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लोकसभा में गृह मंत्रालय का जवाब- देशभर में अभी नहीं लागू होगा NRC
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); MoS Home Nityanand Rai in a written reply to a question in Lok Sabha: Till now, the government has not taken any decision to prepare National Register of Indian Citizens (NRIC) at the national level. pic.twitter.com/e3OarkJv9x — ANI (@ANI) February 4, 2020 जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में सांसद चंदन सिंह, नागेश्वर राव की ओर से गृह मंत्रालय से ��ुछ सवाल पूछे गए थे। इसमें क्या एनआरसी को लागू करने के लिए सरकार कदम उठा रही है, क्या राज्य सरकारों से इस बारे में चर्चा की गई है? समेत कुल 5 सवाल थे। इनके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में लिखित में बयान में कहा है, ‘अभी तक भारत सरकार ने पूरे देश में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है।’
बता दें मंगलवार को ही लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बयान देने वाले थे, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण वह अपना बयान नहीं दे सके। स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था। गौरतलब है कि, देश के कई हिस्सों में इन दिनों नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर प्रदर्शन जारी है। साथ ही साथ एनआरसी को लेकर भी विवाद किया जा रहा है। क्या है NRC? NRC ऐसा रजिस्टर है, जिसमें देश में रह रहे सभी वैध नागरिकों की डिटेल दर्ज होगी। 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में इसकी शुरुआत हुई थी। 31 अगस्त 2019 को असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई है। फिलहाल NRC असम के अलावा दूसरे किसी राज्य में लागू नहीं है। अब गृह मंत्रालय ने भी कह दिया है कि फिलहाल एनआरसी लाने की कोई योजना नहीं है। ये भी पढ़े... प्रियंका का वाराणसी दौरा, 5 घंटे में 3 मंदिरों के दर्शन, कहा- कांग्रेस सरकार आई तो हटाएंगे CAA और NRC CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च, सीएम कमलनाथ ने कहा- विरोधी कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगे CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य Read the full article
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CAA-NRC के विरोध में मुंबई से शुरू हुई 3 हजार किमी लंबी 'गांधी शांति यात्रा', शरद पवार ने दिखाई हरी झंडी
चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Citizenship Register) और जेएनयू हमले के खिलाफ गुरुवार को 'गांधी शांति यात्रा' की शुरुआत हुई। इस यात्रा की शुरुआत पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा की गई। यह यात्रा 3000 किलोमीटर लंबी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हरी झंडी दिखाकर मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से यात्रा को रवाना किया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 30 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगी यात्रा 'गांधी शांति यात्रा' में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण भी शामिल हुए। उनके अलावा यात्रा में किसान संगठनों समेत विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया। जानकारी के मुताबिक, यह यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। बुधवार शाम यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, 'गांधी शांति यात्रा के दौरान सरकार से यह मांग भी की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) नहीं कराई जाएगी।' इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और विदर्भ से कांग्रेस नेता आशीष देशमुख मौजूद थे। Mumbai: NCP Chief Sharad Pawar,former Union Minister Yashwant Sinha,Vanchit Bahujan Aghadi's Prakash Ambedkar and other leaders at Gateway of India during 'Gandhi Shanti Yatra', a protest against #CitizenshipAmendmentAct and #NationalRegisterofCitizens pic.twitter.com/gDG6otbWxf — ANI (@ANI) January 9, 2020 मोदी सरकार के कटु आलोचक गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'केंद्र सरकार ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों जैसा बनाने का दावा किया था, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि अब पूरा देश ही कश्मीर बन गया है।' बता दें यशवंत सिन्हा पूर्व वित्त मंत्री रहने के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन उन्होंने 21 अप्रैल 2018 में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। वह मोदी सरकार के कटु आलोचक हैं। ये भी पढ़े... नागरिकता कानून के समर्थन में पीएम मोदी ने शुरू किया #IndiaSupportsCAA अभियान, ट्वीट कर छेड़ी मुहिम नागरिकता कानून पर बवाल, विरोध में सत्याग्रह पर बैठी कांग्रेस, सोनिया-राहुल-मनमोहन ने पढ़ा संविधान का प्रस्तावना उप्र में नागरिकता कानून पर बवाल, 9 लोगों की मौत, 21 जिलों में इंटरनेट बैन, 31 जनवरी तक धारा 144 लागू Read the full article
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