#जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा
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उमर अब्दुल्ला की अमित शाह के साथ हुई बड़ी बैठक, जम्मू कश्मीर की जल्द मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा
Delhi News: जम्मू और कश्मीर का जल्द ही राज्य का दर्ज बहाल हो सकता है। खबर है कि केंद्र की तरफ से प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। बुधवार शाम मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दिल्ली में बड़ी बैठक हुई है। सरकार बनाने के बाद पहली ही बैठक में एनसी सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित किया…
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Jammu-Kashmir Cabinet se Rajya ka Darja Bahaal Karane ka Prastaav Paarit
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आने वाले दिनों में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मसौदा सौंपेंगे।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/jammu-and-kashmir-cabinet-passed-a-proposal-to-restore-statehood-502449-1
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प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस अध्यक्ष को फोन करना : राजनीतिक अदावत के बीच भी गुंजाइश शेष है
⦁डॉ. मयंक चतुर्वेदी मंच सजा हुआ था, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े होते हैं, कठुआ जिले के जसरोटा निर्वाचन क्षेत्र में वे बोले, “हम जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। मैं 83 साल का हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा, जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते।” खरगे अभी बोल ही रहे थे कि अचानक उनका सिर तेजी…
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विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस तैयार, बनाई स्क्रीनिंग कमेटी, अजय माकन समेत इन नेताओं को मिली जगह
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस पार्टी ने आगामी चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन राज्यसभा सांसद अजय माकन को बनाया है। वहीं, मणिकम टैगोर, जिग्नेश मेवाणी और श्रीनिवास बीवी को इसका सदस्य बनाया गया है।आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई में गिरीश चोडनकर को चेयरमैन बनाया गया है। उनके साथ पूनम पासवान और प्रकाश जोशी को कमेटी का सदस्य बनाया गया है। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने मधुसूदन मिस्त्री को कमेटी का चेयरमैन बनाया है। इसके अलावा सप्तगिरी शंकर उल्का, मंसूर अली खान और श्रीवेल्ला प्रसाद को कमेटी का मेंबर बनाया गया है।जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा को स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। वहीं, एंटो एंटनी और सचिन राव को इस कमेटी का सदस्य नामित किया गया है। बता दें कि मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल करने की राजनीतिक दलों की मांग रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग और केंद्र को सितंबर तक चुनाव कराने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समय सीमा के अनुसार जम्मू-कश्मीर में इस साल सितंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। http://dlvr.it/TBMnNW
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PM in Udhampur : जम्मू कश्मीर को जल्द मिलेगा राज्य का दर्जा; उधमपुर में बोले पीएम
PM in Udhampur : शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू संभाग के जिला उधमपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद, पत्थरबाजी, सीमा पार से गोलीबारी इस बार दशकों के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव बिना किसी डर के हो रहे हैं। Eid UL Fitr 2024 : देशभर में आज धूमधाम से मनाई जा रही ईद, PM ने दीं शुभकामनाएं साथ…
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जम्मू कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा! पीएम मोदी ने दिए बड़े संकेत
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LIVE: अस्थायी प्रावधान परमानेंट कैसे हो सकता है? आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल
Delhi: सुप्रीम कोर्ट में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। संविधान बेंच गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी। बुधवार को कोर्ट ने सवाल किया कि क्या चुनी हुई राज्य सरकार की सिफारिश से 370 निरस्त नहीं हो सकता? इस पर सिब्बल ने कहा कि चुनी हुई राज्य सरकार को भी यह अधिकार नहीं था। कोर्ट ने पूछा कि एक प्रावधान (अनुच्छेद 370) जो अस्थायी था वह 1957 में जम्मू और कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो गया। संविधान सभा का कार्यकाल 1957 में खत्म हो गया तो अब क्या? इस पर सिब्बल ने कहा 1951 से 1957 तक जम्मू कश्मीर की संविधान सभा फैसला ले सकती थी। उस दौरान यह अनुच्छेद-370 अस्थायी था, लेकिन 1957 के बाद अनुच्छेद-370 को निरस्त नहीं किया जा सकता था। केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। बता दें कि केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को 2019 में संविधान पीठ को भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से जुड़े सभी अपडेट्स के लिए बने रहें NBT ऑनलाइन के साथ। http://dlvr.it/St71QN
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जम्मू-कश्मीर की स्थिति बहाली अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, गुप्कर गठबंधन जम्मू पहुंचा
जम्मू-कश्मीर की स्थिति बहाली अभियान को आगे बढ़ाने के लिए, गुप्कर गठबंधन जम्मू पहुंचा
धारा 370 और अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू और कश्मीर के राज्य की बहाली और विशेष दर्जे की मांग के लिए मुख्यधारा की पार्टियों द्वारा इसके निर्माण के एक साल से अधिक समय के बाद, पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (PAGD) अपने लोगों को बोर्ड पर ले जाने के लिए जम्मू तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है। अभियान के लिए। गुप्कर अमलगम के नेताओं ने अब यहां के नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए जम्मू…
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#जम्मू समाचार#जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा#जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा#पीएजीडी#पीपुल्स एलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन#भारतीय एक्सप्रेस#मेरी तारिगामी
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भाजपा सरकार नहीं बना पाई तो एलजी के जरिए करेगी केंद्रीय शासन का विस्तार; उमर अब्दुल्ला
भाजपा सरकार नहीं बना पाई तो एलजी के जरिए करेगी केंद्रीय शासन का विस्तार; उमर अब्दुल्ला #News
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होने तक जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को टालने की कई विपक्षी दलों के नेताओं की अपील और सुझाव भाजपा के हाथों में खेलना है, जो जम्मू कश्मीर में केंद्र का शासन बढ़ाना चाहती है। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाने में नाकाम रहती है तो वह जम्मू-कश्मीर…
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Jammu-Kashmir Mein Votaron ko Saadhane ke lie Congress ne Jaari ki 7 Gaaranti
जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम राजनीतिक दलों की ओर से हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस ने वोटर्स को साधने के लिए समृद्ध जम्मू-कश्मीर के लिए 7 गारंटी जारी की।
कांग्रेस की पहली गारंटी का नाम 'राज्य का हक' है, इसमें जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा शामिल है। कांग्रेस की दूसरी गारंटी का नाम 'अच्छी सेहत हमारा हक' है। इस गारंटी के तहत हर परिवार के लिए 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा। प्र���्येक तहसील में एम्बुलेंस से सुसज्जित मोबा��ल क्लीनिक के माध्यम से 30 मिनट में सार्वभौमिक, सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा। हर जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शामिल है।
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गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर राज्य की मांग दोहराई, फिर परिसीमन, विधानसभा चुनाव
गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर राज्य की मांग दोहराई, फिर परिसीमन, विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर के बंटवारे को ‘नुकसान’ करार देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ादी रविवार को अपनी पार्टी की केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई, उसके बाद निर्वाचन क्षेत्रों और विधानसभा चुनावों का परिसीमन किया। यह केंद्रीय गृह मंत्री के बाद आता है अमित शाहकेंद्र शासित प्रदेश के अपने तीन दिवसीय दौरे पर आए, ने घोषणा की कि निर्वाचन क्षेत्रों और विधानसभा चुनावों के परिसीमन के बाद…
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जम्मू-कश्मीर के सामान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल करेगा केंद्र: अमित शाह | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
जम्मू-कश्मीर के सामान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल करेगा केंद्र: अमित शाह | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
जम्मू: जम्मू-कश्मीर को वापस मिल जाएगा अपना राज्य का दर्जा “एक बार वहां स्थिति सामान्य हो जाए”, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को दोहराया गया, “कुछ लोग जो घाटी के लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहते हैं” को चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं। सुशासन सूचकांक के वर्चुअल लॉन्च पर बोलते हुए, शाह ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन चल रहा था और प्रक्रिया पूरी होने पर चुनावों की घोषणा की जाएगी।…
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#अमित शाह#आज की खबर#आज की ताजा खबर#इंडिया#गूगल समाचार#जम्मू और कश्मीर#डॉ जितेंद्र सिंह#नरेंद्र मोदी#भारत समाचार#भारत समाचार आज#मनोज सिन्हा#राज्य का दर्जा
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संविधान सभा है ही नहीं तो 370 को खत्म करने की सिफारिश कौन करेगा? जानिए SC में सुनवाई की खास बातें
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है जब वहां कोई संविधान सभा मौजूद ही नहीं है? उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यह सवाल उन याचिकाकर्ताओं से पूछा जिन्होंने पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है।प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के पांच अगस्त, 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं के मुख्य वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसका विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, वह 1957 में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो सकता है?शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 370 क�� प्रावधान 3 का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है, 'इ�� अनुच्छेद के पूर्ववर्ती प्रावधानों में कुछ भी होने के बावजूद, राष्ट्रपति सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा यह घोषणा कर सकते हैं कि यह अनुच्छेद लागू नहीं होगा या केवल ऐसे अपवादों और संशोधन के साथ ऐसी तारीख के साथ लागू होगा जो वह निर्दिष्ट कर सकते हैं: बशर्ते कि राष्ट्रपति द्वारा ऐसी अधिसूचना जारी किए जाने से पहले खंड (2) में निर्दिष्ट राज्य की संविधान सभा की सिफारिश आवश्यक होगी।'प्रधान न्यायाधीश ने सिब्बल से पूछा, 'क्या होता है जब संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो जाता है? किसी भी संविधान सभा का कार्यकाल अनिश्चित नहीं हो सकता है। अनुच्छेद 370 के खंड (3) का प्रावधान राज्य की संविधान सभा की सिफारिश को संदर्भित करता है, और यह कहता है कि राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने से पहले संविधान सभा की सिफारिश आवश्यक है। लेकिन सवाल यह है कि जब संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा तो क्या होगा?'सिब्बल ने जवाब में कहा कि यह बिल्कुल उनका बिंदु है और उनका पूरा मामला इस बारे में है कि राष्ट्रपति संविधान सभा की सिफारिश के बिना अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं कर सकते।न्यायमूर्ति गवई ने हस्तक्षेप किया और वरिष्ठ अधिवक्ता से पूछा कि क्या यह तर्क दिया जा रहा है कि 1957 के बाद अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ नहीं किया जा सकता था, जब जम्मू कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो गया था।सिब्बल ने कहा कि अदालत वर्तमान में एक संवैधानिक प्रावधान की व्याख्या कर रही है और वह यहां उस प्रक्रिया को वैध बनाने के लिए नहीं है जो संविधान के लिए अज्ञात है।सिब्बल ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘एक राजनीतिक कार्रवाई के माध्यम से अनुच्छेद 370 को खिड़की से बाहर फेंक दिया गया। यह कोई संवैधानिक कार्य नहीं था। संसद ने खुद संविधान सभा की भूमिका निभाई और अनुच्छेद 370 को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा का प्रयोग कर रही है। क्या ऐसी शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है?’सुनवाई बेनतीजा रही और यह बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।शीर्ष अदालत इस मामले में रोजाना सुनवाई कर रही है और यह सोमवार तथा शुक्रवार को छोड़कर बाकी दिन दलीलें सुनेगी, क्योंकि सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं। इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है।न्यायालय ने पूर्व में कहा था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की पांच अगस्त, 2019 की अधिसूचना के बाद जम्मू-कश्मीर में व्याप्त स्थितियों के संबंध में केंद्र के हलफनामे का पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा तय किए जाने वाले संवैधानिक मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। http://dlvr.it/St6Dwm
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लोगों को गुमराह कर रहे हैं गुप्कर : अमित शाह | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
लोगों को गुमराह कर रहे हैं गुप्कर : अमित शाह | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
लोगों को गुमराह कर रहे हैं गुप्कर : अमित शाह . Source link
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जम्मू और कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए
जम्मू औ��� कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए परिसीमन प्रक्रिया की जरूरत नहीं है। नई दिल्ली: नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला, जिन्होंने आज शाम जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ प्र��ानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी बैठक में भाग लिया, ने कहा कि लोगों के टूटे हुए विश्वास को बहाल करना केंद्र का कर्तव्य है। 51 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र और कश्मीर के बीच एक विश्वास टूट गया है। यह…
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