#थायराइड की स्थिति
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क्या महिलाएं थायराइड से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं
थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथि गले में स्थित होती है और थायरॉक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) नामक हार्मोन का उत्पादन करती है। थायराइड की समस्याएं कई लोगों को प्रभावित करती हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि महिलाएं इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित क्यों होती हैं? आइए, इस सवाल का उत्तर खोजते हैं और जानते हैं कि थायराइड की समस्याओं…
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👨⚕️अनियमित दिल की धड़कन: कारक और उपाय
अनियमित दिल की धड़कन (अरिथमिया) का समझना जरूरी है। यह कई कारकों से हो सकता है। Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology), इन कारकों को पहचानने की महत्वता को बताते हैं ताकि दिल की स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके।
जीवनशैली के चयन: धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, और निष्क्रिय जीवनशैली जैसी खराब आदतें अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकती हैं। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार जैसे सकारात्मक परिवर्तन करना इस खतरे को काफी कम कर सकता है।
चिकित्सा अवस्थाएं: उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थायराइड विकार, और दिल की बीमारी जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियां दिल की धड़कन को बिगाड़ सकती हैं। इन स्थितियों का सही प्रबंधन दवा और जीवनशैली में परिवर्तन के माध्यम से महत्वपूर्ण है।
तनाव और चिंता: दिनचर्या में तनाव और चिंता दिल की धड़कन को कुछ लोगों में बढ़ा सकते हैं। ध्यान देने वाली तकनीकों को सीखना जैसे कि ध्यान, गहरी सांस लेने की अभ्यास और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवर मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।
दवा और पदार्थ: कुछ दवाओं, और अनुधान दवाओं और उत्तेजक दवाओं जैसे गैर-वैध ड��रग्स और स्टिमुलेंट्स, दिल के विद्युत प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे अरिथमिया हो सकती है।
आनुवंशिक कारक: परिवार में धड़कन की अरिथमिया या अन्य दिल की स्थितियों का इतिहास दिल की स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यदि आप पल्पिटेशन, चक्कर, सीने में असहजता, या बेहोशी की स्थिति जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो उन्हें नज़रअंदाज न करें। डॉ. एम.डी. फरहान शिकोह से संपर्क करें, सुकून हार्ट केयर, सैनिक मार्केट, मुख्य सड़क, रांची, झारखंड: 834001 पर। आज ही अपने दिल की स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। drfarhancardiologist.com पर जाएं या अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें , 062007 84486।
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महिलाओं में थायराइड के लक्षण:
थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो हमारे शरीर के सामान्य क्रियाओं को नियंत्रित करती है। महिलाओं में थायराइड के असंतुलन से जुड़े कुछ मुख्य लक्षण हैं:
हाइपोथाइरॉइड यानी शरीर में टीएसएच अधिक और टी श्री. टी फोर कम होने पर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द बना रहता हैयह थायराइड का प्रमुख लक्षण है।
थायराइड बढ़ने पर गर्दन में सूजन आती है। गर्दन में सूजन या भारीपन का एहसास होता है तो यह थायराइड होने का लक्षण है।
हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में त्वचा में रूखापन, बालों का झड़ना जैसी समस्याएं होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में बालों का तेजी से झड़ना और संवेदनशील त्वचा जैसे लक्षण दिखने लगते है। त्वचा के ऊपरी हिस्से में सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी हो जाती है।
लंबे समय तक कब्ज की समस्या हाइपोथाइरॉइड में होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में डायरिया की प्रॉब्लम बार-बार होती है।
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान थाइरॉइड की स्थिति में पेट में दर्द अधिक रहता है। हाइपरथाइरॉइड में अनियमित पीरियड्स रहते है। थाइरॉइड की स्थिति में गर्भ धारण करने में भी दिक्कत होती है।
हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में अवसर तेजी से वजन बढ़ता है और शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का सार भी बढ़ जाता है। हाइपरथाइरॉइड में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम हो जाती है।
बिना काम के थकान महसूस होती हैछोटी-छोटी बातों पर घबराहट होने लगती है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है। यह थायराइड होने के लक्षण है।
यदि किसी व्यक्ति की हृदय गति में बदलाव हो जाता है और वह सामान्य से तेज चलने लगती है। और हृदय गति में बदलाव वायराइड के होने का संकेत होता है।
बाइराइड होने पर हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैमानव शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ जाता है
थाइराइड की समस्या होने पर व्यक्ति डिप्रेशन में रहने लगता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता हैदिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है।
जब भी शरीर में थायराइड की समस्या होती है तब हाथ पैर के नालून शुष्क और रखे होने लगते है और नाखून में सफेद लाइन पड़ने लगती है और यह जल्दी टूटने लगते है। महिला की आंखों में दर्द खुजली और आंख लाल पहने जैसी परेशानी होती है।
वायराइड होने पर बहुत सारी महिलाओं को यौन उत्तेजना में रूचि कम हो जाती है और धीरे-धीरे यौन से घृणा हो जाती है।
थायराइड होने के कारण महिलाओं को होने वाले पीरियड्स में भी प्रभाव पड़ता है जैसे सामान्य रूप से चलने वाला 28 दिन का पीरियड्स लगभग 40 दिन तक चल सकता है या कम भी हो सकता है। पीरियड्स जल्दी भी आने लगता है
अगर आपको ऐसे किसी लक्षण का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और उपयुक्त उपचार के लिए सलाह लें। सही समय पर विशेषज्ञ को दिखाएं
12 साल से अधिक का अनुभव - डॉ. सोनिका पांडेय
Senior Consultant Medicine
MBBS (Gold Medalist), MD Medicine अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91-9508253716 Visit: - नेफ्रो केयर क्लिनिक: इटकी रोड, पिस्का मोड़, रांची, झारखंड समय: सोमवार से शनिवार: 1:30 बजे से 3:00 बजे तक और शाम: 6:00 बजे से 7:30 बजे तक, रविवार का समय: सुबह 11:00 बजे से 2:00 बजे तक Visit: - रांची ट्रस्ट अस्पताल: इटकी रोड, कटहल मोड़, रांची, झारखंड - 835005 समय:सोमवार से शनिवार: सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक और जानकारी के लिए हमें फॉलो करें: वेबसाइट: https://drsonikapandey.com/ https://www.facebook.com/drsonikapandey https://www.instagram.com/seniorconsultantmedicine https://twitter.com/Drsonikapandey https://www.tumblr.com/drsonikapandey https://medium.com/@Drsonikapandey https://www.linkedin.com/in/drsonikapandey https://www.minds.com/bestgeneralphysician
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महिलाओं में थायराइड के लक्षण:
थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो हमारे शरीर के सामान्य क्रियाओं को नियंत्रित करती है। महिलाओं में थायराइड के असंतुलन से जुड़े कुछ मुख्य लक्षण हैं:
हाइपोथाइरॉइड यानी शरीर में टीएसएच अधिक और टी श्री. टी फोर कम होने पर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द बना रहता हैयह थायराइड का प्रमुख लक्षण है।
थायराइड बढ़ने पर गर्दन में सूजन आती है। गर्दन में सूजन या भारीपन का एहसास होता है तो यह थायराइड होने का लक्षण है।
हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में त्वचा में रूखापन, बालों का झड़ना जैसी समस्याएं होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में बालों का तेजी से झड़ना और संवेदनशील त्वचा जैसे लक्षण दिखने लगते है। त्वचा के ऊपरी हिस्से में सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी हो जाती है।
लंबे समय तक कब्ज की समस्या हाइपोथाइरॉइड में होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में डायरिया की प्रॉब्लम बार-बार होती है।
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान थाइरॉइड की स्थिति में पेट में दर्द अधिक रहता है। हाइपरथाइरॉइड में अनियमित पीरियड्स रहते है। थाइरॉइड की स्थिति में गर्भ धारण करने में भी दिक्कत होती है।
हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में अवसर तेजी से वजन बढ़ता है और शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का सार भी बढ़ जाता है। हाइपरथाइरॉइड में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम हो जाती है।
बिना काम के थकान महसूस होती हैछोटी-छोटी बातों पर घबराहट होने लगती है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है। यह थायराइड होने के लक्षण है।
यदि किसी व्यक्ति की हृदय गति में बदलाव हो जाता है और वह सामान्य से तेज चलने लगती है। और हृदय गति में बदलाव वायराइड के होने का संकेत होता है।
बाइराइड होने पर हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैमानव शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ जाता है
थाइराइड की समस्या होने पर व्यक्ति डिप्रेशन में रहने लगता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता हैदिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है।
जब भी शरीर में थायराइड की समस्या होती है तब हाथ पैर के नालून शुष्क और रखे होने लगते है और नाखून में सफेद लाइन पड़ने लगती है और यह जल्दी टूटने लगते है। महिला की आंखों में दर्द खुजली और आंख लाल पहने जैसी परेशानी होती है।
वायराइड होने पर बहुत सारी महिलाओं को यौन उत्तेजना में रूचि कम हो जाती है और धीरे-धीरे यौन से घृणा हो जाती है।
थायराइड होने के कारण महिलाओं को होने वाले पीरियड्स में भी प्रभाव पड़ता है जैसे सामान्य रूप से चलने वाला 28 दिन का पीरियड्स लगभग 40 दिन तक चल सकता है या कम भी हो सकता है। पीरियड्स जल्दी भी आने लगता है
अगर आपको ऐसे किसी लक्षण का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और उपयुक्त उपचार के लिए सलाह लें। सही समय पर विशेषज्ञ को दिखाएं
12 साल से अधिक का अनुभव - डॉ. सोनिका पांडेय
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MBBS (Gold Medalist), MD Medicine
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Shighrapatan (शीघ्रपतन) Kya hota hai? शीघ्र स्खलन मुख्य कारण क्या है?
Shighrapatan (शीघ्रपतन), जिसे अंग्रेजी में "premature ejaculation" कहा जाता है, एक पुरुष के समय से पहले वीर्य निकलने की समस्या है। इसमें पुरुष का वीर्य (Sperm) समय से पहले ही गिर जाता है जिसके कारण वो समय से पहले ही संतुष्ट हो जाता है और अपने पार्टनर को समय से पहले संतुष्ट नहीं कर पाता है।
इस समस्या में पुरुष का वीर्य अनियामित और असमायिक रूप से निकल जाता है, इसलिए स्त्री चरमसुख की प्राप्ति नहीं कर पाती, और पुरुष का डिस्चार्ज हो जाता है।
शीघ्रपतन की समस्या का पुरुषों में देखी जा सकती है, और उसकी वजह से उन्हें मानसिक और शरीरिक तनाव का सामना करना पड़ता है। और इसके कारण व्यक्ति को कोई समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जैसे शारीरिक समस्या, मानसिक तनाव, शरीर संबंध में कमी, या समय समाप्त करने की आदत, आदि।
शिघ्रपाटन का समय हर व्यक्ति के लिए के लिए अलग हो सकता है। किसी व्यक्ति के लिए उच्चपटन 1 मिनट से कम हो सकता है, जबकी किसी दूसरे व्यक्ति के लिए ये समय है 5 मिनट या उससे भी अधिक समय तक हो सकता है।
शीघ्रपतन के लक्षण | Signs behind Premature Ejaculation
शीघ्रपतन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
विर्य निकलने का असामयिक हो जाना: यह सबसे मुख्य लक्षण है, जिसमें पुरुष का विर्य यौन संबंधों के दौरान असामयिक रूप से निकल जाता है। सामान्यतः, शीघ्रपतन में विर्य का निकलना संपूर्ण संबंध के पहले 1-2 मिनट के अंदर हो जाता है, लेकिन यह समय व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकता है।
���ौन उत्तेजना के नियंत्रण में कठिनाई: शीघ्रपतन के लक्षण में, पुरुष अपनी यौन उत्तेजना को नियंत्रित करने में कठिनाई महसूस कर सकता है। वह अपनी यौन स्तिमुलेशन को बारंबार बढ़ाने की कोशिश करता है, लेकिन उसे यौन संबंधों को स्थायी रूप से बढ़ाने में समय से पहले संकोच होता है।
यौन संबंधों की असंतुष्टि: शीघ्रपतन के कारण, पुरुष अपने संबंधित के लिए यौन संबंधों में संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाता है। उसकी पार्टनर को संतुष्टि नहीं मिलती है और यह संबंध में तनाव पैदा कर सकता है।
मानसिक तनाव और चिंता: शीघ्रपतन के अनुभव में, पुरुष चिंताजनक तनाव और चिंता का अनुभव कर सकता है। वह इस समस्या के बारे में चिंतित होता है और अपनी यौन क्षमता पर संकोच महसूस करता है, जिससे उसका यौन अनुभव प्रभावित हो सकता है।
आत्मविश्वास का क्षय: शीघ्रपतन के कारण, पुरुष का आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है। यह उसकी संबंधित के साथ यौन संबंधों में संतुष्टि की क्षमता पर असर डाल सकता है और सामान्य जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उसके स्वाभाविक व्यवहार पर प्रभाव डाल सकता है।
शीघ्रपतन क्यों होता है? | Why does premature ejaculation happen?
शीघ्रपतन कई कारकों से हो सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
यौन उत्तेजना का अनियमित नियंत्रण: यदि पुरुष अपनी यौन उत्तेजना को नियंत्रित करने में समर्थ नहीं है और जल्दी ही उत्तेजित हो जाता है, तो शीघ्रपतन का खतरा बढ़ जाता है। यह सामान्यतः यौन अनुभव की शुरुआत ��ें होता है और समय के साथ सुधर सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारक: मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद, असुरक्षा भावना, यौन उत्सुकता, संबंधों की समस्याएं आदि शीघ्रपतन का मुख्य कारण बन सकते हैं। मनोवैज्ञानिक तत्वों की दखल के कारण यौन उत्तेजना का अनियमित नियंत्रण हो सकता है।
शारीरिक कारक: कुछ शारीरिक कारक भी शीघ्रपतन का कारण बन सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, थायराइड रोग, न्यूरोलॉजिकल विकार, प्रोस्टेट संबंधित समस्याएं आदि। ये कारक शीघ्रपतन के निदान और उपचार में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
संभोग की अनुभव की कमी: किसी पुरुष की संभोग की अनुभव की कमी भी शीघ्रपतन का कारण बन सकती है। यह जीवनशैली, स्वास्थ्य समस्याएं, यौन निर्माण की गड़बड़ी, दवाओं के सेवन, नशीली पदार्थों का सेवन आदि के कारण हो सकती है।
शीघ्रपतन के अन्य कारक भी हो सकते हैं, और यह व्यक्ति के व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि आपको शीघ्रपतन की समस्या है, तो आपको यौन स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं, जो समस्या को समझ कर सही उपचार बता सकते हैं।
सुझाव: यदि आप डॉक्टर की बिना सलाह के लिए घर बैठे इसका इलाज करना चाहते हैं तो आपको सुपरएक्शन कैप्सूल का इस्तेमाल करना चाहिए।
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हाइपोथायरायडिज्म क्या है? What is hypothyroidism?
हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जहां आपके रक्तप्रवाह में पर्याप्त थायराइड हार्मोन (thyroid hormone) नहीं होता है और आपका चयापचय धीमा (slow metabolism) हो जाता है। हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब आपका थायरॉयड (thyroid) आपके शरीर में पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाता और छोड़ता है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे आपका पूरा शरीर प्रभावित होता है। अंडरएक्टिव थायराइड रोग (underactive thyroid disease) के रूप में भी जाना जाता है, हाइपोथायरायडिज्म काफी आम है।
हाइपोथायरायडिज्म अपने शुरुआती चरणों में ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं पैदा कर सकता है। समय के साथ, हाइपोथायरायडिज्म जिसका इलाज नहीं किया जाता है, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकता है।
थायराइड कैसे काम करता है? How does thyroid work?
थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) एक छोटा, तितली के आकार का अंग है जो आपकी गर्दन के सामने स्वरयंत्र यानि वॉयस बॉक्स (voice box) के ठीक नीचे स्थित होता है। अपनी श्वासनली (trachea) के चारों ओर घूमते हुए पंखों के साथ, अपनी गर्दन पर केंद्रित तितली के शरीर के मध्य को चित्रित करें। थायराइड का मुख्य काम आपके मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना होता है। चयापचय वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग आपका शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए करता है जिसका उपयोग आपका शरीर कार्य करने के लिए करता है। थायराइड आपके चयापचय को नियंत्रित करने के लिए हार्मोन T4 और T3 बनाता है। ये हार्मोन शरीर की कोशिकाओं को यह बताने के लिए पूरे शरीर में काम करत��� हैं कि कितनी ऊर्जा का उपयोग करना है। वे आपके शरीर के तापमान और हृदय गति को नियंत्रित (control heart rate) करते हैं।
जब आपका थायरॉयड सही ढंग से काम करता है, तो यह लगातार हार्मोन बना रहा है, उन्हें जारी कर रहा है और फिर जो इस्तेमाल किया गया है उसे बदलने के लिए नए हार्मोन बना रहा है। यह आपके चयापचय को क्रियाशील रखता है और आपके शरीर की सभी प्रणालियों को जांच में रखता है। रक्तप्रवाह (blood flow) में थायराइड हार्मोन की मात्रा पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) द्वारा नियंत्रित होती है, जो मस्तिष्क के नीचे खोपड़ी के केंद्र में स्थित होती है। जब पिट्यूटरी ग्रंथि या तो थायराइड हार्मोन की कमी या बहुत अधिक महसूस करती है, तो यह अपने हार्मोन (थायराइड उत्तेजक हार्मोन, या टीएसएच) को समायोजित करती है और इसे थायराइड को मात्रा को संतुलित करने के लिए भेजती है।
यदि थायराइड हार्मोन की मात्रा बहुत अधिक (हाइप���थायरायडिज्म – hyperthyroidism) या बहुत कम (हाइपोथायरायडिज्म – hypothyroidism) है, तो पूरा शरीर प्रभावित होता है।
हाइपोथायरायडिज्म से कौन प्रभावित है? Who is affected by hypothyroidism?
हाइपोथायरायडिज्म सभी उम्र, लिंग और जातीयता के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह एक सामान्य स्थिति है, विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में। आमतौर पर जीवन में पहले की तुलना में रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के बीच क्या अंतर है? What is the difference between hypothyroidism and hyperthyroidism?
हाइपोथायरायडिज्म में, थायरॉयड पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाता है।
हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के बीच का अंतर मात्रा है। हाइपोथायरायडिज्म में, थायरॉयड बहुत कम थायराइड हार्मोन बनाता है। दूसरी तरफ, हाइपरथायरायडिज्म वाले किसी व्यक्ति को थायरॉयड होता है जो बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनाता है। हाइपरथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन का उच्च स्तर शामिल होता है, जो आपके चयापचय को गति देता है। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो आपका चयापचय धीमा हो जाता है।
इन दोनों स्थितियों के बीच बहुत सी बातें विपरीत हैं। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो आपको ठंड से निपटने में मुश्किल हो सकती है। यदि आपको हाइपरथायरायडिज्म है, तो आप गर्मी को संभाल नहीं पाएंगे। वे थायरॉइड फ़ंक्शन (thyroid function) के विपरीत छोर हैं। आदर्श रूप से, आपको बीच में होना चाहिए। इन दोनों स्थितियों के लिए उपचार आपके थायरॉइड फ़ंक्शन को उस मध्य मैदान के जितना संभव हो उतना करीब लाने के लिए काम करते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म होने के क्या कारण हैं? What are the causes of hypothyroidism?
हाइपोथायरायडिज्म का प्राथमिक कारण या द्वितीयक कारण हो सकता है। एक प्राथमिक कारण एक ऐसी स्थिति है जो सीधे थायरॉयड को प्रभावित करती है और इसके कारण थायराइड हार्मोन के निम्न स्तर का निर्माण होता है। एक द्वितीयक कारण कुछ ऐसा है जो पिट्यूटरी ग्रंथि को विफल करने का कारण बनता है, जिसका अर्थ है कि यह थायराइड उत्तेजक हार्मोन (TSH) को थायरॉयड को थायराइड हार्मोन को संतुलित करने के लिए नहीं भेज सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म के प्राथमिक कारण बहुत अधिक सामान्य हैं। इन प्राथमिक कारणों में सबसे आम एक ऑटोइम्यून स्थिति है जिसे हाशिमोटो की ��ीमारी कहा जाता है। हाशिमोटो के थायरॉयडिटिस या क्रोनिक लिम्फोसाइटिक थायरॉयडिटिस (chronic lymphocytic thyroiditis) भी कहा जाता है, यह स्थिति वंशानुगत है (एक परिवार के माध्यम से पारित)। हाशिमोतो की बीमारी (Hashimoto's disease) में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली थायराइड पर हमला करती है और उसे नुकसान पहुंचाती है। यह थायराइड को पर्याप्त थायराइड हार्मोन बनाने और रिलीज करने से रोकता है।
हाइपोथायरायडिज्म के अन्य प्राथमिक कारणों में शामिल हो सकते हैं :-
थायराइडाइटिस यानि थायराइड की सूजन (thyroiditis)।
हाइपरथायरायडिज्म का उपचार (विकिरण और थायराइड का सर्जिकल हटाने)।
आयोडीन की कमी (deficiency of Iodine)।
वंशानुगत स्थितियां (एक चिकित्सा स्थिति आपके परिवार के माध्यम से गुजरती है)।
कुछ मामलों में, थायरॉइडाइटिस गर्भावस्था (प्रसवोत्तर थायरॉयडिटिस – postpartum thyroiditis) या वायरल बीमारी के बाद हो सकता है।
गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म किस कारण होता है? What causes hypothyroidism in pregnancy?
ज्यादातर मामलों में, गर्भावस्था के दौरान हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित महिलाओं को हाशिमोटो की बीमारी (Hashimoto's disease) होती है। यह ऑटोम्यून्यून बीमारी (autoimmune disease) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को थायराइड पर हमला करने और क्षति पहुंचाने का कारण बनती है। जब ऐसा होता है, तो थायरॉयड पूरे शरीर को प्रभावित करते हुए थायराइड हार्मोन के उच्च स्तर का उत्पादन और रिलीज नहीं कर सकता है। हाइपोथायरायडिज्म वाले गर्भवती लोग बहुत थका हुआ महसूस कर सकते हैं, ठंडे तापमान से निपटने में कठिनाई होती है और मांसपेशियों में ऐंठन (muscle cramps) का अनुभव होता है।
भ्रूण के विकास के लिए थायराइड हार्मोन महत्वपूर्ण हैं। ये हार्मोन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र (brain and nervous system) को विकसित करने में मदद करते हैं। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो गर्भावस्था के दौरान अपने थायराइड के स्तर को प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है। यदि भ्रूण को विकास के दौरान पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं मिलता है, तो मस्तिष्क ठीक से विकसित नहीं हो सकता है और बाद में समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान अनुपचारित या अपर्याप्त उपचारित हाइपोथायरायडिज्म गर्भपात (abortion) या समय से पहले प्रसव (premature delivery) जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।
क्या जन्म नियंत्रण मेरे थायरॉयड को प्रभावित करता है? Does birth control affect my thyroid?
जब आप जन्म नियंत्रण की गोलियाँ ले रहे होते हैं, तो गोलियों के अंदर मौजूद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (estrogen and progesterone) आपके थायरॉयड-बाध्यकारी प्रोटीन (thyroid-binding protein) को प्रभावित कर सकते हैं। इससे आपका स्तर बढ़ता है। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो जन्म नियंत्रण की गोलियों का उपयोग करते समय आपकी दवाओं की खुरा�� बढ़ानी होगी। एक बार जब आप जन्म नियंत्रण की गोलियों का उपयोग करना बंद कर देंगी, तो खुराक को कम करना होगा।
क्या हाइपोथायरायडिज्म स्तंभन दोष का कारण बन सकता है? Can hypothyroidism cause erectile dysfunction?
कुछ मामलों में, अनुपचारित हाइपोथायरायडिज्म और स्तंभन दोष के बीच संबंध हो सकता है। जब आपका हाइपोथायरायडिज्म पिट्यूटरी ग्रंथि के साथ किसी समस्या के कारण होता है, तो आपके पास कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म का इलाज अक्सर सीधा होने वाली अक्षमता के साथ मदद कर सकता है अगर यह सीधे हार्मोन असंतुलन के कारण होता है।
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of hypothyroidism?
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण आमतौर पर समय के साथ-कभी-कभी वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होते हैं। वे शामिल हो सकते हैं:
थकान महसूस होना (थकान)।
अपने हाथों में सुन्नता और झुनझुनी का अनुभव करना।
कब्ज होना।
वजन बढ़ रहा है।
आपके पूरे शरीर में दर्द का अनुभव (मांसपेशियों की कमजोरी शामिल हो सकती है)।
सामान्य रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर से अधिक होना।
उदास महसूस कर रहा हू।
ठंडे तापमान को सहन करने में असमर्थ होना।
रूखी, खुरदरी त्वचा और बाल होना।
यौन रुचि में कमी का अनुभव करना।
बार-बार और भारी मासिक धर्म होना।
अपने चेहरे में शारीरिक परिवर्तन देखना (झुकी हुई पलकें, साथ ही आंखों और चेहरे में सूजन सहित)।
आपकी आवाज नीची और कर्कश हो जाती है।
अधिक भुलक्कड़ महसूस करना।
क्या हाइपोथायरायडिज्म से मेरा वजन बढ़ेगा? Will hypothyroidism make me gain weight?
यदि आपके हाइपोथायरायडिज्म का इलाज नहीं किया जाता है, तो आप वजन बढ़ा सकते हैं। एक बार जब आप स्थिति का इलाज कर रहे हों, तो वजन कम होना शुरू हो जाना चाहिए। हालांकि, वजन कम करने के लिए आपको अभी भी अपनी कैलोरी पर ध्यान देने और व्यायाम करने की आवश्यकता होगी। वजन घटाने और आपके लिए काम करने वाले आहार को विकसित करने के तरीकों के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।
हाइपोथायरायडिज्म का निदान कैसे किया जाता है? How is hypothyroidism diagnosed?
हाइपोथायरायडिज्म का निदान करना वास्तव में मुश्किल हो सकता है क्योंकि लक्षणों को अन्य स्थितियों के साथ आसानी से भ्रमित किया जा सकता है। यदि आपके पास हाइपोथायरायडिज्म के कोई भी लक्षण हैं, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें। हाइपोथायरायडिज्म का निदान करने का मुख्य तरीका एक रक्त परीक्षण है जिसे थायराइड उत्तेजक हार्मोन (thyroid stimulating hormone – TSH) परीक्षण कहा जाता है। आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हाशिमोटो रोग जैसी स्थितियों के लिए रक्त परीक्षण का आदेश भी दे सकता है। यदि थायरॉयड बढ़ गया है, तो आपका प्रदाता नियुक्ति के दौरान शारीरिक परीक्षा के दौरान इसे महसूस कर सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म का इलाज कैसे किया जाता है? How is hypothyroidism treated?
ज्यादातर मामलों में, हाइपोथायरायडिज्म का इलाज उस हार्मोन की मात्रा को बदलकर किया जाता है जो आपका थायरॉयड अब नहीं बना रहा है। यह आमतौर पर एक दवा के साथ किया जाता है। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाल�� एक दवा को लेवोथायरोक्सिन कहा जाता है। मौखिक रूप से लिया गया, यह दवा आपके शरीर द्वारा उत्पादित थायराइड हार्मोन की मात्रा को बढ़ाती है, आपके स्तरों को शाम करती है।
हाइपोथायरायडिज्म एक प्रबंधनीय बीमारी है। हालांकि, आपको जीवन भर अपने शरीर में हार्मोन की मात्रा को सामान्य करने के लिए लगातार दवा लेने की आवश्यकता होगी। सावधानीपूर्वक प्रबंधन के साथ, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका उपचार ठीक से काम कर रहा है, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ अनुवर्ती नियुक्तियों के साथ, आप एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
क्या होता है अगर हाइपोथायरायडिज्म का इलाज नहीं किया जाता है? What happens if hypothyroidism is not treated?
यदि आप स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से उपचार नहीं करवाते हैं तो हाइपोथायरायडिज्म एक गंभीर और जीवन-धमकाने वाली चिकित्सा स्थिति बन सकती है। यदि आपका इलाज नहीं किया जाता है, तो आपके लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का विकास करना।
सांस लेने में दिक्कत होना।
शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने में सक्षम नहीं होना।
हृदय संबंधी समस्या होना।
गोइटर का विकास (थायराइड ग्रंथि का इज़ाफ़ा)।
क्या मुझे जीवन भर हाइपोथायरायडिज्म के लिए दवा की एक ही खुराक मिलेगी? Will I get the same dose of medicine for hypothyroidism for the rest of my life?
आपकी दवा की खुराक वास्तव में समय के साथ बदल सकती है। आपके जीवन के विभिन्न बिंदुओं पर, आपको दवाओं की मात्रा में परिवर्तन करने की आवश्यकता हो सकती है ताकि यह आपके लक्षणों का प्रबंधन कर सके। वजन बढ़ने या वजन कम होने जैसी चीजों के कारण ऐसा हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी दवा सही तरीके से काम कर रही है, आपके स्तर को जीवन भर निगरानी रखने की आवश्यकता होगी।
क्या हाइपोथायरायडिज्म को रोका जा सकता है? Can hypothyroidism be prevented?
हाइपोथायरायडिज्म को रोका नहीं जा सकता। स्थिति के एक गंभीर रूप को विकसित होने से रोकने या लक्षणों को अपने जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करने का सबसे अच्छा तरीका हाइपोथायरायडिज्म के संकेतों को देखना है। यदि आप हाइपोथायरायडिज्म के किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो सबसे अच्छी बात यह है कि अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें। हाइपोथायरायडिज्म बहुत प्रबंधनीय है यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और उपचार शुरू करते हैं।
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थायरॉइड आंखें: जानिए इसके कारण क्या हैं और इसे कैसे स्पॉट किया जाए | द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया
थायरॉइड आंखें: जानिए इसके कारण क्या हैं और इसे कैसे स्पॉट किया जाए | द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया
उभरी हुई आंखें थायरॉयड आंखों का विशिष्ट लक्षण हैं। चूंकि प्रतिरक्षा प्रणाली आंखों के आसपास की कोशिकाओं पर हमला करती है, आमतौर पर कक्षा, आपकी खोपड़ी का वह क्षेत्र जहां आपकी आंखें बैठती हैं, सूजन की ओर जाता है। यह क्षेत्र में मांसपेशियों, वसा और अन्य ऊतकों के विस्तार की ओर जाता है। इसके अलावा, थायराइड आंख की स्थिति से पीड़ित होने पर अन्य लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है जैसे: आपकी आंखों के सफेद भाग…
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बालों के झड़ने की समस्या
आपके बालों को बार-बार खोने का पता लगाने से ज्यादा डिमोटिविंग कुछ भी नहीं है। बालों का झड़ना अवसाद के सबसे आम कारणों में से एक पाया गया है। हालांकि औसतन एक व्यक्ति हर दिन लगभग 70-100 बाल खो देता है। कहा जाता है कि बालों का झड़ना तब होता है जब दर बहुत अधिक होती है या आप गंजे पैच देखना शुरू कर देते हैं।
लक्षण सिर के ऊपर से धीरे-धीरे पतला होना: सबसे आम प्रकार जहां मंदिरों से बालों की रेखा निकलनी शुरू होती है
सर्कुलर या पैची गंजे धब्बे: सिर के पीछे या आपके पूरे सिर पर पैच के रूप में पाए जाते हैं
अचानक बालों का ढीला होना: झटके या दवाओं के कारण
पूर्ण शरीर के बालों का झड़ना: आमतौर पर कीमोथेरेपी जैसी बीमारी या उपचार के कारण।
बालों के झड़ने, चिकित्सकीय रूप से खालित्य के रूप में जाना जाता है, लिंग या उम्र की परवाह किए बिना किसी को भी प्रभावित कर सकता है, हालांकि पुरुषों को इसके लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। यह आमतौर पर वंशानुगत होता है, लेकिन यह कई कारकों जैसे बीमारी, जीवन शैली, आहार, दवाएं आदि के कारण हो सकता है। बालों की देखभाल बालों का झड़ना प्रकृति में ज्यादातर वंशानुगत होता है। इसके कुछ कारण हैं
पुरुष-पैटर्न गंजापन या महिला-पैटर्न गंजापन
हार्मोनल परिवर्तन
जिगर या थायराइड की बीमारी की तरह
दवाओं का साइड इफेक्ट
गंभीर तनाव
आहार
पर्यावरणीय कारक
उपचार
बालों का झड़ना, हालांकि अपरिहार्य है, सावधानी, उपचार और जीवनशैली में बदलाव करके इसे धीमा किया जा सकता है। आगे जानिए यहां
एक व्यापक बाल देखभाल दिनचर्या जो बालों के झड़ने पर केंद्रित है
दवाएँ जैसे मिनोक्सडिल, रोगाइन, प्रोपेसिया, आदि
हेयर ट्रांसप्लांट, खोपड़ी में कमी आदि जैसी सर्जरी
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना
तनाव कम करने, अधिक सोने और अन्य जीवनशैली में बदलाव होता है
खुद को पर्यावरणीय तत्वों से बचाना
उम्र बढ़ने, आनुवंशिकता, दवाओं या एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के परिणामस्वरूप बालों का झड़ना हो सकता है, और सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। यह आपको पैटर्न गंजापन, पैची स्पॉट या पतले बालों के साथ छोड़ सकता है। अधिकांश लोग अपने रूप-रंग में इस अवांछित परिवर्तन से परेशान हैं और निराश हो सकते हैं कि इस स्थिति का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।
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Today's Horoscope –
पंचांग के अनुसार आज 16 जुलाई 2022 शनिवार को सावन मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया की तिथि है और आयुष्मान योग बना हुआ है. आज चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर कर रहा है. आज धनिष्ठा नक्षत्र है. आइए जानते हैं आज का राशिफल-
मेष- आज के दिन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में ही पूरा दिन व्यस्त रहेगा. अगर कोई सरकारी काम लंबे समय से पेंडिंग है तो आज उसे पूरा कर लें अन्यथा निकट भविष्य में परिस्थितियां प्रतिकूल हो सकती हैं. अपने नए संपर्कों के साथ संबंध प्रगाढ़ करें अन्यथा आप इनका लाभ नहीं ले पाएंगे. कपड़ों का व्यापार करने वाले लोगों को सामान के डिस्प्ले को लेकर सा��धानी बरतनी है. गुणवत्ता से समझौता न करें. लोहे का कारोबार करने वाले अच्छा लाभ कमा सकेंगे. अपने से बड़ों के साथ आदर से ही पेश आएं. थायराइड मरीज थोड़ा सजग रहें. आज के दिन कुल में शुभ सूचना मिलने की संभावना है.
वृष - आज के दिन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करते हुए मन को शांत रखें. अन्यथा गलती पूरी टीम के लिए नुकसानदेह हो सकती है. जल्दबाजी वाले काम काज आपके लिए रुकावटें खड़ी कर सकते हैं. कारोबार में आपको किसी भी रूप में लापरवाही नहीं बरतनी है, खासकर पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं तो लेनदेन को लेकर पारदर्शिता बनाए रखें. युवाओं और विद्यार्थी घर में अपनों से बड़े लोगों के साथ सम्मानजनक ढंग से पेश आएं. हेल्थ को लेकर साइटिका और गठिया के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है. घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान दें. पूजा अनुष्ठान कराना चाहते हैं तो सही समय है.
मिथुन - आज के दिन आपकी वाकपटुता से लोग प्रभावित होंगे, आपकी क्षमता आप को प्रगति के मार्ग पर ले जाएगी. वर्तमान समय की परिस्थितियों को देखते हुए अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने के लिए तैयार रहें. खुदरा कारोबारियों को कम बिक्री से निराशा हो सकती है, लेकिन संयमित रहें. पार्टनरशिप में काम करने वालों को अच्छा लाभ मिलेगा. युवा वर्ग को कुसंगति भाई पड़ सकती है. विद्यार्थी शिक्षकों की अनदेखी करने पर परिजनों से फटकार पाएंगे. हाइपर एसिडिटी से बचने के प्रयास करने चाहिए. खान-पान बहुत संतुलित और सुपाच्य हो. जो लोग परिवार के साथ नहीं रह रहे हैं. वह घर आकर या फोन पर उनसे संपर्क करें.
कर्क- आज के दिन सामाजिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए अच्छा रहेगा, मदद करने का मौका मिले तो व्यवहार में विनम्रता रखें. ऑफिशियल स्थिति की बात की जाए तो टीमवर्क के साथ काम करने पर अधिक लाभ होगें. जो लोग पार्टनरशिप में व्यापार कर रहें हैं उनके लिए भी दिन लाभ दिलाने वाला हो सकता है. विद्यार्थियों के लिए समय अनमोल है, इसलिए परीक्षा की तैयारियों पर पूरा फोकस करें. यदि आपको थाईराइड की समस्या है तो दिनचर्या में योग व व्यायाम को शामिल करना अति आवश्यक है. पारिवारिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए परिवार को एकजुट कर रखें.
सिंह - आज का दिन मिला-जुला परिणाम देने वाला है. कोई काम नहीं बन रहा है तो उस पर ज्यादा समय बर्बाद करना ठीक नहीं. कार्यस्थल की कठिनाइयों पर वरिष्ठजनों से मार्गदर्श�� लेना लाभदायक होगा. कारोबार में भी अच्छे लाभ की संभावनाएं हैं. शेयर मार्केट से जुड़े हैं तो जरूर सतर्कता रखें. निवेश की सूरत में जानकार की सलाह और समझदारी से निर्णय लेना होगा. विद्यार्थी शिक्षक की सलाह को लेकर लापरवाही न बरतें. अभिभावकों को छोटे बच्चों का मौसम को देखते हुए खास ख्याल रखें. स्वास्थ्य खराब होने से बचाने के लिए ओवर ईटिंग से बचें. परिवार के साथ घूमने का प्लान कर सकते हैं.
कन्या - आज जिम्मेदारियों पर पूरी तरह फोकस करने की जरूरत है. ऑफिस का काम पूरे ध्यान से बिना किसी गलती निपटाना होगा. उच्च अधिकारियों के बीच सकारात्मक छवि बनेगी. व्यापार कर रहे हैं तो संभव है कि छोटी-छोटी कई यात्राएं करनी पड़ें, इनसे आपको आर्थिक लाभ भी भरपूर होगा. विद्यार्थी आने वाली परीक्षाओं के लिए रिवीजन में समय और बढ़ाएं. स्वास्थ्य को लेकर सर्दी-खांसी और सांस लेने से तकलीफ परेशान कर सकती है. संयुक्त परिवार में रह रहे हैं तो आज सदस्यों से संबंध खराब हो सकते हैं. हो सकता है कि घर के सदस्य आपस में लड़ जाएं. आपको पहल कर स्थितियां सामान्य बनाने का काम करना होगा.
तुला- आज के दिन उन कार्य के हो पाने में संशय है, जो कार्य आपने पहले से सोच रखें हैं. नौकरी से जुड़े लोगों का कार्य यदि मन मुताबिक नहीं मिल रहा है या फिर अधिक मेहनत करनी पड़ रही है तो धैर्य रखें. व्यापार में जिन लोगों का सरकार से संबंधित कार्य नहीं बन पा रहा था, तो आज आपका प्रयास सफल होता नजर आ रहा है. हेल्थ में सिरदर्द की समस्या परेशानी का कारण बन सकती है. दर्द यदि काफी लंबे समय से है तो आंखों की जांच करा लेनी चाहिए. परिवार के महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए दिन उपयुक्त है.
वृश्चिक - आज के दिन ग्रहों की स्थितियों को देखते हुए सलाह दी जाती है की भविष्य में आपके लिए चुनौतियां बढ़ने वाली हैं, इसलिए खुद को मानसिक तौर पर तैयार रखें. ऑफिशियल कार्यों को लेकर अपना समय किसी सूरत में व्यर्थ न गंवाएं. वाणी से किसी के लिए कटु मत बोलिए, विशेष तौर पर पीठ पीछे बुराई कतई न करें. आर्ट्स से जुड़े लोग कुछ नया क्रिएटिव करने पर जोर दें. खानपान के व्यापारियों के लिये दिन अच्छा है. जो लोग शराब का सेवन करते हैं, उन्हें अब सजग हो जाना चाहिए. भाई-बहन को आपसे आर्थिक मदद की उम्मीद रहेगी, उनकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करें.
धनु - आज के दिन अब मन मुताबिक कार्य बनाने के लिए आपको दूसरों के बजाय खुद परिश्रम करना होगा. ध्यान रखें कठोर परिस्थितियों में धैर्य न खोएं और मजबूत मानसिकता खुद को सबके सामने प्रस्तुत करें. ��ेहनत में आनंद खोजते हुए मन लगाकर काम करने से धीरे-धीरे परिस्थितियां अनुकूल बनेंगी. व्यापारियों के लिए दिन सामान्य रहेगा, लेकिन फिलहाल बड़े निवेश के लिए रुझान न बढ़ाएं. सीने में संक्रमण और सर्दी और जुकाम के प्रति सजग रहना होगा. परेशानी बढ़ती दिख रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. घरेलू कलह की परिस्थितियां बन रही है, इससे बचने का प्रयास करें. छोटे-मोटे घरेलू विवाद को तूल पकड़ने न दें.
मकर - आज के दिन मन प्रसन्न रहने वाला है, प्रयास मात्र की देरी है शक्ति एवं स्फूर्ति के साथ कार्य पूर्ण कर लेंगे. जो लोग सरकारी विभाग में कार्यरत हैं उन्हें अच्छे अवसर मिलेंगे, लेकिन निस्संदेह कार्यभार भी बढ़ेगा. कारोबार में नये प्रस्ताव आपको मिल सकते हैं, इसमें बिना सोचे-समझे हामी नहीं भरनी चाहिए. अध्ययन में रुकावटे उत्पन्न होने की आशंका नजर आ रही है. एडमिशन या कोई कोर्स करना चाहते हैं उनके लिए दिन उपयुक्त है. एलर्जी की समस्या को लेकर परेशान होना पड़ेगा, दवाइयों का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें. जीवनसाथी के विचारों का सम्मान करें. घर फायर सिस्टम को लेकर अलर्ट रहें.
कुंभ - आज मानसिक चिंता कई जरूरी काम बिगाड़ सकती है. तनाव को खुद पर हावी न होने दें. ऑफिशल कामकाज में अधिक समय देना पड़ सकता है. बॉस की ओर से दी गई जिम्मेदारी भविष्य में मान बढ़ाएगी. दूध के कारोबारियों को ग्राहकों की शिकायत का सामना करना पड़ सकता है. गुणवत्ता को लेकर बहुत सतर्क रहें. युवा वर्ग मां की बातों की अनदेखी न करें. विद्यार्थी अब परीक्षाओं की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत शुरू करें. हाई बीपी से जूझ रहे लोगों को गुस्से से दूर रहने की जरूरत है. संतान के भविष्य को लेकर चिंता रह सकती है. वरिष्ठजनों की राय से फैसला लेना फायदेमंद होगा.
मीन- आज का दिन लगभग सामान्य ही रहने वाला है. भविष्य की कार्ययोजनाएं बनाते वक्त लंबी अवधि पर फोकस करें, जो कि आपके लिए लाभप्रद रहेंगी. कर्मक्षेत्र से जुड़े लोग या खुद का व्यवसाय कर रहे लोगों को प्रगति के मौके मिलेंगे. बुद्धि के बल पर ऑफिशियल कार्य व कारोबार में सफलता मिल सकती है. आईटी सेक्टर के युवाओं को अपने प्रोजेक्ट में की गई मेहनत का आज परिणाम मिलता नजर आ रहा है. स्वास्थ्य को लेकर जिन लोगों का अक्सर बीपी हाई रहता है वह, अत्यधिक तनाव न लें. अचानक तबीयत खराब होने की आशंका है. विवाह योग्य संतान के लिए अच्छा रिश्ता आ सकता है.
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अनियमित पीरियड्स क्या होते है क्या कारण होते है?
महिलाओं में अनियमित पीरियड्स एक आम बीमारी है। कभी-कभी यह रोग काफी सामान्य होता है, कुछ उपचार और सावधानियों से यह ठीक हो जाता है और कभी-कभी यह सामान्य रोग बहुत बड़ी बीमारी के रूप में भी सामने आ सकता है। ऐसे में अनियमित पीरियड्स की समस्या को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए, इस बीमारी के ��ई लक्षण होते हैं, जिससे इसका पता चल जाता है और सही समय पर इसका इलाज करा बेस्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भोपाल से इन समस्या हो से छुटकारा पाना है आमतौर पर यह समस्या 14 से 50 वर्ष की उम्र की लड़कियों और महिलाओं में होती है, यह समस्या इन दिनों बहुत बढ़ गई है, इसके कई कारण हैं, खान-पान सही नहीं है, दिनचर्या सही नहीं है, जीवनशैली में बदलाव आता है, आराम की कमी कारण है। कि कई किशोरियों में मासिक धर्म जल्दी या देर से शुरू होता है। इसे ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है।
अनियमित पीरियड्स के कारण मासिक धर्म आमतौर पर 14 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं में होता है। यह चक्र महीने में एक बार होता है और तीन से पांच दिनों तक रहता है। अनियमित पीरियड्स की समस्या भी इन दिनों महिलाओं में अधिक आम है, क्योंकि जीवनशैली बहुत तेज हो गई है और वे खाने-पीने की उचित देखभाल नहीं कर पा रही हैं।और पर्याप्त आराम नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि कई किशोरों के पीरियड्स जल्दी या देर से आते हैं। इस स्थिति को ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है। न केवल किशोर उम्र की लड़कियों में बल्कि महिलाओं में भी यह समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। वजह यह है कि 20 से 40 साल की महिलाएं ज्यादा जिम्मेदार होती हैं। आंशिक जीवन में, बच्चे घर की देखभाल करने की प्रक्रिया में अपनी रक्षा नहीं कर सकते। कई मामलों में अनियमित पीरियड्स के पीछे हार्मोन भी एक बड़ा कारण होता है, हालांकि आमतौर पर एक स्वस्थ महिला के पीरियड्स की अवधि 20 से 35 दिनों के बीच होती है।अगर इससे ज्यादा समय लगता है तो हम इसे अनियमित पीरियड्स कहते हैं। इसे सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव से ठीक किया जा सकता है। अत्यधिक तनाव के कारण भी अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा माना जाता है कि तनाव का सीधा असर हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन पर भी पड़ता है।इन हार्मोन्स के प्र���ाव से पीरियड्स में अनियमितता कई मात्रा में बढ़ जाती है। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन नाम के तीन हार्मोन होते हैं। इन हार्मोन्स के संतुलन में गड़बड़ी का मतलब है पीरियड्स में दिक्कत होना। बार-बार बीमारी या थायराइड के कारण। इससे महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या भी हो जाती है।
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मेल इनफर्टिलिटी क्या है ? कारण लक्षण और उपचार
पुरुष का किसी महिला को गर्भधारण करने में असमर्थ होने को, पुरुष बांझपन (Male इनफर्टिलिटी) कहा जाता है। यदि किसी पुरुष के, एक साल तक यौन-संबंध (सम्भोग) के प्रयास के बाद भी महिला गर्भवती नहीं हो पाती है, तो इसका मतलब है कि उस पुरुष को बांझपन की समस्या है। पुरुषों में बाँझपन शुक्राणुओं की कमी के कारण और स्पर्म काउंट में कमी होने से भी बाँझपन का होना सामान्य बीमारी है ,ज्यादा शराब का पीना धूम्रपान का अधिक सेवन करना बाँझपन का सामान्य कारन है यदि आप पुरुष की बाँझपन समस्या से परेशां है तो Best Male Infertility Centre In Jaipur
मेल इनफर्टिलिटी के कारण
लौ स्पर्म काउंट - पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण यही है , की शुक्राणु की ख़राब गुणवत्ता यानि क्वालिटी और कम संख्या है। जब वीर्य में स्पर्म काउंट कम होता है, तो इससे महिला को गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है। लो स्पर्म काउंट होने से बांझपन की सबसे सामान्य बीमारी मन जाता है लो स्पर्म काउंट का काम होने बांझपन का प्रमुख कारण है
जन्मजात असामान्यताएं - ऐसी समस्याएं जो पुरुषों में उनके जन्म के समय से ही होती है , जैसे की वास-डेफेरेंस की जन्मजात से अनुपस्थिति होना (जो एक ट्यूब की अनुपस्थिति है जिसके द्वारा टेस्टिकल (अंडकोष) से शुक्राणु बाहर निकलते है। ऐसी स्थिति में वीर्य के स्खलन होने में समस्या होती है। और यह बांझपन का कारण बनकर बहार निकलती है
एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स - हमारी अंतःस्रावी प्रणाली यानि एंडोक्राइन सिस्टम में कई ग्रंथियां होती हैं जो शरीर में प्रमुख हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करती हैं। ये हार्मोन शरीर के विकास में मदद करते हैं। पिट्यूटरी, थायराइड या एड्रेनल जैसे प्रमुख हार्मोनों की खराबी से बांझपन की समस्या हो सकती है।
जेनेटिक/ आनुवंशिक असामान्यताएं क्रोमोजोम में किसी तरह का परिवर्तन शुक्राणु के उत्पादन या शुक्राणु के प्रवाह में रुकावट पैदा कर सकते हैं।
शुक्राणु की गतिशीलता - शुक्राणु की गति ठीक ना होने के कारण, यह महिला के अंडे के साथ निषेचित नहीं हो पाता है।
वेरिकोसिल - इस स्थिति में टेस्टिकल की नसे सूज जाती हैं। वेरिकोसिल शुक्राणु उत्पादन में कमी या शुक्राणु की गुणवत्ता के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।
संक्रमण - पुरुषों के गुप्तांगों में संक्रमण यानि इन्फेक्शन होने से भी उन्हें बांझपन की समस्या हो सकती है। कुछ इन्फेक्शन ऐसे होते हैं, जो शुक्राणु के बनने में बाधा उत्पन्न करते हैं और शुक्राणु की नली को बंद कर देते हैं। कुछ यौन संचारित संक्रमण (क्लैमाइडिया, गोनोरिया आदि) साथ ही मूत्रमार्ग में होने वाले अन्य संक्रमण के कारण कम शुक्राणुओं की समस्या हो सकती है।
औद्योगिक रसायन - औद्योगिक रसायन जैसे- लेड X-Ray, रेडिएशन आदि से शुक्राणु के बनने में बाधा के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है।
वृषण का अधिक गर्म होना - जैसे गर्म पानी से अधिक नहाना, हॉट टब का रोज़ाना इस्तेमाल करना या लैपटॉप गोद में रखकर काम करना, आपके शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करता है।
ट्यूमर - य��ि किसी पुरुष को tumor की समस्या हो, तो हॉर्मोन का उत्पादन करने वाली ग्रंथियां यानि ग्लैंड्स जैसे पिट्यूटरी ग्लैंड और प्रजनन अंग , इससे प्रभावित हो सकते हैं।
रेडिएशन - अधिक रेडिएशन और X- Ray के प्रभाव से भी पुरुषों में शुक्राणु का बनना कम हो जाता है।
शराब - शराब के सेवन से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आ जाती है साथ ही शुक्राणु की संख्या भी कम हो सकती है।
धूम्रपान - धूम्रपान ना करने वाले अन्य व्यक्तियों की तुलना में धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के अंदर शुक्राणुओं की संख्या कम होती है।
तनाव - यदि तनाव लंबे समय से हैं तो यह आपके शुक्राणु पैदा करने वाले कुछ हार्मोन को असंतुलित कर देता है।
मोटापा - अधिक वजन के कारण हार्मोन में बदलाव आ सकता है। जिस कारण पुरुषों में बांझपन की समस्या हो सकती है।
मेल इनफर्टिलिटी के लक्षण
क्रोमोजोम में असामान्यता या हॉर्मोन में असंतुलन भी पुरुष बांझपन के लक्षण हो सकते है।
पुरुषों में बांझपन के कई लक्षण है जिनमे से सबसे मुख्या लक्षण यह है कि यौन-संबंध बनाने के बाद भी, महिला को गर्भवती करने में असक्षम होना। यह सबसे मुख्या कारण है जो अक्सर होता रहता है यह एक मुख्या एवं सामान्य लक्षण है
टेस्टिकल की नसों का फैल जानाभी इसका लक्षण है और शुक्राणु की नली का बंद यानि ब्लॉक हो जाना।
यौन-संबंध बनाने में तकलीफ होना।
टेस्टिकल और इसके आसपास की जगहों में सूजन ,दर्द,और गांठ का बन जाना।
असामान्य रूप से छाती का बढ़ना जिसे कहा जाता है।
शरीर और चेहरे पर बालों का कम होना भीं इसका लक्षण होता है
लौ स्पर्म काउंट होना यानि वीर्य में 15 मिलियन से कम शुक्राणु का होना।
यदि आप इसका का समाधान चाहथे हो थो IVF Center In Jaipur
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हार्ट फेल्योर: कारण और जानकारी, डॉ. एमडी. फ़रहान शिकोह की दृष्टि से, कार्डियोलॉजिस्ट
हार्ट फेल्योर एक ही स्थिति नहीं है बल्कि यह हार्ट की क्षमता को प्रभावी रूप से पंप करने में प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का एक शब्द है। सामान्य धारणा के विपरीत, यह निश्चित रूप से हार्ट का एक अचानक रुकावा नहीं है बल्कि एक ऐसी अवधि है जो समय के साथ विकसित होती है, जिससे इसकी कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है।
डॉ. फ़रहान शिकोह उन विभिन्न कारणों को महत्वपूर्ण बताते हैं जिनसे हार्ट फेल्योर हो सकता है। इनमें शामिल हैं:
कोरोनरी धमनी रोग (केडी): केडी हार्ट फेल्योर का एक प्रमुख कारण है। यह तब होता है जब हृदय को रक्त प्रदान करने वाली धमनियों में प्लैक का निर्माण होता है, जिससे हृदय को रक्त का नियमित आपूर्ति नहीं होता है।
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): लगातार उच्च रक्तचाप हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, अंततः इसके पंजे को कमजोर कर देता है और हार्ट फेल्योर का कारण बनता है।
कार्डियोमायोपैथी: इस स्थिति में हृदय के मांसपेशियों को क्षति पहुंचती है, जो संक्रमण, शराब का दुरुपयोग या आनुवांशिक कारकों से हो सकती है, जिससे हृदय की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।
धातु धमनी रोग: कमजोर हृदय ध्वनि की अशुद्धि धातु धमनियों में रक्त प्रवाह को बाधित कर सकती है, जिससे समय के साथ हार्ट फेल्योर हो सकता है।
अन्य कारक: हार्ट फेल्योर अन्य स्थितियों की वजह से भी हो सकता है जैसे कि मधुमेह, मोटापा, थायराइड विकार और कुछ दवाओं की वजह से।
Dr. Md. Farhan Shikoh, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) महत्वपूर्ण हार्ट स्वास्थ्य और हार्ट फेल्योर से संबंधित चिंताओं के लिए व्यापक कार्डियक देखभाल प्रदान करते हैं। रांची, झारखंड में सुकून हार्ट केयर में डॉ. एमडी. फ़रहान शिकोह से संपर्क करने के लिए 6200784486 पर संपर्क करें या और जानकारी के लिए drfarhancardiologist.com पर जाएं।
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Apple वॉच जल्द ही थायरॉइड का पता लगाने में सक्षम: रिपोर्ट
Apple वॉच जल्द ही थायरॉइड का पता लगाने में सक्षम: रिपोर्ट
नई दिल्ली: एक ऑस्ट्रेलियाई नर्सिंग छात्र के अनुसार, ऐप्पल वॉच की हृदय गति अधिसूचनाएं थायराइड की स्थिति के लक्षणों का जल्दी पता लगा सकती हैं। टिकटोक पर एक नई पोस्टिंग के अनुसार, यह दिखाया गया है कि ऐप्पल वॉच थायराइड की स्थिति में शुरुआती बदलावों का पता लगा सकती है, इसके निदान के महीनों पहले। इस महीने की शुरुआत में पोस्ट की गई, टिकटोक उपयोगकर्ता लॉरेन ने अपने वीडियो के दर्शकों से निम्न और उच्च हृदय…
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डिप्रेशन क्या है ? कैसे बचे ?
थोड़ा तनाव होना हमारे जीवन का हिस्सा है। यह कभी-कभी फायदेमंद भी होता है, उदाहरण के लिए, हम खुद को कुछ काम करने के लिए हल्के दबाव में महसूस करते हैं, जिससे हम अपना काम अच्छी तरह से कर सकते हैं और काम करते समय उत्साह बनाए रख सकते हैं। लेकिन जब यह तनाव अत्यधिक और अनियंत्रित हो जाता है, तो इसका हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कब यह अवसाद में बदल जाता है, व्यक्ति को पता ही नहीं चलता। डिप्रेशन उस व्यक्ति को होता है जो हमेशा तनाव में रहता है।
अक्सर एक व्यक्ति जो किसी चीज या ऐसी स्थिति से डरता है जिस पर उसका नियंत्रण नहीं होता है, वह तनाव महसूस करने लगता है, जिसके कारण उस पर दबाव बनने लगता है। यदि कोई व्यक्ति इन स्थितियों में अधिक समय तक रहता है, तो धीरे-धीरे उसे तनावपूर्ण जीवन शैली की आदत हो जाती है, यदि उसे तनावपूर्ण स्थिति नहीं मिलती है, तो वह तनाव को और भी अधिक महसूस करने लगता है। यह डिप्रेशन का प्रारंभिक चरण है।
डिप्रेशन क्यों होता है? (अवसाद के कारण) : Depression Symptoms in Hindi
डिप्रेशन के कई कारण होते हैं, जिनके बारे में विस्तार से जानने की जरूरत है। आइए इसके बारे में चर्चा करते हैं-
जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन जैसे दुर्घटना, जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन या संघर्ष, परिवार के किसी सदस्य या प्रियजन की हानि, आर्थिक समस्या या ऐसा कोई गंभीर परिवर्तन।
हार्मोन में बदलाव के कारण जैसे मेनोपॉज, प्रसव, थायराइड की समस्या आदि।
आइए जानते हैं कैसे बचे डिप्रेशन से
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What is thyroid storm?
थायराइड स्टॉर्म एक जानलेवा स्वास्थ्य स्थिति है जो अनुपचारित या इलाज किए गए हाइपरथायरायडिज्म से जुड़ी है। थायराइड तूफान के दौरान, एक व्यक्ति की हृदय गति, रक्तचाप और शरीर का तापमान खतरनाक रूप से उच्च स्तर तक बढ़ सकता है। शीघ्र, आक्रामक उपचार के बिना, थायराइड तूफान अक्सर घातक होता है। थायरॉयड आपकी गर्दन के निचले हिस्से के बीच में स्थित एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है। थायराइड द्वारा निर्मित दो आवश्यक थायराइड हार्मोन ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) हैं। ये उस दर को नियंत्रित करते हैं जिस पर आपके शरीर की हर कोशिका काम करती है (आपका चयापचय)। यदि आपको हाइपरथायरायडिज्म है, तो आपका थायराइड इन दोनों हार्मोनों का बहुत अधिक उत्पादन कर रहा है। इससे आपकी सभी
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What causes female orgasmic disorder (FOD)
फीमेल ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर (एफओडी) का क्या कारण है?
आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित
शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारक महिला ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर में योगदान कर सकते हैं।ओर्गास्म या चरमोत्कर्ष कैसे महसूस होता है या इस अवस्था तक आने में कितना समय लगता है, यह व्यापक रूप से प्रत्येक महिला में भिन्न हो सकता है। जब किसी को ओर्गास्म संबंधी समस्या होती है, तो चरमोत्कर्ष तक पहुंचने में लंबा समय लग सकता है। महिला ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर के निम्न कारण हो सकते हैं:
चिकित्सकीय स्थितियां: मधुमेह, वैस्कुलर रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, रीढ़ की हड्डी में चोट और कुछ पैल्विक स्थितियां एक महिला की ओर्गास्म तक पहुंचने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। एफओडीको गठिया, थायराइड की समस्या और अस्थमा से भी जोड़ा गया है।
दवाइयां: एंटीडिप्रेसेंट्स [विशेष रूप से सेरोटोनिन रयूपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई)], एंटीसाइकोटिक्स और कैंसर, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के लिए ली जाने वाली दवाइयों से यौन दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो संभोग क्रिया को प्रभावित करते हैं।
यौन अनुभवहीनता: कुछ महिलाओं ने यह सीखा ही नहीं कि किस प्रकार की उत्तेजना उन्हें ओर्गास्म तक ले जाती है। या हो सकता है कि वे यह नहीं जानती हों कि अपने साथी से इस बारे में कैसे बात करें कि उन्हें किससे आनंद मिलता है।
सेक्स के बारे में आपराधिक भावनाएं: हो सकता है कि महिलाओं को यह विश्वास दिलाया गया हो कि उन्हें सेक्स का आनंद नहीं लेना चाहिए, इसलिए वे इस क्रिया में शामिल होने के लिए खुद को दोषी या "गलत" महसूस करती हैं।
चिंता और अवसाद: एक महिला सेक्स के बारे में इतनी चिंतित महसूस कर सकती है कि वह ओर्गास्म करने के लिए पर्याप्त शिथिल महसूस करने में असमर्थ होती है। या वह नकारात्मक घटनाओं पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित करती है कि वह उस "पल में" होने और उत्तेजना का आनंद लेने में असमर्थ होती है। कुछ महिलाओं के लिए, शरीर की खराब छवि चिंता का कारण बन जाती है। कुछ महिलाओं को संभोग के दौरान आत्म नियंत्रण खोने का डर होता है।
रिश्तों से सम्बंधित समस्याएँ: अपने साथी के साथ मतभेद एक महिला की संभोग सुख तक पहुंचने की संभावना को कम कर सकता है। यह रिश्ते में यौन समस्याएँ, सामान्य संबंध समस्याएँ, क्रोध, अविश्वास या संवा�� करने में असमर्थता के कारण भी हो सकता है।
अतीत में हुआ दुर्व्यवहार: जिन महिलाओं का शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण हुआ है, उन्हें अक्सर संभोग सुख की समस्या होती है।
यदि आपको लगता है कि आपको ओर्गास्म संबंधी समस्या है, तो आपको अपने डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए। आपका डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करने और उचित उपचार योजना प्रदान करने में आपकी सहायता करेगा। अपने चिकित्सक से परामर्श लेने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आप फिर से यौन क्रिया का पूरी तरह से आनंद ले सकें।
जांच के दौरानआपका डॉक्टर आपके यौन इतिहास के बारे में प्रश्न पूछेगा और एक शारीरिक परीक्षण भी करेगा। आपकी प्रतिक्रियाएं और परीक्षा परिणाम संभोग संबंधी समस्याओं के किसी भी अंतर्निहित कारणों को प्रकट करेंगी और अन्य कारकों की पहचान करने में भी मदद होगी।आपका डॉक्टर आपको पूर्ण रूप से जांच हेतु स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास भेज सकता है जो संभोग रोग के लिए उपचार की सिफारिश कर सकता है।
अगर पति पत्नी के आपसी रिश्तों में समस्या है तो काउंसलिंग भी एक उपचार विकल्प हो सकता है जो अत्यंत लोकप्रिय है। एक काउंसलर आपको और आपके साथी को किसी भी असहमति या संघर्ष के दौरान भी साथ काम करने में मदद करेगा। यह परामर्श रिश्तों मे और बेडरूम में हो रहे सभी मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है।
संभोग करने में असमर्थता निराशाजनक हो सकती है और आपके रिश्ते पर असर डाल सकती है। हालाँकि, आप उचित उपचार के साथ चरमोत्कर्ष तक पहुँचने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हॉस्पिटल है।
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