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अब सरकार दे रही है गर्भवती महिलाओं को 11 हजार रूपये, जाने संपूर्ण जानकारी
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स्पष्ट प्रमाण है गीता जी के अध्याय 15 श्लोक 4 में, गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य भगवान की शरण में जाने के लिए संकेत कर रहे हैं। इस तथ्य की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए Factful Debates YouTube Channel पर visit करे।
कबीर_बड़ा_या_कृष्ण
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लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक "Our Minds, Our Rights" का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |" सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि, "इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |" वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है| आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |" डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि, "यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |" सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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#सच्चा_सतगुरु_कौन
गुरु पूर्णिमा पर जाने
गुरु अनेक है पर सच्चा गुरु कौन?
पढ़िए पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा 📖
जाने संपूर्ण अध्यात्मिक जानकारी!
देखिए पूर्ण #SantRampalJiM🙇🏻♀️💓🙏 के मंगल प्रवचन 6:00 AM सुदर्शन चैनल पर👍
Visit SA true Story
YouTube channel🙏
Sant Rampal Ji Maharaj
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#गीता_जी_अद्भुत_रहस्य...
(तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज बतलाते हैं कि)
अध्याय 17 का श्लोक 1
(अर्जुन उवाच)
ये, शास्त्रविधिम्, उत्सृृज्य, यजन्ते, श्रद्धया, अन्विताः,
तेषाम्, निष्ठा, तु, का, कृष्ण, सत्त्वम्, आहो, रजः, तमः।।1।।
अनुवाद :- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्रविधि को त्यागकर श्रद्धासे युक्त हुए देवादि का (मनमुखी भक्ति) पूजन करते हैं उनकी स्थिति फिर कौन-सी सात्विकी हैं अथवा राजसी तामसी ?
अध्याय 17 का श्लोक 4
यजन्ते, सात्त्विकाः, देवान्, यक्षरक्षांसि, राजसाः,
प्रेतान्, भूतगणान्, च, अन्ये, यजन्ते, तामसाः, जनाः।।4।।
अनुवाद :- सात्विक पुरूष श्री ब्रह्मा जी,श्री विष्णु जी, श्री शिव जी आदि देवताओं को पूजते हैं,
राजस पुरूष यक्ष और राक्षसों को तथा अन्य जो तामस मनुष्य हैं वे प्रेत और भूतगणों को पूजते हैं तथा मुख्य रूप से श्री शिव जी को भी इष्ट मानते हैं।
विशेष - सात्विक पुरूष ब्रम्हा विष्णु शिव आदि देवताओं की पूजा करते हैं।
#देवताओं_की_पूजा_करते_हैं_पूर्ण_परमात्मा_की_नहीं
इसलिए कबीर साहेब ने अपने प्रिय शिष्य धनी धर्मदास जी को बताया था कि
"धर्मदास यह जग बौराना, कोई नहीं जाने ��द निरबाना"
"यही कारण मैं कथा पसारा,जग से कहियो इक #राम न्यारा"
उस निर्वाण पद (पांचवे मुक्ति के स्थान, परमपद / सतातन परमधाम #सत्यलोक) को, जहां पर #पूर्ण_परमात्मा का आसन हैं उसे कोई नहीं जानता हैं और सच्चे खूदा अर्थात् #Real_GOD को भी नहीं जानता हैं।
और अधिक जानकारी हेतु सपरिवार आज ही देखिए
"Sant Rampal Ji Maharaj"
YouTube channel पर"संपूर्ण सृष्टि रचना" का स्पेशल सत्संग कार्यक्रम
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#TuesdayFeeling
वेद गीता पुराण कुरान आदि सभी सद्ग्रंथो मे अधूरा ज्ञान है यही कारण है कि यह सभी सदग्रंथ हमे तत्वदर्शी संत की शरण मे जाने के लिए संकेत करते है जबकि पांचवे वेद सुक्ष्मवेद मे अध्यात्म का संपूर्ण ज्ञान है
अधिक जानकारी के लिए पढ़े पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा और देखे साधना चैनल शाम 7:30 से
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[10/15, 6:07 PM] +91 88177 68927: गीता में श्रीकृष्ण ने पूर्ण परमात्मा की शरण में जाने का आदेश दिया है, कौन है वह पूर्ण परमात्मा? जानने के लिए पढ़ें "ज्ञान गंगा"।
#3लोककाराज_ब्रह्माविष्णुमहेश
#radheradhe #radhekrishna #bhagavadgita #gita #om
#shrikrishna #hinduism #bhakti #mantra #guru #satsang #mathuratemple #jaishreekrishna
↪️⛲अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfvLPqZ8xGEcjh4G5QIqE27UQJN5zkm4WRJgyPmsbd0NhGzMQ/viewform?usp=sf_link
या
अपना नाम ,पूरा पता, पिन कोड ,मोबाइल नंबर हमें Whatsapp करें +91 7496801825
पुस्तक और डिलीवरी चार्ज बिल्कुल निःशुल्क (फ्री) है।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य डाउनलोड करें *SANT RAMPAL JI MAHARAJ* app play store से
🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए....
🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00 से 7:00 तक
🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00 से 3:00 तक
🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30 से 8:30 तक
📣 Visit 👉 Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel.
[10/15, 6:07 PM] +91 88177 68927: पूर्ण परमात्मा
गीता के अध्याय 14 श्लोक 3-5 में बताया गया है कि काल-ब्रह्म (क्षर पुरुष) ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश का पिता और देवी दुर्गा का पति है। इस्कॉन इस सत्य को नहीं जानता और श्रीकृष्ण जी को ही सर्वशक्तिमान मानता है। सर्वशक्तिमान परमात्मा की संपूर्ण जानकारी के लिए पढ़ें "ज्ञान गंगा"।
#3लोककाराज_ब्रह्माविष्णुमहेश
#TattvadarshiSantRampalJi #iskcontemple
#ISKCON #sankirtanyatra #sankirtan #vrindavan #shrihari #haribol #reels #trending
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अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इन आहार सामग्रियों को शामिल करें!
स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शरीर के अंगों, कोशिकाओं और ऊतकों द्वारा निर्मित यह एक प्रणाली है, जो शरीर को विषाणुओं से लड़ने में मदद करती है। यह विषाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकती है और यदि कोई जीवाणु प्रवेश कर जाए, तो यह उन्हें नष्ट करके शरीर के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करती है। विपरीत में, इस क्षमता में कमी से शरीर आसानी से बीमारियों के शिकार हो सकता है और इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। इस लिए, एक स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से यह संभव हो सकता है। अपने आहार में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहार पदार्थों को शामिल करके मदद मिल सकती है, जिसके बारे में इस लेख में विस्तार से चर्चा की गई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले आहार के साथ इस लेख में जानें अन्य टिप्स और जानकारी:
आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए संतुलित आहार का आहार लेना आवश्यक है। आप निम्न फलों को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं:
सेब ,नींबू, अनार ,आलूबुखारा।
इम्यून सिस्टम को बढ़ाने वाले पेय पदार्थों में निम्नलिखित शामिल हैं:
ग्रीन टी , छाछ, लस्सी ,फलों का रस, नारियल पानी ,हल्दी वाला दूध पर्याप्त मात्रा में पानी, आवश्यकतानुसार गर्म पानी में शहद ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए आप निम्नलिखित जड़ी-बूटियों, मसालों और बीजों का उपयोग कर सकते हैं:
लौंग ,अलसी, लहसुन ,अदरक ,इलायची, दालचीनी, मेथी दाना ,काली मिर्च ।
आप इन सभी को काढ़ा या सूप तैयार करने में उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि यदि आपको पहले से सर्दी, जुकाम या बुखार है, तो आपको कुछ वस्तुओं से परहेज करना चाहिए। किसी भी वस्तु का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
Fytika आपके लिए गिलोय, अश्वगंधा, नीम, तुलसी, मुलेठी, दालचीनी, काली मिर्च जैसी प्रभावी प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाली सामग्र��यों का एक अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करता है, जो आसानी से सेवन किया जा सकने वाले टैबलेट के रूप में होता है।Fytika Immunity Booster टैबलेट एक आहार पूरक है जिसमें प्राकृतिक सामग्री का एक मिश्रण है जो अपनी प्रतिरोधक गुणों के लिए जाने जाते हैं। इसका उद्देश्य शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को समर्थन करना और मजबूत बनाना है, जिससे संक्रमण से बचाव हो सके, संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारा जा सके और एक मजबूत इम्यून प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित किया जा सके।
FYTIKA IMMUNITY BOOSTER के मुख्यतः तत्व
गिलोय: "अमृत की जड़" के रूप में जाने जाने वाला गिलोय एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, संक्रमण से लड़ती है और शरीर को विषाक्त करने में मदद करती है।
तुलसी (होली बेसिल): आयुर्वेद में पूज्य, तुलसी एक एडाप्टोजेन जड़ी बूटी है जो प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करती है, तनाव को कम करती है और संपूर्ण कल्याण को बढ़ाती है।
अश्वगंधा: एक प्रसिद्ध एडाप्टोजेन जड़ी बूटी, अश्वगंधा प्रतिरोधक क्षमता का समर्थन करती है, तनाव को नियंत्रित करती है और विभिन्न तनावकारकों के प्रति शरीर की सहनशीलता को बढ़ाती है। • नीम: अपने प्रबल एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुणों के साथ, नीम रक्त को शुद्ध करने, लिवर स्वास्थ्य का समर्थन करने और प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
लौंग: प्राचीनकाल में मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाला लौंग, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, संक्रमण से लड़ता है और संपूर्ण प्रतिरोधक समर्थन के लिए एंटी-इन्फ्लामेटरी लाभ प्रदान करता है। • दालचीनी: अपने स्वादिष्ट स्वाद के अलावा, दालचीनी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है और प्रतिरोधक क्षमता का समर्थन करती है।
FYTIKA IMMUNITY BOOSTER के लाभ
प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाता है: Fytika Immunity Booster शरीर की प्राकृतिक संरक्षण प्रणाली को मजबूत करके संक्रमण और रोगों के खिलाफ लड़ने की क्षमता में मदद करता है।
संपूर्ण स्वास्थ्य का समर्थन करता है: Fytika Immunity Booster में प्राकृतिक तत्वों का शक्तिशाली मिश्रण होने से महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए योगदान करते हैं।
प्रतिरोधक प्रतिक्रिया को बढ़ाता है: Fytika Immunity Booster प्रतिरोधक प्रतिक्रिया को अनुकूलित करने में मदद करता है, जिससे यह सक्षम होता है कि यह हानिकारक कीटाणुओं को पहचानें और उनसे संघर्ष करें।
बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है: प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत कर��े, Fytika Immunity Booster आम बीमारियों, जैसे की जुकाम, फ्लू और संक्रमण, स��� सुरक्षा प्रदान करता है।
ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है: संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करके, Fytika Immunity Booster ऊर्जा स्तर में सुधार करता है, जिससे आप सक्रिय और उत्पादक रह सकते हैं।
संक्षेप में, Fytika Immunity Booster एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके नेचुरल संघटकों का मिश्रण शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाने, संक्रमणों से लड़ने और सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह उत्पाद आपको आम बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और संपूर्ण कल्याण को प्रोत्साहित करता है। इसे नियमित रूप से सेवन करके आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं और स्वस्थ जीवनशैली का आनंद ले सकते हैं।
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माता दुर्गा के 5 रहस्य जानकर आप रह जाएंगे हैरान!
''।।या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'' भाग 1
हिन्दू धर्म में माता रानी का देवियों में सर्वोच्च स्थान है। उन्हें अम्बे, जगदम्बे, शेरावाली, पहाड़ावाली आदि नामों से पुकारा जाता है। संपूर्ण भारत भूमि पर उनके सैंकड़ों मंदिर है। ज्योतिर्लिंग से ज्यादा शक्तिपीठ है। सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती ये त्रिदेव की पत्नियां हैं। इनकी कथा के बारे में पुराणों में भिन्न भिन्न जानकारियां मिलती है। पुराणों में देवी पुराण देवी में देवी के रहस्य के बारे में खुलासा होता है।
आखिर उन अम्बा, जगदम्बा, सर्वेश्वरी आदि के बारे में क्या रहस्य है? यह जानना भी जरूरी है। माता रानी के बारे में संपूर्ण जानकारी रखने वाले ही उनका सच्चा भक्त होता है। हालांकि यह भी सच है कि यहां इस लेख में उनके बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं दी जा सकती, लेकिन हम इतना तो बता ही सकते हैं कि आपको क्या क्या जानना चाहिए?
माता रानी कौन है? :
1.अम्बिका :
शिवपुराण के अनुसार उस अविनाशी परब्रह्म (काल) ने कुछ काल के बाद द्वितीय की इच्छा प्रकट की। उसके भीतर एक से अनेक होने का संकल्प उदित हुआ। तब उस निराकार परमात्मा ने अपनी लीला शक्ति से आकार की कल्पना की, जो मूर्तिरहित परम ब्रह्म है। परम ब्रह्म अर्थात एकाक्षर ब्रह्म। परम अक्षर ब्रह्म। वह परम ब्रह्म भगवान सदाशिव है। एकांकी रहकर स्वेच्छा से सभी ओर विहार करने वाले उस सदाशिव ने अपने विग्रह (शरीर) से शक्ति की सृष्टि की, जो उनके अपने श्रीअंग से कभी अलग होने वाली नहीं थी। सदाशिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धि तत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है।
वह शक्ति अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) कही गई है। उसको प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेव जननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सदाशिव द्वारा प्रकट की गई उस शक्ति की 8 भुजाएं हैं। पराशक्ति जगतजननी वह देवी नाना प्रकार की गतियों से संपन्न है और अनेक प्रकार के अस्त्र शक्ति धारण करती है। एकांकिनी होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवशात अनेक हो जाती है। उस कालरूप सदाशिव की अर्द्धांगिनी हैं यह शक्ति जिसे जगदम्बा भी कहते हैं।
2.देवी दुर्गा :
हिरण्याक्ष के वंश में उत्पन्न एक महा शक्तिशाली दैत्य हुआ, जो रुरु का पुत्र था जिसका नाम दुर्गमासुर था। दुर्गमासुर से सभी देवता त्रस्त हो चले थे। उसने इंद्र की नगरी अमरावती को घेर लिया था। देवता शक्ति से हीन हो गए थे, फलस्वरूप उन्होंने स्वर्ग से भाग जाना ही श्रेष्ठ समझा। भागकर वे पर्वतों की कंदरा और गुफाओं में जाकर छिप गए और सहायता हेतु आदि शक्ति अम्बिका की आराधना करने लगे। देवी ने प्रकट होकर देवताओं को निर्भिक हो जाने का आशीर्वाद दिया। एक दूत ने दुर्गमासुर को यह सभी गाथा बताई और देवताओं की रक्षक के अवतार लेने की बात कहीं। तक्षण ही दुर्गमासुर क्रोधित होकर अपने समस्त अस्त्र-शस्त्र और अपनी सेना को साथ ले युद्ध के लिए चल पड़ा। घोर युद्ध हुआ और देवी ने दुर्गमासुर सहित उसकी समस्त सेना को नष्ट कर दिया। तभी से यह देवी दुर्गा कहलाने लगी।
3.माता सती :
भगवान शंकर को महेश और महादेव भी कहते हैं। उन्हीं शंकर ने सर्वप्रथम दक्ष राजा की पुत्री दक्षायनी से विवाह किया था। इन दक्षायनी को ही सती कहा जाता है। अपने पति शंकर का अपमान होने के कारण सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में कूदकर अपनी देहलीला समाप्त कर ली थी। माता सती की देह को लेकर ही भगवान शंकर जगह-जगह घ��मते रहे। जहां-जहां देवी सती के अंग और आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित होते गए। इसके बाद माता सती ने पार्वती के रूप में हिमालयराज के यहां जन्म लेकर भगवान शिव की घोर तपस्या की और फिर से शिव को प्राप्त कर पार्वती के रूप में जगत में विख्यात हुईं।
4.माता पार्वती :
माता पार्वती शंकर की दूसरी पत्नीं थीं जो पूर्वजन्म में सती थी। देवी पार्वती के पिता का नाम हिमवान और माता का नाम रानी मैनावती था। माता पार्वती को ही गौरी, महागौरी, पहाड़ोंवाली और शेरावाली कहा जाता है। माता पार्वती को भी दुर्गा स्वरूपा माना गया है, लेकिन वे दुर्गा नहीं है। इन्हीं माता पार्वती के दो पुत्र प्रमुख रूप से माने गए हैं एक श्रीगणेश और दूसरे कार्तिकेय।
5.कैटभा :
पद्मपुराण के अनुसार देवासुर संग्राम में मधु और कैटभ नाम के दोनों भाई हिरण्याक्ष की ओर थे। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार उमा ने कैटभ को मारा था, जिससे वे 'कैटभा' कहलाईं। दुर्गा सप्तसती अनुसार अम्बिका की शक्ति महामाया ने अपने योग बल से दोनों का वध किया था।
6.काली :
पौराणिक मान्यता अनुसार भगवान शिव की चार पत्नियां थीं। पहली सती जिसने यज्ञ में कूद कर अपनी जान दे दी थी। यही सती दूसरे जन्म में पार्वती बनकर आई, जिनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय हैं। फिर शिव की एक तीसरी फिर शिव की एक तीसरी पत्नी थीं जिन्हें उमा कहा जाता था। देवी उमा को भूमि की देवी भी कहा गया है। उत्तराखंड में इनका एकमात्र मंदिर है। भगवान शिव की चौथी पत्नी मां काली है। उन्होंने इस पृथ्वी पर भयानक दानवों का संहार किया था। काली माता ने ही असुर रक्तबीज का वध किया था। इन्हें दस महाविद्याओं में से प्रमुख माना जाता है। काली भी देवी अम्बा की पुत्री थीं।
7.महिषासुर मर्दिनी :
नवदुर्गा में से एक कात्यायन ऋषि की कन्या ने ही रम्भासुर के पुत्र महिषासुर का वध किया था। उसे ब्रह्मा का वरदान था कि वह स्त्री के हाथों ही मारा जाएगा। उसका वध करने के बाद माता महिषसुर मर्दिनी कहलाई। एक अन्य कथा के अनुसार जब सभी देवता उससे युद्ध करने के बाद भी नहीं जीत पाए तो भगवान विष्णु ने कहा ने सभी देवताओं के साथ मिलकर सबकी आदि कारण भगवती महाशक्ति की आराधना की जाए। सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य तेज निकलकर एक परम सुन्दरी स्त्री के रूप में प्रकट हुआ। हिमवान ने भगवती की सवारी के लिए सिंह दिया तथा सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र महामाया की सेवा में प्रस्तुत किए। भगवती ने देवताओं पर प्रसन्न होकर उन्हें शीघ्र ही महिषासुर के भय से मुक्त करने का आश्वासन दिया और भयंकर युद्ध के बाद उसका वध कर दिया।
तुलजा भवानी और चामुण्डा माता :
देशभर में कई जगह पर माता तुलजा भवानी और चामुण्डा माता की पूजा का प्रचलन है। खासकर यह महाराष्ट्र में अधिक है। दरअसल माता अम्बिका ही चंड और मुंड नामक असुरों का वध करने के कारण चामुंडा कहलाई। तुलजा भवानी माता को महिषसुर मर्दिनी भी कहा जाता है। महिषसुर मर्दिनी के बारे में हम ऊपर पहले ही लिख आए हैं।
9.दस महाविद्याएं :
दस महाविद्याओं में से कुछ देवी अम्बा है तो कुछ सती या पार्वती हैं तो कुछ राजा दक्ष की अन्य पुत्री। हालांकि सभी को माता काली से जोड़कर देखा जाता है। दस महाविद्याओं ने नाम निम्नलिखित हैं। काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। कहीं कहीं इनके नाम इस क्रम में मिलते हैं:-1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला।
नवरात्रि :
वर्ष में दो बार नवरात्रि उत्सव का आयोजन होता है। पहले को चैत्र नवरात्रि और दूसरे को आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस तरह पूरे वर्ष में 18 दिन ही दुर्गा के होते हैं जिसमें से शारदीय नवरात्रि के नौ दिन ही उत्सव मनाया जाता है, जिसे दुर्गोत्सव कहा जाता है। माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि शैव तांत्रिकों के लिए होती है। इसके अंतर्गत तांत्रिक अनुष्ठान और कठिन साधनाएं की जाती है तथा दूसी शारदीय नवरात्रि सात्विक लोगों के लिए होती है जो सिर्फ मां की भक्ति तथा उत्सव हेतु है।
नौ दुर्गा के नौ मंत्र :-
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:।' मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नम:।'
नवरात्रि व्रत :
नवरात्रि में पूरे नौ दिनों के लिए शराब, मांस और सहवास के साथ की अन्न का त्याग कर दिया जाता है। उक्त नौ दिनों में यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह से माता का जाने या अंजाने अपमान करता है तो उसे कड़ी सजा भुगतना होती है। कई लोगों को गरबा उत्सव के नाम पर डिस्को और फिल्मी गीतों पर नाचते देखा गया है। यह माता का घोर अपमान ही है।
नवदुर्गा रहस्य :
ये नवदुर्गा हैं- 1.शैलपुत्री 2.ब्रह्मचारिणी 3.चंद्रघंटा 4.कुष्मांडा 5.स्कंदमाता 6.कात्यायनी 7.कालरात्रि 8.महागौरी 9.सिद्धिदात्री। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण पार्वती माता को शैलपुत्री भी कहा जाता है। ब्रह्मचारिणी अर्थात जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था। चंद्रघंटा अर्थात जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है। ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त करने के बाद उन्हें कुष्मांडा कहा जाने लगा। उदर से अं�� तक वे अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं, इसीलिए कुष्��ांडा कहलाती हैं। कुछ लोगों अनुसार कुष्मांडा नाम के एक समाज द्वारा पूजीत होने के कारण कुष्मांड कहलाई। पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वे स्कंद की माता कहलाती हैं।
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Best Sexologist in Patna, Bihar for Aspermia Treatment | Dr. Sunil Dubey
एस्पर्मिया (स्खलन विकार) के बारे में:
एस्पर्मिया एक तरह का स्खलन विकार है, जो किसी व्यक्ति में होने वाले गुप्त या यौन रोग को संदर्भित करता है। इस स्थिति की विशेषता यह है कि पुरुषो में स्खलन के दौरान वीर्य की पूर्ण अनुपस्थिति, शुष्क संभोग या वीर्य उत्सर्जन की कमी होती है। एस्पर्मिया और एज़ोस्पर्मिया एक दूसरे से संबंधित हैं, लेकिन चिकित्सा में दोनों यौन रोग की अलग-अलग शर्तें हैं।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. सुनील दुबे, जो कि पटना में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में दुबे क्लिनिक में प्रैक्टिस करते हैं, का कहना है कि एस्पर्मिया यौन समस्या करीब 1-5% पुरुषों को प्रभावित करती है और बुढ़ापे में इस यौन समस्या बढ़ने की संभावना अधिक होती है। इस यौन समस्या के कारण, व्यक्ति को पुरुष प्रजनन विकार, यौन रोग, बांझपन और पुरुष संभोग विकार जैसे कई जोखिम कारकों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तविक रूप से, यह किसी भी वैवाहिक पुरुष के लिए अच्छी स्थिति नहीं होती।
पुरुषों में एस्पर्मिया होने के कारण:
डॉ. सुनील दुबे बताते हैं कि पुरुषों में होने वाले इस यौन समस्या के कई कारण हैं जैसे हार्मोनल असंत��लन, तंत्रिका संबंधी विकार, रुकावट या अवरोध, शल्य चिकित्सा या दर्दनाक क्षति और संक्रमण व्यक्ति को इस स्खलन विकार की ओर ले जाते हैं। यदि हम कारणों पर विस्तार से चर्चा करें तो हम पाते हैं कि कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर, मधुमेह, रीढ़ की हड्डी की चोट, थायरॉयड विकार, वृषण क्षति, सर्जरी, यौन संचारित संक्रमण, एपिडीडिमाइटिस, ऑर्काइटिस, कीमोथेरेपी, विकिरण, धूम्रपान, मोटापा और अन्य कारक इसकेमुख्य कारण हो सकते हैं।
पुरुषों में एस्पर्मिया के लक्षण:
स्खलन के दौरान वीर्य का न होना।
स्खलन के दौरान शुष्क संभोग।
प्रजनन क्षमता में कमी।
भावनात्मक संकट।
वीर्य का न होना या बहुत कम मात्रा में स्राव।
एस्पर्मिया से पीड़ित रोगियों की आयु वितरण:
एस्पर्मिया के रोगियों की सामान्य आयु सीमा अलग-अलग होती है, आम तौर पर, आयु वितरण के अनुसार, इसे दो समूहों में विभाजित किया गया है-
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जन्मजात एस्पर्मिया: आमतौर पर, कम उम्र में वयस्कता (15-25 वर्ष) में।
अधिग्रहित एस्पर्मिया: अधिक उम्र के पुरुषों (30-60 वर्ष) में अधिक आम है।
भारत के गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर डॉ. सुनील दुबे जो कि बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट भी है, वे यहां तक कहते हैं कि एस्पर्मिया के यौन रोगियों की सबसे आम उम्र 20 से 50 के बीच होती है। इस स्खलन विकार यौन समस्या के अधिकांश रोगी 30 से 50 वर्ष के होते हैं जो अपने इलाज के लिए दुबे क्लिनिक आते हैं।
एस्पर्मिया के मामले में यौन स्वास्थ्य चिकित्सक से सहायता कब लेनी चाहिए: -
आम तौर पर, लोगों को अपनी गुप्त या यौन समस्याओं के बारे में जानकारी या ज्ञान होना चाहिए, जहाँ वे अपने यौन स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या नैदानिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेने का निर्णय ले सकते हैं। एस्पर्मिया के मामले में, कुछ निम्नलिखित संकेत हैं जो रोगी को क्लिनिक जाने का संकेत देते हैं।
गर्भधारण करने में कठिनाई
वीर्य की अनुपस्थिति का होना
दर्दनाक स्खलन का अनुभव
वृषण आघात या सर्जरी
एस्पर्मिया स्खलन विकार का निदान और आयुर्वेदिक उपचार:
एस्पर्मिया के मामले में, मेडिकल केस हिस्ट्री का विश्लेषण, शारीरिक परीक्षण, हार्मोन स्तर परीक्षण, इमेजिंग अध्ययन और वीर्य परीक्षण निदान की प्रक्रिया है। दवा, सर्जरी और सहायक प्रजनन तकनीक (ART) उपचार की शर्तें हैं।
डॉ. सुनील दुबे सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना व्यापक आयुर्वेदिक उपचार और चिकित्सा प्रदान करते हैं। उनका कहना है कि आयुर्वेद उपचार और चिकित्सा की एक पारंपरिक प्रणाली है जो किसी भी समस्या के लिए 100% प्रभावी उपचार प्रदान करता है। यह प्राकृतिक तरीको से समस्याओं को जड़ से ठीक करता है और समग्र स्वास्थ्य को समृद्ध बनाता है। हर दिन भारत के विभिन्न शहरों से सौ से अधिक लोग फोन पर दुबे क्लिनिक से जुड़ते हैं, जबकि पटना और बिहार से चालीस से अधिक गुप्त व यौन रोगी इस क्लिनिक में अपने-अपने इलाज हेतु आते हैं। डॉ. सुनील दुबे उन सभी को उनकी गुप्त व यौन समस्याओं का वास्��विक कारण पता लगाने और फिर मध्यस्थता करने में मदद करते हैं।
बेहतर परिणामों के लिए अपॉइंटमेंट लें और दुबे क्लिनिक में जाएँ:
यदि आप एस्पर्मिया या किसी अन्य गुप्त या यौन समस्या के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो फोन पर दुबे क्लिनिक से अपॉइंटमेंट लें। समय पर इस क्लिनिक पर जाएँ और आयुर्वेद के तहत अपना संपूर्ण यौन उपचार और दवा पाएँ। इस क्लिनिक से अब तक भारत के 7.6 लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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#TheLastProphet_SantRampalJi
Most Merciful Allah Kabir
🔅हजरत मुहम्मद जी को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि कबीर प्रभु वही है जिसने सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅सूरह अश शूरा 42, आयत 1, 2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी भी मुसलमान भाई को नहीं है।
हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
इन अक्षरों की जानकारी सिर्फ बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ने दी है।
🔅 पवित्र क़ुरआन में वर्णित ऐन सीन काफ़ और पवित्र गीता जी में वर्णित ओम तत सत में क्या संबंध है?
जानने के लिए अवश्य पढ़िए पवित्र पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन।
🔅बाख़बर वही है जो सच्चे खुदा कबीर की इबादत बताएगा।
वह बाख़बर, अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। जिन्होंने अल्लाहु अकबर (अल्लाह कबीर जी) की संपूर्ण जानकारी दी है। उनसे जुड़ें और अपना जीवन सफल बनायें।
🔅 क़ुरआन का ज्ञान अधूरा है।
हजरत मुहम्मद को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरआन सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅कुरान शरीफ का ज्ञान दाता किसी अन्य अल्लाह के बारे में जानकारी दे रहा है; पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर (अल्लाहु अकबर) का वर्णन कर रहा है। वह कहता है कि " हे पैग़म्बर उस 'जिंदा' पर भरोसा करो जो तुम्हें 'जिंदा महात्मा' के रूप में मिला था। वह अविनाशी है, उसकी इबादत करो।"
अल्लाह ताला की जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅सच्ची इबादत की जानकारी ना होने की वजह से हजरत मुहम्मद जी ने जीवन भर बहुत पीड़ा सहकर प्राण त्याग दिए।
सच्ची इबादत केवल बाख़बर व अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही बताते हैं ��िससे पाप रूपी कांटे भी निकल जाते हैं व मोक्ष प्राप्ति भी होती है।
🔅 क़ुरआन शरीफ के अनुसार सही इबादत की जानकारी केवल बाख़बर से ही प्राप्त हो सकती है और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह बाखबर हैं और अंतिम पैगम्बर हैं जो सही इबादत को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
🔅क़ुरआन शरीफ का ज्ञानदाता कहता है कि उस सर्वोच्च अल्लाह के वास्तविक ज्ञान के बारे में और उसकी जानकारी के लिए किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर, अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅 अंतिम पैगम्बर आए हैं,
अल्लाह का संदेश लाए हैं।
सपूर्ण जानकारी के अवश्य पढ़ें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक
"मुस्लमान नहीं समझे ज्ञान कुरान"
🔅सभी मुस्लिम समुदाय से प्रार्थना है कि कृपया करके अपने सच्चे बाख़बर, रहनुमा, खुदा का भेजा हुआ वर्तमान में नबी, पैगम्बर (अवतार) जोकि संत रामपाल जी महाराज जी हैं। आयें और जन्नत में जाने का रास्ता इख़्तियार करवाऐं।
🔅बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए ज्ञान को समझकर आज बहुत बड़ा जन समूह अपने रहमान खुदा (प्रभु) कबीर को पहचानकर सतभक्ति कर रहा है अर्थात् वे सच्ची इबादत कर रहे हैं।
आप भी अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅क़ुरआन शरीफ सूरह अल फुरकान 25, आयत 59 में कहा है
(अल्लाह बड़ा) रहमान है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर (इल्मवाले) से पूछ देखो।
वर्तमान में कौन है वह अंतिम पैगम्बर या बाख़बर?
🔅 हे मुसलमान भाइयों! जान लो उस बाख़बर(इल्मवाले) को जिसके बारे में क़ुरआन ज्ञान दाता ने सूरह फुरकान 25 आयात 59 में कहा है कि कबीर अल्लाह (बड़ा अल्लाह) जो पूरी कायनात का मालिक है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज (सतपुरुष के अंतिम नबी) हैं।
🔅इस्लाम में मान्यता है कि पुनर्जन्म नहीं होता, केवल एक बार जन्म होता हैं फिर मृत्यु होती है, उसके बाद उनको कब्र में दफ़ना दिया जाता है। फिर जब कभी कयामत (सृष्टि का विनाश) होगी तब मुर्दों को कब्र से निकालकर कर्म अनुसार जन्नत और दोजख में डाला जाएगा। इसके बाद सृष्टि क्रम सदा के लिए बंद हो जाएगा। जबकि हजरत मुहम्मद जी ने ऊपर जन्नत में बाबा आदम, मुसा, ईसा, दाऊद इत्यादि को देखा। फिर तो उनको भी कब्र में रहना चाहिए था। इससे साफ जाहिर होता है कि इस्लाम में भी पुनर्जन्म होता है।
तथ�� क़ुरान में कई आयते है जो पुनर्जन्म को सिद्ध करती है।
सूरह-अर-रूम-30: 11, सूरह-अल-बकरा 2: 243, सूरह-अल-अंबिया 21: 104
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅क़ुरान शरीफ/मजीद सुरः अल मुल्क-67 आयत 9 से पहले वाली आयतों में बताया है कि जो इस कुरआन का ज्ञान बताने वाले नबी से लोग कहते हैं कि तू झूठ बोल रहा है। और अल्लाह की हिदायतों की ��ालना न करके गलत साधना करके मरेंगे। फिर वे नरक में डाले जाएँगे तो उनसे दोजख के दरोगा पूछेंगे कि क्या तुम्हारे पास कोई हिदायत देने वाला रसूल नहीं आया था। तुमने गलत काम किए और कष्ट भोगने आ गए।
इस आयत 9 में बताया है कि ‘‘वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था।
हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
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*📯बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय📯*
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🔅हजरत मुहम्मद जी को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि कबीर प्रभु वही है जिसने सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरान सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅सूरह अश शूरा 42, आयत 1, 2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी भी मुसलमान भाई को नहीं है।
हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
इन अक्षरों की जानकारी सिर्फ बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ने दी है।
🔅 पवित्र क़ुरआन में वर्णित ऐन सीन काफ़ और पवित्र गीता जी में वर्णित ओम तत सत में क्या संबंध है?
जानने के लिए अवश्य पढ़िए पवित्र पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन।
🔅बाख़बर वही है जो सच्चे खुदा कबीर की इबादत बताएगा।
वह बाख़बर, अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। जिन्होंने अल्लाहु अकबर (अल्लाह कबीर जी) की संपूर्ण जानकारी दी है। उनसे जुड़ें और अपना जीवन सफल बनायें।
🔅 क़ुरआन का ज्ञान अधूरा है।
हजरत मुहम्मद को क़ुरआन शरीफ बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सतलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
क़ुरआन सूरह अल-फुरकान 25 आयत 59
वह बाख़बर और अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🔅कुरान शरीफ का ज्ञान दाता किसी अन्य अल्लाह के बारे में जानकारी दे रहा है; पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर (अल्लाहु अकबर) का वर्णन कर रहा है। वह कहता है कि " हे पैग़म्बर उस 'जिंदा' पर भरोसा करो जो तुम्हें 'जिंदा महात्मा' के रूप में मिला था। वह अविनाशी है, उसकी इबादत करो।"
अल्लाह ताला की जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅सच्ची इबादत की जानकारी ना होने की वजह से हजरत मुहम्मद जी ने जीवन भर बहुत पीड़ा सहकर प्राण त्याग दिए।
सच्ची इबादत केवल बाख़बर व अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही बताते हैं जिससे पाप रूपी कांटे भी निकल जाते हैं व मोक्ष प्राप्ति भी होती है।
🔅 क़ुरआन शरीफ के अनुसार सही इबादत की जानकारी केवल बाख़बर से ही प्राप्त हो सकती है और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह बाखबर हैं और अंतिम पैगम्बर हैं जो सही इबादत को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
🔅क़ुरआन शरीफ का ज्ञानदाता कहता है कि उस सर्वोच्च अल्लाह के वास्तविक ज्ञान के बारे में और उसकी जानकारी के लिए किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर, अंतिम पैगम्बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं। उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅 अंतिम पैगम्बर आए हैं,
अल्लाह का संदेश लाए हैं।
सपूर्ण जानकारी के अवश्य पढ़ें संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक
"मुस्लमान नहीं समझे ज्ञान कुरान"
🔅सभी मुस्लिम समुदाय से प्रार्थना है कि कृपया करके अपने सच्चे बाख़बर, रहनुमा, खुदा का भेजा हुआ वर्तमान में नबी, पैगम्बर (अवतार) जोकि संत रामपाल जी महाराज जी हैं। आयें और जन्नत में जाने का रास्ता इख़्तियार करवाऐं।
🔅बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए ज्ञान को समझकर आज बहुत बड़ा जन समूह अपने रहमान खुदा (प्रभु) कबीर को पहचानकर सतभक्ति कर रहा है अर्थात् वे सच्ची इबादत कर रहे हैं।
आप भी अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण कराएं।
🔅क़ुरआन शरीफ सूरह अल फुरकान 25, आयत 59 में कहा है
(अल्लाह बड़ा) रहमान है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर (इल्मवाले) से पूछ देखो।
वर्तमान में कौन है वह अंतिम पैगम्बर या बाख़बर?
🔅 हे मुसलमान भाइयों! जान लो उस बाख़बर(इल्मवाले) को जिसके बारे में क़ुरआन ज्ञान दाता ने सूरह फुरकान 25 आयात 59 में कहा है कि कबीर अल्लाह (बड़ा अल्लाह) जो पूरी कायनात का मालिक है। उसकी ख़बर किसी बाख़बर से पूछो।
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज (सतपुरुष के अंतिम नबी) हैं।
🔅इस्लाम में मान्यता है कि पुनर्जन्म नहीं होता, केवल एक बार जन्म होता हैं फिर मृत्यु होती है, उसके बाद उनको कब्र में दफ़ना दिया जाता है। फिर जब कभी कयामत (सृष्टि का विनाश) होगी तब मुर्दों को कब्र से निकालकर कर्म अनुसार जन्नत और दोजख में डाला जाएगा। इसके बाद सृष्टि क्रम सदा के लिए बंद हो जाएगा। जबकि हजरत मुहम्मद जी ने ऊपर जन्नत में बाबा आदम, मुसा, ईसा, दाऊद इत्यादि को देखा। फिर तो उनको भी कब्र में रहना चाहिए था। इससे साफ जाहिर होता है कि इस्लाम में भी पुनर्जन्म होता है।
तथा क़ुरान में कई आयते है जो पुनर्जन्म को सिद्ध करती है।
सूरह-अर-रूम-30: 11, सूरह-अल-बकरा 2: 243, सूरह-अल-अंबिया 21: 104
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान
🔅क़ुरान शरीफ/मजीद सुरः अल मुल्क-67 आयत 9 से पहले वाली आयतों में बताया है कि जो इस कुरआन का ज्ञान बताने वाले नबी से लोग कहते हैं कि तू झूठ बोल रहा है। और अल्लाह की हिदायतों की पालना न करके गलत साधना करके मरेंगे। फिर वे नरक में डाले जाएँगे तो उनसे दोजख के दरोगा पूछेंगे कि क्या तुम्हारे पास कोई हिदायत देने वाला रसूल नहीं आया था। तुमने गलत काम किए और कष्ट भोगने आ गए।
इस आयत 9 में बताया है कि ‘‘वे कहेंगे कि हिदायत देने वाला यानि नबी तो आया था।
हमने उसको यह कहकर झुठला दिया कि कबीर खुदा ने कोई चीज नाजिल नहीं की है, तुम गलत कह रहे हो।
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क्या कन्या लग्न की कुंडली में शनि दूसरे भाव में हो और शनि की महादशा चल रही है तो क्या परिणाम मिलेगा?
कन्या लग्न की कुंडली में यदि शनि दूसरे भाव में स्थित है और शनि की महादशा चल रही है, तो इसके निम्नलिखित संभावित परिणाम हो सकते हैं:
धन और संपत्ति के मामले में उतार-चढ़ाव: दूसरा भाव धन, परिवार, और वाणी का प्रतिनिधित्व करता है। शनि की महादशा में ���र्थिक मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। धन का संचय धीरे-धीरे होगा, लेकिन मेहनत और धैर्य से स्थिति में सुधार हो सकता है।
परिवारिक जीवन में कठिनाइयाँ: परिवार के सदस्यों के साथ कुछ मनमुटाव हो सकता है। परिवार में किसी बड़े सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
वाणी में कठोरता: शनि के प्रभाव से व्यक्ति की वाणी में कठोरता और गंभीरता आ सकती है। यह दूसरों के साथ संवाद में कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है।
स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ: यदि शनि का अशुभ प्रभाव है, तो व्यक्ति को दांत, आँखों, या गले से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।
शनि का स्वभाव धीमा और स्थिर होता है, इसलिए जीवन के सभी क्षेत्रों में शनि की महादशा के दौरान धीमी प्रगति देखने को मिल सकती है। मेहनत और धैर्य से कार्य करने पर अंततः लाभ मिल सकता है।
हालांकि, कुंडली के संपूर्ण विश्लेषण के लिए अन्य ग्रहों की स्थिति, शनि की दृष्टि, और दशा-अंतर्दशा का भी अध्ययन करना आवश्यक है। यदि हमे आपकी जन्म कुंडली के आधार पर जानकारी चाहिए तो। आप Kundli Chakra Professional 2022 सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते है। जो आपको एक बेहतर जानकारी दे सकता है। और अधिक जाने के लिए हमसे जोड़ भी सकते है। (8595675042)
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#बड़े_भाग्यशाली_हैं_वो...
🌼🌼🌼 वह मनुष्य बड़े ही भाग्यशाली हैं जिन्हें उस सच्चे खूदा के रहमत से सच्चा सतगुरू मिल गया हैं अन्यथा यहां काल पुरूष के मुख में ले जाने वाले,टोल के टोल चेले बनाने वाले,घने धन संग्रह करने वाले,पैसे लेकर के देवी देवताओं की कथा सुनाने वाले तत्वज्ञानहिन अंधे गुरूवों की यहां काल के लोक में कोई कमी नहीं हैं जो कि देव दूर्लभ आपके अनमोल मानव जीवन को बरबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़े हैं ।
#पांचवे_वेद अर्थात् #सुक्ष्मवेद में सतगुरू देव जी हमें बताया हैं कि...
गरीब,अंधे गूंगे गुरू घने, लंगड़े लोभी लाख *
"#साहेब" से परिचय नही, काव बनावे साख **
गरीब,लख बर शूरा जूझही,लख बर सॉवत देह *
लख बर यति जहां में, तब सतगुरू शरणा लेह **
और अधिक जानकारी हेतु सपरिवार देखिए
"Sant Rampal Ji Maharaj"
YouTube channel पर
"संपूर्ण सृष्टि रचना"
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आओ_जानें_भगवान_को
bhagwatgeeta
SantRampalJiMaharaj
पूर्ण ब्रह्म (सतपुरुष) असंख्य ब्रह्मण्डों जो सत्यलोक आदि में हैं तथा ब्रह्म के इक्कीस ब्रह्मण्डों तथा परब्रह्म के सात संख ब्रह्मण्डों का भी प्रभु (मालिक) है अर्थात् परमेश्वर कविर्देव कुल का मालिक है।
हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस ईश्वर ने संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना की, वही सर्वशक्तिमान ईश्वर है।
जाने उस पूर्ण परमात्मा की जानकारी ग्रंथों से प्रमाणित ⤵️ देखे साधना TV रोज शाम 7.30 बजे।
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#कबीर_बड़ा_या_कृष्ण
👉 स्पष्ट प्रमाण है गीता जी के अध्याय 15 श्लोक 4 में, गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य भगवान की शरण में जाने के लिए संकेत कर रहे हैं। इस तथ्य की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए Factful Debates YouTube Channel पर visit करे।
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