#ज्येष्ठ
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श्रीमद् पद्म पुराण के अनुसार अपरा एकादशी का माहात्म्य
युधिष्ठिर ने कहा – भगवन ! मैंने मोहिनी एकादशी उत्तम व्रत का माहात्म्य सुना। फिर – युधिष्ठिर ने पूछा – जनार्दन ! ज्येष्ठ के कृष्णपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है ? मैं उसका महात्म्य सुनना चाहता हूँ। उसे बताने की कृपा कीजिये। भगवान् श्रीकृष्ण बोले – राजन् ! तुमने सम्पूर्ण लोको के हित के लिये बहुत उत्तम बात पूछी है । राजेन्द्र ! इस एकादशी का नाम अपरा है। यह बहुत पुण्य प्रदान करने वाली और…
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Ratnagiri : माध्यमिक शिक्षक पतपेढीचा अनोखा उपक्रम, ज्येष्ठ भागधारक सभासद बनले प्रमुख अतिथी
रत्नागिरी जिल्हा माध्यमिक शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी पतसंस्थेच्या ३८ व्या वार्षिक सर्वसाधारण सभेत ज्येष्ठ नागरिकांचा प्रमुख पाहुणे म्हणून सन्मान करण्यात आला आहे. अध्यक्ष सागर पाटील यांनी दहा टक्के लाभांश व विशेष दिवाळी बोनस जाहीर केल्याने सभासदांमध्ये समाधान व्यक्त करण्यात आले. महाराष्ट्र टाइम्स.कॉमरत्नागिरी जिल्हा माध्यमिक शिक्षक कर्मचारी पतसंस्थेची वार्षिक सभा रत्नागिरी, प्रसाद रानडे : सहकारी…
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#annual meeting of patsansatha#ratnagiri patsanstha#Ratnagiri Sindhudurg#कर्मचारी पतसंस्था#ज्येष्ठ भागधारक#माध्यमिक शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी पतसंस्था#रत्नागिरी जिल्हा पतसंस्था
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#GodNightSaturdayसन् 1398#ज्येष्ठ पूर्णिमा की सुबह#सतलोक से परमेश्वर कबीर जी काशी के लहरतारा में बालक रूप में प्रकट हुए। उनका आगमन अद्व
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#सफल_हुआ_विशाल_भंडारा
कबीर साहेब प्रकट दिवस जो हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार भी २० से २२ जून २०२४ तक तीन दिवसीय अखंड पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया जो पूर्ण रूप से सफल हुआ।
इस भंडारे में लाखों श्रद्��ालुओं ने क���ीर परमात्मा के बारे में जाना और जय जय कार
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काशी शहर की पवित्र भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
गरीब, काशी पुरी कस्त किया, उतरे अधर आधार।
मोमन कूं मुजरा हुवा, जंगल में दीदार।।
3Days Left Kabir Prakat Diwas
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#वेदानुसार_कबीरप्रभु_लीला
कविर्देव जी काशी नगरी की पावन भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से लहरतारा तालाब पर आये। कमल पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
Kabir Ji ki Jai ho 🌾🙏
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