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#"Hindi News (हिंदी न्यूज़) - Breaking News in Hindi#पढ़िए देश#देश–विदेश#खेल#मनोरंजन#राजनीति#क्राइम#ऑटोमोबाइल#टेक्नोलॉजी#शिक्षा#लाइफस्टाइल#क्रिकेट और ज्योतिष से सम्बंधित सभी समाचार
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Astrology Signs and Zodiac Signs with Horoscope Signs Dates
Astrology signs, also known as zodiac signs, are twelve segments of the sky that divide the ecliptic plane. Each sign represents specific personality traits, strengths, and astrology signs and zodiac signs weaknesses. Here are the twelve astrology signs with their corresponding dates:
Aries (मेष): March 21 – April 19 (21 मार्च – 19 अप्रैल)
Taurus (वृषभ): April 20 – May 20 (20 अप्रैल – 20 मई)
Gemini (मिथुन): May 21 – June 20 (21 मई – 20 जून)
Cancer (कर्क): June 21 – July 22 (21 जून – 22 जुलाई)
Leo (सिंह): July 23 – August 22 (23 जुलाई – 22 अगस्त)
Virgo (कन्या): August 23 – September 22 (23 अगस्त – 22 सितंबर)
Libra (तुला): September 23 – October 22 (23 सितंबर – 22 अक्टूबर)
Scorpio (वृश्चिक): October 23 – November 21 (23 अक्टूबर – 21 नवंबर)
Sagittarius (धनु): November 22 – December 21 (22 नवंबर – 21 दिसंबर)
Capricorn (मकर): December 22 – January 19 (22 दिसंबर – 19 जनवर��)
Aquarius (कुंभ): January 20 – February 18 (20 जनवरी – 18 फरवरी)
Pisces (मीन): February 19 – March 20 (19 फरवरी – 20 मार्च)
Free Astrology Kundli by Date of Birth
A Kundli, or horoscope chart, is an astrological chart created based on one’s date, time, and place of birth. It provides a detailed analysis of planetary positions and their impact on various aspects of life. Free online Kundli services are available on various websites:
AstroSage: Comprehensive Free Astrology Kundli by Date of Birth generation in Hindi and English.
Astrobix: Offers detailed Kundli analysis.
Indian Astrology Portals: Multiple sites providing free Kundli services.
जन्मतिथि के अनुसार मुफ्त ज्योतिष कुंडली
कुंडली या जन्म पत्रिका एक ज्योतिषीय चार्ट है जो व्यक्ति की जन्म तिथि, समय और स्थान के आधार पर बनाया जाता है। यह ग्रहों की स्थिति और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करता है। विभिन्न वेबसाइटों पर मुफ्त ऑनलाइन कुंडली सेवाएं उपलब्ध हैं:
AstroSage: हिंदी और अंग्रेजी में विस्तृत कुंडली सेवाएं।
Astrobix: विस्तृत कुंडली विश्लेषण प्रदान करता है।
Indian Astrology Portals: कई साइट्स मुफ्त कुंडली सेवाएं प्रदान करती हैं।
Numerology Number
Numerology is the study of numbers and their mystical significance in our lives. By using one’s date of birth and full name, numerologists can determine key numbers that horoscope signs dates influence various aspects of a person’s life. The main numerology numbers are:
Life Path Number: Derived from your full birth date.
Expression Number: Based on your full name at birth.
Soul Urge Number: Based on the vowels in your full name.
Personality Number: Based on the consonants in your full name.
अंक ज्योतिष संख्या
अंक ज्योतिष हमारे जीवन में संख्याओं और उनके रहस्यमय महत्व का अध्ययन है। जन्मतिथि और पूरे नाम का उपयोग करके, अंक ज्योतिषी प्रमुख संख्याओं का निर्धारण कर सकते हैं जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती हैं। मुख्य अंक ज्योतिष संख्याएं हैं:
लाइफ पाथ नंबर: आपकी पूरी जन्मतिथि से निकलता है।
एक्सप्रेशन नंबर: आपके जन्म के समय पूरे नाम से निकाला जाता है।
सोल अर्ज नंबर: आपके नाम के स्वरों से निकाला जाता है।
पर्सनैलिटी नंबर: आपके नाम के व्यंजनों से निकाला जाता है।
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साप्ताहिक राशिफल हिंदी में: आपके भाग्य की गतिविधियों पर एक नज़र
हमारे जीवन में अनेक घटनाएं होती हैं जिनका सटीक कारण हमें पता नहीं होता। कभी-कभी हम इन घटनाओं के पीछे के कारणों को समझना चाहते हैं और उनसे निपटने के तरीके खोजते हैं। इसी उद्देश्य से ज्योतिष विद्या का जन्म हुआ। ज्योतिषशास्त्र हमें आकाश में बिखरे तारों और ग्रहों के संकेतों से हमारे भाग्य की गतिविधियों को समझने में मदद करता है। हमारी राशि इन ग्रह गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस सप्ताह का…
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Dear sir ..
Good morning
I noticed how to you share your love in many forms . yesterday I watched you shared your love and blessings with your well wishers or big fans that was in form of T 👕..
Thanks your your blessings and love respected sir .
Here I lived busy in art and then in writing work for a senior writer cum friend..he was achieved a senior writer award yesterday.
मित्रों वर्ष 1998 से मैं बीकानेर के एक शख्स से जुड़ा हुआ हूँ और आप आदरणीय भी हैं मेरे बड़े भाई के समान ! आप साहित्य सृजन में हिंदी और राजस्थानी के साथ अंग्रजी साहित्य में काव्य , कहानी, हाइकू के साथ आलेख लेखन का कार्य , मेरी दृष्टि से जो की 1998 से आज 2024 तक की है उसमे निरंतर जारी है !आप का शुभ नाम है वरिष्ठ साहित्यकार श्री जुगल किशोर पुरोहित जी !आज आप के साथ मैं वर्ष 1998 इस लिए भी यादकर रहा हूँ क्यों कि उस समय मैंने एक निजी संस्था आदर्श मोहल्ला विकास समिति का गठन और सञ्चालन भी किया था !उस समय मेरा बंगला नगर अविकसित था और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्टर भी नहीं था कच्ची बस्ती के रूप में था ! उस समय मैंने आदर्श मोहल्ला विकास समिति के माध्यम से कला साहित्य के अनेको आयोजन जन जागृति के लिए किये जिसमे चित्रकला काव्य गोष्ठियाँ वो भी साप्ताहिक और त्रिभाषिक काव्य गोष्ठियां आयोजित की थी !
उस समय यानी वर्ष 1998 में मैंने बीकानेर के उस समय के युवा कवियों को जो आज वरिष्ठ कवि के रूप में स्थापित हो चुके है भारत वर्ष में उन्हें आमंत्रित किया और उनकी काव्य अभिव्यक्ति का रसास्वादन बंगला नगर निवासियों को करने अवसर उपलब्ध करवाया ! उन साथी कवियों में जो कवि रहे उनमे साहित्यकार पंडित राजेश कुमार जोशी , ( वर्तमान में ज्योतिष शास्त्री भी ) वरिष्ठ साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित , साहित्यकार असद अलअसद , साहित्यकार जियाउलहसन कादरी , साहित्यकार संजय आचार्य वरुण , साहित्यकार भवर प्रजापत ( वर्तमान में होमियोपेथी डॉक्टर और साइड जॉब में पनवाड़ी भी ) आदि ने निरंतर साप्ताहिक काव्य गोष्ठी को सुचारु रखने में अपना सहयोग साहित्य प्रतिबद्धता के साथ दिया था !
आज मुझे ज्ञात हुआ की उन कवियों में से एक कवि साहित्यकार श्री जुगल किशोर पुरोहित जी को आज बीकानेर शहर के धुनिनाथ गिरीमठ पंच मंदिर बीकानेर ने वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान से नवाजा है ! सम्मान में उन्हें श्री फल , सम्मान पत्र साहित्य सृजन के यशोगान के भाव से लबरेज के साथ सोल और धातु से निर्मित श्री राम दरबार प्रतिमा भें�� की है !
श्री जुगल किशोर पुरोहित जी इस सम्मान के अधिकारी भी है क्यों की आप मेरी नजर से 26 वर्षों से निरंतर और अनवरत साहित्य सृजन और साहित्य सेवा देश /राज्य और शहर बीकानेर को दे रहे है अपनी पूर्ण निष्ठां के साथ ! आप की उपस्थिति भर ही प्रत्येक साहित्य आयोजन को पूर्णता प्रदान करती है ! ठीक वैसे
ही जैसे की कुम्भ के मेले में पहुंचे प्रत्येक तपस्वी की , बिना तपस्वियों के कुम्भ की कल्पना करना असंभव सी बात है !
तो यहाँ मैं वरिष्ठ साहित्यकार श्री जुगल किशोर पुरोहित जी को आज मिले वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान के लिए हृदय से बधाई देता हूँ और उनकी साहित्य के प्रति जो आस्था और श्रद्धा के साथ जो प्रतिबद्धता है उसे प्रणाम करता हूँ ! आप की साहित्यिक यात्रा युवा साहित्यकार के लिए अनुकरणीय है !
यहाँ मुझे प्राप्त श्री श्री धुनिनाथ गिरीमठ पांच मंदिर बीकानेर के सम्मान समारोह की एक तस्वीर के साथ एक फोटो वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान से सम्मानित श्री जुगल किशोर पुरोहित जी का आप के अवलोकन हेतु !
Greeting
You have a great day sir
Warm regards
Yogendra Kumar Purohit
Master of fine arts
Bikaner, India
DAY 6110
Jalsa, Mumbai Nov 10, 2024/Nov 11 Sun/Mon 12:41 am
Birthday - EF Sameer Chouhan , Rochelle Goldman / Sunil Sharma Rajoria Monday, 11 November
... and the best wishes for this day to all from all .. the Ef 🙏
.. the love the hope of continuity and the admiration of the patience of the audience .. all in excess of my expectations , yet proving ever to be more than what is imagined ..
blessed to be so ..
of the 7 odd billion people of this earth in its populace .. all have a voice now .. they did before too, but now they are heard by all ..
fruitful or tragic .. shall ever be a debate on the question it raises ..
Love ❤️
Amitabh Bachchan
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श्री बगलामुखी स्तोत्र-अर्थ एवं महत्व
श्री बगलामुखी स्तोत्र हिंदी में: दिव्य शक्तियों से संपन्न होने का मार्ग
सनातन हिंदू धर्म में मंत्रों और स्तोत्रों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है 'श्री बगलामुखी स्तोत्र'। यह स्तोत्र देवी बगलामुखी की वंदना करता है, जो मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से एक हैं। बगलामुखी शब्द का अर्थ है 'बगली की तरह मुँह वाली'।
इस स्तोत्र में बगलामुखी की विभिन्न शक्तियों और रूपों को वर्णित किया गया है। कहा जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से साधक को सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं और उसके अंदर दिव्य शक्तियाँ जागृत होती हैं। साथ ही उसकी बुद्धि तेज होती है और वह संसार के मोह-माया से मुक्त हो जाता है।
बगलामुखी स्तोत्र कुल 34 श्लोकों में विभाजित है। इसके प्रारंभिक श्लोकों में देवी की स्तुति की गई है और उनके विभिन्न रूपों एवं गुणों का वर्णन किया गया है। कुछ श्लोक मन्त्रात्मक हैं जिनका जाप किया जाता है। अंतिम श्लोकों में साधक बगलामुखी से विभिन्न वरदान माँगता है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस स्तोत्र का निष्ठापूर्वक पाठ करता है, ��से सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यह स्तोत्र विशेषकर शनिवार के दिन पढ़ने से लाभ मिलता है। इससे व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य बाधाएँ दूर होती हैं और उसकी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है कि बगलामुखी स्तोत्र का पाठ सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि व्यक्ति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ इसका पाठ करे। साथ ही उचित विधि-विधान का पालन करे जैसे स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करना, धूप-दीप जलाना आदि।
इस प्रकार बगलामुखी स्तोत्र हिंदी में एक शक्तिशाली साधना है जिससे साधक को न केवल भौतिक वरदान प्राप्त होते हैं बल्कि वह आध्यात्मिक उन्नति भी कर सकता है। इसलिए हिंदू धर्म में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। Read More
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श्री बगलामुखी स्तोत्र-अर्थ एवं महत्व
श्री बगलामुखी स्तोत्र हिंदी में: दिव्य शक्तियों से संपन्न होने का मार्ग
सनातन हिंदू धर्म में मंत्रों और स्तोत्रों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है 'श्री बगलामुखी स्तोत्र'। यह स्तोत्र देवी बगलामुखी की वंदना करता है, जो मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से एक हैं। बगलामुखी शब्द का अर्थ है 'बगली की तरह मुँह वाली'।
इस स्तोत्र में बगलामुखी की विभिन्न शक्तियों और रूपों को वर्णित किया गया है। कहा जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से साधक को सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं और उसके अंदर दिव्य शक्तियाँ जागृत होती हैं। साथ ही उसकी बुद्धि तेज होती है और वह संसार के मोह-माया से मुक्त हो जाता है।
बगलामुखी स्तोत्र कुल 34 श्लोकों में विभाजित है। इसके प्रारंभिक श्लोकों में देवी की स्तुति की गई है और उनके विभिन्न रूपों एवं गुणों का वर्णन किया गया है। कुछ श्लोक मन्त्रात्मक हैं जिनका जाप किया जाता है। अंतिम श्लोकों में साधक बगलामुखी से विभिन्न वरदान माँगता है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस स्तोत्र का निष्ठापूर्वक पाठ करता है, उसे सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यह स्तोत्र विशेषकर शनिवार के दिन पढ़ने से लाभ मिलता है। इससे व्यक्ति के आंतरिक और बाह्य बाधाएँ दूर होती हैं और उसकी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है कि बगलामुखी स्तोत्र का पाठ सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि व्यक्ति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ इसका पाठ करे। साथ ही उचित विधि-विधान का पालन करे जैसे स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करना, धूप-दीप जलाना आदि।
इस प्रकार बगलामुखी स्तोत्र हिंदी में एक शक्तिशाली साधना है जिससे साधक को न केवल भौतिक वरदान प्राप्त होते हैं बल्कि वह आध्यात्मिक उन्नति भी कर सकता है। इसलिए हिंदू धर्म में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। Read More
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श्री विपिन खुटैल ने दिल्ली में भारत के शीर्ष गुप्त विज्ञान के उत्साही लोगों को संबोधित किया
श्री विपिन खुटैल ने दिल्ली में भारत के शीर्ष गुप्त विज्ञान के उत्साही लोगों को संबोधित किया
भारत के शीर्ष गुप्त विज्ञान के उत्साही नई दिल्ली में आयोजित अज्ञातOnSearch— पुरस्कार और संगोष्ठी में एकत्रित हुए
28 फरवरी, 2023 को, नई दिल्ली ने संविधान क्लब ऑफ इंडिया में राजेन विजय बब्बुता , अंजली कपूर धमेजा , नेहा भट्ट सूरी द्वारा आयोजित एक अनोखे कार्यक्रम #अज्ञात OnSearch— पुरस्कार और संगोष्ठी की मेजबानी की।
यह संगोष्ठी, जिसका उद्देश्य गुप्त विज्ञान और अध्ययन के विभिन्न पहलुओं को बढ़ावा देना और चर्चा करना था, को भारत के प्रमुख डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ और प्रशिक्षक, “बीइंग टॉपर” के संस्थापक विपिन खुटेल द्वारा समर्थित किया गया था।
कार्यक्रम को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित किया गया था, जिसे जानबूझकर दुनिया को यह संदेश देने के लिए चुना गया था कि गुप्त अभ्यास पूरी तरह से वैज्ञानिक आधारित हैं, और यह कि सभी पश्चिमी प्रथाओं की जड़ें भारत के वैदिक काल में हैं, जिन्हें पश्चिम द्वारा विपणन किया गया था, जबकि भारतीय प्रथाओं को जानबूझकर झूठे प्रचार द्वारा घृणा के स्तर तक बदनाम किया गया था, जैसा कि श्री विपिन खुटेल ने बताया।
श्री विपिन खुटैल भारत के एक प्रसिद्ध डिजिटल मार्केटर और उद्यमी हैं। सामाजिक कारणों और सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देने के प्रति जुनून के साथ, उन्होंने उद्योग में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में खुद को स्थापित किया है। अपनी पहल और कार्यक्रमों के माध्यम से, श्री विपिन खुटैल सामाजिक सुधार की दिशा में काम करने वाले व्यक्तियों को मान्यता और उत्सव के अवसर बनाना जारी रखते हैं।
भारत का संविधान सभागार तालियों से गूँझ उठा जब एक युवा नेता विपिन खुटेल ने सनातन के पक्ष में हूंकार भरी
“शास्त्रों की शक्तियों पर खोज- अनुसंधान का,
अज्ञात on Search एक विषय है विज्ञान का।
भारतीय ज्ञान-विज्ञान को बदनाम यूँ किया गया, अंधविश्वास, पाखंड, कभी रहस्य नाम दिया गया।
ज्योतिष, अंक शास्त्र, य��� सब भारतीय विधाएं हैं,
विज्ञान का अति प्रखर रूप, ये अपने में समाए हैं।
जरूरत है बस, इन्हें फिर से जगाने की,
भारतीय यह ज्ञान, सारी दुनिया में फैलाने की।
आ गया अब समय, प्राचीन ज्ञान को जगाने का, शास्त्रों की अद्भुत शक्तियों से दुनिया को हिलाने का।”
इन शब्दों के साथ श्री विपिन खुटेल के उस एतिहासिक भाषड़ की सुरुआत हुई आइए पढ़ते सम्पूर्ण भाषड़ जिसने युवा पीढ़ी को नयी दिशा दी
उन्होंने कहा : “ मैं, विपिन कुटैल, फाउंडर- बीइंग टॉपर इंस्टिट्यूट, आज कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम, अज्ञानOnSearch-23 में आप सभी गरिमामय एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत करता हूं तथा आप सभी आदरणीयों को यह आश्वस्त करता हूं कि आज का यह कार्यक्रम एक अति विशेष कार्यक्रम होने जा रहा है। आज के इस कार्यक्रम की दर्शक-दीर्घा, कोई आम दर्शक दीर्घा नहीं है। आज, यहाँ सभी अति विशिष्ट व्यक्तित्व इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पधारे हैं। बेहद नामी-गिरामी, उच्च पदों पर आसीन, विलक्षण प्रतिभाएं आज हमारे साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं, इसके लिए हम सब स्वयं को गौरवांवित महसूस करते हुए एक बार सभी की विशेष उपस्थिति के लिए करतल ध्वनि से स्वागत करते हैं।
इस कार्यक्रम के शीर्षक में हमने हिंदी को अंग्रेजी से पहले वरीयता दी है, इसके पीछे भी यह विशेष कारण है कि आज का यह कार्यक्रम देश-गर्व का एक कार्यक्रम बन सके। आज के इस विशेष कार्यक्रम में हम जानेंगे कि भारतीय शास्त्रों में छिपे गूढ़ ज्ञान-विज्ञान को पाश्चात्य सभ्यता का अनुकरण करने वालों ने किस प्रकार पाखंड व अंधविश्वास का नाम देकर दरकिनार कर दिया और किस प्रकार वैज्ञानिकता एवं विज्ञान के प्रचार-प्रसार का सारा श्रेय, पश्चिमी देशों ने हमसे छीन लिया। भारत, एक ऐसा देश जो सदा से ही विश्वगुरु कहलाता आया है, एक ऐसा देश जहां सभ्यता सबसे पहले पनपी, एक ऐसा देश जहां रामायण और महाभारत काल में भी विज्ञान अपने सर्वोत्तम शिखर पर था और इस बात के बहुत से साक्ष्य और सबूत हमें आज भी पुरातत्व-विभाग के माध्यम से मिलते रहते हैं। ऐसे में भारत के शास्त्रों में वर्णित गूढ़ ज्ञान-विज्ञान के गहन विषयों जैसे कि ज्योतिष, अंक शास्त्र, नाड़ी विज्ञान, रहस्य शास्त्र आदि को हम भला किस प्रकार पाखंड का दर्जा दे सकते हैं ??? जबकि यह स्वयं में विज्ञान का चरम रूप हैं। यह भारतीय वैज्ञानिकों की प्रकांडता, उच्चकोटि की उ��की दूरदर्शिता व विलक्षण प्रतिभा का प्रत���क ही है कि भारतीय ज्योतिष विज्ञान एक बालक के जन्म के समय पर या उससे भी कहीं पहले, उसके भावी जीवन में होने वाली समस्त महत्वपूर्ण घटनाओं को पूरे विस्तार के साथ वर्णित करने की क्षमता रखता है, यह विज्ञान का सर्वोत्तम रूप नहीं तो और क्या है? दक्षिण भारत में प्रचलित नाड़ी ज्योतिष विज्ञान केवल किसी व्यक्ति के अंगूठे के चिह्न भर के माध्यम से उसके जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का लेखा-जोखा ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर देता है, यह भारतीय विज्ञान का अद्भुत रूप नहीं तो और क्या है? पाश्चात्य देशों का विज्ञान यहाँ तक अभी पहुंच ही नहीं पाया है और जिसे वे समझ नहीं पाते, उसे वे पाखंड का नाम दे देते हैं।
तो आज का यह कार्यक्रम इसी शोध की श्रृंखला में एक कदम है ताकि हम भारतीय शास्त्रों में वर्णित ज्ञान- विज्ञान को पूरे विश्व में स्थापित कर सकें और आज ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ पर पूरे विश्व को एक संदेश दे सकें कि भारत बाकी सभी क्षेत्रों की तरह विज्ञान के क्षेत्र में भी दुनिया का एक अग्रणी देश तबसे है, जब दुनिया के बाकी देशों में विज्ञान का सूर्योदय हुआ भी नहीं था।
तो आप सभी से मेरा अनुरोध है कि आज के इस विशेष कार्यक्रम को और अधिक विशेष बनाने के लिए हम सब इस कार्यक्रम एवं विषय की गंभीरता को समझते हुए ही अपने आख्यान यहाँ प्रस्तुत करें और साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आज हम सभी के सामने सामान्य दर्शक नहीं हैं, हम सभी को सुनने के लिए सभी बेहद विशिष्ट व्यक्तित्व आज यहां हमारे सामने मौजूद हैं। तो आइए इस ख़ास कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं- “
संगोष्ठी में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें श्री राज कुमार गोयल, आत्मनिर्भर भारत फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक, सुश्री सुनीता दुग्गल लोकसभा सांसद (सीरसा), श्री प्रदीप गांधी पूर्व सांसद, छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ज्योतिषी और अभिनेता डॉ. सुदीप कोचर, हिंदू विद्वान ज्योतिषी के रूप में मीडिया चैनलों के साथ काम करने वाली प्रियंका टंडन, न्यूज़ नेशन, इंडिया न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान, गायन सनसनी श्री शंकर सहनी, सेलिब्रिटी ब्यूटी पेजेंट कोच और विश्व रिकॉर्ड धारक लेफ्टिनेंट रीता गंगवानी, और पूरे भारत के कई महान ज्योतिषियों, हीलरों, अंकशास्त्रियों और टैरो कार्ड रीडर्स ने भाग लिया।
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वर्षफल निकालने की विधि क्या है।
वर्षफल, जिसे हिंदी में होरोस्कोप भी कहा जाता है, एक व्यक्ति के जन्मकुंडली या जन्मपत्र के आधार पर बनाया जा सकता है। यह एक ज्योतिषीय पद्धति है जिसमें विभिन्न ग्रहों, राशियों और भावों की स्थिति का अध्ययन किया जाता है ताकि व्यक्ति का भविष्यफल जाना जा सके। यहां वर्षफल निकालने की सामान्य विधि है:
जन्मपत्र की तैयारी:
पहले तो व्यक्ति का जन्मपत्र तैयार किया जाता है, जिसमें जन्म की तिथि, समय और स्थान का विवरण होता है।
ग्रहों का अध्ययन:
व्यक्ति के जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। इनमें सूर्य, चंद्र, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु शामिल हो सकते हैं।
राशियों का अध्ययन:
जन्मकुंडली में स्थित राशियों का विशेष अध्ययन किया जाता है। ग्रहों के स्थिति और राशियों के संय��जन के आधार पर व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भावों का अध्ययन:
जन्मकुंडली में स्थित भावों का भी ध्यान रखा जाता है, क्योंकि वे विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं।
दशा-अंतरदशा का अध्ययन:
ज्योतिष में दशा-अंतरदशा एक महत्वपूर्ण अंश है जिसमें विभिन्न ग्रहों की आवधिक दशाएं और उनके अंतरदशाएं निर्धारित की जाती हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में विभिन्न घटनाएं और परिस्थितियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक फलादि:
ज्योतिषशास्त्र में साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक फलादि की विधियाँ भी हैं जिनसे व्यक्ति के आगामी समय में होने वाली घटनाएं और परिस्थितियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यह सभी तकनीकें ज्योतिषशास्त्र के अध्ययन का हिस्सा हैं और इन्हें अच्छे से समझने के लिए आपको अधिक ज्योतिषीय ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता हो सकती है। यह एक विशेष दिन, मास, या वर्ष के लिए व्यक्ति को अधिसूचित करने का प्रयास है, लेकिन इसे विश्वासनी��ता के साथ लेना हमेशा महत्वपूर्ण है। और अधिक जानकारी के लिए कुंडली चक्र सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है।
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वशीकरण के महत्वपूर्ण सूचनाएं और हिंदी में उपाय | How to do Vashikaran
How to do vashikaran in hindi: आसान तरीके और निर्देश
वशीकरण, यह एक बहुत ही पुराना और महत्वपूर्ण तंत्रिक क्रिया है जिसका उद्देश्य किसी को ��पके वश में करना होता है। यह तंत्रिक क्रिया भारतीय साहित्य और ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और यह कई विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि प्यार, समृद्धि, और सफलता को प्राप्त करना। इस लेख में, हम आपको वशीकरण कैसे करें (How to do vashikaran in hindi) के कुछ आसान तरीकों के बारे में जानकारी देंगे।
वशीकरण के बुनायादी सिद्धांत: वशीकरण का मूल सिद्धांत है किसी व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करके उन्हें अपने वश में करना। इसके लिए आपको व्यक्ति के साथ एक सजीव या असजीव संबंध बनाने की आवश्यकता होती है।
मन्त्र जाप: वशीकरण में मन्त्रों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में, आप एक प्रतिष्ठित मन्त्र का जाप कर सकते हैं जैसे कि "ओम नमो आदेश गुरु का"। मन्त्रों को निरंतर और भक्ति भाव से जपना आवश्यक होता है।
ध्यान और साधना: वशीकरण के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए ध्यान और साधना का अभ्यास करें। यह आपकी आत्मा को शक्तिशाली बनाता है और आपके इच्छाशक्ति को बढ़ावा देता है।
योग्य गुरु की शरण में जाएं: वशीकरण का काम करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक अनुभवी और प्राधिकृत गुरु की शरण में जाएं। गुरु के मार्गदर्शन में आपको सफलता पाने में मदद मिलेगी।
इंतजार और समर्पणा: वशीकरण का काम करते समय आपको धैर्य और समर्पणा रखनी चाहिए। परिणाम आने में समय लग सकता है, लेकिन आपकी इच्छा और संकल्प को मजबूत रखना हमेशा महत्वपूर्ण होता है।
नैतिकता का पालन: वशीकरण का उपयोग किसी के बुराई के लिए नहीं करना चाहिए। इसका उपयोग सिर्फ नैतिक और सद्गुणों के साथ करें, और किसी की अवज्ञा या क्षति का कभी भी प्रयोग न करें।
वशीकरण एक शक्तिशाली तंत्रिक क्रिया है जिसे सावधानीपूर्वक और नैतिकता के साथ करना चाहिए। यह किसी के जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसका अप्रयोग नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है। आपको इस क्रिया को सीखने और प्र���क्टिस करने के लिए प्राधिकृत गुरु की मार्गदर्शन का सहारा लेना चाहिए। अगर आप इसे सही तरीके से करते हैं, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक परिणामों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
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नाम ज्योतिष: स्वभाव से शर्मीले होते हैं इस नाम के जातक
आज हम आपको H लेटर और हिंदी में ह से शुरू होने वाले नाम के जातकों के बारे में बताएंगे। Source link
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आज का राशिफल: कन्या राशि (Aaj Ka Rashifal Kanya Rashi in Hindi)
ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है जो माना जाता है कि व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में विभिन्न ग्रहों की स्थिति उसके भ��िष्यवाणी के लिए प्रभावशाली होती है। हिंदी में “राशिफल” का मतलब होता है राशि भविष्यफल या दैनिक भविष्यवाणी। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि आज का राशिफल कन्या राशि के लिए कैसे रहेगा। आज के दिन कैसा रहेगा आपका भविष्यफल? धनुराशि वार्षिक राशिफल हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषी आपको आज के दिन के…
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