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सूर्य देव को जल चढ़ाने के 10 लाभ एवं सही विधि
वैकुंठ पर सूर्य देव को जल चढ़ाने के लाभ के बारे में जानें। हम आपको सूर्य पूजा के अनुभव को आसान बनाते हैं, जो समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति के साथ-साथ आपको अन्य अनेक लाभ भी प्रदान करता है। सही विधि के साथ सूर्य देव को जल चढ़ाने से आपको उनके आशीर्वाद का अनुभव होगा। वैकुंठ के साथ सूर्य पूजा का आनंद लें और अपने जीवन को सकारात्मकता और प्रकाश से भरें।
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Sadhna TV Satsang || 20-01-2025 || Episode: 3152 || Sant Rampal Ji Mahar...
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📙📚📗📚📕📚📘
#दुख_दूरकरे_सुख_दे_वहप्रभुकौनहै
📗पूर्ण समर्थ कादर अल्लाह_ अल्लाहु अकबर अल्लाहु कबीर
📗पवित्र क़ुरआन सूरह फुर्कान 25 आयत 58 में लिखा है कि 👑*कबीर अल्लाह* ही पाप विनाशक हैं और पूजा के योग्य है!
💫💫💫💫💫💫💫💫
📚Supreme God Kabir💖
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🙏सद्भक्ति के लाभ!
⏩सत्संग से हमें संत सतगुरु की पहचान होती है!
⏩हमारे धर्म ग्रंथो में लिखा हुआ सत्य समझने में एक अच्छी उपलब्धि होती है!
⏩हमारे धर्म ग्रंथ ही हमें परमात्मा की पहचान देते हैं!
⏩परमात्मा स्वयं ही अपने तत्वज्ञान के द्वारा सत्संग करते हैं!
⏩परमात्मा स्वयं ही धरती पर सतगुरु बनकर अवतरित होते हैं!
*👑*पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर ने अपनी कबीर वाणी में कहा है_*
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*सत्संग मोक्ष की धारा! कोई समझे राम का प्यारा!*
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*मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार! जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार!*
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*और सद्भक्ति से ही हमें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है!*
*⏩सतभक्ति से हमें शारीरिक,मानसिक,आर्थिक,सामाजिक और आध्यात्मिक सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं!*
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*⏩हमारे मानव जन्म का मुख्य लक्ष्य! _काल कर्म बंधनों से छूटना है! + 84 लाख योनियों से मुक्ति है! + जन्म-मरण के रोग से मुक्ति है!*
*⏩विवेक ये कहता है_लाख चीजें छूट जाएं! अपना लक्ष्य नहीं छूटना चाहिए! लाख कष्ट प्राप्त हो लक्ष्य नहीं छूटना चाहिए!*
*🙏सत साहेब जी🙏*
*🙏 जय बंदीछोड़ जी की🙏*
*⏩परमात्मा कबीर जी ने अपनी वाणी में कहा है_⏬*
*(1)अमर करूं सतलोक पठाऊँ!तांतें बंदीछोड़ कहांऊँ!!*कलयुग मध्य लाऊँ! तांतें बंदीछोड़ कहाऊँ!!*
*(2) अनंत कोटि ब्रह्मांड में बंदीछोड़ कहाए! सो तो एक कबीर हैं,जननी जने ना माए!!*
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*जब तक गुरु मिले ना सांचा! तब तक गुरु करो दस पाँचा!!*
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*Great Almighty Merciful Supreme God Kabir Is Real Creator Of Universe And All Brhmaand / ब्रह्मांड.*
*"गेबी ख्याल विशाल सतगुरु, अचल दिगंबर थीर है! भक्ति हेत काया धर आये, अविगत सत कबीर है"!!*
*"हरदम खोज हनोज हाजिर, त्रिवेणी के तीर है ! दास गरीब तबीब सतगुरु बंदीछोड़ कबीर है"!!*
🥁तारणहार जगतगुरु परमेश्वर_पूर्णब्रह्म कबीर अवतार_ पूर्ण तत्वदर्शी संत_ बंदीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो🥀🙇♂️🙏🥰🥀 *💫वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र तत्वदर्शी संत है!भक्ति मुक्ति के दाता है! नाम दीक्षा देने के अधिकारी पुरुष हैं!*
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*सभी आत्माओं से दासी की विनम्र प्रार्थना है! _शास्त्र अनुकूल ज्ञान समझकर शीघ्र से शीघ्र सतगुरू शरण में आएं! और अपने मानव जीवन जन्म का उद्धार करायें! युग हो गए हमें इस काल की भूल भुलैया में! इस धरती पर भटकते हुए जन्म लेते और मरते हुए! 84 लाख योनियों में कष्ट पाते हुए!* *🙏कृपया अपने मानव जीवन जन्म का अनमोल मोल समझें! विश्व की सभी आत्माएं पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की आत्माएं हैं!*
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राजस्थान की जनता ने विकसित भारत के ऐतिहासिक बजट के लिए पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत के ऐतिहासिक बजट का राजस्थान की जनता ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया है। यह बजट आत्मनिर्भर भारत, आर्थिक सशक्तिकरण, रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विस्तार को प्राथमिकता देता है, जिससे राजस्थान सहित पूरे देश में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
राजस्थान के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने इस बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि “यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करता है और राजस्थान के विकास को नई गति देगा।”
बजट के प्रमुख बिंदु जो राजस्थान के लिए लाभकारी होंगे
1. बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में बड़ा निवेश
✅ राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का विस्तार, जिससे राजस्थान की कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी। ✅ रेलवे, मेट्रो और लॉजिस्टिक्स हब के विकास के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन। ✅ स्मार्ट शहरों के विकास हेतु योजनाओं में राजस्थान के शहरों की भागीदारी।
2. किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना
✅ पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सीधा आर्थिक लाभ। ✅ पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को गति देने के लिए वित्तीय सहयोग। ✅ कृषि तकनीकों में नवाचार और जल संरक्षण योजनाओं का विस्तार।
3. युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
✅ स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया योजनाओं के तहत उद्यमशीलता को बढ़ावा। ✅ स्किल इंडिया मिशन के अंतर्गत राजस्थान में नए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना। ✅ मेक इन इंडिया पहल के तहत स्थानीय उद्योग��ं को समर्थन।
4. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
✅ आयुष्मान भारत योजना के तहत राजस्थान के अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं। ✅ मेडिकल कॉलेजों और नर्सिंग संस्थानों की संख्या बढ़ाने के लिए बजट का विस्तार। ✅ नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन।
5. हर घर जल और स्वच्छता मिशन
✅ राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में हर घर जल योजना को और मजबूती। ✅ स्वच्छ भारत मिशन के तहत जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए अतिरिक्त बजट।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की प्रतिक्रिया
कर्नल राठौड़ ने बजट की सराहना करते हुए कहा:
“यह बजट विकास की नई ऊंचाइयों को छूने वाला है। राजस्थान को इससे बड़े स्तर पर लाभ मिलेगा — चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो, किसानों का सशक्तिकरण हो, युवाओं के लिए नए अवसर हों या फिर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजना। प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर तबके का ध्यान रखा है। राजस्थान की जनता इस दूरदर्शी बजट के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करती है।”
यह बजट विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम है। राजस्थान के लोग इसे समृद्धि, आत्मनिर्भरता और प्रगति की ओर बढ़ता कदम मान रहे हैं। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रत्येक नागरिक को नए अवसर, बेहतर सुविधाएं और आत्मनिर्भरता का मार्ग भी मिलेगा।
“विकसित भारत, सशक्त राजस्थान!”
जय हिंद! जय राजस्थान! 🚀🇮🇳
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सूचना: जोधवाड़ा में राजवर्धन सिंह द्वारा सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा
परिचय
हम सभी जानते हैं कि जोधवाड़ा नगर राजस्थान के महत्वपूर्ण नगरों में से एक है। इस नगर में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसके साथ ही नगर की आधुनिकीकरण की मांग भी बढ़ रही है। इस आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बनते हुए, राजवर्धन सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की घोषणा की है। इस घोषणा के माध्यम से, जोधवाड़ा की आधुनिक और स्वच्छ जल संरचना को मजबूती दी जाएगी।
योजना का उद्देश्य
राजवर्धन सिंह द्वारा की गई इस घोषणा का मुख्य उद्देश्य जोधवाड़ा नगर के विकास को सुदृढ़ करना है। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन की यह योजना नगर को स्वच्छता और सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करन�� के लिए है। इससे न केवल जनसंख्या को स्वच्छ पानी की उपलब्धता मिलेगी, बल्कि साथ ही नगर की ��ाइजीन और स्वास्थ्य मानकों को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना की विशेषताएँ
सीवरेज लाइन्स
जोधवाड़ा में नए सीवरेज लाइन्स का निर्माण किया जाएगा। ये लाइन्स मौजूदा अवस्था से कई गुना ताकतवर और संवेदनशील होंगे, जिससे कि शहर में स्वच्छता का स्तर ऊंचा होगा। सीवरेज सिस्टम को मॉडर्न तकनीकी परिप्रेक्ष्य में डिजाइन किया गया है ताकि इसकी देखरेख और रख-रखाव आसानी से किया जा सके।
वॉटर पाइपलाइन्स
वॉटर पाइपलाइन्स की योजना द्वारा जोधवाड़ा में जल संयंत्रों से लेकर नगर के विभिन्न इलाकों तक पानी का प्रदान सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नगर की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके, राजवर्धन सिंह ने प्रौद्योगिकी और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा है।
सामाजिक प्रभाव
इस योजना के माध्यम से, जोधवाड़ा के नागरिकों को सामूहिक रूप से लाभ होगा। सीवरेज और वॉटर पाइपलाइन्स के संचालन से न केवल पर्यावरण को हानि कम होगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी बड़े पैमाने पर समृद्धि मिलेगी। यह योजना नगर के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और नगर के लोगों को एक बेहतर जीवन गुणवत्ता प्रदान करेगी।
समाप्ति
राजवर्धन सिंह द्वारा इस स्वच्छता और जल संरचना के प्रोजेक्ट की घोषणा नगर के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकल्प से जोधवाड़ा नगर को विशेष रूप से लाभ होगा और यह उसके समृद्धिकरण के प्रति एक प्रेरणास्पद संकेत है।
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#राम_रंग_होरी_हो
🌈भक्त प्रह्लाद की बार बार जीवन रक्षा करके भगवान ने हम जीवों को यह संदेश दिया कि केवल परम पिता ही हमारा रक्षक है। होलिका को जो वरदान प्राप्त था उसके हिसाब से तो भक्त प्रह्लाद को ही जल जाना था। परंतु भक्त प्रह्लाद की रक्षा भगवान ने की। इसी बात का प्रमाण ऋग्वेद मण्डल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र 2 और ऋग्वेद मण्डल नंबर 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में है। आइए जानते हैं भगवान की महिमा साधना टीवी चैनल पर शाम 07:30 बजे।
Sant Rampal Ji Maharaj
🌈समर्थ का शरणा गहो, रंग होरी हो।
कदै न हो अकाज, राम रंग होरी हो।।
सम्पूर्ण सांसारिक लाभ व मोक्ष पाने के लिए पूर्ण परमात्मा की शरण में जाना चाहिए। राम नाम की होली खेलनी चाहिए अर्थात सतभक्ति करनी चाहिए, जिससे परमात्मा की प्राप्ति हो सके। वही सतभक्ति मार्ग जानने के लिए पढ़ें पुस्तक "हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण"।
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( #Muktibodh_part177 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part178
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 341-342
◆ ‘‘कबीर परमेश्वर वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 958-975 का सरलार्थ :- जिंदा रूप में परमेश्वर कबीर जी ने तर्क-वितर्क करके यथार्थ अध्यात्म ज्ञान समझाया। प्रश्न किया कि जो शालिगराम (मूर्तियाँ) लिए हुए हो, ये किस लोक से आए हैं? अड़सठ तीर्थ के स्नान व भ्रमण से किस लोक में साधक जाएगा? यह तत्काल बता। राम तथा कृष्ण कौन-से लोक में रहते हैं?
जिनको आप शालिगराम कहते हो, ये तो जड़ (निर्जीव) हैं। इनके सामने घंटा बजाने का कोई लाभ नहीं। ये न सुन सकते हैं, न बोल सकते हैं। ये तो पत्थर या अन्य धातु से बने हैं। हे धर्मदास! कहाँ भटक रहे हो? (निजपद निहकामी) सतलोक को (चीन्ह) पहचान। जिस परमेश्वर की शक्ति से प्रत्येक जीव बोलता है, हे धर्मदास! उसको नहीं जाना। चिदानंद परमेश्वर को पहचान। इन पत्थर व धातु को पटक दे। परमेश्वर कबीर जी जिंदा बाबा ने कहा कि हे धर्मदास! राम-कृष्ण तो करोड़ों जन्म लेकर मर लिए। (धनी) मालिक सदा से एक ही है। वह कभी नहीं मरता। आप विवेक से काम लो। ये आपके पत्थर व पीतल धातु के भगवानों को दरिया में छोड़कर देखो, डूब जाएँगे तो ये आपकी क्या मदद करेंगे? इनको मूर्तिकार ने काट-पीट, कूटकर इनकी छाती पर पैर रखकर (तरासा) काटकर रूप दिया।
इनका रचनहार तो कारीगर है। ये जगत के उत्पत्तिकर्ता व दुःख हरता कैसे हैं? ऐसी पूजा कौन करे? जिस परमेश्वर ने माता के गर्भ में रक्षा की, खान-पान दिया, सुरक्षित जन्म दिया,
उसकी भक्ति कर। यह पत्थर-पीतल तथा तीर्थ के जल की पूजा की (बोदी) कमजोर आशा त्याग दे। जिंदा बाबा ने कहा कि जो पूर्ण परमात्मा सब सृष्टि की रचना करके इससे भिन्न रहता है। अपनी शक्ति से सब ब्रह्माण्डों को चला व संभाल रहा है, उसका विचार कर।
उसका शरीर श्वांस से नहीं चलता। वह सबसे ऊपर के लोक में रहता है। आपकी समझ में नहीं आता है। उसकी शक्ति सर्वव्यापक है। उसका आश्रम (स्थाई स्थान) अधर-अधार यानि सबसे ऊपर है। वह अजर-अमर अविनाशी है।
धर्मदास जी ने कहा :-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 976-981 :-
बोलत है धर्मदास, सुनौं जिंदे मम बाणी।
कौन तुम्हारी जाति, कहांसैं आये प्राणी।।976।।
ये अचरज की बात, कही तैं मोसैं लीला।
नामा के पीया दूध, पत्थरसैं करी करीला।।977।।
नरसीला नित नाच, पत्थर के आगै रहते।
जाकी हूंडी झालि, सांवल जो शाह कहंते।।978।।
पत्थर सेयै रैंदास, दूध जिन बेगि पिलाया।
सुनौ जिंद जगदीश, कहां तुम ज्ञान सुनाया।।979।।
परमेश्वर प्रवानि, पत्थर नहीं कहिये जिंदा।
नामा की छांनि छिवाई, दइ देखो सर संधा।।980।।
दोहा-सिरगुण सेवा सार है, निरगुण सें नहीं नेह।
सुन जिंदे जगदीश तूं, हम शिक्षा क्या देह।।981।।
‘‘धर्मदास वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 976-981 का सरलार्थ :- धर्मदास जी कुछ नाराज होकर परमेश्वर से बोले कि हे (प्राणी) जीव! तेरी जाति क्या है? कहाँ से आया है? आपने मेरे से
बड़ी (अचरज) हैरान कर देने वाली बातें कही हैं, सुनो! नामदेव ने पत्थर के देव को दूध पिलाया। नरसी भक्त नित्य पत्थर के सामने नृत्य किया करता यानि पत्थर की मूर्ति की पूजा करता था। उसकी (हूंडी झाली) ड्रॉफ्ट कैश किया। वहाँ पर सांवल शाह कहलाया।
रविदास ने पत्थर की मूर्ति को दूध पिलाया। हे जिन्दा! तू यह क्या शिक्षा दे रहा है कि पत्थर की पूजा त्याग दो। ये मूर्ति परमेश्वर समान हैं। इनको पत्थर न कहो। नामदेव की छान
(झोंपड़ी की छत) छवाई (डाली)। देख ले परमेश्वर की लीला। हम तो सर्गुण (पत्थर की मूर्ति जो साक्षात आकार है) की पूजा सही मानते हैं। निर्गुण से हमारा लगाव नहीं है। हे जिन्दा! मुझे क्या शिक्षा दे रहा है?
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 982-988 :-
बौलै जिंद कबीर, सुनौ बाणी धर्मदासा।
हम खालिक हम खलक, सकल हमरा प्रकाशा।।982।।
हमहीं से चंद्र अरू सूर, हमही से पानी और पवना।
हमही से धरणि आकाश, रहैं हम चौदह भवना।।983।।
हम रचे सब पाषान नदी यह सब खेल हमारा।
अचराचर चहुं खानि, बनी बिधि अठारा भारा।।984।।
हमही सृष्टि संजोग, बिजोग किया बोह भांती।
हमही आदि अनादि, हमैं अबिगत कै नाती।।985।।
हमही माया मूल, हमही हैं ब्रह्म उजागर।
हमही अधरि बसंत, हमहि हैं सुखकै सागर।।986।।
हमही से ब्रह्मा बिष्णु, ईश है कला हमारी।
हमही पद प्रवानि, कलप कोटि जुग तारी।।987।।
दोहा-हम साहिब सत्यपुरूष हैं, यह सब रूप हमार।
जिंद कहै धर्मदाससैं, शब्द सत्य घनसार।।988।।
‘‘परमेश्वर कबीर वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 982-988 का सरलार्थ :- हे धर्मदास! आपने जो भक्त बताए हैं, वे पूर्व जन्म के परमेश्वर के परम भक्त थे। सत्य साधना किया करते थे जिससे उनमें भक्ति-शक्ति जमा थी। किसी कारण से वे पार नहीं हो सके। उनको तुरंत मानव जन्म ��िला। जहाँ उनका जन्म हुआ, उस क्षेत्रा में जो लोकवेद प्रचलित था, वे उसी के आधार से
साधना करने लगे। जब उनके ऊपर कोई आपत्ति आई तो उनकी इज्जत रखने व भक्ति तथा भगवान में आस्था मानव की बनाए रखने के लिए मैंने वह लीला की थी। मैं समर्थ परमेश्वर हूँ। यह सब सृष्टि मेरी रचना है। हम (खालिक) संसार के मालिक हैं। (खलक) संसार हमसे ही उत्पन्न है। हमने यानि मैंने अपनी शक्ति से चाँद, सूर्य, तारे, सब ग्रह तथा ब्रह्माण्ड उत्पन्न किए हैं। ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश की आत्मा की उत्पत्ति मैंने की है। हे धर्मदास! मैं सतपुरूष हूँ। यह सब मेरी आत्माएँ हैं जो जीव रूप में रह रहे हैं। यह सत्य वचन है।
धर्मदास जी ने अपनी शंका बताई। कहा कि :-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 989-994 :-
बोलत हैं धर्मदास, सुनौं सरबंगी देवा। देखत पिण्ड अरू प्राण, कहौ तुम अलख अभेवा।।989।।
नाद बिंद की देह, शरीर है प्राण तुम्हारै। तुम बोलत बड़ बात, नहीं आवत दिल म्हारै।।990।।
खान पान अस्थान, देह में बोलत दीशं। कैसे अलख स्वरूप, भेद कहियो जगदीशं।।991।।
कैसैं रचे चंद अरू सूर, नदी गिरिबर पाषानां।
कैसैं पानी पवन, धरनि पृथ्वी असमानां।।992।।
कैसैं सष्टि संजोग, बिजोग करैं किस भांती।
कौन कला करतार, कौन बिधि अबिगत नांती।। 993।।
दोहा-कैसैं घटि घटि रम रहे, किस बिधि रहौ नियार।
कैसैं धरती पर चलौ, कैसैं अधर अधार।।994।।
क्रमशः_______________
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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पित्तर पूजा, भूत पूजा, देवताओं की पूजा यानि अस्थियाँ उठाकर गंगा में जल प्रवाह करना, तेरहवीं करना, महीना करना, वर्षी करना, श्राद्ध करना, पिंड भरवाना, गरुड़ पुराण का पाठ मृत्यु के पश्चात् करना आदि-आदि यह शास्त्र विधि त्यागकर मनमाना आचरण शुरू हुआ जो वर्तमान सन् 2013 तक चल रहा है। जो सत्ययुग के एक लाख वर्ष बीत जाने के बाद से प्रारंभ हुआ था। जिस शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करने वालों को कोई लाभ नहीं
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#GodMorningThursday
व्रत करने से आध्यात्मिक कुछ भी लाभ नहीं है।
गरीब, प्रथम अन्न जल संयम राखै, योग युक्त सब सतगुरू भाखै।
📲अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर विजिट करें।
Watch sadhna TV 7:30pmDaily 📺
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🚩🚩🚩*व्रत पर्व विवरण - गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी* 🚩🚩🚩
⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹मंगलवारी चतुर्थी - 19 सितम्बर 2023🌹
🔸 पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 01:43 तक
Also read :Budh Gochar 2022: बुध का धनु राशि में प्रवेश इन राशियों को देगा अपार धन लाभ
🌹जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है ।
🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।
🔹 कर्जे से छुटकारा के लिए🔹
🔹मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो... काम धंधे से बेरोजगार हो... रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।
🌹विघ्न निवारण हेतु🌹
🌹गणेश चतुर्थी के दिन 'ॐ गं गणपतये नमः ।' का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है ।
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विश्व आर्द्रभूमि दिवस: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोंडा में आर्द्रभूमि संरक्षण पर दिया जोर?
AIN NEWS 1 गोंडा, उत्तर प्रदेश – विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा के पार्वती अर्ज़ा बर्ड सेंक्चुरी में एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने आर्द्रभूमियों (Wetlands) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले 65 वर्षों में केवल 23 आर्द्रभूमि स्थलों को ही मान्यता मिली थी, लेकिन पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 63 नई आर्द्रभूमियों को मान्यता दी गई है। सीएम योगी ने कहा कि आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने इन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से देखने पर जोर दिया और कहा कि अगर सही प्रयास किए जाएं, तो ये क्षेत्र स्थानीय स्तर पर रोजगार का एक सशक्त माध्यम बन सकते हैं। आर्द्रभूमि: पारिस्थितिकी तंत्र के लिए वरदान आर्द्रभूमियां पर्यावरण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये न केवल विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों और जीव-जंतुओं को आश्रय देती हैं, बल्कि जल संसाधन बनाए रखने, जलवायु संतुलन और जैव विविधता को संरक्षित करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियां हैं, जैसे कि सुरस सरोवर, संजय झील, हुल्की झील, और नौका विहार झील। इन स्थलों को संरक्षित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को इन स्थलों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। आर्द्रभूमि पर्यटन से मिलेगा रोजगार सीएम योगी ने आर्द्रभूमियों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि इन स्थलों को बेहतर सुविधाओं के साथ विकसित किया जाए, तो यह स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, बर्ड वॉचिंग, इको-टूरिज्म, बोटिंग और गाइड सेवाएं जैसी गतिविधियों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा, बल्कि लोगों की आजीविका भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इन क्षेत्रों के संरक्षण और विकास के लिए योजनाएं बना रही है, ताकि यह क्षेत्र आर्थिक रूप से भी समृद्ध बन सकें। सरकार की योजनाएं और प्रयास सीएम योगी ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आर्द्रभूमियों को संरक्षित करने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। नमामि गंगे योजना और जल संरक्षण मिशन के तहत कई झीलों और तालाबों का पुनरुद्धार किया गया है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायतों को भी इन स्थलों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि "आर्द्रभूमियों को बचाने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। सरकार, स्थानीय प्रशासन और आम जनता को मिलकर इन स्थलों का संरक्षण करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण मिल सके।" सीएम योगी आदित्यनाथ का यह संदेश स्पष्ट है कि आर्द्रभूमियों का संरक्षण केवल पर्यावरण की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। अगर ��न स्थलों को सही तरीके से संरक्षित किया जाए, तो यह पर्यटन, रोजगार और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकते हैं। https://youtu.be/5Fa0HTcb67Y?si=0B4lYbTf4X2CQDaW On World Wetlands Day 2025, UP CM Yogi Adityanath attended an event at Parvati Arga Bird Sanctuary in Gonda and emphasized the importance of wetland conservation. He highlighted that under PM Narendra Modi's leadership, 63 new wetland sites have been recognized in the past 10 years, compared to just 23 in the previous 65 years. The CM stressed the need for continuous efforts to protect wetlands and promoted wetland tourism as a means to boost employment opportunities at the local level. Wetlands play a crucial role in biodiversity conservation, climate balance, and water resources, making them vital for environmental sustainability. Read the full article
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322 आठवीं भक्ति
322 आठवीं भक्ति“आठंव जथा लाभ संतोषा”ध्यान से पढ़ना! संसार तो पाँच का प्रपंच है। यहाँ जो भी है सब पंचतत्वों का पंचीकृत रूप है, मिश्रण है। जिसे मालूम है कि ब्रह्म से बना आकाश, आकाश से वायु, वायु से अग्नि, अग्नि से जल, जल से पृथ्वी, और इन पाँचों से समस्त जगत, उसकी दृष्टि कहीं भी पड़े, उसकी दृष्टि में ब्रह्म ही पड़ता है, वह भ्रम में नहीं पड़ता।कोई भी वस्तु हो, वह नामरूप नहीं देखता, उसको सब मिट्टी है,…
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Book Pandit Ji for Griha Pravesh : गृह प्रवेश क्यों, कब और कैसे कराएं ?
गृह प्रवेश एक शुभ अवसर होता है, जब कोई व्यक्ति या परिवार अपने नए घर में प्रवेश करता है। यह केवल एक साधारण प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसमें आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व छिपा होता है। सही विधि से गृह प्रवेश पूजा कराना बहुत आवश्यक होता है ताकि घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे। आइए जानें कि गृह प्रवेश पूजा कब, क्यों और कैसे कैसे कराएं ।
गृह प्रवेश पूजा क्या है?
गृह प्रवेश पूजा एक वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें विभिन्न मंत्रों और हवन के माध्यम से घर को शुद्ध किया जाता है और देवताओं से आशीर्वाद लिया जाता है। इस पूजा के माध्यम से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
गृह प्रवेश पूजा कब करनी चाहिए?
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त और तिथि का विशेष ध्यान रखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह पूजा अमावस्या, कृष्ण पक्ष या ग्रहण के समय नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर यह पूजा अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी, दशहरा, दीपावली, नवरात्रि जैसे शुभ अवसरों पर कराई जाती है।
गृह प्रवेश पूजा क्यों जरूरी है?
घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए।
नकारात्मक शक्तियों और दोषों को दूर करने के लिए।
वास्तु दोष को शांत करने के लिए।
परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने के लिए।
गृह देवताओं और पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए।
गृह प्रवेश पूजा कैसे कराएं?
आवश्यक सामग्री:
गृह प्रवेश पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्रियां होती हैं, जैसे कि:
नारियल, अक्षत, हल्दी, कुमकुम
कलश, आम के पत्ते, पंचामृत
धूप, दीप, फूल, मिठाई
हवन सामग्री और लकड़ी
गृह प्रवेश पूजा की विधि:
भूमि पूजन: यदि नया घर बना है, तो पहले भूमि पूजन किया जाता है।
गणेश पूजा: घर में प्रवेश से पहले भगवान गणेश का पूजन कर विघ्न बाधाओं को दूर किया जाता है।
कलश स्थापना: कलश में जल भरकर उस पर आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है, जिसे घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है।
गौ पूजन: घर के अंदर गाय को प्रवेश कराया जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
हवन: विशेष मंत्रों के साथ हवन किया जाता है जिससे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
वास्तु शांति पूजा: यदि ��पके घर में कोई वास्तु दोष है, तो इसे दूर करने के लिए यह पूजा की जाती है।
अंतिम प्रवेश: पूजा के बाद गृह स्वामी और उनके परिवार के सदस्य घर में प्रवेश करते हैं।
Pandit Ji को गृह प्रवेश पूजा के लिए बुक करें Panditjii.in पर :
यदि आप गृह प्रवेश पूजा कराना चाहते हैं और एक अनुभवी पंडित जी की तलाश में हैं, तो Panditjii.in पर आसानी से Pandit Ji for Griha Pravesh बुक कर सकते हैं। हमारे योग्य और अनुभवी पंडित जी वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा संपन्न कराते हैं।
गृह प्रवेश पूजा के लिए पंडित जी बुक करने के लाभ:
✔ अनुभवी और प्रमाणित पंडित जी की सेवा।
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कैसे करें बुकिंग ?
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Shraddha TV Satsang 17-01-2025 || Episode: 2808 || Sant Rampal Ji Mahara...
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👑📚👑📚👑
🌷*अल्लाह कबीर पाप विनाशक है!*🌷
📙📚📗📚📕📚📘
#दुख_दूरकरे_सुख_दे_वहप्रभुकौनहै
📗पूर्ण समर्थ कादर अल्लाह_ अल्लाहु अकबर अल्लाहु कबीर
📗पवित्र क़ुरआन सूरह फुर्कान 25 आयत 58 में लिखा है कि 👑*कबीर अल्लाह* ही पाप विनाशक हैं और पूजा के योग्य है!
📚Supreme God Kabir💖
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🙏सद्भक्ति के लाभ!
⏩सत्संग से हमें संत सतगुरु की पहचान होती है!
⏩हमारे धर्म ग्रंथो में लिखा हुआ सत्य समझने में एक अच्छी उपलब्धि होती है!
⏩हमारे धर्म ग्रंथ ही हमें परमात्मा की पहचान देते हैं!
⏩परमात्मा स्वयं ही अपने तत्वज्ञान के द्वारा सत्संग करते हैं!
⏩परमात्मा स्वयं ही धरती पर सतगुरु बनकर अवतरित होते हैं!
*👑*पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर ने अपनी कबीर वाणी में कहा है_*
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*सत्संग मोक्ष की धारा! कोई समझे राम का प्यारा!*
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*मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार! जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार!*
*🪕कबीर परमेश्वर ने हमें यह मानव शरीर एकमात्र मोक्ष के लिए ही दिया है!*
*और सद्भक्ति से ही हमें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है!*
*⏩सतभक्ति से हमें शारीरिक,मानसिक,आर्थिक,सामाजिक और आध्यात्मिक सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं!*
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*⏩हमारे मानव जन्म का मुख्य लक्ष्य! _काल कर्म बंधनों से छूटना है! + 84 लाख योनियों से मुक्ति है! + जन्म-मरण के रोग से मुक्ति है!*
*⏩विवेक ये कहता है_लाख चीजें छूट जाएं! अपना लक्ष्य नहीं छूटना चाहिए! लाख कष्ट प्राप्त हो लक्ष्य नहीं छूटना चाहिए!*
*🙏सत साहेब जी🙏*
*🙏 जय बंदीछोड़ जी की🙏*
*⏩परमात्मा कबीर जी ने अपनी वाणी में कहा है_⏬*
*(1)अमर करूं सतलोक पठाऊँ!तांतें बंदीछोड़ कहांऊँ!!*कलयुग मध्य लाऊँ! तांतें बंदीछोड़ कहाऊँ!!*
*(2) अनंत कोटि ब्रह्मांड में बंदीछोड़ कहाए! सो तो एक कबीर हैं,जननी जने ना माए!!*
*(3) पृथ्वी जल थल गगन में,बाहर भीतर एक! पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं, अविगत पुरुष अलेख!!*
*📚वेदों में प्रमाण हैं_कबीर देव भगवान हैं!*
*⏩गुरु बदलने के विषय में कबीर परमेश्वर ने अपनी वाणी में कहा है_⏬*
*जब तक गुरु मिले ना सांचा! तब तक गुरु करो दस पाँचा!!*
*👑Kabir Is God💖*
*💞💖💞💖💞*
*Great Almighty Merciful Supreme God Kabir Is Real Creator Of Universe And All Brhmaand / ब्रह्मांड.*
*"गेबी ख्याल विशाल सतगुरु, अचल दिगंबर थीर है! भक्ति हेत काया धर आये, अविगत सत कबीर है"!!*
*"हरदम खोज हनोज हाजिर, त्रिवेणी के तीर है ! दास गरीब तबीब सतगुरु बंदीछोड़ कबीर है"!!*
🥁तारणहार जगतगुरु परमेश्वर_पूर्णब्रह्म कबीर अवतार_ पूर्ण तत्वदर्शी संत_ बंदीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो🥀🙇♂️🙏🥰🥀 *💫वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र तत्वदर्शी संत है!भक्ति मुक्ति के दाता है! नाम दीक्षा देने के अधिकारी पुरुष हैं!*
*🙏🙏🙏⏬*
*सभी आत्माओं से दासी की विनम्र प्रार्थना है! _शास्त्र अनुकूल ज्ञान समझकर शीघ्र से शीघ्र सतगुरू शरण में आएं! और अपने मानव जीवन जन्म का उद्धार करायें! युग हो गए हमें इस काल की भूल भुलैया में! इस धरती पर भटकते हुए जन्म लेते और मरते हुए! 84 लाख योनियों में कष्ट पाते हुए!* *🙏कृपया अपने मानव जीवन जन्म का अनमोल मोल समझें! विश्व की सभी आत्माएं पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की आत्माएं हैं!*
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People expressed their gratitude to Colonel Saheb for the development work worth Rs 1081 crore in Jhotwara
11 माह में राजस्थान में दोगुनी हुई विकास की रफ्तार
झोटवाड़ा में 1081 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के लिए जनता ने कर्नल साहब का जताया आभार
झोटवाड़ा विधायक और कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने आज जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र और प्रदेश की जनता से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदरणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के कुशल नेतृत्व में राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने कहा कि पिछले 11 महीनों में झोटवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में विकास कार्य दोगुनी रफ्तार से हुए हैं। उन्होंने झोटवाड़ा क्षेत्र में 1081 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी जिनमें सड़कों का निर्माण, जल आपूर्ति, ड्रेनेज, मेट्रो, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे के कार्य शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की जनता ने कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि झोटवाड़ा में विकास कार्यों की गति ने क्षेत्र को एक नए स्तर पर पहुंचाया है।
इस अवसर पर कर्नल राठौड़ ने जनता को आश्वस्त किया कि आने वाले समय में विकास कार्यों की यह रफ्तार और तेज होगी। उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपील की कि वे सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। साथ ही कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी ने कहा, यह सब हमारे प्रेरणास्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन का नतीजा है। वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान का विकास मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगा।
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मौनी अमावस्या पर घर में ही इस विधि से करें स्नान, अमृत स्नान जैसा मिलेगा लाभ, नोट करें शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 2025 एक अत्यंत शुभ तिथि है, जिसमें मौन व्रत, स्नान और दान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थलों तक नहीं जा सकते, तो आप घर में ही अमृत स्नान कर सकते हैं और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस विशेष दिन का महत्व, स्नान की विधि और अमृत स्नान शुभ मुहूर्त।
मौनी अमावस्या 2025 का महत्व
मौनी अमावस्या को आध्यात्मिक जागरण और आत्मशुद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन:
गंगा स्नान से जीवन के पापों का नाश होता है।
मौन व्रत धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
दान और पूजा करने से कुंडली के दोष समाप्त होते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।
पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय
मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 2025 पर अमृत स्नान शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 28 जनवरी 2025, शाम 07:35 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी 2025, शाम 06:05 बजे
अमृत स्नान का श्रेष्ठ समय: पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र और उत्तराषाढा नक्षत्र में गंगा स्नान करना शुभ रहेगा। उत्तराषाढा – 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक है।
इस दौरान स्नान करना ��त्यंत शुभ माना जाता है और सभी पापों का नाश करता है।
घर में अमृत स्नान की विधि
यदि आप किसी कारणवश तीर्थस्थल नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम गंगाजल से अमृत स्नान कर सकते हैं।
स्नान की विधि:
गंगाजल, तुलसी पत्र, काले तिल और दूध को स्नान जल में मिलाएं।
गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्नान करें और गंगा मैया का ध्यान करें।
स्नान के बाद पीपल या तुलसी को जल अर्पित करें।
स्नान के बाद पितरों को तर्पण दें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
साथ ही आप इस दिन पर इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं –
विष्णु जी के मंत्र –
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो नारायणाय
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं, वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्
शिव जी के मंत्र –
ॐ नमः शिवाय
ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
त्रिवेणी संगम गंगाजल का महत्व
त्रिवेणी संगम गंगाजल में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, जहां पर किया गया स्नान सौगुना पुण्य देता है। यदि आप वहां नहीं जा सकते, तो घर पर ही त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाकर स्नान कर सकते हैं।
त्रिवेणी संगम गंगाजल मंगवाने के लिए यहाँ क्लिक करें।
मौनी अमावस्या पर अन्य शुभ कार��य
दान-पुण्य करें – इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, और घी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
भगवान शिव और विष्णु की आराधना करें – शिवलिंग पर जल अर्पण करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
पितरों का तर्पण करें – पितरों के निमित्त तर्पण करने से कुल की उन्नति होती है।
गरीबों और साधु-संतों की सेवा करें – इससे विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मंत्र जाप करें – महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
अमृत स्नान करने से मिलने वाले लाभ
पितृ दोष से मुक्ति – इस दिन स्नान करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष समाप्त होते हैं।
सौभाग्य की प्राप्ति – महिलाओं के लिए विशेष रूप से यह स्नान सौभाग्यवर्धक होता है।
आध्यात्मिक उन्नति – यह दिन ध्यान और साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
ग्रह दोष शांति – इस दिन किए गए उपायों से राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।
मोक्ष प्राप्ति – त्रिवेणी संगम गंगाजल से स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप मौनी अमावस्या 2025 पर किसी तीर्थ स्थान पर स्नान नहीं कर सकते, तो घर में ही अमृत स्नान करें और त्रिवेणी संगम गंगाजल का उपयोग कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। इस दिन किए गए शुभ कार्य विशेष फलदायी होते हैं।त्रिवेणी संगम गंगाजल और अन्य पूजन सामग्री के लिए यहाँ क्लिक करें।
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महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा का ज्योतिषीय महत्व – पूजा विवरण, समय और ऑनलाइन बुकिंग
राहु और केतु, वैदिक ज्योतिष के छाया ग्रह, जीवन पर अपने गहरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। जन्म कुंडली में इनकी प्रतिकूल स्थिति विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकती है, जिन्हें राहु केतु दोष के रूप में जाना जाता है। इन ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा एक अत्यंत प्रभावी उपाय है। आइए इस अनुष्ठान के ज्योतिषीय महत्व को समझें और जानें कि यह राहु केतु दोष निवारण पूजा के लिए कितना शक्तिशाली है।
राहु केतु दोष क्या है?
राहु और केतु कर्मात्मक प्रभावों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कुंडली में इनकी प्रतिकूल स्थिति व्यक्तिगत, व्यावसायिक और आध्यात्मिक विकास में बाधाएं उत्पन्न कर सकती है। राहु केतु दोष के सामान्य प्रभावों में शामिल हैं:
आर्थिक अस्थिरता: अचानक नुकसान और धन संचय में कठिनाई।
स्वास्थ्य समस्याएं: दीर्घकालिक बीमारियां और अस्पष्ट स्वास्थ्य समस्याएं।
रिश्तों में समस्याएं: रिश्तों में गलतफहमियां और टकराव।
मानसिक तनाव: चिंता, अवसाद, और भावनात्मक असंतुलन।
महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा इन प्रभावों को कम करने और राहत प्रदान करने के लिए एक प्राचीन उपाय है।
यह भी पढ़ें: महाशिवरात्रि 2025: जानें कब है महाशिवरात्रि? तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की सारी जानकारी
महाकुंभ में राहु केतु शांति पूजा का महत्व
प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी संगम पर आयोजित महाकुंभ मेला हर 12 साल में होने वाला एक अत्यंत आध्यात्मिक आयोजन है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम वैदिक अनुष्ठानों की शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है, जो इसे राहु केतु दोष निवारण पूजा के लिए आदर्श स्थान बनाता है।
आध्यात्मिक शुद्धिकरण: त्रिवेणी संगम के पवित्र जल कर्मात्मक ऋणों और आध्यात्मिक अशुद्धियों को साफ करने में मदद करते हैं।
ग्रहों का संतुलन: महाकुंभ का शुभ समय अनुष्ठानों की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।राहु और केतु के प्रतिकूल प्रभाव को शांत कर जीवन में स्थायित्व और संतुलन लाता है।
सार्वभौमिक ऊर्जा: महाकुंभ में सामूहिक प्रार्थनाएं और सकारात्मक ऊर्जा आध्यात्मिक उपचार के लिए अनुकूल वातावरण बनाती हैं।
करियर और व्यवसाय में प्रगति: बाधाओं और रुकावटों को समाप्त कर सफलता और प्रगति के नए अवसर खोलती है।
स्वास्थ्य और समृद्धि: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।
महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा की प्रक्रिया
यह पूजा अनुभवी पुरोहितों और ज्योतिषियों के मार्गदर्शन में की जाती है। इसमें शामिल चरण इस प्रकार हैं:
ज्योतिषीय विश्लेषण: राहु केतु दोष की पुष्टि के लिए कुंडली का विस्तृत अध्ययन।
पूजा की तैयारी: काले तिल, नारियल और राहु और केतु से संबंधित विशेष धातुओं जैसी सामग्री की व्य��स्था।
मंत्र जाप: राहु और केतु को प्रसन्न करने और उनके प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए शक्तिशाली वैदिक मंत्रों का उच्चारण।
हवन: दिव्य आशीर्वाद और नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने के लिए एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान।
पवित्र विसर्जन: त्रिवेणी संगम में पूजा सामग्री का विसर्जन।
महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा के लाभ
नकारात्मक प्रभावों का निवारण: राहु और केतु के प्रतिकूल प्रभाव को कम करता है।
आर्थिक वृद्धि: आर्थिक अस्थिरता को कम करके समृद्धि को बढ़ाता है।
स्वास्थ्य और संबंधों में सुधार: व्यक्तिगत संबंधों में सामंजस्य और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
आध्यात्मिक उन्नति: कर्म ऋणों को साफ करता है और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
बाधाओं का निवारण: करियर, शिक्षा और व्यक्तिगत प्रयासों में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
यह भी पढ़ें: मौनी अमावस्या 2025: जानें तिथि, महत्व, स्नान-दान, तर्पण का समय
महाकुंभ पूजा टिकट और मूल्य
महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा की बुकिंग अब Astrolive पर आसानी से की जा सकती है। हमारी सेवाएं विभिन्न बजट और आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन की गई हैं:
व्यक्तिगत (1 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹801): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
कपल (2 व्यक्ति के लिए पैकेज) (₹1251): इसमें मानक सामग्री और मंत्र जाप के साथ व्यक्तिगत पूजा शामिल है और है पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
छोटा परिवार (4 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹1751): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
बड़ा परिवार (6 व्यक्तियों के लिए पैकेज) (₹2001): विस्तृत अनुष्ठान, विस्तारित मंत्र जाप एवं प्रसाद अर्पित, गौ-सेवा, अन्नदान, और पूजा की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग आपके व्हाट्सएप पर शेयर की जाएगी।
पसंदीदा पैकेज बुक करने के लिए AstroLive की वेबसाइट पर जाएं और BOOK NOW पर क्लिक करें।
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व्यक्तिगत समाधान: आपकी विशेष ज्योतिषीय आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित पूजा।
अनुभवी पुरोहित: कुशल वैदिक विद्वानों द्वारा अनुष्ठानों का संचालन।
पवित्र स्थान: त्रिवेणी संगम जैसे आध्यात्मिक स्थलों पर पूजा की व्यवस्था।
सुविधा: ऑनलाइन बुकिंग, पूजा प्रसाद, पूजा का सम्पूर्ण वीडियो, और निःशुल्क ज्योतिषीय परामर्श।
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संक्षेप में कहें तो, महाकुंभ राहु केतु पीड़ा शांति पूजा राहु केतु दोष के कारण होने वाली चुनौतियों को कम करने का एक शक्तिशाली उपाय है। इस अनुष्ठान को महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में करने से संतुलन, सकारात्मकता और शांति प्राप्त होती है। अधिक जानकारी के लिए आप AstroLive के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें एवं विशेषज्ञों की मदद से इस पवित्र प्रक्रिया का लाभ उठाएं और अपने जीवन में सामंजस्य और आशीर्वाद प्राप्त करें।
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