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#तमिलनाडू
hinduactivists · 8 months
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तमिलनाडू के मंदिरों में गैर हिंदुओं के अंदर जाने पर प्रतिबंध, मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा हिंदुओं को भी अपने धर्म और रीति रिवाजों का पालन करने का अधिकार है। इसके लिए हाईकोर्ट ने मंदिरों के बाहर चेतावनी बोर्ड लगाने का सुझाव दिया है।
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sharpbharat · 5 months
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indias big cyber criminals arrested from jamshedpur : जमशेदपुर के कदमा से पकड़े गये देश के बड़े तीन साइबर क्रिमिनल, एक दिन में किये है करोड़ों के ट्रांजैक्शन, देश भर से मिली शिकायत के बाद सीआइडी ने छापामारी कर पकड़ा, जानें जमशेदपुर से कैसे कर रहे थे ये लोग साइबर क्राइम, केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक्शन के बाद पकड़ा गया
जमशेदपुर : जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र से झारखंड सीआइडी ने तीन बड़े साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग देश के कई हिस्सों के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी किये थे, जिनको सीआइडी की टीम ने पकड़ा है. उनके कारस्तानियों की जानकारी कई बार नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में दर्ज किया गया था. करीब सौ से अधिक लोगों को इन लोगों ने ठगा है. महाराष्ट्र, तमिलनाडू, गुजरात, हरियाणा के लोगों को ठगा गया…
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abhinews1 · 9 months
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बालाघाट के कायदी ग्राम में ऑल इंडिया महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता प्रारंभ
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बालाघाट के कायदी ग्राम में ऑल इंडिया महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता प्रारंभ प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी वारासिवनी तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम आदर्श ग्राम पंचायत कायदी में संजय वॉलीबॉल क्लब कायदी के तत्वावधान में ऑल इंडिया वॉलीबॉल टुर्नामेंट महिला एवं पुरूष दोनो वर्ग में आयोजित किया गया है। इस संबंध में संजय वॉलीबॉल क्लब के अध्यक्ष जितेन्द्र नगरगढ़े ने बताया कि 4 जनवरी को जिला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जिले की टीमों ने हिस्सा लिया। इस जिला स्तरीय वॉलीबॉल टुर्नामेंट में फायनल मैच पुलिसटीम बालाघाट व सिटी क्लब बालाघाट के बीच खेला गया। जिसमें पुलिस टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुये मैच जीतकर फायनल का खिताब जीत लिया। जिसमें विजेता टीम को 3000 रूपये एवं शिल्ड विनय नगपुरे द्वारा प्रदान किया गया। वही उपविजेता टीम बालाघाट सीटी क्लब को 2000 रूपये ग्रामीण त्रिवेन्द्र नगपुरे द्वारा प्रदान किया गया। वही आज 5 जनवरी को ऑल इंडिया महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें कलकत्ता, बिहार, छत्तीसगढ, पंजाब, पुणे, तमिलनाडू पुलिस टीमों ने हिस्सा लिया और लिग मैच में अच्छा प्रदर्शन किया। नगरगढे ने बताया कि 6 जनवरी को पुरूष ऑल इंडिया वॉलीबॉल टूर्नामेंट का आयोजन होगा। जिसमें सी.आरएसएफ रॉची, हरियाणा, केरला एयर फोर्स, कर्नाटक एकेडमी, तमिलनाडू पुलिस, छत्तीसगढ पुलिस, कामठी आर्मी नागपुर, बी.एस.एफ जालंधर व सिकंद्राबाद रेल्वे की टीमों को आमंत्रित किया गया है। जिनका सेमीफायनल व फायनल मैच 7 जनवरी को खेला जाएगा। इस अवसर पर कामेंट्री कमल उपराडे, मो.मुस्तफा कुरैशी,मैच समरी दीपक चैतगुरू द्वारा की जा रही है। इस अवसर पर समस्त जिलेवासियों से उपस्थिति की अपील ग्राम पंचायत कायदी की सरपंच श्रीमती रेखा जितेन्द्र नगरगढे, बेनीराम बावनथडे टीम मैनेजर, भाऊलाल नगपुरे समाजसेवी, त्रिवेन्द्र नगपुरे, संजय वॉलीबॉल क्लब के अध्यक्ष जितेन्द्र नगरगढे, उपाध्यक्षद्धय नरेश वाघाडे ,विजेन्द्र दमाहे, मो.अशफाक कुरैशी, मुकेश नगरगडे कोषाध्यक्ष, चंद्रभान सोनबिरसे सचिव, सहसचिवगण ओमप्रकाश चैतगुरू ,सुजीत सोनबिरसे, त्रिवेन्द्र नगपुरे, सह कोषाध्यक्ष प्रदीज जगने,राहुल बसेने सहित समस्त पदाधिकारियों ने की है।
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kisanofindia · 1 year
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कैसे करें औषधीय गुणों से भरपूर कासनी की खेती? क्यों कहा जाता है इसे प्रकृति का वरदान?
किस तरह की मिट्टी में उगाई जा सकती है कासनी?
हमारे देश में औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पतियों की भरमार है, इन्हीं में से एक वनस्पति है कासनी, जो हरे चारे के साथ ही औषधि बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है। किसानों के लिए कासनी की खेती फ़ायदेमंद साबित हो सकती है।
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कासनी की खेती | हमारे जंगलों में कई बहुमूल्य वनस्पतियां हैं जो पशुओं के लिए बेहतरीन हरा चारा होने के साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है, मगर इसकी जानकारी न होने के कारण किसान इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। जानकारी के अभाव में ही बहुत सी वनस्पतियां अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। ऐसी ही एक वनस्पति है कासनी।
ये मुख्य रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के निचले इलाकों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू और कर्नाटक में उगाई जाती है। कासनी की खेती में कीटनाशकों और खरपतवाररोधी दवाओं के अधिक इस्तेमाल से इसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। कासनी को बचाने के लिए रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान, हल्द्वानी ने कासनी की खेती को बढ़ावा देने का काम शुरू किया है। कासनी को कई जगहों पर चिकोरी भी कहा जाता है, इसके फूल नीले रंग के होते हैं।
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कासनी के उपयोग
कासनी की पत्तियों का इस्तेमाल हरे चारे के रूप में किया जाता है। कई आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं में भी इसका उपयोग होता है। कासनी को सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। कई जगहों पर कासनी की चाय, काढ़ा, इसके पत्तों का रस का सेवन किया जाता है। इतना ही नहीं, कासनी की पत्तियों को उबालकर और पत्तियों को निचोड़कर इसकी सब्ज़ी भी बनाई जाती है। कासनी की जड़ों को भूनकर कॉफ़ी में डालकर भी पिया जाता है।
मिट्टी और जलवायु
हमारे देश में औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पतियों की भरमार है, इन्हीं में से एक वनस्पति है कासनी, जो हरे चारे के साथ ही औषधि बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है। कासनी भले ही बहुत लोकप्रिय न हो, मगर किसानों के लिए इसकी खेती फ़ायदेमंद साबित हो सकती है।
वैसे तो कासनी की खेती किसी भी तरह की उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन आप अगर व्यवसायिक रूप से इसकी खेती करना चाहते हैं, तो बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, क्योंकि इससे उत्पादन अधिक प्राप्त होता है। इसे समशीतोष्ण और कम ठंडी वाली जगहों पर अच्छी तरह उगाया जा सकता है। गर्म इलाकों में इसकी खेती शरद और बसंत ऋतु में की जा सकती है। अधिक गर्मी में इसके पौधों का सही विकास नहीं पो पाता है। इसकी फसल को ज़्यादा बारिश की भी ज़रूरत नहीं होती है। बीजों के अंकुरण के लिए करीब 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है और पौधों के अच्छे विकास के लिए तापमान 10 डिग्री होना चाहिए।
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खेत की तैयारी और बुवाई
कासनी की बुवाई से पहले खेत की मिट्टी पलटकर एक बार गहरी जुताई कर लें। फिर पाटा चलाकर मिट्टी को बराबर कर लें। पत्तों के अच्छे विकास के लिए खेत में प्रति हेक्टेयर 1-2 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद ज़रूर मिलाएं। फिर ज़ररूत के हिसाब से रासायनिक उर्वरक डालकर हैरो या देसी हल से अच्छी तरह मिला लें। कासनी के बीजों को छिड़काव विधि से भी लगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी उपज के लिए पंक्तियों में बुवाई करना उपयुक्त होगा। पंक्ति से पंक्ति के बीज 30 सेंटीमीटर की दूरी रखें और पौधों से पौधों की दूरी 10-15 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
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entertainnews · 1 year
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तमिलनाडू मुख्य मंत्री का नई योजोना स्कूल के छत्रों केलिए - अब सारे स्कूल मे मिलेगा मुफ्त नस्ता
aug 25 2023, तमिलनाडू: आज ही तमिलनाडू के मुख्य मंत्री के द्वारा नई योजोना जो की तमिलनाडू के सरकारी स्कूल मे पढ़ने वाले बचे केलिए है। अपने राज्य मे सिखस्या को बढ़ाने और अपने युबा आबादी के भल��ई को मध्य नजर रख ते हुए तमिलनाडू के सरकार ने अज्ज ही एक बड़ा कदम लिया है। आज से तमिलनाडू के सारे स्कूल यानि की पूरे ३१,००० सरकारी बिद्यालाया मे फ्री मे नस्ता दिया जाएगा। इस अभूतपूर्व पहल को एक दूरदर्शी कदम के रूप…
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countryinsidenews · 1 year
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जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा चलती है तालध्वज, दर्पदलन और गरुड़ध्वज के क्रम में-भारत के चार दिशाओं में है अवस्थित है चार धाम
जितेन्द्र कुमार सिन्हा ::भारत के उत्तर में (उत्तराखंड में) बद्रीनाथ, दक्षिण में (तमिलनाडू में) रामेश्वरम, पूर्व में (उड़ीसा में) जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में (गुजरात में) द्वारका अवस्थित है। इसप्रकार भारत के चार दिशाओं में चार धाम अवस्थित है और सबकी अपनी-अपनी महत्ता है।प्राचीन समय से ये चार धाम, तीर्थ के रूप मे मान्य है और महिमा का प्रचार आद्यशंकराचार्यजी ने किया था।भारत की उत्तर में अवस्थित…
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thebharatexpress · 1 year
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MAUSAM ALART: आज प्रदेश के इन जिलों में बारिश और ओला गिरने की संभावना, मौसम विज्ञान केंद्र ने जारी की चेतावनी
MAUSAM ALART: रायपुर। आज उत्तर छत्तीसगढ़ में बारिश और ओला गिरने की संभावना जताई जा रही है। सरगुजा संभाग और आसपास ओलावृष्टि एवं वज्रपाल का अनुमान है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी कर दी है। तमिलनाडू से उत्तर छत्तीसगढ़ तक द्राणिका बनी है। इसके प्रभाव से अंधड़ और बारिश की संभावना जताई जा रही है। मध्य छत्तीसगढ़ में मौसम बदले की संभावना है। मशहूर अभिनेत्री हुई संक्रमित, इंस्टाग्राम पर खुद दी…
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loktantraudghosh · 2 years
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धनंजय कुडासिया ने 19वीं नेशनल सिलम्बम प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त किया।
  लोकतंत्र उद्घोष राधेगुरु   नागदा जं.। निप्र-तमिलनाडू राज्य के राजपप्लायं शहर में आयोजित 19वीं नेशनल सिलम्बम चेम्पियनशिप 2022-23 दिनांक 24 से 27 फरवरी को आयन केन्द्र विद्यालय राजपप्लायम में आयोजित हुई। जिसमें मध्यप्रदेश सिलम्बम एसोसिएशन की टीम की ओर से जूनियर वर्ग में भाग लेकर धनंजय कुडासिया ने ओतराई सुरूल वाल विच्चू(फ्लेक्सिबल शोर्ड प्रदर्शन) में कांस्य पदक हासिल कर प्रदेश एवं नागदा नगर का मान…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2022 के लिए 15 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की है। इस राशि का भुगतान भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को किया जाएगा। इस अतिरिक्त 15 करोड़ रुपए राशि का उपयोग दिसम्बर, 2022 एवं जनवरी, 2023 तक संचालित होने वाली रेल यात्रा के लिए किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बजट 2022-23 में ‘वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना‘ के अंतर्गत यात्रियों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार की घोषणा की गई थी। उक्त योजना के लिए आवंटित कुल राशि 10 करोड़ में से 9.64 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है।
राज्य सरकार के देवस्थान विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना संचालित की जा रही है। योजना राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) के लिए है। आवेदक आयकर दाता नहीं होना चाहिए। उन्हें जीवन काल में एक बार देश या देश के बाहर स्थित विभिन्न निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा कराने हेतु राजकीय सुविधा एवं सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना में वर्ष 2013 में रेल यात्रा कराई गई। इसके बाद वर्ष 2016 में हवाई यात्रा भी सम्मिलित की गई। इसमें रेल द्वारा, रामेश्वरम-मदुरई, जगन्नाथपुरी, तिरूपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन, सम्मेद शिखर-पावापुरी, उज्जैन-ओंकारेश्वर, गंगासागर (कोलकत्ता), कामाख्या (गुवाहटी), हरिद्वार-ऋषिकेश, बिहार शरीफ एवं वेलनकानी चर्च (तमिलनाडू) तीर्थ यात्रा कराई जा रही है। वहीं, हवाई जहाज से नेपाल स्थित पशुपतिनाथ-काठमांडू के दर्शन कराए जा रहे हैं।
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slnkhabar · 2 years
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तमिलनाडू में बीआर अंबेडकर के पोस्टर पर विवाद, भगवा कपड़े व माथे पर टीका लगाए दिखे बाबा साहेब
तमिलनाडू में बीआर अंबेडकर के पोस्टर पर विवाद, भगवा कपड़े व माथे पर टीका लगाए दिखे बाबा साहेब
कुंबकोणम: तमिलनाडू में संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर के पोस्टर पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बाबा साहेब की पुण्यतिथि पर यहां कुंबकोणम व आसपास उनके पोस्टर लगाए गए। लेकिन इन पोस्टरों में बाबा साहेब को भगवा कपड़े में दिखाया गया है। इतना ही नहीं उनके माथे पर टीका भी लगा है। तमिलनाडु में BR Ambedkar के पोस्टर पर हुआ बवाल भगवा कपड़े और माथे पर टीका लगाए दिखे बाबा साहेब pic.twitter.com/0TorexwU6x —…
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dainikkhabarlive · 2 years
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सीएसके से रिलीज किये गए खिलाड़ी ने विजय हजारे ट्रॉफी में मचाया धूम, दोहरा शतक जड़ बना दिए कई वर्ल्ड रिकॉर्ड
Vijay Hazare Trophy: हाल ही में आईपीएल 2023 से पहले चेन्नई सुपर किंग्स के द्वारा रिलीज किये गए खिलाड़ियों की सूचि में तमिलनाडू के एस जगदीशन का नाम भी शामिल रहा. जगदीशन फिलहाल विजय हजारे ट्राफी में तमिलनाडु का प्रतिनधित्व कर रहे है।
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sharpbharat · 6 months
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jamshedpur BJYM- तमिलनाडू की बुलेट रानी राजलक्ष्मी पहुंची सोनारी, भाजयुमो ने किया स्वागत, 15 राज्यों का करेगी भ्रमण
जमशेदपुर:देश में बुलेट रानी के नाम से मशहूर तमिलनाडू की राजलक्ष्मी माड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के संकल्प के साथ मदुरई से नई दिल्ली तक के 21000 किलोमीटर की यात्रा पर निकली है. इसी क्रम में बुधवार भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा सोनारी एरोड्राम के पास सुश्री राजलक्ष्मी मांडा का भव्य स्वागत किया गया.(नीचे भी पढ़े) जहां युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा नरेंद्र मोदी…
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abhinews1 · 2 years
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राष्ट्रीय खिलाड़ी का गांववासियों ने किया जोरदार स्वागत राष्ट्रीय भारोत्तोलक नकु�� गोस्वामी का हुआ भव्य स्वागत,नेशनल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में नकुल ने जीता है रजत पदक
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राष्ट्रीय खिलाड़ी का गांववासियों ने किया जोरदार स्वागत राष्ट्रीय भारोत्तोलक नकुल गोस्वामी का हुआ भव्य स्वागत, नेशनल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में नकुल ने जीता है रजत पदक
मथुरा अभी न्यूज़ (प्रताप सिंह) नन्दगाँव / कन्हैया की क्रीड़ा भूमि नन्दगाँव की निखरी प्रतिभा ने अपना परचम लहराते हुए तमिलनाडु में हुई राष्ट्रीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता में यूपी का प्रतिनिधित्व करते हुए 268 किलोग्राम भार उठाकर रजत पदक प्राप्त किया है। तमिलनाडु से लौटने पर मंगलवार को नन्दगाँव में नकुल गोस्वामी का गांववासियों ने बैंड बाजे के साथ जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर उत्साहित नकुल ने कहा कि अब इंटरनेशनल गेम में अपने गांव जिला प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे। तमिलनाडू के नगर कॉइल में 29 दिसम्बर से 7 जनवरी तक नेशनल वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप 2022- 23 का आयोजन। जिसमे 3 जनवरी को 81 किलो वर्ग में नकुल गोस्वामी समेत देश के विभिन्न राज्यों से 70 से अधिक प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया। जिसमे नकुल गोस्वामी ने 268 किलोग्राम वजन उठाकर रजत पदक प्राप्त कर प्रदेश और अपने गांव का नाम रोशन किया। प्रतियागिता में पदक जीतने के बाद नकुल गोस्वामी मंगलवार को नन्दगाँव लौटे। जहाँ गांववासियों ने उनका। जोशीले अंदाज में स्वागत किया। कांमा तिराहे से लेकर रंगीली चौक तक गांव वासी नकुल को बैंडबाजे के साथ लेकर गए । जगह जगह स्थानीय लोगो ने फूल माला और पटुका पहनकर जोरदार स्वागत किया और बधाई दी । वही नकुल ने नंदबाबा मन्दिर जाकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस मौके पर रालोद नेता भीम चौधरी व मोहनश्याम फोरमेन ने का कहा कि गांव के बालको को नकुल से प्रेरणा लेनी चाहिए। नकुल के पिता सुखदेव गोस्वामी ने बताया कि अगली बार नकुल अवश्य ही स्वर्ण प्राप्त कर अंतर्राष्टीय प्रतियोगिताओं परचम लहरायेगा। नकुल ने अपने लक्ष्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ओलंपिक में शामिल होकर तिरंगा लहराना ही उसका मुख्य लक्ष्य है। आज स्वागत करने वालो में ताराचंद गोस्वामी पूर्व चेयरमैन, बदन पहलवान पूर्व चेयरमैन, कन्नो गोस्वामी, बालकृष्ण गोस्वामी, सपा नेता लोकेश चौधरी, प्रकाश मास्टर, श्याम मास्टर, आदि प्रमुख रहे।
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राष्ट्रीय खिलाड़ी का गांववासियों ने किया जोरदार स्वागत राष्ट्रीय भारोत्तोलक नकुल गोस्वामी का हुआ भव्य स्वागत, नेशनल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में नकुल ने जीता है रजत पदक Read the full article
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kisanofindia · 1 year
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कम उपजाऊ भूमि में सरगुजा की खेती कैसे करें? जानिए किन बातों का रखें ध्यान
सरगुजा की खेती बरसात के मौसम में ही की जाती है
मूंगफली, तिल, असली की तरह ही सरगुजा भी एक तिलहनी फसल है, जो मुख्य रूप से झारखंड के आदिवासी किसानों द्वारा उगाई जाती है। इसका तेल बहुत फ़ायदेमंदहोता है जिसे खाने से लेकर दवा बनाने तक में इस्तेमाल किया जाता है। जानिए सरगुजा की खेती से जुड़ी अहम बातें।
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सरगुजा की खेती: मूंगफली, तिल, सूरजमुखी, सोयाबीन, सरसों और असली के तेल के बारे में तो आपने सुना ही होगा और खाते भी होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सरगुजा के बारे में सुना है? दरअसल, ये झारखंड के आदिवासी समुदाय की प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसका इस्तेमाल वो खाद्य तेल के रूप में करते हैं।
सरगुजा का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिनेलोइक एसिड से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। खाने के अलावा, इस तेल का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। मगर इतना फ़ायदेमंद होने के बाद भी इसका तेल बाकी तेल की तरह लोकप्रिय नहीं है। भारत के तिलहन उत्पादन में सरगुजा तेल का योगदान सिर्फ़ 3 प्रतिशत ही है और इसकी वजह है जानकारी का अभाव।
सरगुजा के बारे में जागरुकता फैलाकर और किसानों को सरगुजा की खेती के लिए प्रेरित करके उनकी आमदनी में इज़ाफ़ा किया जा सकता है, क्योंकि सरगुजा कीखेती विपरित परिस्थितियों में भी की जा सकती है। इसलिए कम उपजाऊ और पानी वाले इलाकों के लिए भी ये फसल उपयुक्त है।
कहां होती है सरगुजा की खेती
सरगुजा की खेती झारखंड के साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्रस मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है। इसकी खेती मुख्य रूप से झारखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा की जाती है। वो इसे आमतौर पर कम उपजाऊ भूमि में लगाते हैं और खाद व उर्वरकों का भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं जिससे उपज कम होती है। अगर वैज्ञानिक पद्धति से इसकी खेती की जाए, तो किसानों को अच्छी उपज प्राप्त हो सकती है।
जलवायु और मिट्टी
सरगुजा की खेती 13 से 23 डिग्री तापमान में की जा सकती है। सरगुजा के लिए हल्की बलुई मिट्टी से लेकर भारी काली मिट्टी जिसका पी.एच. मान 5.2 से 7.3 तक हो अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती लवणीय मिट्टी में भी की जा सकती है, इसमें पौधों का विकास अच्छी तरह होता है।
खेत की तैयारी
इसकी खेती के लिए पहले देसी हल से खेत में दो बार गहरी जुताई कर पाटा लगा दें। अंतिम जुताई के समय 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 5% एल्ड्रिन धूल या 10% बी.एच.सी. मिट्टी में मिला दें। इससे दीमक का असर कम हो जाता है।
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mantralipi · 2 years
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विभीषणकृत हनुमद्वडवानल स्तोत्र की तंत्र साधना(Bibhishan Krit Hanumadbadbanal strotra ki tantra Sadhana)
हनुमानजी को महावीर भी कहा जाता है। महावीर का अर्थ है- अजेय अर्थात्जि से बल, बुद्धि, विद्या, ज्ञान, नीति में कोई पराजित न कर पाये और जिसने समस्त शक्तियों को जीत लिया है। यह बात हनुमान जी पर बिलकुल सही बैठती है । इसलिये . हनुमानजी को शास्त्रों में बल बुद्धि और विद्या का दाता कहा गया है।
हनुमानजी और शिव जी संपर्क 
हनुमानजी के संबंध में कुछ बातें विशेष ध्यान देने की हैं। एक बात तो यह है कि हनुमानजी शिव के अंश हैं। हनुमानजी को एकादश रुद्र अवतार इसी दृष्टि से कहा गया है। इसलिये हनुमत साधना से हनुमानजी की कृपा दृष्टि तो प्राप्त होती ही है, भगवान शंकर की कृपा भी सहज ही प्राप्त हो जाती है। 
हनुमान जी पास अतुल शक्ति होने का कारन 
हनुमानजी के संबंध में दूसरी बात यह समझ लेने की है कि यह समस्त देवों की शक्ति को अपने अन्दर संचित करके अवतरित हुये हैं। इसलिये वे वीरता, पराक्रम, दक्षता, निर्भयता, निरोगता आदि के प्रतीक हैं। जो साधक हनुमानजी की सच्चे मन से साधना करता है, उसे यह समस्त गुण सहज ही प्राप्त हो जाते हैं। हनुमानजी शक्ति, पौरुषता, स्फूर्ति, धैर्य, विवेक, वाक्पटुता आदि गुणों से भी सम्पन्न हैं। इसलिये हनुमानजी के साधकों को यह समस्त गुण सहज ही प्राप्त हो जाते हैं ।
हनुमान जी का भक्ति और शक्ति 
हनुमानजी राम, लक्ष्मण और सीता की सेवा भक्ति में सदैव समर्पित रहे हैं। उन्हें सेवा और समर्पण का भाव बहुत पसन्द है। इसलिये जो व्यक्ति गहरी आस्था और पूर्ण समर्पण भाव के साथ हनुमानजी की शरण में आ जाता है, वह सहज ही हनुमानजी का कृपापात्र बन जाता है। साधना में पूर्ण समर्पण भाव ही साधक को तत्काल फल प्रदान कराता है। ऐसी कोई बाधा, ऐसी कोई शारीरिक या मानसिक समस्या नहीं है, जो हनुमानजी की शक्ति के सामने ठहर सके । इसी तरह ऐसी कोई व्याधि और ऐसा कोई संकट नहीं है जो हनुमत साधना से दूर न हो सके। जिस साधक पर एक बार हनुमानजी का वरदहस्त आशीर्वाद स्वरूप रख दिया जाता है, फिर उस पर कोई भी शत्रु प्रभावी नहीं हो सकता । उसके शत्रु हजारों प्रयास करें, कई तरह की तांत्रिक अभिचार क्रियायें करवा कर उसे परास्त करने का प्रयत्न करें, लेकिन हनुमत कृपा से वह उस साधक का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाते हैं। ऐसे हनुमत साधक को भूत, प्रेतादि का डर भी नहीं रहता। सभी अशरीरी आत्माओं की शक्ति उसके सामने आते ही कमजोर पड़ जाती है।
ग्रहबाधा में हनुमान जी पूजा
बुरे ग्रहों का प्रभाव भी हनुमत साधना से समाप्त हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को सबसे पापी और संताप देने वाला ग्रह माना गया है ।इसलिये शनि के प्रकोप से कोई नहीं बच पाता । वक्री शनि की दृष्टि, शनि की ढैय्या, शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव तो इतना आक्रांत करता है कि इस अवधि में व्यक्ति महल से उजड़ कर सीधे सड़कों पर आ जाता है। असाध्य व्याधियों के रूप में शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा देने में भी ऐसा शनि पीछे नहीं रहता । पारिवारिक कलह का कारण भी ऐसा शनि ही बनता है । यह आश्चर्यजनक बात है कि जिस शनि के प्रताप से व्यक्ति कांप जाता है, वह शनि स्वयं हनुमानजी से भय खाते हैं । इसलिये बहुत से ज्योतिषी अपने यजमानों को शनि के पापी प्रभाव से बचने के लिये हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का परामर्श देते हैं। नियमित रूप से हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमत कृपा प्राप्त करने का आग्रह करते हैं। अधिकांश शनि पीड़ित लोगों को हनुमानजी की पूजा-अर्चना का फल शीघ्र ही मिल जाता है।
दक्षिण भारत के तमिलनाडू राज्य में अम्बपुर नामक एक प्रसिद्ध स्थान है। उस स्थान पर हनुमानजी के उग्र स्वभाव ( उग्र हनुमान) की स्थापना की गई है। यहां हनुमानजी उग्र आवेश में आकर शनि को अपने पैरों में दबाये हुये हैं। अन्यत्र कहीं भी हनुमानजी के उग्र स्वरूप की स्थापना नहीं की गई है। विश्व भर में यही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां हनुमानजी के विकराल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है । मानसिक रूप से कमजोर, मंदबुद्धि और मानसिक व्याधियों से पीड़ित चल रहे लोगों के लिये हनुमान जी की साधना संजीवनी बूटी से कम नहीं होती । हनुमानजी की नियमित साधना, उपासना से शीघ्र ही मानसिक परेशानियों का समाधान हो जाता है तथा साधक स्वयं के अन्दर संतोष, शांति एवं स्फूर्ति का अनुभव करने लग जाता है।
विभीषणकृत हनुमद्ववडवानल स्तोत्रम :
बडवानल वन में लगी भीषण अग्नि को कहा जाता है । यह अग्नि थोड़े समय में ही विशाल वन को नष्ट करने की सामर्थ्य रखती है। जिस प्रकार ग्रीष्म ऋतु के दौरान वन में वृक्षों के परस्पर घर्षण से उत्पन्न हुई छोटी सी चिंगारी शीघ्र ही भीषण अग्नि का रूप धारणकर लेती है और जंगल में चहुं ओर फैल कर समस्त जीव-जन्तुओं को पीड़ित करने लगती है, बडवानल की इस तपस से जंगल के जीव-जन्तु ही नहीं, बल्कि सभी तरह की वनस्पतियां तक समाप्त होने लग जाती हैं, ठीक वैसे ही हनुमानजी के इस हनुमद्ववडवानल नामक स्तोत्र के नियमित पठन-पाठन से अनेक प्रकार के संताप स्वतः ही समाप्त होते चले जाते हैं। हनुमत स्तोत्र का प्रभाव अरिष्टकारक ग्रहों के दोषों को शांत करने, शत्रुओं के संताप से बचने, असाध्य रोगों के चंगुल में फंसने से बचने, भूत-प्रेत आदि के भय से मुक्त रहने के साथ-साथ मानसिक व्याधियों के समाधान के लिये भी किया जाता है। यह हनुमत स्तोत्र जीवन में असमय उत्पन्न होने वाली अनेक प्रकार की
भीषण समस्याओं से बचने के लिये बहुत प्रभावशाली सिद्ध होता है । इसके नियमित पाठ से हनुमानजी की अनुकम्पा सदैव अपने साधक पर बनी रहती है । इसलिये ऐसे साधकों को अपने जीवन में किसी तरह का भय नहीं सताता। हनुमानजी की साधना हनुमद्ववडवानल स्तोत्र के द्वारा किसी हनुमानजी के मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के सामने बैठकर की जा सकती है अथवा अपने घर पर भी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करके इसका प्रयोग किया जा सकता है। जानकारी के और और पड़े
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newscup2021 · 3 years
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अली और रफीक ने मां बनने वाली गायों को चोरी कर मार डाला
अली और रफीक ने मां बनने वाली गायों को चोरी कर मार डाला
अरी नामक किसान की गुडियाथम में दो मां बनने वाली गायों को पहले चोरी किया और फिर मार डाला, इस घटनों को मुबारक अली और रफ़ीक दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तमिलनाडू के गुडियाथम में दो मां बनने वाली गायों को मौत के घाट उतार दिया गया, दोनों गायें स्थानीय किसान अरी की बताई जा रही है. मुबारक अली और रफ़ीक ने पहले गायों को आधी रात में अरी के घर के बाहर के शेड से चोरी कर लिया और फिर उन्हें बेरहमी से मार…
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