के अधिक होने चांसेस है।  हाशिमोटो रोग, ग्रेव्स रोग, ग्वाइटर जैसे कुछ खास रोग भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।  प्रेग्नेंसी के समय औरत के शरीर में बड़े पैमाने पर हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से थायराइड (Thyroid in Hindi) हार्मोन प्रभावित हो सकते हैं। अन्य कारण  1. हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease) ये डिजीज थायराइड ग्रंथि के किसी एक भाग को निक्रिय बना दें है।  2. थायरॉइड ग्रंथि में सूजन (Thyroiditis) ये थायराइड (Thyroid in Hindi) ग्रंथि में सूजन आने की वजह से होती है। इसकी शुरूआत में इसमे थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है और बाद में इसमें कमी आ जाती है। इस कारण हाइपोथायरायडिज्म होता है। कई बार ये महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखा जाता है।  3. ग्रेव्स रोग (Graves–disease) ग्रेव्स रोग व्यस्क व्यक्तियों में हाइपोथायरायडिज्म होने का मुख्य वजह है। इस बीमारी में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबायोडिट्स का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। ये अनुवांशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।         4. गण्डमाला रोग (Goitre) ये रोग घेंघा डिजीज की वजह से भी हो सकता है।  5. विटामिन बी12 (Vitamin B12) विटामिन बी 12 की वजह से हाइपोथारायडिज्म हो सकता है। 
थायराइड को कैसे करें कंट्रोल - Tips to control Thyroid
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थायराइड ग्लैंड में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने की वजह से ये समस्या होती है। थायराइड (Thyroid in Hindi) को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज और दवा ये तो लाभ मिलते है। साथ ही ऐसी डाइट भी बेहद मायने रखती है जो थायराइड को कंट्रोल करें और वह कुछ इस प्रकार है -  1. जंक फूड दूर रहे (stay away from junk food) जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड को अपने जीवन से हटा दें। प्रोसेस्ड फूड ने हमारे दैनिक जीवन में ऐसी पैठ बना ली है कि, यह एक गंभीर परीक्षा की तरह लग सकता है, लेकिन एक बार जब आप अपने जीवन से सही चीजों की पहचानना और हटाना सीख जाते हैं, तो आप अपने स्वास्थ्य में एक स्पष्ट सुधार देखेंगे। 2. नियमित व्यायाम (Regular Exercise) हमारा जीवन हमारे पूर्वजों की तुलना में बहुत अधिक गतिहीन है और यही कारण है कि हमें बहुत अधिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उस शरीर को हिलाएं चाहे वह तेज चलना, नृत्य, योग या अपनी पसंद की कोई अन्य गतिविधि हो। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न करना है। 3. धीरे खाओ (Eat Slow) यह सुनने में भले ही अच्छा लगे, लेकिन अपने भोजन में जल्दबाजी करने से आपके शरीर को तृप्त होने का मौका नहीं मिलता। सोच-समझकर खाना खाने और जानबूझकर चबाकर खाने से थायराइड (Thyroid in Hindi) और दिमाग के बीच संबंध बन जाता है जिससे आप अपने भोजन से अधिक संतुष्ट हो जाते हैं। चूंकि थायरॉयड ग्रंथि चयापचय के लिए जिम्मेदार है, इसलिए धीमी गति से खाने से चयापचय प्रक्रियाओं को बढ़ाने में मदद मिलती है। 4. योग (Yoga) योग आसनों के चमत्कारों से दुनिया जाग रही है। योग के अभ्यास से कई लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। संपूर्ण अंतःस्रावी तंत्र योग के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है। विशेष रूप से फायदेमंद है शोल्डर स्टैंड थायराइड स्वास्थ्य के लिए। 5. कुक योर ग्रीन्स (Cook Your Greens) कुछ क्रूस वाली सब्जियां अपने प्राकृतिक रूप में खाने से थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid in Hindi) के इष्टतम कामकाज में बाधा आती है। तो गोभी, गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली और फूलगोभी के अपने हिस्से को स्मूदी और सलाद में नहीं बल्कि उनके पके हुए संस्करणों में लें। अपने कच्चे रूप में इन सब्जियों में गोइट्रोजेन होते हैं जो थायरॉइड ग्रंथि के संतुलन को बिगाड़ देते हैं। 6. वसा खाएं (Eat the Fat) थायरॉइड ग्रंथि बेहतर ढंग से काम करती है जब इसे मक्खन और घी जैसे पर्याप्त स्नेहक प्रदान किए जाते हैं। इसलिए यदि आप डेयरी-मुक्त जा रहे हैं या यदि आप कम वसा वाले आ���ार को पसंद करते हैं, तो आप बदलना चाह सकते हैं। 7. प्रोबायोटिक्स खाएं (Eat Probiotics) एक और चीज जो थायरॉयड ग्रंथि को संतुलन की स्थिति तक पहुंचने में मदद करती है, वह है भोजन में पर्याप्त प्रोबायोटिक्स होना। इसलिए दही, एप्पल साइडर विनेगर और टेम्पेह सभी को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य में सुधार करते हैं और थायराइड (Thyroid in Hindi) के मुद्दों से निपटने में मदद करते हैं।
थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Thyroid Disease in Hindi)
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आप थायराइड (Thyroid in Hindi) को नीचे दिए हुए घरेलू उपचार की मदद से इसमें सुधार पाया जा सकता है जो कुछ इस प्रकार है -  1. मुलेठी से थायरॉइड का इलाज (Mulethi: Home Remedies for Thyroid Treatment in Hindi) जन्हें थायराइड है और आप इसे ठीक करना चाहते हैं तो मुलेठी का सेवन आपके लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो थायराइड ग्रंथी को संतुलित करके थकान को एनर्जी में बदल देता है।  2. अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से थायरॉइड का इलाज (Ashwagandha Churna: Home Remedy for Thyroid in Hindi) अश्वगंधा थायराइड को कंट्रोल करने में काफी लाभदायक औषधि मानी जाती है, इसके लिए आप चाहें तो इसकी पत्तियों या जड़ों को उबाल कर पी सकते हैं। या फिर 200 से 1100 मिलीग्राम अश्वगंधा चूर्ण लें और इसकी चाय में मिलाकर इस्तेमाल करें। आप चाहें तो इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए इसमें तुलसी के पत्ते भी मिलाकर पी सकते हैं।  3. थायरॉइड का घरेलू उपचार तुलसी से (Tulsi: Home Remedies to Treat Thyroid in Hindi) थायराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं। इसके बाद एक गिलास ताजे पानी में तुलसी की एक दो बून्द और कुछ ना खाएं। रोजाना ऐसा करने से थायराइड की बीमारी (Thyroid in Hindi) जल्दी ठीक हो जाती है।  4. थायरॉइड का घरेलू इलाज हरी धनिया से (Dhaniya: Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi) धनिया में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन का लेवल स्वाभाविक रूप से थायराइड को ठीक करने और थायराइड हार्मोन में उत्पादन को कंट्रोल करने का काम करता है। आप रात भर एक गिलास पानी में 2 चम्मच धनिया के बीज भिगोकर इसका उपाय बना सकते हैं।  5. त्रिफला चूर्ण से थायरॉइड से लाभ (Triphala: Home Remedies to Thyroid Treatment in Hindi) त्रिफला जैसी औषधी से थायराइड हार्मोन (Thyroid in Hindi) को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। थायराइड को कंट्रोल करने के लिए त्रिफला चूर्ण भी काफी प्रभावी होता है। त्रिफला तीन आयुर्वेदिक औषधियों को मिश्रण होता है। रोजाना गर्मी पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से थायराइड हार्मोन कंट्रोल हो सकता है।  6. हल्दी और दूध से थायरॉइड की बीमारी का इलाज (Turmeric and Milk: Home Remedies for Thyroid Treatment in Hindi) थाइराइड की समस्या में हल्दी दूध का सेवन अधिक लाभदायक होता है। इसके सेवन से आपके शरीर में थाइराइड का स्तर हमेशा कंट्रोलमें रहता है। साथ ही आप चाहे तो थाइराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हल्दी को भुनकर भी खा सकते हैं।  7. लौकी के उपयोग से थायरॉइड में फायदा (Gourd: Home Remedy to Treat Thyroid Disease in Hindi) लौकी का जूस थायराइड के लिए फायदेमंद साबित होता है। लौकी के जूस को सुबह खाली पेट लेने थायराइड कम (Thyroid in Hindi) होने लगता है। लौकी का जूस पीने से एनर्जी बूस्ट होती है। इससे शरीर में ताकत बनी रहती है।  8. काली मिर्च के सेवन से थायरॉइड का उपचार (Black Pepper: Home Remedy for Thyroid Treatment in Hindi) काली मिर्च थायराइड में काफी राहत पहुंचाती है। आप खड़ी काली मिर्च या पाउडर के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। आप थायराइड की बीमारी कहने को तो बीमारी होती है, लेकिन ये बहुत ही गंभीर साबित भी हो सकती है, इसलिए थायराइड के लक्षणों को ध्यान में रखें और कोई भी लक्षण प्रकट होने पर तुरंत चेकअप करवाएं।  9. थायरॉइड के इलाज में उपयोगी है शिग्रु पत्र, कांचनार और पुनर्नवा का काढ़ा (Shignu Patra, Kanchnar and Punarnva decoction helps in Treatment of Thyroid) आयुर्वोदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शिग्रु पत्र और पुनर्नवा इन सभी हर्ब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो थायराइड की सूजन में आराम देती है, इसलिए यदि आप थायराइड (Thyroid in Hindi) से परेशान है तो कांचनार, शिग्रु पत्र और पुनर्नवा के काढ़े का इस्तेमाल कर सकते है।  10. थायरॉइड की समस्या में आराम पहुंचाता है अलसी का चूर्ण (Benefits of Flaxseed Powder for Thyroid in Hindi) अलसी का बीज सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें कैलोरी, सोडियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, कैल्शियम के अलावा अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो थायराइड के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद करता है।   11. थायरॉइड के इलाज में सहायक है नारियल का तेल (Benefits of Coconut Oil in Treatment of Thyroid in Hindi) जिन लोगोंं के थायराइड के कारण हाथ और पैर ठंडे रहते हैं, उन लोगों के लिए ये तेल बहुत फायदेमंद होता है। आप नारियल तेल को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसके तेल में सब्जियां भी पका सकते हैं। थायराइड की समस्या को कंट्रोल (Thyroid in Hindi) करने के लिए आप हफ्ते में 3-4 बार नारियल पानी का सेवन भी कर सकते हैं। 
थायरॉइड के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Thyroid Disease)
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थायराइड की समस्या (Thyroid in Hindi) में खान-पान का बहुत ध्यान रखना पड़ता है जो कुछ स प्रकार है -  थायराइड की बीमारी (Thyroid in Hindi) में कम फेट वाले आहार का सेवन करें।  अधिक से अधिक फलों और सब्��ियों को भोजन में शामिल करें।  थायराइड के घरेलू उपचार के अंतर्गत दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए।  थायराइड के घरेलू इलाज के लिए आप विटामिन-ए का एक अधिक सेवन करें। इसके लिए गाजर खा सकते हैं।  गेंहू और ज्वार का सेवन करें।  मुलेठी मेें मौजूद तत्व थायराइ़ड ग्रंथि को संतुलित बनाते हैं ये थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।  आयोडिन युक्त आहार का सेवन करें।  पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायराइड नियंत्रण करने में सहायता करता है। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। इनमें उचित मात्रा में आयरन होता है, जो थायराइड (Thyroid in Hindi) के रोगियों के लिए फायदेमंद है।  आप नट्स जैसे बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें। साथ ही इनमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो थायराइड (Thyroid in Hindi) में लाभदायक होती है।  थायरॉइड के दौरान जीवनशैली (Your Lifestyle for Thyroid Disease) थायराइड के समय जीवनशैली (Thyroid in Hindi) में ये सब बदलाव करना चाहिए -  स्ट्रेस मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें  रोजाना योगासन करें  थायरॉइड के लिए परहेज (Avoid These in Thyroid) जंक फूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार को नहीं खाएं।  धूम्रपान, एल्कोहल आदि नशीले पदार्थों से बचें।  योगासन से थायरॉइड का उपचार (Yoga for Thyroid Disease) थायरॉइड (Thyroid in Hindi) का उपचार इन योगासन द्वारा किया जा सकता है जो कुछ इस प्रकार है -  सूर्य नमस्कार पवनमुक्तासन सर्वांगासन हलासन उष्ट्रासन मत्स्यासन भुजंगासन निष्कर्ष (conclusion)  आप हमारे आर्टिकल के द्वारा थायराइड की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन इससे पहले थायराइड का अच्छे से जांच करवाएं और डॉक्टर सलाह लें। इसे आगे जारी रखने के लिए इस  TV Health पर क्लिक करें। Read the full article
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doonitedin · 3 years
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इस बीमारी के कारण अपना चेहरा नहीं पहचान पाती थी छोटे पर्दे की 'कुमकुम', आवाज भी बदल गई थी, जानें गंभीर लक्षण
इस बीमारी के कारण अपना चेहरा नहीं पहचान पाती थी छोटे पर्दे की ‘कुमकुम’, आवाज भी बदल गई थी, जानें गंभीर लक्षण
बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: साल 2002 से साल 2009 तक छोटे पर्दे पर ‘कुमकुम- एक प्यारा सा बंधन’ सीरियल के द्वारा एक्ट्रेस जूही परमार ने काफी लोकप्रियता हासिल की. उन्होंने भारतीय घरों में टीवी के नाम कुमकुम से पहचाना जाने लगा. इन्हीं जूही परमार ने कई साल तक थायरॉइड की बीमारी (Juhi Parmar suffered Thyroid problem) झेली है. जिसके कारण उनका वजन इतना बढ़ गया था कि वह अपना चेहरा तक ढंग से…
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omthedevinename · 4 years
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थायराइड के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त व कफ के कारण थायरॉइड संबंधित रोग होता है। जब शरीर में वात एवं कफ दोष हो जाता है तब व्यक्ति को थायरॉइड होता है। आप थायराइड का इलाज करने के लिये आयुर्वेदिक तरीकों को आजमा सकते हैं। आयुर्वेदीय उपचार द्वारा वात और कफ दोषों को सन्तुलित किया जाता है। अच्छी बात तो यह है कि आप थायरॉइड का घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi) थायरॉइड ग्रंथि विकार दो प्रकार के होते हैं- * थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) * अल्पसक्रियता (Hypothyrodism) थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism) यह थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण होने वाला रोग है। इसकी अतिसक्रियता के कारण T4  और T3 harmone  का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही Hyperthyroidism  कहते हैं। पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती है। थायराइड जड़ से खत्म करने के उपाय को सही तरीके से काम करने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। * थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिकता के कारण शरीर में चयापचय यानी Metabolis  बढ़ जाता है और हर काम तेजी से होने लगता है। * घबराहट * चिड़चिड़ापन * अधिक पसीना आना। * हाथों का काँपना। * बालों का पतला होना एवं झड़ना। * अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी) * मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना। * दिल की धड़कन का बढ़ना। * बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है। * महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है। * ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हो जाता है जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) तेजी से खत्म होता है। अल्पसक्रियता (Hypothyrodism) अवटु ग्रंथि की अल्प सक्रियता के कारण Hypothyroidism हो जाता है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती हैः- * धड़कन की धीमी गति। * हमेशा थकान बने रहना। * अवसाद (Depression) * सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना। * Metabolism धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना। * नाखूनों का पतला होना एवं टूटना। * पसीने में कमी। * त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना। * जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना। * बालों का अधिक झड़ना। * कब्ज * आँखों में सूजन। * बार-बार भूलना। * कन्फ्य (at Agra, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/CJkQFRisnOY/?igshid=1l4ot6ngik482
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