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#जॉर्ज हैरिसन
untitled59750 · 3 years
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पॉल मेकार्टनी का दावा है कि जॉन लेनन ने पत्नी योको ओनो के साथ घर बसाने के लिए बीटल्स विभाजन की शुरुआत की- द न्यू इंडियन एक्सप्रेस
पॉल मेकार्टनी का दावा है कि जॉन लेनन ने पत्नी योको ओनो के साथ घर बसाने के लिए बीटल्स विभाजन की शुरुआत की- द न्यू इंडियन एक्सप्रेस
द्वारा पीटीआई पॉल मेकार्टनी का दावा है कि जॉन लेनन ने पत्नी योको ओनो के साथ घर बसाने के लिए बीटल्स विभाजन की शुरुआत की | लंदन: संगीत के दिग्गज पॉल मेकार्टनी ने आरोप लगाया है कि जॉन लेनन ने बीटल्स को अलग होने के लिए उकसाया था। बीबीसी रेडियो 4 के “दिस कल्चरल लाइफ” के आगामी एपिसोड के प्रोमो में, मेकार्टनी ने कहा कि प्रतिष्ठित रॉक बैंड के संस्थापक सदस्य के रूप में, विभाजन उनके जीवन की “सबसे कठिन”…
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trendingwatch · 2 years
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प्रसिद्ध फिल्म भूमिकाएँ हैरिसन फोर्ड का निधन
प्रसिद्ध फिल्म भूमिकाएँ हैरिसन फोर्ड का निधन
हैरिसन फोर्ड ने एक आकर्षक जीवन व्यतीत किया। जॉर्ज लुकास द्वारा अस्पष्टता से निकाला गया और स्टार वार्स द्वारा उन्हें एक घरेलू नाम बनाने से पहले अमेरिकी भित्तिचित्रों में फेंक दिया गया, फोर्ड 40 से अधिक वर्षों से एक बड़ा सितारा रहा है। उनकी पसंद ने उन्हें अब तक के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अभिनेताओं में से एक बना दिया है। लेकिन अगर संभव हो तो वह और भी बड़ा हो सकता था। हर मांग वाले अभिनेता की तरह,…
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omgarunk · 3 years
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बीटल्स के मैनेजर ब्रायन एपस्टीन की बायोपिक 'मिडास मैन' शीर्षक से डाली गई
बीटल्स के मैनेजर ब्रायन एपस्टीन की बायोपिक ‘मिडास मैन’ शीर्षक से डाली गई
द्वारा एक्सप्रेस समाचार सेवा बीटल्स मैनेजर ब्रायन एपस्टीन पर एक बायोपिक, जिसका शीर्षक मिडास मैन है, पिछले कुछ समय से विकास में है। अब मेकर्स ने फिल्म की कास्ट की घोषणा कर दी है। अभिनेता जोनाह लीस, ब्लेक रिचर्डसन, लियो हार्वे एलेज और कैंपबेल वालेस क्रमशः चार प्रमुख बीटल्स सितारों, जॉन लेनन, पॉल मेकार्टनी, जॉर्ज हैरिसन और रिंगो स्टार की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। जैसा कि पहले बताया गया है,…
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karanaram · 3 years
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🚩बड़ी हस्तियों ने अपना धर्म बदलकर अपना लिया विश्व का सर्वश्रेष्ठ हिंदू धर्म- 28 मई 2020
🚩 हिंदू धर्म विश्व का सबसे पुराना धर्म है। इसको सनातन धर्म भी कहते हैं। इसके विचारों और संस्कृति से दुनिया में कई लोग बहुत प्रभावित रहे हैं। इसकी शांति और अहिंसा जैसे तत्वों को दुनिया भर में अपनानेवाले लोगों की संख्या लाखों में है। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जो बाकायदा इस धर्म से प्रभावित होकर इसकी दीक्षा ले लेते हैं। हर साल हिंदू धर्म अपनाने वाले लोगों में बहुत से सिलेब्रिटीज भी शामिल होते हैं। हम आपको ऐसे ही कुछ खास लोगों के बारे में बता रहे हैं।
● नयनतारा: नयनतारा दक्षिण भारतीय फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। उनका जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था लेकिन 2017 में उन्होंने हिंदू धर्म को अपना लिया था। इसके लिए बाकायदा उन्होंने चेन्नई के आर्यसमाज मंदिर में धर्म की दीक्षा ली थी।
● जूलिया रॉबर्ट्स: जूलिया रॉबर्ट्स एक हॉलीवुड एक्ट्रेस हैं। अमेरिका में जन्मी इस प्रसिद्ध एक्ट्रेस ने नॉटिंग हिल, माई बेस्ट फ्रेंड्स वेडिंग और 'ईट, प्रे, लव' जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। भारत में 2010 में 'ईट, प्रे, लव' की शूटिंग के दौरान वे हिंदू धर्म से बहुत प्रभावित हुई थीं और उन्होंने हिंदू धर्म को अपना लिया था। तबसे वे कई मौकों पर खुद को एक हिंदू बता चुकी हैं।
● जॉन कोल्ट्रान: ये एक अमेरिकन म्यूजिशियन हैं। जॉन का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था। बड़े होने के साथ ही वे धीरे-धीरे हिंदू धर्म से प्रभावित होने लगे। बाद में उन्होंने पूरी तरह से हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया।
● ट्रेवर हाल: ट्रेवर एक अमेरिकी गायक, गिटारिस्ट और गीतकार हैं। उनका संगीत भी हिंदू धर्म से बहुत प्रभावित होता है। उनके गीतों में संस्कृत के मंत्र भी होते हैं। 2013 में जब वे भारत आए तो वे हिंदू धर्म से बहुत प्रभावित हुए थे, इसी के बाद उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया और भारत में एक साधु का जीवन बिताया।
● केआरएस-वन: केआरएस-वन का असली नाम लॉरेंस कृष्णा पार्कर है। वे अमेरिका के प्रसिद्ध रैप गायकों में से हैं। उनके नाम से ही पता चलता है कि वे हिंदू भगवान कृष्ण से प्रभावित हैं। उन्होंने अपनी किताब 'द गॉस्पेल ऑफ हिप-हॉप' में भी अपने धार्मिक विश्वासों की चर्चा की है। वे अपने अमेरिकन रैपर ग्रुप 'बूगी डाउन प्रोडक्शन' के जरिए बहुत मशहूर हुए हैं।
● जैरी गार्सिया: जैरी गार्सिया अपने 'ग्रेटफुल डेड' नाम के बैंड के चलते फेमस हुए थे। वे एक अमेरिकन म्यूजिशियन थे और तीस साल तक बैंड से लीड गिटारिस्ट के तौर पर जुड़े रहे। बचपन से ही हिंदू धर्म की ओर उनका रुझान था और आजीवन उन्होंने धर्म का पालन किया। 1995 में उनकी मौत के बाद उनकी अस्थियां भारत में ऋषिकेश में गंगा नदी में प्रवाहित की गईं।
● एलिजाबेथ गिल्बर्ट: एलिजाबेथ गिल्बर्ट 2006 में आए अपने संस्मरण 'ईट, प्रे, लव' के चलते चर्चित हुईं। वे एक लेखिका हैं। उनकी यह किताब 199 हफ्तों तक न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की बेस्ट सेलर की लिस्ट में रही थी। एलिजाबेथ अपनी इस सबसे प्रसिद्ध किताब को लिखने की प्रेरणा लेने के लिए भारत आई थीं और इसी वक्त उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था।
● जॉर्ज हैरिसन: संगीत को दिलोजान से चाहनेवालों ने जॉर्ज हैरिसन का नाम जरूर सुना होगा। वे बीटल्स बैंड के मुख्य गिटारिस्ट थे। बीटल्स के ऑडियंस और फैन बेस में पूरी दुनिया के लोग शामिल थे। हैरिसन को दुनिया में रॉक म्यूजिक के जाने-माने सितारों में गिना जाता था। 1960 में हैरिसन ने ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था। उन्होंने अपने बैंड के बीच भी हिंदू धर्म का प्रचार किया था। 2001 में उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद उनकी अस्थियों को गंगा और यमुना के पवित्र माने जानेवाले जल में प्रवाहित किया गया था।
● रसेल ब्रांड: रसेल ब्रांड अंग्रेजी जगत में अपनी कॉमेडी को लेकर फेमस हैं। वे एक जाने-माने टीवी प्रोड्यूसर, लेखक और स्क्रीन राइटर भी हैं। लोग उन्हें उनकी प्रसिद्ध फिल्म 'फॉरगेटिंग सारा मार्शेल' के लिए याद करते हैं। रसेल ब्रांड हिंदू धर्म के बारे में व्याख्यान भी देते हैं और ध्यान के पक्के समर्थक हैं। उनके हिंदू धर्म के प्रति आकर्षण को आप इससे समझ सकते हैं कि उन्होंने 2010 में जब केटी पेरी से शादी की तो इसके लिए वे राजस्थान आए और हिंदू परंपरा से उनकी शादी हुई।
● काल पेन: काल पेन का जन्म अमेरिका में हिंदू परिवार में हुआ था। हाउस नाम के एक अमेरिकी टीवी सीरियल के चलते वे प्रसिद्ध हुए थे। उन्होंने कई फिल्मों में भी अभिनय किया है। वे 'हैरोल्ड एंड कुमार गो टू व्हाइट कैसल', 'सुपरमैन रिटर्न्स' और 'द नेमसेक' जैसी फिल्मों में भी अभिनय कर चुके हैं। उन्होंने अमेरिकी सरकार में एक सिविल सर्वेंट के तौर पर भी काम किया है और वे हिंदू धर्म के पक्के समर्थक हैं।
● रिकी विलियम्स- जे मासिस, एक गिटारिस्ट, एक गायक और एक बास प्लेयर हैं। उनका नाम रोलिंग स्टोन मैग्जीन के 10 महानतम गिटारिस्ट में शामिल हो चुका है। 2005 में उन्होंने अपना एक एल्बम रिलीज किया था जिसका नाम 'जे एंड फ्रैंड्स सिंग एंड चैंट फॉर अम्मा' था। इस एल्बम के गानों में हिंदू धर्म की एक आध्यात्मिक गुरू माता आनंदमयी की तारीफ की गई थी।
● अनिरुद्ध ज्ञानशिख: पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश लेखक अनवर शेख युवावस्था में कट्टर मुस्लिम थे और भारत विभाजन के दौरान उन्होंने गैर मुस्लिमों की हत्या भी की थी। बाद में उन्हें इस कार्य के लिए पश्चाताप अनुभव हुआ तो उन्होंने धार्मिक ग्रन्थों का अध्ययन आरम्भ किया और अन्त में हिन्दू धर्म में अपने नैतिक प्रश्नों का सही उत्तर पाकर हिन्दू हो गये। हिन्दू होने के बाद उन्होंने अपना नाम अनिरुद्ध ज्ञानशिख रख लिया था।
● संत हरिदास: बंगाल के प्रसिद्ध वैष्णव संत हरिदास का जन्म एक मुस्लिम काजी के परिवार में हुआ था। उन्होंने चैतन्य महाप्रभु से वैष्णव धर्म की दीक्षा ली थी और धर्मद्रोह के आरोप में शहर काजी द्वारा दी गयी कोड़े खाने की सजा खाने के बाद भी अपनी धर्मनिष्ठा से विचलित नहीं हुए थे।
● डॉक्टर आनंद सुमन: डॉक्टर आनंद सुमन का नाम सन् 80 से आरम्भ हुए दशक में चर्चित था। ये छतारी के नवाब के वंशज थे जो इस्लाम त्यागकर हिन्दू हो गये थे।
● महन्त गुलाबनाथ: महन्त गुलाबनाथ नाथ सम्प्रदाय के प्रतिष्ठित सन्त थे तथा योगी आदित्यनाथ व उनके गुरु महन्त अवैद्यनाथ द्वारा आदर की दृष्टि से देखे जाते थे। ये जन्म से मुस्लिम थे और इनका असली नाम गुल मुहम्मद था।
● आशीष खान देवशर्मा: आशीष खान देवशर्मा प्रख्यात सरोदवादक हैं जिन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार करने के बाद अपने नाम में देवशर्मा जोड़ लिया है।
● M.I.A: ये इंग्लिश कलाकार श्रीलंकाई मूल की हैं। वे एक पेंटर, डायरेक्टर और गीतकार भी हैं। उनके गानों में हिपहॉप, डांस और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक प्रमुखता से होता है। उन्होंने अपना करियर फिल्ममेकिंग और डिजाइन में शुरू किया था। उन्होंने दावा किया था कि उनका फेमस 'सुपर बॉल मिडिल फिंगर' एक्ट देवी मतंगी को दिया गया ट्रिब्यूट था। मतंगी एक हिंदू देवी हैं।
● माइली साइरस: माइली अपने संगीत के साथ ही अपने ड्रेसिंग सेंस के चलते भी चर्चा में रहती हैं। कुछ साल पहले वे तब चर्चा में आ गई थीं, जब उन्होंने अपने घर में लक्ष्मी की पूजा की थी और इसकी फोटो अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी। हालांकि बाद में यह फोटो हटा ली गई थी। लोगों का कहना था कि ऐसा उन्होंने अपने कैरियर में समृद्धि के लिए किया था। हालांकि इस बात को पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वे हिंदू धर्म में कंवर्ट हो चुकी हैं।
🚩हालांकि हिन्दू धर्म में औपचारिक धर्मान्तरण की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ऐतिहासिक व्यक्तित्वों- अकबर, कबीर व रसखान जैसे व्यक्तियों ने भी अनेक हिन्दू विश्वासों को स्वीकारने के बाद भी अपने को हिन्दू धर्म या उसके किसी सम्प्रदाय का अनुयायी नहीं घोषित किया था। इसी प्रकार विजयनगर के राजाओं हरिहर व बुक्का तथा शिवाजी के मित्र नेताजी पालेकर जैसे उन व्यक्तियों को भी छोड़ा जा सकता है जो मुसलमान होने के बाद भी पुनः हिन्दू धर्म में लौट आये।
https://hindi.news18.com/photogallery/knowledge/these-are-international-celebrities-who-are-following-hinduism-1794166.html
🚩हिंदू संस्कृति के प्रति विश्वभर के महान विद्वानों की अगाध श्रद्धा अकारण नहीं रही है। इस संस्कृति की उस आदर्श आचार संहिता ने समस्त वसुधा को आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति से पूर्ण किया, जिसे हिन्दुत्व के नाम से जाना जाता है।
🚩हिन्दू धर्म का यह पूरा वर्णन नहीं है। इससे भी कई गुणा ज्यादा महिमा है क्योंकि हिन्दू धर्म सनातन धर्म है; इसके बारे में संसार की कोई कलम पूरा वर्णन नहीं कर सकती। आखिर में हिन्दू धर्म का श्लोक लिखकर विराम देते हैं।
🚩सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:खभाग् भवेत्।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।
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shaileshg · 4 years
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लोकतंत्र में जनता ही भाग्य विधाता होती है। अपना शासक और शासन खुद चुनती है। प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती हैं। अमेरिका की बात करें तो यहां अब तक पांच बार ऐसा हुआ जब जनता (पॉपुलर वोट) किसी और को राष्ट्रपति बनाना चाहती थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों (इलेक्टर्स या इलेक्टोरल कॉलेज) ने किसी और को ही राष्ट्रपति बना दिया। आइए इन पांच खुशकिस्मत अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बारे में जानते हैं।
अमेरिका में यह 58वां राष्ट्रपति चुनाव है। 53 बार ऐसा हुआ जब जो राष्ट्रपति बना, उसे पॉपुलर और इलेक्टोरल वोट ज्यादा मिले। लेकिन, 5 बार ऐसे नेता राष्ट्रपति बने जो इलेक्टोरल कॉलेज से जीते। वे जनता की पहली पसंद नहीं थे।
जॉन क्विंसी एडम्स (1825-29) इस चुनाव में दोनों पार्टियों से दो-दो यानी कुल चार उम्मीदवार थे। इनके नाम थे- एंड्रयू जैक्सन, जॉन क्विंसी एडम्स, विलियम क्रॉफर्ड और हेनरी क्ले। यह अमेरिकी संविधान में 12वें संशोधन के पहले की बात है। मामला उलझा तो इसे हाउस रिप्रेंजेंटेटिव्स के पास भेजा गया। नियम के मुताबिक, टॉप 3 कैंडिडेट चुने गए। हेनरी क्ले दौड़ से बाहर हो गए। हाउस में वोटिंग हुई तो एडम्स को राष्ट्रपति चुन लिया गया।
रदरफोर्ड बी. हायेस (1877-81) यहां भी एडम्स की तरह मामला उलझा। वोटर्स के बजाए कांग्रेस ने फैसला किया। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से रदरफोर्ड बी. हायेस और डेमोक्रेट्स की तरफ सैम्युअल टिल्डेन उम्मीदवार थे। उस वक्त टिल्डेन को 184 इलेक्टोरल वोट (तब बहुमत से एक कम) मिले। हायेस को 165 वोट मिले। 20 वोटों पर विवाद था। संवैधानिक संकट पैदा हो गया। कांग्रेस ने एक कमिशन बनाया। क्योंकि, दोनों पार्टियां 20 विवादित वोटों पर दावा कर रहीं थीं। इसने 20 वोट हायेस को दे दिए। वे सिर्फ एक वोट से चुनाव जीत गए। कुछ राजनीतिक इतिहासकार मानते हैं कि दोनों पार्टियों के बीच एक सीक्रेट डील के तहत हायेस प्रेसिडेंट बने।
बेंजामिन हैरिसन (1889-93) 1888 में मुकाबला प्रेसिडेंट ग्रोवल क्लीवलैंड और रिपब्लिकन कैंडिडेट बेंजामिन हैरिसन के बीच था। दोनों पार्टियों पर आरोप लगे कि उन्होंने ‘नोट के बदले वोट’ जैसा गलत काम किया। यानी मतदाताओं को पैसे देकर वोट खरीदे। दक्षिणी राज्यों में डेमोक्रेट्स जबकि पूर्व और पश्चिम में रिपब्लिकन्स को जीत मिली। क्लीवलैंड को हैरिसन से 90 हजार पॉपुलर वोट ज्यादा मिले। लेकिन, इलेक्टोरल वोट हैरिसन को 233 जबकि क्लीवलैंड को सिर्फ 168 मिले। हैरिसन राष्ट्रपति बने। चार साल बाद उन्होंने हैरिसन को करारी शिकस्त दी।
जॉर्ज डब्ल्यू बुश (2001-2009) हैरिसन का इतिहास पूरे 112 साल बाद दोहराया गया। नवंबर 2000 में मुकाबला था रिपब्लिकन जॉर्ज डब्ल्यू बुश (बुश जूनियर) और डेमोक्रेट अल गोर के बीच। गोर बिल क्लिंटन के दौर में वाइस प्रेसिडेंट थे। ओरेगन, न्यू मैक्सिको और फ्लोरिडा में मामला फंस गया। फ्लोरिडा में तो दूसरी बार वोटों की गिनती हुई। मामला पहले फ्लोरिडा कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 9 में से 5 जज बुश और 4 गोर के पक्ष में रहे। इलेक्टोरल कॉलेज में 271 वोट बुश और 266 अल गोर को मिले। हालांकि, पॉपुलर वोट 5 लाख से ज्यादा अल गोर के पाले में गए।
डोनाल्ड ट्रम्प (2016-20) ये तो पिछले ही चुनाव की बात है। पॉपुलर वोट के मामले में वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प काफी पीछे थे। डेमोक्रेट कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन को ट्रम्प से 28 लाख ज्यादा पॉपुलर वोट हासिल हुए। कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन, विस्कॉन्सिन, पेन्सिलवेनिया और मिशिगन में कम अंतर से ही सही ट्रम्प आगे निकल गए। इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती हुई तो ट्रम्प को 304 जबकि हिलेरी को महज 227 वोट मिले। अब ट्रम्प फिर मैदान में हैं। पोल्स बाइडेन को आगे बता रहे हैं। हिलेरी के साथ भी यही हुआ था। लेकिन, आखिर में ��लेक्टोरल कॉलेज ट्रम्प के लिए ‘ट्रम्प कार्ड’ साबित हुए।
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Electoral college elected 5 presidents of American history, who were rejected by the public
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indianscooper · 5 years
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कोड़ा मारना: अब इंडियाना जोन्स 5 को कौन निर्देशित करना चाहिए कि स्पीलबर्ग बाहर है?
कोड़ा मारना: अब इंडियाना जोन्स 5 को कौन निर्देशित करना चाहिए कि स्पीलबर्ग बाहर है?
Yesterday के आश्चर्य की घोषणास्टीवन स्पीलबर्ग निर्देशक की कुर्सी से दूर जा रहे हैं, इंडियाना जोन्स 5 के लिए सदमे, निराशा और यहां तक ​​कि गुस्से से मुलाकात की गई थी। जबकि इंडियाना जोन्स स्टार हैरिसन फोर्ड और सह-निर्माता / निर्माता जॉर्ज लुकास के साथ समान रूप से पर्यायवाची हैं, श्रृंखला की प्रत्येक फिल्म (विनाशकारी चौथी प्रविष्टि, इंडियाना जोन्स एंड द किंगडम ऑफ द क्रिस्टल स्कल) में सभी ने वायल्ड…
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shaileshg · 4 years
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पत्नी मेलानिया कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। चुनाव में पांच हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। लिहाजा, ट्रम्प के लिए यह मुश्किल दौर है। सवाल ये है कि क्या वे संक्रमण से उबरने के बाद भी कैम्पेन में हिस्सा ले पाएंगे। अगर वे कामकाज नहीं कर पाए तो फिलहाल उनकी जिम्मेदारी उप राष्ट्रपति माइक पेन्स निभाएंगे। अगर पेन्स भी पॉजिटिव हो जाते हैं तो सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी यह जिम्मेदारी निभाएंगी।
लापरवाह रवैये का खामियाजा ट्रम्प कई महीनों या कहें महामारी की शुरुआत से ही इसकी गंभीरता को नजरअंदाज करते दिखे। इसे मामूली फ्लू बताते रहे। मास्क को भी गंभीरता से नहीं लिया। जबकि, अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 2 लाख से ज्यादा हो गया है। वे कहते रहे- वायरस जल्द ही गायब हो जाएगा, इस पर काबू पा लिया गया है। वैज्ञानिकों का मजाक भी उड़ाया। जिस दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। 1 हजार लोगों को साथ ले गए। रैलियों में हजारों लोग जुटे। न राष्ट्रपति ने मास्क लगाया और न समर्थकों ने।
मेडिकल एडवाइज भी नहीं मानी ट्रम्प जिंदगी के 80वें दशक में हैं। रिसर्च बताते हैं कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है। अमेरिका में जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई, उनमें हर 10 में से 8 व्यक्ति 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के थे। ट्रम्प अपनी सेहत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देते। नवंबर में वे वॉशिंगटन के मिलिट्री मेडिकल सेंटर गए थे। तब कुछ कयास लगाए गए थे। उनकी लंबाई 1.9 मीटर (6.2 फीट) है। लेकिन, इसके लिहाज से वजन (110.2 किलोग्राम) ज्यादा है। हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है। लेकिन, उनके डॉक्टर राष्ट्रपति की सेहत ‘बेहतरीन’ बताते हैं।
व्हाइट हाउस ने क्या किया व्हाइट हाउस का ज्यादातर स्टाफ वर्क फ्रॉम होम है। जो ऑफिस आ रहे हैं, उन्हें मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होता है। ट्रम्प और पेन्स के अलावा जो उनके संपर्क में रोज आते हैं, उनका भी डेली बेसिस पर टेस्ट किया जाता है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से व्हाइट हाउस का ज्यादातर स्टाफ मास्क नहीं लगा रहा। कम से कम जब राष्ट्रपति मौजूद हैं तो वे मास्क बिल्कुल नहीं लगाते, क्योंकि ट्रम्प खुद भी यही करते हैं। अब अगर, ट्रम्प में संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं या वे ज्यादा बीमार होते हैं तो हालात खराब हो जाएंगे।
संविधान क्या कहता है अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के मुताबिक, अगर राष्ट्रपति की सेहत ठीक न हो और इस वजह से वे काम न कर पा रहे हैं तो अस्थायी तौर पर उनके पावर्स यानी शक्तियां वाइस प्रेसिडेंट को ट्रांसफर हो जाती हैं। पहली बार यह कानून 1967 में बना। 1985 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की सर्जरी हुई। उन्होंने कुछ वक्त के लिए अपने पावर्स तब के उप राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सौंप दिए। जब बुश राष्ट्रपति बने तो 2002 और 2007 में दो बार उन्होंने अपनी शक्तियां उप राष्ट्रपति डिक चेनी को सौंपीं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैकेनी के मुताबिक, हम राष्ट्रपति और उप ���ाष्ट्रपति दोनों को स्वस्थ रखेंगे। फिलहाल, वे स्वस्थ ही हैं और ऐसे ही रहेंगे। अमेरिकी इतिहास में सिर्फ दो राष्ट्रपति पद पर रहते हुए गंभीर रूप से बीमार हुए। पहले थे- जॉर्ज वॉशिंगटन। उन्हें इन्फ्लूएंजा हुआ था। दूसरे वुडरो विल्स। उन्हें भी यही बीमारी हुई थी।
चार राष्ट्रपति मारे गए अमेरिकी इतिहास में चार राष्ट्रपति ऐसे हुए, जिनका निधन पद पर रहते हुए और प्राकृतिक कारणों से हुआ। ये थे- विलिमय हेनरी हैरिसन, जेचेरी टेलर, वॉरेन जी. हार्डिंग और फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट। अब्राहम लिंकन, जेम्स ए. गारफील्ड, विलियम मैक्केनले और जॉन एफ कैनेडी की कार्यकाल के दौरान हत्या कर दी गई थी। हालांकि, रीगन (1981) के बाद ट्रम्प पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो पद पर रहते हुए इतनी गंभीर बीमारी से पीड़ित हुए।
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Donald Trump COVID-19 Positive: Here's Latest News and Updates on US Election 2020 From The New York Times.
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indianscooper · 5 years
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‘बीटल्स पर मेरा बुरा प्रभाव था: लेनन पर जेम्स टेलर, प्यार और वसूली
‘बीटल्स पर मेरा बुरा प्रभाव था: लेनन पर जेम्स टेलर, प्यार और वसूली
जेएम्स टेलर लंदन के क्षितिज पर घूमते हुए दिखता है। “यह वह जगह है जहाँ यह शुरू हुआ,” वे कहते हैं। “क्षण।” उन्होंने अपनी पहली यात्रा 1968 में पॉल मैकार्टनी और जॉर्ज हैरिसन के लिए खेली और बीटल्स रिकॉर्ड लेबल, एप्पल रिकॉर्ड्स पर हस्ताक्षर करने वाले पहले कलाकार ब��� गए। इससे पहले कि वह लॉरेल कैनियन के साथ डेनिम-ड्रेप्ड कैलिफ़ोर्निया के बाकी सपने देखने वालों के पास चले गए, जिन्होंने 60 के दशक के अंत और…
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