#डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर
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प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त, उत्तराखंड के 8.21 लाख किसानों को मिला 181 करोड़ का लाभ, कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
देहरादून: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की। इस योजना के तहत देश के 9 करोड़ 80 लाख से अधिक किसानों को 22 हजार करोड़ से अधिक की सम्मान राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी गई। उत्तराखंड के किसानों को भी इस योजना के तहत बड़ी राहत मिली है। राज्य के 8.21 लाख पात्र…
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Pardarshi Kisan Seva Yojana 2024: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक नई पहल
Pardarshi Kisan Seva Yojana 2024 : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को सहायता देने के उद्देश्य से कई अनुदान योजनाएं और वित्तीय सहायता कार्यक्रम चला रही है। इन योजनाओं के तहत DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किसानों के खातों में ��ीधे पैसा भेजा जाता है। इन सभी योजनाओं को एक साथ लाने और किसानों को सही समय पर सहायता देने के लिए सरकार ने Pardarshi Kisan Seva Yojana की शुरुआत की है। इस…
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Bihar News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बाढ़ से प्रभावित 1 लाख 52 हजार किसानों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से उनके बैंक खातों में कुल 101 करोड़ रु��ये की राशि एक क्लिक में अंतरित की। सितंबर 2024 में हुई भारी वर्षा और गंगा, कोशी, गंडक, बागमती तथा अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के बाद राज्य सरकार ने सभी प्रभावित जिलों से प्राप्त…
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PM Kisan Yojana 16th Installment: पीएम किसान की 16वीं किस्त आपके खाते में आई या नहीं? ऐसे करें चेक 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान की 16वीं किस्त जारी कर दी। इसके तहत किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये राशि ट्रांसफर की गई। इस योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को ₹2,000 की तीन समान किश्तों के जरिए हर साल ₹6,000 दिए जाते हैं। क्या आपके खाते में पीएम किसान का पैसा आया या नहीं, इसका पता आप घर बैठे जान सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट पीएम किसान…
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एक शिकायत जो उचित भी है, लेकिन यहां भी समस्या ये है कि जिस भी कारण से हमारा शोषण हो रहा होता है, हम सब चुप चाप सहन करते हैं, सहन करना मजबूरी भी होती है। शिकायत क्यों नही करते ? शिकायत इसलिए नही करते कि सबूत नही है, सबूत इकट्ठा करेंगे तब दुश्मनी या नाराजगी के शिकार बनेंगे, जब शिकार होंगे तब जीवन जीना मुश्किल हो सकता है, लिहाजा चुप रह जाते हैं ।
हम सभी कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में रिश्वत देते हैं, रिश्वत देते हुए अपने काम को बाधा रहित और जल्दी कराना चाहते हैं, लेकिन उस रिश्वतखोर को पकड़वाने की नही सोंचते हैं, क्यों ? क्योंकि वही मजबूरी सामने खड़ी दिखती है।
सरकार डी बी टी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करती है, सीधे लाभार्थी के खाते में, लेकिन उसके बाद भी लाभार्थी रिश्वतखोरों व दूसरे लोगों द्वारा ठगे और लुटे जाते हैं, ऐसे में सरकार क्या करे, हर बात के लिए कानून है, धाराएं हैं, आरक्षी भी हैं, लेकिन इंसान पारिवारिक मोह माया में फंसा हुआ डरपोक और निरीह प्राणी भी है, ऐसे में क्या हो सकता है ?
सबकुछ सरकार पर छोड़ना भी उचित नही है, देश का आर्थिक ढांचा और सुरक्षा ढांचा इतना मजबूत नही की एक एक व्यक्ति की रक्षा सरकार उसके बेडरूम तक भी कर सके, हिंसा और खतरा कहीं भी हो सकता है, ऐसे में खुद को फिट बनाइये चुस्त दुरुस्त बनाइये, दिमाग से भी, शरीर से भी, आत्मरक्षा के गुड़ भी सीखिए, वरना सिस्टम जैसे रखे रहना पड़ेगा, मोदी की भाजपा आज बहुत मजबूत है, लेकिन फिर भी और ज्यादा और ज्यादा मजबूत होने के लिए दिन रात प्रयासरत है, क्यों ?
सोंचिये, और मन मे तर्क कीजिये, समझदारी के साथ आगे बढिए ।
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PM-किसान सम्मान निधि स्कीम: 3.78 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे गए 10-10 हजार रुपये नई दिल्ली. मोदी सरकार ने देश के 3.78 करोड़ किसान परिवारों को खेती-किसानी के लिए उनके बैंक अकाउंट में अब तक 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि डाल दी है.
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e-Shram Account : ई-श्रम खाते में अभी तक नहीं आया पैसा?, रजिस्टर करते ही मिलते हैं ये फायदे
e-Shram Account : ई-श्रम खाते में अभी तक नहीं आया पैसा?, रजिस्टर करते ही मिलते हैं ये फायदे
e-Shram Account ई-श्रम खाते में अभी तक नहीं आया पैसा?, रजिस्टर करते ही मिलते हैं ये फायदे : अगर आपने भी ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन ( E Shram Card Registration ) कर लिया है और अकाउंट में अभी तक पैसा नहीं आया है तो आप इन तरीकों से अपने पेमेंट का स्टेटस चेक कर सकते हैं. यह पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत जमा किया जा रहा है। e-Shram Account अगर आपने भी ई-श्रम पोर्टल में अपना पंजीकरण ( E Shram…
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PM Kisan eKYC : 31 मार्च से पहले कर लें ये काम, नहीं तो पीएम किसान की अगली किस्त ब्लॉक हो जाएगी.
PM Kisan eKYC : 31 मार्च से पहले कर लें ये काम, नहीं तो पीएम किसान की अगली किस्त ब्लॉक हो जाएगी.
PM Kisan Samman Nidhi Yojna : जिन किसानों ने आधार कार्ड बनवाने का काम किया है, उनके खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए पै���ा आ जाता है। ऐसे किसान हैं जिन्हें बाद में दस भुगतान मिले। यह जरूरी काम 31 मार्च से पहले कर लें, नहीं तो अगली किस्त नहीं आएगी। PM Kisan eKYC: अगर आप पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं तो यह खबर आपके लिए खास है। दरअसल, आधार कार्ड बनवाने का काम करने वाले किसानों…
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Pardarshi Kisan Seva Yojana 2024: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक नई पहल
Pardarshi Kisan Seva Yojana 2024 : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को सहायता देने के उद्देश्य से कई अनुदान योजनाएं और वित्तीय सहायता कार्यक्रम चला रही है। इन योजनाओं के तहत DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे पैसा भेजा जाता है। इन सभी योजनाओं को एक साथ लाने और किसानों को सही समय पर सहायता देने के लिए सरकार ने Pardarshi Kisan Seva Yojana की शुरुआत की है। इस…
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TRAI ने की गरीबों के लिए इंटरनेट में सब्सिडी की सिफारिश, मिनिमम 2 MBPS की स्पीड का दिया सुझाव
TRAI ने की गरीबों के लिए इंटरनेट में सब्सिडी की सिफारिश, मिनिमम 2 MBPS की स्पीड का दिया सुझाव
देश में खराब होने की स्थिति के लिए भारतीय फिक्सिंग की स्थिति में या ट्राई को खराब की जांच की जाती है। भारत में गर्भवती होने के लिए गर्भवती व्यक्ति को 200 अरब डॉलर की दर से गरीबी होती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए गरीबों को दी जा सकती है। ️ इसके️ इसके️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ 2 एमबीपीएसट्राई के फार्मेट फार्म के साथ ऑनलाइन परीक्षा और वाट्सएट के लिए डॉ. इसके कठोर क्रियाम 512 KBPS से 2 MBPS…
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90 करोड़ लोगों को मिल रहा है डीबीटी से लाभ, भ्रष्टाचारियों की टूटी कमर: राजीव रंजन
90 करोड़ लोगों को मिल रहा है डीबीटी से लाभ, भ्रष्टाचारियों की टूटी कमर: राजीव रंजन
पटना: डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को भ्रष्टाचार के खिलाफ आज तक का सबसे कारगर हथियार बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने आज कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरपरस्ती में सरकारी योजना में घुसा बिचौलिया तंत्र दशकों तक आमलोगों के लिए मुसीबत का सबब बना रहा. दशकों तक सरकारी मदद, सब्सिडी, पेंशन आदि के पैसों का काफी हिस्सा फर्जीवाड़े का शिकार हो जाता था, वहीं योजनाओं का…
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Darbhanga: सीएम ने की संभावित बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा...
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Darbhanga: संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के लिए अग्रिम तैयारी को लेकर संबंधित विभाग के माननीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी प्रमंडल��य आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की गई। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ एवं सूखा पूर्व तैयारी के लिए किए जाने वाली व्यवस्था को बिंदुवार प्रस्तुत किया जिसके अनुसार बताया गया कि मानसून वर्ष 2021 वर्षापात का पूर्वानुमान 16 अप्रैल, 2021: भारत मौसम विज्ञान विभाग के दीर्घकालीन पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष मानसून अवधि (जून से सितंबर) के दौरान संपूर्ण देश में सामान्य वर्षापात की संभावना है। पूरे भारत में मात्रात्मक रूप से दीर्घकालिक औसत का 98 प्रतिशत(+_ 5 प्रतिशत मॉडल त्रुटि के साथ) वर्षापात की संभावना है। समूचे भारत में मॉनसून ऋतु में वर्षा का दीर्घावधि (1961-2010) और 88 सेंटीमीटर है। मई माह के अंतिम सप्ताह में वर्षापात पूर्वानुमान को अद्यतन करते हुए रीजन वाइज अनुमान जारी किया जाएगा। साथ ही अलग से जून माह के लिए स्पेसिफिक पूर्वानुमान भी जारी किया जाएगा। बाढ़ पूर्व तैयारी संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दु एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, नाव की व्यवस्था, पॉलीथिन शीट की व्यवस्था, राहत सामग्रियों-चूड़ा, गुड़, चना, सत्तू, नमक आदि खाद्य पदार्थों का दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता का चयन। अन्य सामग्रियों यथा जनरेटर, राहत शिविरों में उपयोग हेतु बर्तन आदि के भाड़ा का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता का चयन। संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की जा रह कार्रवाई दिनांक 5 मई 2021 को सभी जिलों को बाढ़ आपदा प्रबंधन द्वारा संचालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर लेने का विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर बाढ़ पूर्व की जाने वाली तैयारियों एवं बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता एवं पहनने की अनिवार्यता, हैंडवाश एवं सैनिटाइजर का प्रयोग तथा अन्य सुरक्षा मानकों का विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। बाढ��� पूर्व तैयारी हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिलों को 22.35 करोड़ रुपये दिनांक 6 मई 2021 को आवंटित किया गया है। बाढ़ पूर्व तैयारी संबंधी महत्वपूर्ण बिंदु ⚫बाढ़ शरण स्थलों का चिन्हितकरण एवं वहां की जाने वाली व्यवस्थाएं। ⚫ जिला आपातकालीन संचालन केंद्र(DEOC) नियंत्र�� कक्ष की स्थापना करना। ⚫ Gratuitous Relief(GR) वितरण में DBT का प्रयोग करना। ⚫ स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं मानव दवा की व्यवस्था करना। ⚫ पशुचारा एवं पशु दवा की व्यवस्था करना। तटबंधों की सुरक्षा/ सड़कों की मरम्मति करवाना। एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीमों द्वारा अपने प्रतिनियुक्त वाले जिलों में समुदाय को बाढ़ से बचाव के संबंध में मॉकड्रिल आदि के माध्यम से जागरूकता करना एवं प्रशिक्षण दिलाना। बाढ़ प्रवण जिलों में उपलब्ध मोटरबोट/ लाइफ जैकेट आदि उपकरणों का वाढ़ से पूर्व जांच एवं मरम्मति का कार्य करवाना। बाढ़ आने पर प्रतिनियुक्त आदेश तुरंत जारी कर दें तथा उक्त स्थलों पर नाव चल रहा है अथवा नहीं इसकी जांच समय पर करवाएं। चलाई जा रही नावों पर तख्ती लगी रहे जिस पर अंकित रहे की यह राज्य सरकार की ओर से नि:शुल्क सेवा है। उक्त नावें निश्चित स्थल/ घाट से चलेगी। उक्त घाट पर सूचना पट्ट लगा रहना आवश्यक है, जिसमें नाविकों का नाम तथा संचालन अवधि अंकित रहेगी। नावों कि भाड़ क्षमता का आकलन मोटर यान निरीक्षक से कराकर नावों की निर्धारित भार क्षमता अंकित करा दी जाए ताकि ओवरलोडिंग के कारण नाव दुर्घटनाएं न हो सके। नावों की व्यवस्था आवश्यकतानुरूप पर्याप्त संख्या में निजी देसी नावों की उपलब्धता प्रयास केंद्रित किया जाए। इसके लिए निजी नाव मालिकों के साथ इस आशय का एकरारनामा किया जाए कि बाढ़ आने की स्थिति में वे अपनी नावों (परिचालन योग्य एवं अच्छी स्थिति में) को नाभिक सहित जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे। नाव के भाड़े का निर्धारण संबंधित प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा किया जाना, जो अपने अधीनस्थ जिला पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा कर अपने स्तर से प्रत्येक जिले में निजी नावों को निर्धारित संख्या में रखने की अनुमति देंगे एवं नावों के भारे का निर्धारण अपने प्रमंडल के सभी जिलों के लिए समान रूप से करेंगे। नाविकों की मजदूरी का भुगतान श्रम संसाधन विभाग प्राइवेट फेरिज एवं एलटीसी के कुशल श्रेणी के कामगारों के लिए निर्धारित मजदूरी संबंधी अधिसूचना के अनुसार। नावों की देख-रेख एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी नाव मालिकों की होगी।उन्हीं नाव मालिकों के साथ एकरारनामा किया जाएगा, जिनके नावों का निबंधन हो तथा सुरक्षा मानकों को पूरा करते हो।प्रत्येक नाव के लिए अलग-अलग लॉगबुक खोला जाएगा, जो नाव पर ही उपलब्ध रहेगा।लॉगबुक का सत्यापन प्रत्येक 3 दिन में एक बार प्रतिनियुक्त कर्मी के द्वारा किया जाएगा। पॉलिथीन शीट् की उपलब्धता विभागीय पत्रांक 1155/आ.प्रा., दिनांक 20.04.2018 के पॉलीथिन शीट के क��रय एवं भंडारण के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है। प्रमंडल मुख्यालय के जिलों को पॉलीथिन शीट के क्रय हेतु नोडल जिला बनाया गया है। प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों से प्राप्त अधियाचना के आलोक में नोडल जिला द्वारा चयनित आपूर्तिकर्ता से पॉलीथिन शीट का क्रय किया जाएगा तथा चयनित आपूर्तिकर्ता के द्वारा संबंधित जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा। संबंधित जिलों से पॉलीथिन शीट की प्राप्ति एवं गुणवत्ता संबंधी प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नोडल जिला द्वारा आपूर्तिकर्ता को राशि का भुगतान किया जाएगा। राहत सामग्रियों का दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताओं का संभावित बाढ़ के मद्देनजर चूड़ा, चना, चीनी, नमक, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्रियों एवं भाड़ा पर जनरेटर, बर्तन आदि के लिए दर निर्धारण 30 मई 2021 तक किया जाना। बाढ़ शरण स्थल कोविड-19 के आलोक में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन हेतु विगत वर्ष की अपेक्षा अधिक संख्या में बाढ़ राहत शिविरों का को चिन्हित करने की आवश्यकता होगी। चिन्हित शरण स्थलों से सम्बद्ध गांव/ टोलों के निवासियों को इसकी जानकारी दे दी जाए। कोविड-19 के आलोक में बाढ़ शरण स्थलों पर संकटग्रस्त (Vunerable) समूह जैसे- वृद्धजन, दिव्यांगजन, बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए अलग से सेक्शन/ ब्लॉक की समुचित व्यवस्था। चिन्हित शरण स्थलों पर शुद्ध पेयजल, पर्याप्त रोशनी, साफ-सफाई, महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय आदि की व्यवस्था हेतु योजना बना ली जाए। चिन्हित शरण स्थलों पर चिकित्सा शिविर लगाने हेतु भी स्थल चिन्हित कर लिया जाए। चिकित्सा शिविरों में चिकित्सा दलों की प्रतिनियुक्त एवं पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर ली जाए। बाढ़ शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर एवं मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर ली जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग के पश्चात symptomatic व्यक्तियों को शरण स्थल के यथासंभव सुरक्षित दूरी पर बनाए गए हेल्थ क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजने की व्यवस्था कर ली जाए। पशुओं के लिए भी शरण स्थल हेतु उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर लिया जाए। आबादी निष्क्रमण, के लिए बताया गया कि कोविड-19 के परिपेक्ष्य में बाढ़ के दौरान आबादी निष्क्रमण विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पूर्व से ही संकटग्रस्त (Vulnerable) समूह जैसे- वृद्धिजन, दिव्यांगजन, बच्चे गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की पहचान कर ली जाए। गाँवों में मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ग्राम पंचायतों में इसकी जवाबदेही पूर्व से दी जा चुकी है। जलप्लावित क्षेत्रों में से सुरक्षित स्थानों/ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को लाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का यथासंभव पालन किया जाए। इसके लिए नावों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। नावों/ मोटरबोटों को नियमित रूप से सनी टॉयज कराया जाए। नावों का Deployment Plan पूर्व से बना लिया जाए ताकि बाढ़ आने की स्थिति में त्वरित एवं बेहतर ढंग से आबादी निष्क्रमण का कार्य किया जा सके। राहत शिविरों के संचालन के समय विशेष ध्यान शरणार्थियों को राहत कैंपों में सुबह का नाश्ता ��था दोपहर एवं रात्रि खाने की व्यवस्था की जाए। तला हुआ भोजन नहीं परोसा जाए। भोजन तैयार करने एवं परोसने में साफ-सफाई का विशेष ध्यान। मास्क, हैंड सेनीटाइजर एवं हैंड वॉश की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। खाना खिलाने के लिए समय को स्ट्रगर करते हुए पालीवार भोजन की व्यवस्था तथा बैठने हेतु सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म्स का सख्ती से अनुपालन किया जाए। राहत शिविर में आवासित प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को भोजन के लिए थाली, गिलास, कटोरी की आपूर्ति की जाए। राहत शिविर में आवासित सभी व्यक्ति एवं कार्यरत सभी अधिकारी, कर्मीगण अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेंगे। अतः मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। राहत शिविर में यत्र-तत्र थूकने पर पूर्णत प्रतिबंध रहे। ड्राई राशन पैकेट्स/ फूड पैकेट्स का पैकेटिंग बाढ़ के दौरान प्रभावित परिवारों को आवश्यकतानुसार राशन पैकेट्स (चूड़ा-2.50kg) चना-1kg/ चीनी-0.5kg/ हैलोजन टेबलेट आदि उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त विभागीय निर्देश प्राप्त होने पर फूड पैकेटस, चावल- 5kg, दाल- 1kg, आलू- 2KG/ सोयाबीन- 1kg हल्दी, (छोटा पैकेट), नमक-(0.5kg) का वितरण भी किया जाता है। ड्राई राशन पैकेटस/ फूड पैकेटस के पैकेटिंग का कार्य त्वरित गति से कराने की आवश्यकता पड़ती है। अतः पैकेटिंग स्थलों एवं मानव बल को पूर्व से चिन्हित कर लिया जाए। महत्वपूर्ण-एयर ड्रोपिंग के लिए तैयार किया जाने वाले पैकेट का वजन 10 किग्रा से अधिक नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाने वाली व्यवस्था बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेने वाले बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से वस्त्र, भोजन हेतु बर्तन, साबुन, तेल, कंघी आदि की व्यवस्था। इस हेतु प्रत्येक बाढ़ शरणार्थी के लिए 600 रुपये की अधिसीमा निर्धारित है। बाढ़ अवधि में आबादी निष्क्रमण के दौरान नाव पर, अस्पताल में अथवा राहत शिविरों में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात बच्चे के लिए 10000 रुपये एवं प्रत्येक नवजात बच्ची के लिए 15000 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से व्यवस्था। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र(DEOC) नियंत्रण बाढ़ अवधि मेंDEOC को 24×7 के पैटर्न पर 03 शिफ्ट में रखना एवं आवश्यकतानुसार कर्मियों की प्रतिनियुक्ति होगी। DEOC में स्थापित टेलीफोन को चालू स्थिति में रखना होगा। जिला संचार योजना/ दूरभाष निर्देशिका तैयार कर अद्यतन करना। दूरभाष निर्देशिका में जिला से प्रखंड/ पंचायत स्तर तक बाढ़ प्रबंधन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों/ कर्मियों का दूरभाष/ मोबाइल नंबर के साथ आवश्यक सेवाओं, जनप्रतिनिधियों एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों आदि के नाम एवं मोबाइल नंबर सम्मिलित करना। Gratuitous Relief(GR) वितरण में DBT का एसडीआरएफ मानदर के अनुरूप बाढ़ पीड़ित परिवारों को ₹6000 प्रति परिवार की दर से जीआर राशि का भुगतान किया जाता है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर वर्ष 2019 एवं 2020 में पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग कर सीधे राज्य स्तर से ही सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों के ब���ंक खाते में जीआर की राशि का अंतरण किया गया। इसके लिए एनआईसी के द्वारा आपदा सम्पूर्ति पोर्टल बनाया गया है, जिस पर जिला के सभी परिवारों की वार्डवार सूची (खाता नंबर सहित) अपलोड की जाती है। बाढ़ आने की दशा में प्रभावित पंचायत/ वार्ड को चिन्हित कर बाढ़ प्रभावित परिवारों को जिआर राशि डीबीटी की जाती है। इस वर्ष पुनः परिवारों की सूची अपडेट कर आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है। PFMS प्रणाली के प्रयोग से जीआर वितरण में काफी सुविधा एवं अपेक्षा अधिक पारदर्शिता आई है। तथापि विगत 2 वर्षों में प्राप्त अनुभव के आलोक में जीआर वितरण को और अधिक प्रभावी एवं त्रुटि रहित बनाने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही करने का सुझाव है। पारिवारिक सूची को बनाने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। इस सूची का निर्माणअद्दतीकरण निश्चित रूप से 30 मई तक पूर्ण कर लिया जाए एवं पदाधिकारियों के द्वारा कम से कम 25 प्रतिशत रेंडम वेरिफिकेशन करा लिया जाए। बाढ़ आने के उपरांत जीआर वितरण के कार्य को एक माह के अंदर पूर्ण किया जाए वितरण कार्य लंबी अवधि तक चालू रखने से अनियमित होने की संभावना बढ़ जाती है। बैठक में नगर विकास विभाग, बिहार, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अपनी अपनी तैयारी से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री ने बाढ़ सहायता राशि का भुगतान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सही लाभुकों के बीच करने के निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ के दौरान कार्य पर लगाए जाने वाले सरकारी एवं गैर सरकारी लोगों का टीकाकरण करा देने का निर्देश दिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव को निर्देशित किया कि पूर्व में बाढ़ के दौरान जिन स्थलों पर बांध प्रभावित रहा है पहले वहां की मरम्मति करा ली जाए। उन्होंने ग्रामीण कार्य विभाग को सभी क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण अच्छी तरह से करवाने के निर्देश दिए। बैठक में बिहार के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, माननीय शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, माननीय ऊर्जा मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव, माननीय कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग सह सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग श्री संजय कुमार झा, माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग डॉ.रामप्रीत पासवान एवं माननीय मंत्री पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग श्री मुकेश साहनी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, माननीय मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार तथा श्री चंचल कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार, पीएचईडी के सचिव श्री जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, कृषि विभाग के सचिव श्री एन श्रवण कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस उपस्थित थे। दरभंगा से जिलाधिकारी ड�� त्यागराजन एसएम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री बाबूराम ऑनलाइन उपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा बैठक में बाढ़ के दौरान आकस्मिकता में एमडीएम के चावल का प्रयोग सामुदायिक किचन के लिए करने की अनुमति प्रदान करने अनुरोध किया गया।
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राजू सिंह की रिपोर्ट Read the full article
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पेटीएम यूजर्स के लिए खुशखबरी! इस सेवा को शुरू किया, अब सरकारी योजना का पैसा सीधे खाते में आएगा
पेटीएम यूजर्स के लिए खुशखबरी! इस सेवा को शुरू किया, अब सरकारी योजना का पैसा सीधे खाते में आएगा
पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने वित्त वर्ष 2015 में 30 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सुविधा शुरू की है, जो ग्राहकों को 400 से अधिक सरकारी सब्सिडी का लाभ सीधे अपने बचत खातों में प्राप्त करने की अनुमति देता है। नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने वित्त वर्ष 2015 में 30 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह लाभ कमाने वाली इस क्षेत्र की पहली कंपनी है। वित्त…
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पुरुलिया की रैली में PM Modi ने बताया ममता बनर्जी की TMC का फुल फॉर्म, कहा- इसका मतलब ट्रांसफर माय कमीशन
पुरुलिया की रैली में PM Modi ने बताया ममता बनर्जी की TMC का फुल फॉर्म, कहा- इसका मतलब ट्रांसफर माय कमीशन
PM Modi speech from Purulia: पुरुलिया में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार की नीति है- DBT- यानि ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’. पश्चिम बंगाल में दीदी सरकार की दुर्नीति है- TMC- यानि ‘ट्रांसफर माय कमीशन.
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Direct Benefit Transfer: मोदी सरकार ने इन तरीकों से दी 13 लाख करोड़ की सब्सिडी, आपको मिले ये फायदे?
Direct Benefit Transfer: मोदी सरकार ने इन तरीकों से दी 13 लाख करोड़ की सब्सिडी, आपको मिले ये फायदे?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने गरीबों के हक में काम करने के लिए तमाम कदम उठाए हैं. इन्हीं कदमों में से एक है सब्सिडी सीधे बैंक खाते में देना. सरकार ने इसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) नाम दिया है. आज के बजट अभिभाषण के दौरान देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का जिक्र किया और इसकी जमकर तारीफ की. डीबीटी को शुरुआत में नजरअंदाज किया…
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#DBT Scheme#Direct Benefit Transfer#Jan Dhan account#kisan samman nidhi#LPG connection#Modi Government#Narendra Modi#Ramnath Kovind
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