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abhinews · 3 years
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लखीमपुर खीरी मामले में कब, कैसे, क्या हुआ, पढ़े पूरी टाइमलाइन
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लखीमपुर खीरी मामले में कब, कैसे, क्या हुआ, पढ़े पूरी टाइमलाइन
लखीमपुर खीरी /संवाददाता/ हर्ष श्रीवास्तव : लखीमपुर खीरी मामले में कब, कैसे, क्या हुआ, पढ़े पूरी टाइमलाइन |उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते रविवार को किसानों की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गयी जिसमे बड़ी बात रही बीजेपी के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के नाम आना। लखीमपुर ज़िला मुख्यालय से क़रीब 75 किलोमीट दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गाँव में हुई हिंसा और आगज़नी में अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है।  इनमें चार किसान और चार अन्य लोग शामिल हैं। इनके अलावा 12 से 15 लोग घायल भी हैं। मरने वाले किसानों में दलजीत सिंह (35), गुरवेंद्र सिंह (18), लवप्रीत सिंह (20) और नक्षत्र सिंह (55) शामिल हैं। आपको बता दें कि यहां विरोध कर रहे किसानों को जीप से कुचला गया था। जिसमे 04 किसानों की मौत हो गयी थी। माना जा रहा है कि इस गाड़ी को गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा ही चला रहा था। शनिवार को आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। जब मजिस्ट्रेट के सामने पेशी हुई तो पुलिस ने इनकी कस्टडी मांगी थी, लेकिन मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लखीमपुर में 03 अक्टूबर को हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद शनिवार रात आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। फिर उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हिंसा में 04 किसान और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।   लखीमपुर खीरी मामले में कब, कैसे, क्या हुआ, पढ़े पूरी टाइमलाइन शुरू से अभी तक की किसानों की हत्या के बाद देश भर में भरी आक्रोश किसानों को न्याय, गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर भारतीय युवा कांग्रेस ने निकाला मशाल आक्रोश जुलूस, इस दौरान सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ता मशाल लेकर और हाथों में तख्ती लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए नजर आए। भारतीय युवा कांग्रेस ने मांग रखी  कि, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तुरंत बर्खास्त किया जाए। भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार की नीति अन्नदाता को थकाने और परेशान करने की है, यह एक ऐसी रणनीति है जो विफल हो चुकी है। देश का अन्नदाता भी भाजपाई नीति और हथकंडों को समझ रहा है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की अक्षम्य और निर्मम हत्या ने भारत की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। आगे कहते है कि लखीमपुर खीरी कांड में भाजपा सरकार का रवैया शुरू से संदेहास्पद रहा है और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सच्चाई क्या है, सभी को मालूम है, सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी किसानों की न्याय की आवाज को न कुचला जा सकता है, ना ही उनका दमन किया जा सकता है। क्या आप लोग केंद्रीय सरकार द्वारा BSF के बढ़ाये गये अधिकार क्षेत्र के फैसले से सहमत है या नहीं ?  लखीमपुर खीरी मामले का अब तक का पूरा घटनाक्रम 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे, जहाँ ज़िले के वंदन गार्डन में उन्हें सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करना था. इस कार्यक्रम के लिए पहले वो हेलीकॉप्टर से आने वाले थे, लेकिन शनिवार सुबह प्रोटोकॉल बदला और वो सड़क से लखीमपुर पहुंचे. संयुक्त किसान मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के विरोध और काफ़िले के घेराव की कॉल दी थी जिसमें लखीमपुर और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके के दूसरे ज़िलों से किसानों को शामिल होने आह्वान किया गया था. लगभग एक से डेढ़ बजे के बीच में केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र लखीमपुर ज़िला मुख्यालय से योजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम ख़त्म करके नेपाल बॉर्डर पर टेनी के गाँव बनवीरपुर के लिए रवाना हुए जो तिकुनिया से महज़ चार किलोमीटर की दूरी पर है. तिकुनिया के एक प्राइमरी स्कूल में 2 अक्टूबर को हुए दंगल के विजेताओं का पुरस्कार समारोह था. अजय मिश्र को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के सम्मान में इस बार का कार्यक्रम ज़्यादा बड़ा और भव्य था. इसीलिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उसके मुख्य अतिथि थे. लेकिन स्थानीय किसानों ने मंत्री अजय मिश्र टेनी का विरोध करने की ठान रखी थी | कुछ द��न पहले लखीमपुर के सम्पूर्णानगर के एक किसान सम्मेलन में मंत्री अजय मिश्र मंच से किसानों को धमकाते नज़र आये थे. उन्होंने काले झंडे दिखाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा था, "मैं केवल मंत्री नहीं हूँ या सांसद विधायक नहीं हूँ. जो मेरे सांसद और विधायक बनाने से पहले मेरे विषय में जानते होंगे, उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूँ." "और जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम कर लिया, उस दिन पलिया नहीं, लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जायेगा, यह याद रखना." इस तरीके के तल्ख़ बयानों के बाद किसानों में ख़ासा गुस्सा था और उन्होंने 29 सितम्बर को लखीमपुर के खैरटिया गांव में एक प्रतिज्ञा समारोह में एलान किया कि वो शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जताते रहेंगे.   तिकुनिया में रविवार का घटनाक्रम रविवार सुबह से ही सैकड़ों किसान तिकुनिया के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज पहुँच गए और स्कूल में बने हेलीपैड को घेर लिया. वे लोग "भारत माता की जय" के नारे लगाते रहे और काले झंडों के साथ विरोध शुरू कर दिया. बाद में जब ख़बर फैली कि मंत्री सड़क के रास्ते गाँव पहुँच रहे हैं तो किसान तिकुनिया से बनवीरपुर की सरहद पर गाड़ियों से रास्ता रोक कर बैठ गए. तक़रीबन डेढ़ से ढाई बजे के बीच में तीन गाड़ियों का एक छोटा काफ़िला तिकुनिया पहुंचा. अजय मिश्र टेनी और उनके पुत्र आशीष मिश्र के मुताबिक़ ये काफ़िला उप मुख्यमंत्री के बड़े काफ़िले को बनवीरपुर गाँव तक लाने के लिए पास के एक रेलवे फाटक के लिए रवाना हुआ था. और फिर ये तीनों गाड़ियां तिकुनिया जा पहुँचीं जहाँ किसान उप-मुख्यमंत्री के सरकारी काफ़िले का इंतज़ार कर रहे थे.   किसानों और सरकार के बीच हुआ समझौता मारे गए किसानों के शवों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया है। दरअसल किसानों ने चार मांगें प्रशासन के आगे रखी थीं जिनमें से कुछ मांगों पर सहमति बनी है। इनमें मृतक किसानों के आश्रितों को नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की गिरफ़्तारी, मृतक के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवज़ा और घटना की न्यायिक जांच पर समझौता हो गया है। यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ये बातें कही हैं।   देश भर में राजनीतिक पार्टियों का प्रदर्शन लखीमपुर खीरी की हिंसा के बाद विपक्ष के कई नेताओं ने वहाँ जाने की कोशिश की, लेकिन क़ानून व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें जाने नहीं दिया गया. जिन नेताओं को वहाँ जाने नहीं दिया गया उनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा शामिल थे. एक ओर जहाँ बीजेपी इस मामले में निष्पक्ष जाँच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिला रही है, वहीं विपक्षी दल इस हिंसा को बीजेपी के नाकाम शासन के तौर पर गिना रहे हैं. किसानों की मौत पर भड़के आक्रोश के कारण बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दबाव बढ़ता दिख रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए हैं. प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी न होने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि एक औरत को हिरासत में लेने के लिए पूरा पुलिस बल आ गया, लेकिन अपराध करने वाले की अब तक गिरफ़्तारी नहीं हुई है. इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ से इस हादसे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इसे लेकर भी विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं. वहीं जानकार मानते हैं कि इस हादसे से बीजेपी को झटका ज़रूर लगा है. राज्य में अगले साल चुनाव हैं और ऐसे में लोगों की नाराज़गी पार्टी को नुक़सान पहुँचा सकती है | बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखीमपुर की हिंसा पर कई ट्वीट ज़रूर किए, लेकिन वहाँ जाने की कोशिश नहीं की. हालाँकि पार्टी के नेता सतीश मिश्रा ने ज़रूर वहाँ जाने की कोशिश की थी |   लखीमपुर पहुंचे जयंत चौधरी पीड़ित परिवार से मिले राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। 13 घंटे के अनवरत संघर्ष के बाद जयंत इस घटना में मारे गए 18 वर्ष के किसान लवप्रीत सिंह के परिवार से चौखड़ा गांव में जाकर मिले और उन्हें ढांढ़स बंधाया। लवप्रीत दो बहनों के अकेले भाई थे। रालोद अध्यक्ष को रास्ते में जगह-जगह रोकने की कोशिश की गई लेकिन वह बच-बचाकर लखीमपुर खीरी पहुंचने में कामयाब रहे। जयंत चौधरी ने अपने ट्विटर से पोस्ट किया कि अभी रास्ते में हूं। मुंह पर गमछा लपेटे हुए वह लखीमपुर की तरफ बढ़ रहे थे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 13 घंटे, संघर्षमय यात्रा तय कर अपनों के बीच पहुंच सका। जंगल से, नहर, नदी, बांध से, कई बार रास्ते बदले, वाहन बदले। समाज का दुख साझा करना अपराध है? उन्होंने पीडि़त परिवार से मिलने की फोटो भी ट्वीट की है।   अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा लखीमपुर कांड को लेकर राजधानी में सोमवार को हुए सपा के प्रदर्शन-हंगामे और पुलिस की गाड़ी में आगजनी के मामले में दो मुकदमे गौतमपल्ली थाने में पुलिस की ओर से दर्ज किए गए हैं। यह जानकारी देर रात पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बड़ी संख्या में सड़क जाम कर प्रदर्शन करने वाले सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 144 की कार्रवाई की गई है। दूसरा मुकदमा पुलिस की गाड़ी में आग लगाने वाले अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किया गया है। घटनास्थल के आसपास लगे सीसी कैमरों की मदद से गाड़ी में आग लगाने वाले लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।   पुलिस तहक़ीक़ात और न्यायालय की कार्रवाई कोर्ट ने मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के पुत्र आशीष मिश्र की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली गई है। आशीष मिश्र 12 अक्टूबर सुबह दस बजे से 15 अक्टूबर सुबह दस बजे तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे। सोमवार को दोपहर सीजेएम चिंता राम ने अभियोजन पक्ष की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के दो घंटे बाद फैसला सुनाया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर करने के साथ ही तीन शर्तें भी लगाई हैं। आदेश के मुताबिक आशीष मिश्रा की पुलिस रिमांड के दौरान न तो शारीरिक और न ही मानसिक प्रताड़ना दी जाएगी। पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद जब जेल में दाखिल किया जाएगा तो आशीष मिश्र की मेडिकल कराया जाए। पूछताछ के दौरान अभियुक्त के वकील उचित दूरी पर रह सकते हैं। मजिस्ट्रेट ने कहा कि जेल अधीक्षक लखीमपुर खीरी व विवेचक को एक-एक प्रति भेज दी जाए। कोर्ट ने उसे तीन दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। अब अगले तीन दिनों तक एसआईटी आशीष से और अधिक पूछताछ कर सकेगी। लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू पर पुलिस का शिकंजा काफी कस गया है। लम्बी बहस के बाद पुलिस को आशीष मिश्रा की तीन दिन की पुलिस रिमांड मिली है। अब पुलिस उससे हिंसा में आठ लोगों की मृत्यु के मामले में पूछताछ भी करेगी। लखीमपुर खीरी कांड में सीजेएम कोर्ट ने शाम को करीब 4:15 बजे केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्र मोनू को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर ले जाने की इजाजत दी है। मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा को कोर्ट ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। आशीष मिश्रा 12 से 15 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर रहेगा। खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र की पुलिस रिमांड पर सुनवाई के लिए वर्चुअल सुनवाई 2:42 पर समाप्त की। तकनीकी खराबी के कारण 2: 27 पर शुरू हुई थी सुनवाई। एसपीओ ने 14 दिनों की रिमांड मांगी। आशीष मिश्रा मोनू के वकीलों ने कहा कि 12 घंटे तो पूछताछ कर चुके है, पुलिस अब क्या पूछताछ करना चाहती है। अभियोजन का तर्क आशीष मिश्रा मोनू में असहयोग करते हुए 12 घंटे में केवल 40 सवालों का ही जवाब दिया है। अदालत में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। एसआइटी के इस रवैये से साफ हो गया कि बेगुनाही के जो सबूत आशीष मिश्रा लेकर के आए थे वो काम नहीं आए। अब एसआइटी ने वह सभी साक्ष्य संकलित करने शुरू कर दिए, जिससे यह साबित होगा कि लखीमपुर खीरी कांड में आरोपित आशीष मिश्रा की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है और इसके और अधिक साक्ष्य संकलन की जरूरत है। अब यह भी तय है कि इस कांड से जुड़े सभी इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को एसआइटी फारेंसिक जांच कराए बिना अपना साक्ष्य नहीं बनाएगी।   सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद मामले में आया नया मोड़ लखीमपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट: अब तक कितने गिरफ्तार? किसके खिलाफ FIR दर्ज? यूपी सरकार दाखिल करे स्टेटस रिपोर्ट   लखीमपुर खीरी कांड में खुद से संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे कि आठ लोगों की हत्या से संबंधित मामले में किसे आरोपी बनाया गया है और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं? चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए यूपी सरकार से शुक्रवार तक इस मामले से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर पूरा ब्यौरा पेश करने के लिए कहा है।   प्रधानमंत्री कार्यालय तक है मामले का हल्ला प्रधानमंत्री मोदी ले सकते हैं बड़ा फैसला, देर-सबेर जा सकती है टेनी की कुर्सी  उत्तर प्रदेश पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कह दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वह चाहे कितना भी बड़ा चेहरा क्यों न हो? डीएम, एसपी और राज्य सरकार के अधिकारी मामले को लेकर संवेदनशील हैं। सूत्र का कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ चुकी है और अब जल्द ही कार्रवाई में तेजी देखने को मिलेगी | कृषि मंत्री तोमर के सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। हालांकि वह कहते हैं कि यह संगठन और उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़ा मामला है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के कामकाज से इसका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया में जो प्रसारित हो रहा है, उस आधार पर इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता।   हिंसा को लेकर UP से लेकर दिल्ली तक हलचल, दिन भर चला विरोध प्रदर्शन का दौर दिल्ली के जंतर मंतर पर AAP का प्रदर्शन  लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के बड़ी संख्या में मौजूद विधायक, पार्षद और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया और किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. 'आप' ने प्रदर्शन के दौरान मांग की कि किसानों के हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. इस दौरान आम आदमी पार्टी  नेता गोपाल राय ने  केंद्र और यूपी सरकार को किसानों की मौत का जिम्मेदार बताया. आम आदमी पार्टी ने हत्यारों को गिरफ्तार किए जाने, भाजपा के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई और पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की |   धरने पर बैठे पंजाब के डिप्टी सीएम  लखीमपुर खीरी जा रहे पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और आधा दर्जन विधायकों को सहारनपुर पुलिस ने रोक लिया और उनकी गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने दिया. इसके बाद सरसावा के शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर डिप्टी सीएम रंधावा विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे |   योगी आदित्यनाथ ने बुलाई बड़ी बैठक लखीमपुर खीरी मामले को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ी बैठक बुलाई है. 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हो रही बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और स्वतंत्र देव सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी भी मौजूद हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ लखीमपुर की घटना समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर रहे हैं. सीएम ने पूरे मामले की रिपोर्ट भी तलब की थी |   डीएनडी पर जाम, ट्रैफिक चिल्ला बॉर्डर डायवर्ट  लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) को देखते हुए दिल्ली पुलिस डीएनडी पर सुरक्षात्मक चेकिंग कर रही है. नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि यातायात का दबाव अधिक होने के कारण यातायात को नोएडा-दिल्ली चिल्ला बॉर्डर की ओर डायवर्ट किया जा रहा है. यातायात पुलिसकर्मी यातायात सामान्य बनाने में लगे हैं |   दिल्ली में डीएनडी पर भारी जाम  लखीमपुर खीरी की घटना का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी दिखने लगा है और नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाले डीएनडी पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है. सिर्फ 2 लेन आवाजाही के लिए खुले हैं, इस कारण गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है |   सरकार मानती है कि मामले से आने वाले चुनाव पर पड़ सकता है असर वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का आरोप है कि गाड़ियों ने किसानों को तेज़ी से भीड़ पर चला कर रोंधना शुरू कर दिया जिसमें चार किसान कुचल कर मर गए और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए | तमाम वायरल वीडियो में एक-दो किसानों के शव सड़क के किनारे दिख रहे हैं. किसान नेताओं का आरोप है कि मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा भी उस वक़्त गाड़ी में मौजूद थे और उन्होंने एक किसान को गोली भी मारी | प्रदर्शन में शामिल और हादसे के चश्मदीद संयुक्त मोर्चा के सदस्य पिंडर सिंह सिद्धू ने बताया, "सब माहौल ठीक था, क़रीब ढाई बजे अजय मिश्र जी का बेटा कुछ गुंडों के साथ आया और जो किसान वहाँ अपने झंडे लेकर घूम रहे थे उन पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी. उनके लड़के ने गोली भी चलाई |" "बहुत दुखद घटना थी. हमारे चार किसान भाई शहीद हो गए हैं. जिन किसानों ने वोट दिया है उनके प्रदर्शन पर गाड़ी चढ़ाना, रौंदना कहां की संस्कृति है, ये सत्ता का नशा है. मंत्री अजय मिश्र ने जो चैलेंज दिया है उसका जवाब लोग हर घर से निकलकर देंगे |" हालांकि अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने इन आरोपों से साफ़ इंकार किया है. उनका कहना है कि अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वो सबूत पेश करेंगे | लेकिन वायरल वीडियो में किसानों का हिंसात्मक रिएक्शन भी क़ैद हुआ है. वीडियो में आक्रोशित भीड़ एक जीप पर लाठियां बरसा रही है और गाड़ी से बाहर गिरे दो लोगों को भी लाठियों से मार रही है | भीड़ गाड़ी को पलट कर सड़क से नीचे धकेल देती है. इस हिंसा और हमले के बाद का मंज़र कुछ तस्वीरों में क़ैद हुआ जिसमें सड़क के किनारे दो लाशें पड़ी थीं और उसके इर्द-गिर्द किसान खड़े हुए थे | आशा है कि आप सभी को  AbhiNews के संवाददाता हर्ष श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया "लखीमपुर खीरी मामले में कब, कैसे, क्या हुआ, पढ़े पूरी टाइमलाइन" सम्बन्धित लेख अवश्य पसंद आयेगा | यदि आप इस लेख से सम्बन्धित अपने कुछ विचार रखना चाहते है तो नीचे कमेंट सेक्शन में दे सकते है |   Read the full article
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