#जादू टोना कैसे करते है
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sabkuchgyan · 1 year ago
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जानिए काले जादू में इस्तेमाल होने वाली गुड़िया क्या होती है? इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है?
काले जादू की दुनिया रहस्य से भरी है। ऐसा करने वाले लोग एक गुड़िया का उपयोग करके जादू करते हैं। यह गुड़िया क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है, इसके बारे में कई कहानियाँ हैं। तंत्र विज्ञान के अनुसार जादू-टोना एक दुर्लभ प्रक्रिया है और इसे विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। काले जादू के लिए कुछ कौशल की आवश्यकता होती है और केवल कुछ लोग ही इसे करने में सक्षम होते हैं। काले जादू में गुड़िया…
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emkanews7 · 2 years ago
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Bageshwar Dham: आखिर क्या विवाद है बागेश्वर धाम सरकार का नागपुर कि कथा मे
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Bageshwar Dham: आखिर क्या विवाद है बागेश्वर धाम सरकार का Bageshwar Dham: नागपुर कि कथा के बाद बागेश्वर धाम के गुरूजी को विवादों मे फ़साने कि कोशिस करी जा रही है, आइये इस विवाद के बार मे हम विस्तार से जानते है, आखिर बागेश्वर धाम के गुरूजी को लपेटा जा रहा है विवाद मे, बागेश्वर धाम का जो कथाओं मे दिव्य दरबार लगता है जहाँ पर बिना टोकन कि अर्जी लगाई जाति है, नागपुर मे कथा के बीच मे 2 दिनों का दिव्य दरबार लगाया गया है,
बागेश्वर धाम पर हुई FIR
लेकिन ज़ब तक दिव्य दरबार लग रहा था तब तक कोई विवाद नहीं था, दिव्य दरबार लगने के बाद एक संगठन के व्यक्ति ने बागेश्वर धाम पर आरोप लगाया और Police complaint भी करी गई, नागपुर मे एक कानून है जिसके तहत ये जादूटोना है, फेक है, दोनों कानूनो के अनुसार ये सब करना अपराध है, ये सब बताया गया है महाशय के द्वारा, इन महाशय ने चैलेंज दिया है हम 10 लोगों को बैठाएंगे और हमें आप 10 लोगों के नाम, पिता का नाम, mobile नंबर सब बताये, गें उनका कहना है, आप उनका नाम बताये. और इन महाशय का offer है कि 30 लाख रुपए भी दिए जायेगे, वो कहते है कि जो दिव्य दरबार मे होता है वहीं हमारे सामने भी करके दिखाए, लेकिन बागेश्वर धाम सरकार के गुरूजी ने इसके बारे मे कहा है कि कैंसर hospital के काम मे कुछ कारण से उनको धाम पर वापिस जाना पड़ा, लेकिन बागेश्वर धाम का कहना है कि जब दिव्य दरबार लगा तक आप कहाँ थे, आपको जाना चाहिए था, दूसरी बात ये भी कही है कि ये लोग धर्म विरोधी है, इसलिए ये सब कर रहे है, लेकिन अब बागेश्वर धाम को इनके प्रमाण पत्र कि जरूरत नहीं है, कि ज़ब तब इनका challange accept नहीं करें��े तो वो कुछ नहीं है, कितनी सारी कथाएँ हुई है, कितने सारे जगह पर दिव्य दरबार लगाया है जोकि पूर्णतः सच था,
बागेश्वर धाम का विवाद क्या है ?
एक एक बात सच है, लाखो लोगों कि मनोकामनायें पूरी हुई है, लाखो लोगों के दुख दर्द दूर हुए और हो रहे है, ना किसी से एक रुपया लिया जाता है, पूर्णतः मुफ्त है, अब बागेश्वर धाम को इनके प्रमाण पत्र कि जरूरत नहीं है, हो सकता है कि इन महाशय को अर्जी लगवानी है, क्योंकि अर्जी सबकी नहीं लगती है, कुछ लोगों कि ही लगती है जिन पर कृपा होती है, ये तो काम निकलवाना हो गया दूसरे नजरिये से, कोई भी बोले बागेश्वर धाम के गुरूजी से कि आओ दम है तो बताओ मेरे बारे मे तो इसका लोग फायदा भी उठातें है, और जरूरत नहीं है इनके challenge को लेने के लिए, करना ना करना उनका काम आपका नहीं, उनकी मर्जी है. ज़ब कोई ब्यक्ति सही तरीके से आगे बढ़ता है, तो धर्म विरोधक हमेशा ऐसी बातें करते है जिससे सीधा focus उन पर पड़े और वो भी फेमस हो जाएँ, लाखों लोग ये सब करते रहते है.
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आखिर क्या विवाद है बागेश्वर धाम सरकार श्याम मानक जोकि अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्बला समिति  के सह अध्यक्ष है इनको दिव्य दरबार से समस्या है, इनका कहना है कि धर्म के नाम पर ठगी होती है, लोगों का शोषण होता है, श्याम मानक जी दिव्य दरबार को जादू टोना मान रहे है, श्याम मानक को सीधे दिव्य दरबार से समस्या है, जोकि सभी लोग दिव्य दरबार को देखते है और लोगों के मन कि बात और कई सारी बातें बता देते है और समाधान भी देते है और लाखो लोगो के साथ ऐसा हुआ है, और वो आज ख़ुश है. आने वाली कथाये बागेश्वर धाम सरकार तब ये जादू टोना कैसे हुआ ? ज़ब लोग जिनके साथ या जो लोग दिव्य दरबार मे आते है उनको गुरूजी से कोई समस्या नहीं है, और गुरूजी कि बताई बात से पूर्णतः संतुस्ट है तब श्याम मानक जी को भी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. श्याम मानक जी नागपुर मे बने कानून के बदौलत बोल रहे है जोकि जादू टोना नाम से बनाया गया है, लेकिन दिव्य दरबार मे जादू टोना जैसा कुछ नहीं है, हालांकि बागेश्वर धाम के गुरूजी ने कहा है कि नागपुर का ये कानून है वो भी इस कानून का सम्मान करते है लेकिन दिव्य दरबार जादू टोना नहीं है.
सच क्या है ? बागेश्वर धाम
हालांकि गुरूजी बोलते है कि ज़ब आप किसी को अर्जी के लिए आप बुलाये तो वो व्यक्ति आपकी पहचान का ना हो शायद इसलिए गुरूजी ने challange स्वीकार नहीं किया लेकिन इनके challange को स्वीकार करना कोई जरूरी नहीं है. लोग ये छोटे छोटे विवादों मे फसाकार गुरूजी तो और आगे बढ़ रहे है क्योंकि कहीं झूठ नहीं है, कृपया ये छोटे छोटे विवाद ना बनाये अपनेआप को प्रचलित करने के लिए. Read the full article
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tona totka
Tona Totka
 Vashikaran is extremely vast field and thus many different ways to do this vashikaran and tona - totka  is another method of doing vashikaran, tona - tokta may be the performance of tantra Vidya. Tona and totka is among the fantastic way to carry out the vashikaran process, tona totka is the correct one method to achieve hopeful things within their existence. Tona - totka is the easiest way you are able to solve your issues.Create a wick with cotton 6-7 inch lengthy and allow it to within the mustard oil, and move it 7 occasions within the mind of the individual whom you need to control in your direction. You're going to get  strong certain to that individual whom you need to see inside your existence.”You have to continue doing this process daily till a 3 week period, then you'll get greater control with that person, if you wish to hold someone inside your existence for that aim of the hold anybody inside your existence it’s the easiest way.
 Jadu Tona Vashikaran Mantra
 Vashikaran tona totke is the easiest method to achieve a strategy to your trouble. You should use vashikaran ka totke for convenient response of the issues, tona totke vashikaran is effective and offers us output soon, that is why tona totke for vashikaran is definitely an helpful term that provides you should and quick solution of the issues, and it is simple to use there's no any difficulty by using it.
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achooktotkeinhindi-blog · 8 years ago
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Mantra to Break Kala Jadoo, Vashikaran, Couple and Friendship काला जादू को तोड़ने का मंत्र, वशीकरण, जोड़ा और मित्रता
Mantra to Break Kala Jadoo, Vashikaran, Couple and Friendship काला जादू को तोड़ने का मंत्र, वशीकरण, जोड़ा और मित्रता
Mantra to Break Kala Jadoo, Vashikaran, Couple and Friendship काला जादू को तोड़ने का मंत्र, वशीकरण, जोड़ा और मित्रता Mantra to break Kala Jadoo There is not any single hurdle in the way to get married with your loving one. You have to take consent from your family; you both should be in love with each other. Families of both partners should be compatible and many more things or to keep you away from…
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famousguruji · 2 years ago
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जिन को निकल भगाये नूरानी इलम से
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क्या जिन्न कब्ज़ा असली  है?
मुसलमान उस दुनिया म��ं यकीन  करते हैं जो किसी ने नहीं देखी है जिसमें परियाँ, स्वर्ग, नरक, शैतान और जिन्न शामिल हैं। मैं ास्त्रो Spell (मुस्लिम ज्योतिषी) हूं। लोग हमेशा मुझसे जिन्न के वजूद के बारे में पूछते हैं। ऐसा मानने के पीछे कुरान की कई आयतें हैं। उसके अनुसार फ़रिश्ते रोशनी से और जिन्न आग से पैदा हुए। अन्य धर्मों में भी बुरी आत्माएं, शैतान, जादू टोना हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कुरान में उनके बारे में पढ़ सकते हैं। इसलिए, हम इसके वजूद के बारे में सवाल नहीं कर सकते। इसके अलावा हमें जिन्न के बारे में कई कहानियों के बारे में पता चला। जिसके बारे में मैं आपको अपने अन्य ब्लॉग्स में बताऊंगा। अपने एक अन्य ब्लॉग में मैंने यह भी बताया है कि जिन्न को कैसे कॉल करें।
जिन्न कब्ज़ा क्या यह असली  है?
दो सबसे प्रसिद्ध जिन्न शायद मुस्लिम डेविल (शैतान) और अलादीन के चिराग में "वन थाउज़ेंड एंड वन नाइट्स" अरबी कहानियों से जिन्न हैं।
जिन्न कहाँ रहते हैं?
कहा जाता है कि जिन्न गुफाओं, वीरान  स्थानों, कब्रिस्तानों और अंधेरे में निवास करते हैं। वे शादी करते हैं, बच्चे पैदा करते हैं, खाते-पीते हैं और मर जाते हैं लेकिन इंसानों के मुखालिफ अलग  आकार लेने की ताकत होती  है और भारी चीज़ों  को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगभग तुरंत ले जाने में क़ाबिल  होते हैं। उनके बारे में सबसे खतरनाक बात यह है कि वे ��ंसानी मन और शरीर के मालिक हो सकते हैं।
इंसान पर जिन्न का प्रभाव?
कई  माहिरों के जिन्न और इंसान  पर होने वाले असर  के बारे में अलग-अलग राय है। कुछ ने कहा कि वे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि केवल बुराई ही इंसान  की आत्मा है। अगर  वह किसी चीज में विश्वास करता है तो वह उसे सत्य प्रतीत होता है जहां वह गुस्से  और बुरी इच्छा से पैदा हुआ धोका मात्र है। इसलिए, वे नतीजा निकलते  हैं कि इंसानों  और जिन्न के बीच कोई तालुक  नहीं है। दूसरी ओर, दूसरे समूह का मानना ​​​​है कि जिन्न लोगों के शरीर पर कब्जा कर सकता है, उन्हें प्रभावित कर सकता है और उन्हें बीमारी का कारण बन सकता है।
माहिर  जिन्न को कैसे काबू  कर सकते हैं?
- फरिश्तों को  जगह में दाखिल होनी की इजाज़त देने के तस्वीरों को हटा कर जगह को साफ़ करें ।
- रोगी से कुछ सवाल  पूछकर उसका हॉल  करें जैसे कि क्या उसे कोई बुरा सपना आया है जैसे कि जानवरों का हमला किया जाना या ऊंचाई से गिरना या डरावनी जगह पर अकेले चलना। इस तर्हां  के प्रश्न  जिन्न के प्रकार और उनकी संख्या के बारे में सुनिश्चित होने तक जारी रहना चाहिए। फिर शरीर से जिन्न भेजने के लिए कुरान की आयतें पढ़ी जाती हैं।
जिन से छुटकारा कैसे पाएं :-
जिन्नात को दूर निकल भागे नोरानी इलाम
मैं जिन्न के कब्जे छुटकारा दिलवा सकता हूँ। मैं 24/7 उपलब्ध हूं अगर कोई मेरी मदद चाहता है तो मुझे +91-9779088700 पर कॉल कर सकता है। या मदद के लिए मेरी साइट  www.astrospells.co.uk पर जा सकते हैं।
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baba-je · 3 years ago
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काला जादू क्या है
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A to Z ? काले जादू से बचने के ऊपाय
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kala jadu kya hai ? यदि आप अभी तक kala jadu या Black magic के बारे में कुछ नहीं जानते थे तो इस पोस्ट को पूरी पढ़ने के बाद आपको काले जादू के बारे में लगभग सब कुछ पता चल जाएगा कि यह क्या होता काले जादू के लक्षण क्या होते हैं और यदि किसी पर काला जादू किया गया है तो कौन से उपाय से सही किया जाए. kale jadu ke upay
दोस्तों विज्ञान में तो अभी तक जादू या काले जादू की पुष्टि नहीं की गई है इसीलिए बहुत से लोग इसे मानने से इनकार भी करते हैं पर पुरातन काल से लोग इसे मानते आए हैं और बहुत से लोगों ने इसे बहुत नजदीक से महसूस भी किया है  इसलिए हम लोग इसके अस्तित्व को नाकार भी नहीं सकते है .
आप ने भी गली नुकड़ या फिर बड़े बड़े स्टेजो पर जादूगरों को काला जादू दिखाते देखा होगा किन्तु यंहा हम उस प्रदर्सन वाले जादू की बात नही करने जा रहा हूँ यंहा हम तांत्रिको tantriko ke Tantra Mantra vale Jadu के बारे में बतायेंगे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
काले जादू के माध्यम से व्यक्ति किसी भी हद्द तक जाकर अपनी मनोकामना की पूर्ति एवम अपने स्वार्थ को सिद्ध करने का प्रयत्न  करता है या किसी को नुकसान पहुंचाने का कार्य  करता है। बंगाल और असम को काला जादू का गढ़ माना जाता रहा है।
काले जादू के माध्यम से किसी को बकरी बनाकर कैद कर लिया जाता है या फिर किसी को वश में कर उससे मनचाहा कार्य कराया जा सकता है। काले जादू के माध्यम से किसी को किसी भी प्रकार के भ्रम में डाला जा सकता है और किसी को मारा भी जा सकता है।
काला जादू शरीर में नकारात्‍मक ऊर्जा उत्‍पन्‍न करता है। ये शक्तियां बाहरी व्‍यक्ति के द्वारा भेजी जाती हैं जो उस व्‍यक्ति पर आतंरिक प्रभाव डालती है। दरअसल काला जादू मनोवैज्ञानिक ढंग से कार्य करता है।
काला जादू करने वाले आपके अचेतन मन को पकड़ लेते हैं। इसका प्रभाव आपके मन पर होता है। काले जादू के अंतर्गत मूठकर्णी विद्या, वशीकरण, स्तंभन, मारण, भूत-प्रेत, टोने और टोटके आदि आते हैं। अधिकतर इसे तांत्रिक विद्या भी कहते हैं।
इसके अलाव बहुत से ऐसे पारंपरिक अंधविश्वास और टोटके हैं जो अंधविश्वास हैं, जो लोक परंपरा से आते हैं जिनके पीछे कोई ठोस आधार नहीं होता। ये शोध का विषय भी हो सकते हैं। इसमें से बहुत-सी ऐसी बातें हैं, जो धर्म का हिस्सा हैं और बहुत-सी बातें नहीं हैं।
नकारात्मक दिमाग वाले लोग काले जादू का स्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि जल्द से जल्द अपनीइच्छाओं को पूरा कर सकें.तंत्र शास्त्र में काले जादू , टोने टोटके वशीकरण सम्मोहन मारण आदि शब्द भी आते है जो नकारात्मक शक्तियों के परिणाम है
यह जिस व्यक्ति पर लागू किया जाता है उसकी मानसिक अवस्था बिगड जाती है और अजीबोगरीब हरकते करने लगता है | तंत्र विद्या में मार और सम्हाल दोनो उपलब्ध है। अर्थात इसम���ं तांत्रिक क्रियाओं से बचाव हेतु उसका काट भी मौजूद है। ये एक घातक हथियार है जो न केवल जिसपर प्रयोग किया जाता है उसको नष्ट करता है बल्कि जो इसका प्रयोग करता है उसको भी नष्ट करता है.
इस विषय पर जानकारी से भरी यह यह पोस्ट पडे
पहले तो यह अच्छे से जान ले की जिस व्यक्ति पर आपको संदेह है , कही वो किसी बीमारी से ग्रसित तो नही है | फिर जांचे की उस व्यक्ति की कुण्डली में कोई ग्रह अशुभ फल तो नही दे रहा |
यदि कुण्डली और चिकित्सक जांच सही आये और व्यक्ति की हालत में कोई सुधार ना हो तब हो सकता है की किसी ने उसके ऊपर काला जादू , तंत्र मंत्र किया हो |
आइये जानते है की काला जादू टोना होने पर व्यक्ति के लक्षण कैसे हो जाते है |
पीड़ित व्यक्ति का स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता वो स्वयं को और दुसरे को शारीरिक मानसिक नुकसान पहुंचा सकता है |
व्यक्ति के शरीर के हिसाब से ��समे अधिक बल आ जाता है |
उसके नेत्रों में जलन , बार बार पेशा�� आना और उदासीन और गुमसुम रहना शुरू कर देता है |
पीड़ित व्यक्ति गुस्से वाला , चिडचिडा हो जाता है |
चेहरा कांतिहीन तथा पीला हो जाता है पर भूख ज्यादा लगती है |
ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है की अज्ञानता और धीरज की कमी के कारण आज लोग शैतानी शक्तियों के स्तेमाल करने से भी नहीं चूकते हैं. ऐसे बहुत से केस मेरे पास आते रहते हैं जिनमें काले जादू के कारण लोग विभिन्न प्रकार के फल को भोगते हैं जैसे की-
सारे गुण होने के बावजूद भी रोजगार न मिलना.
अच्छा कार्य करने पर भी तरक्की मिलना और ऊपर से अफसरों से सुनना.
आय के स्त्रोत का अकस्मात् बंद हो जाना.
शक्ति होने के बावजूद भी घर में बैठे रहना, काम नहीं करना
दिन भर सोते रहना.
रोज बुरे सपने आना.
व्यापार में अकस्मात् हानि होना शुरू हो जाना और कारणो का पता नहीं चलना.
वक्तिगत जीवन पर भी काले जादू से बहुत प्रभाव पड़ता है जैसे की –
वैवाहिक जीवन का नष्ट हो जाना, सब कुछ ठीक चलते चलते अचानक से रिश्तों में खटास आ जाना.
प्रेम संबंधों में विच्छेद हो जाना बिना किसी कारण के.
बिना किसी कारण के तलाक की नौबत आना.
रोज गली गलोच मरना पीटना आदि भी दिखाई पड़ते हैं.
अचानक कोई गंभीर रोग होना और इलाज करने पर भी असर न होना.
दुर्घटनाये होना और बड़े किसी हानि का होना.
इसके अलावा भी कुछ विचित्र बातें सामने आई है जैसे की –
कहीं पर भी आग लग जाना और नुक्सान होना.
घर पर से चीजों का गायब हो जाना .
पुरे घर में एक भय का वातावरण का निर्माण हो जाना.
खून की उल्टियाँ होना और मृत्यु नजर आना.
गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो जाना और सब तरफ नकरात्मक वातावरण का निर्माण होना.
कहीं भी राह नजर न आना आदि .
काले जादू से बचाव के उपाय :-
जैसा मैंने ऊपर बताया की काला जादू एक बहुत ही भयानक विद्या है और इसके परिणाम किसी भी हालत में ठीक नहीं होते हैं अतः इससे बचाव जरुरी है. अगर आप एक सुखी समपन्न परिवार में है अच्छा व्यापार चलाते हैं या फिर काले जादू से ग्रस्त हैं तो आपको अपने सुरक्षा के उपाय करने चाहिए. यहाँ में कुछ सलाह दे रहा हूँ जिसे अपना कर आप जीवन को सुगमता से जी सकते हैं –
एक सिद्ध महाकाली यन्त्र अपने घर में स्थापित करे और रोज दीपक और धुप देते रहे.
अगर परिणाम ज्यादा गंभीर हो तो पुरे घर को सुरक्षा कवच से बांधा जाता है
घर के सदस्यों को सुरक्षित करने के लिए उन्हें महाकाली ��वच या हनुमान कवच जो की सिद्ध हो उसे पहनाया जाए.
अमवस्या को सफाई करके उतरा जरुर करना चाहिए और गूगल की धुप देना चाहिए.
अगर बिमारी नहीं जा रही हो तो अभिमंत्रित जल पिला कर के रोग निवारण कवच पहनना चाहिए.
कुछ गंभीर स्थितियों में विशेष पूजा की जरुरत होती है जिसके लिए पूरी जांच करने के बाद ही निवारण बताया जा सकता है जिसके लिए संपर्क कर सकते
हमारा उदेश्य अंधविश्वास को बढ़ावा देना नही है किन्तु आप तक वह जानकारी पहुचाना है जो मैजिक या पेरानोर्मल (परालोकिक) से सम्बन्ध रखती है , इस जानकारी से होने वाले प्रभाव या दुष्प्रभाव के लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नही होगी , कृपया-कोई भी कदम लेने से पहले अपने स्वा-विवेक का प्रयोग करे !  
यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों एवं Whats App और फेसबुक मित्रो के साथ नीचे दी गई बटन के माध्यम से अवश्य शेअर करे, ❤ क्योकि आप का एक शेयर किसी की पूरी जिंदगी को बदल सकता हैं ❤और इसे अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे|
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हारून मास्टर बाबा जी
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god-entire-disposition · 5 years ago
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कितना नीच है तुम्हारा चरित्र !
तुम सभी अपनी शानदार कुर्सियों पर बैठे हो और उन बच्चों को अपने पास बैठाकर सिखा रहे हो जो तुम्हारी तरह हैं। तुम लोग यह कैसे नहीं जानते कि तुम लोगों के इन "बच्चों" में पहले ही सांस नहीं था, और बहुत पहले उनके पास मेरा कार्य नहीं था? मेरी महिमा पूरब की भूमि से लेकर पश्चिम की भूमि तक चमकती है, लेकिन जब मेरी महिमा पृथ्वी के अंत तक फैलेगी और जब यह जागृत होने और चमकने लगेगी, तो मैं पूरब की महिमा को लेकर उसे पश्चिम की ओर ले आऊँगा, ताकि पूरब में अंधेरे के ये लोग जो मुझे छोड़ चुके हैं, फिर से प्रकाश की चमक के बिना रहेंगे। उस समय, तुम लोग परछाई की घाटी में रहोगे। हालांकि, आज के लोग पहले की तुलना में सौ गुना बेहतर हैं, वे फिर भी मेरी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते हैं, और वे अभी भी मेरे लिए यशस्वी गवाही नहीं हैं। तुम लोग पहले से सौ गुना बेहतर हो, यह मेरे कार्य के कारण है—यह पृथ्वी पर मेरे कार्य का फल है। परंतु, मैं अभी भी तुम लोगों के वचनों और कर्मों के प्रति, और तुम लोगों के चरित्र के प्रति घृणा महसूस करता हूं, और मेरे सामने किए गए तुम लोगों के कार्यों के प्रति मुझे अविश्वसनीय रोष महसूस होता है, क्योंकि तुम लोगों को मेरे बारे में कोई समझ नहीं है। तो तुम लोग मेरी महिमा से कैसे जीवित हो सकते हो, और तुम लोग मेरे भविष्य के कार्य के प्रति पूरी तरह कैसे भरोसेमंद रह सकते हो? तुम लोगों का विश्वास बहुत सुंदर है; तुम लोगों का कहना है कि तुम लोग अपना जीवन मेरे कार्य को समर्पित करने के लिए तैयार हो, उसके लिए कुछ भी करने और सब कुछ करने के लिए तैयार हो, लेकिन तुम लोगों के स्वभाव में अधिक बदलाव नहीं आया है। तुम्हारे वचन केवल अभिमानी रहे हैं, और तुम लोगों की वास्तविक क्रियाएं बहुत घिनौनी रही हैं। ऐसा लगता है कि मानो किसी की जीभ और ��ोंठ स्वर्ग में हैं, लेकिन उसके पैर दूर पृथ्वी पर हैं, इसलिए उसके वचन और कर्म और उसकी प्रतिष्ठा अभी भी भयानक स्थिति में हैं। तुम लोगों की प्रतिष्ठा को नष्ट कर दिया गया है, तुम लोगों की छवि तुच्छ बन गई है, तुम लोगों के बोलने का का तरीका नीच है, तुम लोगों का जीवन घृणित है, और यहां तक कि तुम लोगों की सारी मानवता भी नीच है। तुम लोगों का मस्तिष्क लोगों के प्रति संकुचित है और तुम लोग हर बात पर बहस करते हो। तुम लोग स्वयं अपनी प्रतिष्ठा और स्थिति के बारे में बहस करते हो, इतना कि तुम लोग नरक में उतरकर, आग के तालाब में जाने को तैयार हो। तुम लोगों के वर्तमान वचन और कर्म यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग पापी हो। मेरे कार्य के प्रति तुम लोगों का रवैया मेरे लिए यह तय करने के लिए पर्याप्त है कि तुम लोग अधर्मी हो, और तुम लोगों के स्वभाव यह कहने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग घृणित आत्माएं हो जो चीज़ों से भरी हैं। तुम लोगों की अभिव्यक्तियां और तुम लोग जो प्रकट करते हो, वे यह कहने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग ऐसे हो जिन्होंने अशुद्ध आत्माओं का रक्त पर्याप्त मात्रा में पिया है। जब राज्य में प्रवेश करने की बात आए, तो तुम लोग अपनी भावनाओं को धोखा मत देना। क्या तुम लोग मानते हो कि जिस तरह से अभी तुम लोग हो, वह तुम्हारे लिए मेरे स्वर्ग के राज्य के द्वार में प्रवेश करने के लिए पर्याप्त है? क्या तुम लोग मानते हो कि अपने वचनों और कर्मों के मेरे परीक्षण से गुज़रे बिना, तुम लोग मेरे कार्य की पवित्र भूमि और वचनों में प्राप्त कर सकते हो? कौन है जो मेरी दो आँखों को मूर्ख बनाने में कामयाब हो सकता है तुम लोगों का घृणित, नीच व्यवहार और बातचीत मेरी दृष्टि से कैसे बच सकते हैं? तुम लोगों के जीवन को मेरे द्वारा अशुद्ध आत्माओं का रक्त पीने और उन अशुद्ध आत्माओं का मांस खाने के जीवन के रूप में निर्धारित किया गया है, क्योंकि तुम लोग हर दिन मेरे सामने उनका रूप धारण करते हो। मेरे सामने तुम लोगों का व्यवहार विशेष रूप से बुरा था, तो मैं कैसे चिढ़ महसूस न करता? तुम लोग जो कहते हो उसमें अशुद्ध आत्माओं की अपवित्रता है: तुम लोग उसी तरह से धोखेबाज़ी, चालबाज़ी, और मक्खनबाज़ी करते हो जैसे जादू-टोना करने वाले करते हैं, जैसे धोखा देने वाले और अधर्मियों का रक्त पीने वाले करते हैं। मानव जाति की सभी अभिव्यक्तियाँ बहुत अधर्मी हैं, तो ऐसा कैसे हो सकता है सभी लोगों को उस पवित्र भूमि में पहुँचा दिया जाए जहाँ धर्मी व्यक्ति रहते हैं? तुम्हें लगता है कि तुम्हारा घिनौना व्यवहार तुम्हें पवित्र व्यक्ति की तरह उन अधर्मी लोगों से अलग कर सकता है? तुम्हारी सांप जैसी जीभ आखिरकार तुम्हारी उस देह का नाश कर देगी जो विनाश करती है और घिनौने व्यवहार करती है, और तुम्हारे वे हाथ जो अशुद्ध आत्माओं के रक्त डूबे हुए हैं, अंत में तुम्हारी आत्मा को नरक में खींच लेंगे, तो तुम मैल में लिपटे हुए अपने हाथों को साफ़ करने के इस अवसर का उपयोग क्यों नहीं करते हो? और तुम अधर्मी वचन बोलने वाली अपनी इस जीभ को काटकर फेंकने के अवसर का उपयोग क्यों नहीं करते हो? क्या कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम अपने दो हाथों और अपनी जीभ और होंठ के लिए नरक की ��ग में जलने के लिए तैयार हो? मैं अपनी दोनों आँखों से सभी लोगों के दिलों पर नज़र रखता हूं क्योंकि मानव जाति का निर्माण करने से पहले मैंने उनके दिलों को अपने हाथों में थामा था। मैंने बहुत पहले मनुष्य के हृदय के भीतर झांका था, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि मनुष्य के दिल के विचार मेरी आँखों से बच सकते हों? और मेरी आत्मा के जलने से बचने के लिए वह समय से कैसे पहुँच सकते हैं?
तुम्हारे होंठ कबूतरों से भी अधिक दयालु हैं, लेकिन तुम्हारा दिल प्राचीन सांप से भी अधिक भयावह है, यहां तक कि तुम्हारे होंठ एक लेबनानी महिला से भी सुंदर हैं, लेकिन तुम्हारा दिल लेबनानी महिलाओं की तरह दयालु नहीं है और यह निश्चित रूप से कनानी लोगों की सुंदरता से तुलना नहीं कर सकता। तुम्हारा दिल बहुत धोखेबाज़ है। मुझे बस घृणा है अधर्मी के होंठों और अधर्मी के दिलों से। लोगों से मेरी आवश्यकताएं संतों से अधिक नहीं हैं, बस केवल इतना है कि मुझे अधर्मियों के बुरे कर्मों से घृणा होती है और मुझे उम्मीद है कि अधर्मी अपना मैलापन दूर कर सकेंगे और अपनी मौजूदा दुर्दशा से बच सकेंगे ताकि उन्हें उन अधर्मी लोगों से अलग किया जा सके, और वे उन लोगों के साथ रह सकें और पवित्र हो सकें जो धर्मी हैं। तुम उसी परिस्थिति में हो जिसमें मैं हूँ, लेकिन तुम लोग मैल लिपटे हुए हो, तुम लोगों में उस मानव की समानता का ज़रा-सा भी अंश नहीं है, जिसे शुरुआत में बनाया गया था और क्योंकि हर दिन तुम लोग उन अशुद्ध आत्माओं की नकल करते हो और वही करते हो जो वे करती हैं और वही कहते हो जो वे कहती हैं, तो तुम लोगों का प्रत्येक अंग और यहाँ तक कि तुम लोगों की जीभ और होंठ भी उस मैले पानी से भीगे हुए हैं। यह इतना अधिक है कि तुम लोग उन दागों से ढंके हुए हो और तुम लोगों का एक भी अंग ऐसा नहीं है जिसका उपयोग मेरे कार्य के लिए किया जा सके। यह बहुत ही निराशाजनक है! तुम लोग घोड़ों और पशुओं की एक ऐसी दुनिया में रहते हो, और फिर भी तुम लोगों को परेशानी नहीं होती; और तुम लोग आनन्द से भरे हुए हो और तुम लोग स्वतंत्रता से और आराम से रहते हो। तुम लोग इस अशुद्ध पानी में तैर रहे हो, लेकिन वास्तव तुम लोगों को पता भी नहीं है कि तुम लोग इस तरह की परिस्थितियों से घिरे हुए हो। हर दिन तुम अशुद्ध आत्माओं के साथ संबंध रखते हो और "मल" के साथ व्यवहार करते हो। तुम्हारा जीवन बहुत नीच है, और फिर भी तुम नहीं जानते कि तुम बिल्कुल भी इस मानवीय दुनिया में जी नहीं रहे हो और तुम अपने नियंत्रण में नहीं हो। क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे जीवन को बहुत पहले अशुद्ध आत्माओं ने कुचल दिया था, कि तुम्हारे चरित्र को बहुत पहले अशुद्ध पानी से मैला कर दिया गया था? क्या तुम्हें लगता है कि तुम पृथ्वी पर स्वर्ग में रह रहे हो, कि तुम खुशियों के बीच में हो? क्या तुम नहीं जानते कि तुमने अपना जीवन अशुद्ध आत्माओं के साथ गुज़ारा है, और कि तुमने उन चीज़ों के साथ अपना जीवन गुज़ारा है जो उन्होंने तुम्हारे लिए तैयार की हैं? तुम्हारे जीवित रहने का कोई अर्थ कैसे हो सकता है? तुम्हारे जीवन का कोई मूल्य कैसे हो सकता है? तुम अपने अशुद्ध आत्मा माता-पिता के लिए दौड़-भाग करते रहे हो, फिर भी तुम यह नहीं जानते कि जिन लोगों ने तुम्हें जाल में फंसाया है वे अशु���्ध आत्माएं तुम्हारे वे माता-पिता हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया और पाल-पोस के बड़ा किया। इसके अलावा, तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारी सारी गंदगी वास्तव में उन्होंने ही तुम्हें दी है; तुम बस यही जानते हो कि वे तुम्हें "आनंद" दे सकते हैं, वे तुम्हें ताड़ना नहीं देते हैं, न ही वे तुम्हारे साथ न्याय करते हैं, और विशेष रूप से वे तुम्हें शाप नहीं देते हैं। वे कभी भी तुम पर गुस्से से भड़के नहीं हैं, बल्कि वे तुम्हारे साथ प्यार और दयालुता से व्यवहार करते हैं। उनके वचन तुम्हारे दिल को पोषित करते हैं और तुम्हें लुभाते हैं, ताकि तुम भ्रमित हो जाओ और बिना जाने, तुम उनकी सेवा के इच्छुक हो जाओ, उनकी निकासी के साथ ही उनके नौकर भी बन जाओ। तुम्हारी कोई शिकायत नहीं है, और तुम उनकी सेवा के लिए तैयार हो—वे तुम्हें धोखा देते हैं। यही कारण है कि मेरे कार्य के प्रति तुम्हारी कोई प्रतिक्रिया नहीं—कोई आश्चर्य नहीं है कि तुम हमेशा मेरे हाथों से चुपके से निकल जाना चाहते हो, और कोई आश्चर्य नहीं है कि तुम हमेशा मीठे वचनों का उपयोग करके गलत तरीकों से मेरी सहायता चाहते हो। हुआ यूं है कि तुमने पहले से एक दूसरी योजना बनाई है, एक दूसरी व्यवस्था की है। तुम मेरे, सर्वशक्तिमान के कार्यों, को थोड़ा-बहुत देख तो सकते हो, परंतु तुम्हें मेरे न्याय और मेरी ताड़ना के छोटे-से हिस्से के बारे में भी नहीं पता। तुम नहीं जानते कि मेरी ताड़ना कब शुरू हुई; तुम केवल मुझे धोखा देना जानते हो, लेकिन तुम नहीं जानते कि मैं मनुष्य के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करता हूं। चूंकि तुमने पहले से ही मेरी सेवा करने का दृढ़ संकल्प किया है, मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगा। मैं ईर्ष्यालु परमेश्वर हूं, और मैं एक ऐसा परमेश्वर हूं जिसके दिल में मनुष्य के लिए जलन है। चूंकि तुमने पहले से ही अपने वचनों को वेदिका पर रख दिया है, मैं यह बर्दाश्त नहीं करूँगा कि तुम मेरी ही आंखों के सामने से भाग जाओ, और मैं यह भी बर्दाश्त नहीं करूँगा कि तुम दो स्वामियों की सेवा करो। क्या तुम्हें लगता है कि मेरी वेदिका पर अपने वचनों को रखकर, मेरी आँखों के सामने उन्हें रखकर, तुम किसी दूसरे से प्रेम कर सकते हो? मैं लोगों को इस तरह से स्वयं को मूर्ख बनाने कैसे दे सकता हूं? क्या तुम्हें लगा कि तुम आसानी से प्रतिज्ञा कर सकते हो, अपनी जीभ से मेरे लिए शपथ ले सकते हो? तुम मेरे सिंहासन के प्रति, जो सबसे ऊँचा है, कैसे अपनी शपथ ले सकते हो? क्या तुम्हें लगा कि तुम्हारी शपथ पहले से ही समाप्त हो चुकी है? मैं तुम लोगों को बताना चाहता हूँ कि भले ही तुम्हारी देह समाप्त हो जाए, तुम्हारी शपथ समाप्त नहीं हो सकती। अंत में, मैं तुम लोगों की शपथ के आधार पर तुम्हारी निंदा करूँगा। फिर भी तुम लोगों को लगता है मुझसे निपटने के लिए तुम अपने वचनों को मेरे सामने रख सकते हो और तुम लोगों के दिल अशुद्ध आत्माओं और बुरी आत्माओं की सेवा करते रहेंगे। मेरा क्रोध उन कुत्तों और सुअर ��ैसे लोगों को कैसे बर्दाश्त कर सकता है जो मुझे धोखा देते हैं? मुझे अपने प्रशासनिक नियमों को पूरा करना होगा, और अशुद्ध आत्माओं के हाथों से उन सभी घुटते हुए, "पवित्र" लोगों को निकालना होगा जो मेरा बैल बनने, मेरा घोड़ा बनने और जो मेरे द्वारा वध किए जाने की दया पाने के लिये मुझ पर विश्वास करते हैं, एक व्यवस्थित ढंग से "मेरी प्रतीक्षा" करते हैं। मैं तुमसे तुम्हारा पिछला दृढ़ संकल्प फिर से उठवाऊँगा और एक बार फिर से अपनी सेवा करवाऊँगा। सृष्टि की कोई भी वस्तु मुझे धोखा दे, यह मैं सहन नहीं करूँगा। तुम्हें क्या लगा कि तुम स्वच्छंदता से अनुरोध कर सकते हो और मेरे सामने स्वच्छंदता से झूठ बोल सकते हो? तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारें वचनों और कर्मों को सुन या देख नहीं सकता हूँ? तुम्हारे वचन और कर्म मेरी दृष्टि से कैसे बच सकते हैं? मैं लोगों को इस तरह से धोखा कैसे देने दे सकता हूं?
मैं तुम्हारे बीच में रहा हूं, तुम्हारे साथ कई वसंत और कई पतझड़ के दौरान जुड़ा रहा हूँ, मैं तुम्हारे बीच बहुत समय से जी रहा हूं, तुम्हारे साथ रहा हूँ—तुम्हारे घृणित व्यवहारों में से कितने मेरी आंखों के सामने से फिसल गए? दिल से कहे गए तुम लोगों के ये वचन मेरे कानों में लगातार गूंजते हैं; तुम लोगों की हज़ारों, करोड़ों आकांक्षाएं मेरी वेदिका पर रखी गई हैं—उन्हें गिना भी नहीं जा सकता हैं। फिर भी तुम लोगों का जो समर्पण है और जो तुम अपने आपको खपाते हो, वह थोड़ा-सा भी नहीं है। मेरी वेदिका पर तुम लोगों की सच्चाई की एक बूँद भी नहीं है। मुझ पर तुम लोगों के विश्वास के फल कहां हैं? तुम लोगों ने मुझ से अनगिनत अनुग्रह प्राप्त किया है और स्वर्ग से अनगिनत रहस्यों को देखा है, और मैंने तुम लोगों को स्वर्ग की लपटें भी दिखाई हैं, लेकिन तुम्हें जला देने की मेरी हिम्मत नहीं है, और बदले में तुम लोगों ने मुझे कितना दिया है? तुम लोग मुझे कितना देने के लिए तैयार हो? जो भोजन मैंने तुम्हें दिया, उसे तुम पलटकरउसी को मेरे सामने पेश कर देते हो। और मेरे सामने पेश कर देते हो, बल्कि यह और कहते हो कि यह वही है जो तुम्हें अपनी मेहनत के पसीने के बदले में मिला है, कि तुम स्वयं को पूरी तरह मुझे दे रहे हो। तुम यह कैसे नहीं जानते कि तुम्हारा सारा "योगदान" वही चीज़ें हैं जो मेरी ही वेदिका से चोरी किए गए? और अब तुम उसे मुझे पेश कर रहे हो—क्या तुम मुझे धोखा नहीं दे रहे हो? तुम यह कैसे नहीं जानते कि आज जिसका आनंद मैं उठा रहा हूं वह मेरी वेदिका पर अर्पित की गई भेंट है, न कि वो जो अपनी कड़ी मेहनत के बदले तुमने कमाया है और फिर मुझे पेश किया है। तुम लोगों में वास्तव में मुझे इस तरह धोखा देने की हिम्मत है, तो मैं तुम लोगों को कैसे माफ़ कर सकता हूँ? मैं अब इसे और कैसे सहन कर सकता हूं? मैंने तुम लोगों को सब कुछ दे दिया है। मैंने तुम लोगों के लिए सब कुछ खोलकर रख दिया है, तुम्हारी ज़रूरतों को पूरा किया है, और तुम लोगों की आँखें खोल दी हैं, और फिर भी तुम लोग अपनी अंतरात्मा को अनदे��ा कर, इस तरह मुझे धोखा देते हो। मैंने निस्सवार्थ ढंग से अपना सब कुछ तुम लोगों पर अर्पित कर दिया है, ताकि तुम लोग अगर पीड़ित भी होते हो, तो भी, मैं जो कुछ भी स्वर्ग से लाया हूँ, वो तुम लोगों को प्राप्त हो जाए। परंतु तुम लोगों में कोई समर्पण नहीं है, और अगर तुमने छोटा-सा योगदान किया भी है, तो तुम लोग उसका हिसाब मेरे साथ करते हो। क्या तुम्हारा योगदान शून्य नहीं होगा? जो कुछ तुमने मुझे दिया है, वह तो बस रेत के एक कण के अलावा कुछ नहीं है, परन्तु जो कुछ तुमने मुझसे माँगा है वह एक टन सोने के बराबर है। क्या तुम्हारी माँग अनुचित नहीं है? मैं तुम लोगों के बीच काम करता हूं। उस दस प्रतिशत का कोई निशान नहीं है जो मुझे हासिल होना चाहिए, अतिरिक्त बलिदान को तो भूल ही जाओ। इसके अलावा, ईश्वरीय लोगों द्वारा जिस दस प्रतिशत का योगदान किया जाता है, उसे दुष्टों द्वारा छीन लिया जाता है। क्या तुम सब मुझे से तितर-बितर नहीं हो गए हो? क्या तुम सब मेरे विरोधी नहीं हो गए हो? क्या तुम सब मेरी वेदिका को नष्ट नहीं कर रहे हो? इस प्रकार के व्यक्ति को मेरी आँखें एक खज़ाने के रूप में कैसे देख सकती हैं? क्या वे सुअर और कुत्ते नहीं हैं, जिनसे मैं घृणा करता हूँ? मैं तुम्हारे दुष्ट कार्यों को खज़ाने के रूप में कैसे देख सकता हूँ? मेरा कार्य वास्तव में किसके लिए है? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह केवल आप सभी को समाप्त करके मेरा अधिकार प्रकट करने के लिए है? क्या तुम लोगों का जीवन मेरे एक ही वचन पर निर्भर नहीं है? ऐसा क्यों है कि मैं केवल तुम लोगों को निर्देश देने के लिए वचनों का प्रयोग कर रहा हूं और मैंने जितनी जल्दी हो सके तुम लोगों को समाप्त करने के लिए अपने वचनों को तथ्यों में नहीं बदला है? क्या मेरे वचन और मेरा कार्य केवल मानव जाति को समाप्त करने के लिए हैं? क्या मैं एक ऐसा परमेश्वर हूं जो निर्दोषों को मारता है? इस समय मेरे सामने उपस्थित तुम लोगों में से कितने ऐसे हैं जो मानवीय जीवन की सही राह की अपने पूर्ण अस्तित्व से खोज कर रहे हैं? मेरे सामने केवल तुम लोगों के शरीर हैं, लेकिन तुम लोगों के दिल मुझसे बहुत, बहुत दूर हैं। क्योंकि तुम लोगों को पता नहीं कि मेरा कार्य वास्तव में क्या है, तुम लोगों में से कई ऐसे हैं जो मुझे छोड़कर जाना चाहते हैं, जो मुझसे स्वयं को दूर करते हैं, और जो उस स्वर्ग में रहना चाहते हैं जहाँ कोई ताड़ना नहीं है, कोई न्याय नहीं है। क्या लोग अपने दिलों में इसी की कामना नहीं करते हैं? मैं तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नहीं कर रहा हूँ। तुम जो भी राह लोगे, वो तुम्हारी अपनी पसंद है, और आज की राह न्याय और शाप के साथ चलती है, लेकिन तुम सबको पता होना चाहिए कि जो मैंने तुम लोगों को दिया है, चाहे वह न्याय हो या ताड़ना, वह उन उपहारों में से सबसे अच्छा है जो मैं तुम लोगों को दे सकता हूँ, और वे सब वे चीज़ें हैं जिनकी तुम लोगों को तत्काल आवश्यकता है।
से: ससर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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Black magic mantra to attract any girl/लड़की पटाने का काला जादू तुरंत दिखेगा असर|Maulana Bashir Khan |+91-7727868683 
यह कोई जरूरी नहीं कि आप जिस किसी से प्रेम करते हैं या फिर जिसे अपना बनाना चाहते हैं वह आपको भी चाहे पसंद करे प्रेमियों की सबसे बड़ी समस्या यही रहती है कि वह अपनी मनचाही लड़की को किस तरह से अपना बना ले इसके लिए ज्योतिषी की मदद लेने और वशीकरण, काला जादू या टोने-टोटके भी अपनाए जा सकते हैं। black magic tricks to attract girl black magic to seduce a woman black magic process in hindi mantra to attract any woman instantly strong vashikaran mantra to attract girl mantra to attract girl in one day kamdev mantra to attract girl in hindi kamdev mantra for man काला जादू वशीकरण मंत्र इन हिंदी काला जादू मंत्र जादू टोना तंत्र मंत्र काला जादू की किताब वश में करने का मंत्र लडकी वशीकरण मंत्र जादू टोना कैसे करते है काला जादू सीखने का मंत्र 
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 Ladki Vashikaran Mantra in Hindi | Ladki Patane ke Aasan Upay | Muslim Vashikaran Mantra for Love 
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vikrantrajliwal1985 · 6 years ago
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एहसास
एक एहसास!सत्य से प्रेरित है जो। (ब्लॉग की पुनरावृत्ति) अक्सर कई बार कई परिचित एव अलग अलग व्यक्तित्व के व्यक्ति अक्सर मुझ से पूछते है कि विक्रांत राजलीवाल जी आप अभी कुछ समय पूर्व तक अनपढ़ 2008 तक(10th pass) की श्रेणी में थे। और आपको 2004 मार्च या 2003 मे लगभग 19 महीने तक पुनर्वासकेन्द्र(नशामुक्तिकेंद्र)में रहना पड़ा था! यहाँ वर्ष की वास्तविक स्थिति का मुझे आज भी पूर्णतः ज्ञात नही है क्योंकि आज भी आपको नशे के कारण जिन मानसिक स्थितियों से सामना करना पड़ा था उसकी वजह से आज भी आपको कुछ कुछ विषय पूर्णता स्मरण नहो हो पाते। यहाँ तक मुझ को ज्ञात या स्मरण है वह वर्ष 2004 है परंतु मेरे गुरुजन मुझ को आज भी वर्ष 2003 का स्मरण दिलाने की बात करते है। खैर जो भी हो... आपको 2004 से 2005 तक मानसिक चिकित्सालय शाहदरा भी ले जाया जाता था। विचारविमर्श करने को। इसी दौरान आपने एक साल के कम्प्यूटर कोर्स के साथ ही एक तंकन का कोर्स। एव आप के अनुसार आप आगे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त करने की कोशिश में सक्रिय थे। ऐसेमें दिसम्बर 2007 में आपका विवाह भी सम्पन कर दिया गया। इन सब के बाबजूद जब आपको आगे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया गया या प्राप्त हुआ वो भी शादी के उपरांत तो आप देखते ही देखते पढ़ लिख गए 2009 में 12th इंदिरागांधी ओपन यूनिवर्सिटी से और 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पास करि। अपने एक अति संवेदनशील समाजिक मुदो पर अपने प्रथम प्रयास से अपनी समाजिक एव मानवता की भावनाओ से पूर्ण कविताओं के द्वारा जो समाजिक कुरीतियों पर जो प्रहार किया वो भी बेहद सराहनीय एव गर्व का विषय है। जहाँ 2016 जुलाई तक आप मोबाइल तक का इस्तमाल या उपयोग करना पसंद नही करते थे वही आज आप कई ब्लॉग वेबसाइ पर सक्रिय है एव अपने शुरुआती 6 से 7 महीने में ही 270 + नज़्म काव्य कविताएं एव कुछ की दर्जन समाजिक एव मानवता की भगवन से प्रेरित लेख भी लिखे द��ए। जिनकी संख्या अब दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए और ही अधिक ह��� गईं है। आप कि एक और आगामी पुस्तक जो कि नज़्म शायरी के रूप में विस्तृत दर्द भरे किस्से है लगभग प्रकाशन के लिए अब पूर्णता तैयार है एव इसके साथ ही आप एक विस्तृत नाटक जिसका केंद्र बिंदु पारिवारिक उतार चढ़ाव एव अति संविदनशील प्रेम प्रसंगों से प्रेरित है अब समापन की ओर अग्रसर है। 💖 और सबसे अहम बात यह है कि आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सम्पन और शान्ति से परिपूर्ण जिंदगी व्यतीत कर रहे है। यह सब देखते ही देखते आप ने कैसे कर दिखाया क्या यह कोई चमत्कार है या कोई जादू टोना है? 👉 तो मै उन सभी महानुभवों से यही कहना चाहूंगा कि जो कार्य आपको अकस्मात ही घटित हो गया हूं के जैसा प्रतीत हो रहा है या जिस कार्य की अवधि आपको अति पल भर की या चन्द वर्षो की प्रतीत हो रही है! मित्रों यह पल भर या चन्द वर्षो की अवधि का कार्य सम्पन्न करने के लिए मुझ को लगभग 14 से 15 वर्ष का समय लगा है। यह सब इतना सरल नही था जितना कि आपको प्रतीत हो रहा है। वर्ष 2004 में जब मुझको ज्ञान की प्राप्ति या ज्ञान का एहसास हुआ था पुनर्वासकेन्द्र में दर्द ए जिंदगी की हकीकत से झूझते हुए, जीवन के हर एहसास को महसूस करते हुए उन्हें बेहद समीप से समझते हुए! अंत मे हुआ एक साक्षात्कार स्वम् से स्वम् का, अपने असली अस्तित्व का मेरे मित्रो।उस समय से निरन्तर चलते हुए जलते हुए आज मै यह तक पहुच पाया हु और अब भी मैं निरन्तर ही जलता/चलता जा रहा हु। वर्ष 2008 में इंद्रा गांधीयूनिवर्सिटी से 12 कक्षा का फार्म भरा और वर्ष 2013 में दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातक की डिग्री पास करि।अवसर की कमी के बाबजूद अपने कर्मो पर एक विशवास रखते हुए आपने स्नातक की शिक्षा के परांत 2013 में upsc की कोचीन ली। एक आध स्नातक स्तरीय सरकारी परीक्षा का लिखित परीक्षा भी पास किया। 2016 में अपने शोषित समाज के मासूम व्यक्तिओ को कुछ राहत पहुचने की लिए अपनी अति संवेदनशील कविताओ की पुस्तक प्रकाशित करवाई।जिसका नाम एहसास है संजोग प्रकाशन शहादरा द्वारा प्रकाशित जनवरी 2016 दिल्ली विश्व पुस्तकमेला। 2016 जुलाई में प्रथम मोबाइल के साथ कम्प्यूटर पर कार्य करना आरम्भ किया। मई 2017 में ब्लॉग बनाए और 3 से 4 महीने में ही 200 +विषय लिखे यह सिलसिला चलता रहा आज लगभग 350 + नज़्म, जिसमे 90 +विस्तृत (बड़ी है) एव बहुत सी कविताए जिसमे से 30+ विस्तृत काव्य कविताए है दर्ज़नो विस्तृत लेख एवबहुतसे लघु लेख एव एक आध गीत एव व्यंग्य किस्सा। ऑनलाइन ब्लॉग पर लिख चुका हूं। 💖 एव हस्तलेख के ��ूप में ऑडिट भी कर चुका हूं जो जल्द ही अपनी रचनाओ के संग्रह के रूप में अपनी एक ओर आगामी पुस्तक के जरिए प्रकाशित करवा दूँगा। 👉 यह सब कैसे सम्पन हो पाया मित्रो इसके पीछे एक महान भावना छुपी है और वह है मेरे माता और पिता का असीम प्रेम और अनुशाशन। 💖 इस कार्य के पीछे छुपी है एक महान भावना और वह है ईष्वर की असीम कृपया एव आप सब मित्रो और गुरुजनों का असीम प्रेम एव आशीर्वाद। अंत मे मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि... 🌻 यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षों में। जलना पड़ा था जलना पड़ेगा, जलता ही जा रहा हु मैं।। हर दर्द एक सबक बन जाता है न जो, सीखा देता है मुस्कुराना हर दर्द ओ सितम में। बहती है जो धारा ये जीवन की, देता है सुनाई एक संगीत फिर उस मे।। टूट जाते है छुप जाते है जब सहारे उम्मीद के सब।निकलता है सूर्य पुकार एक सत्य से तब।। यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षो में। जलना पड़ा था जलना पड़ेगा जलता ही जा रहा हु मैं।। 💥 रचनाकार एव स्वतन्त्र लेखक विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित उनके जीवन से सम्बंधित एक सत्य अनुभव।🖋 View on wordpress
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yourmanjume-blog · 7 years ago
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वशीकरण तिलक
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वशीकरण तिलक
वशीकरण तिलक
वशीकरण तिलक – मनुष्य २१वीं सदी में पदार्पण कर चूका है. कई आकाशगंगाओं की खोज कर चुका है. इतनी प्रगति के बावजूद मनुष्य को अब भी यह विश्वास है की मंत्र सिद्धि के माध्यम से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है. आम भाषा में इसी को वशीकरण कहते हैं . वशीकरण से अभिप्राय है -“किसी को अपने वश में करना “. वशीकरण का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है. इसके द्वारा मनुष्य अपने दुश्मन को भी अपना मित्र बना सकता है, मनचाहा वर प्राप्त किया जा सकता है, अपने करियर में आ रही बाधाओं को दूर कर सकता है.
ये तो हुआ वशीकरण का अर्थ. अब जानते हैं की तिलक क्या होता है? तिलक अर्थात टीका, जिसे हम अपने माथे पर भौंहों के बीच में लगते हैं. भारत योग की नगरी है. आदिकाल से हमारे यहाँ योग का, कुंडलिनी क्रिया का महत्त्व रहा है. योग विद्या के अनुसार यह मन जाता है की दोनों भौंहों के बीच में आज्ञाचक्र पर तिलक करने से न सिर्फ ललाट की आभा बढ़ती है, बल्कि इससे मन मस्तिष्क में एक स्फूर्ति का संचरण भी होता है.
वशीकरण तिलक शब्द वशीकरण+तिलक से मिलकर बना है. अर्थात मन्त्रों द्वारा सिद्ध की गई विशेष सामग्री का तिलक के रूप में प्रयोग करके किसी को वश में करना या फिर अपन आकर्षण शक्ति को बढ़ाना. अब सवाल यह उठता है की मनुष्य इस वशीकरण तिलक को आखिर क्यों प्रयोग करता है? इसके कई कारन हो सकते हैं, जैसे- किसी विशेष व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए, किसी पार्टी में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ताकि वह पार्टी में सबके आकर्षण का केंद्र बन सके. इसके माध्यम से किसी विशेष स्त्री या उरुष को मोहित भी किया जा सकता है. कुछ लोग इस वशीकरण तिलक का प्रयोग अपने रूठे मित्र को मनाने के लिए भी करते हैं. वशीकरण तिलक का इस्तेमाल संपर्क में आने वाले व्यक्तियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी किया जाता है
वशीकरण तिलक for bussiness
Vashikaran Tilak :- प्रिय साधक टिका  वशीकरण, तिलक वशीकरण, सम्मोहन तिलक एक ही प्रकार के विभिन रूप है जिसके द्वारा कोई भी किसी को भी अपने वस में कर सकता है | इसके लिए सबसे पहले वशीकरण बनाया जाता है या आप किसी साधु से भी इसको प्राप्त कर सकते है और या आप हमसे इसकी प्रयोग विधि जन सकते है | यदि आपको वशीकरण टिका बना हुआ कही से मिल जाता है तो केवल आपको मस्तिक में लगाना होता है और आप जिस किसी के शामे जाते है वो आपसे प्रसन होकर आपकी सारी बातो में हा करता है आप जैसा चाहते हो वो इंसान वैसा ही करता है | लेकिन एक सिद्ध वशीकरण तिलक पाना बहुत ही मुश्किल काम है | लेकिन इसकी फ़िक्र करने की कोई जरुरत नहीं है आप इसको अपने घर पर भी बना सकते उसके लिए कुछ विधि से इसको बनाना पड़ता है|
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वशीकरण काजल मंत्र, सम्मोहन काजल निर्माण विधि, काजल/सुरमा के टोटके – जब काजल किसी लड़की की आंखों मे लग जाये तो वो उसका शिंगार बन जाता है, तो जब उसे किसी छोटे बच्चे के माथे पर लगाया जाता है तो वो उसकी रक्षा करता है। उसे किसिकी बुरी नजरों से बचाता है। जी हां, काजल को सिर्फ शिंगार तक ही नहीं देखा जाता, आज इसके मायने और बढ़ चुके है। इसका इस्तेमाल वशीकरण के लिय भी लोग करते है। जिसे काजल वशीकरण कहते है। वशीकरण का मतलब तो हम सब ही समझ चुके है। जिसमे एक इंसान किसी दूसरे इंसान को अपने कंट्रोल मे करके उसको अपने अधिकार मे लेना चाहता हो।
वशीकरण तिलक for husband
वशीकरण के तिलक के बारे में आप इस वशीकरण को तिलक को घर पर ही बना सकते हैं| इसके लिए हम आपको नीचे कुछ तरीके बताएंगे जिसके इस्तेमाल से आप घर पर ही वशीकरण तिलक को बना सकते हैं| तो जानते हैं कैसे बनाते हैं वशीकरण तिलक और वशीकरण का इस्तेमाल कैसे करते हैं|
वशीकरण तिलक को बनाने के लिए आपको थोड़ा सा सिंदूर लेना है, थोड़ा केसर लेना है और थोड़ा शुद्ध गोराचन लेना है|
इन सब को अच्छे से मिलाकर एक चांदी के डब्बे में रखना है छोटी सी डिब्बी भी ले सकते हो |
इस तिलक का प्रयोग रोज सुबह करना है यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि तिलक हमेशा आपने माथे के मध्य ललाट में लगाना चाहिए|
जैसा की वशीकरण तिलक से तो परिचित होंगे इसका अनुभूत प्रयोग किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए होता है | हिंदू परंपरा में ललाट पर तिलक लगाने के कई तरीके बताए गए हैं, तो इसे सुख-शांति देने, गौरव, आत्मविश्वास, आत्मबल व मान-सम्मान बढ़ाने तथा मन को एकाग्र करने के अतिरिक्त वशीरकण या सम्मोहन का अचूक प्रभाव देने वाल भी बताया गया है। आधुनिक जीवनशैली और तकनीक के सहारे जीवन को सहज-सरल बनाया जा रहा है। इसके साथ ही अत्यंत प्राचीनकाल से ��ली आ रही हल्दी, रोली, चंदन, सिंदूर, केशर, भस्म आदि से तिलक लगाने की परंपरा के पीछे की छिपी भावनात्मक महत्व को समझने की जरूरत है।
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स्त्री-पुरुष सभी के द्वारा लगाया जाने वाला तिलक मनोवैज्ञानिक प्रभाव और वैज्ञानिक आधार समेटे हुए है। इसमें धार्मिक कार्य की उपयोगिता और महत्ता के निहित है। इसमें विजयोत्सव के भाव हैं।  शुभकामनाओं और शुभ संकेतों का प्रतीक है। इसमें सामने वाले को सम्मोहित करने की अद्भुत क्षमता है। तिलक लगाने वाला व्यक्ति सात्विक भावना से भरा रहता है, जिसपर देवी-देवताओं की विशिष्ट कृपा बनी रहती है। विभिन्न पर्व-त्यौहारों, धार्मिक तीर्थस्थलों, विशिष्ट आतिथि सत्कार, धार्मिक अनुष्ठानों, शुभ-संस्कारों और पूजा-पाठ के कार्य इसके बगैर संपन्न नहीं होते हैं। इसके प्रभाव में आया हुआ व्यक्ति आध्यात्मिकता और आत्मीयता की ओर अग्रसारित हो जाता है। एक तरह से यह तीसरे नेत्र के प्रतीक के रूप में बेहद चमत्कारी प्रभाव वाला है।
किसी व्यक्ति को सम्मोहित करने के अनेक उपायों में तिलक से वशीकरण करने के विविध तरीके बताए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि इसके द्वारा कठोर से कठोर दिल के इंसान को भी अपनी इच्छा के अनुरूप वश में किया जा सकता है। तिलक के सम्मोहन में वह शक्ति है, जिससे रूठा हुआ व्यक्ति भी अपनी सारी नाराजगी और शिकायतों को भूलकर नए सिरे से सकारात्मक भावना के साथ जुड़ जाता है। यह कहें कि तिलक में सामने वाले व्यक्ति के मन को मोहित करने की अद्भुत क्षमता होती है।
तिलक से वशीकरण के उपाय को जादू या मंत्र-तंत्र से अभिमंत्रित टोना-टोटका कहना सही नहीं होगा। इसमें संपूर्ण वैज्ञानिकता है और इससे तिलकधारी की प्रबुद्धता उभरकर सामने आ जाती है। आध्यात्म के नजरिए से मस्तिष्क के ठीक बीचो-बीच ‘आज्ञा चक्र’ बना हुआ है, जबकि विज्ञान के अनुसार दिमाग में सेराटोनिक और बीटा एंडेर्फिन रसायन का होने वाला संतुलित स्राव ही मन को उत्साहित कर सकारात्मक बनाता है। मन के विज्ञान को प्रभावित करने वाले तिलक उपायोग के प्रयोग विधि काफी सरल है।
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megamanishashekhawat-blog · 7 years ago
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किसी भी लड़की को जल्द ही अपने वशीकरण के प्रभाव में लाने के लिए आप इस उपाय को करे��. आप केसर, हरताल, कूठ और तरक को मिलाकर अच्छे से कूट पीस लें. पीसते वक्त इसमें अपनी उंगली से थोड़े सी रक्त की बूंद मिला दें. अब इसका तिलक बनायें और अपने मस्तक पर लगायें. ये तिलक लगाकर आप जिस भी लडकी  के सामने जाएँगी वह आपसे वशीभूत हो जाएगी| लड़की वशीकरण के टोटके करने के लिए किसी अनुभवी से मदद लेनी चाहिए| आप काकड़ सिंघी, सिंदूर, इलाइची, लाल चन्दन और कंगनी लेकर इन सबको एकसाथ रख दें. इसके बाद इन्हें धूप दें और उस लड़की के सामने रख दें, जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं. ये बहुत ही सरल टोटका लड़की पटाने के लिए बहुत उपयोगी है|
ladki ko vashikaran for love
किसी लड़की का वशीकरण करने के लिए आप इस उपाय को शुल्क पक्ष को करें. शुल्क पक्ष में जिस दिन रविवार पड़े उस दिन 5 लौंग लेकर शरीर के पसीने वाले स्थान पर रखें. इसके बाद इन लौंग को निकालकर धूप में सूखा लें और पीसकर दूध या चाय में मिलाकर उस लड़की को पिला दें जिसका आप वशीकरण करना चाहते हों. इस तरह से उस लड़की पर आपके वशीकरण के प्रभाव पड़ने लगेगा|
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लड़की पटाने का काला जादू तरीका टोटका- प्रेम करना और उसे अत्मीयता के साथ सहर्ष पाना, दोनों बातें अलग-अलग तब बन जाती हैं जब इनमें कोई न कोई कमी या बाधा बनी रहती है। यह कोई जरूरी नहीं कि आप जिस किसी से प्रेम करते हैं या फिर जिसे अपना बनाना चाहते हैं वह आपको भी चाहे, पसंद करे और आपके मनोभावों को महसूस करते हुए बेइंतहा मोहब्बत कर बैठे। प्रेमियों की सबसे बड़ी समस्या यही रहती है कि वह अपनी मनचाही लड़की को किस तरह से अपना बना ले, या बोलचाल की भाषा में कहें कि उसको पटाने में सफल हो जाए। इसके लिए लवगुरुओं की मदद लेने और दोस्तों की सलाह के अतिरिक्त वशीकरण, काला जादू या टोने-टोटके भी  अपनाए जा सकते हैं।
किसी लड़की के दिल में अपने प्रति प्रेम की अगन लगाने और उसे  अपना बनाने के लिए काला जादू के कुछ उपाय बहुत ही कारगर हो सकते हैं। ये उपाय तंत्र-मंत्र और टोना-टोटके से संबंधित हैं। तंत्र मंत्र की समूह वाले काला जादू से इच्छित परिणाम पाए जा सकते हैं, तो इसके प्रयोग से किसी लड़की को आसानी से अपने वश में किया जा सकता है।
बहुत बार ऐसा होता है की आप किसी स्त्री की और आकर्षित हो  जाते  है परन्तु ये जरुरी नहीं है की यदि आप किसी को चाहे तो वह भी आपको चाहे। पर जब आप या कोई भी इंसान किसी को प्यार करने लगता है या उसकी और आकर्षित होने लगता है तो वह अपने प्यार को किसी भी कीमत में पाना चाहता है। जो की बहुत मुश्किल  हो जाता है, क्युकी प्यार को ��प जबरदस्ती हांसिल नहीं कर सकते ना ही किसी को प्यार करने के लिए मजबूर कर सकते है।  क्युकी प्यार तो वह एहसास है जो खुद जगता है। तो अब क्या करें ताकि आपकी मन चाही स्त्री आपको प्यार करने लगे वो भी खुद ब खुद। तो अगर आप सच में एस होता देखना चाहते है तो टोने टोटके से अच्छा उपाय कुछ नहीं है। तो आइये आपको बताते है कुछ आसान टोटके जिनको आजमाने से आपको सफलता प्राप्त होगी।
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Ladki Ko Vashikaran Karne Ka Tarika, If you love a girl and are searching ways to get that girl in your life, you are in the right place. You can control or attract a girl you love by using some vidhis or ways of vashikaran mantra which is a method practiced in India by our spiritual gurus and rishis since long back. Vashikaran Mantras allow you to take control or attract a girl you love towards you. So, if you love a girl very deeply and want her to love you or get married to her then these powerful mantras or spells for vashikaran may work for you to get her under your control. However, you should remember to use these mantras with no evil intentions as it would bring unfruitful results.A lot of vashikaran mantras are available in the internet and e-books related to tantra or black magic tradition. You will find that these vashikaran mantras are very easy to use as they are very different from the ones available in the Veds. The mantras given here are very simple yet very powerful and effective; however, you need to have faith and devotion while performing the vidhis of vashikaran. So, let us check out some very useful mantras to control a girl through vashikaran.
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वशीकरण एक ऐसी विद्या है जो प्राचीन काल से अपने रुके हुए कार्यों और किसी भी मनचाहे व्यक्ति को अपने वश में करने हेतु प्रयोग में लायी जाती है | आज के समय में वशीकरण शब्द को सुनकर अक्सर लोग मन में  नकारात्मक भाव लाने लगते है ऐसे लोगो की नजर में वशीकरण सिर्फ और सिर्फ दूसरों को अहित पहुचाने की विद्या है | इसका कारण यह भी है कि वशीकरण का प्रयोग आज के समय में अधिकतर दूसरों को अहित पहुँचाने के लिए किया जाता है | वशीकरण के लिए धरम शास्त्रों में अनगिनत मंत्र है जिनमें शाबर वशीकरण मंत्रों/Vashikaran Mantra  का अपना ही एक अलग महत्व है | शाबर मंत्र द्वारा वशीकरण करना बहुत ही सरल है और इसमें किसी विशेष सिद्धि की आवश्यकता नहीं होती है |
बहुत बार ऐसा होता है की आप किसी स्त्री की और आकर्षित हो  जाते  है परन्तु ये जरुरी नहीं है की यदि आप किसी को चाहे तो वह भी आपको चाहे। पर जब आप या कोई भी इंसान किसी को प्यार करने लगता है या उसकी और आकर्षित होने लगता है तो वह अपने प्यार को किसी भी कीमत में पाना चाहता है। जो की बहुत मुश्किल  हो जाता है, क्युकी प्यार को आप जबरदस्ती हांसिल नहीं कर सकते ना ही किसी को प्यार करने के लिए मजबूर कर सकते है।  क्युकी प्यार तो वह एहसास है जो खुद जगता है। तो अब क्या करें ताकि आपकी मन चाही स्त्री आपको प्यार करने लगे वो भी खुद ब खुद। तो अगर आप सच में एस होता देखना चाहते है तो टोने टोटके से अच्छा उपाय कुछ नहीं है। तो आइये आपको बताते है कुछ आसान टोटके जिनको आजमाने से आपको सफलता प्राप्त होगी।
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Birth Report | Janm Kundali | जन्म कुंडली
Vashikaran Powers on MahaShivratri
काला जादू एक बहुत पुरानी विधा है जिसका प्र��ोग किसी के भी साथ गलत और सही दोनों वजह के लिए किया जा सकता है | काला जादू तंत्र मंत्र का समूह है जिसके द्वारा मन पसंद काम को सफल किया जा सकता है इसके किये विभिन्न प्रकार के टोटके किये जाते है जिसके द्वारे हम इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकते है | आप सभी लोग ये सोचते होंगे की काला जादू कैसे किया जाता है और इसका प्रयोग कहाँ पे कर सकते है | तो जरा धयान रहे की इसको कही भी प्रयोग किया जस सकता है यहाँ तक की दुशमन को भी तबाह किया जा सकता है और किसी को भी आबाद किया जा सकता है तो मई बताना चाहता हु की कला जादू से हम किसी को भी अपने वस में कर सकते है |
ladki ko vashikaran for black magic
हम काला जादू प्रयोग किसी लड़के/लडकी को पटाने के लिए भी कर सकते है जिसको आप पसंद करते है उसके ऊपर कुछ कला जादू टोटके करने होते है बाद में वो आपके अनुसार ही चलने लगेगा और किसी पर भी अपना अधिकार जमा सकते है | कला जादू के द्वारा किसी को भी अपने प्यार में लाया जा सकता है लेकिन आजकल इसका प्रयोग गलत तरीके के लिए बहुत हो रहा है सो कृपा करके गलत प्रयोग न करे इसके किसी के दिल पर चोट पहुँच सकती है | काला जादू करने का मंत्र बहुत होते है हर प्रकार के काम के लिए अलग अलग मंत्र होते है सो आप हमे बताये की किस तरह का मंत्र और तंत्र चाइये आपको कला जादू करने के लिए और हम आपको सही ढंग से कला जादू करने की विधि और उसके उपाय बतेयेंगे |
Love your wife is upset, a husband, a lover who has failed, the girl Vashikaran use spells. We have to get his true love for all men who are providing a spiritual practice, but love and vashikaran Do not misuse the practice. Se Me Aur Upay Kisi bhi ladki ko pata karne ke liye karne ka mantra Contact Kamandali Baba Vash.
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Someone who can not love or husband who disturbed his wife use Girl Vashikaran Mantra For Control Girl. We provide sadhna all such men that their true love but does not abuse sadhna love and vashikaran. Kisi bhi Ladki ko Vash me meat ka mantra aur upay pata meat ke liye sampark kare Kamandali baba se.It is assumed that the image of a woman at the mercy of Girl Vashikaran Mantra For Control Girl | Ladki ko Vash me Karne ka Upaythe image mata Jagdamba. But in today’s era of their daughter-in-law some people torcher dowry. A person who torcher their daughter-in-law and demand money yamdut of yamraj punish that person. Some people in the dowry killing a baby girl. Our Baba ji can prepare the medicine woman only give birth to a baby boy. And when any woman doctor uses it only three times in the next baby boy. But we do not give this medicine to those who have treated both sexes equally.
Girl Vashikaran Mantra For Control Girl | Ladki Ko Vash Me Karne Ka Upay Mantra
But in our times a man is not good then women are also less than men. In the old days the lady used their husband as God but the people do not respect their God. So you can think about what the status of women in front of her husband. If you are faced with such a problem Girl Vashikaran Mantra For Control Girl is the ultimate solution to your problem. Girl Vashikaran Mantra For Control Girl | Ladki ko Vash me Karne ka Upay mantra We get a large number of mail daily to men that their wife is far from it. And my wife complains about 498 cases a court. But we just want to say that the cow is our mother but when the cows start to hit their horns and then we have to cut down their trumpets.
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nagmanikumar · 8 years ago
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वास्तव में तंत्र क्या है हम करालवदना काली साधक नागमनी आपको बताते है जय माता दी जिसे आम लोग तंत्र के नाम से जानते हैं वह है जादू-टोना, जिसका कोई दार्शनिक और वैज्ञानिक आधार नहीं है और जिसकी बुनियाद में सदियों से चले आते अंधविश्वास हैं. जबकि तंत्र वास्तव में अंधविश्वास को तोड़ता है. तंत्र निराकार, सर्वव्यापी परब्रह्म को जानने का क्रांतिकारी और वैज्ञानिक तरीक़ा है. तंत्र के प्रणेताओं में प्रमुख हैं : दत्तात्रेय,परशुराम , नारद, पिप्पलादि , वसिष्ठ, सनक, शुक, सनन्दन तथा सनतकुमार .इसी से समझा जा सकता है कि इसे प्राचीन काल के वरेण्य बुद्धिजीवियों ने कितने शोध के बाद आम आदमी के लिये प्रतिपादित किया होगा. तंत्र के अनुसार ब्रह्मांड की रचना माँ काली ने की. हमारे शरीर के अंदर लघु ब्रह्मांड है, जिसमे काली के दस रूप मूलाधार में विराजमान हैं. तांत्रिक मंत्र मूलतः नाद -स्वर हैं, जो ब्रह्मांड में भी मौज़ूद हैं. जब हम किसी महाविद्या का मंत्र जाप करते हैं तो ब्रह्मांड में मौज़ूद उस नाद से जुड़ जाते हैं. इसलिये कोई भी दूसरा व्यक्ति आपके लिए मंत्र पाठ कर ही नहीं सकता. उसका फल आपको कदापि नहीं मिल सकता. जहाँ तक बलि का सवाल है, जिस जीव की आप बलि ले रहे हैं उसका सृजन भी तो माँ काली ने ही किया है, तो आपको लाभ और उसे मृत्यु को वह कैसे और क्यों पसंद करेंगी ? स्पष्ट है कि यह सब कृत्रिम रूप से आरोपित प्रक्रियाएँ हैं जो कुछ शताब्दियों से तंत्र के नाम पर जोड़ दी गयी हैं. शाक्त मत के दो संप्रदाय हैं-समयाचार या दक्षिणाचार, और वामाचार..हृदय में चक्र भावना के साथ पाँच प्रकार के साम्य धारण करने वाले शिव ही समय कहलाते हैं. शिव और शक्ति का सामरस्य है. समयाचार साधना में मूलाधार से सुप्त कुण्डलिनी को जगा कर अंत में सहस्रार में सदा शिव के साथ ऐक्य कराना ही साधक का मुख्य लक्ष्य होता है. कुल का अर्थ है कुण्डलिनी तथा अकुल का अर्थ है शिव. दोनों का सामरस्य कराने वाला कौल है. कौल मार्ग के साधक मद्य, माँस, मत्स्य, मुद्रा और मैथुन नामक पंच मकारों का सेवन करते हैं. ब्रह्मरंध्र से स्रवित मधु मदिरा है, वासना रूपी पशु का वध माँस है, इडा-पिगला के बीच प्रवाहित श्वास-प्रश्वास मत्स्य है. प्राणायाम की प्रक्रिया से इनका प्रवाह मुद्रा है तथा सहस्रार में मौज़ूद शिव से शक्ति रूप कुण्डलिनी का मिलन मैथुन है बाद में कुछ ऐसे लोग भी तांत्रिक साधना में घुस आये जिन्होने मकारों का भौतिक अर्थ इस्तेमाल करना शुरू किया,जो वामाचार के पतन और बदनामी का कारण बना।
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onlinefreespells · 3 years ago
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Voodoo Revenge Spells To Punish Someone Call now +91-9780525739
A person has to understand how to fight with his enemies, how to stay safe. Sometimes we don't know how to stay safe from enemies, sometimes we get to know how to avoid bad people. There are many such people who want to take revenge but do not know how to take it as if you had a very good friend earlier, now he is your enemy, then you want to punish him but do not know how? Will tell that Voodoo Revenge Mantra to punish someone is the best way for a person to eliminate bad people from life.
एक व्यक्ति को यह समझना होगा की उससे दुश्मनो से कैसे लड़ना है कैसे सुरक्षित रहना है | कभी कभी हमे यह पता नहीं चलता की हम दुश्मनो से कैसे
सुरक्षित रहे कई बार हमे यह पता नई चलता की हम बुरे लोगो से कैसे बचे | कई ऐसे लोग होते है जो बदला लेना चाहते है लेकिन यह नहीं पता की लेना कैसे है जैसे पहले आपका कोई बहुत ही अच्छा दोस्त था अब वो आपका दुश्मन है तो आप उसको सजा देना चाहते हो लेकिन नहीं जानते कैसे ?तो आज हमारे पंडित जी आपको बतायेगे कि वूडू बदला मंत्र किसी को दंडित करने के लिए किसी व्यक्ति के लिए जीवन से बुरे लोगों को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है।
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How to kill someone with black magic spell
Black magic and magic spells can also make impossible things possible, but while using magic and black magic, we have to keep in mind how to use it. Black magic is very good to punish someone there is nothing bad in it many people can be safe by using this magic many people like to do black magic voodoo revenge spell best way to punish someone If you like to do black magic then contact our pandit ji and go to online spell caster.
It tells you how to use voodoo spells. Magic spells and witchcraft will solve your problem very quickly. If you will be able to punish your enemy within 24 hours, then you will go quickly call our pandit ji +91-9780525739
काला जादू मंत्र से किसी को कैसे मारे
काला जादू  और  जादू  मंत्र कुज भी असंभव से असंभव  काम भी संभव कर सकता है लेकिन जादू और काला जादू  को इस्तेमाल करते समय  हमे ध्यान  में रखना है कि  इसको कैसे  इस्तेमाल करे | काला जादू  किसी को दण्डित करने की लिए बहुत ही अच्छा  है इसमें कुछ भी बुरा नहीं है यह जादू इस्तेमाल करके बहुत से लोग सुरक्षित रह सकते है कई लोग काला जादू करना ही पसंद करते है वूडू बदला मंत्र किसी को दंडित करने के लिए सबसे  अच्छा तरीका है अगर आप काला जादू  करना पसंद करते है तो हमारे पंडित जी  से संपर्क करे और ऑनलाइन  स्पेल कॉस्टर  में जाए |
यह आपको बताता है की वूडू मंत्र को कैसे इस्तेमाल करना है जादू मंत्र और जादू टोना आपकी समस्या का समाधान बहुत की जल्दी करेगा | आप अपने दुश्मन को २४ घंटो में ही दण्डित कर पाओगे ,तो जल्दी से जाओगे हमारे पंडित जी को कॉल करे +91-9780525739
Ways to Punish Someone With Voodoo Spells
It is not difficult for any person to solve every problem that comes in life. Voodoo Revenge Mantra is the best and safest way to punish someone. With this you do not have to be afraid or worry about any bad people, it works very effectively.
Take a wooden doll, take a lemon with it, and cut the lemon in the middle and tie it in a black cloth and keep it in front of your enemy's house.
Take an egg, write the name of your enemy on that egg and break that egg by going on the road to the square we have from his house.
Take a black cloth and write the name of your enemy in it and put 5 long, 5 cardamom, 5 betel nut, and cut your enemy's hair and put it in it and bury that cloth in many soils.
Take a doll and take the hair of your enemy, take a red colored cloth and tie the hair and cloth on that doll and then take an iron pin and prick it in the doll.
Take a red colored cloth and cut red, green chillies and a lemon in it and place it under the tie up and bead of your enemy and chant the voodoo mantra from afar till it turns black.
Extreme Voodoo spells will definitely need to be done for the betterment of others. So, when you are going to perform powerful magic spells to punish the enemy, get the caster spell.
वूडू मंत्र से किसी को सजा देने के तरीके
किसी भी व्यक्ति को  जीवन में आने वाली हर समस्या  का समाधान करना मुश्किल नहीं है वूडू बदला मंत्र किसी को दंडित करने के लिए सबसे अच्छा  और सुरक्षित तरीका है | इस से आपको किसी भी बुरे लोगो से डरने की या चिंता करने की ज़रूरत नहीं है  ये बहुत ही प्रभावी ढंग से काम करता है |
एक वूड़ो की डॉल ले, के साथ एक निम्बू ले,और निम्बू को बीच में से काट ले और एक काले कपडे में बांड कर उसको अपने दुश्मन क�� घर के सामने रख दे|
एक अंडा ले उस अंडे पे अपने दुश्मन का नाम लिखे और  उसके घर के सहमने जो चौरास्ता है  उस को रस्ते पे जाके उस अंडे को तोड़ दे |
एक काले रंग का कपडा ले उसमे अपने दुश्मन का नाम लिखे और उसमे ५ लॉन्ग ,५ इलाची ,५ सुपारी ,और  अपने दुश्मन के बाल काटकर उसमे भांद  ले और उस कपडे को कई मिट्टी में दबा दे |
एक डॉल ले और अपने दुश्मन के बाल ले एक लाल रंग का कपडा ले और बाल और कपडा उस डॉल पर बांधे और फिर एक लोहे की पिन ले और उसको डॉल में चभो दे |
एक लाल रंग का कपडा ले और उसमे लाल, हरी मिर्च और एक निम्बो को भींच से काट कर उसमे बांधे और अपने दुश्मन के बीएड के निचे रख दे और दूर से वूडू मंत्र का जाप करे सुभे तक वो काला पड़ जाएगा
चरम वूडू मंत्र निश्चित रूप से दूसरों की भलाई के लिए करने की आवश्यकता होगी। इसलिए, जब आप शत्रु को दंडित करने के लिए शक्तिशाली जादू मंत्र का प्रदर्शन करने जा रहे हैं, तो ढलाईकार मंत्र प्राप्त करें।
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god-entire-disposition · 5 years ago
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अभ्यास (7)
तुम लोगों की मानवता बहुत अभावग्रस्त है, तुम सभी की जीवनशैली बहुत निम्न और हीन है, तुम सब में कोई मानवता नहीं है, और तुम लोगों में अंतर्दृष्टि की कमी है। यही कारण है कि तुम सभी को मानवता की चीजों के साथ खुद को लैस करने की आवश्यकता है। जमीर, तर्क-संगतता और अंतर्दृष्टि रखना, चीजों को कैसे कहें और देखें इसका ज्ञान होना, स्वच्छता पर ध्यान देना, एक सामान्य मानव की तरह काम करना—ये सभी सामान्य मानवता के अनुभव हैं। जब तुम लोग ये ठीक से करते हो, तो तुम्हारी मानवता प्रमाणिक स्तर तक पहुँचेगी। दूसरा पहलू आध्यात्मिक जीवन के लिए खुद को तैयार करना है। तुम सभी को पृथ्वी पर परमेश्वर के कार्य की सम्पूर्णता ज्ञात होनी चाहिए, और उसके वचनों की अनुभूति करनी चाहिए। तुम्हें पता होना चाहिए कि कैसे उसकी व्यवस्थाओं का पालन करना है, और एक सृष्ट जीव का कर्तव्य कैसे पूरा किया जाए। ये दो पहलू हैं जिनमें तुम्हें आज प्रवेश करना चाहिए। एक पहलू मानवता के जीवन के लिए अपने आप को लैस करना है, और दूसरा पहलू आध्यात्मिक ज���वन के अभ्यास से संबंधित है—और दोनों ही अनिवार्य हैं। कुछ लोग बेतुके होते हैं, और खुद को सिर्फ उसी से लैस करना जानते हैं जो मानवता से संबंधित है। वे अच्छे कपड़े पहनते हैं और उनके बाल हमेशा साफ होते हैं; उनके दिखावे में कोई दोष नहीं पाया जा सकता है। जो बातें वे कहते हैं और उनके बोलने के लहजे उचित होते हैं, और उनकी पोशाक बहुत प्रतिष्ठित और उपयुक्त होती है। लेकिन उनके पास भीतर कुछ नहीं होता है; उनकी सामान्य मानवता केवल बाह्य है। वे केवल क्या खायें, क्या पहनें, और क्या कहें, इन्हीं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो केवल फर्श की सफ़ाई, बिछौने-चादर-तकिये, और सफाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे इन सब बातों में अच्छी तरह से अभ्यस्त होते हैं, लेकिन जब तुम उन्हें परमेश्वर के आखिरी दिनों के कार्य, और ताड़ना, शुद्धिकरण, परीक्षण और न्याय के बारे में अपनी जानकारी बताने के लिए कहोगे, तो उनके पास ऐसी चीजों का थोड़ा-सा भी अनुभव नहीं होता है। तुम उनसे पूछते हो: "क्या तुम उस प्राथमिक काम को समझते हो जो कि परमेश्वर पृथ्वी पर करता है? देहधारी परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य क्या है? यह कैसे यीशु के कार्य से अ��ग है? और यह यहोवा के कार्य से कैसे अलग है? क्या वे एक ही परमेश्वर हैं? क्या वह युग का ��ंत लाने आया है, या मानव जाति को बचाने के लिए? वह क्या कार्य करता है?" उनके पास इसके बारे में कुछ भी कहने को नहीं होगा। सतही तौर पर, वे सुंदर ढंग से सज्जित हैं: बहनों ने खुद को एक फूल की तरह सुंदर बना लिया है, और भाई राजकुमारों की तरह, या कुछ समृद्ध युवा बांके दिखते हैं। वे केवल उन चीजों की परवाह करते हैं जो वे खाते और बाहर पहनते हैं; अंदर, वे निराश्रित हैं, और उनके पास परमेश्वर की थोड़ी-सी जानकारी भी नहीं हैं। इसका क्या मतलब है? दूसरे फूहड़-से पहनावे के होते हैं, भिखारियों की तरह, और पूरबी गुलामों की तरह दिखते हैं! क्या तुम लोग सचमुच नहीं समझते कि मैं तुम सभी से क्या चाहता हूँ? आपस में वार्तालाप करो: तुम लोगों ने क्या हासिल किया है? तुम सब इतने वर्षों से अनुसरण कर रहे हो, और क्या यही सब फल तुम लोगों ने पाया है—क्या तुम लोग शर्मिंदा महसूस नहीं करते हो? लज्जा नहीं आती? तुम सभी ने इन वर्षों में एक सच्चा रास्ता अपनाया है, और आज तुम लोगों का कद एक गौरैया से भी छोटा है। तुम लोगों के बीच युवा महिलाओं को देखो, फूलों की तरह सजी-संवरी, और एक-दूसरे से अपनी तुलना करती हुईं। तुम सब एक दूसरे से तुलना करने के लिए किस का उपयोग कर रहे हो? क्या यह मौज नहीं है? और तुम्हारी क्या माँगे हैं? क्या तुम लोगों को ऐसा लगता है कि मैं मॉडल की भर्ती के लिए आया हूँ? तुम सभी को कोई शर्म नहीं है! तुम्हारी जिंदगी कहाँ है? क्या तुम लोग असंयत इच्छाओं का पीछा नहीं करते हो? तुम्हें लगता है कि तुम बहुत सुंदर हो। तुम चौंधानेवाले हो सकते हो, लेकिन क्या तुम गोबर के ढेर में पैदा होने वाला एक कीड़ा नहीं हो? आज, तुम इन स्वर्गीय आशीषों का आनंद लेने के लिए भाग्यशाली हो क्योंकि परमेश्वर तुम्हें ऊपर उठाकर एक अपवाद बना रहा है, न कि तुम्हारे सुंदर चेहरे के कारण; क्या तुम अभी भी अस्पष्ट हो कि तुम कहाँ से आए? जीवन का उल्लेख करते ही तुम अपना मुंह बंद कर देते हो और कुछ भी नहीं कहते, तुम काठ की मुर्गियों की तरह हो, फिर भी तुम्हारे पास मेकअप करने के लिए हिम्मत है? तुम अभी भी अपने चेहरे पर पाउडर लगाने की सोचते हो? और तुम लोग अपने बीच रसिकों को देखो—वे इतने मनमौजी हैं, वे पूरे दिन मंडराते रहते हैं, उनके चेहरे पर एक बेपरवाह हाव-भाव होता है। वे हर जगह बदसलूकी करते हैं, क्या उनके बारे में कुछ भी मानवीय है? तुम लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान, चाहे वह पुरुष या महिला हो, पूरे दिन किस बात पर होता है? क्या तुम सब जानते हैं कि तुम खाने के लिए किस पर निर्भर हो? अपने कपड़ों को देखो, तुम्हारे हाथों ने क्या फसल काटी है उसे देखो, अपने पेट को रगड़ो—खून पसीने की कीमत चुकाकर तुमने क्या हासिल किया है? तुम अभी भी दृश्यावलोकन के बारे में सोचते हो, तुम अभी भी अपने बदबूदार देह को सजाने की सोचते हो—इसका क्या मूल्य है! तुम्हें सामान्य होने के लिए कहा जाता है, लेकिन आज न केवल तुम सामान्य नहीं हो, तुम इसके विपरीत हो। ऐसे व्यक्ति को मेरे सामने आने की हिम्मत कैसे हो सकती है? इस तरह की एक मानवता के साथ, अपने शरीर को प्रदर्शित और प्रकट करते हुए, हमेशा शरीर की वासनाओं के बीच रह कर, क्या तुम गंदे राक्षसों और बुरी आत्माओं के वंशज नहीं हो? मैं ऐसे गंदे राक्षस को लंबे समय तक रहने नहीं दूँगा! और यह मत सोचो कि मुझे नहीं पता कि तुम अपने दिल में क्या सोचते हो। तुम अपनी वासना और अपने शरीर पर एक कठोर लगाम रख सकते हो, लेकिन क्या मैं तुम्हारे दिल के विचारों को और जो कुछ तुम्हारी आँखें चाहती हैं उसे नहीं जान सकता? क्या तुम सब युवा महिलाएँ अपने देह को प्रदर्शित करने के लिए उसे फूलों की तरह सुंदर नहीं बनाती हो? तुम लोगों के लिए पुरुषों के क्या लाभ हैं? क्या वे वास्तव में तुम लोगों को दुःख के सागर से बचा सकते हैं? और तुम सब रसिक जो सज्जन और प्रतिष्ठित दिखने के लिए खुद को पोशाक पहनाते हो—क्या यह तुम्हारे रूप के दिखावे के लिए नहीं है? और तुम लोग इसे किसके लिए कर रहे हो? तुम सब के लिए महिलाओं के क्या लाभ हैं? क्या वे तुम लोगों के पाप के स्रोत नहीं हैं? तुम सब पुरुष और महिलाएँ, मैंने तुमसे कई वचन कहे हैं, फिर भी तुम लोगों ने उनमें से कुछ का ही अनुपालन किया है। तुम लोगों के कान भारी हैं, आँखें मंद हो गई हैं, और तुम सब के दिल कठोर हैं, इस तरह कि तुम लोगों के देह में लालसा के अलावा और कुछ नहीं है; तुम लोग इसमें फँसे हुए हो, बचने में असमर्थ हो। गंदगी और कीचड़ में छटपटाते तुम कीड़ों के पास कौन जाना चाहता है? मत भूलो कि तुम लोग उनकी तुलना में कुछ अधिक नहीं हो जिन्हें मैंने गोबर से उठाया है, मूल रूप से, तुम सब सामान्य मानवता वाले नहीं थे। मैं तुमसे जो चाहता हूँ वह सामान्य मानवता है जो मूल रूप से तुम लोगों के पास नहीं थी; मैं नहीं चाहता कि तुम लोग अपनी वासनाओं का प्रदर्शन करो, या कि अपने सड़े हुए देह को खुली छूट दो, जिसे कई वर्षों तक शैतान ने प्रशिक्षित किया है। जब तुम लोग इस तरह खुद को तैयार करते हो, तो क्या तुम्हें डर नहीं है कि तुम सब लगातार और भी गहरे फँस जाओगे? क्या तुम सब नहीं जानते कि तुम लोग मूल रूप से पाप के थे? क्या तुम लोग नहीं जानते कि तुम्हारे देह वासना से भरे हैं? यह ऐसा है कि तुम्हारी वासना तुम सब के कपड़ों से भी रिसती है, एक असहनीय रूप से बदसूरत, गंदे राक्षस जैसी तुम सब की स्थिति को प्रकट करते हुए। क्या तुम लोगों के सामने यह सब से अधिक स्पष्ट नहीं है? तुम सभी के दिल, तुम्हारी आँखें, तुम्हारे होंठ—क्या वे गंदे राक्षसों द्वारा अशुद्ध नहीं हुए हैं? क्या वे गंदे नहीं हैं? तुम सोचते हैं कि जब तक तुम कोई अनैतिक[क] काम नहीं करते, तब तक तुम अत्यंत पवित्र हो; तुम सोचते हो कि सुंदर ढंग से कपड़े पहन कर तुम अपनी नीच आत्माओं को छिपा सकते हो—इसकी कोई संभावना नहीं है! मैं तुम सब को और अधिक यथार्थवादी होने की सलाह देता हूँ: धोखेबाज़ और नकली मत बनो, और खुद को प्रदर्शित न करो। तुम लोग अपनी वासना एक-दूसरे को दिखाते हो, परन्तु जो भी तुम लोग प्राप्त करोगे वह होगी सदा के लिए पीड़ा और बेरहम प्रताड़ना! तुम्हें एक-दूसरे के साथ इश्कबाज़ी और प्यार करने की क्या ज़रूरत है? क्या यह तुम लोगों का खरापन है? क्या यह तुम सभी को सशक्त बनाता है? मैं तुम्हारे बीच उन लोगों से घृणा करता हूँ जो जादू-टोना की दवाओं का इस्तेमाल करते हैं और इंद्रजाल में पड़ते हैं, मैं तुम लोगों के बीच उन युवा पुरुषों और ���हिलाओं से घृणा करता हूँ जो अपने देह से प्यार करते हैं। सबसे अच्छा होगा यदि तुम लोग खुद को नियंत्रित करोगे, क्योंकि आज मैं तुमसे चाहता हूँ कि तुम्हारे पास सामान्य मानवता हो, न कि तुम अपनी वासना का दिखावा करो। तुम लोग हमेशा कोई भी मौका ले लेते हो, क्योंकि तुम लोगों के देह बहुत भरपूर हैं, और तुम सभी की वासना बहुत बड़ी है!
बाह्य रूप से, तुमने मानवता के अपने जीवन को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया है, लेकिन जब तुमसे जीवन के ज्ञान की बात करने के लिए कहा जाता है, तो तुम्हारे पास कहने को कुछ नहीं होता—और इसमें तुम दरिद्र हो। तुम्हें सच्चाई से खुद को लैस करना चाहिए! मानवता के तुम्हारे जीवन में बेहतर होने की दिशा में परिवर्तन आया है, और तुम्हारे भीतर के जीवन में भी बदलाव आएगा—तुम्हारे विचारों का बदलाव और परमेश्वर में विश्वास पर तुम्हारे दृष्टिकोण का बदलाव, तुम्हारे भीतर ज्ञान और सोच का बदलाव, और तुम्हारी धारणाओं के भीतर ईश्वर के बारे में ज्ञान का बदलाव। निपटने, रहस्योद्घाटन और प्रावधान के माध्यम से, तुम धीरे-धीरे स्वयं के बारे में अपने ज्ञान, अपने अस्तित्व और परमेश्वर में अपने विश्वास को बदलते हो, जिससे कि तुम्हारा ज्ञान शुद्ध हो सके। इस तरह, मनुष्यों के भीतर के विचार बदल जाएँगे, जिस तरीके से वे चीज़ों को देखते हैं वह बदलेगा, और उनके मानसिक दृष्टिकोण बदल जाएँगे। तभी उनके जीवन-स्वभाव परिवर्तित होंगे। तुम्हें पूरा दिन किताबें पढ़ने, या अपने कमरे को ठीक करने या कपड़े धोने और सफाई में व्यतीत करने के लिए नहीं कहा जाता है। स्वाभाविक है, तुम्हारी सामान्य मानवता के साथ कोई समस्या नहीं होनी चाहिए—यह वह न्यूनतम है जो ज़रूरी है। जब तुम बाहर जाते हो, तो तुम्हारे पास अभी भी कुछ अंतर्दृष्टि और तर्कसंगतता हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तुम जीवन की सच्चाई से लैस रहो। जब आत्मा से सम्बंधित चीज़ों की बात की जाती है, तो मुमकिन है तुम मानवता के मामलों को नजरअंदाज करो; यह गलत है। जब तुम जीवन के संबंध में अपने आप को लैस करते हो, तो तुम्हें परमेश्वर के ज्ञान, अस्तित्व के बारे में तुम्हारे विचार और विशेष रूप से, आखिरी दिनों के दौरान परमेश्वर द्वारा किए गए कार्य के बारे में अपनी जानकारी पर बात करने में सक्षम होना चाहिए। चूँकि तुम जीवन का अनुसरण करते हो, इसलिए तुम्हें इन चीज़ों से खुद को लैस करना चाहिए। जब तुम परमेश्वर के वचनों को खाते और पीते हो, तो तुम्हें उन्हें अपनी वास्तविक स्थिति के अनुपात में तोलना चाहिए। अर्थात्, जब तुम अपने वास्तविक अनुभवों के दौरान खुद में कमियों की खोज कर चुके हो, तो तुम्हें अभ्यास करने के लिए एक रास्ता खोजने में और अपनी गलत मं��ाओं और धारणाओं को पीठ दिखाने में सक्षम होना चाहिए। यदि तुम हमेशा इसमें कड़ी मेहनत करते हो, और यदि तुम्हारा दिल हमेशा इन बातों पर केंद्रित रहता है, तो तुम्हारे पास अनुसरण के लिए एक मार्ग होगा, तुम खाली महसूस नहीं करोगे, और इस प्रकार तुम एक सामान्य स्थिति बनाए रखने में सक्षम होगे। तभी तुम एक ऐसे व्यक्ति होगे, जो स्वयं अपने जीवन के दायित्व-भार को उठाता है, और तभी तुम एक ऐसे व्यक्ति होगे जो विश्वास रखता है। परमेश्वर के वचनों को पढ़ने के बाद, क्यों लोग उन्हें अभ्यास में ढालने में असमर्थ हैं? क्या यह इसलिए नहीं है कि वे कुंजी क्या है यही समझ नहीं पाते? क्या ऐसा इसलिए नहीं कि वे जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? उनका कुंजी को समझ नहीं पाना और उनके पास अभ्यास करने का कोई रास्ता न होना इसलिए है कि वे उन्हें अपनी ही स्थिति के विरुद्ध मापने में असमर्थ हैं, और अपनी स्वयं की स्थिति पर काबू पाने में असमर्थ हैं। कुछ लोग कहते हैं: मैंने उन्हें अपनी स्थिति के विरुद्ध मापा है, मुझे पता है कि मैं भ्रष्ट हूँ और खराब क्षमता का हूँ, लेकिन मैं परमेश्वर की इच्छा को संतुष्ट नहीं कर पा रहा हूँ। इसमें, तुमने केवल सतह को देखा है; कैसे देह के सुख को अलग करना, आत्म-तुष्टि को कैसे अलग करना, स्वयं को कैसे बदलना, इन चीजों में प्रवेश कैसे करना, अपनी क्षमता को कैसे बढ़ाना, किस पहलू से शुरू करना, ये सभी वे चीज़ें हैं जो वास्तविक हैं। तुम केवल कुछ बाहरी चीजों को समझते हो, तुम केवल इतना जानते हैं कि तुम वास्तव में बहुत भ्रष्ट हो। जब तुम अपने भाइयों और बहनों से मिलते हो, तो तुम कितने भ्रष्ट हो इसकी बात करते हो, और ऐसा लगता है कि तुम इसे जानते हो, और यह कि तुम अपने जीवन का भार उठाते हो। पर वास्तव में, तुम नहीं बदले हो, जो यह साबित करता है कि तुम्हें अभ्यास करने का मार्ग नहीं मिला है। यदि तुम एक कलीसिया की अगुवाई कर रहे हो, तो जब तुम कलीसिया में भाइयों और बहनों की स्थिति के बारे में बताते हो, तो तुम कह सकते हो: "कहीं कोई इससे अधिक पिछड़ा नहीं है; तुम लोग अवज्ञाकारी हो!" जहाँ तक यह प्रश्न है कि वे किस बात में अवज्ञाकारी और पिछड़े हुए हैं, तुम्हें उनकी अभिव्यक्तियों के बारे में बात करनी चाहिए—उनकी अवज्ञाकारी स्थिति और अवज्ञाकारी व्यवहार—और उन्हें पूरी तरह से आश्वस्त करना चाहिए। तुम्हें तथ्यों की बात करनी चाहिए और इस मुद्दे को समझाने के लिए उदाहरण देने चाहिए, और तुम्हें उनको यह भी बताना चाहिए कि वास्तव में इस विद्रोही व्यवहार से कैसे खुद को अलग किया जाए, और अभ्यास के पथ को इंगित करना चाहिए। तुम तभी उन्हें जीत सकोगे! यदि तुम केवल यह कहते हो, "मैं इस जगह पर आना नहीं चाहता हूँ; कोई भी तुम लोगों से अधिक पिछड़ा नहीं है, तुम सब बहुत विद्रोही हो", जब तुम इस तरह से बोलते हो, तो सुनने के बाद उनमें से किसी के पास एक पथ नहीं होगा-और तब तुम लोगों का नेतृत्व कैसे करोगे? तुम्हें उनकी वास्तविक स्थिति और वास्तविक अभिव्यक्तियों के बारे में बात करनी चाहिए; तभी तुम्हारे पास अभ्यास करने का एक मार्ग होगा, और केवल तब ही तुम्हारे पास वास्तविकता होगी।
आज तक, कई सत्य जारी किए गए हैं। लेकिन तुम्हें इन बिन्दुओं को जोड़ना है: तुम्हें यह निष्कर्ष निकालने के काबिल होना चाहिए कि सत्य कितने हैं। हमारे पास सामान्य मानवता के कौन से पहलुओं को होना चाहिए, जीवन स्वभाव में परिवर्तनों के मुख्य पहलू, दिव्य दर्शन को गहनतर बनाना, युगों से लोगों के जानने और अनुभव करने के कौन-कौन से गलत तरीकों का तुम सामना कर सके हो—केवल जब तुम इन बातों में फर्क करने और उन्हें जानने में सक्षम होते हो, तभी तुम सही रास्ते पर प्रवेश करने में सक्षम होगे। धार्मिक लोग बाइबल की आराधना करते हैं जैसे कि वह परमेश्वर हो। विशेष रूप से, वे नए नियम के चार सुसमाचारों को यीशु के चार चेहरों के रूप में देखते हैं। और इसी तरह, पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के त्रित्व की बात भी है। ये सबसे ज्यादा बेतुके हैं। तुम सभी को उनके आर-पार देखना चाहिए, और इसके अलावा, तुम लोगों को देहधारी परमेश्वर और उसके अंतिम दिनों के कार्य के सार के बारे में पता होना चाहिए। अभ्यास के वे पुराने तरीके भी हैं: आत्मा में रहना, पवित्र आत्मा से भर जाना, प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने समर्पण कर देना, सत्ता के अधीन होना—तुम्हें अभ्यास से संबंधित इन भ्रमों और विचलनों को भी जानना चाहिए; तुम्हें पता होना चाहिए[ख] कि लोगों ने पहले कैसे अभ्यास किया, और आज उन्हें कैसे अभ्यास करना चाहिए। कैसे सेवाकर्मियों को कलीसिया में एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए, आत्म-तुष्टता को कैसे दूर रखें और ओहदे पर भरोसा नहीं करें, भाइयों और बहनों को एक-दूसरे के साथ कैसे मिलकर रहना चाहिए, ���न्य लोगों के साथ और परमेश्वर के साथ सामान्य संबंध कैसे स्थापित करें, मानव जीवन में सामान्यता कैसे प्राप्त करें, अपने आध्यात्मिक जीवन में लोगों के पास क्या होना चाहिए, परमेश्वर के वचनों को उन्हें कैसे खाना और पीना चाहिए, ज्ञान से क्या जुड़ा हुआ है, और दिव्य दर्शन का सम्बन्ध किससे है, अभ्यास करने का मार्ग क्या है—क्या इन सब बातों को नहीं बताया गया है? ये वचन उन लोगों के लिए उपलब्ध हैं जो अनुसरण करते हैं, और किसी को भी पक्षपाती बर्ताव नहीं दिया जाता है। आज, तुम सब को स्वतंत्र रूप से रहने की क्षमता का विकास करना चाहिए। यदि तुम लोग हमेशा निर्भरता की मानसिकता रखते हो, तो भविष्य में, जब कोई तुम्हारा मार्गदर्शन करने वाला नहीं होगा, तो तुम मेरे इन वचनों के बारे में सोचोगे। क्लेश के समय में, कलीसिया के जीवन को जीना संभव नहीं है: भाई और बहन एक-दूसरे के साथ मिल नहीं सकते, उनमें से ज्यादातर अपने दम पर होते हैं और केवल उसी एक जगह के लोगों के साथ ही बातचीत कर सकते हैं, और इसलिए तुम्हारा वर्तमान कद पर्याप्त नहीं है। क्लेश के बीच, कई लोगों के लिए दृढ़ता से खड़ा रह पाना मुश्किल होगा। केवल वे जो जीवन के बारे में जानते हैं और सच्चाई से लैस हैं, वे प्रगति को बनाये रखने और पवित्रता प्राप्त करते रहने में सक्षम होते हैं। तुम्हारे लिए क्लेश का अनुभव करना आसान नहीं है; अगर तुम्हें लगता है कि क्लेश के माध्यम से गुजरना केवल कुछ दिनों की बात होती है, तो तुम अपनी सोच में बहुत भोले हो! तुम सोचते हो कि परमेश्वर के शब्दों को अंधाधुंध खाने-पीने से, जब वह समय आता है, तो तुम दृढ़ खड़े रह पाओगे—पर ऐसा नहीं है! यदि तुम इन सार की बातों को नहीं जानते हो, कुंजी क्या है यह भेद समझने में असमर्थ हो, और तुम्हारे पास अभ्यास करने का कोई मार्ग नहीं है, तो जब समय आता है और तुम्हारे साथ कुछ होता है, तो तुम भौंचक्के रह जाओगे, तुम शैतान के प्रलोभन से नहीं गुजर सकोगे, न ही शुद्धिकरण की शुरुआत से। अगर तुम में कोई सच्चाई नहीं है और तुम्हारे में दिव्य दर्शन की कमी है, तो जब समय आता है, तुम अपने आप को गिरने से रोक नहीं पाओगे; उस समय तुम सभी आशाओं को छोड़ दोगे और कहोगे, "ठीक है, मैं वैसे ही मरने वाला हूँ, मुझे भले ही अंत तक प्रताड़ित किया जाए! मेरे लिए कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे ताड़ना मिले या आग की झील, मैं उन दोनों को स्वीकार करता हूँ—मैं चीजों को वैसे ही लूँगा जैसे वे आती हैं!" यह सेवाकर्मियों के समय जैसा हुआ उसकी तरह है: लोगों ने सोचा कि[ग] चूंकि वे सेवाकर्मी थे, उन्हें अब जीवन का अनुसरण करने की ज़रुरत नहीं थी, और धूम्रपान करना तथा शराब पीना ठीक था। टीवी देखना, फिल्में देखना—उन्होंने यह सब किया। जब परिवेश प्रतिकूल होता है, यदि तुम इसका सामना करने में असमर्थ होते हो, तो जैसे ही तुम अपने साथ कुछ ढील करोगे, तुम सारी आशाओं को खो दोगे। इस तरह, तुम्हारे जाने बिना, तुम शैतान द्वारा बंदी बना लिए जाओगे। यदि तुम शैतान के प्रभाव को दूर नहीं कर सकते हो, तो तुम्हें शैतान के द्वारा बंदी बना लिया जाएगा, और तुम्हें फिर विनाश के लिए हवाले कर दिया जाएगा। और इसलिए, आज तुम्हें अपने आप को लैस करना चाहिए, तुम्हें स्वतंत्र रूप से जीने में सक्षम होना चाहिए, और जब तुम परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हो, तो तुम्हें अभ्यास करने के लिए एक मार्ग तलाशने में सक्षम होना चाहिए। यदि कोई भी कलीसिया में काम करने के लिए नहीं आता है, तो भी अनुसरण करने के लिए तुम्हारे पास एक मार्ग होना चाहिए, तुम्हें अपनी कमियों को खोज निकालने में और उन सच्चाइयों का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए जो तुम्हें अभ्यास में रखनी हैं और जिनसे तुम्हें खुद को लैस करना है। पृथ्वी पर आने के बाद, क्या परमेश्वर हमेशा के लिए मनुष्य के साथ होगा? कुछ लोग उनकी धारणाओं में इस तरह विश्वास करते हैं: यदि तुम कार्य में हमें एक निश्चित बिंदु तक नहीं ले जाते, तो तुम्हारा कार्य समाप्त नहीं माना जा सकता, क्योंकि शैतान तुम पर आरोप लगाता है। मैं तुम्हें बताता हूँ, जब मैंने मेरे वचनों को कहना पूरा कर लिया, तो उसके साथ ही मैंने अपना कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। जब मेरे कथन समाप्त हो जाएँ, तो मेरा कार्य पूरा हो गया होगा। मेरे कार्य का अंत शैतान की हार का सबूत है, और इस तरह कहा जा सकता है कि उसे सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है, शैतान के किसी भी आरोप के बगैर। लेकिन जब मेरा कार्य समाप्त हो जाता है, यदि तब भी तुम लोगों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, तो तुम सभी जैसे लोग मुक्ति के बाहर होंगे और हटा दिए जाएँगे; मैं ज़रूरत से ज़्यादा कार्य नहीं ��रता हूँ। यह मामला ऐसा नहीं है कि मैं पृथ्वी पर तभी मेरा कार्य समाप्त करूँगा जब तुम एक निश्चित बिंदु तक विजित हो जाओ—जब तुम्हारे पास एक स्पष्ट ज्ञान हो, तुम्हारी क्षमता में सुधार हुआ हो, और तुम अंदर और बाहर दोनों से ही गवाही दो। वह असंभव होगा! आज, मैं तुम लोगों में जो कार्य करता हूँ वह तुम्हें सामान्य जीवन में ले जाने के लिए है, और एक नए युग को लाने के लिए और नए कार्य का नेतृत्व करने के लिए है। यह कार्य, जो चरण-दर-चरण किया जाता है, तुम लोगों के बीच सीधे किया जाता है: तुम लोगों को आमने-सामने, हाथ थाम कर सिखाया जाता है; जो कुछ तुम लोग नहीं समझ पाते, मैं तुम सब को बताता हूँ, वह सब प्रदान करते हुए जिसकी तुम लोगों में कमी है। यह कहा जा सकता है कि, तुम सब के लिए, यह कार्य तुम्हारे जीवन का प्रावधान है, और तुम लोगों को सामान्य मानवता के जीवन में जाने के लिए मार्गदर्शन देता है; यह विशेष रूप से आखिरी दिनों के दौरान लोगों के एक समूह का जीवन प्रदान करने के लिए है। मेरे लिए, ये सभी कार्य युग को खत्म करने और एक नए युग को लाने के लिए है; जब शैतान की बात आती है, तो परमेश्वर उसे पराजित करने के लिए देह धारण करते हैं। जो कार्य अभी मैं तुम लोगों के बीच करता हूँ वह आज का प्रावधान और सामयिक उद्धार है, लेकिन इन कुछ ही लघु वर्षों के दौरान, मैं तुम सब को सभी सत्य, जीवन का मार्ग और भविष्य का कार्य भी बताऊंगा, और यह तुम सब के लिए भविष्य में सामान्य तौर पर अनुभव करने की खातिर पर्याप्त होगा। वे सारे वचन जो मैं कहता हूँ तुम लोगों के प्रति मेरा एकमात्र धर्मोपदेश हैं, मैं और कोई धर्मोपदेश नहीं देता; आज, जो भी वचन मैं तुम सब से कहता हूँ वह सब तुम लोगों के लिए मेरा प्रोत्साहन है, क्योंकि आज, तुम लोगों के पास बहुत से वचनों का जिन्हें मैं कहता हूँ, कोई अनुभव नहीं है, और तुम लोग इन वचनों के भीतरी अर्थ को नहीं समझते। एक दिन, तुम लोगों के अनुभव फलदायक होंगे जैसा कि मैंने आज बताया है। ये वचन आज तुम सब के दिव्य दर्शन हैं, जिन पर भविष्य में तुम सब निर्भर होगे, वे आज के जीवन का प्रावधान हैं, और भविष्य के लिए प्रोत्साहन, और इनसे बेहतर और कोई उपदेश नहीं है। इसका कारण यह है कि जब तक मुझे पृथ्वी पर कार्य करना है वह उतना लम्बा समय नहीं जितना तुम लोगों के पास अनुभव के लिए है; मैं केवल अपना कार्य पूरा करता हूँ, जबकि तुम सब जीवन का अनुसरण करते हो, जिसमें जीवन की एक लंबी यात्रा होती है। केवल कई चीजों का अनुभव करने के बाद ही तुम लोग पूरी तरह से जीवन के मार्ग को प्राप्त करने में सक्षम होगे, तभी तुम लोग आज मेरे कहे गए वचनों के भीतर के अर्थ को देख पाओगे। तुम सब के हाथों में मेरे वचन हैं, तुम लोगों ने मेरे सभी आदेशों को प्राप्त किया है, तुम लोगों को उन सभी के लिए नियुक्त किया गया है जो तुम्हें करना चाहिए। चाहे कितना महान प्रभाव प्राप्त हो, जब वचन का कार्य समाप्त हो गया है, तो परमेश्वर की इच्छा पूरी हो चुकी है। ऐसा नहीं है जैसा तुम सोचते हो कि तुम को कुछ हद तक बदलना ही होगा; परमेश्वर तुम्हारी ��ारणाओं के अनुसार कार्य नहीं करता है।
लोगों के जीवन सिर्फ दो दिनों में विकसित नहीं होते हैं। उनके पास हर दिन खाने और पीने की बहुत सी चीज़ें हो सकती हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है—उन्हें अपने जीवन में विकास की एक अवधि का अनुभव करना चाहिए, यह एक आवश्यक प्रक्रिया है। आज लोगों की जो क्षमता है उसे देखते हुए, उनके जीवन कितने बढ़ सकते हैं? परमेश्वर लोगों की जरूरतों के हिसाब से कार्य करता है, उनकी निहित क्षमता के आधार पर उपयुक्त माँग करते हुए। मान लो कि यह काम उच्चतर क्षमता वाले लोगों के एक समूह के बीच किया किया था: तब उसके कथन तुम लोगों के बीच जो कहे गए हैं उनकी तुलना में उच्चतर होंगे, दिव्य-दर्शन उच्चतर होंगे, और सत्य और भी अधिक ऊँचे होंगे। परमेश्वर के वचनों को और भी अधिक सख्त होना होगा, और मनुष्य को मुहैय्या कराने में और रहस्यों को प्रकट करने में और भी अधिक सक्षम। उनके बीच बात करते समय, परमेश्वरउन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्रदान करेगा। आज, कहा जा सकता है कि तुम लोगों से की जाने वाली माँगे तुम सब से संभव सर्वोच्च माँगे हैं; अगर यह कार्य उच्चतर क्षमता वालों पर किया जाता, तो माँगे और भी अधिक ऊंची होतीं। परमेश्वर के सभी कार्य लोगों की निहित क्षमता पर आधारित कर पूरे किए जाते हैं। आज, जिस सीमा तक परमेश्वर ने लोगों को बदला है और उन पर विजय पाई है, उससे ज्यादा कुछ नहीं है। कार्य के इस चरण के प्रभावों को मापने के लिए अपनी स्वयं की धारणाओं का उपयोग न करो। तुम लोगों के पास जो स्वाभाविक रूप से है, उसके बारे में तुम्हें स्पष्ट होना चाहिए, और तुम लोगों को खुद को बहुत ऊँचा नहीं मानना चाहिए; मूल रूप से, तुम लोगों में से किसी ने भी जीवन का अनुसरण नहीं किया, तुम लोग भिखारी थे जो सड़कों पर घूमते थे। परमेश्वर के लिए उस हद तक कार्य करना जिसकी तुम कल्पना करते हो जहाँ कि तुम सभी जमीन पर दण्डवत हो जाओ, पूरी तरह से आश्वस्त होकर, जैसे कि मानो तुमने एक महान दिव्य दृश्य देखा हो—यह तो असंभव होगा! इसका कारण यह है कि जिसने कोई भी सबूत नहीं देखा है, वह मेरे वचनों पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर सकता है। तुम लोग उन्हें बारीकी से जाँच सकते हो, लेकिन फिर भी तुम सब उन पर पूरी तरह से विश्वास नहीं करोगे; यह मनुष्य का स्वभाव है! जो अनुसरण करते हैं, उनमें कुछ बदलाव होंगे, जबकि उन लोगों का विश्वास जो ऐसा नहीं करते, कम होगा, और गायब भी हो सकता है। तुम लोगों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि तुम सभी परमेश्वर के वचनों की पूर्ति को देखे बिना पूरी तरह विश्वास नहीं कर सकते हो, और सबूतों को देखे बिना समाधान नहीं कर सकते। ऐसी चीजों से पहले, कौन परमेश्वर के प्रति अचूक निष्ठावान रह सकता था? और इसीलिए मैं कहता हूँ कि तुम लोग परमेश्वर पर नहीं, बल्कि सबूतों पर विश्वास करते हो। आज तक, मैंने कई पहलुओं के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है, सच्चाई के सभी पहलुओं को तैयार करते हुए, और ये सत्य एक दूसरे की सहायता करने में भी सक्षम हैं। इस प्रकार, तुम्हें अब उन्हें अभ्यास में रखना चाहिए: आज मैं तुम्हें मार्ग दिखाता हूँ, और भविष्य में तुम्हें खुद उन्हें अभ्यास में ढालना चाहिए। आज, मेरे कहे गए वचन लोगों से उनकी वास्तविक परिस्थितियों के आधार पर माँग करते हैं, और मैं उनकी जरूरतों और उनके अंदर की चीजों के आधार पर कार्य करता हूँ। व्यावहारिक परमेश्वर पृथ्वी पर व्यावहारिक कार्य करने के लिए आया है, लोगों की वास्तविक परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करने के लिए; वह अतर्कसंगत नहीं है। और जब परमेश्वर कार्य करता है, वह लोगों से जबरदस्ती नहीं करता है। उदाहरण के लिए, तुम विवाह करते हो या नहीं, यह तुम्हारी अपनी वास्तविक स्थिति के अनुसार होना चाहिए; सच तुम से स्पष्ट रूप से कहा गया है, और मैं तुम्हें रोकता नहीं। कुछ परिवार इस हद तक लोगों पर अत्याचार करते हैं कि वे तब तक परमेश्वर पर विश्वास नहीं कर पाते हैं जब तक कि वे शादी नहीं करते—तो शादी उलटे उनके हित में हो जाती है। कुछ लोगों के लिए, विवाह न केवल कोई लाभ नहीं लाता, बल्कि जो चीज़ें उनके पास मूलतः थीं, उन्हें उनको भी खोना पड़ता है। यह तुम्हारी वास्तविक परिस्थितियों और तुम्हारे अपने संकल्प पर निर्भर होना चाहिए। मैं ऐसे नियम प्रस्तुत नहीं करता जिनके अनुसार तुम लोगों से माँगें की जाएँ। बहुत से लोग हमेशा कहते हैं, "परमेश्वर वास्तविक है, उसका कार्य वास्तविकता पर आधारित है और हमारी वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार किया जाता है"—लेकिन क्या तुम जानते हो कि इसे वास्तविक क्या बनाता है? पूरे दिन खाली शब्दों को मत बोलो! परमेश्वर का कार्य वास्तविक है, और वास्तविकता पर आधारित, इसमें कोई सिद्धांत नहीं है, इसे पूरी तरह से जारी किया जाता है, और यह पूरा खुला और स्पष्ट है। इन सिद्धांतों में क्या समाविष्ट है? क्या तुम यह कह सकते हो कि परमेश्वर के कौन से कार्य पर यह लागू होता है? तुम्हें सुनिश्चित बात करनी चाहिए, और कई पहलुओं में अनुभव प्राप्त किया होना चाहिए और गवाही दी होनी चाहिए। जब यह पहलू तुम्हारे लिए विशेष रूप से स्पष्ट हो जाता है और तुम इसे जान लेते हो, तभी तुम इन शब्दों को बोलने के योग्य होगे। अगर कोई तुमसे पूछता है: पृथ्वी पर देहधारी व्यावहारिक परमेश्वर को कौन-सा कार्य करना है? तुम लोग उसे व्यावहारिक परमेश्वर क्यों कहते हो? ‘व्यावहारिक’ में क्या शामिल है? क्या तुम उसके व्यावहारिक कार्य के बारे में बता सकते हो, इसमें विशेष रूप से क्या शामिल है? यीशु देहधारी परमेश्वर था, और व्यावहारिक परमेश्वर भी देहधारी परमेश्वर है—उनमें अंतर क्या है? और समानताएँ क्या हैं? उन्होंने क्या कार्य किया है? क्या तुम कह सकते हो? यह सब गवाही देना है! इन बातों के बारे में उलझन में मत पड़ो। ऐसे अन्य लोग हैं जो कहते हैं: "व्यावहारिक परमेश्वर का कार्य सच्चा है, वह कभी भी सबूत और चमत्कार नहीं दिखाता।" क्या वह सचमुच सबूत और चमत्कार नहीं दिखाता है? क्या तुम वास्तव में यह जानते हो? क्या तुम जानते हो कि मेरा कार्य क्या है? यह कहा गया था कि सबूत और चमत्कार दिखाए नहीं जाएँगे, लेकिन क्या वह जो काम करता है और जिन वचनों को वह कहता है, क्या वे संकेत नहीं है? ऐसा कहा गया था कि सबूत और चमत्कार दिखाए नहीं जाएँगे, लेकिन यह निर्भर करता है, यह इस पर निर्भर करता है कि ये वचन किससे कहे गये थे। कलीसिया गए बिना, उसने लोगों की स्थिति को उघाड़ दिया है, और किसी भी अन्य कार्य को किये बिना, केवल बोलने से ही, उसने लोगों को आगे बढ़ाया है—क्या ये संकेत नहीं हैं? केवल वचनों को बोल कर, उसने लोगों पर विजय प्राप्त की है, और संभावनाओं तथा उम्मीदों के बिना, लोग अभी भी खुशी से अनुसरण करते हैं—क्या ये संकेत नहीं हैं? जब वह ��ोलता है, तो उसके वचन लोगों को एक निश्चित मनोदशा में डाल देते हैं, जिसमें वे खुश या उदास,परिष्कृत अथवा प्रताड़ित महसूस कर सकते हैं। कुछ तीक्ष्ण वचनों से ही, वह लोगों पर ताड़ना ले आता है—क्या यह अलौकिक नहीं है? क्या कोई व्यक्ति ऐसा कर सकता है? तुमने उन सब वर्षों के लिए बाइबल पढ़ी, लेकिन तुमने कुछ भी नहीं समझा, कुछ भी नहीं देखा, और तुम विश्वास करने के उन पुराने, परंपरागत तरीकों से अपने आप को अलग करने में असमर्थ रहे, और तुम बाइबल की थाह नहीं पा सके। वह फिर भी बाइबल के आर-पार देख सकता है—क्या यह अलौकिक नहीं है? अगर परमेश्वर के बारे में, जब वह पृथ्वी पर आया, कु��� भी अलौकिक नहीं होता, तो क्या वह तुम सब को जीत पाता? बिना उसके असाधारण, दिव्य कार्य के, तुम लोगों के बीच कौन आश्वस्त होता? तुम्हारी नज़र में ऐसा प्रतीत होता है कि एक सामान्य व्यक्ति काम कर रहा है और तुम्हारे साथ रह रहा है—वह बाहर से एक साधारण और सामान्य व्यक्ति के रूप में प्रतीत होता है। तुम जो देखते हो वह सामान्य मानवता का बाहरी भाग है, लेकिन वास्तव में, जो काम करता है वह दिव्य है। जो काम करता है वह सामान्य मानवता का नहीं है, बल्कि दिव्य है; यह परमेश्वर ही है, बात सिर्फ इतनी है कि वह कार्य करने के लिए सामान्य मानवता का इस्तेमाल करता है—जिसके परिणामस्वरूप उसका काम सामान्य और अलौकिक दोनों ही है। वह जो कार्य करता है उसे मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता। जो कार्य सामान्य लोगों के लिए असंभव होता है, उसे एक असाधारण सत्ता के द्वारा किया जाता है। फिर भी यह असाधारणता दिव्य है; ऐसा नहीं है कि मानवता असाधारण है, बल्कि देवत्व मानवता से अलग है। जो पवित्र आत्मा द्वारा उपयोग में लाया जाता है वह भी साधारण, सामान्य मानवता का होता है, लेकिन वह यह काम करने में असमर्थ होता है। यहीं पर भेद है। तुम कह सकते हो: "परमेश्वर एक अलौकिक परमेश्वर नहीं है, वह कुछ भी अलौकिक नहीं करता है। हमारा परमेश्वर ऐसे वचनों को कहता है जो व्यावहारिक और वास्तविक हैं, वह सचमुच, वास्तव में कलीसिया में कार्य करने के लिए गया है, हर दिन वह हमारे साथ आमने-सामने बात करता है, और आमने-सामने वह हमारी स्थितियों को दिखलाता है—हमारा परमेश्वर वास्तव में वास्तविक है! वह हमारे साथ रहता है, सब कुछ बहुत सामान्य है, ऐसा कुछ भी नहीं जिससे लगे कि वह परमेश्वर है। ऐसे समय भी होते हैं जब वह क्रोधित हो जाता है, और हम उसके क्रोध की महिमा को देखते हैं, और जब वह मुस्कुराता है, हम उसके मुस्कुराहट भरे बर्ताव को देखते हैं। वह खुद ही परमेश्वर है, जो एक मूर्त रूप लिए हुए है, जो शरीर और रक्त से बना है, जो यथार्थ और वास्तविक है।" जब तुम इस तरह से गवाही देते हो, तो तुम्हारी गवाही पूरी नहीं है। यह दूसरों को क्या सहायता करेगी? यदि तुम अंदरूनी कहानी और स्वयं परमेश्वर के कार्य के सार की गवाही नहीं दे सकते हो, तो तुम गवाही दे ही नहीं रहे हो! सबसे बढ़कर, गवाही देने के लिए यह जरूरी है कि तुम परमेश्वर के कार्य के बारे में अपने ज्ञान की बात करो कि कैसे परमेश्वर ने लोगों पर विजय प्राप्त की, कैसे वह लोगों को बचाता है, कैसे वह लोगों को बदलता है, और कैसे वह प्रवेश करने में लोगों का मार्गदर्शन करता है, ताकि वे जीते जा सकें, परिपूर्ण हो सकें एवं बचाए जा सकें। गवाही देने का मतलब है उसके कार्य की, और जो कुछ तुमने अनुभव किया है उसकी, बात करना। केवल उसका कार्य उसका प्रतिनिधित्व करता है, और केवल उसका कार्य सार्वजनिक तौर पर उसकी संपूर्णता को प्रकट कर सकता है; उसका कार्य ही उसकी गवाही देता है। उसका कार्य और उसके कथन सीधे आत्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह जो कार्य करता है वह आत्मा द्वारा किया जाता है, और जिन वचनों को वह कहता है, वे आत्मा द्वारा कहे जाते हैं। ये बातें केवल देहधारी परमेश्वर के माध्यम से व्यक्त की जाती हैं; वास्तव में, वे आत्मा की ही अभिव्यक्ति हैं। वह जो कार्य करता है और जो वचन बोलता है वह उसके सार-तत्व का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर, मनुष्यों के बीच देह-रुपी वस्त्र धारण करने के बाद, परमेश्वर ने बात नहीं की होती या काम नहीं किया होता, और फिर तुम्हें उसकी वास्तविकता, उसकी सामान्यता और उसकी सर्वशक्तिमानता जानने के लिए कहा होता, तो क्या तुम सक्षम होते? क्या तुम जान पाते कि आत्मा का सार क्या है? क्या तुम यह जान पाने के लिए सक्षम होते कि उसका गुण क्या है? यह केवल इसलिए है कि तुम लोगों ने उसके कार्य के प्रत्येक चरण का अनुभव किया है, कि वह तुमसे उसकी गवाही देने के लिए कहता है, और यदि तुमने इसका अनुभव नहीं किया होता, तो वह तुमसे इस तरह की माँग नहीं करता। इस प्रकार, जब तुम परमेश्वर की गवाही देते हो, तो वह सामान्य मानवता के उसके बाह्य स्वरुप को नहीं, बल्कि वह जो कार्य करता है, और जिस मार्ग पर वह अगुआई करता है, उन्हें प्रमाणित करता है, वह यह साबित करता है कि तुम उसके द्वारा कैसे जीते गए हो, और किन पहलुओं में तुम्हें सिद्ध बनाया गया है। तुम्हें इस तरह की गवाही देनी चाहिए। यदि, चाहे तुम कहीं भी जाओ, तुम चीखते हो: हमारा परमेश्वर काम करने आया है, वह वास्तव में व्यावहारिक है! उसने हमें किसी भी अलौकिक बात या संकेत और चमत्कार के बिना प्राप्त किया है! तो अन्य लोग पूछेंगे: जब तुम कहते हो कि वह संकेत और चमत्कार नहीं दिखाता है, तो इसका क्या मतलब है? क्या वह तुम्हें सबूत और चमत्कार दिखाए बिना जीत सकता है? और तुम कहते हो: वह जो करता है वह है बोलना। उसने हमें कोई सबूत और चमत्कार दिखाए बिना जीत लिया है—उसके काम ने हमें जीत लिया है। अंततः, यदि तुम सार-गर्भित कुछ भी नहीं कह पा रहे हो, और विशेष रूप से कोई बात नहीं कर सकते, तो क्या तुम गवाही दे रहे हो? जब व्यावहारिक परमेश्वर लोगों पर विजय प्राप्त करता है, तो ये उसके दिव्य वचन ही होते हैं जो लोगों को जीत लेते हैं। मानवजाति यह नहीं कर सकती है, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे कोई नश्वर प्राणी प्राप्त कर सकता हो, और यहाँ तक ​​कि सामान्य लोगों के बीच में जो उच्चतम क्षमता लिए हुए हैं, वे भी इसे करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उसका देवत्व किसी भी सृष्ट जीव से अधिक है। लोगों के लिए, यह असाधारण है; सृष्टिकर्ता, आखिर तो, किसी भी सृष्ट जीव से अधिक ही है। यह कहा गया है कि छात्र अपने शिक्षकों से अधिक नहीं हो सकते। निर्मित प्राणी निर्माता से अधिक नहीं हो सकते; यदि तुम उससे ऊपर होते, तो वह तुम्हें जीत नहीं पाता—वह तुम्हें जीत सकता है क्योंकि वह तुमसे ऊपर है। वह जो सभी मानव जाति को जीत सकता है, सृष्टिकर्ता ही है, लेकिन उसके अलावा कोई और यह काम नहीं कर सकता। यह गवाही है; यह उस तरह की गवाही है जो तुम्हें देनी चाहिए। तुमने ताड़ना, निर्णय, शुद्धिकरण, परीक्षण, झटके, और यातनाओं के प्रत्येक चरण का अनुभव किया है, और तुमने विजय हासिल की है, और तुमने शरीर की संभावनाओं को, अपनी निजी प्रेरणाओं और देह के व्यक्तिगत हितों को अलग कर दिया है—दूसरे शब्दों में कहें तो, सभी लोगों के दिल परमेश्वर के वचनों से जीते गए हैं। यद्यपि तुम्हारा जीवन उस हद तक विकसित नहीं हुआ है, जितना उसने चाहा था, तुम इन बातों को जानते हो, और वह जो भी करता है, तुम उससे पूरी तरह से आश्वस्त हो—तो यह गवाही है, और यह गवाही वास्तविक है! परमेश्वर जो कार्य करने आया है—न्याय और ताड़ना का—वह मनुष्य पर विजय प्राप्त करने के लिए है, परन्तु वह अपने काम का समापन भी करता है, युग को समाप्त करता है, अपने कार्य का अंतिम अध्याय पूरा करता है। वह पूरे युग को समाप्त करता है, पूरी मानव जाति को बचाता है, पूर्ण रूप से मानव जाति को पाप से छुड़ाता है, और पूरी तरह से मानव जाति को, जिसे उसने बनाया था, प्राप्त कर लेता है। यह सब है जिसकी तुम्हें गवाही देना चाहिए।
तुमने परमेश्वर के बहुत से कार्य का अनुभव किया है, तुमने इसे अपनी आँखों से देखा है और इसे व्यक्तिगत रूप से अनुभव किया है, इसलिए यह बात कितनी दयनीय होगी अगर तुम अंततः उस काम को नहीं कर सकते जो तुम्हें निश्चय ही करना चाहिए था। भविष्य में, जब सुसमाचार फैलाया जाता है, तो तुम्हें अपने खुद के ज्ञान की बात करने में सक्षम होना होगा, अपने दिल में अर्जित सभी चीजों का प्रमाण देना होगा, और कोई प्रयास नहीं छोड़ना होगा। यह है जो एक सृष्ट जीव के द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए। परमेश्वर के कार्य के इस चरण का क्या महत्व है? इसका असर क्या है? और इसका कितना भाग मनुष्य में किया जाता है? लोगों को क्या करना चाहिए? जब तुम लोग देहधारी परमेश्वर के पृथ्वी पर आने के बाद उससे किए गए सभी कार्यों के बारे में स्पष्ट रूप से बोल सकते हो, तो तुम्हारी गवाही पूर्ण होगी। जब तुम इन पाँच चीज़ों के बारे में स्पष्ट रूप से बोल सकते हो—महत्व, सामग्री, उसके काम का सार, उसका स्वभाव जिसका यह सार प्रतिनिधित्व करता है, और उसके कार्य के सिद्धांत—तब यह साबित होगा कि तुम गवाही देने में सक्षम हो, और तुम वास्तव में उस ज्ञान से संपन्न हो। जो मैं तुम लोगों से चाहता हूँ वह बहुत ज्यादा नहीं है, और उन सभी के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जो वास्तव में अनुसरण करते हैं। यदि तुम परमेश्वर के गवाहों में से एक होने का संकल्प कर चुके हो, तो तुमको यह समझना चाहिए कि परमेश्वर को किस बात से घृणा और किस से प्रेम है। तुमने उसके कार्य में से काफी का अनुभव किया है, और इस कार्य के माध्यम से, तुम्हें उसके स्वभाव का, और जिन बातों से उसे घृणा या प्रेम है उसका, पता चलना चाहिए, और उसकी इच्छा और मानव जाति से उसकी अपेक्षाओं को तुम्हें समझना चाहिए, और इसका उपयोग उसकी गवाही देने और अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए करना चाहिए। तुम केवल यही कह सकते हो: "हम परमेश्वर को जानते हैं, उसका न्याय और उसकी ताड़ना बहुत कठोर है, उसके वचन बहुत कड़े हैं, वे धर्मी और भव्य हैं, और वे किसी भी व्यक्ति के द्वारा दूषित नहीं किये जा सकते।" लेकिन अंततः, क्या वे मनुष्य को प्रावधान देते हैं? लोगों पर उनका क्या प्रभाव है? क्या तुम वास्तव में जानते हो कि यह कार्य अच्छा है? क्या परमेश्वर का निर्णय और उसकी ताड़ना तुम्हारे स्वभाव को उजागर करने में सक्षम है? क्या वे तुम्हारी अवज्ञा को प्रकट करने में सक्षम हैं? क्या वे तुम्हारे भीतर से उन चीजों को निष्कासित करने में सक्षम हैं? तुम परमेश्वर के न्याय और उसकी ताड़ना के बिना क्या हो जाते? क्या तुम सचमुच जानते हो कि शैतान ने तुम्हें कितना भ्र��्ट कर दिया है? यह सब है जिससे तुम लोगों को अपने आप को लैस करना चाहिए और जिसकी तुम्हें जानकारी होनी चाहिए।
अब समय तुम लोगों की कल्पना में मौजूद परमेश्वर में विश्वास करने का नहीं है: यह ऐसा नहीं है कि तुम लोगों को केवल परमेश्वर के वचनों को पढ़ना है, प्रार्थना करनी है, गायन करना, नृत्य करना, अपना कर्तव्य करना है और सामान्य मानवता का जीवन जीना है ... क्या चीजें इतनी सरल हो सकती हैं? जो कुंजी है वह है प्रभाव—तुम कितनी चीजें करते हो यह नहीं, बल्कि यह कि तुम वास्तव में सबसे अच्छा प्रभाव कैसे प्राप्त कर सकते हो। तुम किसी पुस्तक को हाथ में लेकर थोड़े ज्ञान की बात कर सकते हो, लेकिन जब तुम इसे नीचे रख देते हो, तो तुम्हें इसका कोई ज्ञान नहीं होता; तुम केवल शब्दों और सिद्धांतों को बोलने में सक्षम हो, और तुम्हें अनुभव का ज्ञान नहीं है। आज, तुम्हें समझना चाहिए कि कुंजी क्या है—यह वास्तविकता में प्रवेश का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है! कुछ और करने से पहले, निम्नलिखित प्रशिक्षण को लो: पहले परमेश्वर के वचनों को पढ़ो—उनमें रहे आध्यात्मिक शब्दों की पकड़ पाओ, उनके भीतर प्रमुख दर्शनों को खोजो, अभ्यास के रास्ते के हिस्सों की पहचान करो, और उन सब को एक साथ जोड़ो। उनमें से एक-एक को देखो, और अपने अनुभवों के दौरान उन में प्रवेश करो। ये आधारभूत चीजें हैं जिन्हें तुम्हें समझना चाहिए। परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने के समय अभ्यास में एक सबसे महत्वपूर्ण बात है, परमेश्वर के किसी एक वचन को पढ़ने के बाद, दिव्य दर्शन के विषय में महत्वपूर्ण भागों का पता लगाने में सक्षम होना, और अभ्यास के संबंध में मुख्य भागों का पता लगाने में सक्षम होना, फिर अपने जीवन में दिव्य दर्शन को आधार के रूप में और अभ्यास को मार्गदर्शक के रूप में उपयोग में लाना। यह सब है जिसकी तुम सब में सबसे अधिक कमी है, और यह तुम लोगों के साथ सबसे बड़ी समस्या है—अपने दिलों में तुम शायद ही कभी इस ओर ध्यान देते हो। तुम सभी की यह स्थिति है: आलसी, अप्रेरित, कीमत चुकाने के लिए अनिच्छुक, या निष्क्रिय रूप से प्रतीक्षारत। कुछ लोग शिकायत भी करते हैं; वे परमेश्वर के काम के उद्देश्य और महत्व को नहीं समझ पाते हैं, और उनके लिए सच्चाई का अनुसरण करना कठिन है। ऐसे लोग सच्चाई से घृणा करते हैं, और अंततः हटा दिए जाएँगे। उनमें से कोई भी सिद्ध नहीं बनाया जा सकता है, और कोई भी बच नहीं पाएगा। यदि लोगों को शैतान के प्रभाव का विरोध करने का ज़रा-सा भी संकल्प नहीं है, तो उनके लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है!
तुम लोगों की खोज प्रभावी हुई है या नहीं इसे तुम सब की आज की खोज और वर्तमान में तुम लोगों के पास क्या है, इसके आधार पर मापा जाता है। ये वो हैं जिनका इस्तेमाल तुम सभी के अंत का निर्धारण करने के लिए किया जाता है, जिसका अर्थ है कि तुम लोगों का अंत तुम्हारे द्वारा भुगतान की गई कीमत और तुम्हारे द्वारा किए गए कार्यों में दिखाया जाता है। तुम सभी का अंत तुम लोगों के अनुसरण, तुम्हारे विश्वास, और तुम सब ने जो किया है उसके द्वारा प्रकट होगा। तुम सभी के बीच, कई लोग हैं जो पहले से ही मुक्ति से बाहर हैं—क्योंकि आज लोगों का अंत प्रकट करने का समय है, और मैं मूर्खतापूर्ण ढंग से कार्य नहीं करूँगा, उन लोगों की अगुआई करते हुए जो अगले युग तक बचाए नहीं जा सकते। एक समय होगा जब मेरा कार्य खत्म हो जाएगा। मैं उन बदबूदार, आत्माहीन लाशों पर काम नहीं करूँगा जिन्हें बचाया नहीं जा सकता है; आज मनुष्य के उद्धार के आखिरी दिनों का समय है, और मैं उस काम को नहीं करूँगा जिसका कोई फायदा नहीं है। स्वर्ग और पृथ्वी के खिलाफ निंदा न करें—दुनिया का अंत आ रहा है, और यह अपरिहार्य है; चीज़ें इस बिंदु तक आ पहुंची हैं, और उसे रोकने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है जो तुम एक मानव होकर कर सकते हो, तुम उन्हें इच्छानुसार बदल नहीं सकते हो। कल, तुमने अनुसरण करने के लिए एक कीमत नहीं चुकाई, और तुम वफादार नहीं थे। आज, समय आ चुका है, तुम मुक्ति के बाहर हो, और कल तुम हटा दिए जाओगे। तुम्हारे बचने की कोई गुंजाइश नहीं है। भले ही मेरा दिल नरम है और मैं तुम्हें बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करता हूँ, अगर तुम संघर्ष नहीं करते और अपने लिए कुछ भी नहीं सोचते, तो इसका मेरे साथ क्या सरोकार है? जो केवल अपने देह की सोचते हैं और आराम पसंद करते हैं, जिनके विश्वास संदिग्ध हैं, जो जादू-टोना की दवाओं और इंद्रजाल में शामिल होते हैं, वे जो स्वच्छंद संभोगी हैं, जो फटेहाल और चीथड़ों में हैं, जो यहोवा को दी गई बलि और उसकी संपत्ति चुराते हैं, जो रिश्वत से प्यार करते हैं, जो बैठे-ठाले स्वर्ग जाने का स्वप्न देखते हैं, जो अभिमानी और दम्भी हैं, और केवल व्यक्तिगत प्रसिद्धि और भाग्य के लिए प्रयास करते हैं, जो असंगत बातों को फैलाते हैं, जो स्वयं परमेश्वर के ही विरुद्ध निंदा करते हैं, जो स्वयं परमेश्वर के खिलाफ निर्णय और निंदा के और कुछ भी नहीं करते हैं, जो औरों के साथ गिरोह बनाने और स्वतंत्र होने की कोशिश करते हैं, जो खुद को परमेश्वर से अधिक ऊँचा उठाते हैं, वे छिछोरे युवा पुरुष और महिलाएँ, तथा मध्य-आयु के और वृद्ध पुरुष और महिलाएँ जो बुराई में फँसे हुए हैं, वे पुरुष और महिलाएँ जो व्यक्तिगत प्रसिद्धि और भाग्य का आनंद लेते हैं और दूसरों के बीच व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का पीछा करते हैं, वे पश्चाताप-रहित लोग जो पापों में फँसे हुए हैं—क्या वे सब मुक्ति से बाहर नहीं हैं? तुम सब के बीच लम्पटता, पाप, जादू-टोना की दवा, इंद्रजाल, अपवित्रता, और असंगत बातें आतंक मचाती हैं, सच्चाई और जीवन के वचन तुम लोगों के बीच कुचले जाते हैं, और पवित्र भाषा तुम्हारे बीच दूषित की जाती है। गंदगी और अवज्ञा से फूले हुए तुम विधर्मी! तुम लोगों का अंत कहाँ होगा? जो देह से प्यार करते हैं, जो देह के बुरे काम करते हैं, और जो दुराचार के ग़ुलाम बनकर फँसे हुए हैं, उनकी हिम्मत कैसे होती है कि वे जीते रहें? क्या तुम नहीं जानते कि तुम जैसे लोग वो कीड़े हो जो उद्धार से बाहर हैं? इसकी और उसकी माँग करने की योग्यता तुम लोगों को कहाँ से मिलती है? आज तक, उन लोगों में थोड़ा-सा भी बदलाव नहीं हुआ है जो सच्चाई से प्रेम नहीं करते हैं और केवल देह से प्यार करते हैं—तो ऐसे लोगों को कैसे बचाया जा सकता है? आज भी, जो लोग जीवन के मार्ग से प्रेम नहीं करते, जो परमेश्वर को ऊँचा नहीं उठाते और उनकी गवाही नहीं देते हैं, जो अपने खुद के ओहदे के लिए योजना बनाते हैं, जो खुद की प्रशंसा करते हैं—क्या वे अभी भी वैसे ही नहीं हैं? उन्हें बचाने का लाभ कहाँ है? तुम सहेजे जा सकते हो या नहीं, यह इस पर निर्भर नहीं करता है कि तुम पढाई-लिखाई से कितने सुयोग्य हो, या तुम कितने साल से काम कर रहे हो, या तुम्हारे पास कितने प्रमाण-पत्र हैं। यह तो इस बात पर निर्भर करता है कि तुम्हारे अनुसरण का कोई प्रभाव पड़ा है या नहीं। तुम्हें यह निश्चित पता होना चाहिए कि जो सहेजे जा रहे रहे हैं वे वो पेड़ हैं जो फल लाते हैं, न कि वो पेड़ जिनके कि प्रचुर मात्रा में हरे-भरे पत्ते और फूल तो हैं, लेकिन जो फल नहीं देते हैं। भले ही तुमने सड़कों पर कई साल घूम कर बिताये हों, तो उससे क्या होगा? तुम्हारी गवाही कहाँ है? तुम्हारे आत्म-प्रेम और तुम्हारी वासनाओं से परमेश्वर के लिए तुम्हारा सम्मान बहुत कम है—क्या ऐसा कोई व्यक्ति पतित नहीं है? तुम मुक्ति के उदाहरण और नमूने कैसे हो सकते हो? तुम्हारी प्रकृति अपरिवर्तनीय है, तुम बहुत अधिक विद्रोही हो, तुम्हें बचाया नहीं जा सकता है! क्या ऐसे लोगों का उन्मूलन नहीं किया जाएगा? क्या वह समय जब मेरा कार्य समाप्त हो जाएगा, तुम्हारा भी वो समय न होगा जब तुम्हारा आखिरी दिन आएगा? मैंने तुम सभी के बीच बहुत कार्य किया है और बहुत सारे वचन कहे हैं—इनमें से कितना तुम्हारे कानों के अन्दर गया है? इसमें से कितने का तुमने पालन किया है? जब मेरा कार्य समाप्त हो जाएगा तब तुम मेरा विरोध करना और मेरे खिलाफ खड़े होना भी बंद कर दोगे। मेरे कार्य करने के समय तुम लोग हमेशा मेरे खिलाफ काम करते हो, तुम मेरे वचनों का पालन नहीं करते। मैं अपना कार्य करता हूँ, और तुम अपना काम करते हो, तुम खुद अपना एक छोटा राज्य बनाते हो—तुम लोमड़ियों और कुत्तों के झुंड, तुम लोग जो भी करते हो वह मेरे खिलाफ होता है! तुम सब हमेशा उन लोगों को अपने आगोश में लाने की कोशिश करते हो जो केवल तुमसे प्यार करते हैं—तुम सब की श्रद्धा कहाँ है? तुम लोग जो कुछ भी करते हो वह धोखेबाज़ी है! तुम सभी के पास कोई आज्ञाकारिता या श्रद्धा नहीं है, तुम सब जो भी करते हो वह धोखेबाज़ी और निन्दा है! क्या ऐसे लोगों को बचाया जा सकता है? यौन में अनैतिक, कामुक पुरुष हमेशा उन नखरेबाज़ वेश्याओं को अपने स्वयं के भोग के लिए खींचना चाहते हैं। यौन में ऐसे अनैतिक राक्षसों को मैं नहीं बचाऊँगा, मैं तुम सब गंदे राक्षसों से नफरत करता हूँ, तुम लोगों की कामुकता और नखरों ने तुम सभी को नरक में गिरा दिया है—तुम सब के पास अपने लिए कहने को क्या है? तुम गंदे राक्षसों और बुरी आत्माओं, तुम बहुत घृण्य हो! तुम लोग घिनौने हो! ऐसे कचरे को कैसे बचाया जा सकता है? क्या जो पाप में फँसे हैं उन्हें ��िर भी बचाया जा सकता है? इस सच्चाई, इस मार्ग, और इस जीवन के प्रति तुम लोगों का कोई आकर्षण नहीं है; तुम लोग पाप करने के प्रति, धन, ओहदे, प्रसिद्धि और लाभ, दैहिक सुख, पुरुषों की सुंदरता और महिलाओं के नखरों के प्रति आकर्षित हो रहे हो। ऐसा क्या है जो मेरे राज्य में प्रवेश के लिए तुम लोगों को योग्य बनाता है? तुम लोगों की छवि परमेश्वर से भी कहीं अधिक बड़ी है, तुम सब की प्रतिष्ठा परमेश्वर की तुलना में अधिक ऊँची है, मनुष्यों के बीच तुम सभी की प्रतिष्ठा का क्या कहना—तुम लोग एक ऐसी मूर्ति बन गए हो जिसकी लोग पूजा करते हैं। क्या तुम महादेवदूत नहीं बन गए हो? जब लोगों का अंत प्रकट किया जाता है, जो तभी होता है जब उद्धार का कार्य समाप्त होने लगता है, तुम लोगों में से कई ऐसे मुर्दे होंगे जो उद्धार से परे हैं और जिनका उन्मूलन कर दिया जाना चाहिए। मुक्ति के कार्य के दौरान, मैं सभी लोगों के प्रति दयालु और अच्छा हूँ। जब कार्य समाप्त होता है, तो विभिन्न प्रकार के लोगों का अंत प्रकट किया जाएगा, और उस समय मैं दयालु और अच्छा नहीं रहूँगा, क्योंकि लोगों के अंत के बारे में पता चल चुका होगा, प्रत्येक को उनके प्रकार के अनुसार वर्गीकृत किया जा चुका होगा, और मुक्ति के कार्य को अब और करने का कोई अर्थ न होगा। यह केवल इसीलिए है कि उद्धार का युग बीत चुका होगा; चूंकि यह बीत चुका होगा, वह फिर से वापस नहीं आएगा।
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vikrantrajliwal1985 · 7 years ago
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एक एहसास! सत्य से प्रेरित है जो।
अक्सर कई बार कई परिचित एव अलग अलग व्यक्तित्व के व्यक्ति अक्सर मुझ से पूछते है कि विक्रांत राजलीवाल जी आप अभी कुछ समय पूर्व तक अनपढ़ 2008 तक(10th pass) की श्रेणी में थे। और आपको 2004 मार्च मे लगभग 19 महीने तक पुनर्वासकेन्द्र(नशामुक्ति केंद्र)में रहना पड़ा था। आपको 2004 से 2005 तक मानसिक चिकित्सालय शाहदरा भी ले जाया जाता था। विचारविमर्श करने को। इसी दौरान आपने एक साल का कम्प्यूटर कोर्स पूर्ण किया। एव आप के अनुसार आप आगे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त करने की कोशिश में सक्रिय थे। ऐसे में दिसम्बर 2007 में आपका विवाह भी सम्पन हो गया। इन सब के बाबजूद जब आपको आगे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया गया या प्राप्त हुआ शादी के उपरांत तो आप देखते ही देखते पढ़ लिख गए 2009 में 12th इंदिरागांधी ओपन यूनिवर्सिटी से और 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पास। अपने एक बेहद संवेदनशील समाजिक मुदो पर अपने प्रथम प्रयास से अपनी समाजिक एव मानवता की भावनाओ से पूर्ण कविताओं के द्वारा जो समाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया वो भी बेहद सराहनीय एव गर्व का विषय ह���। जहाँ 2016 जुलाई तक आप मोबाइल तक का इस्तमाल या उपयोग करना पसंद नही करते थे वही आज आप कई ब्लॉग वेबसाइ केवल चला ही नही रहे बल्कि अपने 6 से 7महीने में ही 270 +से ज्यादा जनवरी2018 तक नज्म-कविताए एव कुछ एक लेख भी लिखे दिए। आप की नज़्म शायरी के रूप में दर्द से भरपूर महोबत की दास्ताने भी प्रकाशन के लिए लगभग पूरी तरह तैयार है। आपका विस्तृत उपन्यास सम्वाद के साथ भी अपने अंजाम तक पहुचने वाला है। ❤और सबसे अहम बात यह है कि आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सम्पन और शान्ति से परिपूर्ण जिंदगी व्यतीत कर रहे है। यह सब देखते ही देखते आप ने कैसे कर दिखाया क्या यह कोई चमत्कार है या कोई जादू टोना है? 👉तो मै उन सभी महानुभवों से यही कहना चाहूंगा कि जो कार्य आपको अकस्मात ही घटित हो गया हूं के जैसा प्रतीत हो रहा है या जिस कार्य की अवधि आपको अति पल भर की या चन्द वर्षो की प्रतीत हो रही है! मित्रों यह पल भर या चन्द वर्षो की अवधि का कार्य सम्पन्न करने के लिए मुझ को लगभग 14 से 15 वर्ष का समय लगा है। यह सब इतना सरल नही था जितना कि आपको प्रतीत हो रहा है। वर्ष 2004 में जब मुझको ज्ञान की प्राप्ति या ज्ञान का एहसास हुआ था पुनर्वासकेन्द्र में दर्द ए जिंदगी की हकीकत से झूझते हुए, जीवन के हर एहसास को महसूस करते हुए उन्हें बेहद समीप से समझते हुए! अंत मे हुआ एक साक्षात्कार स्वम् से स्वम् का, अपने असली अस्तित्व का मेरे मित्रो। उस समय से निरन्तर चलते हुए जलते हुए आज मै यह तक पहुच पाया हु और अब भी मैं निरन्तर ही जलता/चलता जा रहा हु। वर्ष 2008 में इंद्रा गांधी यूनिवर्सिटी से 12 कक्षा का फार्म भरा और वर्ष 2013 में दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातक की डिग्री पास करि। अवसर की कमी के बाबजूद स्नातक की शिक्षा के उपरांत 2013 में upsc की कोचीन ली। एक आध स्नातक स्तरीय सरकारी परीक्षा का लिखित परीक्षा भी पास किया। 2016 में अपने शोषित समाज के मासूम व्यक्तिओ को कुछ राहत पहुचने की लिए अपनी अति संवेदनशील कविताओ की पुस्तक प्रकाशित करवाई। जिसका नाम एहसास है संजोग प्रकाशन शहादरा द्वारा प्रकाशित जनवरी 2016 दिल्ली विश्व पुस्तकमेला। 2016 जुलाई में प्रथम मोबाइल के साथ कम्प्यूटर पर कार्य करना आरम्भ किया। मई 2017 में ब्लॉग बनाए और 3 से 4 महीने में ही 200 +विषय लिखे यह सिलसिला चलता रहा आज लगभग 300 +नज़्म, जिसमे 90 +विस्तृत(बड़ी है) एव बहुत सी कविताए जिसमे से 30+ विस्तृत काव्य कविताए है दर्ज़नो विस्तृत लेख एव बहुत से लघु लेख एव एक आध गीत एव व्यंग्य किस्सा। ऑनलाइन ब्लॉग पर लिख चुका हूं। 💖एव हस्तलेख के रूप में ऑडिट भी कर चुका हूं जो जल्द ही अपनी खुद की वेबसाइट बना कर उस पर प्रकाशित कर दूंगा। 👉यह सब कैसे सम्पन हो पाया मित्रो इसके पीछे एक महान भावना छुपी है और वह है मेरे माता और पिता का असीम प्रेम और अनुशाशन। 💖इस कार्य के पीछे छुपी है एक महान भावना और वह है ईष्वर की असीम कृपया एव आप सब मित्रो और गुरुजनों का असीम प्रेम एव आशीर्वाद। अंत मे मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि... 🌻यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षों में। जलना पड़ा था जलना पड़ेगा, जलता ही जा रहा हु मैं।। हर दर्द एक सबक बन जाता है न जो, सीखा देता है मुस्कुराना हर दर्द ओ सितम में। बहती है जो धारा ये जीवन की, देता है सुनाई एक संगीत फिर उस मे।। टूट जाते है छुप जाते है जब सहारे उम्मीद के सब। निकलता है सूर्य पुकार एक सत्य से तब।। यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षो में। जलना पड़ा था जलना पड़ेगा जलता ही जा रहा हुमें... 💥रचनाकार एव स्वतन्त्र लेखक विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित उनके जीवन से सम्बंधित एक सत्य अनुभव।🖋
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vikrantrajliwal1985 · 7 years ago
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एक एहसास! सत्य से प्रेरित है जो। (repost तंकन त्रुटि सुधारूपरांत)
अक्सर कई बार कई परिचित एव अलग अलग व्यक्तित्व के व्यक्ति अक्सर मुझ से पूछते है कि विक्रांत राजलीवाल जी आप अभी कुछ समय पूर्व तक अनपढ़ 2008 तक(10th pass) थे आपको लगभग 19 महीनेतक पुनर्वासकेन्द्र में रहना पड़ा था। ऐसे में आपका विवाह भी सम्पन हो गया। इन सब के बाबजूद आज आप देखते ही देखते पढ़ लिख गए 2013 दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पास। अपने एक बेहद संवेदनशील समाजिक मुदो पर अपनी कविताओं के द्वारा जो प्रहार किया वो भी बेहद सराहनीय एव गर्व का विषय है। जहाँ 2016 जुलाई तक आप मोबाइल तक का इस्तमाल या उपयोग करना पसंद नही करते थे वही आज आप कई ब्लॉग वेबसाइ केवल चला ही नही रहे बल्कि अपने 6 से 7महीने में ही 270 +से ज्यादा जनवरी2018 तक नज्म-कविताए एव कुछ एक लेख भी लिखे दिए। आप की नज़्म शायरी के रूप में दर्द से भरपूर महोबत की दास्ताने भी प्रकाशन के लिए लगभग पूरी तरह तैयार है। आपका विस्तृत उपन्यास सम्वाद के साथ भी अपने अंजाम तक पहुचने वाला है। और सबसे अहम बात यह है कि आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सम्पन और शान्ति से परिपूर्ण जिंदगी व्यतीत कर रहे है। यह सब देखते ही देखते आप ने कैसे कर दिखाया क्या यह कोई चमत्कार है या कोई जादू टोना है? 👉तो मै उन सभी महानुभवों से यही कहना चाहूंगा कि जो कार्य आपको अकस्मात ही घटित हो गया हूं के जैसा प्रतीत हो रहा है या जिस कार्य की अवधि आपको अति पल भर की या चन्द वर्षो की प्रतीत हो रही है! मित्रों यह पल भर या चन्द वर्षो की अवधि का कार्य सम्पन्न करने के लिए मुझ को लगभग 14 से 15 वर्ष का समय लगा है। यह सब इतना सरल नही था जितना कि आपको प्रतीत हो रहा है। वर्ष 2004 में जब मुझको ज्ञान की प्राप्ति या ज्ञान का एहसास हुआ था पुनर्वासकेन्द्र महीने दर्द ए जिंदगी की हकीकत से झूझते हुए, जीवन के हर एहसास को महसूस करते हुए उन्हें बेहद समीप से समझते हुए! अंत मे हुआ एक साक्षात्कार स्वम् से स्वम् का, अपने असली अस्तित्व का मेरे मित्रो। उस समय से निरन्तर चलते हुए जलते हुए आज मै यह तक पहुच पाया हु और अब भी जल/चल रहा हु। वर्ष 2008 में इंद्रा गांधी यूनिवर्सिटी से 12 कक्षा का फार्म भरा और वर्ष 2013 में दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातक की डिग्री पास करि। एक आध स्नातक स्तरीय सरकारी परीक्षा का लिखित परीक्षा भी पास किया। 2016 में अपने शोषित समाज के मासूम व्यक्तिओ को कुछ राहत पहुचने की लिए अपनी अति संवेदनशील कविताओ की पुस्तक प्रकाशित करवाई। 2016 जुलाई में प्रथम मोबाइल के साथ कम्प्यूटर पर कार्य करना आरम्भ किया। मई 2017 में ब्लॉग बनाए और 3 से 4 महीने में ही 200 +विषय लिखे यह सिलसिला चलता रहा आज लगभव 300 +नज़्म, जिसमे 90 +विस्तृत(बड़ी है) एव बहुत सी कविताए जिसमे से 39 विस्तृत काव्य कविताए है दर्ज़नो विस्तृत लेख एव बहुत से लघु लेख एव एक आध गीत एव व्यंग्य किस्सा। ऑनलाइन ब्लॉग पर लिख चुका हूं। 👉यह सब कैसे सम्पन हो पाया मित्रो इसके पीछे एक महान भावना छुपी है और वह है मेरे माता और पिता का असीम प्रेम और अनुशाशन। 💖इस कार्य के पीछे छुपी है एक महान भावना और वह है ईष्वर की असीम कृपया एव आप सब मित्रो और गुरुजनों का असीम प्रेम एव आशीर्वाद। 👉🌻यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षों में, जलना पड़ा था जलना पड़ेगा, जलता ही जा रहा हु मैं, हर दर्द एक सबक बन जाता है न जो, सीखा देता है मुस्कुराना हर दर्द ओ सितम में। बहती है जो धारा ये जीवन की, देता है सुनाई एक संगीत फिर उस मे। टूट जाते है छुप जाते है जब सहारे उम्मीद के सब। निकलता है सूर्य पुकार एक सत्य से तब।। यह जो चन्द पलो का सफर है न जो, किया है तय कई वर्षो में। जलना पड़ा था जलना पड़ेगा जलता ही जा रहा हु में... 💥रचनाकार एव स्वतन्त्र लेखक विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित उनके जीवन से सम्बंधित एक स्तय अनुभव।🖋
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